< ଲୁକ 10 >

1 ଆର୍‌ ହଃଚେ ମାପ୍ରୁ ଆର୍‌ ତିନି କଳି ଦଃସ୍‌ ଲକ୍‌କେ ବାଚ୍‌ଲା ଆର୍‌ ଜୁୟ୍‌ ଗଃଳେ ଆର୍‌ ଟାଣେ ସେ ଜଃଉଁକେ ମଃନ୍‌ କଃରି ରିଲା ସେ ଟାଣ୍ ମଃନ୍‌କେ ଦୁୟ୍‌ ଦୁୟ୍‌ ଲକ୍‌ କଃରି ସେମଃନ୍‌କେ ତାର୍‌ ଆଗ୍‌ତୁ ହଃଟାୟ୍‌ଲା ।
इसके बाद प्रभु ने अन्य बहत्तर व्यक्तियों को चुनकर उन्हें दो-दो करके उन नगरों और स्थानों पर अपने आगे भेज दिया, जहां वह स्वयं जाने पर थे.
2 ଆରେକ୍‌ ସେ ସେମଃନ୍‌କେ କୟ୍‌ଲା, “ତାସ୍‌ ସିନା ଜଃବର୍‌, ହାୟ୍‌ଟି କଃର୍ତା ଲକ୍‌ ଉଣା । ଇତାକ୍‌ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ତାସ୍‌ ହଃଦାୟ୍‌ ହାୟ୍‌ଟି କଃର୍ତା ଲକ୍‌କେ ହଃଟାଉଁକେ, ତାସ୍‌ହଃଦାର୍‌ ସାଉକାର୍‌କେ ଗଃଉଆରି କଃରା ।
प्रभु येशु ने उनसे कहा, “उपज तो बहुत है किंतु मज़दूर कम, इसलिये उपज के स्वामी से विनती करो कि इस उपज के लिए मज़दूर भेज दें.”
3 ତୁମିମଃନ୍ ଜାହା! ଦଃକା ବାଗ୍‌ମଃନାର୍‌ ମଃନ୍ଦାୟ୍‌ ମେଣ୍ଡାମଃନାର୍‌ ହର୍‌ ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ ଅଃଦିକାର୍‌ ଦଃୟ୍‌ ହଃଟାଉଁଲେ ।
जाओ! मैं तुम्हें भेज रहा हूं. तुम भेड़ियों के मध्य मेमनों के समान हो.
4 ମଣା, ଡାବୁ ଦଃରୁକ୍‌ ଜାଲିଆ ମଣା ଆର୍‌ ହାଣ୍ଡାୟ୍‌ ନିଆଁନାୟ୍‌, ଆର୍‌ ବାଟେ କାକେ ଜୁଆର୍‌ କଃରା ନାୟ୍‌ ।
अपने साथ न तो धन, न झोला और न ही जूतियां ले जाना. मार्ग में किसी का कुशल मंगल पूछने में भी समय खर्च न करना.
5 ଆର୍‌ ଜୁୟ୍‌ ଗଃରେ ତୁମିମଃନ୍ ହୁରାସ୍‌, ହଃର୍ତୁ କଃଉଆ ଇ ଗଃରେ ସୁସ୍ତା ଅଃଉଅ ।
“जिस किसी घर में प्रवेश करो, तुम्हारे सबसे पहले शब्द हों, ‘इस घर में शांति बनी रहे.’
6 ଆର୍‌ ସେ ଗଃରେ ଜଦି ସୁସ୍ତାର୍‌ ଜୟ୍‌ଗ୍‌ ଲକ୍‌ ରଃୟ୍‌ଦ୍‌, ତଃବେ ତୁମିମଃନାର୍‌ ସୁସ୍ତା ତାର୍‌ ଉହ୍ରେ ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ମଃତର୍‌, ଜଦି ନଃରେୟ୍‌ ତଃବେ ସେ ସୁସ୍ତା ତୁମାର୍‌ ଉହ୍ରେ ଲେଉଟି ଆସେଦ୍‌ ।
यदि परिवार-प्रधान शांति प्रिय व्यक्ति है, तुम्हारी शांति उस पर बनी रहेगी. यदि वह ऐसा नहीं है तो तुम्हारी शांति तुम्हारे ही पास लौट आएगी.
