< গণনার বই 5 >

1 সদাপ্রভু মোশিকে বললেন,
परमेश्वर मोशेशी बोलला. तो म्हणाला,
2 “তুমি ইস্রায়েল সন্তানদের আদেশ কর, যেন তারা প্রত্যেক কুষ্ঠীকে, প্রত্যেক প্রমেহীকে ও মৃত ব্যক্তির মাধ্যমে অশুচি প্রত্যেক জনকে শিবির থেকে বের করে দেয়।
“इस्राएल लोकांस अशी आज्ञा कर की, प्रत्येक महारोगी, व कोणाला कसल्याही प्रकारचा स्त्राव होत असेल व कोणी प्रेताला शिवल्यामुळे अशुद्ध झालेला असल्यास अशा लोकांस त्यांनी छावणीच्या बाहेर घालवून द्यावे;
3 তোমরা পুরুষ ও স্ত্রীলোককে বের কর, তাদেরকে শিবির থেকে বের কর। তাদের যে শিবিরের মধ্যে আমি বাস করি, তারা তা অশুচি না করুক।”
मग तो पुरुष असो किंवा ती स्त्री असो त्यांना छावणीच्या बाहेर काढावे म्हणजे मग छावणी आजार व विटाळापासून शुद्ध स्वच्छ राहील; कारण मी छावणीत तुमच्याबरोबर राहत आहे.”
4 তখন ইস্রায়েল সন্তানরা সেই রকম কাজ করল, তাদেরকে শিবির থেকে বের করে দিল; সদাপ্রভু মোশিকে যেমন বলেছিলেন, ইস্রায়েল সন্তানরা সেই রকম করল।
तेव्हा परमेश्वराने मोशेला आज्ञा दिल्याप्रमाणे इस्राएल लोकांनी परमेश्वराची आज्ञा मानून त्या लोकांस छावणीबाहेर काढून टाकले.
5 সদাপ্রভু মোশিকে বললেন,
परमेश्वर पुन्हा मोशेशी बोलला. तो म्हणाला,
6 “তুমি ইস্রায়েল সন্তানদের বল, ‘পুরুষ কিংবা স্ত্রী হোক, একজন আর একজন মানুষের সাথে যেভাবে পাপ করে যখন কেউ সেরকম করে সদাপ্রভুর আদেশ অমান্য করে, আর সেই ব্যক্তি দণ্ডনীয় হয়, তখন সে যে পাপ করেছে,
इस्राएल लोकांस हे सांग की एखादा पुरुष वा स्त्री दुसऱ्याचा अपराध करील तर खरे पाहता तो परमेश्वराविरूद्धच पाप करील व म्हणून तो दोषी ठरेल.
7 সেটা স্বীকার করবে ও নিজের দোষের জন্য মূল্য ও তার পঞ্চমাংশের এক অংশের বেশি, যার বিরুদ্ধে দোষ করেছে, তাকে দেবে।
तेव्हा त्या मनुष्याने आपला अपराध कबूल करावा. मग ज्याचा त्याने अपराध केला आहे त्याची त्याने पूर्णपणे भरपाई करावी व त्या भरपाईत आणखी एक पंचमांशाची भर घालून ज्याचा त्याने अपराध केला आहे त्यास ती सर्व द्यावी.
8 কিন্তু যাকে দোষের পরিশোধ দেওয়া হবে, এমন মুক্তিকর্তা জ্ঞাতি যদি তার না থাকে, তবে দোষের পরিশোধ সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে যাজককে দিতে হবে; তাছাড়া যার মাধ্যমে তার প্রায়শ্চিত্ত হয়, সেই প্রায়শ্চিত্তের ভেড়াও দিতে হবে।
पण ज्याच्यावर अपराध घडला आहे तो मेला आणि अपराधाबद्दलची भरपाई घेण्यास त्याचे जवळचे कोणी नातलग नसतील तर त्या अपराधी मनुष्याने ती भरपाई परमेश्वरास अर्पण करावी. त्याने ती पूर्ण भरपाई याजकाकडे द्यावी. याजकाने त्या अपराध्याच्या प्रायश्चितासाठी प्रायश्चिताचा मेंढा अर्पण करावा परंतु राहिलेली भरपाई याजकाने ठेवावी.
