< লুক 12 >

1 এর মধ্যে হাজার হাজার লোক সমবেত হয়ে একজন অন্যের উপর পড়তে লাগল, তখন তিনি তাঁর শিষ্যদের বলতে লাগলেন, “তোমরা ফরীশীদের খামির থেকে সাবধান থাক, তা ভণ্ডামি।
आणि त्यादरम्यान हजारो लोकांचा समुदाय जमला होता आणि एवढा की ते एकमेकांना तुडवू लागले, तेव्हा येशू प्रथम आपल्या शिष्यांशी बोललाः “परूश्यांच्या खमिराविषयी जपा, म्हणजे त्यांच्या ढोंगाविषयी जपा.
2 কিন্তু কারণ এমন ঢাকা কিছুই নেই, যা প্রকাশ পাবে না এবং এমন গোপন কিছুই নেই, যা জানা যাবে না।
उघड केले जाणार नाही असे काहीच झाकलेले नाही व जे कळणार नाही असे काहीच गुप्त नाही.
3 অতএব তোমরা অন্ধকারে যা কিছু বলেছ, তা আলোতে শোনা যাবে এবং কোনো গোপন জায়গায় কানে কানে যা বলেছ, তা ছাদের উপরে প্রচারিত হবে।
म्हणून तुम्ही जे काही अंधारात बोलाल ते उजेडात ऐकले जाईल आणि तुम्ही कोणाच्या कानात जे काही एकांतात सांगाल ते घराच्या छतावरुन घोषित केले जाईल.”
4 আর, হে আমার বন্ধুরা, আমি তোমাদের বলছি, যারা শরীর বধ করা ছাড়া আর কিছুই করতে পারে না, তাদের ভয় কর না।
“परंतु माझ्या मित्रांनो, मी तुम्हास सांगतो, जे शरीराला मारतात त्यांना तुम्ही भिऊ नका, कारण त्यानंतर त्यापेक्षा जास्त त्यांना काही करता येत नाही.
5 তবে কাকে ভয় করবে, তা বলে দিই, বধ করে নরকে ফেলার যাঁর ক্ষমতা আছে, তাকেই ভয় কর। (Geenna g1067)
तुम्ही कोणाची भीती बाळगावी हे मी तुम्हास सांगतो. तुम्हास ठार मारल्या यानंतर तुम्हास नरकात टाकून देण्यास ज्याला अधिकार आहे, त्याची भीती धरा. होय, मी तुम्हास सांगतो, त्याचेच भय धरा. (Geenna g1067)
6 পাঁচটি চড়াই পাখী কি দুই পয়সায় বিক্রি হয় না? আর তাদের মধ্যে একটিও ঈশ্বরের দৃষ্টির আড়ালে থাকে না।
पाच चिमण्या दोन नाण्यांना विकतात की नाही? तरी त्यातील एकीचाही देवाला विसर पडत नाही.
7 এমনকি, তোমাদের মাথার চুলগুলিও সব গোনা আছে। ভয় কর না, তোমরা অনেক চড়াই পাখীর থেকেও শ্রেষ্ঠ।”
पण तुमच्या डोक्यावरील सर्व केसदेखील त्याने मोजलेले आहेत. भिऊ नका. पुष्कळ चिमण्यांपेक्षा तुमचे मूल्य जास्त आहे.
8 আর আমি তোমাদের বলছি, “যে কেউ লোকদের সামনে আমাকে স্বীকার করে, মনুষ্যপুত্রও ঈশ্বরের দূতদের সামনে তাকে স্বীকার করবেন;
जो मला इतर लोकांसमोर स्वीकारतो, त्या प्रत्येक मनुष्यास देवाच्या दूतासमोर मनुष्याचा पुत्रही स्वीकारील.
9 কিন্তু যে কেউ মানুষদের সামনে আমাকে অস্বীকার করে, ঈশ্বরের দূতদের সামনে তাকে অস্বীকার করা হবে।
परंतु जो मला इतर लोकांसमोर नाकारतो, तो देवदूतांसमोरही नाकारला जाईल.
10 ১০ আর যে কেউ মনুষ্যপুত্রের বিরুদ্ধে কোন কথা বলে, সে ক্ষমা পাবে, কিন্তু যে কেউ ঈশ্বরনিন্দা করে, সে ক্ষমা পাবে না।
१०प्रत्येक मनुष्य जो मनुष्याच्या पुत्राविरुद्ध बोलतो, त्यास क्षमा केली जाईल. परंतु जो पवित्र आत्म्याविरुद्ध दुर्भाषण करतो त्यास क्षमा केली जाणार नाही.
