< ⲖⲞⲨⲔⲞⲚ 10 >

1 ⲁ̅ ⲙⲛ̅ⲛⲥⲁ(ⲛⲁ)ⲓ̈ ⲁⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲥⲉⲧⲡ̅ⲕⲉϣϥⲉⲥⲛⲟⲟⲩⲥ ⲁϥϫⲟⲟⲩⲥⲉ ⲥⲛⲁⲩ ⲥⲛⲁⲩ ϩⲁⲧⲉϥϩⲏ ⲉⲡⲟⲗⲓⲥ ⲛⲓⲙ ⲛⲙⲙⲁ ⲛⲓⲙ ⲉⲧϥ̅ⲛⲁⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲣⲟⲟⲩ.
इसके बाद प्रभु ने अन्य बहत्तर व्यक्तियों को चुनकर उन्हें दो-दो करके उन नगरों और स्थानों पर अपने आगे भेज दिया, जहां वह स्वयं जाने पर थे.
2 ⲃ̅ ⲛⲉϥϫⲱ ⲇⲉ ⲙⲙⲟⲥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲡⲱϩⲥ̅ ⲙⲉⲛ ⲛⲁϣⲱϥ ⲛⲉⲣⲅⲁⲧⲏⲥ ⲇⲉ ⲥⲃⲕ̅ⲏⲡⲉ. ⲥⲉⲡⲥ̅ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲇⲉ ⲙⲡⲱϩⲥ̅ ϫⲉ ⲉϥⲉⲛⲉϫⲉⲣⲅⲁⲧⲏⲥ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲡⲉϥⲱϩⲥ̅.
प्रभु येशु ने उनसे कहा, “उपज तो बहुत है किंतु मज़दूर कम, इसलिये उपज के स्वामी से विनती करो कि इस उपज के लिए मज़दूर भेज दें.”
3 ⲅ̅ ⲃⲱⲕ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲁⲛⲟⲕ ϯϫⲟⲟⲩ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅ ⲛ̅ⲑⲉ ⲛϩⲉⲛϩⲓⲉⲓⲃ ⲛ̅ⲧⲙⲏⲧⲉ ⲛ̅ϩⲉⲛⲟⲩⲱⲛϣ̅.
जाओ! मैं तुम्हें भेज रहा हूं. तुम भेड़ियों के मध्य मेमनों के समान हो.
4 ⲇ̅ ⲙ̅ⲡⲣ̅ϥⲓⲧⲱⲱⲙⲉ ⲟⲩⲇⲉ ⲡⲏⲣⲁ. ⲟⲩⲇⲉ ⲧⲟⲟⲩⲉ. ⲁⲩⲱ ⲙ̅ⲡⲣ̅ⲁⲥⲡⲁⲍⲉ ⲗ̅ⲗⲁⲁⲩ ϩⲓⲧⲉϩⲓⲏ.
अपने साथ न तो धन, न झोला और न ही जूतियां ले जाना. मार्ग में किसी का कुशल मंगल पूछने में भी समय खर्च न करना.
5 ⲉ̅ ⲡⲏⲓ̈ ⲇⲉ ⲉⲧⲉⲧⲛⲁⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲣⲟϥ. ⲁϫⲓⲥ ⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅ ϫⲉ ϯⲣⲏⲛⲏ ⲙ̅ⲡⲉⲓ̈ⲏⲓ̈
“जिस किसी घर में प्रवेश करो, तुम्हारे सबसे पहले शब्द हों, ‘इस घर में शांति बनी रहे.’
6 ⲋ̅ ⲁⲩⲱ ⲉϣⲱⲡⲉ ⲟⲩⲛϣⲏⲣⲉ ⲛ̅ⲓ̈ⲣⲏⲛⲏ ⲙ̅ⲙⲁⲩ. ⲉⲣⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲓ̈ⲣⲏⲛⲏ ⲙ̅ⲧⲟⲛ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉϫⲱϥ. ⲉϣⲱⲡⲉ ⲇⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲛ. ⲉⲥⲉⲕⲟⲧⲥ̅ ⲉⲣⲱⲧⲛ̅.
यदि परिवार-प्रधान शांति प्रिय व्यक्ति है, तुम्हारी शांति उस पर बनी रहेगी. यदि वह ऐसा नहीं है तो तुम्हारी शांति तुम्हारे ही पास लौट आएगी.
