< 1 מְלָכִים 4 >

וַֽיְהִי֙ הַמֶּ֣לֶךְ שְׁלֹמֹ֔ה מֶ֖לֶךְ עַל־כָּל־יִשְׂרָאֵֽל׃ ס 1
और सुलेमान बादशाह तमाम इस्राईल का बादशाह था।
וְאֵ֥לֶּה הַשָּׂרִ֖ים אֲשֶׁר־לֹ֑ו עֲזַרְיָ֥הוּ בֶן־צָדֹ֖וק הַכֹּהֵֽן׃ ס 2
और जो सरदार उसके पास थे, वह यह थे: सदूक़ का बेटा अज़रियाह काहिन,
אֱלִיחֹ֧רֶף וַאֲחִיָּ֛ה בְּנֵ֥י שִׁישָׁ֖א סֹפְרִ֑ים יְהֹושָׁפָ֥ט בֶּן־אֲחִיל֖וּד הַמַּזְכִּֽיר׃ 3
और सीसा के बेटे इलीहोरिफ़ और अख़ियाह मुंशी थे, और अख़ीलूद का बेटा यहूसफ़त मुवर्रिख़ था;
וּבְנָיָ֥הוּ בֶן־יְהֹויָדָ֖ע עַל־הַצָּבָ֑א וְצָדֹ֥וק וְאֶבְיָתָ֖ר כֹּהֲנִֽים׃ ס 4
और यहूयदा' का बेटा बिनायाह लश्कर का सरदार, और सदूक़ और अबीयातर काहिन थे;
וַעֲזַרְיָ֥הוּ בֶן־נָתָ֖ן עַל־הַנִּצָּבִ֑ים וְזָב֧וּד בֶּן־נָתָ֛ן כֹּהֵ֖ן רֵעֶ֥ה הַמֶּֽלֶךְ׃ 5
और नातन का बेटा अज़रियाह मन्सबदारों का दारोग़ा था, और नातन का बेटा ज़बूद काहिन और बादशाह का दोस्त था;
וַאֲחִישָׁ֖ר עַל־הַבָּ֑יִת וַאֲדֹנִירָ֥ם בֶּן־עַבְדָּ֖א עַל־הַמַּֽס׃ ס 6
और अख़ीसर महल का दीवान, और 'अबदा का बेटा अदूनिराम बेगार का मुन्सरिम था।
וְלִשְׁלֹמֹ֞ה שְׁנֵים־עָשָׂ֤ר נִצָּבִים֙ עַל־כָּל־יִשְׂרָאֵ֔ל וְכִלְכְּל֥וּ אֶת־הַמֶּ֖לֶךְ וְאֶת־בֵּיתֹ֑ו חֹ֧דֶשׁ בַּשָּׁנָ֛ה יִהְיֶ֥ה עַל־אֶחָד (הָאֶחָ֖ד) לְכַלְכֵּֽל׃ ס 7
और सुलेमान ने सब इस्राईल पर बारह मन्सबदार मुक़र्रर किए, जो बादशाह और उसके घराने के लिए ख़ुराक पहुँचाते थे। हर एक को साल में महीना भर ख़ूराक पहुँचानी पड़ती थी।
וְאֵ֣לֶּה שְׁמֹותָ֔ם בֶּן־ח֖וּר בְּהַ֥ר אֶפְרָֽיִם׃ ס 8
उनके नाम यह हैं: इफ़्राईम के पहाड़ी मुल्क में बिनहूर;
בֶּן־דֶּ֛קֶר בְּמָקַ֥ץ וּבְשַֽׁעַלְבִ֖ים וּבֵ֣ית שָׁ֑מֶשׁ וְאֵילֹ֖ון בֵּ֥ית חָנָֽן׃ ס 9
और मक़स और सा'लबीम और बैतशम्स और ऐलोन बैतहनान में बिन दिक़र
בֶּן־חֶ֖סֶד בָּֽאֲרֻבֹּ֑ות לֹ֥ו שֹׂכֹ֖ה וְכָל־אֶ֥רֶץ חֵֽפֶר׃ ס 10
और अरबूत में बिन हसद था, और शोको और हिफ़र की सारी सर — ज़मीन उसके 'इलाक़े में थी;
בֶּן־אֲבִֽינָדָ֖ב כָּל־נָ֣פַת דֹּ֑אר טָפַת֙ בַּת־שְׁלֹמֹ֔ה הָ֥יְתָה לֹּ֖ו לְאִשָּֽׁה׃ ס 11
और दोर के सारे मुर्तफ़ा' इलाक़े में बिन अबीनदाब था, और सुलेमान की बेटी ताफ़त उसकी बीवी थी;