11 ১১ আর লোকে যখন তোমাদের সমাজঘরে এবং কর্তৃপক্ষ ও তত্ত্বাবধায়কের কাছে নিয়ে যাবে, তখন কীভাবে কি উত্তর দেবে, অথবা কি বলবে, সে বিষয়ে চিন্তা করো না,
११जेव्हा ते तुम्हास सभास्थाने, राज्यकर्ते व अधिकारी यांच्यासमोर धरुन आणतील तेव्हा तुम्ही काय बोलावे किंवा स्वतःचा बचाव कसा करावा याविषयी आधीच चिंता करीत बसू नका.
12 ১২ কারণ কি বলা উচিত, তা পবিত্র আত্মা সেই দিনের তোমাদের শিক্ষা দেবেন।”
१२कारण तुम्ही काय बोलावे हे पवित्र आत्मा त्याचवेळी तुम्हास शिकवील.”
13 ১৩ পরে লোকেদের মধ্য থেকে এক ব্যক্তি তাঁকে বলল, “হে গুরু, আমার ভাইকে বলুন, যেন আমার সঙ্গে পৈতৃক সম্পত্তি ভাগ করে।”
१३नंतर लोकसमुदायातील एकजण त्यास म्हणाला, “गुरुजी, माझ्या भावाला वतन विभागून माझे मला द्यायला सांगा!”
14 ১৪ কিন্তু তিনি তাকে বললেন, “তোমাদের উপরে বিচারকর্ত্তা বা বিভাগ কর্তা করে আমাকে কে নিযুক্ত করেছে?”
१४परंतु येशू त्यास म्हणाला, “मनुष्या, मला तुमच्यावर मध्यस्थ किंवा न्यायाधीश म्हणून कोणी नेमले?”
15 ১৫ পরে তিনি তাদের বললেন, “সাবধান, সমস্ত লোভ থেকে নিজেদের রক্ষা কর, কারণ মানুষের ধন সম্পত্তি অধিক হলেও তা তার জীবন হয় না।”
१५मग येशू त्यांना म्हणाला, “सांभाळा आणि सर्व प्रकारच्या लोभापासून स्वतःला दूर ठेवा कारण जेव्हा एखाद्या मनुष्याजवळ त्याच्या गरजेपेक्षा अधिक असते तेव्हा ती संपत्ती त्याचे जीवन होत असे नाही.”
16 ১৬ আর তিনি তাদের এই গল্প বললেন, “একজন ধনীর জমিতে অনেক শস্য উৎপন্ন হয়েছিল।
१६नंतर त्याने त्यास एक दाखला सांगितला, “कोणाएका धनवान मनुष्याच्या शेतजमिनीत फार उत्तम पीक आले.
17 ১৭ তাতে সে, মনে মনে চিন্তা করতে লাগল, কি করি? আমার তো শস্য রাখার জায়গা নেই।”
१७तो स्वतःशी विचार करून असे म्हणाला, ‘मी काय करू, कारण धान्य साठवायला माझ्याकडे जागा नाही?’
18 ১৮ পরে বলল, “আমি এমন করব, আমার গোলাঘরগুলো ভেঙে বড় বড় গোলাঘর তৈরি করব এবং তার মধ্যে আমার সমস্ত শস্য ও আমার অন্য জিনিস রাখব।
१८मग तो असे म्हणाला, ‘मी आता असे करतो, मी माझी धान्याची कोठारे पाडून मोठी बांधीतो, मी माझे सर्व धान्य व माल तेथे साठवीन’
19 ১৯ আর নিজের প্রাণকে বলব, প্রাণ, অনেক বছরের জন্য, তোমার জন্য অনেক জিনিস সঞ্চিত আছে, বিশ্রাম কর, খাও, পান কর ও আনন্দে মেতে থাক।”
१९आणि मी माझ्या जीवाला म्हणेन, ‘हे जीवा, आता तुझ्यासाठी अनेक वर्षे पुरतील अशा पुष्कळ चांगल्या गोष्टी साठवून ठेवलेल्या आहेत. आराम कर, खा, पी आणि मजा कर.’
20 ২০ কিন্তু ঈশ্বর তাকে বললেন, “হে নির্বোধ, আজ রাতেই তোমার প্রাণ তোমার কাছ থেকে নিয়ে নেওয়া হবে, তবে তুমি এই যে আয়োজন করলে, এসব কার হবে?