7 ⲍ̅ ⲉⲧⲉⲧⲛⲉϭⲱ ⲇⲉ ϩⲛ̅ⲟⲩⲏⲓ̈ ⲛ̅ⲟⲩⲱⲧʾ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲟⲩⲱⲙ ⲁⲩⲱ ⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲱ ⲛ̅ⲧⲟⲟⲧⲟⲩ. ⲡⲉⲣⲅⲁⲧⲏⲥ ⲅⲁⲣ ⲙ̅ⲡϣⲁ ⲙ̅ⲡⲉϥⲃⲉⲕⲉ. ⲙ̅ⲡⲣ̅ⲡⲱⲱⲛⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲟⲩⲏⲓ̈ ⲉⲩⲏⲓ̈.
उसी घर के मेहमान बने रहना. भोजन और पीने के लिए जो कुछ तुम्हें परोसा जाए, उसे स्वीकार करना क्योंकि सेवक अपने वेतन का अधिकारी है. एक घर से निकलकर दूसरे घर में मेहमान न बनना.
8 ⲏ̅ ⲧⲡⲟⲗⲉⲓⲥ ⲇⲉ ⲉⲧⲉⲧⲛⲁⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲣⲟⲥ ⲛ̅ⲥⲉϣⲉⲡⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲟⲩⲱⲙ ⲛ̅ⲛⲉⲧⲟⲩⲛⲁⲕⲁⲁⲩ ϩⲁⲣⲱⲧⲛ̅
“जब तुम किसी नगर में प्रवेश करो और वहां लोग तुम्हें सहर्ष स्वीकार करें, तो जो कुछ तुम्हें परोसा जाए, उसे खाओ.
9 ⲑ̅ ⲁⲩⲱ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛⲧⲁⲗϭⲉⲛⲉⲧϣⲱⲛⲉ ⲛ̅ϩⲏⲧⲥ̅. ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ϫⲟⲟⲥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲁⲧⲙⲛ̅ⲧⲉⲣⲟ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ϩⲱⲛ ⲉϫⲱⲧⲛ̅.
वहां जो बीमार हैं, उन्हें चंगा करना और उन्हें सूचित करना, ‘परमेश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ गया है.’
10 ⲓ̅ ⲧⲡⲟⲗⲉⲓⲥ ⲇⲉ ⲉⲧⲉⲧⲛⲁⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲣⲟⲥ ⲛ̅ⲥⲉⲧⲙ̅ϣⲉⲡⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲉⲣⲟⲟⲩ. ⲁⲙⲏⲓ̈ⲧⲛ̅ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲛⲉⲥⲡⲗⲁⲧⲓⲁ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ϫⲟⲟⲥ
किंतु यदि तुम किसी नगर में प्रवेश करो और वहां नगरवासियों द्वारा स्वीकार न किए जाओ तो उस नगर की गलियों में जाकर यह घोषणा करो,
11 ⲓ̅ⲁ̅ ϫⲉ ⲡⲕⲉϣⲟⲓ̈ϣ ⲉⲛⲧⲁϥⲧⲱϭⲉ ⲉⲛⲉⲛⲟⲩⲉⲣⲏⲧⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ⲡⲟⲗⲉⲓⲥ. ⲧⲛ̅ϥⲱⲧⲉ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲛⲏⲧⲛ̅. ⲡⲗⲏⲛ ⲉ͡ⲓⲙⲉ ⲉⲡⲁⲓ̈ ϫⲉ ⲁⲧⲙⲛ̅ⲧⲉⲣⲟ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ϩⲱⲛ ⲉⲣⲱⲧⲛ̅.
‘तुम्हारे नगर की धूल तक, जो हमारे पांवों में लगी है, उसे हम तुम्हारे सामने एक चेतावनी के लिए झाड़ रहे हैं; परंतु यह जान लो कि परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है.’
12 ⲓ̅ⲃ̅ ϯϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ̅ ϫⲉ ⲥⲉⲛⲁϩⲣⲟϣ ⲛ̅ϩⲏⲧʾ ⲉϫⲛⲥⲟⲇⲟⲙⲁ ϩⲙ̅ⲡⲉϩⲟⲟⲩ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲉϩⲟⲩⲉⲧⲡⲟⲗⲉⲓⲥ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ.
सच मानो, न्याय के दिन पर सोदोम नगर के लिए तय किया गया दंड उस नगर के लिए तय किए दंड की तुलना में सहने योग्य होगा.
