< 2 מְלָכִים 13 >

בִּשְׁנַ֨ת עֶשְׂרִ֤ים וְשָׁלֹשׁ֙ שָׁנָ֔ה לְיֹואָ֥שׁ בֶּן־אֲחַזְיָ֖הוּ מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֑ה מָ֠לַךְ יְהֹואָחָ֨ז בֶּן־יֵה֤וּא עַל־יִשְׂרָאֵל֙ בְּשֹׁ֣מְרֹ֔ון שְׁבַ֥ע עֶשְׂרֵ֖ה שָׁנָֽה׃ 1
अहज्याह के पुत्र यहूदा के राजा योआश के राज्य के तेईसवें वर्ष में येहू का पुत्र यहोआहाज सामरिया में इस्राएल पर राज्य करने लगा, और सत्रह वर्ष तक राज्य करता रहा।
וַיַּ֥עַשׂ הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה וַ֠יֵּלֶךְ אַחַ֨ר חַטֹּ֜את יָרָבְעָ֧ם בֶּן־נְבָ֛ט אֲשֶׁר־הֶחֱטִ֥יא אֶת־יִשְׂרָאֵ֖ל לֹא־סָ֥ר מִמֶּֽנָּה׃ 2
और उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था अर्थात् नबात के पुत्र यारोबाम जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उनको छोड़ न दिया।
וַיִּֽחַר־אַ֥ף יְהוָ֖ה בְּיִשְׂרָאֵ֑ל וַֽיִּתְּנֵ֞ם בְּיַ֣ד ׀ חֲזָאֵ֣ל מֶֽלֶךְ־אֲרָ֗ם וּבְיַ֛ד בֶּן־הֲדַ֥ד בֶּן־חֲזָאֵ֖ל כָּל־הַיָּמִֽים׃ 3
इसलिए यहोवा का क्रोध इस्राएलियों के विरुद्ध भड़क उठा, और उसने उनको अराम के राजा हजाएल, और उसके पुत्र बेन्हदद के अधीन कर दिया।
וַיְחַ֥ל יְהֹואָחָ֖ז אֶת־פְּנֵ֣י יְהוָ֑ה וַיִּשְׁמַ֤ע אֵלָיו֙ יְהוָ֔ה כִּ֤י רָאָה֙ אֶת־לַ֣חַץ יִשְׂרָאֵ֔ל כִּֽי־לָחַ֥ץ אֹתָ֖ם מֶ֥לֶךְ אֲרָֽם׃ 4
तब यहोआहाज यहोवा के सामने गिड़गिड़ाया और यहोवा ने उसकी सुन ली; क्योंकि उसने इस्राएल पर अंधेर देखा कि अराम का राजा उन पर कैसा अंधेर करता था।
וַיִּתֵּ֨ן יְהוָ֤ה לְיִשְׂרָאֵל֙ מֹושִׁ֔יעַ וַיֵּ֣צְא֔וּ מִתַּ֖חַת יַד־אֲרָ֑ם וַיֵּשְׁב֧וּ בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֛ל בְּאָהֳלֵיהֶ֖ם כִּתְמֹ֥ול שִׁלְשֹֽׁום׃ 5
इसलिए यहोवा ने इस्राएल को एक छुड़ानेवाला दिया और वे अराम के वश से छूट गए; और इस्राएली पिछले दिनों के समान फिर अपने-अपने डेरे में रहने लगे।
אַ֠ךְ לֹֽא־סָ֜רוּ מֵחַטֹּ֧אות בֵּית־יָרָבְעָ֛ם אֲשֶׁר־הֶחֱטִי (הֶחֱטִ֥יא) אֶת־יִשְׂרָאֵ֖ל בָּ֣הּ הָלָ֑ךְ וְגַם֙ הָאֲשֵׁרָ֔ה עָמְדָ֖ה בְּשֹׁמְרֹֽון׃ 6
तो भी वे ऐसे पापों से न फिरे, जैसे यारोबाम के घराने ने किया, और जिनके अनुसार उसने इस्राएल से पाप कराए थे: परन्तु उनमें चलते रहे, और सामरिया में अशेरा भी खड़ी रही।
כִּ֣י לֹא֩ הִשְׁאִ֨יר לִיהֹואָחָ֜ז עָ֗ם כִּ֣י אִם־חֲמִשִּׁ֤ים פָּֽרָשִׁים֙ וַעֲשָׂ֣רָה רֶ֔כֶב וַעֲשֶׂ֥רֶת אֲלָפִ֖ים רַגְלִ֑י כִּ֤י אִבְּדָם֙ מֶ֣לֶךְ אֲרָ֔ם וַיְשִׂמֵ֥ם כֶּֽעָפָ֖ר לָדֻֽשׁ׃ 7
अराम के राजा ने यहोआहाज की सेना में से केवल पचास सवार, दस रथ, और दस हजार प्यादे छोड़ दिए थे; क्योंकि उसने उनको नाश किया, और रौंद रौंदकर के धूल में मिला दिया था।
וְיֶ֨תֶר דִּבְרֵ֧י יְהֹואָחָ֛ז וְכָל־אֲשֶׁ֥ר עָשָׂ֖ה וּגְבוּרָתֹ֑ו הֲלֹוא־הֵ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ 8
यहोआहाज के और सब काम जो उसने किए, और उसकी वीरता, यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?
