< Ἱερεμίας 48 >

1 καὶ ἐγένετο τῷ μηνὶ τῷ ἑβδόμῳ ἦλθεν Ισμαηλ υἱὸς Ναθανιου υἱοῦ Ελασα ἀπὸ γένους τοῦ βασιλέως καὶ δέκα ἄνδρες μετ’ αὐτοῦ πρὸς Γοδολιαν εἰς Μασσηφα καὶ ἔφαγον ἐκεῖ ἄρτον ἅμα
मोआब के बारे में। रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: नबू पर अफ़सोस, कि वह वीरान हो गया! क़रयताइम रुस्वा हुआ, और ले लिया गया; मिसजाब ख़जिल और पस्त हो गया।
2 καὶ ἀνέστη Ισμαηλ καὶ οἱ δέκα ἄνδρες οἳ ἦσαν μετ’ αὐτοῦ καὶ ἐπάταξαν τὸν Γοδολιαν ὃν κατέστησεν βασιλεὺς Βαβυλῶνος ἐπὶ τῆς γῆς
अब मोआब की ता'रीफ़ न होगी। हस्बोन में उन्होंने यह कह कर उसके ख़िलाफ़ मंसूबे बाँधे हैं कि: 'आओ, हम उसे बर्बाद करें कि वह क़ौम न कहलाए, ऐ मदमेन तू भी काट डाला जाएगा; तलवार तेरा पीछा करेगी।
3 καὶ πάντας τοὺς Ιουδαίους τοὺς ὄντας μετ’ αὐτοῦ ἐν Μασσηφα καὶ πάντας τοὺς Χαλδαίους τοὺς εὑρεθέντας ἐκεῖ
'होरोनायिम में चीख़ पुकार, 'वीरानी और बड़ी तबाही होगी।
4 καὶ ἐγένετο τῇ ἡμέρᾳ τῇ δευτέρᾳ πατάξαντος αὐτοῦ τὸν Γοδολιαν καὶ ἄνθρωπος οὐκ ἔγνω
मोआब बर्बाद हुआ; उसके बच्चों के नौहे की आवाज़ सुनाई देती है।
5 καὶ ἤλθοσαν ἄνδρες ἀπὸ Συχεμ καὶ ἀπὸ Σαλημ καὶ ἀπὸ Σαμαρείας ὀγδοήκοντα ἄνδρες ἐξυρημένοι πώγωνας καὶ διερρηγμένοι τὰ ἱμάτια καὶ κοπτόμενοι καὶ μαναα καὶ λίβανος ἐν χερσὶν αὐτῶν τοῦ εἰσενεγκεῖν εἰς οἶκον κυρίου
क्यूँकि लूहीत की चढ़ाई पर आह — ओ — नाला करते हुए चढ़ेंगे यक़ीनन होरोनायिम की उतराई पर मुख़ालिफ़ हलाकत के जैसी आवाज़ सुनते हैं।
6 καὶ ἐξῆλθεν εἰς ἀπάντησιν αὐτοῖς Ισμαηλ αὐτοὶ ἐπορεύοντο καὶ ἔκλαιον καὶ εἶπεν αὐτοῖς εἰσέλθετε πρὸς Γοδολιαν
भागो! अपनी जान बचाओ! वीराने में रतमा के दरख़्त की तरह हो जाओ!
