< הוֹשֵׁעַ 7 >

כְּרָפְאִ֣י לְיִשְׂרָאֵ֗ל וְנִגְלָ֞ה עֲוֹ֤ן אֶפְרַ֙יִם֙ וְרָעֹ֣ות שֹֽׁמְרֹ֔ון כִּ֥י פָעֲל֖וּ שָׁ֑קֶר וְגַנָּ֣ב יָבֹ֔וא פָּשַׁ֥ט גְּד֖וּד בַּחֽוּץ׃ 1
जब मैं इस्राएल को चंगा करता हूँ तब एप्रैम का अधर्म और सामरिया की बुराइयाँ प्रगट हो जाती हैं; वे छल से काम करते हैं, चोर भीतर घुसता, और डाकुओं का दल बाहर छीन लेता है।
וּבַל־יֹֽאמְרוּ֙ לִלְבָבָ֔ם כָּל־רָעָתָ֖ם זָכָ֑רְתִּי עַתָּה֙ סְבָב֣וּם מַֽעַלְלֵיהֶ֔ם נֶ֥גֶד פָּנַ֖י הָיֽוּ׃ 2
तो भी वे नहीं सोचते कि यहोवा हमारी सारी बुराई को स्मरण रखता है। इसलिए अब वे अपने कामों के जाल में फँसेंगे, क्योंकि उनके कार्य मेरी दृष्टि में बने हैं।
בְּרָעָתָ֖ם יְשַׂמְּחוּ־מֶ֑לֶךְ וּבְכַחֲשֵׁיהֶ֖ם שָׂרִֽים׃ 3
वे राजा को बुराई करने से, और हाकिमों को झूठ बोलने से आनन्दित करते हैं।
כֻּלָּם֙ מְנָ֣אֲפִ֔ים כְּמֹ֣ו תַנּ֔וּר בֹּעֵ֖רָה מֵֽאֹפֶ֑ה יִשְׁבֹּ֣ות מֵעִ֔יר מִלּ֥וּשׁ בָּצֵ֖ק עַד־חֻמְצָתֹֽו׃ 4
वे सब के सब व्यभिचारी हैं; वे उस तन्दूर के समान हैं जिसको पकानेवाला गर्म करता है, पर जब तक आटा गूँधा नहीं जाता और ख़मीर से फूल नहीं चुकता, तब तक वह आग को नहीं उकसाता।
יֹ֣ום מַלְכֵּ֔נוּ הֶחֱל֥וּ שָׂרִ֖ים חֲמַ֣ת מִיָּ֑יִן מָשַׁ֥ךְ יָדֹ֖ו אֶת־לֹצְצִֽים׃ 5
हमारे राजा के जन्मदिन में हाकिम दाखमधु पीकर चूर हुए; उसने ठट्ठा करनेवालों से अपना हाथ मिलाया।
כִּֽי־קֵרְב֧וּ כַתַּנּ֛וּר לִבָּ֖ם בְּאָרְבָּ֑ם כָּל־הַלַּ֙יְלָה֙ יָשֵׁ֣ן אֹֽפֵהֶ֔ם בֹּ֕קֶר ה֥וּא בֹעֵ֖ר כְּאֵ֥שׁ לֶהָבָֽה׃ 6
जब तक वे घात लगाए रहते हैं, तब तक वे अपना मन तन्दूर के समान तैयार किए रहते हैं; उनका पकानेवाला रात भर सोता रहता है; वह भोर को तन्दूर की धधकती लौ के समान लाल हो जाता है।
כֻּלָּ֤ם יֵחַ֙מּוּ֙ כַּתַּנּ֔וּר וְאָכְל֖וּ אֶת־שֹֽׁפְטֵיהֶ֑ם כָּל־מַלְכֵיהֶ֣ם נָפָ֔לוּ אֵין־קֹרֵ֥א בָהֶ֖ם אֵלָֽי׃ 7
वे सब के सब तन्दूर के समान धधकते, और अपने न्यायियों को भस्म करते हैं। उनके सब राजा मारे गए हैं; और उनमें से कोई मेरी दुहाई नहीं देता है।
אֶפְרַ֕יִם בָּעַמִּ֖ים ה֣וּא יִתְבֹּולָ֑ל אֶפְרַ֛יִם הָיָ֥ה עֻגָ֖ה בְּלִ֥י הֲפוּכָֽה׃ 8
एप्रैम देश-देश के लोगों से मिलाजुला रहता है; एप्रैम ऐसी चपाती ठहरा है जो उलटी न गई हो।
אָכְל֤וּ זָרִים֙ כֹּחֹ֔ו וְה֖וּא לֹ֣א יָדָ֑ע גַּם־שֵׂיבָה֙ זָ֣רְקָה בֹּ֔ו וְה֖וּא לֹ֥א יָדָֽע׃ 9