וַיִּשְׁכַּ֤ב יְהֹֽואָחָז֙ עִם־אֲבֹתָ֔יו וַֽיִּקְבְּרֻ֖הוּ בְּשֹׁמְרֹ֑ון וַיִּמְלֹ֛ךְ יֹואָ֥שׁ בְּנֹ֖ו תַּחְתָּֽיו׃ פ 9
अन्ततः यहोआहाज मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और सामरिया में उसे मिट्टी दी गई; और उसका पुत्र यहोआश उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
בִּשְׁנַ֨ת שְׁלֹשִׁ֤ים וָשֶׁ֙בַע֙ שָׁנָ֔ה לְיֹואָ֖שׁ מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֑ה מָ֠לַךְ יְהֹואָ֨שׁ בֶּן־יְהֹואָחָ֤ז עַל־יִשְׂרָאֵל֙ בְּשֹׁ֣מְרֹ֔ון שֵׁ֥שׁ עֶשְׂרֵ֖ה שָׁנָֽה׃ 10
१०यहूदा के राजा योआश के राज्य के सैंतीसवें वर्ष में यहोआहाज का पुत्र यहोआश सामरिया में इस्राएल पर राज्य करने लगा, और सोलह वर्ष तक राज्य करता रहा।
וַיַּֽעֲשֶׂ֥ה הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה לֹ֣א סָ֗ר מִכָּל־חַטֹּ֞אות יָרָבְעָ֧ם בֶּן־נְבָ֛ט אֲשֶׁר־הֶחֱטִ֥יא אֶת־יִשְׂרָאֵ֖ל בָּ֥הּ הָלָֽךְ׃ 11
११और उसने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था, अर्थात् नबात का पुत्र यारोबाम जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उनसे अलग न हुआ।
וְיֶ֨תֶר דִּבְרֵ֤י יֹואָשׁ֙ וְכָל־אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֔ה וּגְב֣וּרָתֹ֔ו אֲשֶׁ֣ר נִלְחַ֔ם עִ֖ם אֲמַצְיָ֣ה מֶֽלֶךְ־יְהוּדָ֑ה הֲלֹֽוא־הֵ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ 12
१२यहोआश के और सब काम जो उसने किए, और जिस वीरता से वह यहूदा के राजा अमस्याह से लड़ा, यह सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?
