< יְחֶזְקֵאל 21 >

וַיְהִ֥י דְבַר־יְהוָ֖ה אֵלַ֥י לֵאמֹֽר׃ 1
यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा
בֶּן־אָדָ֗ם שִׂ֤ים פָּנֶ֙יךָ֙ אֶל־יְר֣וּשָׁלַ֔͏ִם וְהַטֵּ֖ף אֶל־מִקְדָּשִׁ֑ים וְהִנָּבֵ֖א אֶל־אַדְמַ֥ת יִשְׂרָאֵֽל׃ 2
“हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख यरूशलेम की ओर कर और पवित्रस्थानों की ओर वचन सुना; इस्राएल देश के विषय में भविष्यद्वाणी कर और उससे कह,
וְאָמַרְתָּ֞ לְאַדְמַ֣ת יִשְׂרָאֵ֗ל כֹּ֚ה אָמַ֣ר יְהוָ֔ה הִנְנִ֣י אֵלַ֔יִךְ וְהֹוצֵאתִ֥י חַרְבִּ֖י מִתַּעְרָ֑הּ וְהִכְרַתִּ֥י מִמֵּ֖ךְ צַדִּ֥יק וְרָשָֽׁע׃ 3
प्रभु यहोवा यह कहता है, देख, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, और अपनी तलवार म्यान में से खींचकर तुझ में से धर्मी और अधर्मी दोनों को नाश करूँगा।
יַ֛עַן אֲשֶׁר־הִכְרַ֥תִּי מִמֵּ֖ךְ צַדִּ֣יק וְרָשָׁ֑ע לָ֠כֵן תֵּצֵ֨א חַרְבִּ֧י מִתַּעְרָ֛הּ אֶל־כָּל־בָּשָׂ֖ר מִנֶּ֥גֶב צָפֹֽון׃ 4
इसलिए कि मैं तुझ में से धर्मी और अधर्मी सब को नाश करनेवाला हूँ, इस कारण मेरी तलवार म्यान से निकलकर दक्षिण से उत्तर तक सब प्राणियों के विरुद्ध चलेगी;
וְיָֽדְעוּ֙ כָּל־בָּשָׂ֔ר כִּ֚י אֲנִ֣י יְהוָ֔ה הֹוצֵ֥אתִי חַרְבִּ֖י מִתַּעְרָ֑הּ לֹ֥א תָשׁ֖וּב עֹֽוד׃ ס 5
तब सब प्राणी जान लेंगे कि यहोवा ने म्यान में से अपनी तलवार खींची है; और वह उसमें फिर रखी न जाएगी।
וְאַתָּ֥ה בֶן־אָדָ֖ם הֵֽאָנַ֑ח בְּשִׁבְרֹ֤ון מָתְנַ֙יִם֙ וּבִמְרִיר֔וּת תֵּֽאָנַ֖ח לְעֵינֵיהֶֽם׃ 6
इसलिए हे मनुष्य के सन्तान, तू आह मार, भारी खेद कर, और टूटी कमर लेकर लोगों के सामने आह मार।
וְהָיָה֙ כִּֽי־יֹאמְר֣וּ אֵלֶ֔יךָ עַל־מָ֖ה אַתָּ֣ה נֶאֱנָ֑ח וְאָמַרְתָּ֡ אֶל־שְׁמוּעָ֣ה כִֽי־בָאָ֡ה וְנָמֵ֣ס כָּל־לֵב֩ וְרָפ֨וּ כָל־יָדַ֜יִם וְכִהֲתָ֣ה כָל־ר֗וּחַ וְכָל־בִּרְכַּ֙יִם֙ תֵּלַ֣כְנָה מַּ֔יִם הִנֵּ֤ה בָאָה֙ וְנִֽהְיָ֔תָה נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃ פ 7
जब वे तुझ से पूछें, ‘तू क्यों आह मारता है,’ तब कहना, ‘समाचार के कारण। क्योंकि ऐसी बात आनेवाली है कि सब के मन टूट जाएँगे और सब के हाथ ढीले पड़ेंगे, सब की आत्मा बेबस और सब के घुटने निर्बल हो जाएँगे। देखो, ऐसी ही बात आनेवाली है, और वह अवश्य पूरी होगी,’” परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
וַיְהִ֥י דְבַר־יְהוָ֖ה אֵלַ֥י לֵאמֹֽר׃ 8
फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा,
בֶּן־אָדָ֕ם הִנָּבֵא֙ וְאָ֣מַרְתָּ֔ כֹּ֖ה אָמַ֣ר אֲדֹנָ֑י אֱמֹ֕ר חֶ֥רֶב חֶ֛רֶב הוּחַ֖דָּה וְגַם־מְרוּטָֽה׃ 9
“हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी करके कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है, देख, सान चढ़ाई हुई तलवार, और झलकाई हुई तलवार!