7 ଆରେକ୍‌ ସେମଃନାର୍‌ ତଃୟ୍‌ ଜାୟ୍‌ରି ରଃୟ୍‌ଦ୍‌, ସେରି କାୟ୍‌ କଃରି ସେ ଗଃରେ ରିଆ, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ହାୟ୍‌ଟି କଃର୍ତାଲକ୍‌ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ବୁତି ହାଉତାର୍‌ ଜୟ୍‌ଗ୍‌, ଗଃର୍‌କେ ଗଃର୍‌ ଜାହା ନାୟ୍‌ ।
उसी घर के मेहमान बने रहना. भोजन और पीने के लिए जो कुछ तुम्हें परोसा जाए, उसे स्वीकार करना क्योंकि सेवक अपने वेतन का अधिकारी है. एक घर से निकलकर दूसरे घर में मेहमान न बनना.
8 ଆରେକ୍‌ ଜୁୟ୍‌ ଗଃଳେ ତୁମିମଃନ୍ ହୁରାସ୍‌ ଆର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍ ତୁମିମଃନ୍‌କେ ଦଃର୍ତି, ସେତି ତୁମିମଃନ୍‌କେ ଜାୟ୍‌ରି ଦିଆ ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ସେରି କାହା ।
“जब तुम किसी नगर में प्रवेश करो और वहां लोग तुम्हें सहर्ष स्वीकार करें, तो जो कुछ तुम्हें परोसा जाए, उसे खाओ.
9 ସେତି ରିଲା ଜଃର୍‌ଦୁକା ଲକ୍‌ମଃନ୍‌କେ ଉଜ୍‌ କଃରା ଆର୍‌ ସେମଃନ୍‌କେ କଃଉଆ ଇସ୍ୱରାର୍‌ ରାଇଜ୍‌ ତୁମାର୍‌ ଚଃମେ ଅୟ୍‌ଲି ।
वहां जो बीमार हैं, उन्हें चंगा करना और उन्हें सूचित करना, ‘परमेश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ गया है.’
10 ମଃତର୍‌ ଜୁୟ୍‌ ଗଃଳେ ତୁମି ହୁରାସ୍‌ ଆର୍‌ ଲକ୍‌ମଃନ୍ ତୁମିମଃନ୍‌କେ ନଃଦେର୍ତି, ସେତିର୍‌ ସଃକ୍ଳାୟ୍‌ମଃନ୍‌ ବାରାୟ୍‌ ଜାୟ୍‌ କଃଉଆ,
किंतु यदि तुम किसी नगर में प्रवेश करो और वहां नगरवासियों द्वारा स्वीकार न किए जाओ तो उस नगर की गलियों में जाकर यह घोषणा करो,
11 ତୁମିମଃନାର୍‌ ଗଃଳାର୍‌ ଜୁୟ୍‌ ଦୁଳି ଅଃମାର୍‌ ହାଦେ ଡଃସି ଆଚେ, ସେରି ହେଁ ତୁମାର୍‌ ଗିନେ ହାହଳି ଦେଉଁଲୁ, ଅୟ୍‌ଲେକ୍‌ ହେଁ ଇସ୍ୱରାର୍‌ ରାଇଜ୍‌ ଜେ ଚଃମେ ଅୟ୍‌ଲି, ଇରି ଜାଣି ରିଆ ।
‘तुम्हारे नगर की धूल तक, जो हमारे पांवों में लगी है, उसे हम तुम्हारे सामने एक चेतावनी के लिए झाड़ रहे हैं; परंतु यह जान लो कि परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है.’
12 ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ କଃଉଁଲେ, ସେ ବିଚାର୍‌ କଃର୍ତା ଦିନ୍ ସେ ଗଃଳାର୍‌ ଡଃଣ୍ଡ୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ସଦମ୍‌ ହାୟ୍‌ଲା ଦଃଣ୍ଡ୍‌ ଉଣା ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।”
सच मानो, न्याय के दिन पर सोदोम नगर के लिए तय किया गया दंड उस नगर के लिए तय किए दंड की तुलना में सहने योग्य होगा.
