< 1 שְׁמוּאֵל 12 >

וַיֹּ֤אמֶר שְׁמוּאֵל֙ אֶל־כָּל־יִשְׂרָאֵ֔ל הִנֵּה֙ שָׁמַ֣עְתִּי בְקֹֽלְכֶ֔ם לְכֹ֥ל אֲשֶׁר־אֲמַרְתֶּ֖ם לִ֑י וָאַמְלִ֥יךְ עֲלֵיכֶ֖ם מֶֽלֶךְ׃ 1
सारा इस्राएल को संबोधित करते हुए शमुएल ने कहा, “याद करो, तुम्हारी विनती के अनुसार मैंने सभी कुछ पूरा किया है. मैंने तुम्हारे लिए राजा चुन दिया है.
וְעַתָּ֞ה הִנֵּ֥ה הַמֶּ֣לֶךְ ׀ מִתְהַלֵּ֣ךְ לִפְנֵיכֶ֗ם וַאֲנִי֙ זָקַ֣נְתִּי וָשַׂ֔בְתִּי וּבָנַ֖י הִנָּ֣ם אִתְּכֶ֑ם וַאֲנִי֙ הִתְהַלַּ֣כְתִּי לִפְנֵיכֶ֔ם מִנְּעֻרַ֖י עַד־הַיֹּ֥ום הַזֶּֽה׃ 2
अब तुम स्वयं देख चुके हो कि राजा ही तुम्हारा नेतृत्व कर रहा है. तुम्हारे बीच अब मेरे पुत्र सेवा करते हैं. मैं बूढ़ा हो चुका हूं, पक चुके हैं मेरे बाल. मैं तुम्हारे सामने अपने बचपन से सेवा करता आया हूं.
הִנְנִ֣י עֲנ֣וּ בִי֩ נֶ֨גֶד יְהוָ֜ה וְנֶ֣גֶד מְשִׁיחֹ֗ו אֶת־שֹׁור֩ ׀ מִ֨י לָקַ֜חְתִּי וַחֲמֹ֧ור מִ֣י לָקַ֗חְתִּי וְאֶת־מִ֤י עָשַׁ֙קְתִּי֙ אֶת־מִ֣י רַצֹּ֔ותִי וּמִיַּד־מִי֙ לָקַ֣חְתִּי כֹ֔פֶר וְאַעְלִ֥ים עֵינַ֖י בֹּ֑ו וְאָשִׁ֖יב לָכֶֽם׃ 3
आज मैं तुम्हारे सामने खड़ा हुआ यह प्रश्न कर रहा हूं: याहवेह तथा चुने हुए राजा के सामने मुझे बताओ. मैंने किसका बैल छीना है, किसका गधा मैंने छीना है? या मैंने किसके साथ छल किया है? मैंने किसे उत्पीड़ित किया है? किसके हाथ से घूस लेकर अनदेखा कर दिया है? मेरे सामने आज यह स्पष्टतः कह दो, ताकि मैं तुम्हारी क्षतिपूर्ति कर सकूं.”
וַיֹּ֣אמְר֔וּ לֹ֥א עֲשַׁקְתָּ֖נוּ וְלֹ֣א רַצֹּותָ֑נוּ וְלֹֽא־לָקַ֥חְתָּ מִיַּד־אִ֖ישׁ מְאֽוּמָה׃ 4
सबने कहा, “आपने न तो हमसे छल किया, न तो हमारा उत्पीड़न किया और न ही किसी भी व्यक्ति से कुछ अनुचित ही लिया है.”
וַיֹּ֨אמֶר אֲלֵיהֶ֜ם עֵ֧ד יְהוָ֣ה בָּכֶ֗ם וְעֵ֤ד מְשִׁיחֹו֙ הַיֹּ֣ום הַזֶּ֔ה כִּ֣י לֹ֧א מְצָאתֶ֛ם בְּיָדִ֖י מְא֑וּמָה וַיֹּ֖אמֶר עֵֽד׃ פ 5
तब शमुएल ने उनसे कहा, “याहवेह इस तथ्य के गवाह हैं तथा उनका अभिषिक्त राजा भी आज इस तथ्य का गवाह है, कि तुम्हें मुझ पर आरोप लगाने का कोई कारण नहीं मिला है.” सभी ने एक स्वर में कहा, “याहवेह गवाह हैं.”