13 ⲓ̅ⲅ̅ ⲟⲩⲟⲓ̈ ⲛⲉ ⲭⲟⲣⲁⲍⲉⲓⲛ. ⲟⲩⲟⲓ̈ ⲛⲉ ⲃⲏⲇⲥⲁⲓ̈ⲇⲁ. ϫⲉ ⲉⲛⲉⲛⲧⲁⲛϭⲟⲙ ⲉⲛⲧⲁⲩϣⲱⲡⲉ ⲛ̅ϩⲏⲧʾⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ϣⲱⲡⲉ ϩⲛ̅ⲧⲩⲣⲟⲥ ⲛⲙⲥⲓⲇⲱⲛ ⲉϣϫⲡⲉ ⲁⲩϩⲙⲟⲟⲥ ϩⲛ̅ⲟⲩϭⲟⲟⲩⲛⲉ ⲛⲙ̅ⲟⲩⲕⲣ̅ⲙⲉⲥ ⲉⲩⲙⲉⲧⲁⲛⲟⲓ̈.
“धिक्कार है तुझ पर कोराज़ीन! धिक्कार है तुझ पर बैथसैदा! ये ही अद्भुत काम, जो तुझमें किए गए हैं यदि सोर और सीदोन नगरों में किए जाते तो वे विलाप-वस्त्र पहन, राख में बैठकर, कब के पश्चाताप कर चुके होते! पश्चाताप कर चुके होते.
14 ⲓ̅ⲇ̅ ⲡⲗⲏⲛ ⲥⲉⲛⲁⲁⲛⲉⲭⲉ ⲛ̅ⲧⲩⲣⲟⲥ ⲛⲙ̅ⲥⲓⲇⲱⲛ ϩⲛ̅ⲧⲉⲕⲣⲓⲥⲓⲥ ⲉϩⲟⲩⲉⲣⲱⲧⲛ̅.
किंतु तुम दोनों नगरों की तुलना में सोर और सीदोन नगरों का दंड सहने योग्य होगा.
15 ⲓ̅ⲉ̅ ⲛ̅ⲧⲟ ϩⲱⲱⲧⲉ ⲕⲁⲫⲁⲣⲛⲁⲟⲩⲙ ⲙⲏ ⲧⲉⲛⲁϫⲓⲥⲉ ϣⲁϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲧⲡⲉ. ⲥⲉⲛⲁⲛ̅ⲧⲉ ϣⲁⲁⲙⲛ̅ⲧⲉ. (Hadēs g86)
और कफ़रनहूम! क्या तू स्वर्ग तक ऊंचा किए जाने की आशा कर रहा है? अरे! तुझे तो पाताल में उतार दिया जाएगा. (Hadēs g86)
16 ⲓ̅ⲋ̅ ⲡⲉⲧⲥⲱⲧⲙ̅ ⲉⲣⲱⲧⲛ̅ ⲉϥⲥⲱⲧⲙ̅ ⲉⲣⲟⲓ̈ ⲁⲩⲱ ⲡⲉⲧⲁⲑⲉⲧⲓ ⲙ̅ⲙⲱⲧⲛ̅. ⲉϥⲁⲑⲉⲧⲓ ⲙ̅ⲙⲟⲓ̈. ⲡⲉⲧⲁⲑⲉⲧⲓ ⲇⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲓ̈ ⲉϥⲁⲑⲉⲧⲓ ⲙⲡⲉⲛⲧⲁϥⲧⲛ̅ⲛⲟⲟⲩⲧʾ·
“वह, जो तुम्हारी शिक्षा को सुनता है, मेरी शिक्षा को सुनता है; वह, जो तुम्हें अस्वीकार करता है, मुझे अस्वीकार करता है किंतु वह, जो मुझे अस्वीकार करता है, उन्हें अस्वीकार करता है, जिन्होंने मुझे भेजा है.”
17 ⲓ̅ⲍ̅ ⲁⲩⲕⲟⲧⲟⲩ ⲇⲉ ⲛ̅ϭⲓⲡⲉϣϥⲉⲥⲛⲟⲟⲩⲥ ϩⲛⲟⲩⲣⲁϣⲉ ⲉⲩϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲛ̅ⲕⲉⲩⲇⲁⲓⲙⲟⲛⲓⲟⲛ ⲥⲉϩⲩⲡⲟⲧⲁⲥⲥⲉ ⲛⲁⲛ ϩⲙ̅ⲡⲉⲕⲣⲁⲛ.
वे बहत्तर बहुत उत्साह से भरकर लौटे और कहने लगे, “प्रभु! आपके नाम में तो दुष्टात्मा भी हमारे सामने समर्पण कर देते हैं!”