13 “ଚି! ଦଃଣ୍ଡାର୍‌ ଜୟ୍‌ଗ୍‌ କରାଜିନ୍ ତର୍‌ ଦଃସା କି ବୟଃଙ୍କାର୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ଚି! ଦଃଣ୍ଡାର୍‌ ଜୟ୍‌ଗ୍‌ ବେତ୍‌ସାଇଦା ତର୍‌ ଦଃସା ହେଁ କି ବୟଃଙ୍କାର୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ତୁମିମଃନାର୍‌ ତଃୟ୍‌ ଜୁୟ୍‌ ଜୁୟ୍‌ ସଃକ୍ତିର୍‌ କାମ୍‌ କଃରା ଅୟ୍‌ଆଚେ, ସେ ସଃବୁ ଜଦି ସର୍‌ ଆର୍‌ ସିଦନେ କଃରା ଅୟ୍‌ରିଲେକ୍‌, ସେମଃନ୍ କଃତେକ୍‌ କାଳ୍‌ ଆଗ୍‌ତୁ ବାସ୍ତା ହିନ୍ଦି ଚାରେ ବଃସି ମଃନ୍ ବାଦ୍‌ଲାୟ୍‌ ହାହ୍‌ ଚାଡି ରିଲାୟ୍‌ହୁଣି ।
“धिक्कार है तुझ पर कोराज़ीन! धिक्कार है तुझ पर बैथसैदा! ये ही अद्भुत काम, जो तुझमें किए गए हैं यदि सोर और सीदोन नगरों में किए जाते तो वे विलाप-वस्त्र पहन, राख में बैठकर, कब के पश्चाताप कर चुके होते! पश्चाताप कर चुके होते.
14 ଅୟ୍‌ଲେକ୍‌ ହେଁ ବିଚାର୍‌ କଃର୍ତା ଦିନ୍, ତୁମିମଃନାର୍‌ ଦଃସା ତଃୟ୍‌ହୁଣି ସର୍‌ ଆର୍‌ ସିଦନାର୍‌ ଦଃସା ଉଣା ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।
किंतु तुम दोनों नगरों की तुलना में सोर और सीदोन नगरों का दंड सहने योग्य होगा.
15 ଆର୍‌ ରେ କପୁର୍ନାହୁମ୍‌ ଜୁୟ୍‌ କାୟ୍‌ ସଃର୍ଗ୍‌ ହଃତେକ୍‌ ଉଟ୍‌ସି? ନଃର୍କ୍ ହଃତେକ୍‌ ତକେ ତଃଳେ ହଃକା ଅୟ୍‌ଦ୍‌ ।” (Hadēs g86)
और कफ़रनहूम! क्या तू स्वर्ग तक ऊंचा किए जाने की आशा कर रहा है? अरे! तुझे तो पाताल में उतार दिया जाएगा. (Hadēs g86)
16 ଜିସୁ ଆରେକ୍‌ ତାର୍‌ ଚେଲାମଃନ୍‌କେ କୟ୍‌ଲା, “ଜେ ତୁମାର୍‌ କଃତା ସୁଣେଦ୍‌, ସେ ମର୍‌ କଃତା ସୁଣେଦ୍‌, ଆର୍‌ ଜେ ତୁମିକେ ମାନ୍‌ତି ନଃକେରେ, ସେ ମକେ ମାନ୍‌ତି ନଃକେରେ, ଆର୍‌ ଜେ ମକେ ମାନ୍‌ତି ନଃକେରେ, ସେ ମକ୍‌ ହଃଟାୟ୍‌ଲା ଉବାକ୍‌ ହେଁ ମାନ୍‌ତି ନଃକେରେ ।”
“वह, जो तुम्हारी शिक्षा को सुनता है, मेरी शिक्षा को सुनता है; वह, जो तुम्हें अस्वीकार करता है, मुझे अस्वीकार करता है किंतु वह, जो मुझे अस्वीकार करता है, उन्हें अस्वीकार करता है, जिन्होंने मुझे भेजा है.”
17 ଇତାର୍‌ହଃଚେ ସେ ତିନି କଳି ଦଃସ୍‌ଲକ୍‌ ବାଉଳି ଆସି ସଃର୍ଦା ଅୟ୍‌ କୟ୍‌ଲାୟ୍‌, “ମାପ୍ରୁ, ବୁତ୍‌ମଃନ୍‌ ହେଁ ତର୍‌ ନାଉଁଏ ଅଃମିମଃନାର୍‌ ଆଦେସ୍‌ ମାନ୍‌ଲାୟ୍‌ ।”
वे बहत्तर बहुत उत्साह से भरकर लौटे और कहने लगे, “प्रभु! आपके नाम में तो दुष्टात्मा भी हमारे सामने समर्पण कर देते हैं!”