9 ইস্রায়েল সন্তানরা তাদের পবিত্র বস্তুর মধ্যে যত উপহার যাজকের কাছে আনে, সেই সব কিছু তার হবে।
“जर कोणी इस्राएली लोकांमधून परमेश्वरास समर्पित करण्याकरिता काही विशेष देणगी याजकाकडे देईल तर ती याजकाने ठेवून घ्यावी; ती त्याचीच होईल.
10 ১০ যে কেউ পবিত্র বস্তু দেয়, তা তারই হবে; কোন ব্যক্তি যে কোন বস্তু যাজককে দেয়, তা তার হবে’।”
१०प्रत्येक मनुष्याने पवित्र केलेल्या वस्तू त्या याजकाच्याच होत. याजकाला कोणी काही दिले तर ते त्याचेच होईल.”
11 ১১ আর আবার সদাপ্রভু মোশিকে বললেন,
११मग परमेश्वर पुन्हा मोशेशी बोलला. तो म्हणाला,
12 ১২ “তুমি ইস্রায়েল সন্তানদের বল, তাদেরকে বল, কোন ব্যক্তির স্ত্রী যদি বিপথগামিনী হয়ে তার বিরুদ্ধে পাপ করে,
१२इस्राएल लोकांस असे सांग की एखाद्या मनुष्याच्या पत्नीने त्याचा विश्वासघात केला.
13 ১৩ সে যদি স্বামীর চোখের আড়ালে কোন পুরুষের সঙ্গে সম্পর্ক করে গোপনে অশুচি হয় ও তার বিপক্ষে কোন সাক্ষী না থাকে ও সে ধরা না পড়ে
१३म्हणजे तिने दुसऱ्या मनुष्याशी कुकर्म केले व ही गोष्ट तिने आपल्या नवऱ्यापासून लपवून ठेवली तर कोणी साक्षीदार नसल्यामुळे हे कुकर्म तिच्या नवऱ्याला कधीच कळणार नाही; ती स्वत: तर आपल्या नवऱ्याला ही गोष्ट सांगणारच नाही;
14 ১৪ এবং স্ত্রী অশুচি হলে স্বামী যদি ঈর্ষান্বিত হয়; অথবা স্ত্রী অশুচি না হলেও যদি সে মিথ্যা ভাবে ঈর্ষান্বিত হয়;
१४आणि तिच्या पतीच्या मनात प्रेमशंका उदभवली आणि आपल्या स्त्रीच्या पातिव्रत्याबद्दल त्यास संशय येऊन ती जर खरोखर भ्रष्ट झालेली असली अथवा तिच्या पतीच्या मनात प्रेमशंका उदभवून आपल्या स्त्रीच्या पातिव्रत्याबद्दल त्यास संशय आला आणि ती वास्तविक भ्रष्ट झालेली नसली.
15 ১৫ তবে সেই স্বামী তার স্ত্রীকে যাজকের কাছে আনবে এবং তার জন্য উপহার, অর্থাৎ এক ঐফার দশমাংশ যবের সূজি আনবে, কিন্তু তার উপরে তেল ঢালবে না ও কুন্দুরু দেবে না; কারণ তা ঈর্ষান্বিতর ভক্ষ্য নৈবেদ্য, স্মরণের ভক্ষ্য নৈবেদ্য, যার মাধ্যমে অপরাধ স্মরণ হয়।
१५जर असे झाले, तर त्या मनुष्याने आपल्या पत्नीला याजकाकडे घेऊन जावे. तसेच त्याने अर्पण म्हणून एक दशमांश एफा जवाचे पीठ अर्पावे; त्याच्यावर त्याने तेल ओतू नये किंवा धूप ठेवू नये; कारण परप्रेमशंकेमुळे केलेले म्हणजे अनीतीचे स्मरण करून देणारे हे अन्नार्पण होय.
16 ১৬ যাজক সেই স্ত্রীকে নিয়ে সদাপ্রভুর সামনে উপস্থিত করবে।
१६याजकाने त्या स्त्रीला परमेश्वरासमोर उभे करावे.