וַיֹּ֥אמֶר שְׁמוּאֵ֖ל אֶל־הָעָ֑ם יְהוָ֗ה אֲשֶׁ֤ר עָשָׂה֙ אֶת־מֹשֶׁ֣ה וְאֶֽת־אַהֲרֹ֔ן וַאֲשֶׁ֧ר הֶעֱלָ֛ה אֶת־אֲבֹתֵיכֶ֖ם מֵאֶ֥רֶץ מִצְרָֽיִם׃ 6
शमुएल ने जनसभा को संबोधित करते हुए आगे कहा, “स्वयं याहवेह ही हैं, जिन्होंने मोशेह तथा अहरोन को चुना कि वे तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश से बाहर निकाल लाएं.
וְעַתָּ֗ה הִֽתְיַצְּב֛וּ וְאִשָּׁפְטָ֥ה אִתְּכֶ֖ם לִפְנֵ֣י יְהוָ֑ה אֵ֚ת כָּל־צִדְקֹ֣ות יְהוָ֔ה אֲשֶׁר־עָשָׂ֥ה אִתְּכֶ֖ם וְאֶת־אֲבֹותֵיכֶֽם׃ 7
अब याहवेह की उपस्थिति में निश्छल और शांत खड़े हो जाओ, कि मैं याहवेह के सामने तुम्हारे साथ मिलकर याहवेह से उनके द्वारा तुम्हारे तथा तुम्हारे पूर्वजों के प्रति किए गए हर एक अच्छे काम का स्मरण प्रस्तुत कर सकूं.
כַּֽאֲשֶׁר־בָּ֥א יַעֲקֹ֖ב מִצְרָ֑יִם וַיִּזְעֲק֤וּ אֲבֹֽותֵיכֶם֙ אֶל־יְהוָ֔ה וַיִּשְׁלַ֨ח יְהוָ֜ה אֶת־מֹשֶׁ֣ה וְאֶֽת־אַהֲרֹ֗ן וַיֹּוצִ֤יאוּ אֶת־אֲבֹֽתֵיכֶם֙ מִמִּצְרַ֔יִם וַיֹּשִׁב֖וּם בַּמָּקֹ֥ום הַזֶּֽה׃ 8
“जब याकोब मिस्र देश में जाकर बस गए, उनके वंशजों ने याहवेह की दोहाई दी और याहवेह ने उनके पास मोशेह तथा अहरोन को भेज दिया. उन्होंने तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश से निकास किया. और वे इस स्थान में आकर बस गए.
וַֽיִּשְׁכְּח֖וּ אֶת־יְהוָ֣ה אֱלֹהֵיהֶ֑ם וַיִּמְכֹּ֣ר אֹתָ֡ם בְּיַ֣ד סִֽיסְרָא֩ שַׂר־צְבָ֨א חָצֹ֜ור וּבְיַד־פְּלִשְׁתִּ֗ים וּבְיַד֙ מֶ֣לֶךְ מֹואָ֔ב וַיִּֽלָּחֲמ֖וּ בָּֽם׃ 9
“मगर उन्होंने याहवेह, अपने परमेश्वर को भुला दिया. तब याहवेह ने उन्हें हाज़ोर की सेना के सेनापति सीसरा के अधीन कर दिया, बाद फिलिस्तीनियों के, और फिर मोआब के राजा के अधीन. ये सब तुम्हारे पूर्वजों के साथ युद्ध करते रहे.