18 ମଃତର୍‌ ଜିସୁ ସେମଃନ୍‌କେ କୟ୍‌ଲା, “ବିଜ୍‌ଲି ହର୍‌ ସଃର୍ଗେ ହୁଣି ସୟ୍‌ତାନ୍‌କେ ଅଦୁର୍ତାର୍‌ ମୁଁୟ୍‌ ଦଃକ୍‌ଲେ ।
इस पर प्रभु येशु ने उनसे कहा, “मैं शैतान को बिजली के समान स्वर्ग से गिरते देख रहा था.
19 ଦଃକା ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ ସାହ୍‌ ଆର୍‌ ମିଚକାକ୍‌ଳା ଉହ୍ରେ ଇଣ୍ଡୁକ୍‌ ଅଃଦିକାର୍‌ ଦଃୟ୍‌ଆଚି, ଆରେକ୍‌ ସଃତ୍ରୁର୍‌ ସଃବୁ ସଃକ୍ତି ଉହ୍ରେ ହେଁ ତୁମିକେ ଅଃଦିକାର୍‌ ଦଃୟ୍‌ ଆଚି, ଆର୍‌ କାୟ୍‌ରି ହେଁ ତୁମିମଃନାର୍‌ ନଃସ୍ଟ୍‌ କଃରୁ ନାହାରେ ।
मैंने तुम्हें सांपों और बिच्छुओं को रौंदने तथा शत्रु के सभी सामर्थ्य का नाश करने का अधिकार दिया है इसलिये किसी भी रीति से तुम्हारी हानि न होगी.
20 ଅୟ୍‌ଲେକ୍‌ ହେଁ ବୁତ୍‌ମଃନ୍‌ ଜେ ତୁମାର୍‌ ତଃଳେ ଆଚ୍‌ତି, ଇତାକ୍‌ ସଃର୍ଦା ଅଃଉଆ ନାୟ୍‌, ମଃତର୍‌ ତୁମିମଃନାର୍‌ ନାଉଁ ଜେ ସଃର୍ଗେ ଲେକା ଅୟ୍‌ଆଚେ, ଇତାକ୍‌ ସଃର୍ଦା ଅଃଉଆ ।”
फिर भी, तुम्हारे लिए आनंद का विषय यह न हो कि दुष्टात्मा तुम्हारी आज्ञाओं का पालन करते हैं परंतु यह कि तुम्हारे नाम स्वर्ग में लिखे जा चुके हैं.”
21 ସଃଡେବଃଳ୍‌ ଜିସୁ ପବିତ୍ର ଆତ୍ମାର୍‌ ସଃକ୍ତିୟେ ସଃର୍ଦା ଅୟ୍‌ କୟ୍‌ଲା, “ଉବା, ସଃର୍ଗ୍‌ ଆର୍‌ ହୁର୍ତିବିର୍‌ ମାପ୍ରୁ, ତୁୟ୍‌ ଗ୍ୟାନି ଆର୍‌ ବୁଦିଗିଆନ୍‌ ଲକ୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ଇ ସଃବୁ କଃତା ଲୁକାୟ୍‌ କଃରି ସାନ୍ ହିଲାମଃନାର୍‌ ଟାଣେ ଜାଣାୟ୍‌ଲିସ୍‌, ଇତାର୍‌ ଗିନେ ତର୍‌ ଗୁଣ୍ କଃଉଁଲେ । ହିଁ ଉବା, କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ଇରି ହଃକା ତର୍‌ ଆକାୟ୍‌ ବଃଡ୍ ସଃର୍ଦାର୍‌ କଃତା ଅୟ୍‌ଲି ।”
प्रभु येशु पवित्र आत्मा के आनंद से भरकर कहने लगे, “पिता! स्वर्ग और पृथ्वी के स्वामी, मैं आपकी स्तुति करता हूं कि आपने ये सभी सच बुद्धिमानों और ज्ञानियों से छुपा रखे और नन्हे बालकों पर प्रकट कर दिए क्योंकि पिता, आपकी दृष्टि में यही अच्छा था.
