< মার্ক 6 >

1 পরে যীশু সেখান থেকে চলে গেলেন এবং নিজের দেশে আসলেন, আর তাঁর শিষ্যরা তাঁর পেছন পেছন গেল।
मंग येशु तठेन निंघीसन आपला नासरेथ गावले परत वना, अनं त्यानामांगे त्याना शिष्य बी तठे वनात.
2 বিশ্রামবার এলে তিনি সমাজঘরে শিক্ষা দিতে লাগলেন; তাতে অনেক লোক তার কথা শুনে অবাক হয়ে বলল, এই লোক এ সব শিক্ষা কোথা থেকে পেয়েছে? একি জ্ঞান তাকে ঈশ্বর দিয়েছে? এই লোকটী হাত দিয়ে যে সব অলৌকিক কাজ হচ্ছে, এটাই বা কি?
तो जवय शब्बाथ दिनले सभास्थानमा शिकाडी राहिंता तवय तठला लोके त्यानं ऐकीन थक्क व्हईसन बोलनात की, ह्या सर्व गोष्टी ह्याले कोठेन मिळण्यात? ह्याले काय हाई बुध्दी देवामा येल शे? अनी हाऊ चमत्कार कशा करस?
3 একি সেই ছুতার মিস্ত্রি, মরিয়মের সেই পুত্র এবং যাকোব, যোষি, যিহূদা ও শিমোনের ভাই নয়? এবং তার বোনেরা কি আমাদের এখানে নেই? এই ভাবে তারা যীশুকে নিয়ে বাধা পেতে লাগল।
अनं जो सुतार शे, अनी मरीयाना पोऱ्या अनी याकोब, योसेफ, यहूदा, शिमोन, ह्यासना भाऊ तो हाऊच शे ना? त्यान्या बहिणी या आपलाबरोबर शेतस ना? म्हणीन त्यासनी त्याले नकार.
4 তখন যীশু তাদের বললেন, নিজের শহর ও নিজের লোক এবং নিজের বাড়ি ছাড়া আর কোথাও ভাববাদী অসম্মানিত হন না।
येशु त्यासले बोलना, जो संदेष्टा ऱ्हास, त्याले आपला घरमा, नातलगसमा अनं आपला गावमा मानपान भेटस नही पण दुसरा लोके त्यासना सन्मान करतस.
5 তখন তিনি সে জায়গায় আর কোন আশ্চর্য্য কাজ করতে পারলেন না, শুধুমাত্র কয়েক জন রোগগ্রস্থ মানুষের ওপরে হাত রেখে তাদেরকে সুস্থ করলেন।
त्यानी तठे थोडाच आजारीसले हात ठेईन बरं करं, यानाशिवाय त्याले तठे कोणताच चमत्कार करता वना नही.
6 আর তিনি তাদের অবিশ্বাস দেখে অবাক হলেন। পরে তিনি চারদিকে গ্রামে গ্রামে ঘুরে শিক্ষা দিতে লাগলেন।
त्यासनी येशुवर ईश्वास ठेया नही म्हणीन त्याले आश्चर्य वाटनं. तवय तो प्रचार करत गाव-गाव फिरना.
7 আর তিনি সেই বারো জনকে কাছে ডেকে দুজন দুজন করে তাঁদেরকে প্রচার করবার জন্য পাঠিয়ে দিলেন; এবং তাঁদেরকে মন্দ আত্মার ওপরে ক্ষমতা দান করলেন;
मंग येशुनी बारा शिष्यसले बलाईसन त्यासले दुष्ट आत्मा काढाना अधिकार दिधा अनी दोन दोन जणसनी जोडी करीसन त्यासले धाडी दिधं
8 আর নির্দেশ করলেন, তারা যেন চলার জন্য এক এক লাঠি ছাড়া আর কিছু না নেয়, রুটি ও না, থলি কি দুটি জামাকাপড় নিও না, কোমর বন্ধনীতে পয়সাও না;
अनी त्यानी त्यासले आज्ञा करी की, “प्रवासकरता काठी शिवाय काहीच लई जाऊ नका भाकर, झोळी अनं कमरबंदमा पैसा लई जाऊ नका.
9 কিন্তু পায়ে জুতো পরো, আর দুইটি জামাও পরিও না।
तरी पायमा जोडा घालीन चाला अनी संगे सदरा लेवु नका.”
