< בְּרֵאשִׁית 4 >

וְהָ֣אָדָ֔ם יָדַ֖ע אֶת־חַוָּ֣ה אִשְׁתֹּ֑ו וַתַּ֙הַר֙ וַתֵּ֣לֶד אֶת־קַ֔יִן וַתֹּ֕אמֶר קָנִ֥יתִי אִ֖ישׁ אֶת־יְהוָֽה׃ 1
जब आदम ने अपनी पत्नी हव्वा के साथ दाम्पतिक संबंध में प्रवेश किया, तब हव्वा गर्भवती हुई तथा उसने कयीन को जन्म दिया. हव्वा ने कहा, “याहवेह की सहायता से मैंने एक पुरुष को जन्म दिया है.”
וַתֹּ֣סֶף לָלֶ֔דֶת אֶת־אָחִ֖יו אֶת־הָ֑בֶל וַֽיְהִי־הֶ֙בֶל֙ רֹ֣עֵה צֹ֔אן וְקַ֕יִן הָיָ֖ה עֹבֵ֥ד אֲדָמָֽה׃ 2
फिर हव्वा ने कयीन के भाई हाबिल को जन्म दिया. हाबिल भेड़-बकरियों का चरवाहा था, किंतु कयीन खेती करता था.
וֽ͏ַיְהִ֖י מִקֵּ֣ץ יָמִ֑ים וַיָּבֵ֨א קַ֜יִן מִפְּרִ֧י הֽ͏ָאֲדָמָ֛ה מִנְחָ֖ה לַֽיהוָֽה׃ 3
कुछ दिनों बाद याहवेह को भेंट चढ़ाने के उद्देश्य से कयीन अपनी खेती से कुछ फल ले आया.
וְהֶ֨בֶל הֵבִ֥יא גַם־ה֛וּא מִבְּכֹרֹ֥ות צֹאנֹ֖ו וּמֵֽחֶלְבֵהֶ֑ן וַיִּ֣שַׁע יְהוָ֔ה אֶל־הֶ֖בֶל וְאֶל־מִנְחָתֹֽו׃ 4
और हाबिल ने अपने भेड़-बकरियों में से पहला बच्चा भेंट चढ़ाया तथा चर्बी भी भेंट चढ़ाई. याहवेह ने हाबिल और उसकी भेंट को तो ग्रहण किया,
וְאֶל־קַ֥יִן וְאֶל־מִנְחָתֹ֖ו לֹ֣א שָׁעָ֑ה וַיִּ֤חַר לְקַ֙יִן֙ מְאֹ֔ד וַֽיִּפְּל֖וּ פָּנָֽיו׃ 5
परंतु कयीन और उसकी भेंट को याहवेह ने ग्रहण नहीं किया. इससे कयीन बहुत क्रोधित हुआ तथा उसके मुख पर उदासी छा गई.
וַיֹּ֥אמֶר יְהוָ֖ה אֶל־קָ֑יִן לָ֚מָּה חָ֣רָה לָ֔ךְ וְלָ֖מָּה נָפְל֥וּ פָנֶֽיךָ׃ 6
इस पर याहवेह ने कयीन से पूछा, “तू क्यों क्रोधित हुआ? क्यों तू उदास हुआ?
הֲלֹ֤וא אִם־תֵּיטִיב֙ שְׂאֵ֔ת וְאִם֙ לֹ֣א תֵיטִ֔יב לַפֶּ֖תַח חַטָּ֣את רֹבֵ֑ץ וְאֵלֶ֙יךָ֙ תְּשׁ֣וּקָתֹ֔ו וְאַתָּ֖ה תִּמְשָׁל־בֹּֽו׃ 7
अगर तू परमेश्वर के योग्य भेंट चढ़ाता तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न होती? और यदि तू सही न करे, तो पाप द्वार पर है, और उसकी लालसा तेरी ओर रहेगी. पर तू उस पर प्रभुता करना.”
וַיֹּ֥אמֶר קַ֖יִן אֶל־הֶ֣בֶל אָחִ֑יו וֽ͏ַיְהִי֙ בִּהְיֹותָ֣ם בַּשָּׂדֶ֔ה וַיָּ֥קָם קַ֛יִן אֶל־הֶ֥בֶל אָחִ֖יו וַיַּהַרְגֵֽהוּ׃ 8
हाबिल अपने भाई कयीन के खेत में गया तब कयीन ने हाबिल से कुछ कहा और कयीन ने हाबिल को मार दिया.
וַיֹּ֤אמֶר יְהוָה֙ אֶל־קַ֔יִן אֵ֖י הֶ֣בֶל אָחִ֑יךָ וַיֹּ֙אמֶר֙ לֹ֣א יָדַ֔עְתִּי הֲשֹׁמֵ֥ר אָחִ֖י אָנֹֽכִי׃ 9
तब याहवेह ने कयीन से पूछा, “तेरा भाई हाबिल कहां है?” उसने उत्तर दिया, “पता नहीं. क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूं?”