22 “ମର୍‌ ଉବାର୍‌ ଅଃଦିକାରେ ରିଲା ସଃବୁ ଅଃଦିକାର୍‌ ମକ୍‌ ଦିଆ ଅୟ୍‌ଆଚେ, ଆର୍‌ ହୟ୍‌ସିକେ କେ ନଃଜାଣ୍‌ତି, ମଃତର୍‌ ଉବାସି ହଃକା ଜାଣିଆଚେ, ଆରେକ୍‌ ଉବାକ୍‌ କେ ନଃଜାଣ୍‌ତି, ମଃତର୍‌ ହଅ ହଃକା ଜାଣିଆଚେ, ଆର୍‌ ହଅ ଜୁୟ୍‌ମଃନାର୍‌ ତଃୟ୍‌ ଉବାକ୍‌ ଜାଣାଉଁକ୍‌ ମଃନ୍ କଃରେଦ୍‌, ସେମଃନ୍ ହଃକା ଜାଣ୍‌ତି ।”
“मेरे पिता द्वारा सब कुछ मुझे सौंप दिया गया है. पिता के अलावा कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है, और कोई नहीं जानता कि पिता कौन हैं, सिवाय पुत्र के तथा वे, जिन पर वह प्रकट करना चाहें.”
23 ଆରେକ୍‌ ଜିସୁ ନିଜାର୍‌ ଚେଲାମଃନାର୍‌ ହାକ୍‌ ଲେଉଟିକଃରି କୟ୍‌ଲା, “ତୁମିମଃନ୍ ଇ ସଃବୁ ଦଃକିଆଚାସ୍‌ ବଃଲି ତୁମିମଃନାର୍‌ କଃତେକ୍‌ ବାୟ୍‌ଗ୍‌ ।
तब प्रभु येशु ने अपने शिष्यों की ओर उन्मुख हो उनसे व्यक्तिगत रूप से कहा, “धन्य हैं वे आंख, जो वह देख रही हैं, जो तुम देख रहे हो
24 କାୟ୍‌ତାକ୍‌ବଃଲେକ୍‌ ମୁଁୟ୍‌ ତୁମିମଃନ୍‌କେ କଃଉଁଲେ, ତୁମିମଃନ୍ ଜାୟ୍‌ ଜାୟ୍‌ରି ଦଃକୁଲାସ୍‌, ସେରି ସଃବୁ କଃତେକ୍‌ ବାବ୍‌ବାଦି ଆର୍‌ ରଃଜା ଦଃକୁକ୍‌ ମଃନ୍‌ କଃଲାୟ୍‌, ମଃତର୍‌ ନଃଦେକ୍‌ଲାୟ୍‌; ଆରେକ୍‌ ତୁମିମଃନ୍ ଜାୟ୍‌ ଜାୟ୍‌ରି ସୁଣୁଲାସ୍‌, ସେରି ସଃବୁ ସେମଃନ୍ ସୁଣୁକ୍‌ ମଃନ୍‌ କଃଲାୟ୍‌, ମଃତର୍‌ ନଃସୁଣ୍‌ଲାୟ୍‌ ।”
क्योंकि सच मानो, अनेक भविष्यवक्ता और राजा वह देखने की कामना करते रहे, जो तुम देख रहे हो किंतु वे देख न सके तथा वे वह सुनने की कामना करते रहे, जो तुम सुन रहे हो किंतु सुन न सके.”
25 ଆର୍‌ ଦଃକା ଗଟେକ୍‌ ବିଦି ସିକାଉ ଉଟି ଆସି ଜିସୁକେ କଃଟାଳ୍‌ ବୁଜୁକ୍‌ ହଃଚାର୍ଲା, “ଏ ଗୁରୁ, ଅଃମ୍ବର୍‌ ଜିବନ୍ ହାଉଁକ୍‌ ମୁଁୟ୍‌ କାୟ୍‌ରି କଃରିନ୍ଦ୍‌ ।” (aiōnios g166)
एक अवसर पर एक वकील ने प्रभु येशु को परखने के उद्देश्य से उनके सामने यह प्रश्न रखा: “गुरुवर, अनंत काल के जीवन को पाने के लिए मैं क्या करूं?” (aiōnios g166)
26 ଜିସୁ ତାକ୍‌ କୟ୍‌ଲା, “ଦଃର୍ମ୍‌ ବିଦିଏ କାୟ୍‌ରି ଲେକା ଆଚେ? ତୁୟ୍‌ କଃନ୍‌କଃରି ହାଟ୍‌ କଃରୁଲିସ୍‌?”