10 ১০ তিনি তাঁদেরকে আরও বললেন, তোমরা যখন কোন বাড়িতে ঢুকবে, সেখান থেকে অন্য কোথাও যাওয়া পর্যন্ত সেই বাড়িতে থেকো।
आखो तो त्यासले बोलना, “ज्या घरमा तुमनं स्वागत करतीन त्याच घरमा गाव सोडा पावत ऱ्हावा.
11 ১১ আর যদি কোন জায়গার লোক তোমাদেরকে গ্রহণ না করে এবং তোমাদের কথা না শোনে, সেখান থেকে যাওয়ার দিন তাদের উদ্দেশ্যে সাক্ষ্যের জন্য নিজ নিজ পায়ের থেকে ধূলো ঝেড়ে ফেলো।
अनी ज्या गावना लोके तुमना स्विकार करावं नही अनी तठला कोणीच तुमनं ऐकाऊत नही तवय तठेन निंघाना येळले तुमना पायनी धुळ तठेच झटकी टाका. कारण ती त्यासले चेतावणी राही.”
12 ১২ পরে তাঁরা গিয়ে প্রচার করলেন, যেন মানুষেরা পাপ থেকে মন ফেরায়।
त्यासनी तठेन जाईसन लोकसले प्रचार करीसन सांगं, “पाप सोडा अनी देवकडे वळा.”
13 ১৩ আর তাঁরা অনেক ভূত ছাড়ালেন এবং অনেক অসুস্থ লোককে তেল মাখিয়ে তাদেরকে সুস্থ করলেন।
त्यासनी बराच दुष्ट आत्मा काढात अनी बराच आजारीसले तेल लाईन बरं करं.
14 ১৪ আর হেরোদ রাজা তাঁর কথা শুনতে পেলেন, কারণ যীশুর নাম খুব সুনাম ছিল। তখন তিনি বললেন, বাপ্তিষ্মদাতা যোহন মৃতদের মধ্য থেকে উঠেছেন, আর সেই জন্য এইসব অলৌকিক কাজ করতে পারছেন।
येशुबद्दल हेरोद राजानी ऐकं कारण त्यानं नाव गाजेल व्हतं अनी काही लोके अस म्हणी राहींतात, “बाप्तिस्मा करनारा योहान मरेल मातीन जिवत व्हयेल शे, म्हणीसन हाई चमत्कारनी शक्ती त्यानामा कार्य करी राहीनी.”
15 ১৫ কিন্তু কেউ কেউ বলল, উনি এলিয় এবং কেউ কেউ বলল, উনি একজন ভবিষ্যত বক্তা, ভবিষ্যৎ বক্তাদের মধ্যে কোন এক জনের মত।
कोणी त्याले “एलिया” म्हणे तर कोणी म्हणेत संदेष्टा शे म्हणजेच “जुना संदेष्टासना मायक एक शे.”
16 ১৬ কিন্তু হেরোদ তাঁর কথা শুনে বললেন, আমি যে যোহনের মাথা শিরচ্ছেদ করেছি, তিনি উঠেছেন।
पण हेरोद हाई ऐकीसन बोलना, “हाऊ बाप्तिस्मा करनारा योहान शे! ज्याना मी शिरच्छेद करा, तो हाऊ योहान जिवत व्हयेल शे!”
17 ১৭ হেরোদ নিজের ভাই ফিলিপের স্ত্রী হেরোদিয়াকে বিয়ে করেছিলেন এবং তার জন্য যোহনকে ধরে বেঁধে কারাগারে রেখেছিলেন
हेरोदनी माणसे धाडीसन योहानले पकडीन कैदखानामा ठेयेल व्हतं. कारण त्याना भाऊ फिलीप्प यानी बायको हेरोदीया हिनासंगे हेरोद राजानी लगीन करेल व्हतं.
18 ১৮ কারণ যোহন হেরোদকে বলেছিলেন, ভাইয়ের স্ত্রীকে বিয়ে করা আপনার উচিত হয়নি।
अनी बाप्तिस्मा करनारा योहान हेरोदले सांगे, “तु तुना भाऊनी बायकोसंगे लगीन करं, हाई अयोग्य शे.”