וַיִּזְעֲק֤וּ אֶל־יְהוָה֙ וַיֹּאמֶר (וַיֹּאמְר֣וּ) חָטָ֔אנוּ כִּ֤י עָזַ֙בְנוּ֙ אֶת־יְהוָ֔ה וַנַּעֲבֹ֥ד אֶת־הַבְּעָלִ֖ים וְאֶת־הָעַשְׁתָּרֹ֑ות וְעַתָּ֗ה הַצִּילֵ֛נוּ מִיַּ֥ד אֹיְבֵ֖ינוּ וְנַעַבְדֶֽךָּ׃ 10
तब उन्होंने यह कहते हुए याहवेह की दोहाई दी, ‘याहवेह का परित्याग करके तथा बाल और अश्तोरेथ की वंदना करने के द्वारा हमने पाप किया है. अब हमारे शत्रुओं की अधीनता से हमें विमुक्त कीजिए कि हम अब आपकी ही वंदना कर सकें.’
וַיִּשְׁלַ֤ח יְהוָה֙ אֶת־יְרֻבַּ֣עַל וְאֶת־בְּדָ֔ן וְאֶת־יִפְתָּ֖ח וְאֶת־שְׁמוּאֵ֑ל וַיַּצֵּ֨ל אֶתְכֶ֜ם מִיַּ֤ד אֹֽיְבֵיכֶם֙ מִסָּבִ֔יב וַתֵּשְׁב֖וּ בֶּֽטַח׃ 11
तब याहवेह ने यरूबाल, बाराक, यिफ्ताह तथा शमुएल को निर्धारित किया और तुम चारों ओर के अपने समान शत्रुओं की अधीनता से छुड़ाए गए और तुम सुरक्षा में रहने लगे.
וַתִּרְא֗וּ כִּֽי־נָחָ֞שׁ מֶ֣לֶךְ בְּנֵֽי־עַמֹּון֮ בָּ֣א עֲלֵיכֶם֒ וַתֹּ֣אמְרוּ לִ֔י לֹ֕א כִּי־מֶ֖לֶךְ יִמְלֹ֣ךְ עָלֵ֑ינוּ וַיהוָ֥ה אֱלֹהֵיכֶ֖ם מַלְכְּכֶֽם׃ 12
“जब तुमने देखा कि अम्मोनियों का राजा नाहाश तुम पर हमला करने के उद्देश्य से आगे बढ़ रहा है, तुमने मुझसे आग्रह किया, ‘बस, अब हम पर राजा ही शासन करेगा’—जबकि वस्तुतः तुम्हारे राजा याहवेह तुम्हारे परमेश्वर हैं.
וְעַתָּ֗ה הִנֵּ֥ה הַמֶּ֛לֶךְ אֲשֶׁ֥ר בְּחַרְתֶּ֖ם אֲשֶׁ֣ר שְׁאֶלְתֶּ֑ם וְהִנֵּ֨ה נָתַ֧ן יְהוָ֛ה עֲלֵיכֶ֖ם מֶֽלֶךְ׃ 13
अब ध्यान रहे कि तुम्हारा चुना हुआ राजा यह है—तुम्हारे ही द्वारा चुना हुआ! देखो, याहवेह ने तुम्हें राजा प्रदान किया है.
אִם־תִּֽירְא֣וּ אֶת־יְהוָ֗ה וַעֲבַדְתֶּ֤ם אֹתֹו֙ וּשְׁמַעְתֶּ֣ם בְּקֹלֹ֔ו וְלֹ֥א תַמְר֖וּ אֶת־פִּ֣י יְהוָ֑ה וִהְיִתֶ֣ם גַּם־אַתֶּ֗ם וְגַם־הַמֶּ֙לֶךְ֙ אֲשֶׁ֣ר מָלַ֣ךְ עֲלֵיכֶ֔ם אַחַ֖ר יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיכֶֽם׃ 14
अब यदि तुम याहवेह के प्रति श्रद्धा और भय की भावना बनाए रखो, उनके प्रति आज्ञाकारी रहकर उन्हीं की वंदना करते रहो तथा उनके आदेशों के प्रति विद्रोही न बनो; साथ ही यदि तुम और तुम पर शासन कर रहा राजा याहवेह तुम्हारे परमेश्वर का अनुसरण करते रहें, तो सभी कुछ भला ही होता रहेगा!