לְמַ֨עַן טְבֹ֤חַ טֶ֙בַח֙ הוּחַ֔דָּה לְמַעַן־הֱיֵה־לָ֥הּ בָּ֖רָק מֹרָ֑טָּה אֹ֣ו נָשִׂ֔ישׂ שֵׁ֥בֶט בְּנִ֖י מֹאֶ֥סֶת כָּל־עֵֽץ׃ 10
१०वह इसलिए सान चढ़ाई गई कि उससे घात किया जाए, और इसलिए झलकाई गई कि बिजली के समान चमके! तो क्या हम हर्षित हो? वह तो यहोवा के पुत्र का राजदण्ड है और सब पेड़ों को तुच्छ जाननेवाला है।
וַיִּתֵּ֥ן אֹתָ֛הּ לְמָרְטָ֖ה לִתְפֹּ֣שׂ בַּכָּ֑ף הִֽיא־הוּחַ֤דָּה חֶ֙רֶב֙ וְהִ֣יא מֹרָ֔טָּה לָתֵ֥ת אֹותָ֖הּ בְּיַד־הֹורֵֽג׃ 11
११वह झलकाने को इसलिए दी गई कि हाथ में ली जाए; वह इसलिए सान चढ़ाई और झलकाई गई कि घात करनेवालों के हाथ में दी जाए।
זְעַ֤ק וְהֵילֵל֙ בֶּן־אָדָ֔ם כִּי־הִיא֙ הָיתָ֣ה בְעַמִּ֔י הִ֖יא בְּכָל־נְשִׂיאֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל מְגוּרֵ֤י אֶל־חֶ֙רֶב֙ הָי֣וּ אֶת־עַמִּ֔י לָכֵ֖ן סְפֹ֥ק אֶל־יָרֵֽךְ׃ 12
१२हे मनुष्य के सन्तान चिल्ला, और हाय, हाय, कर! क्योंकि वह मेरी प्रजा पर चलने वाली है, वह इस्राएल के सारे प्रधानों पर चलने वाली है; मेरी प्रजा के संग वे भी तलवार के वश में आ गए। इस कारण तू अपनी छाती पीट।
כִּ֣י בֹ֔חַן וּמָ֕ה אִם־גַּם־שֵׁ֥בֶט מֹאֶ֖סֶת לֹ֣א יִֽהְיֶ֑ה נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃ פ 13
१३क्योंकि सचमुच उसकी जाँच हुई है, और यदि उसे तुच्छ जाननेवाला राजदण्ड भी न रहे, तो क्या? परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।
וְאַתָּ֣ה בֶן־אָדָ֔ם הִנָּבֵ֕א וְהַ֖ךְ כַּ֣ף אֶל־כָּ֑ף וְתִכָּפֵ֞ל חֶ֤רֶב שְׁלִישִׁ֙תָה֙ חֶ֣רֶב חֲלָלִ֔ים הִ֗יא חֶ֚רֶב חָלָ֣ל הַגָּדֹ֔ול הַחֹדֶ֖רֶת לָהֶֽם׃ 14
१४“इसलिए हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी कर, और हाथ पर हाथ दे मार, और तीन बार तलवार का बल दुगना किया जाए; वह तो घात करने की तलवार वरन् बड़े से बड़े के घात करने की तलवार है, जिससे कोठरियों में भी कोई नहीं बच सकता।