וַיִּשְׁכַּ֤ב יֹואָשׁ֙ עִם־אֲבֹתָ֔יו וְיָרָבְעָ֖ם יָשַׁ֣ב עַל־כִּסְאֹ֑ו וַיִּקָּבֵ֤ר יֹואָשׁ֙ בְּשֹׁ֣מְרֹ֔ון עִ֖ם מַלְכֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ פ 13
१३अन्त में यहोआश मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और यारोबाम उसकी गद्दी पर विराजमान हुआ; और यहोआश को सामरिया में इस्राएल के राजाओं के बीच मिट्टी दी गई।
וֶֽאֱלִישָׁע֙ חָלָ֣ה אֶת־חָלְיֹ֔ו אֲשֶׁ֥ר יָמ֖וּת בֹּ֑ו וַיֵּ֨רֶד אֵלָ֜יו יֹואָ֣שׁ מֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵ֗ל וַיֵּ֤בְךְּ עַל־פָּנָיו֙ וַיֹּאמַ֔ר אָבִ֣י ׀ אָבִ֔י רֶ֥כֶב יִשְׂרָאֵ֖ל וּפָרָשָֽׁיו׃ 14
१४एलीशा को वह रोग लग गया जिससे उसकी मृत्यु होने पर थी, तब इस्राएल का राजा यहोआश उसके पास गया, और उसके ऊपर रोकर कहने लगा, “हाय मेरे पिता! हाय मेरे पिता! हाय इस्राएल के रथ और सवारों!” एलीशा ने उससे कहा, “धनुष और तीर ले आ।”
וַיֹּ֤אמֶר לֹו֙ אֱלִישָׁ֔ע קַ֖ח קֶ֣שֶׁת וְחִצִּ֑ים וַיִּקַּ֥ח אֵלָ֖יו קֶ֥שֶׁת וְחִצִּֽים׃ 15
१५वह उसके पास धनुष और तीर ले आया।
וַיֹּ֣אמֶר ׀ לְמֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֗ל הַרְכֵּ֤ב יָֽדְךָ֙ עַל־הַקֶּ֔שֶׁת וַיַּרְכֵּ֖ב יָדֹ֑ו וַיָּ֧שֶׂם אֱלִישָׁ֛ע יָדָ֖יו עַל־יְדֵ֥י הַמֶּֽלֶךְ׃ 16
१६तब उसने इस्राएल के राजा से कहा, “धनुष पर अपना हाथ लगा।” जब उसने अपना हाथ लगाया, तब एलीशा ने अपने हाथ राजा के हाथों पर रख दिए।
וַיֹּ֗אמֶר פְּתַ֧ח הַחַלֹּ֛ון קֵ֖דְמָה וַיִּפְתָּ֑ח וַיֹּ֤אמֶר אֱלִישָׁ֤ע יְרֵה֙ וַיֹּ֔ור וַיֹּ֗אמֶר חֵץ־תְּשׁוּעָ֤ה לַֽיהוָה֙ וְחֵ֣ץ תְּשׁוּעָ֣ה בַֽאֲרָ֔ם וְהִכִּיתָ֧ אֶת־אֲרָ֛ם בַּאֲפֵ֖ק עַד־כַּלֵּֽה׃ 17
१७तब उसने कहा, “पूर्व की खिड़की खोल।” जब उसने उसे खोल दिया, तब एलीशा ने कहा, “तीर छोड़ दे;” उसने तीर छोड़ा। और एलीशा ने कहा, “यह तीर यहोवा की ओर से छुटकारे अर्थात् अराम से छुटकारे का चिन्ह है, इसलिए तू अपेक में अराम को यहाँ तक मार लेगा कि उनका अन्त कर डालेगा।”
וַיֹּ֛אמֶר קַ֥ח הַחִצִּ֖ים וַיִּקָּ֑ח וַיֹּ֤אמֶר לְמֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵל֙ הַךְ־אַ֔רְצָה וַיַּ֥ךְ שָֽׁלֹשׁ־פְּעָמִ֖ים וַֽיַּעֲמֹֽד׃ 18
१८फिर उसने कहा, “तीरों को ले;” और जब उसने उन्हें लिया, तब उसने इस्राएल के राजा से कहा, “भूमि पर मार;” तब वह तीन बार मारकर ठहर गया।