19 ১৯ আর হেরোদিয়া তাঁর ওপর রেগে গিয়ে তাঁকে মেরে ফেলতে চেয়েছিল, কিন্তু পেরে ওঠেনি।
यामुये हेरोदिया हाई योहानना व्देष करे, तीनी त्याले मारानी ईच्छा व्हती पण हेरोदमुये तिले काहीच करता वनं नही.
20 ২০ কারণ হেরোদ যোহনকে ধার্মিক ও পবিত্র লোক বলে ভয় করতেন ও তাঁকে রক্ষা করতেন। আর তাঁর কথা শুনে তিনি খুব অস্বস্তি বোধ করতেন এবং তাঁর কথা শুনতে ভালবাসতেন।
योहान हाऊ धार्मीक अनं पवित्र माणुस शे हाई हेरोदले माहित व्हतं म्हणीन तो त्याले घाबरे अनं त्यानं रक्षण करे. तो जे काही बोले ते ऐकीसन हेरोद गोंधळी जाये, पण तरी तो आनंदमा त्यानं ऐकी ले.
21 ২১ পরে হেরোদিয়ার কাছে এক সুযোগ এল, যখন হেরোদ নিজের জন্মদিনের বড় বড় লোকদের, সেনাপতিদের এবং গালীলের প্রধান লোকদের জন্য এক রাত্রিভোজ আয়োজন করলেন;
शेवट एक दिन हेरोदिया हिले तिनी संधी भेटनी, कारण त्या दिन हेरोदना जन्मदिन व्हता. त्यानी सरदार, प्रधान, अनं गालील प्रांतमाधला मोठा लोकसले जेवणनं निमंत्रण दिधं.
22 ২২ আর হেরোদিয়ার মেয়ে সেই ভোজ সভায় নেচে হেরোদ এবং যাঁরা তাঁর সঙ্গে ভোজে বসেছিলেন, তাঁদের সন্তুষ্ট করল। তাতে রাজা সেই মেয়েকে বললেন, তোমার যা ইচ্ছা হয়, আমার কাছে চাও, আমি তোমাকে দেব।
मंग हेरोदिया हिना पोरनी स्वतः मजार राजवाडामा जाईसन नाचगाणा करीसन हेरोदनासंगे जेवणले बसेल सर्वासले खूश करं, तवय राजा त्या पोरले बोलना, “तुले जे काही पाहिजे ते मनाकडे मांग म्हणजे मी ते तुले दिसु.”
23 ২৩ আর তিনি শপথ করে তাকে বললেন, অর্ধেক রাজ্য পর্যন্ত হোক, আমার কাছে যা চাইবে, তাই তোমাকে দেব।
तो वचन दिसन बोलना, “मी शपथ खाईसन सांगस की, मना अर्धा राज्य पावत जे काही तु मांगशी ते मी तुले दिसु!”
24 ২৪ সে তখন বাইরে গিয়ে নিজের মাকে জিজ্ঞাসা করল, আমি কি চাইব? সে বলল, যোহন বাপ্তিষ্মদাতার মাথা।
तवय ती पोरनी बाहेर जाईसन आपली मायले ईचारं, “मी काय मांगु?” तवय ती बोलनी, “बाप्तिस्मा करनारा योहाननं मुंडकं.”
25 ২৫ সে তখনই তাড়াতাড়ি করে হলের মধ্যে গিয়ে রাজার কাছে তা চাইল, বলল, আমার ইচ্ছা এই যে, আপনি এখনই যোহন বাপ্তিষ্মদাতার মাথা থালায় করে আমাকে দিন।
मंग तिनी लगेच पयत जाईसन राजाले सांग, “बाप्तिस्मा करनारा योहाननं मुंडकं ताटमा ठेईसन मनाकरता आत्तेच लई या अशी मनी ईच्छा शे!”
26 ২৬ তখন রাজা খুব দুঃখিত হলেন, কিন্তু নিজের শপথের কারণে এবং যারা তাঁর সঙ্গে ভোজে বসেছিল, তাদের জন্যে, তাকে ফিরিয়ে দিলেন না।
तवय राजा भलताच नाराज व्हयना कारण त्यानी देयल शपथमुये अनी तठे जेवणले बशेल लोकसनामुये त्याले तिले नकार देता वना नही.