לְמַ֣עַן ׀ לָמ֣וּג לֵ֗ב וְהַרְבֵּה֙ הַמִּכְשֹׁלִ֔ים עַ֚ל כָּל־שַׁ֣עֲרֵיהֶ֔ם נָתַ֖תִּי אִבְחַת־חָ֑רֶב אָ֛ח עֲשׂוּיָ֥ה לְבָרָ֖ק מְעֻטָּ֥ה לְטָֽבַח׃ 15
१५मैंने घात करनेवाली तलवार को उनके सब फाटकों के विरुद्ध इसलिए चलाया है कि लोगों के मन टूट जाएँ, और वे बहुत ठोकर खाएँ। हाय, हाय! वह तो बिजली के समान बनाई गई, और घात करने को सान चढ़ाई गई है।
הִתְאַחֲדִ֥י הֵימִ֖נִי הָשִׂ֣ימִי הַשְׂמִ֑ילִי אָ֖נָה פָּנַ֥יִךְ מֻעָדֹֽות׃ 16
१६सिकुड़कर दाहिनी ओर जा, फिर तैयार होकर बाईं ओर मुड़, जिधर भी तेरा मुख हो।
וְגַם־אֲנִ֗י אַכֶּ֤ה כַפִּי֙ אֶל־כַּפִּ֔י וַהֲנִחֹתִ֖י חֲמָתִ֑י אֲנִ֥י יְהוָ֖ה דִּבַּֽרְתִּי׃ פ 17
१७मैं भी ताली बजाऊँगा और अपनी जलजलाहट को ठंडा करूँगा, मुझ यहोवा ने ऐसा कहा है।”
וַיְהִ֥י דְבַר־יְהוָ֖ה אֵלַ֥י לֵאמֹֽר׃ 18
१८फिर यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा:
וְאַתָּ֨ה בֶן־אָדָ֜ם שִׂים־לְךָ֣ ׀ שְׁנַ֣יִם דְּרָכִ֗ים לָבֹוא֙ חֶ֣רֶב מֶֽלֶךְ־בָּבֶ֔ל מֵאֶ֥רֶץ אֶחָ֖ד יֵצְא֣וּ שְׁנֵיהֶ֑ם וְיָ֣ד בָּרֵ֔א בְּרֹ֥אשׁ דֶּֽרֶךְ־עִ֖יר בָּרֵֽא׃ 19
१९“हे मनुष्य के सन्तान, दो मार्ग ठहरा ले कि बाबेल के राजा की तलवार आए; दोनों मार्ग एक ही देश से निकलें! फिर एक चिन्ह कर, अर्थात् नगर के मार्ग के सिर पर एक चिन्ह कर;
דֶּ֣רֶךְ תָּשִׂ֔ים לָבֹ֣וא חֶ֔רֶב אֵ֖ת רַבַּ֣ת בְּנֵֽי־עַמֹּ֑ון וְאֶת־יְהוּדָ֥ה בִירוּשָׁלַ֖͏ִם בְּצוּרָֽה׃ 20
२०एक मार्ग ठहरा कि तलवार अम्मोनियों के रब्बाह नगर पर, और यहूदा देश के गढ़वाले नगर यरूशलेम पर भी चले।
כִּֽי־עָמַ֨ד מֶלֶךְ־בָּבֶ֜ל אֶל־אֵ֣ם הַדֶּ֗רֶךְ בְּרֹ֛אשׁ שְׁנֵ֥י הַדְּרָכִ֖ים לִקְסָם־קָ֑סֶם קִלְקַ֤ל בַּֽחִצִּים֙ שָׁאַ֣ל בַּתְּרָפִ֔ים רָאָ֖ה בַּכָּבֵֽד׃ 21
२१क्योंकि बाबेल का राजा चौराहे अर्थात् दोनों मार्गों के निकलने के स्थान पर भावी बूझने को खड़ा हुआ है, उसने तीरों को हिला दिया, और गृहदेवताओं से प्रश्न किया, और कलेजे को भी देखा।
