< নহূম ভাববাদীর বই 3 >

1 ধিক, সেই রক্তপাতের শহরকে, সম্পূর্ণ মিথ্যা ও চুরি করা সম্পত্তি, লুট করা ছাড়ে না।
ख़ूँरेज़ शहर पर अफ़सोस, वह झूट और लूट से बिल्कुल भरा है; वह लूटमार से बाज़ नहीं आता।
2 শোন, চাবুকের শব্দ, চাকার ঘড়ঘড় শব্দ; সেখানে দ্রুততম ঘোড়া চলার শব্দ, লাফিয়ে চলা ঘোড়া।
सुनो, चाबुक की आवाज़, और पहियों की खड़खड़ाहट और घोड़ों का कूदना और रथों के हिचकोले!
3 ঘোড়াচালক যোদ্ধা, তলোয়ার চকচক করছে, বর্শা চমকাছে। দেখ, অনেক আহত লোক আর মৃতদেহের ঢিবি, মৃতদেহের শেষ নেই, লোকে মৃতদেহের উপরে হোঁচট খাচ্ছে।
देखो, सवारों का हमला और तलवारों की चमक और भालों की झलक और मक़्तूलों के ढेर, और लाशों के तूदे; लाशों की इन्तिहा नहीं, लाशों से ठोकरें खाते हैं।
4 এই সবই হচ্ছে সেই সুন্দরী বেশ্যার অনেক বেশ্যাবৃত্তির জন্য; আকর্ষণীয়া এবং তার নানারকম যাদুকরি কাজ। তার বেশ্যার কাজ দিয়ে সে জাতিদের এবং যাদুবিদ্যা দিয়ে লোকদের বন্দী করে।
ये उस ख़ूबसूरत जादूगरनी फ़ाहिशा की बदकारी की कसरत का नतीजा है, क्यूँकि वह क़ौमों को अपनी बदकारी से, और घरानों को अपनी जादूगरी से बेचती है।
5 বাহিনীদের সদাপ্রভু বলছেন, হে নীনবী, আমি তোমার বিরুদ্ধে, আমি মুখ পর্যন্ত তোমার কাপড় ওঠাব। জাতিগণকে তোমার উলঙ্গতা ও নানা রাজ্যের লোকেদের তোমার লজ্জা দেখাবো।
रब्ब — उल — अफ़वाज फ़रमाता है, देख, मैं तेरा मुख़ालिफ़ हूँ और तेरे सामने से तेरा दामन उठा दूँगा, और क़ौमों को तेरी बरहनगी और ममलुकतों को तेरा सत्र दिखलाऊँगा।
6 আমি তোমার উপর আবর্জনা ছুঁড়ে ফেলব, তোমাকে ঘৃণার চোখে দেখব এবং তোমাকে ঠাট্টার পাত্র করব।
और नजासत तुझ पर डालूँगा, और तुझे रुस्वा करूँगा, हाँ तुझे अन्गुश्तनुमा कर दूँगा।
7 তাই যে কেউ তোমাকে দেখবে, সে তোমার কাছ থেকে পালাবে, আর বলবে, “নীনবী ধ্বংস হয়ে গেছে, কে তার জন্য কাঁদবে? আমি তোমার জন্য কোথায় সান্ত্বনাকারী খুঁজে পাব?”
और जो कोई तुझ पर निगाह करेगा, तुझ से भागेगा और कहेगा, नीनवा वीरान हुआ; इस पर कौन तरस खाएगा? मैं तेरे लिए तसल्ली देने वाले कहाँ से लाऊँ।
8 হে নীনবী, তুমি কি নো-আমোনের চেয়ে ভাল? সে তো নীল নদীর ধারে ছিল আর তার চারপাশ ঘিরে ছিল জল। সাগর ছিল তার রক্ষার দেয়াল।
क्या तू नोआमून से बेहतर हैं, जो नहरों के बीच बसा था और पानी उसकी चारों तरफ़ था; जिसकी शहरपनाह दरिया-ए-नील था, और जिसकी फ़सील पानी था?