27 ২৭ আর রাজা তখনই একজন সেনাকে পাঠিয়ে যোহনের মাথা আনতে আদেশ দিলেন; সেই সেনাটি কারাগারের মধ্যে গিয়ে তাঁর মাথা কাটল,
तवय राजानी लगेच शिपाईले कैदखानामा धाडीसन बाप्तिस्मा करनारा योहाननं मुंडकं लयानी आज्ञा करी. तवय त्यानी कैदखानामा जाईन त्यानं मुंडकं कापं,
28 ২৮ পরে তাঁর মাথা থালায় করে নিয়ে এসে সেই মেয়েকে দিল এবং মেয়েটি নিজের মাকে দিল।
अनी मुंडकं ताटमा ठेईसन त्या पोरले आणी दिधं अनी ती पोरनी ते आपली मायले दिधं.
29 ২৯ এই খবর পেয়ে তাঁর শিষ্যরা এসে তাঁর মৃতদেহ নিয়ে গিয়ে কবর দিল।
जवय बाप्तिस्मा करनारा योहानना शिष्यसले हाई बातमी कळनी तवय त्यासनी त्याना प्रेत उचलीसन कबरमा ठेवं.
30 ৩০ পরে প্রেরিতরা যীশুর কাছে এসে জড়ো হলেন; আর তাঁরা যা কিছু করেছিলেন, ও যা কিছু শিক্ষা দিয়েছিলেন, সেই সব তাঁকে বললেন।
त्यानंतर प्रेषित येशुले परत ईसन भेटनात अनं त्यासनी जे काही करेल व्हतं अनी शिकाडेल व्हतं ते सर्वकाही त्यासनी त्याले सांगं.
31 ৩১ তিনি তাঁদেরকে বললেন, তোমরা দূরে এক নির্জন জায়গায় এসে কিছুদিন বিশ্রাম কর। কারণ অনেক লোক আসা যাওয়া করছিল, তাই তাঁদের খাবারও দিন ছিল না।
तठे भरपुर लोके ये जा करी राहींतात त्यामुये येशुले अनी त्याना शिष्यसले जेवाले सवड भेटी नही राहींती. तवय तो त्यासले बोलना, “थोडा आराम कराले एकांतमा चला.”
32 ৩২ পরে তাঁরা নিজেরা নৌকা করে দূরে এক নির্জন জায়গায় চলে গেলেন।
मंग त्या नावमा बशीन एकांतमा निंघी गयात.
33 ৩৩ কিন্তু লোকে তাঁদেরকে যেতে দেখল এবং অনেকে তাঁদেরকে চিনতে পারল, তাই সব শহর থেকে মানুষেরা দৌড়ে গিয়ে তাঁদের আগে সেখানে গেল।
तवय लोकसनी त्यासले दखी लिधं बराच जणसनी त्यासले वळखी लिधं अनी तठला गावमधला लोके पायी चालीसन अनं पयत जाईसन येशु अनी त्याना शिष्यसना पहिलेच तठे पोहची गयात.
34 ৩৪ তখন যীশু নৌকা থেকে বের হয়ে বহুলোক দেখে তাদের জন্য করুণাবিষ্ট হলেন, কারণ তারা পালকহীন মেষপালের মত ছিল; আর তিনি তাদেরকে অনেক বিষয় শিক্ষা দিতে লাগলেন।
येशु नावमातीन उतरना तवय त्यानी लोकसनी गर्दी दखी, तवय त्याले त्यासनी किव वनी कारण त्या बिगर मेंढपाळना भटकेल मेंढरंसना मायक व्हई जायेल व्हतात. म्हणीन तो त्यासले बराच गोष्टी शिकाडु लागना.
35 ৩৫ পরে দিন প্রায় শেষ হলে তাঁর শিষ্যরা কাছে এসে তাঁকে বললেন, এ জায়গা নির্জন এবং দিন ও প্রায় শেষ;
जवय बराच उशीर व्हयना तवय, शिष्य येशुकडे ईसन बोलनात, “हाई एकांतनी जागा शे, अनी बराच उशीर व्हयेल शे.
36 ৩৬ তাই এদেরকে যেতে দিন, যেন ওরা চারদিকে শহরে এবং গ্রামে গ্রামে গিয়ে নিজেদের জন্য খাবার জিনিস কিনতে পারে।
म्हणीन त्यासले जाऊ द्या म्हणजे लोके आसपासना खेडापाडा अनं गावमा जाईसन स्वतःकरता जेवण ईकत लेतीन.”