18 ⲓ̅ⲏ̅ ⲡⲉϫⲁϥ ⲇⲉ ⲛⲁⲩ ϫⲉ ⲛⲉⲓ̈ⲛⲁⲩ ⲉⲡⲥⲁⲧⲁⲛⲁⲥ ⲉϥⲛⲏⲟⲩ ⲉⲡⲉⲥⲏⲧʾ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲧⲡⲉ ⲛⲑⲉ ⲛⲟⲩⲃⲣⲏϭⲉ.
इस पर प्रभु येशु ने उनसे कहा, “मैं शैतान को बिजली के समान स्वर्ग से गिरते देख रहा था.
19 ⲓ̅ⲑ̅ ⲉⲓⲥϩⲏⲏⲧⲉ ⲁⲓ̈ϯ ⲛⲏⲧⲛ̅ ⲛ̅ⲧⲉⲝⲟⲩⲥⲓⲁ ⲉϩⲱⲙ ⲉϫⲛ̅ⲛ̅ϩⲟϥ ⲛⲙ̅ⲟⲩⲟⲟϩⲉ ⲁⲩⲱ ⲉϫⲛ̅ⲧϭⲟⲙ ⲧⲏⲣⲥ̅ ⲙ̅ⲡϫⲁϫⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲙ̅ⲗⲁⲁⲩ ϫⲓⲧⲏⲩⲧⲛ̅ ⲛϭⲟⲛⲥ̅.
मैंने तुम्हें सांपों और बिच्छुओं को रौंदने तथा शत्रु के सभी सामर्थ्य का नाश करने का अधिकार दिया है इसलिये किसी भी रीति से तुम्हारी हानि न होगी.
20 ⲕ̅ ⲡⲗⲏⲛ ⲙ̅ⲡⲣ̅ⲣⲁϣⲉ ϩⲙ̅ⲡⲁⲓ̈ ϫⲉ ⲛⲉⲡⲛ̅ⲁ ϩⲩⲡⲟⲧⲁⲥⲥⲉ ⲛⲏⲧⲛ̅. ⲣⲁϣⲉ ⲇⲉ ⲛ̅ⲧⲟϥ ϫⲉ ⲛⲉⲧⲛ̅ⲣⲁⲛ ⲥⲏϩ ϩⲛ̅ⲙⲡⲏⲩⲉ.
फिर भी, तुम्हारे लिए आनंद का विषय यह न हो कि दुष्टात्मा तुम्हारी आज्ञाओं का पालन करते हैं परंतु यह कि तुम्हारे नाम स्वर्ग में लिखे जा चुके हैं.”
21 ⲕ̅ⲁ̅ ϩⲛ̅ⲧⲉⲩⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲁϥⲧⲉⲗⲏⲗ ϩⲙⲡⲉⲡⲛ̅ⲁ ⲉⲧⲟⲩⲁⲁⲃ ⲡⲉϫⲁϥ ϫⲉ. ϯⲉⲝⲟⲙⲟⲗⲟⲅⲓ ⲛⲁⲕ ⲡⲁⲓ̈ⲱⲧʾ ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲛ̅ⲧⲡⲉ ⲛⲙ̅ⲡⲕⲁϩ. ϫⲉ ⲁⲕϩⲉⲡⲛⲁⲓ̈ ⲉⲛⲥⲟⲫⲟⲥ ⲛⲙ̅ⲛ̅ⲥⲁⲃⲉ ⲁⲕϭⲟⲗⲡⲟⲩ ⲉⲃⲟⲗ ⲉϩⲉⲛϣⲏⲣⲉ ϣⲏⲙ. ⲁϩⲉ ⲡⲁⲓⲱⲧʾ ϫⲉ ⲧⲁⲓ̈ ⲧⲉ ⲑⲉ ⲉⲛⲧⲁⲥⲣ̅ⲁⲛⲁⲕ ⲙ̅ⲡⲉⲕⲙ̅ⲧⲟ ⲉⲃⲟⲗ.
प्रभु येशु पवित्र आत्मा के आनंद से भरकर कहने लगे, “पिता! स्वर्ग और पृथ्वी के स्वामी, मैं आपकी स्तुति करता हूं कि आपने ये सभी सच बुद्धिमानों और ज्ञानियों से छुपा रखे और नन्हे बालकों पर प्रकट कर दिए क्योंकि पिता, आपकी दृष्टि में यही अच्छा था.