בִּֽימִינֹ֞ו הָיָ֣ה ׀ הַקֶּ֣סֶם יְרוּשָׁלַ֗͏ִם לָשׂ֤וּם כָּרִים֙ לִפְתֹּ֤חַ פֶּה֙ בְּרֶ֔צַח לְהָרִ֥ים קֹ֖ול בִּתְרוּעָ֑ה לָשׂ֤וּם כָּרִים֙ עַל־שְׁעָרִ֔ים לִשְׁפֹּ֥ךְ סֹלְלָ֖ה לִבְנֹ֥ות דָּיֵֽק׃ 22
२२उसके दाहिनी हाथ में यरूशलेम का नाम है कि वह उसकी ओर युद्ध के यन्त्र लगाए, और गला फाड़कर घात करने की आज्ञा दे और ऊँचे शब्द से ललकारे, फाटकों की ओर युद्ध के यन्त्र लगाए और दमदमा बाँधे और कोट बनाए।
וְהָיָ֨ה לָהֶ֤ם כִּקְסֹום־ (כִּקְסָם)־שָׁוְא֙ בְּעֵ֣ינֵיהֶ֔ם שְׁבֻעֵ֥י שְׁבֻעֹ֖ות לָהֶ֑ם וְהֽוּא־מַזְכִּ֥יר עָוֹ֖ן לְהִתָּפֵֽשׂ׃ פ 23
२३परन्तु लोग तो उस भावी कहने को मिथ्या समझेंगे; उन्होंने जो उनकी शपथ खाई है; इस कारण वह उनके अधर्म का स्मरण कराकर उन्हें पकड़ लेगा।
לָכֵ֗ן כֹּֽה־אָמַר֮ אֲדֹנָ֣י יְהוִה֒ יַ֗עַן הַזְכַּרְכֶם֙ עֲוֹ֣נְכֶ֔ם בְּהִגָּלֹ֣ות פִּשְׁעֵיכֶ֗ם לְהֵֽרָאֹות֙ חַטֹּ֣אותֵיכֶ֔ם בְּכֹ֖ל עֲלִילֹֽותֵיכֶ֑ם יַ֚עַן הִזָּ֣כֶרְכֶ֔ם בַּכַּ֖ף תִּתָּפֵֽשׂוּ׃ פ 24
२४“इस कारण प्रभु यहोवा यह कहता है: इसलिए कि तुम्हारा अधर्म जो स्मरण किया गया है, और तुम्हारे अपराध जो खुल गए हैं, क्योंकि तुम्हारे सब कामों में पाप ही पाप दिखाई पड़ा है, और तुम स्मरण में आए हो, इसलिए तुम उन्हीं से पकड़े जाओगे।
וְאַתָּה֙ חָלָ֣ל רָשָׁ֔ע נְשִׂ֖יא יִשְׂרָאֵ֑ל אֲשֶׁר־בָּ֣א יֹומֹ֔ו בְּעֵ֖ת עֲוֹ֥ן קֵֽץ׃ ס 25
२५हे इस्राएल दुष्ट प्रधान, तेरा दिन आ गया है; अधर्म के अन्त का समय पहुँच गया है।
כֹּ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה הָסִיר֙ הַמִּצְנֶ֔פֶת וְהָרִ֖ים הָֽעֲטָרָ֑ה זֹ֣את לֹא־זֹ֔את הַשָּׁפָ֣לָה הַגְבֵּ֔הַ וְהַגָּבֹ֖הַ הַשְׁפִּֽיל׃ 26
२६तेरे विषय में परमेश्वर यहोवा यह कहता है: पगड़ी उतार, और मुकुट भी उतार दे; वह ज्यों का त्यों नहीं रहने का; जो नीचा है उसे ऊँचा कर और जो ऊँचा है उसे नीचा कर।
עַוָּ֥ה עַוָּ֖ה עַוָּ֣ה אֲשִׂימֶ֑נָּה גַּם־זֹאת֙ לֹ֣א הָיָ֔ה עַד־בֹּ֛א אֲשֶׁר־לֹ֥ו הַמִּשְׁפָּ֖ט וּנְתַתִּֽיו׃ פ 27