בַּֽעֲנָא֙ בֶּן־אֲחִיל֔וּד תַּעְנַ֖ךְ וּמְגִדֹּ֑ו וְכָל־בֵּ֣ית שְׁאָ֡ן אֲשֶׁר֩ אֵ֨צֶל צָרְתַ֜נָה מִתַּ֣חַת לְיִזְרְעֶ֗אל מִבֵּ֤ית שְׁאָן֙ עַ֚ד אָבֵ֣ל מְחֹולָ֔ה עַ֖ד מֵעֵ֥בֶר לְיָקְמֳעָֽם׃ ס 12
और अख़ीलूद का बेटा बा'ना था, जिसके ज़िम्मा ता'नक और मजिद्दो और सारा बैतशान था, जो ज़रतान से मुत्तसिल और यज़र'एल के नीचे बैतशान से अबील महोला तक या'नी युक़म'आम से उधर तक था;
בֶּן־גֶּ֖בֶר בְּרָמֹ֣ת גִּלְעָ֑ד לֹ֡ו חַוֹּת֩ יָאִ֨יר בֶּן־מְנַשֶּׁ֜ה אֲשֶׁ֣ר בַּגִּלְעָ֗ד לֹ֚ו חֶ֤בֶל אַרְגֹּב֙ אֲשֶׁ֣ר בַּבָּשָׁ֔ן שִׁשִּׁים֙ עָרִ֣ים גְּדֹלֹ֔ות חֹומָ֖ה וּבְרִ֥יחַ נְחֹֽשֶׁת׃ ס 13
और बिन जबर रामात जिल'आद में था, और मनस्सी के बेटे याईर की बस्तियाँ जो जिल'आद में हैं उसके ज़िम्मा थीं, और बसन में अरजूब का 'इलाक़ा भी इसी के ज़िम्मा था जिसमें साठ बड़े शहर थे जिनकी शहर पनाहें और पीतल के बेंडे थे;
אֲחִֽינָדָ֥ב בֶּן־עִדֹּ֖א מַחֲנָֽיְמָה׃ 14
और इददु का बेटा अख़ीनदाब महनायम में था;
אֲחִימַ֖עַץ בְּנַפְתָּלִ֑י גַּם־ה֗וּא לָקַ֛ח אֶת־בָּשְׂמַ֥ת בַּת־שְׁלֹמֹ֖ה לְאִשָּֽׁה׃ 15
और अख़ीमा'ज़ नफ़्ताली में था, इसने भी सुलेमान की बेटी बसीमत को ब्याह लिया था;
בַּֽעֲנָא֙ בֶּן־חוּשָׁ֔י בְּאָשֵׁ֖ר וּבְעָלֹֽות׃ ס 16
और हूसी का बेटा बा'ना आशर और ब'अलोत में था;
יְהֹושָׁפָ֥ט בֶּן־פָּר֖וּחַ בְּיִשָׂשכָֽר׃ ס 17
और फ़रूह का बेटा यहूसफ़त इश्कार में था;
שִׁמְעִ֥י בֶן־אֵלָ֖א בְּבִנְיָמִֽן׃ ס 18
और ऐला का बेटा सिमई बिनयमीन में था;
גֶּ֥בֶר בֶּן־אֻרִ֖י בְּאֶ֣רֶץ גִּלְעָ֑ד אֶ֜רֶץ סִיחֹ֣ון ׀ מֶ֣לֶךְ הָאֱמֹרִ֗י וְעֹג֙ מֶ֣לֶךְ הַבָּשָׁ֔ן וּנְצִ֥יב אֶחָ֖ד אֲשֶׁ֥ר בָּאָֽרֶץ׃ 19
और ऊरी का बेटा जबर जिल'आद के 'इलाक़े में था, जो अमोरियों के बादशाह सीहोन और बसन के बादशाह 'ओज का मुल्क था, उस मुल्क का वही अकेला मन्सबदार था।
יְהוּדָ֤ה וְיִשְׂרָאֵל֙ רַבִּ֔ים כַּחֹ֥ול אֲשֶׁר־עַל־הַיָּ֖ם לָרֹ֑ב אֹכְלִ֥ים וְשֹׁתִ֖ים וּשְׂמֵחִֽים׃ 20
और यहूदाह और इस्राईल के लोग कसरत में समुन्दर के किनारे की रेत की तरह थे, और खाते — पीते और ख़ुश रहते थे।