וַיֹּ֖אמֶר מֶ֣ה עָשִׂ֑יתָ קֹ֚ול דְּמֵ֣י אָחִ֔יךָ צֹעֲקִ֥ים אֵלַ֖י מִן־הָֽאֲדָמָֽה׃ 10
याहवेह ने कहा, “तूने यह क्या किया? भूमि से तेरे भाई का रक्त मुझे पुकार रहा है.
וְעַתָּ֖ה אָר֣וּר אָ֑תָּה מִן־הָֽאֲדָמָה֙ אֲשֶׁ֣ר פָּצְתָ֣ה אֶת־פִּ֔יהָ לָקַ֛חַת אֶת־דְּמֵ֥י אָחִ֖יךָ מִיָּדֶֽךָ׃ 11
अब तू उस भूमि की ओर से शापित है, क्योंकि इस खेत में तेरे भाई का खून गिरा है.
כִּ֤י תַֽעֲבֹד֙ אֶת־הָ֣אֲדָמָ֔ה לֹֽא־תֹסֵ֥ף תֵּת־כֹּחָ֖הּ לָ֑ךְ נָ֥ע וָנָ֖ד תִּֽהְיֶ֥ה בָאָֽרֶץ׃ 12
जब तू खेती करेगा, तुझे इसकी पूरी उपज नहीं मिलेगी; तू अब पृथ्वी पर अकेला और बेसहारा होगा.”
וַיֹּ֥אמֶר קַ֖יִן אֶל־יְהוָ֑ה גָּדֹ֥ול עֲוֹנִ֖י מִנְּשֹֽׂא׃ 13
कयीन ने याहवेह से कहा, “मेरा दंड मेरी सहन से बाहर है.
הֵן֩ גֵּרַ֨שְׁתָּ אֹתִ֜י הַיֹּ֗ום מֵעַל֙ פְּנֵ֣י הֽ͏ָאֲדָמָ֔ה וּמִפָּנֶ֖יךָ אֶסָּתֵ֑ר וְהָיִ֜יתִי נָ֤ע וָנָד֙ בָּאָ֔רֶץ וְהָיָ֥ה כָל־מֹצְאִ֖י יֽ͏ַהַרְגֵֽנִי׃ 14
आपने आज मुझे यहां से निकाल दिया है, मैं आपके सामने से छिप जाऊंगा; मैं अकेला और बेसहारा होकर घुमूंगा तो मैं जिस किसी के सामने जाऊंगा, वे मुझे मार देंगे.”
וַיֹּ֧אמֶר לֹ֣ו יְהוָ֗ה לָכֵן֙ כָּל־הֹרֵ֣ג קַ֔יִן שִׁבְעָתַ֖יִם יֻקָּ֑ם וַיָּ֨שֶׂם יְהוָ֤ה לְקַ֙יִן֙ אֹ֔ות לְבִלְתִּ֥י הַכֹּות־אֹתֹ֖ו כָּל־מֹצְאֹֽו׃ 15
यह सुन याहवेह ने उससे कहा, “यदि ऐसा हुआ, तो जो कोई कयीन की हत्या करेगा, उससे सात गुणा बदला लिया जाएगा.” याहवेह ने कयीन के लिए एक विशेष चिन्ह ठहराया, ताकि कोई उसकी हत्या न कर दे.
וַיֵּ֥צֵא קַ֖יִן מִלִּפְנֵ֣י יְהוָ֑ה וַיֵּ֥שֶׁב בְּאֶֽרֶץ־נֹ֖וד קִדְמַת־עֵֽדֶן׃ 16
इसके बाद कयीन याहवेह के पास से चला गया और नोद देश में बस गया, जो एदेन बगीचे के पूर्व में है.
וַיֵּ֤דַע קַ֙יִן֙ אֶת־אִשְׁתֹּ֔ו וַתַּ֖הַר וַתֵּ֣לֶד אֶת־חֲנֹ֑וךְ וַֽיְהִי֙ בֹּ֣נֶה עִ֔יר וַיִּקְרָא֙ שֵׁ֣ם הָעִ֔יר כְּשֵׁ֖ם בְּנֹ֥ו חֲנֹֽוךְ׃ 17
कयीन की पत्नी ने हनोख को जन्म दिया. कयीन ने एक नगर बसाया और उस नगर को अपने पुत्र के नाम पर हनोख रखा.