प्रभु येशु ने उससे प्रश्न किया, “व्यवस्था में क्या लिखा है, इसके विषय में तुम्हारा विश्लेषण क्या है?”
27 ସେ କୟ୍‌ଲା, “ତୁମି ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ସଃର୍ନେ ଗଃର୍ବ୍‌, ସଃର୍ନେ ହଃରାଣ୍, ସଃର୍ନେ ସଃକ୍ତି ଆର୍‌ ସଃର୍ନେ ମଃନ୍ ଦଃୟ୍‌ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ମାପ୍ରୁ ଇସ୍ୱର୍‌କେ ଲାଡ୍‌ କଃରା, ଆର୍‌ ନିଜ୍‌କେ ଲାଡ୍‌ କଃଲା ହର୍‌ ହାକିହଃଳ୍‌ସାକେ ଲାଡ୍‌ କଃରା ।”
उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “‘प्रभु, अपने परमेश्वर से अपने सारे हृदय, अपने सारे प्राण, अपनी सारी शक्ति तथा अपनी सारी समझ से प्रेम करो तथा अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम.’”
28 ସେତାକ୍‌ ଜିସୁ ତାକ୍‌ କୟ୍‌ଲା, “ତୁୟ୍‌ ସଃତ୍‌ କଃତା କୟ୍‌ଲିସ୍‌, ତଃବେ ଇରି କଃର୍‌ ସେନ୍ ଅୟ୍‌ଲେକ୍‌ ତୁୟ୍‌ ଅଃମ୍ବର୍‌ ଜିବନ୍ ହାଉସି ।”
प्रभु येशु ने उससे कहा, “तुम्हारा उत्तर बिलकुल सही है. यही करने से तुम जीवित रहोगे.”
29 ମଃତର୍‌ ଦଃର୍ମ୍‌ ଗୁରୁ ଅଃହ୍‌ଣାକ୍‌ ଦଃର୍ମି ବଃଲି ଦଃକାୟ୍‌ ଅଃଉଁକେ ମଃନ୍ କଃରି, ଜିସୁକେ ହଃଚାର୍ଲା, “ତଃବେ ମର୍‌ ହାକିହଃଳ୍‌ସା କେ?”
स्वयं को संगत प्रमाणित करने के उद्देश्य से उसने प्रभु येशु से प्रश्न किया, “तो यह बताइए कौन है मेरा पड़ोसी?”
30 ଜିସୁ ସେକଃତାକେ ଦଃରି କୟ୍‌ଲା, “ଗଟେ ଲକ୍‌ ଜିରୁସାଲମେ ହୁଣି ଜିରିହକେ ଜାତା ବଃଳ୍‌ କଃଙ୍ଗାର୍‌ମଃନାର୍‌ ହାବ୍ଳେ ହଃଳ୍‌ଲା, ତାର୍‌ ହଃଚ୍ୟା ହାଟା ଚାଡାୟ୍‌ ନିଲାୟ୍‌ ଆର୍‌ ମାଡ୍ ମାର୍‌ଲାୟ୍‌ ଆର୍‌ ମଃରାଜିଉଆ କଃରି ଚାଡି ହଃଳାୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ।
प्रभु येशु ने उत्तर दिया. “येरूशलेम नगर से एक व्यक्ति येरीख़ो नगर जा रहा था कि डाकुओं ने उसे घेर लिया, उसके वस्त्र छीन लिए, उसकी पिटाई की और उसे अधमरी हालत में छोड़कर भाग गए.
31 ଇ ଗଃଟ୍‍ଣାହଃଚେ ଗଟେକ୍‌ ଜାଜକ୍‌ ସେ ବାଟେ ଜାତି ରିଲା, ଆର୍‌ ସେ ତାକ୍‌ ଦଃକି ବିନ୍ ବାଟ୍‌ ହିଟିକଃରି ଗଃଲା ।
संयोग से एक पुरोहित उसी मार्ग से जा रहा था. जब उसने उस व्यक्ति को देखा, वह मार्ग के दूसरी ओर से आगे बढ़ गया.