परदेशियों ने उसका बल तोड़ डाला, परन्तु वह इसे नहीं जानता; उसके सिर में कहीं-कहीं पके बाल हैं, परन्तु वह इसे भी नहीं जानता।
וְעָנָ֥ה גְאֹֽון־יִשְׂרָאֵ֖ל בְּפָנָ֑יו וְלֹֽא־שָׁ֙בוּ֙ אֶל־יְהוָ֣ה אֱלֹֽהֵיהֶ֔ם וְלֹ֥א בִקְשֻׁ֖הוּ בְּכָל־זֹֽאת׃ 10
१०इस्राएल का गर्व उसी के विरुद्ध साक्षी देता है; इन सब बातों के रहते हुए भी वे अपने परमेश्वर यहोवा की ओर नहीं फिरे, और न उसको ढूँढ़ा है।
וַיְהִ֣י אֶפְרַ֔יִם כְּיֹונָ֥ה פֹותָ֖ה אֵ֣ין לֵ֑ב מִצְרַ֥יִם קָרָ֖אוּ אַשּׁ֥וּר הָלָֽכוּ׃ 11
११एप्रैम एक भोली पंडुकी के समान हो गया है जिसके कुछ बुद्धि नहीं; वे मिस्रियों की दुहाई देते, और अश्शूर को चले जाते हैं।
כַּאֲשֶׁ֣ר יֵלֵ֗כוּ אֶפְרֹ֤ושׂ עֲלֵיהֶם֙ רִשְׁתִּ֔י כְּעֹ֥וף הַשָּׁמַ֖יִם אֹֽורִידֵ֑ם אַיְסִרֵ֕ם כְּשֵׁ֖מַע לַעֲדָתָֽם׃ ס 12
१२जब वे जाएँ, तब उनके ऊपर मैं अपना जाल फैलाऊँगा; मैं उन्हें ऐसा खींच लूँगा जैसे आकाश के पक्षी खींचे जाते हैं; मैं उनको ऐसी ताड़ना दूँगा, जैसी उनकी मण्डली सुन चुकी है।
אֹ֤וי לָהֶם֙ כִּֽי־נָדְד֣וּ מִמֶּ֔נִּי שֹׁ֥ד לָהֶ֖ם כִּֽי־פָ֣שְׁעוּ בִ֑י וְאָנֹכִ֣י אֶפְדֵּ֔ם וְהֵ֕מָּה דִּבְּר֥וּ עָלַ֖י כְּזָבִֽים׃ 13
१३उन पर हाय, क्योंकि वे मेरे पास से भटक गए! उनका सत्यानाश हो, क्योंकि उन्होंने मुझसे बलवा किया है! मैं तो उन्हें छुड़ाता रहा, परन्तु वे मेरे विरुद्ध झूठ बोलते आए हैं।
וְלֹֽא־זָעֲק֤וּ אֵלַי֙ בְּלִבָּ֔ם כִּ֥י יְיֵלִ֖ילוּ עַל־מִשְׁכְּבֹותָ֑ם עַל־דָּגָ֧ן וְתִירֹ֛ושׁ יִתְגֹּורָ֖רוּ יָס֥וּרוּ בִֽי׃ 14
१४वे मन से मेरी दुहाई नहीं देते, परन्तु अपने बिछौने पर पड़े हुए हाय, हाय, करते हैं; वे अन्न और नया दाखमधु पाने के लिये भीड़ लगाते, और मुझसे बलवा करते हैं।
וַאֲנִ֣י יִסַּ֔רְתִּי חִזַּ֖קְתִּי זְרֹֽועֹתָ֑ם וְאֵלַ֖י יְחַשְּׁבוּ־רָֽע׃ 15
१५मैं उनको शिक्षा देता रहा और उनकी भुजाओं को बलवन्त करता आया हूँ, तो भी वे मेरे विरुद्ध बुरी कल्पना करते हैं।
יָשׁ֣וּבוּ ׀ לֹ֣א עָ֗ל הָיוּ֙ כְּקֶ֣שֶׁת רְמִיָּ֔ה יִפְּל֥וּ בַחֶ֛רֶב שָׂרֵיהֶ֖ם מִזַּ֣עַם לְשֹׁונָ֑ם זֹ֥ו לַעְגָּ֖ם בְּאֶ֥רֶץ מִצְרָֽיִם׃ 16
१६वे फिरते तो हैं, परन्तु परमप्रधान की ओर नहीं; वे धोखा देनेवाले धनुष के समान हैं; इसलिए उनके हाकिम अपनी क्रोधभरी बातों के कारण तलवार से मारे जाएँगे। मिस्र देश में उनको उपहास में उड़ाए जाने का यही कारण होगा।

< הוֹשֵׁעַ 7 >