וַיִּוָּלֵ֤ד לַֽחֲנֹוךְ֙ אֶת־עִירָ֔ד וְעִירָ֕ד יָלַ֖ד אֶת־מְחֽוּיָאֵ֑ל וּמְחִיּיָאֵ֗ל יָלַד֙ אֶת־מְת֣וּשָׁאֵ֔ל וּמְתוּשָׁאֵ֖ל יָלַ֥ד אֶת־לָֽמֶךְ׃ 18
हनोख से इराद का जन्म हुआ, इराद से महूजाएल का तथा महूजाएल से मेथूशाएल का, मेथूशाएल से लामेख का जन्म हुआ.
וַיִּֽקַּֽח־לֹ֥ו לֶ֖מֶךְ שְׁתֵּ֣י נָשִׁ֑ים שֵׁ֤ם הָֽאַחַת֙ עָדָ֔ה וְשֵׁ֥ם הַשֵּׁנִ֖ית צִלָּֽה׃ 19
लामेख की दो पत्नियां थीं, एक का नाम अदाह तथा दूसरी का नाम ज़िल्लाह था.
וַתֵּ֥לֶד עָדָ֖ה אֶת־יָבָ֑ל ה֣וּא הָיָ֔ה אֲבִ֕י יֹשֵׁ֥ב אֹ֖הֶל וּמִקְנֶֽה׃ 20
अदाह ने जाबाल को जन्म दिया; वह जानवरों के पालने वालों और तंबुओं में रहनेवालों का नायक बना.
וְשֵׁ֥ם אָחִ֖יו יוּבָ֑ל ה֣וּא הָיָ֔ה אֲבִ֕י כָּל־תֹּפֵ֥שׂ כִּנֹּ֖ור וְעוּגָֽב׃ 21
उसके भाई का नाम यूबाल था; वह वीणा और बांसुरी बजाने वालों का नायक बना.
וְצִלָּ֣ה גַם־הִ֗וא יָֽלְדָה֙ אֶת־תּ֣וּבַל קַ֔יִן לֹטֵ֕שׁ כָּל־חֹרֵ֥שׁ נְחֹ֖שֶׁת וּבַרְזֶ֑ל וַֽאֲחֹ֥ות תּֽוּבַל־קַ֖יִן נַֽעֲמָֽה׃ 22
ज़िल्लाह ने तूबल-कयीन को जन्म दिया, जो कांसे एवं लोहे के सामान बनाता था. तूबल-कयीन की बहन का नाम नामाह था.
וַיֹּ֨אמֶר לֶ֜מֶךְ לְנָשָׁ֗יו עָדָ֤ה וְצִלָּה֙ שְׁמַ֣עַן קֹולִ֔י נְשֵׁ֣י לֶ֔מֶךְ הַאְזֵ֖נָּה אִמְרָתִ֑י כִּ֣י אִ֤ישׁ הָרַ֙גְתִּי֙ לְפִצְעִ֔י וְיֶ֖לֶד לְחַבֻּרָתִֽי׃ 23
लामेख ने अपनी पत्नियों से कहा, “अदाह और ज़िल्लाह सुनो; तुम मेरी पत्नियां हो, मेरी बात ध्यान से सुनो, मैंने एक व्यक्ति को मारा है, क्योंकि उसने मुझ पर आक्रमण किया था.
כִּ֥י שִׁבְעָתַ֖יִם יֻקַּם־קָ֑יִן וְלֶ֖מֶךְ שִׁבְעִ֥ים וְשִׁבְעָֽה׃ 24
जब कयीन के लिए सात गुणा बदला लिया गया था, तब तो लामेख के लिए सत्तर बार सात गुणा होगा.”
וַיֵּ֨דַע אָדָ֥ם עֹוד֙ אֶת־אִשְׁתֹּ֔ו וַתֵּ֣לֶד בֵּ֔ן וַתִּקְרָ֥א אֶת־שְׁמֹ֖ו שֵׁ֑ת כִּ֣י שָֽׁת־לִ֤י אֱלֹהִים֙ זֶ֣רַע אַחֵ֔ר תַּ֣חַת הֶ֔בֶל כִּ֥י הֲרָגֹ֖ו קָֽיִן׃ 25
हव्वा ने एक और पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम शेत यह कहकर रखा, “कयीन द्वारा हाबिल की हत्या के बाद परमेश्वर ने हाबिल के बदले मेरे लिए एक और संतान दिया है.”
וּלְשֵׁ֤ת גַּם־הוּא֙ יֻלַּד־בֵּ֔ן וַיִּקְרָ֥א אֶת־שְׁמֹ֖ו אֱנֹ֑ושׁ אָ֣ז הוּחַ֔ל לִקְרֹ֖א בְּשֵׁ֥ם יְהוָֽה׃ פ 26
शेत के भी एक पुत्र पैदा हुआ, जिसका उसने एनोश नाम रखा. उस समय से लोगों ने याहवेह से प्रार्थना करना शुरू किया.

< בְּרֵאשִׁית 4 >