וּשְׁלֹמֹ֗ה הָיָ֤ה מֹושֵׁל֙ בְּכָל־הַמַּמְלָכֹ֔ות מִן־הַנָּהָר֙ אֶ֣רֶץ פְּלִשְׁתִּ֔ים וְעַ֖ד גְּב֣וּל מִצְרָ֑יִם מַגִּשִׁ֥ים מִנְחָ֛ה וְעֹבְדִ֥ים אֶת־שְׁלֹמֹ֖ה כָּל־יְמֵ֥י חַיָּֽיו׃ פ 21
और सुलेमान दरिया — ए — फ़ुरात से फ़िलिस्तियों के मुल्क तक, और मिस्र की सरहद तक सब हुकूमतों पर हाकिम था। वह उसके लिए हदिये लाती थीं, और सुलेमान की उम्र भर उसकी फ़रमाबरदार रहीं।
וַיְהִ֥י לֶֽחֶם־שְׁלֹמֹ֖ה לְיֹ֣ום אֶחָ֑ד שְׁלֹשִׁ֥ים כֹּר֙ סֹ֔לֶת וְשִׁשִּׁ֥ים כֹּ֖ר קָֽמַח׃ 22
और सुलेमान की एक दिन की ख़ुराक यह थी: तीस कोर मैदा और साठ कोर आटा,
עֲשָׂרָ֨ה בָקָ֜ר בְּרִאִ֗ים וְעֶשְׂרִ֥ים בָּקָ֛ר רְעִ֖י וּמֵ֣אָה צֹ֑אן לְ֠בַד מֵֽאַיָּ֤ל וּצְבִי֙ וְיַחְמ֔וּר וּבַרְבֻּרִ֖ים אֲבוּסִֽים׃ 23
और दस मोटे — मोटे बैल और चराई पर के बीस बैल, एक सौ भेड़े, और इनके 'अलावा चिकारे और हिरन और छोटे हिरन और मोटे ताज़ा मुर्ग़।
כִּי־ה֞וּא רֹדֶ֣ה ׀ בְּכָל־עֵ֣בֶר הַנָּהָ֗ר מִתִּפְסַח֙ וְעַד־עַזָּ֔ה בְּכָל־מַלְכֵ֖י עֵ֣בֶר הַנָּהָ֑ר וְשָׁלֹ֗ום הָ֥יָה לֹ֛ו מִכָּל־עֲבָרָ֖יו מִסָּבִֽיב׃ 24
क्यूँकि वह दरिया — ए — फ़ुरात की इस तरफ़ के सब मुल्क पर, तिफ़सह से ग़ज़्ज़ा तक, या'नी सब बादशाहों पर जो दरिया — ए — फ़ुरात की इस तरफ़ थे फ़रमानरवा था, और उसके चारों तरफ़ सब पास पड़ोस में सबसे उसकी सुलह थी।
וַיֵּשֶׁב֩ יְהוּדָ֨ה וְיִשְׂרָאֵ֜ל לָבֶ֗טַח אִ֣ישׁ תַּ֤חַת גַּפְנֹו֙ וְתַ֣חַת תְּאֵֽנָתֹ֔ו מִדָּ֖ן וְעַד־בְּאֵ֣ר שָׁ֑בַע כֹּ֖ל יְמֵ֥י שְׁלֹמֹֽה׃ ס 25
और सुलेमान की उम्र भर यहूदाह और इस्राईल का एक — एक आदमी अपनी ताक और अपने अंजीर के दरख़्त के नीचे, दान से बैरसबा' तक अमन से रहता था।
וַיְהִ֣י לִשְׁלֹמֹ֗ה אַרְבָּעִ֥ים אֶ֛לֶף אֻרְוֹ֥ת סוּסִ֖ים לְמֶרְכָּבֹ֑ו וּשְׁנֵים־עָשָׂ֥ר אֶ֖לֶף פָּרָשִֽׁים׃ 26
और सुलेमान के यहाँ उसके रथों के लिए चालीस हज़ार थान और बारह हज़ार सवार थे'।
וְכִלְכְּלוּ֩ הַנִּצָּבִ֨ים הָאֵ֜לֶּה אֶת־הַמֶּ֣לֶךְ שְׁלֹמֹ֗ה וְאֵ֧ת כָּל־הַקָּרֵ֛ב אֶל־שֻׁלְחַ֥ן הַמֶּֽלֶךְ־שְׁלֹמֹ֖ה אִ֣ישׁ חָדְשֹׁ֑ו לֹ֥א יְעַדְּר֖וּ דָּבָֽר׃ 27
और उन मन्सबदारों में से हर एक अपने महीने में सुलेमान बादशाह के लिए, और उन सबके लिए जो सुलेमान बादशाह के दस्तरख़्वान पर आते थे, ख़ूराक पहुँचाता था; वह किसी चीज़ की कमी न होने देते थे।