32 ସେବାନ୍ୟା ଗଟେକ୍‌ ଲେବିୟ, ବଃଲେକ୍‌ ପାରାଚିନ୍ ହେଁ ସେଟାଣେ ଆସି ତାକେ ଦଃକି ବିନ୍ ବାଟ ଅୟ୍‌କଃରି ଗଃଲା ।
इसी प्रकार एक लेवी भी उसी स्थान पर आया, उसकी दृष्टि उस पर पड़ी तो वह भी दूसरी ओर से होता हुआ चला गया.
33 ମଃତର୍‌ ଗଟେକ୍‌ ସମିରଣିୟ ଲକ୍‌ ତାର୍‌ ଚଃମେ ଆସି ତାକ୍‌ ଦଃକି ଦଃୟା କଃଲା ।
एक शमरियावासी भी उसी मार्ग से यात्रा करते हुए उस जगह पर आ पहुंचा. जब उसकी दृष्टि उस घायल व्यक्ति पर पड़ी, वह दया से भर गया.
34 ଆର୍‌ ତାର୍‌ ଚଃମେ ଜାୟ୍‌ ତାର୍‌ ଗାଉ ତଃୟ୍‌ଁ ଚିକଣ୍‌ ଆର୍‌ ଅଙ୍ଗୁର୍‌ ରଃସ୍‌ ଡାଳି ସେ ସଃବୁ ହାଟ୍‌ଳି ସଃଙ୍ଗ୍ ବାନ୍ଦ୍‌ଲା ଆର୍‌ ଅଃହ୍‌ଣାର୍‌ ଗଃଦ ଉହ୍ରେ ବଃସାୟ୍‌ ବାଟ ଲଃଗାର୍‌ ଗଟେକ୍‌ ବିସାଉତା ଗଃରେ ନିଲା, ଆର୍‌ ତାର୍‌ ସେବା କଃଲା ।
वह उसके पास गया और उसके घावों पर तेल और दाखरस लगाकर पट्टी बांधी. तब वह घायल व्यक्ति को अपने वाहक पशु पर बैठाकर एक यात्री निवास में ले गया तथा उसकी सेवा टहल की.
35 ତାର୍‌ ଆର୍‌କ ଦିନ୍ ଜଳେକ୍‌ ରୁହା ଟଃକା ବାର୍‌କଃରି ଦଃର୍ମ୍‌ସାଳାର୍‌ ମୁଳିକାକେ ଦଃୟ୍‌କଃରି କୟ୍‌ଲା, ଇଲକାର୍‌ ସେବା ଜଃତୁନ୍ କଃର୍‌, ଜାୟ୍‌ରି ଅଃଦିକ୍‌ ଅୟ୍‌ଦ୍‌, ମୁଁୟ୍‌ ବାଉଳି ଆୟ୍‌ଲା ବଃଳ୍‌ ସଃବୁ ଦଃୟ୍‌ନ୍ଦ୍ ।
अगले दिन उसने दो दीनार यात्री निवास के स्वामी को देते हुए कहा, ‘इस व्यक्ति की सेवा टहल कीजिए. इसके अतिरिक्त जो भी लागत होगा वह मैं लौटने पर चुका दूंगा.’
36 ଇ ତିନି ଲକ୍‌ ବିତ୍ରେ କେ କଃଙ୍ଗାର୍‌ମଃନାର୍‌ ହାବୁଳେ ହଃଳି ରିଲା ଲକାର୍‌ ହାକିହଃଳ୍‌ସା ବଃଲି ମଃନେ କଃରୁଲିସ୍‌?”
“यह बताओ तुम्हारे विचार से इन तीनों व्यक्तियों में से कौन उन डाकुओं द्वारा घायल व्यक्ति का पड़ोसी है?”