२७मैं इसको उलट दूँगा और उलट-पुलट कर दूँगा; हाँ उलट दूँगा और जब तक उसका अधिकारी न आए तब तक वह उलटा हुआ रहेगा; तब मैं उसे दे दूँगा।
וְאַתָּ֣ה בֶן־אָדָ֗ם הִנָּבֵ֤א וְאָֽמַרְתָּ֙ כֹּ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהֹוִ֔ה אֶל־בְּנֵ֥י עַמֹּ֖ון וְאֶל־חֶרְפָּתָ֑ם וְאָמַרְתָּ֗ חֶ֣רֶב חֶ֤רֶב פְּתוּחָה֙ לְטֶ֣בַח מְרוּטָ֔ה לְהָכִ֖יל לְמַ֥עַן בָּרָֽק׃ 28
२८“फिर हे मनुष्य के सन्तान, भविष्यद्वाणी करके कह कि प्रभु यहोवा अम्मोनियों और उनकी की हुई नामधराई के विषय में यह कहता है; तू कह, खींची हुई तलवार है, वह तलवार घात के लिये झलकाई हुई है कि नाश करे और बिजली के समान हो
בַּחֲזֹ֥ות לָךְ֙ שָׁ֔וְא בִּקְסָם־לָ֖ךְ כָּזָ֑ב לָתֵ֣ת אֹותָ֗ךְ אֶֽל־צַוְּארֵי֙ חַֽלְלֵ֣י רְשָׁעִ֔ים אֲשֶׁר־בָּ֣א יֹומָ֔ם בְּעֵ֖ת עֲוֹ֥ן קֵֽץ׃ 29
२९जब तक कि वे तेरे विषय में झूठे दर्शन पाते, और झूठे भावी तुझको बताते हैं कि तू उन दुष्ट असाध्य घायलों की गर्दनों पर पड़े जिनका दिन आ गया, और जिनके अधर्म के अन्त का समय आ पहुँचा है।
הָשַׁ֖ב אֶל־תַּעְרָ֑הּ בִּמְקֹ֧ום אֲשֶׁר־נִבְרֵ֛את בְּאֶ֥רֶץ מְכֻרֹותַ֖יִךְ אֶשְׁפֹּ֥ט אֹתָֽךְ׃ 30
३०उसको म्यान में फिर रख। जिस स्थान में तू सिरजी गई और जिस देश में तेरी उत्पत्ति हुई, उसी में मैं तेरा न्याय करूँगा।
וְשָׁפַכְתִּ֤י עָלַ֙יִךְ֙ זַעְמִ֔י בְּאֵ֥שׁ עֶבְרָתִ֖י אָפִ֣יחַ עָלָ֑יִךְ וּנְתַתִּ֗יךְ בְּיַד֙ אֲנָשִׁ֣ים בֹּֽעֲרִ֔ים חָרָשֵׁ֖י מַשְׁחִֽית׃ 31
३१मैं तुझ पर अपना क्रोध भड़काऊँगा और तुझ पर अपनी जलजलाहट की आग फूँक दूँगा; और तुझे पशु सरीखे मनुष्य के हाथ कर दूँगा जो नाश करने में निपुण हैं।
לָאֵ֤שׁ תִּֽהְיֶה֙ לְאָכְלָ֔ה דָּמֵ֥ךְ יִהְיֶ֖ה בְּתֹ֣וךְ הָאָ֑רֶץ לֹ֣א תִזָּכֵ֔רִי כִּ֛י אֲנִ֥י יְהוָ֖ה דִּבַּֽרְתִּי׃ פ 32
३२तू आग का कौर होगी; तेरा खून देश में बना रहेगा; तू स्मरण में न रहेगी क्योंकि मुझ यहोवा ही ने ऐसा कहा है।”

< יְחֶזְקֵאל 21 >