וְהַשְּׂעֹרִ֣ים וְהַתֶּ֔בֶן לַסּוּסִ֖ים וְלָרָ֑כֶשׁ יָבִ֗אוּ אֶל־הַמָּקֹום֙ אֲשֶׁ֣ר יִֽהְיֶה־שָּׁ֔ם אִ֖ישׁ כְּמִשְׁפָּטֹֽו׃ ס 28
और लोग अपने — अपने फ़र्ज़ के मुताबिक़ घोड़ों और तेज़ रफ़्तार समन्दों के लिए जौ और भूसा उसी जगह ले आते थे जहाँ वह मन्सबदार होते थे।
וַיִּתֵּן֩ אֱלֹהִ֨ים חָכְמָ֧ה לִשְׁלֹמֹ֛ה וּתְבוּנָ֖ה הַרְבֵּ֣ה מְאֹ֑ד וְרֹ֣חַב לֵ֔ב כַּחֹ֕ול אֲשֶׁ֖ר עַל־שְׂפַ֥ת הַיָּֽם׃ 29
और ख़ुदा ने सुलेमान को हिकमत और समझ बहुत ही ज़्यादा, और दिल की बड़ाई भी 'इनायत की जैसी समुन्दर के किनारे की रेत होती है।
וַתֵּ֙רֶב֙ חָכְמַ֣ת שְׁלֹמֹ֔ה מֵֽחָכְמַ֖ת כָּל־בְּנֵי־קֶ֑דֶם וּמִכֹּ֖ל חָכְמַ֥ת מִצְרָֽיִם׃ 30
और सुलेमान की हिकमत सब अहल — ए — मशरिक़ की हिकमत, और मिस्र की सारी हिकमत पर फ़ोक़ियत रखती थी;
וַיֶּחְכַּם֮ מִכָּל־הָֽאָדָם֒ מֵאֵיתָ֣ן הָאֶזְרָחִ֗י וְהֵימָ֧ן וְכַלְכֹּ֛ל וְדַרְדַּ֖ע בְּנֵ֣י מָחֹ֑ול וַיְהִֽי־שְׁמֹ֥ו בְכָֽל־הַגֹּויִ֖ם סָבִֽיב׃ 31
इसलिए कि वह सब आदमियों से, बल्कि अज़राही ऐतान और हैमान और कलकूल और दरदा' से, जो बनी महूल थे, ज़्यादा दानिशमन्द था; और चारों तरफ़ की सब क़ौमों में उसकी शोहरत थी।
וַיְדַבֵּ֕ר שְׁלֹ֥שֶׁת אֲלָפִ֖ים מָשָׁ֑ל וַיְהִ֥י שִׁירֹ֖ו חֲמִשָּׁ֥ה וָאָֽלֶף׃ 32
और उसने तीन हज़ार मिसालें कहीं और उसके एक हज़ार पाँच गीत थे;
וַיְדַבֵּר֮ עַל־הֽ͏ָעֵצִים֒ מִן־הָאֶ֙רֶז֙ אֲשֶׁ֣ר בַּלְּבָנֹ֔ון וְעַד֙ הָאֵזֹ֔וב אֲשֶׁ֥ר יֹצֵ֖א בַּקִּ֑יר וַיְדַבֵּר֙ עַל־הַבְּהֵמָ֣ה וְעַל־הָעֹ֔וף וְעַל־הָרֶ֖מֶשׂ וְעַל־הַדָּגִֽים׃ 33
और उसने दरख़्तों का, या'नी लुबनान के देवदार से लेकर ज़ूफ़ा तक का जो दीवारों पर उगता है, बयान किया; और चौपायों और परिन्दों और रेंगने वाले जानदारों और मछलियों का भी बयान किया।
וַיָּבֹ֙אוּ֙ מִכָּל־הָ֣עַמִּ֔ים לִשְׁמֹ֕עַ אֵ֖ת חָכְמַ֣ת שְׁלֹמֹ֑ה מֵאֵת֙ כָּל־מַלְכֵ֣י הָאָ֔רֶץ אֲשֶׁ֥ר שָׁמְע֖וּ אֶת־חָכְמָתֹֽו׃ ס 34
और सब क़ौमों में से ज़मीन के सब बादशाहों की तरफ़ से जिन्होंने उसकी हिकमत की शोहरत सुनी थी, लोग सुलेमान की हिकमत को सुनने आते थे।

< 1 מְלָכִים 4 >