37 ৩৭ কিন্তু তিনি উত্তর করে তাঁদেরকে বললেন, তোমরাই ওদেরকে কিছু খেতে দাও। তাঁরা বললেন, আমরা গিয়ে কি দুশো সিকির রুটি কিনে নিয়ে ওদেরকে খেতে দেব?
पण येशुनी शिष्यसले उत्तर दिधं, “तुम्हीनच त्यासले खावाले द्या,” तवय त्या बोलनात, “आम्हीन दोनशे चांदिना शिक्कासण्या भाकरी ईकत लईसन त्यासले खावाले देऊत का?”
38 ৩৮ তিনি তাঁদেরকে বললেন, তোমাদের কাছে কয়টি রুটি আছে? গিয়ে দেখ। তাঁরা দেখে বললেন, পাঁচটি রুটি এবং দুটী মাছ আছে।
येशु त्यासले बोलना, “तुमना जोडे कितल्या भाकरी शेतस? जाईसन दखा,” त्या दखीसन बोलनात, “पाच भाकरी अनी दोन मासा शेतस.”
39 ৩৯ তখন তিনি সবাইকে সবুজ ঘাসের ওপরে দলে দলে বসিয়ে দিতে আদেশ দিলেন।
मंग येशुनी शिष्यसले सांगं अनी त्यासनी सर्व लोकसले हिरवा गवतवर पंगतमा बसाले लायं.
40 ৪০ তারা কোনো সারিতে একশো জন ও কোনো সারিতে পঞ্চাশ জন করে বসে গেল।
तवय त्या शंभर शंभर अनी पन्नास पन्नासन्या पंक्तीसमा बसनात.
41 ৪১ পরে তিনি সেই পাঁচটি রুটি ও দুটী মাছ নিয়ে স্বর্গের দিকে তাকিয়ে ধন্যবাদ দিলেন এবং সেই রুটি কয়টি ভেঙে লোকদের দেবার জন্য শিষ্যদের হাতে দিলেন; আর সেই দুটী মাছও সবাইকে ভাগ করে দিলেন।
तवय येशुनी त्या पाच भाकरी अनी दोन मासा लिसन त्यावर स्वर्गकडे दखीसन आशिर्वाद मांगा, अनी भाकरी मोडीसन शिष्यना जोडे त्यासले वाढाले दिध्यात अनी त्यानी त्या दोन मासा बी सर्वासले वाढाले दिधात.
42 ৪২ তাতে সবাই খেল এবং সন্তুষ্ট হল,
मंग सर्व लोकसनी पोटभर जेवण करं.
43 ৪৩ এবং শিষ্যরা অবশিষ্ট গুঁড়াগাঁড়া জড়ো করে পূর্ণ বারো ঝুড়ি রুটি এবং মাছ তুলে নিলেন।
अनी शिष्यसनी उरेल मासान्या अनं भाकरीसना बारा डालक्या भरीन उचल्यात.
44 ৪৪ যারা সেই রুটি খেয়েছিল সেখানে পাঁচ হাজার পুরুষ ছিল।
तठे जेवण खाणारा माणसेच फक्त पाच हजार व्हतात.
45 ৪৫ পরে যীশু তখনই শিষ্যদের শক্তভাবে বলে দিলেন, যেন তাঁরা নৌকায় উঠে তাঁর আগে অপর পাড়ে বৈৎসৈদার দিকে যান, আর সেই দিন তিনি লোকদেরকে বিদায় করে দেন।
मंग येशुनी शिष्यसले सांगं, “तुम्हीन नावमा बशीन समुद्रपलीकडला बेथसैदा गावमा जा, मी लोकसले सोडीसन येस.”
46 ৪৬ যখন সবাই চলে গেল তখন তিনি প্রার্থনা করবার জন্য পাহাড়ে চলে গেলেন।
मंग तो लोकसले निरोप दिसन डोंगरवर प्रार्थना कराले गया.
47 ৪৭ যখন সন্ধ্যা হল, তখন নৌকাটি সমুদ্রের মাঝখানে ছিল এবং তিনি একা ডাঙায় ছিলেন।
अनी संध्याकाय व्हयनी तवय येशु काठवर एकलाच व्हता अनी नाव समुद्रना मध्यभागी व्हती.