9 কূশ আর মিশর তাকে সীমাহীন শক্তি যোগাত, তার বন্ধুদের মধ্যে ছিল পূট ও লিবিয়া।
कूश और मिस्र उसकी बेइन्तिहा तवानाई थे; फ़ूत और लूबीम उसके हिमायती थे।
10 ১০ তবুও তার লোকদের বন্দী করে অন্য দেশে নিয়ে যাওয়া হয়েছিল। প্রত্যেকটি রাস্তার মোড়ে তার শিশুদের আছাড় মারা হয়েছিল। তার গণ্যমান্য লোকদের জন্য গুলিবাঁট করে তাদের শিকল দিয়ে বেঁধে নিয়ে যাওয়া হয়েছিল।
तोभी वह जिलावतन और ग़ुलाम हुआ; उसके बच्चे सब कूचों में पटक दिए गए, और उनके शुर्फ़ा पर पर्चा डाला गया, और उसके सब बुज़ुर्ग ज़ंजीरों से जकड़े गए।
11 ১১ তুমি মাতাল হয়ে পড়বে, তুমি শত্রুদের কাছ থেকে লুকাবার চেষ্টা করবে।
तू भी मस्त होकर अपने आप को छिपाएगा, और दुश्मन के सामने से पनाह ढूँडेगा।
12 ১২ তোমার সমস্ত দুর্গগুলো পাকা ফলে ভরা ডুমুর গাছের মত, যদি সেগুলো নাড়ানো হয় ডুমুরগুলো তারই মুখে পড়বে।
तेरे सब क़िले' अंजीर के दरख़्त की तरह हैं, जिस पर पहले पक्के फल लगे हों, जिसको अगर कोई हिलाए तो वह खाने वाले के मुँह में गिर पड़ें।
13 ১৩ দেখ, তোমার লোকেরা সবাই স্ত্রীলোকের মত। তোমার দেশের দরজা তোমার শত্রুদের সামনে একেবারে খোলা রয়েছে, আগুন দরজা পুড়িয়ে দিয়েছে।
देख, तेरे अन्दर तेरे मर्द 'औरतें बन गए, तेरी मम्लुकत के फाटक तेरे दुश्मनों के सामने खुले हैं; आग तेरे अड़बंगों को खा गई।
14 ১৪ ঘেরাওয়ের জন্য তুমি জল তুলে রাখ, তোমার দুর্গগুলো শক্তিশালী কর। কাদা, চুন ও বালি মেশাও ইটের দেওয়াল সারাও।
तू अपने घिराव के वक़्त के लिए पानी भर ले, और अपने क़िलों' को मज़बूत कर; गढ़े में उतरकर मिट्टी तैयार कर, और ईंट का साँचा हाथ में ले।
15 ১৫ সেখানে আগুন তোমাকে গ্রাস করবে, তলোয়ার তোমাকে কেটে ফেলবে এবং এটা তোমাকে গ্রাস করবে পঙ্গপালের মত। তোমরা সংখ্যায় বেড়ে ওঠো পঙ্গপালের ও ফড়িংয়ের মত।
वहाँ आग तुझे खा जाएगी, तलवार तुझे काट डालेगी। वह टिड्डी की तरह तुझे चट कर जाएगी। अगरचे तू अपने आप को चट कर जाने वाली टिड्डियों की तरह फ़िरावान करे, और फ़ौज — ए — मलख़ की तरह बेशुमार हो जाए।
16 ১৬ তোমার ব্যবসায়ীদের সংখ্যা তুমি আকাশের তারার চেয়েও বেশী বাড়িয়েছ, কিন্তু তারা পঙ্গপালের মত, দেশকে লুট করে আর উড়ে যায়।
तू ने अपने सौदागरों को आसमान के सितारों से ज़्यादा फ़िरावान किया। चट कर जाने वाली टिड्डी, ख़राब करके उड़ जाती है।
17 ১৭ তোমার রাজকুমারীরা পঙ্গপালের ঝাঁকের মত এবং তোমার সেনাপতিরা ফড়িংয়ের ঝাঁকের মত, যারা শীতের দিনের দেয়ালের উপরে বসে থাকে কিন্তু সূর্য্য উঠলে পর উড়ে যায়, কোথায় যায় কেউ জানে না।
तेरे हाकिम मलख़ और तेरे सरदार टिड्डियों का हुजूम हैं, जो सर्दी के वक़्त झाड़ियों में रहती हैं; और जब आफ़ताब निकलता है तो उड़ जाती हैं, और उनका मकान कोई नहीं जानता।
18 ১৮ হে অশূরের রাজা, তোমার মেষপালকেরা ঘুমাচ্ছে, তোমার নেতারা বিশ্রাম করছে। তোমার লোকেরা পাহাড়ে পাহাড়ে ছড়িয়ে পড়েছে, তাদের একত্র করবার কেউ নেই।
ऐ शाह — ए — असूर, तेरे चरवाहे सो गए; तेरे सरदार लेट गए। तेरी रि'आया पहाड़ों पर बिखर गई, और उसको इकठ्ठा करने वाला कोई नहीं।
19 ১৯ কোন কিছুই তোমার ক্ষত ভাল করতে পারবে না, তোমার ক্ষত সাংঘাতিক। যারা তোমার খবর শুনবে তারা তোমার উপরে আনন্দে হাততালি দেবে, কারণ তোমার অশেষ নিষ্ঠুরতা থেকে কে রক্ষা পেয়েছে?
तेरी शिकस्तगी ला'इलाज है, तेरा ज़ख़्म कारी है; तेरा हाल सुनकर सब ताली बजाएँगे। क्यूँकि कौन है जिस पर हमेशा तेरी शरारत का बार न था?

< নহূম ভাববাদীর বই 3 >