37 ଦଃର୍ମ୍‌ ଗୁରୁ ଉତୁର୍‌ ଦିଲା, “ଜେ ତାକ୍‌ ଦଃୟା କଃଲା ସେ,” ଜିସୁ ତାକେ କୟ୍‌ଲା, “ଜାଆ ଆର୍‌ ତୁୟ୍‌ ହେଁ ସେନ୍ କଃର୍‌ ।”
वकील ने उत्तर दिया, “वही, जिसने उसके प्रति करुणाभाव का परिचय दिया.” प्रभु येशु ने उससे कहा, “जाओ, तुम्हारा स्वभाव भी ऐसा ही हो.”
38 ଜିସୁ ଆର୍‌ ତାର୍‌ ଚେଲାମଃନ୍ ଗଟେକ୍‌ ଗାଉଁଏ ହୁର୍ଲାୟ୍‌, ଆର୍‌ ମାର୍ତା ନାଉଁଆର୍‌ ଗଟେକ୍‌ ମାୟ୍‌ଜି ତାର୍‌ ଗଃରେ କୁଦି ନିଲି ।
प्रभु येशु और उनके शिष्य यात्रा करते हुए एक गांव में पहुंचे, जहां मार्था नामक एक स्त्री ने उन्हें अपने घर में आमंत्रित किया.
39 ମରିୟମ୍‌ ନାଉଁଆର୍‌ ତାର୍‌ ବେଣି ରିଲି, ସେ ଜିସୁ ମାପ୍ରୁର୍‌ ହାଦ୍‌ ତଃଳେ ବଃସି ତାର୍‌ କଃତା ସୁଣ୍‌ତି ରିଲି ।
उसकी एक बहन थी, जिसका नाम मरियम था. वह प्रभु के चरणों में बैठकर उनके प्रवचन सुनने लगी
40 ମଃତର୍‌ ମାର୍ତା ରାନ୍ଦାଗାଟା କଃର୍ତା କାମେ ଲାଗି ରିଲି, ଇତାକ୍‌ ସେ ଜିସୁର୍‌ ଚଃମେ ଆସି କୟ୍‌ଲି, “ଏ ମାପ୍ରୁ, ମର୍‌ ବେଣି ମକ୍‌ ଗଟ୍‌ଲକ୍‌କେ ଗଃରାର୍‌ ରାନ୍ଦା ଗଃଟା କାମ୍‌ କଃରୁକେ ଦଃକାୟ୍‌ ଦଃୟ୍‌ ଆଚେ, ସେବାଟ୍‌ କାୟ୍‌ ତର୍‌ ମଃନ୍‌ ନାୟ୍‌? ତଃବେ ମକେ ଉହ୍‌କାର୍‌ କଃରୁକେ ତାକ୍‌ କଃଉ ।”
किंतु मार्था विभिन्‍न तैयारियों में उलझी रही. वह प्रभु येशु के पास आई और उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, क्या आपको इसका लेश मात्र भी ध्यान नहीं कि मेरी बहन ने अतिथि-सत्कार का सारा बोझ मुझ अकेली पर ही छोड़ दिया है? आप उससे कहें कि वह मेरी सहायता करे.”
41 ମଃତର୍‌ ମାପ୍ରୁ ଉତୁର୍‌ ଦିଲା, “ମାର୍ତା, ମାର୍ତା, ତୁୟ୍‌ ବୁତେକ୍‌ ବିସୟ୍‌ ଚିତା କଃରୁଲିସ୍‌ ଆର୍‌ ଜଃଞ୍ଜାଳ୍‌ ଅଃଉଁଲାସ୍‌ ।
“मार्था, मार्था,” प्रभु ने कहा, “तुम अनेक विषयों की चिंता करती और घबरा जाती हो
42 ମଃତର୍‌ ଅଃଳକ୍‌ କଃତିଗଟ୍‌, ମଃତର୍‌ ଗଟେକ୍‌ ହଃକା ଲଳା; ମରିୟମ୍‌ ତ ମର୍‌ କଃତା ସୁଣ୍‌ଲି ଆର୍‌ ନିକ ବାଗ୍ ବାଚ୍‌ଲା ଆଚେ ଆର୍‌ ସେରି ତାର୍‌ ତଃୟ୍‌ହୁଣି ଚାଡାୟ୍‌ ନେଉଁ ନୟ୍‌ ।”
किंतु ज़रूरत तो कुछ ही की है—वास्तव में एक ही की. मरियम ने उसी उत्तम भाग को चुना है, जो उससे कभी अलग न किया जाएगा.”

< ଲୁକ 10 >