וְאִם־לֹ֤א תִשְׁמְעוּ֙ בְּקֹ֣ול יְהוָ֔ה וּמְרִיתֶ֖ם אֶת־פִּ֣י יְהוָ֑ה וְהָיְתָ֧ה יַד־יְהוָ֛ה בָּכֶ֖ם וּבַאֲבֹתֵיכֶֽם׃ 15
मगर यदि तुम याहवेह की आज्ञाओं का पालन न करो, उनके आदेशों के प्रति विद्रोह करो, तब याहवेह का हाथ तुम पर उठेगा जैसे तुम्हारे पूर्वजों के विरुद्ध उठा था.
גַּם־עַתָּה֙ הִתְיַצְּב֣וּ וּרְא֔וּ אֶת־הַדָּבָ֥ר הַגָּדֹ֖ול הַזֶּ֑ה אֲשֶׁ֣ר יְהוָ֔ה עֹשֶׂ֖ה לְעֵינֵיכֶֽם׃ 16
“तो अब स्थिर खड़े होकर स्वयं अपने नेत्रों से वह अद्भुत काम को होता हुआ देखो! जो याहवेह तुम्हारे सामने करने पर हैं.
הֲלֹ֤וא קְצִיר־חִטִּים֙ הַיֹּ֔ום אֶקְרָא֙ אֶל־יְהוָ֔ה וְיִתֵּ֥ן קֹלֹ֖ות וּמָטָ֑ר וּדְע֣וּ וּרְא֗וּ כִּֽי־רָעַתְכֶ֤ם רַבָּה֙ אֲשֶׁ֤ר עֲשִׂיתֶם֙ בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֔ה לִשְׁאֹ֥ול לָכֶ֖ם מֶֽלֶךְ׃ ס 17
क्या यह गेहूं की उपज कटने का समय नहीं है? मैं याहवेह से प्रार्थना करूंगा कि वह गर्जन और बारिश भेज दें. इसी से तुम पर यह बात साबित हो जाएगी, कि याहवेह की दृष्टि में कैसा घोर है यह पाप, जो तुमने उनसे अपने लिए राजा की याचना करने के द्वारा किया है.”
וַיִּקְרָ֤א שְׁמוּאֵל֙ אֶל־יְהוָ֔ה וַיִּתֵּ֧ן יְהוָ֛ה קֹלֹ֥ת וּמָטָ֖ר בַּיֹּ֣ום הַה֑וּא וַיִּירָ֨א כָל־הָעָ֥ם מְאֹ֛ד אֶת־יְהוָ֖ה וְאֶת־שְׁמוּאֵֽל׃ 18
तब शमुएल ने याहवेह की दोहाई दी और याहवेह ने उसी समय गर्जन और बारिश भेज दी. सभी लोगों पर याहवेह तथा शमुएल का गहरा भय छा गया.
וַיֹּאמְר֨וּ כָל־הָעָ֜ם אֶל־שְׁמוּאֵ֗ל הִתְפַּלֵּ֧ל בְּעַד־עֲבָדֶ֛יךָ אֶל־יְהוָ֥ה אֱלֹהֶ֖יךָ וְאַל־נָמ֑וּת כִּֽי־יָסַ֤פְנוּ עַל־כָּל־חַטֹּאתֵ֙ינוּ֙ רָעָ֔ה לִשְׁאֹ֥ל לָ֖נוּ מֶֽלֶךְ׃ ס 19
सभी लोग शमुएल से विनती करने लगे, “याहवेह, अपने परमेश्वर से हमारे लिए, अपने सेवकों के लिए, प्रार्थना कीजिए कि इससे हमारी मृत्यु न हो जाए, क्योंकि राजा की याचना करने के द्वारा हमने अपने पापों की संख्या बढ़ा डाली है.”
