< রোমীয় 14 >

1 বিশ্বাসে যে দুর্বল তাকে গ্রহণ কর, আর সেই প্রশ্নগুলো সম্বন্ধে বিচার কর না।
जो विश्वास म कमजोर हय, ओख अपनी संगति म लेवो, पर ओकी शंकावों बिचारों पर विवाद करन लायी नहीं।
2 একদিকে একজন লোকের বিশ্বাস আছে যে সে সব কিছু খেতে পারে, কিন্তু অন্য দিকে যে দুর্বল সে কেবল সব্জি খায়।
कुछ लोगों ख विश्वास हय कि सब कुछ खानो ठीक हय, पर जो विश्वास म कमजोर हय ऊ केवल साकाहारी खावय हय।
3 একজন লোককে দেখ সে সব কিছু খায় সে যেন এমন লোককে তুচ্ছ না করে, যে সব কিছু খায় না এবং দেখো যে সব কিছু খায় না, সে যেন অন্যের বিচার না করে, যে সব কিছু খায়। কারণ ঈশ্বর তাকে গ্রহণ করেছেন।
खान वालो नहीं खान वालो ख तुच्छ मत जानो, अऊर नहीं खान वालो पर दोष नहीं लगाये; कहालीकि परमेश्वर न ओख स्वीकार करयो हय।
4 তুমি কে, যে অপরের চাকরের বিচার কর? হয়ত নিজ প্রভুরই কাছে সে দাঁড়িয়ে থাকে, নয়ত পড়ে যায়। কিন্তু তাকে দাঁড় করিয়ে রাখতে হবে; কারণ প্রভু তাকে দাঁড় করিয়ে রাখতে পারেন।
तय कौन आय जो दूसरों को सेवक पर दोष लगावय हय? ओको स्थिर रहनो यां गिर जानो ओको मालिक सीच सम्बन्ध रखय हय; बल्की ऊ स्थिरच कर दियो जायेंन, कहालीकि प्रभु ओख स्थिर रख सकय हय।
5 এক দিক দিয়ে একজন এক দিনের র চেয়ে অন্য দিন কে বেশি মূল্যবান মনে করে, আর এক দিক দিয়ে একজন সব দিন কেই সমান মূল্যবান মনে করে। প্রত্যেক লোক নিজ নিজ মনে স্থির থাকুক।
कोयी आदमी त एक दिन ख दूसरों दिन सी अच्छो मानय हय, अऊर कोयी सब दिनो ख एक जसो मानय हय। हर एक बुद्धी की बात अपनोच मन म निश्चय कर लेवो।
6 যে দিন কে মন থেকে মানে, সে প্রভুর জন্যই মেনে চলে; এবং যে খায়, সে প্রভুর জন্যই খায়, কারণ সে ঈশ্বরের ধন্যবাদ করে। এবং যে খায় না, সেও প্রভুর জন্যই খায় না, কিন্তু সেও ঈশ্বরের ধন্যবাদ করে।
जो कोयी एक दिन ख महत्वपूर्न मानय हय, ऊ प्रभु को आदर लायी मानय हय। जो सब कुछ खावय हय, ऊ प्रभु ख आदर देनो को लायी खावय हय, कहालीकि ऊ अपनो परमेश्वर को धन्यवाद करय हय, अऊर जो कुछ नहीं खावय, ऊ प्रभु ख आदर देनो को लायी नहीं खावय अऊर परमेश्वर को धन्यवाद करय हय।
7 কারণ আমাদের মধ্যে কেউ নিজের জন্য জীবিত থাকে না এবং কেউ নিজের জন্য মরে না।
कहालीकि हम म सी नहीं त कोयी अपनो लायी जीवय हय अऊर नहीं कोयी अपनो लायी मरय हय।
8 কারণ যদি আমরা বেঁচে থাকি, আমরা প্রভুরই জন্য বেঁচে থাকি; এবং যদি আমরা মরি, তবে প্রভুরই জন্য মরি। অতএব আমরা জীবিত থাকি বা মরি, আমরা প্রভুরই।
यदि हम जीन्दो हंय, त प्रभु को लायी जीन्दो हंय; अऊर यदि मरजे हंय, त प्रभु को लायी मरजे हंय; अब भी हम जीबो यां मरबो, हम प्रभु कोच आय।
9 কারণ এই জন্য খ্রীষ্ট মরলেন এবং আবার বেঁচে উঠলেন, যেন তিনি মৃত ও জীবিত উভয়েরই প্রভু হন।
कहालीकि मसीह येकोच लायी मरयो अऊर जीन्दो भी भयो कि ऊ मरयो हुयो अऊर जीन्दो दोयी को प्रभु आय।
10 ১০ কিন্তু কেন তুমি তোমার ভাইয়ের বিচার কর? এবং কেন তুমি তোমার ভাইকে ঘৃণা কর? কারণ আমরা সবাইত ঈশ্বরের বিচারের আসনের সামনে দাঁড়াব।
तुम त, केवल सागभाजीच खावय हय, तुम दूसरों पर न्याय कहाली देवय हय? अऊर तुम जो भी खावय हय, तुम दूसरों विश्वासियों ख तुच्छ कहाली समझय हय? हम सब लोग ओको आगु न्याय करन लायी परमेश्वर को सामने खड़ो होबो।
11 ১১ কারণ লেখা আছে, প্রভু বলছেন, “যেমন আমি জীবিত আছি, আমার কাছে প্রত্যেকেই হাঁটু পাতবে এবং প্রত্যেকটি জিভ ঈশ্বরের প্রশংসা করবে।”