22 ⲕ̅ⲃ̅ ⲁⲩϯ ⲛⲁⲓ̈ ⲛ̅ϩⲱⲃ ⲛⲓⲙ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲙ̅ⲡⲁⲓ̈ⲱⲧʾ ⲁⲩⲱ ⲙ̅ⲙⲛ̅ⲗⲁⲁⲩ ⲥⲟⲟⲩⲛ ϫⲉ ⲛⲓⲙ ⲡⲉ ⲡϣⲏⲣⲉ ⲛⲥⲁⲡⲓⲱⲧʾ ⲏ ⲛⲓⲙ ⲡⲉ ⲡⲓⲱⲧʾ ⲛⲥⲁⲡϣⲏⲣⲉ. ⲁⲩⲱ ⲡⲉⲧⲉⲣⲉⲡϣⲏⲣⲉ ⲛⲁⲟⲩⲁϣϥ̅ ϣⲁϥϭⲱⲗⲡ̅ ⲛⲁϥ ⲉⲃⲟⲗ.
“मेरे पिता द्वारा सब कुछ मुझे सौंप दिया गया है. पिता के अलावा कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है, और कोई नहीं जानता कि पिता कौन हैं, सिवाय पुत्र के तथा वे, जिन पर वह प्रकट करना चाहें.”
23 ⲕ̅ⲅ̅ ⲁϥⲕⲟⲧϥ̅ ⲇⲉ ⲉⲙⲙⲁⲑⲏⲧⲏⲥ ⲛ̅ⲥⲁⲟⲩⲥⲁ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁⲩ ϫⲉ. ⲛⲁⲓ̈ⲁⲧⲟⲩ ⲛ̅ⲃⲃⲁⲗ ⲉⲧⲛⲁⲩ ⲉⲛⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟⲟⲩ
तब प्रभु येशु ने अपने शिष्यों की ओर उन्मुख हो उनसे व्यक्तिगत रूप से कहा, “धन्य हैं वे आंख, जो वह देख रही हैं, जो तुम देख रहे हो
24 ⲕ̅ⲇ̅ ϯϫⲱ ⲅⲁⲣ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ̅ ϫⲉ ⲁϩⲁϩ ⲙ̅ⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ϩⲓⲣ̅ⲣⲟ, ⲟⲩⲉϣ ⲛⲁⲩ ⲉⲛⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲙ̅ⲡⲟⲩⲛⲁⲩ. ⲁⲩⲱ ⲉⲥⲱⲧⲙ̅ ⲉⲣⲟⲓ̈ ⲉⲛⲉⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲱⲧⲙ̅ ⲉⲣⲟⲟⲩ ⲙ̅ⲡⲟⲩⲥⲱⲧⲙ̅·
क्योंकि सच मानो, अनेक भविष्यवक्ता और राजा वह देखने की कामना करते रहे, जो तुम देख रहे हो किंतु वे देख न सके तथा वे वह सुनने की कामना करते रहे, जो तुम सुन रहे हो किंतु सुन न सके.”
25 ⲕ̅ⲉ̅ ⲉⲓⲥⲟⲩⲛⲟⲙⲓⲕⲟⲥ ⲇⲉ ⲁϥⲧⲱⲟⲩⲛ ⲉϥⲡⲓⲣⲁⲍⲉ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲉϥϫⲱ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ϫⲉ ⲡⲥⲁϩ ⲉⲓ̈ⲛⲁⲣⲟⲩ ⲧⲁⲕⲗⲏⲣⲟⲛⲟⲙⲓ ⲙ̅ⲡⲱⲛϩ̅ ϣⲁⲉⲛⲉϩ. (aiōnios g166)
एक अवसर पर एक वकील ने प्रभु येशु को परखने के उद्देश्य से उनके सामने यह प्रश्न रखा: “गुरुवर, अनंत काल के जीवन को पाने के लिए मैं क्या करूं?” (aiōnios g166)
26 ⲕ̅ⲋ̅ ⲛ̅ⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ϫⲉ ⲟⲩ ⲡⲉⲧⲥⲏϩ ϩⲙ̅ⲡⲛⲟⲙⲟⲥ ⲉⲕⲱϣ ⲛ̅ⲁϣ ⲛ̅ϩⲉ.
प्रभु येशु ने उससे प्रश्न किया, “व्यवस्था में क्या लिखा है, इसके विषय में तुम्हारा विश्लेषण क्या है?”