17 ১৭ যাজক মাটির পাত্রে পবিত্র জল রেখে সমাগম তাঁবুর মেঝের কিছুটা ধূলো নিয়ে সেই জলে দেবে।
१७मग याजकाने मातीच्या पात्रात पवित्र पाणी घ्यावे व पवित्र निवासमंडपाच्या जमिनीवरील थोडीशी धूळ त्यामध्ये टाकावी.
18 ১৮ যাজক সেই স্ত্রীকে সদাপ্রভুর সামনে উপস্থিত করবে ও তার মাথার চুল খুলে দিয়ে ঐ স্মরণের ভক্ষ্য নৈবেদ্য, অর্থাৎ ঈর্ষান্বিতর, তার হাতে দেবে এবং যাজকের হাতে অভিশাপজনক তেতো জল থাকবে।
१८याजकाने त्या स्त्रीला परमेश्वरासमोर उभे रहावयास सांगावे. मग त्याने तिच्या डोक्याचे केस सोडावे, आणि द्वेषामुळे अर्पण करण्यासाठी आणिलेले जवाचे पीठ तिच्या हातावर ठेवावे. त्याचवेळी याजकाने शाप आणणारे जे कडू पाणी आपल्या हातात घ्यावे;
19 ১৯ যাজক ঐ স্ত্রীকে শপথ করে বলবে, কোন পুরুষ যদি তোমার সঙ্গে না শুয়ে থাকে এবং তুমি নিজের স্বামীর অধীনে থাক ও যদি বিপথগামী কোন অশুচি কাজ না করে থাক, তবে এই অভিশাপজনক তেতো জল তোমার ওপর না কাজ করুক।
१९मग त्या याजकाने त्या स्त्रीला खोटे न बोलण्याबद्दल सूचना द्यावी. तसेच तिने खरे सांगण्याचे वचन द्यावे. याजकाने तिला म्हणावे; तू लग्न झालेल्या तुझ्या नवऱ्याविरूद्ध पाप करून दुसऱ्या पुरुषाबरोबर कुकर्म केले नसेल तर मग या शाप देणाऱ्या कडू पाण्यापासून मुक्त हो.
20 ২০ কিন্তু তুমি নিজের স্বামীর অধীনে হয়েও যদি বিপথগামী হয়ে থাক, যদি অশুচি কাজ করে থাক ও তোমার স্বামী ছাড়া অন্য কোন পুরুষ যদি তোমার সঙ্গে শুয়ে থাকে,”
२०परंतु तू जर तुझ्या नवऱ्या विरूद्ध पाप केले असेल, तू दुसऱ्या पुरुषाबरोबर संबंध केला असशील तर मग तू भ्रष्ट झाली आहेस.
21 ২১ তবে যাজক সেই স্ত্রীকে অভিশাপজনক শপথ করাবে ও যাজক সেই স্ত্রীকে বলবে, সদাপ্রভু তোমার ঊরু অবশ ও তোমার পেট বড় করে তোমার লোকেদের মধ্যে তোমাকে শাপের ও অপবাদের পাত্রী করবেন;
२१मग याजकाने त्या स्त्रीला परमेश्वरापुढे शापाची शपथ घ्यावयास सांगावे; परमेश्वर तुझी मांडी सडवील व तुझे पोट फुगविल तेव्हा परमेश्वर तुला लोकांच्या शापाला व तिरस्काराला पात्र करो.
22 ২২ এই অভিশাপজনক জল তোমার পেটের মধ্যে গিয়ে তোমার পেট বড় ও ঊরু অবশ করবে। তখন সেই স্ত্রী বলবে, আমেন, আমেন।
२२याजकाने म्हणावे, म्हणजे तुझे पोट फुगविण्यासाठी व मांडी सडविण्यासाठी हे शापजनक पाणी तुझ्या आतड्यात शिरेल. मग त्या स्त्रीने आमेन, आमेन असे म्हणावे.
23 ২৩ যাজক সেই অভিশাপের কথা বইয়ে লিখে ঐ তেতো জলে মুছে ফেলবে।
२३मग याजकाने हे शापशब्द पुस्तकात लिहून ते कडू पाण्यात धुवावे.
24 ২৪ সেই অভিশাপজনক তেতো জল ঐ স্ত্রীকে পান করাবে; তাতে সেই অভিশাপজনক তেতো জল পান করাবে যেটা তার অভিশাপ স্বরূপ হবে।
२४मग ते शापित कडू पाणी त्या स्त्रीने प्यावे. हे पाणी तिच्या पोटात जाईल आणि तिच्या पोटात कडूपणा उत्पन्न करील.