וַיִּקְצֹ֨ף עָלָ֜יו אִ֣ישׁ הָאֱלֹהִ֗ים וַיֹּ֙אמֶר֙ לְהַכֹּ֨ות חָמֵ֤שׁ אֹו־שֵׁשׁ֙ פְּעָמִ֔ים אָ֛ז הִכִּ֥יתָ אֶת־אֲרָ֖ם עַד־כַּלֵּ֑ה וְעַתָּ֕ה שָׁלֹ֥שׁ פְּעָמִ֖ים תַּכֶּ֥ה אֶת־אֲרָֽם׃ ס 19
१९और परमेश्वर के जन ने उस पर क्रोधित होकर कहा, “तुझे तो पाँच छः बार मारना चाहिये था। ऐसा करने से तो तू अराम को यहाँ तक मारता कि उनका अन्त कर डालता, परन्तु अब तू उन्हें तीन ही बार मारेगा।”
וַיָּ֥מָת אֱלִישָׁ֖ע וַֽיִּקְבְּרֻ֑הוּ וּגְדוּדֵ֥י מֹואָ֛ב יָבֹ֥אוּ בָאָ֖רֶץ בָּ֥א שָׁנָֽה׃ 20
२०तब एलीशा मर गया, और उसे मिट्टी दी गई। प्रतिवर्ष वसन्त ऋतु में मोआब के दल, देश पर आक्रमण करते थे।
וַיְהִ֞י הֵ֣ם ׀ קֹבְרִ֣ים אִ֗ישׁ וְהִנֵּה֙ רָא֣וּ אֶֽת־הַגְּד֔וּד וַיַּשְׁלִ֥יכוּ אֶת־הָאִ֖ישׁ בְּקֶ֣בֶר אֱלִישָׁ֑ע וַיֵּ֜לֶךְ וַיִּגַּ֤ע הָאִישׁ֙ בְּעַצְמֹ֣ות אֱלִישָׁ֔ע וַיְחִ֖י וַיָּ֥קָם עַל־רַגְלָֽיו׃ פ 21
२१लोग किसी मनुष्य को मिट्टी दे रहे थे, कि एक दल उन्हें दिखाई पड़ा, तब उन्होंने उस शव को एलीशा की कब्र में डाल दिया, और एलीशा की हड्डियों से छूते ही वह जी उठा, और अपने पाँवों के बल खड़ा हो गया।
וַֽחֲזָאֵל֙ מֶ֣לֶךְ אֲרָ֔ם לָחַ֖ץ אֶת־יִשְׂרָאֵ֑ל כֹּ֖ל יְמֵ֥י יְהֹואָחָֽז׃ 22
२२यहोआहाज के जीवन भर अराम का राजा हजाएल इस्राएल पर अंधेर ही करता रहा।
וַיָּחָן֩ יְהוָ֨ה אֹתָ֤ם וַֽיְרַחֲמֵם֙ וַיִּ֣פֶן אֲלֵיהֶ֔ם לְמַ֣עַן בְּרִיתֹ֔ו אֶת־אַבְרָהָ֖ם יִצְחָ֣ק וְיַֽעֲקֹ֑ב וְלֹ֤א אָבָה֙ הַשְׁחִיתָ֔ם וְלֹֽא־הִשְׁלִיכָ֥ם מֵֽעַל־פָּנָ֖יו עַד־עָֽתָּה׃ 23
२३परन्तु यहोवा ने उन पर अनुग्रह किया, और उन पर दया करके अपनी उस वाचा के कारण जो उसने अब्राहम, इसहाक और याकूब से बाँधी थी, उन पर कृपादृष्टि की, और न तो उन्हें नाश किया, और न अपने सामने से निकाल दिया।
וַיָּ֖מָת חֲזָאֵ֣ל מֶֽלֶךְ־אֲרָ֑ם וַיִּמְלֹ֛ךְ בֶּן־הֲדַ֥ד בְּנֹ֖ו תַּחְתָּֽיו׃ 24
२४तब अराम का राजा हजाएल मर गया, और उसका पुत्र बेन्हदद उसके स्थान पर राजा बन गया।
וַיָּ֜שָׁב יְהֹואָ֣שׁ בֶּן־יְהֹואָחָ֗ז וַיִּקַּ֤ח אֶת־הֶֽעָרִים֙ מִיַּד֙ בֶּן־הֲדַ֣ד בֶּן־חֲזָאֵ֔ל אֲשֶׁ֣ר לָקַ֗ח מִיַּ֛ד יְהֹואָחָ֥ז אָבִ֖יו בַּמִּלְחָמָ֑ה שָׁלֹ֤שׁ פְּעָמִים֙ הִכָּ֣הוּ יֹואָ֔שׁ וַיָּ֖שֶׁב אֶת־עָרֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ פ 25
२५तब यहोआहाज के पुत्र यहोआश ने हजाएल के पुत्र बेन्हदद के हाथ से वे नगर फिर ले लिए, जिन्हें उसने युद्ध करके उसके पिता यहोआहाज के हाथ से छीन लिया था। यहोआश ने उसको तीन बार जीतकर इस्राएल के नगर फिर ले लिए।

< 2 מְלָכִים 13 >