48 ৪৮ পরে যীশু দেখতে পেলেন শিষ্যরা নৌকায় করে যেতে খুব কষ্ট করছিল কারণ হাওয়া তাদের বিপরীত দিক থেকে বইছিল। আর প্রায় শেষ রাত্রিতে যীশু সমুদ্রের উপর দিয়ে হেঁটে তাঁদের কাছে আসলেন এবং তাঁদেরকে ফেলে এগিয়ে যাচ্ছিলেন।
तवय त्या त्याले नावमा आवकाया करतांना दखाईनात, कारण वारा विरूध्द दिशाना व्हता; पहाटले तीन ते सव वाजाना दरम्यान तो समुद्रना पाणीवरतीन चालीन त्यासनाजोडे वना. अनी त्यासना पुढे जावाना त्याना ईचार व्हता,
49 ৪৯ কিন্তু সমুদ্রের উপর দিয়ে তাঁকে হাঁটতে দেখে তাঁরা ভূত মনে করে চেঁচিয়ে উঠলেন,
पण त्या त्याले पाणीवरतीन चालतांना दखीसन घाबरी गयात अनी “हाई भूत शे!” अस समजीन त्या वरडाले लागना.
50 ৫০ কারণ সবাই তাঁকে দেখেছিলেন ও ভয় পেয়েছিলেন। কিন্তু তিনি সঙ্গে সঙ্গে তাঁদের সঙ্গে কথা বললেন, তাঁদেরকে বললেন, সাহস কর, এখানে আমি, ভয় করো না।
कारण त्या सर्व त्याले दखीसन घाबरी जायेल व्हतात. तवय येशु त्यासले बोलना, “धीर धरा, भिऊ नका, मी शे!”
51 ৫১ পরে তিনি তাঁদের সঙ্গে নৌকায় উঠলেন, আর বাতাস থেমে গেল; তাতে তাঁরা মনে মনে এই সব দেখে অবাক হয়ে গেল।
मंग तो त्यासनाजोडे नावमा गया, अनी वारा शांत व्हयना, तवय त्यासले आश्चर्य वाटनं.
52 ৫২ কারণ তাঁরা রুটি র বিষয় বুঝতে পারেননি, কিন্তু তাঁদের মন খুবই কঠিন ছিল এই সব বোঝার জন্য।
कारण त्या पाच हजार लोकसले जेवण खावाडानी गोष्ट त्यासले समजेल नव्हती कारण त्यासनं मन कठोर व्हयेल व्हतं.
53 ৫৩ পরে তাঁরা পার হয়ে গিনেষরৎ প্রদেশে এসে ভূমিতে নৌকা লাগালেন এবং সেখানে নোঙ্গর ফেললেন।
त्या समुद्रपलीकडला गनेसरेत प्रांतमा किनारावर पोहचनात अनी तठे त्यासनी नाव बांधीसन ठेई.
54 ৫৪ যখন সবাই নৌকা থেকে বের হলো লোকেরা তখনি যীশুকে চিনতে পেরেছিল।
त्या नावमातीन उतरताच येशुले लोकसनी वळखं.
55 ৫৫ তাঁকে চেনার পর সমস্ত অঞ্চলের চারদিক থেকে দৌড়ে আসতে লাগল এবং অসুস্থ লোকদের খাটে করে তিনি যে জায়গায় আছেন শুনতে পেয়ে মানুষেরা সেই জায়গায় আনতে লাগল।
अनी त्या आसपासना परीसरमा जठे कोठे माहीत पडनं, तो शे, तठे तठे त्या आजारी लोकसले खाटवर उचलीसन पयत पयत लई जायेत.
56 ৫৬ আর গ্রামে, কি শহরে, কি দেশে, যে কোনো জায়গায় তিনি গেলেন, সেই জায়গায় তারা অসুস্থদেরকে বাজারে বসাল; এবং তাঁকে মিনতি করল, যেন ওরা তাঁর পোশাকের ঝালর একটু ছুঁতে পারে, আর যত লোক তাঁকে ছুঁলো, সবাই সুস্থ হল।
तो गाव, शहर, खेडापाडामा जठे कोठे जाये तठे लोके आजारीसले बजारमा लई जाईन ठि देत अनी तुना कपडाले हात लावु दे असा त्या त्याले ईनंती करेत अनी जितलासनी त्याले हात लाया तितला बरा व्हई गयात.

< মার্ক 6 >