27 ⲕ̅ⲍ̅ ⲛ̅ⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ϫⲉ. ⲉⲕⲉⲙⲉⲣⲉⲡϫⲟⲓ̈ⲥ ⲡⲉⲕⲛⲟⲩⲧⲉ ϩⲙ̅ⲡⲉⲕϩⲏⲧʾ ⲧⲏⲣϥ̅ ⲛⲙ̅ⲧⲉⲕⲯⲩⲭⲏ ⲧⲏⲣⲥ̅. ⲛⲙ̅ⲧⲉⲕϭⲟⲙ ⲧⲏⲣⲥ̅. ⲛⲙ̅ⲛⲉⲕⲙⲉⲉⲩⲉ ⲧⲏⲣⲟⲩ. ⲁⲩⲱ ⲡⲉⲧϩⲓⲧⲟⲩⲱⲕ ⲛ̅ⲧⲉⲕϩⲉ.
उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “‘प्रभु, अपने परमेश्वर से अपने सारे हृदय, अपने सारे प्राण, अपनी सारी शक्ति तथा अपनी सारी समझ से प्रेम करो तथा अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम.’”
28 ⲕ̅ⲏ̅ ⲡⲉϫⲁϥ ⲇⲉ ⲛⲁϥ ϫⲉ. ⲁⲕⲟⲩⲱϣⲃ̅ ϩⲛ̅ⲟⲩⲥⲟⲟⲩⲧⲛ̅ ⲁⲣⲓⲡⲁⲓ̈ ⲁⲩⲱ ⲕⲛⲁⲱⲛϩ̅.
प्रभु येशु ने उससे कहा, “तुम्हारा उत्तर बिलकुल सही है. यही करने से तुम जीवित रहोगे.”
29 ⲕ̅ⲑ̅ ⲛ̅ⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲉϥⲟⲩⲉϣⲧⲙⲁⲓ̈ⲟϥ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛ̅ⲓ̅ⲥ̅ ϫⲉ ⲛⲓⲙ ⲡⲉ ⲡⲉⲧϩⲓⲧⲟⲩⲱⲓ̈.
स्वयं को संगत प्रमाणित करने के उद्देश्य से उसने प्रभु येशु से प्रश्न किया, “तो यह बताइए कौन है मेरा पड़ोसी?”
30 ⲗ̅ ⲁⲓ̅ⲥ̅ ⲟⲩⲱϣⲃ̅ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ ϫⲉ. ⲟⲩⲣⲱⲙⲉ ⲡⲉ ⲛⲧⲁϥⲉ͡ⲓ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲑⲓⲉⲣⲟⲩⲥⲁⲗⲏⲙ ⲉⲓ̈ⲉⲣⲓⲭⲱ. ⲁϥⲉ͡ⲓ ⲉⲧⲟⲟⲧⲟⲩ ⲛ̅ϩⲉⲛⲙⲁ ⲛ̅ⲥⲟⲟⲛⲉ ⲛⲁⲓ̈ ⲇⲉ ⲁⲩⲕⲁⲁϥ ⲕⲁϩⲏⲟⲩ ⲁⲩϫϥ̅ϩⲉⲛⲥⲁϣ ⲁⲩⲃⲱⲕ ⲁⲩⲕⲁⲁϥ ⲉϥⲟ̅ ⲙ̅ⲡϣⲙⲟⲩ.
प्रभु येशु ने उत्तर दिया. “येरूशलेम नगर से एक व्यक्ति येरीख़ो नगर जा रहा था कि डाकुओं ने उसे घेर लिया, उसके वस्त्र छीन लिए, उसकी पिटाई की और उसे अधमरी हालत में छोड़कर भाग गए.
31 ⲗ̅ⲁ̅ ϩⲛ̅ⲟⲩϣⲥ̅ⲛⲉ ⲇⲉ ⲁⲩⲟⲩⲏⲏⲃ ⲉ͡ⲓ ⲉⲡⲉⲥⲏⲧʾ ϩⲓⲧⲉϩⲓⲏ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲁϥⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟϥ ⲁϥⲥⲁⲁⲧϥ̅.
संयोग से एक पुरोहित उसी मार्ग से जा रहा था. जब उसने उस व्यक्ति को देखा, वह मार्ग के दूसरी ओर से आगे बढ़ गया.
32 ⲗ̅ⲃ̅ ϩⲟⲙⲟⲓⲱⲥ ⲟⲛ ⲟⲩⲗⲉⲩⲉⲧⲏⲥ ⲛ̅ⲧⲉⲣⲉϥⲉ͡ⲓ ⲉϫⲙ̅ⲡⲙⲁ ⲉⲧⲙ̅ⲙⲁⲩ ⲁϥⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟϥ ⲁϥⲥⲁⲁⲧϥ̅.
इसी प्रकार एक लेवी भी उसी स्थान पर आया, उसकी दृष्टि उस पर पड़ी तो वह भी दूसरी ओर से होता हुआ चला गया.