7 καὶ ἐγένετο εἰσελθόντων αὐτῶν εἰς τὸ μέσον τῆς πόλεως ἔσφαξεν αὐτοὺς εἰς τὸ φρέαρ
और चूँकि तूने अपने कामों और ख़ज़ानों पर भरोसा किया इसलिए तू भी गिरफ़्तार होगा; और कमोस अपने काहिनों और हाकिम के साथ ग़ुलाम होकर जाएगा।
8 καὶ δέκα ἄνδρες εὑρέθησαν ἐκεῖ καὶ εἶπαν τῷ Ισμαηλ μὴ ἀνέλῃς ἡμᾶς ὅτι εἰσὶν ἡμῖν θησαυροὶ ἐν ἀγρῷ πυροὶ καὶ κριθαί μέλι καὶ ἔλαιον καὶ παρῆλθεν καὶ οὐκ ἀνεῖλεν αὐτοὺς ἐν μέσῳ τῶν ἀδελφῶν αὐτῶν
और ग़ारतगर हर एक शहर पर आएगा, और कोई शहर न बचेगा; वादी भी वीरान होगी, और मैदान उजाड़ हो जाएगा; जैसा ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है।
9 καὶ τὸ φρέαρ εἰς ὃ ἔρριψεν ἐκεῖ Ισμαηλ πάντας οὓς ἐπάταξεν φρέαρ μέγα τοῦτό ἐστιν ὃ ἐποίησεν ὁ βασιλεὺς Ασα ἀπὸ προσώπου Βαασα βασιλέως Ισραηλ τοῦτο ἐνέπλησεν Ισμαηλ τραυματιῶν
मोआब को पर लगा दो, ताकि उड़ जाए क्यूँकि उसके शहर उजाड़ होंगे और उनमे कोई बसनेवाला न होगा।
10 καὶ ἀπέστρεψεν Ισμαηλ πάντα τὸν λαὸν τὸν καταλειφθέντα εἰς Μασσηφα καὶ τὰς θυγατέρας τοῦ βασιλέως ἃς παρεκατέθετο ὁ ἀρχιμάγειρος τῷ Γοδολια υἱῷ Αχικαμ καὶ ᾤχετο εἰς τὸ πέραν υἱῶν Αμμων
जो ख़ुदावन्द का काम बेपरवाई से करता है, और जो अपनी तलवार को ख़ूँरेज़ी से बाज़ रखता है, मला'ऊन हो।
11 καὶ ἤκουσεν Ιωαναν υἱὸς Καρηε καὶ πάντες οἱ ἡγεμόνες τῆς δυνάμεως οἱ μετ’ αὐτοῦ πάντα τὰ κακά ἃ ἐποίησεν Ισμαηλ
मोआब बचपन ही से आराम से रहा है, और उसकी तलछट तहनशीन रही, न वह एक बर्तन से दूसरे में उँडेला गया और न ग़ुलामी में गया; इसलिए उसका मज़ा उसमें क़ाईम है और उसकी बू नहीं बदली।
12 καὶ ἤγαγον ἅπαν τὸ στρατόπεδον αὐτῶν καὶ ᾤχοντο πολεμεῖν αὐτὸν καὶ εὗρον αὐτὸν ἐπὶ ὕδατος πολλοῦ ἐν Γαβαων
इसलिए देख, वह दिन आते हैं, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि मैं उण्डेलने वालों को उसके पास भेजूँगा कि वह उसे उलटाएँ; और उसके बर्तनों को ख़ाली और मटकों को चकनाचूर करें।
13 καὶ ἐγένετο ὅτε εἶδον πᾶς ὁ λαὸς ὁ μετὰ Ισμαηλ τὸν Ιωαναν καὶ τοὺς ἡγεμόνας τῆς δυνάμεως τῆς μετ’ αὐτοῦ
तब मोआब कमोस से शर्मिन्दा होगा, जिस तरह इस्राईल का घराना बैतएल से जो उसका भरोसा था, ख़जिल हुआ।
14 καὶ ἀνέστρεψαν πρὸς Ιωαναν
तुम क्यूँकर कहते हो, कि 'हम पहलवान हैं और जंग के लिए ज़बरदस्त सूर्मा हैं'?