25 ২৫ যাজক ঐ স্ত্রীর হাত থেকে সে ঈর্ষান্বিতর ভক্ষ্য নৈবেদ্য নেবে এবং সেই ভক্ষ্য নৈবেদ্য সদাপ্রভুর সামনে দেখিয়ে বেদির উপরে উপস্থিত করবে।
२५नंतर याजकाने ते द्वेषाबद्दलचे अन्नार्पण त्या स्त्रीच्या हातातून घ्यावे व परमेश्वरासमोर उंच धरावे आणि मग ते वेदीजवळ घेऊन जावे.
26 ২৬ যাজক সেটার স্মরণে সেই ভক্ষ্য নৈবেদ্যের এক মুঠো নিয়ে বেদির উপরে পোড়াবে, তারপরে ঐ স্ত্রীকে সেই জল পান করাবে।
२६मग त्यातील मूठभर अन्नार्पण घेऊन त्याचे स्मारक म्हणून ते वेदीवर जाळावे. त्यानंतर याजकाने त्या स्त्रीला हे पाणी पिण्यास सांगावे.
27 ২৭ যখন সেই স্ত্রীকে জল পান করাবে, সে যদি তার স্বামীর বিরুদ্ধে পাপ করে অশুচি হয়ে থাকে, তবে সেই অভিশাপজনক জল তার মধ্যে তেতো হয়ে প্রবেশ করবে এবং তার পেট বড় ও ঊরু অবশ হয়ে পড়বে; এই ভাবে সেই স্ত্রী তার লোকেদের মধ্যে অভিশপ্ত হবে।
२७जर त्या स्त्रीने आपल्या नवऱ्याविरूद्ध अपराध केला असेल तर शापजनक पाणी पाजल्यावर ते तिच्या पोटात जाईल व कडूपणा उत्पन्न करील. तिचे पोट फुगेल, तिची मांडी सडेल तिच्या लोकात तिचे नाव शापित होईल.
28 ২৮ কিন্তু যদি সেই স্ত্রী অশুচি না হয়ে শুচি থাকে, তবে সে মুক্ত হবে ও সন্তানের জন্ম দেবে।
२८परंतु त्या स्त्रीने आपल्या नवऱ्याविरूद्ध पाप केले नसेल व ती शुद्ध असेल तर ती स्त्री अपराधी नाही असे याजकाने तिला सांगावे. मग ती मुक्त होईल व गर्भधारणेस पात्र ठरेल.
29 ২৯ এটা ঈর্ষান্বিত বিষয়ের ব্যবস্থা; স্ত্রীলোক স্বামীর অধীনা থেকেও বিপথে গিয়ে অশুচি হলে,
२९तेव्हा द्वेषासंबंधी हा नियम आहे. एखाद्या स्त्रीने आपल्या नवऱ्याविरूद्ध जर पाप केले तर तू ही अशी कारवाई करावी.
30 ৩০ কিংবা স্বামী ঈর্ষান্বিত আত্মার মাধ্যমে তার স্ত্রীর প্রতি ঈর্ষান্বিত হলে সে সেই স্ত্রীকে সদাপ্রভুর সামনে উপস্থিত করবে এবং যাজক সেই বিষয়ে এই সমস্ত ব্যবস্থা পালন করবে।
३०किंवा एखाद्या पुरुषाने आपल्या पत्नीने आपल्या विरूद्ध पाप केले आहे असा संशय व द्वेष, धरला तर त्या मनुष्याने अशी कारवाई करावी; त्या मनुष्याने स्त्रीला परमेश्वरासमोर उभे करावे व सांगितलेल्या नियमाप्रमाणे तिच्याविरूद्ध कारवाई करावी.
31 ৩১ তাতে স্বামী যাজকের কাছে তার স্ত্রীকে এনে অপরাধ থেকে মুক্ত হবে এবং সেই স্ত্রী তার অপরাধ বহন করবে।
३१मग पती अधर्म करण्यापासून मुक्त होईल परंतु जर स्त्रीने पाप केले असेल तर तिला त्रास भोगावा लागेल.

< গণনার বই 5 >