33 ⲗ̅ⲅ̅ ⲁⲩⲥⲁⲙⲁⲣⲓⲧⲏⲥ ⲇⲉ ⲉϥⲙⲟⲟϣⲉ ⲉ͡ⲓ ⲉϫⲱϥ ⲁϥⲛⲁⲩ ⲉⲣⲟϥ ⲁϥϣⲛ̅ϩⲧⲏϥ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉϫⲱϥ.
एक शमरियावासी भी उसी मार्ग से यात्रा करते हुए उस जगह पर आ पहुंचा. जब उसकी दृष्टि उस घायल व्यक्ति पर पड़ी, वह दया से भर गया.
34 ⲗ̅ⲇ̅ ⲁϥϯⲡⲉϥⲟⲩⲟⲓ̈ ⲉⲣⲟϥ ⲁϥⲙⲟⲩⲣ ⲛ̅ⲛⲉϥⲥⲁϣ ⲁϥⲡⲱϩⲧ̅ʾ ⲛ̅ⲟⲩⲛⲉϩ ⲉϫⲱⲟⲩ ⲛⲙ̅ⲟⲩⲏⲣⲡ̅ ⲁϥⲧⲁⲗⲟϥ ⲉϫⲛ̅ⲡⲉϥⲧⲃ̅ⲛⲏ ⲙ̅ⲙⲓⲛ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲁϥⲛ̅ⲧϥ̅ ⲉⲩⲡⲁⲛⲧⲟⲭⲓⲟⲛ ⲁϥϥⲓⲡⲉϥⲣⲟⲟⲩϣ.
वह उसके पास गया और उसके घावों पर तेल और दाखरस लगाकर पट्टी बांधी. तब वह घायल व्यक्ति को अपने वाहक पशु पर बैठाकर एक यात्री निवास में ले गया तथा उसकी सेवा टहल की.
35 ⲗ̅ⲉ̅ ⲙ̅ⲡⲉϥⲣⲁⲥⲧⲉ ⲇⲉ ⲉϥⲛⲏⲟⲩ ⲉⲃⲟⲗ ⲁϥϯϥⲕⲏⲧⲉ ⲙⲡ̅ʾⲡⲁⲛⲧⲟⲭⲉⲩⲥ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ ϫⲉ. ϥⲓⲡⲉϥⲣⲟⲟⲩϣ ⲁⲩⲱ ⲡⲉⲧⲕ̅ⲛⲁϫⲟϥ ⲉⲃⲟⲗ ⲉⲣⲟϥ. ⲉⲓ̈ϣⲁⲛⲕⲧⲟⲓ̈ ϯⲛⲁⲧⲁⲁϥ ⲛⲁⲕ.
अगले दिन उसने दो दीनार यात्री निवास के स्वामी को देते हुए कहा, ‘इस व्यक्ति की सेवा टहल कीजिए. इसके अतिरिक्त जो भी लागत होगा वह मैं लौटने पर चुका दूंगा.’
36 ⲗ̅ⲋ̅ ⲛⲓⲙ ⲙ̅ⲡⲉⲓ̈ϣⲟⲙⲛ̅ⲧ ⲛ̅ⲛⲁϩⲣⲁⲕ ⲡⲉⲛⲧⲁϥⲣ̅ⲡⲉⲧϩⲓⲧⲟⲩⲱϥ ⲙ̅ⲡⲉⲛⲧⲁϥⲉ͡ⲓ ⲉⲧⲟⲟⲧⲟⲩ ⲛⲛ̅ⲥⲟⲟⲛⲉ.
“यह बताओ तुम्हारे विचार से इन तीनों व्यक्तियों में से कौन उन डाकुओं द्वारा घायल व्यक्ति का पड़ोसी है?”
37 ⲗ̅ⲍ̅ ⲛ̅ⲧⲟϥ ⲇⲉ ⲡⲉϫⲁϥ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲡⲉⲛⲧⲁϥⲣ̅ⲡⲛⲁ ⲛⲙ̅ⲙⲁϥ ⲡⲉ. ⲡⲉϫⲉⲓ̅ⲥ̅ ⲇⲉ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲃⲱⲕ ϩⲱⲱⲕ ⲛⲅ̅ⲉⲓⲣⲉ ϩⲓⲛⲁⲓ̈·
वकील ने उत्तर दिया, “वही, जिसने उसके प्रति करुणाभाव का परिचय दिया.” प्रभु येशु ने उससे कहा, “जाओ, तुम्हारा स्वभाव भी ऐसा ही हो.”