15 καὶ Ισμαηλ ἐσώθη σὺν ὀκτὼ ἀνθρώποις καὶ ᾤχετο πρὸς τοὺς υἱοὺς Αμμων
मोआब ग़ारत हुआ; उसके शहरों का धुवाँ उठ रहा है, और उसके चीदा जवान क़त्ल होने को उतर गए; वह बादशाह फ़रमाता है जिसका नाम रब्ब — उल — अफ़वाज है।
16 καὶ ἔλαβεν Ιωαναν καὶ πάντες οἱ ἡγεμόνες τῆς δυνάμεως οἱ μετ’ αὐτοῦ πάντας τοὺς καταλοίπους τοῦ λαοῦ οὕς ἀπέστρεψεν ἀπὸ Ισμαηλ δυνατοὺς ἄνδρας ἐν πολέμῳ καὶ τὰς γυναῖκας καὶ τὰ λοιπὰ καὶ τοὺς εὐνούχους οὓς ἀπέστρεψεν ἀπὸ Γαβαων
नज़दीक है कि मोआब पर आफ़त आए, और उनका वबाल दौड़ा आता है।
17 καὶ ᾤχοντο καὶ ἐκάθισαν ἐν Γαβηρωθ‐χαμααμ τὴν πρὸς Βηθλεεμ τοῦ πορευθῆναι εἰσελθεῖν εἰς Αἴγυπτον
ऐ उसके आस — पास वालों, सब उस पर अफ़सोस करो; और तुम सब जो उसके नाम से वाक़िफ़ हो कहो कि यह मोटा 'असा और ख़ूबसूरत डंडा क्यूँकर टूट गया।
18 ἀπὸ προσώπου τῶν Χαλδαίων ὅτι ἐφοβήθησαν ἀπὸ προσώπου αὐτῶν ὅτι ἐπάταξεν Ισμαηλ τὸν Γοδολιαν ὃν κατέστησεν βασιλεὺς Βαβυλῶνος ἐν τῇ γῇ
ऐ बेटी, जो दीबोन में बसती है! अपनी शौकत से नीचे उतर और प्यासी बैठ; क्यूँकि मोआब का ग़ारतगर तुझ पर चढ़ आया है और उसने तेरे क़िलों' को तोड़ डाला।
ऐ अरो'ईर की रहने वाली' तू राह पर खड़ी हो, और निगाह कर! भागने वाले से और उससे जो बच निकली हो; पूछ कि 'क्या माजरा है?'
मोआब रुस्वा हुआ, क्यूँकि वह पस्त कर दिया गया, तुम वावैला मचाओ और चिल्लाओ! अरनोन में इश्तिहार दो, कि मोआब ग़ारत हो गया।
और कि सहरा की अतराफ़ पर, होलून पर, और यहसाह पर, और मिफ़'अत पर,
और दीबोन पर, और नबू पर, और बैत — दिब्बलताइम पर,
और करयताइम पर, और बैत — जमूल पर, और बैत — म'ऊन पर,
और करयोत पर, और बुसराह, और मुल्क — ए — मोआब के दूर — ओ — नज़दीक के सब शहरों पर 'ऐज़ाब नाज़िल हुआ है।
मोआब का सींग काटा गया, और उसका बाज़ू तोड़ा गया, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
तुम उसको मदहोश करो, क्यूँकि उसने अपने आपको ख़ुदावन्द के सामने बुलन्द किया; मोआब अपनी क़य में लोटेगा और मस्ख़रा बनेगा।
क्या इस्राईल तेरे आगे मस्ख़रा न था? क्या वह चोरों के बीच पाया गया कि जब कभी तू उसका नाम लेता था, तू सिर हिलाता था?