शास्त्र म लिख्यो हय, “प्रभु कह्य हय, मोरो जीवन की कसम कि हर एक घुटना मोरो सामने टेकेंन, अऊर हर एक जीबली मान लेयेंन कि मय परमेश्वर आय।”
12 ১২ সুতরাং আমাদের প্রত্যেক জনকে ঈশ্বরের কাছে নিজেদের হিসাব দিতে হবে।
येकोलायी हम म सी हर एक परमेश्वर ख अपनो लेखा जोखा दे।
13 ১৩ সুতরাং, এস, আমরা যেন আর একে অন্যের বিচার না করি, কিন্তু পরিবর্তে এই ঠিক করি, যেন যা দেখে তার ভাই মনে বাধা পেতে পারে অথবা ফাঁদে না পড়তে হয়।
येकोलायी हम एक दूसरों को न्याय करनो बन्द करो अऊर येको बदले म निश्चय करो कि, अपनो भाऊ को सामने ठोकर खाय कर पाप म पढ़नो को वजह मत बनो।
14 ১৪ আমি জানি এবং প্রভু যীশুতে ভালোভাবে বুঝেছি যে কোনো জিনিসই অপবিত্র নয়, কিন্তু যে অপবিত্র মনে করে তার কাছে সেটা অপবিত্র।
प्रभु यीशु म एक होनो को वजह म जानय हय, कोयी भोजन अपनो आप सी अशुद्ध नहीं, पर जो ओख अशुद्ध समझय हय ओको लायी अशुद्ध हय।
15 ১৫ কোন খাবারের জন্য যদি তোমার ভাই দুঃখ পায়, তবে তুমি আর ভালবাসার নিয়মে চলছ না। যার জন্য খ্রীষ্ট মরলেন, তোমার খাবার দ্বারা তাকে নষ্ট করো না।
यदि तोरो भाऊ यां बहिन तोरो खान को वजह उदास होवय हय, त फिर तय प्रेम की रीति सी नहीं चलय; जेको लायी मसीह मरयो, ओको तय अपनो जेवन को द्वारा नाश मत कर।
16 ১৬ সুতরাং তোমাদের যা ভাল কাজ তা এমন ভাবে করো না যা দেখে লোক নিন্দা করে।
जेक तुम अच्छो समझय हय ओको कोयी ख बुरो मत कहन देजो।
17 ১৭ কারণ ঈশ্বরের রাজ্যে খাওয়া এবং পান করাই সব কিছু নয়, কিন্তু ধার্ম্মিকতা, শান্তি এবং পবিত্র আত্মাতে আনন্দই সব।
कहालीकि परमेश्वर को राज्य खानो-पीनो नहीं, पर सच्चायी शान्ति अऊर ऊ खुशी हय जो पवित्र आत्मा सी होवय हय।
18 ১৮ কারণ যে এই ভাবে খ্রীষ্টের সেবা করে, সে ঈশ্বরের গ্রহণযোগ্য এবং লোকেদের কাছেও ভালো।
जो कोयी यो रीति सी मसीह की सेवा करय हय, ऊ परमेश्वर ख भावय हय अऊर आदमियों म स्वीकारन लायक ठहरय हय।
19 ১৯ সুতরাং যা করলে শান্তি হয় এবং যার দ্বারা একে অন্যকে গড়ে তুলতে পারি, এস আমরা সেই সব করার চেষ্টা করি।
येकोलायी हम उन बातों म लग्यो रहबोंन जिन्कोसी मेल-मिलाप अऊर एक दूसरों की उन्नति हो।
20 ২০ খাবারের জন্য ঈশ্বরের কাজকে নষ্ট হতে দিও না। সব জিনিসই শুদ্ধ, কিন্তু কেউ যদি কিছু খায় এবং অন্য লোকের বাধা সৃষ্টি হয়, তার জন্য তা খারাপ।
जेवन को लायी जो परमेश्वर न करयो ओको नाश मत करो। सब कुछ शुद्ध त हय, पर ऊ आदमी को लायी बुरो हय जेक ओको जेवन सी ठोकर लगय हय।
21 ২১ মাংস খাওয়া, মদ পান করা, অন্য কোনো কিছু খাওয়া ঠিক নয় যাতে তোমার ভাই অসন্তুষ্ট হয়।
अच्छो त यो हय कि तय न मांस खाजो नहीं अंगूररस पीजो, नहीं अऊर कुछ असो करजो जेकोसी तोरो विश्वासी भाऊ ठोकर खाये।
22 ২২ তোমার যে বিশ্বাস আছে তা তোমার এবং ঈশ্বরের সামনেই রাখ। ধন্য সেই লোক যে যা গ্রহণ করে তাতে সে নিজের বিচার করেন।
तोरो जो विश्वास हय, ओख परमेश्वर को आगु अपनोच मन म रख धन्य हय ऊ जो या बात म, जेक ऊ ठीक समझय हय, अपनो आप ख दोषी नहीं ठहरावय।
23 ২৩ যদি সে খেয়ে সন্দেহ প্রকাশ করে তবে সে দোষী, কারণ এটা বিশ্বাসে করে নি; এবং যা কিছু বিশ্বাসে না করা তাহাই পাপ।
पर जो लोग सन्देश कर क् खावय हय उन्ख परमेश्वर दोषी ठहरय हय, कहालीकि ओको कार्य विश्वास को आधार पर नहीं अऊर जो कुछ विश्वास को आधार पर नहीं हय, पाप हय।

< রোমীয় 14 >