38 ⲗ̅ⲏ̅ ϩⲙ̅ⲡⲧⲣⲉⲩⲙⲟⲟϣⲉ ⲇⲉ ⲛ̅ⲧⲟϥ ⲁϥⲃⲱⲕ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲩϯⲙⲉ ⲁⲩⲥϩⲓⲙⲉ ⲉⲡⲉⲥⲣⲁⲛ ⲡⲉ ⲙⲁⲣⲑⲁ ϣⲟⲡϥ̅ ⲉⲣⲟⲥ.
प्रभु येशु और उनके शिष्य यात्रा करते हुए एक गांव में पहुंचे, जहां मार्था नामक एक स्त्री ने उन्हें अपने घर में आमंत्रित किया.
39 ⲗ̅ⲑ̅ ⲛⲉⲟⲩⲛⲧⲥ̅ⲟⲩⲥⲱⲛⲉ ⲇⲉ ⲡⲉ ⲉϣⲁⲩⲙⲟⲩⲧⲉ ⲉⲣⲟⲥ ϫⲉ ⲙⲁⲣⲓⲁ. ⲧⲁⲓ̈ ⲇⲉ ⲁⲥϩⲙⲟⲟⲥ ϩⲁⲧⲛ̅ⲟⲩⲉⲣⲏⲧⲉ ⲙ̅ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲁⲥⲥⲱⲧⲙ̅ ⲉⲡⲉϥϣⲁϫⲉ.
उसकी एक बहन थी, जिसका नाम मरियम था. वह प्रभु के चरणों में बैठकर उनके प्रवचन सुनने लगी
40 ⲙ̅ ⲙⲁⲣⲑⲁ ⲇⲉ ⲛⲉⲥⲡⲉⲣⲓⲥⲡⲁ ⲡⲉ ⲉⲩⲛⲟϭ ⲛ̅ⲇⲓⲁⲕⲟⲛⲓⲁ. ⲁⲥⲁϩⲉⲣⲁⲧⲥ̅ ⲉϫⲱϥ ⲡⲉϫⲁⲥ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲙ̅ⲡⲉⲕⲣⲟⲟⲩϣ ⲁⲛ ⲡⲉ ϫⲉ ⲁⲧⲁⲥⲱⲛⲉ ⲕⲁⲁⲧʾ ⲙⲁⲩⲁⲁⲧʾ ⲉⲓ̈ⲇⲓⲁⲕⲟⲛⲓ. ⲁϫⲓⲥ ϭⲉ ⲛⲁⲥ ϫⲉⲕⲁⲥ ⲉⲥⲉⲡⲱϣⲛ̅ ⲉⲣⲟⲓ̈.
किंतु मार्था विभिन्‍न तैयारियों में उलझी रही. वह प्रभु येशु के पास आई और उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, क्या आपको इसका लेश मात्र भी ध्यान नहीं कि मेरी बहन ने अतिथि-सत्कार का सारा बोझ मुझ अकेली पर ही छोड़ दिया है? आप उससे कहें कि वह मेरी सहायता करे.”
41 ⲙ̅ⲁ̅ ⲁⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲇⲉ ⲟⲩⲱϣⲃ̅ ⲛⲁⲥ ⲡⲉϫⲁϥ ϫⲉ. ⲙⲁⲣⲑⲁ ⲙⲁⲣⲑⲁ ⲧⲉϥⲓⲣⲟⲟⲩϣ ϩⲁϩⲁϩ ⲁⲩⲱ ⲧⲉϣⲧⲣ̅ⲧⲱⲣ.
“मार्था, मार्था,” प्रभु ने कहा, “तुम अनेक विषयों की चिंता करती और घबरा जाती हो
42 ⲙ̅ⲃ̅ ⲟⲩⲁ ⲇⲉ ⲡⲉⲧⲟⲩⲣ̅ⲭⲣⲓⲁ ⲙ̅ⲙⲟϥ. ⲙⲁⲣⲓⲁ ⲅⲁⲣ ⲁⲥⲥⲉⲧⲡ̅ʾⲧ̅ʾⲧⲟ ⲛⲁⲥ ⲉⲧⲛⲁⲛⲟⲩⲥ ⲧⲁⲓ̈ ⲉⲛⲥⲉⲛⲁϥⲓⲧⲥ̅ ⲛ̅ⲧⲟⲟⲧⲥ̅ ⲁⲛ·
किंतु ज़रूरत तो कुछ ही की है—वास्तव में एक ही की. मरियम ने उसी उत्तम भाग को चुना है, जो उससे कभी अलग न किया जाएगा.”

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