“ऐ मोआब के बाशिन्दों, शहरों को छोड़ दो और चट्टान पर जा बसो; और कबूतर की तरह बनो जो गहरे ग़ार के मुँह के किनारे पर आशियाना बनाता है।
हम ने मोआब का तकब्बुर सुना है, वह बहुत मग़रूर है, उसकी गुस्ताख़ी भी, और उसकी शेख़ी और उसका ग़ुरूर और उसके दिल का तकब्बुर
मैं उसका क़हर जानता हूँ, ख़ुदावन्द फ़रमाता है; वह कुछ नहीं और उसकी शेख़ी से कुछ बन न पड़ा।
इसलिए मैं मोआब के लिए वावैला करूँगा; हाँ, सारे मोआब के लिए मैं ज़ार — ज़ार रोऊँगा; कोर हरस के लोगों के लिए मातम किया जाएगा।
ऐ सिबमाह की ताक, मैं या'ज़ेर के रोने से ज़्यादा तेरे लिए रोऊँगा; तेरी शाख़ें समन्दर तक फैल गईं, वह या'ज़ेर के समन्दर तक पहुँच गईं, ग़ारतगर तेरे ताबिस्तानी मेवों पर और तेरे अंगूरों पर आ पड़ा है
ख़ुशी और शादमानी हरे भरे खेतों से और मोआब के मुल्क से उठा ली गई; और मैंने अंगूर के हौज़ में मय बाक़ी नहीं छोड़ी, अब कोई ललकार कर न लताड़ेगा; उनका ललकारना, ललकारना न होगा।
'हस्बोन के रोने से वह अपनी आवाज़ को इली'आली और यहज़ तक और ज़ुग़र से होरोनायिम तक 'इजलत शलीशियाह तक बुलन्द करते हैं; क्यूँकि नमरियम के चश्मे भी ख़राब हो गए हैं।
और ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कि जो कोई ऊँचे मक़ाम पर क़ुर्बानी चढ़ाता है, और जो कोई अपने मा'बूदों के आगे ख़ुशबू जलाता है, मोआब में से हलाक कर दूँगा।
इसलिए मेरा दिल मोआब के लिए बाँसरी की तरह आहें भरता, और क़ीर हरस के लोगों के लिए शहनाओं की तरह फुग़ान करता है, क्यूँकि उसका फ़िरावान ज़ख़ीरा तलफ़ हो गया।
हक़ीक़त में हर एक सिर मुंडा है, और हर एक दाढ़ी कतरी गई; हर एक के हाथ पर ज़ख्म है और हर एक की कमर पर टाट।
मोआब के सब घरों की छतों पर और उसके सब बाज़ारों में बड़ा मातम होगा, क्यूँकि मैंने मोआब को उस बर्तन की तरह जो पसन्द न आए तोड़ा है, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
वह वावैला करेंगे और कहेंगे, कि उसने कैसी शिकस्त खाई है! मोआब ने शर्म के मारे क्यूँकर अपनी पीठ फेरी! तब मोआब सब आस — पास वालों के लिए हँसी और ख़ौफ़ का ज़रिया' होगा।”
क्यूँकि ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि देख, वह 'उक़ाब की तरह उड़ेगा और मोआब के ख़िलाफ़ बाज़ू फैलाएगा।
वहाँ के शहर और क़िले' ले लिए जायेंगे और उस दिन मोआब के बहादुरों के दिल ज़च्चा के दिल की तरह होंगे।
और मोआब हलाक किया जाएगा और क़ौम न कहलाएगा, इसलिए कि उसने ख़ुदावन्द के सामने अपने आपको बुलन्द किया।
ख़ौफ़ और गढ़ा और दाम तुझ पर मुसल्लत होंगे, ऐ साकिन — ए — मोआब, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
जो कोई दहशत से भागे, गढ़े में गिरेगा, और जो गढ़े से निकले, दाम में फँसेगा; क्यूँकि मैं उन पर, हाँ, मोआब पर उनकी सियासत का बरस लाऊँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
“जो भागे, इसलिए हस्बोन के साये तले बेताब खड़े हैं; लेकिन हस्बोन से आग और सीहोन के वस्त से एक शो'ला निकलेगा और मोआब की दाढ़ी के कोने को और हर एक फ़सादी की चाँद को खा जाएगा।
हाय, तुझ पर ऐ मोआब! कमोस के लोग हलाक हुए, क्यूँकि तेरे बेटों को ग़ुलाम करके ले गए और तेरी बेटियाँ भी ग़ुलाम हुईं।
बावजूद इसके मैं आख़री दिनों में मोआब के ग़ुलामों को वापस लाऊँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।” मोआब की 'अदालत यहाँ तक हुई।

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