< যিহোশূয়ের বই 16 >

1 যোষেফের জন্য বরাদ্দ অংশ জর্ডনে, যিরীহোর জলাশয়ের পূর্বে শুরু হল, এবং সেখান থেকে মরুভূমি হয়ে বেথেলের পার্বত্য অঞ্চলে উঠে গেল।
फिर यूसुफ की सन्तान का भाग चिट्ठी डालने से ठहराया गया, उनकी सीमा यरीहो के पास की यरदन नदी से, अर्थात् पूर्व की ओर यरीहो के जल से आरम्भ होकर उस पहाड़ी देश से होते हुए, जो जंगल में हैं, बेतेल को पहुँचा;
2 তা বেথেল (অর্থাৎ, লূস) থেকে এগিয়ে গিয়ে অটারোতে অর্কীয়দের এলাকায় পৌঁছাল।
वहाँ से वह लूज तक पहुँचा, और एरेकियों की सीमा से होते हुए अतारोत पर जा निकला;
3 সেখান থেকে পশ্চিমদিকে নেমে গিয়ে তা নিম্নতর বেথ-হোরোণের এলাকা ও গেষর হয়ে যফ্‌লেটীয়দের এলাকায় পৌঁছে, ভূমধ্যসাগরে গিয়ে শেষ হল।
और पश्चिम की ओर यपलेतियों की सीमा से उतरकर फिर नीचेवाले बेथोरोन की सीमा से होकर गेजेर को पहुँचा, और समुद्र पर निकला।
4 অতএব যোষেফের বংশধর, মনঃশি ও ইফ্রয়িম, তাদের উত্তরাধিকার লাভ করল।
तब मनश्शे और एप्रैम नामक यूसुफ के दोनों पुत्रों की सन्तान ने अपना-अपना भाग लिया।
5 গোষ্ঠী অনুসারে এই হল ইফ্রয়িমের এলাকা: তাদের উত্তরাধিকারের সীমানা পূর্বে অটারোৎ-অদ্দর থেকে উচ্চতর বেথ-হোরোণ পর্যন্ত গেল
एप्रैमियों की सीमा उनके कुलों के अनुसार यह ठहरी; अर्थात् उनके भाग की सीमा पूर्व से आरम्भ होकर अत्रोतदार से होते हुए ऊपरवाले बेथोरोन तक पहुँचा;
6 এবং তা ভূমধ্যসাগর পর্যন্ত বিস্তৃত হল। উত্তরে মিক্‌মথৎ থেকে পূর্বদিকে বাঁক নিয়ে তা তানৎ-শীলো পর্যন্ত গিয়ে, তা অতিক্রম করে পূর্বদিকে যানোহ পর্যন্ত গেল।
और उत्तरी सीमा पश्चिम की ओर के मिकमतात से आरम्भ होकर पूर्व की ओर मुड़कर तानतशीलो को पहुँचा, और उसके पास से होते हुए यानोह तक पहुँचा;
7 পরে যানোহ থেকে নেমে তা অটারোৎ ও নারার দিকে গেল, ও যিরীহো স্পর্শ করে তা জর্ডনে বেরিয়ে এল।
फिर यानोह से वह अतारोत और नारा को उतरती हुई यरीहो के पास होकर यरदन पर निकली।
8 তপূহ থেকে সেই সীমানা পশ্চিমে কান্না গিরিখাতের দিকে গেল ও ভূমধ্যসাগরে গিয়ে শেষ হল। গোষ্ঠী অনুসারে, এই হল ইফ্রয়িম বংশের উত্তরাধিকার।
फिर वही सीमा तप्पूह से निकलकर, और पश्चिम की ओर जाकर, काना की नदी तक होकर समुद्र पर निकली। एप्रैमियों के गोत्र का भाग उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा।
9 এতে মনঃশি সন্তানদের উত্তরাধিকারের মধ্যে পড়া সেইসব নগর ও সেগুলির সন্নিহিত গ্রামগুলিও যুক্ত হল, যেগুলি ইফ্রয়িম সন্তানদের জন্য পৃথক করা হল।
और मनश्शेइयों के भाग के बीच भी कई एक नगर अपने-अपने गाँवों समेत एप्रैमियों के लिये अलग किए गए।
10 গেষরে বসবাসকারী কনানীয়দের তারা অধিকারচ্যুত করেনি; আজও পর্যন্ত সেই কনানীয়েরা ইফ্রয়িমের লোকদের সঙ্গে বসবাস করছে, কিন্তু বেগার শ্রমিকের কাজ করতে তাদের বাধ্য করা হয়েছে।
१०परन्तु जो कनानी गेजेर में बसे थे उनको एप्रैमियों ने वहाँ से नहीं निकाला; इसलिए वे कनानी उनके बीच आज के दिन तक बसे हैं, और बेगारी में दास के समान काम करते हैं।

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