וַיֹּ֨אמֶר שְׁמוּאֵ֤ל אֶל־הָעָם֙ אַל־תִּירָ֔אוּ אַתֶּ֣ם עֲשִׂיתֶ֔ם אֵ֥ת כָּל־הָרָעָ֖ה הַזֹּ֑את אַ֗ךְ אַל־תָּס֙וּרוּ֙ מֵאַחֲרֵ֣י יְהוָ֔ה וַעֲבַדְתֶּ֥ם אֶת־יְהוָ֖ה בְּכָל־לְבַבְכֶֽם׃ 20
तब शमुएल ने लोगों से कहा, “डरो मत! अवश्य यह गलत काम तो आपने किया है; पर याहवेह का अनुसरण करना कभी न छोड़ना. अपने संपूर्ण हृदय से याहवेह की वंदना करते रहना.
וְלֹ֖א תָּס֑וּרוּ כִּ֣י ׀ אַחֲרֵ֣י הַתֹּ֗הוּ אֲשֶׁ֧ר לֹֽא־יֹועִ֛ילוּ וְלֹ֥א יַצִּ֖ילוּ כִּי־תֹ֥הוּ הֵֽמָּה׃ 21
बेकार की वस्तुओं की ओर कभी न फिरना. वे न तो लाभकर होती है, न ही उनमें तुम्हें छुड़ाने की ही क्षमता है, क्योंकि वे खोखली हैं.
כִּ֠י לֹֽא־יִטֹּ֤שׁ יְהוָה֙ אֶת־עַמֹּ֔ו בַּעֲב֖וּר שְׁמֹ֣ו הַגָּדֹ֑ול כִּ֚י הֹואִ֣יל יְהוָ֔ה לַעֲשֹׂ֥ות אֶתְכֶ֛ם לֹ֖ו לְעָֽם׃ 22
अपने महान नाम की रक्षा के लिए याहवेह अपने लोगों को कभी ना अस्वीकार करेगा. तुम्हें अपनी निज प्रजा बना लेने में उनकी संतुष्टि थी.
גַּ֣ם אָנֹכִ֗י חָלִ֤ילָה לִּי֙ מֵחֲטֹ֣א לַֽיהוָ֔ה מֵחֲדֹ֖ל לְהִתְפַּלֵּ֣ל בַּעַדְכֶ֑ם וְהֹורֵיתִ֣י אֶתְכֶ֔ם בְּדֶ֥רֶךְ הַטֹּובָ֖ה וְהַיְשָׁרָֽה׃ 23
जहां तक मेरा प्रश्न है, मुझसे याहवेह के विरुद्ध वह पाप कभी न होगा, कि मैं तुम्हारे लिए प्रार्थना करना छोड़ दूं. इसके अलावा मैं सही और सीधे मार्ग के विषय में तुम्हें शिक्षा देता रहूंगा.
אַ֣ךְ ׀ יְר֣אוּ אֶת־יְהוָ֗ה וַעֲבַדְתֶּ֥ם אֹתֹ֛ו בֶּאֱמֶ֖ת בְּכָל־לְבַבְכֶ֑ם כִּ֣י רְא֔וּ אֵ֥ת אֲשֶׁר־הִגְדִּ֖ל עִמָּכֶֽם׃ 24
स्थिति कैसी भी हो, याहवेह पर तुम्हारी श्रद्धा बनी रहे, तथा संपूर्ण हृदय से, पूर्ण विश्वासयोग्यता में, तुम उनकी सेवा-वन्दना करते रहो, और सोचो की कैसे बड़े-बड़े काम याहवेह ने तुम्हारे लिए किए हैं.
וְאִם־הָרֵ֖עַ תָּרֵ֑עוּ גַּם־אַתֶּ֥ם גַּֽם־מַלְכְּכֶ֖ם תִּסָּפֽוּ׃ פ 25
मगर यदि तुम दुराचार में लगे रहो, तो तुम्हारा और तुम्हारे राजा, दोनों ही का अस्तित्व मिटा दिया जाएगा.”

< 1 שְׁמוּאֵל 12 >