२०पण देव त्यास म्हणतो, ‘अरे मूर्खा, जर आज तुझा जीव गेला तर तू साठवलेल्या गोष्टी कोणाला मिळतील?’
21 ২১ যে কেউ নিজের জন্য ধন সঞ্চয় করে সে ঈশ্বরের কাছে ধনবান নয়, তার অবস্থা এমনই হয়।”
२१जो कोणी स्वतःसाठी संपत्ती जमा करतो परंतु देवाच्या दृष्टीने जो धनवान नाही, अशा मनुष्यासारखे हे आहे.”
22 ২২ পরে তিনি তাঁর শিষ্যদের বললেন, “এই জন্য আমি তোমাদের বলছি, কি খাবার খাব বলে প্রাণের বিষয়ে, কিংবা কি পরব বলে শরীরের বিষয়ে ভেবো না।”
२२मग येशू त्याच्या शिष्यांना म्हणाला, “म्हणून मी तुम्हास सांगतो, स्वतःच्या जीवनाविषयी किंवा तुम्ही काय खावे याविषयी चिंता करू नका. किंवा तुमच्या शरीराविषयी म्हणजे कोणते कपडे घालावेत याविषयी चिंता करू नका.
23 ২৩ কারণ খাদ্য থেকে প্রাণ ও পোশাকের থেকে শরীর বড় বিষয়।
२३कारण अन्नापेक्षा जीव आणि कपड्यांपेक्षा शरीर महत्त्वाचे आहे.
24 ২৪ কাকদের বিষয় চিন্তা কর, তারা বোনেও না, কাটেও না, তাদের ভান্ডারও নেই, গোলাঘরও নেই, কিন্তু ঈশ্বর তাদেরও খাবার দিয়ে থাকেন। আর পাখিদের থেকেও তোমরা কত বেশি শ্রেষ্ঠ!
२४कावळ्यांचा विचार करा ते पेरीत नाहीत व कापणीही करीत नाहीत. त्यांना कोठार नाही व कणगीही नाही. तरीही देव त्याचे पोषण करतो. पक्ष्यांपेक्षा तुम्ही कितीतरी मौल्यवान आहात!
25 ২৫ আর তোমাদের মধ্যে কে চিন্তা করে নিজের বয়স এক হাত বড় করতে পারে?
२५चिंता करून तुम्हापैकी कोण स्वतःच्या आयुष्याची दोरी हातभर वाढवावयास कोण समर्थ आहे?
26 ২৬ অতএব তোমরা এত ছোট কাজও যদি করতে না পার, তবে অন্য অন্য বিষয়ে কেন চিন্তিত হও?
२६ज्याअर्थी तुम्हीही सर्वात लहान गोष्ट करू शकत नाही, तर इतर गोष्टींविषयीची चिंता का करता?
27 ২৭ লিলি ফুলের বিষয়ে চিন্তা কর, সেগুলি কেমন বাড়ে, সেগুলি কোন পরিশ্রম করে না, সুতোও কাটে না, কিন্তু আমি তোমাদেরকে বলছি, শলোমনও তাঁর সমস্ত ঐশ্বর্য্যও এদের একটির মতোও নিজেকে সাজাতে পারেননি।
२७रानफुले कशी वाढतात याचा विचार करा. ती कष्ट करीत नाहीत व कातीत नाहीत. तरी मी तुम्हास सांगतो, शलमोनदेखील आपल्या सर्व वैभवात त्यांच्यातील एकासारखाही सजला नव्हता.
28 ২৮ ভাল, মাঠের যে ঘাস আজ আছে তা কাল আগুনে ফেলে দেওয়া হবে, তা যদি ঈশ্বর এমন সুন্দর করে সাজিয়েছেন, তবে হে অল্প বিশ্বাসীরা, তোমাদের কত বেশি করে নিশ্চয় সাজাবেন!
२८तर, जे आज आहे व उद्या भट्टीत टाकले जाईल अशा त्या रानातील गवताला देवाने असा पोशाख घातला आहे, तर तुम्ही जे अल्पविश्वासू त्या तुम्हास तो कितीतरी अधिक चांगला पोशाख घालणार नाही काय!
29 ২৯ আর, কি খাবে, কি পান করবে, এ বিষয়ে তোমরা ভেবো না এবং চিন্তা কর না,
२९तुम्ही काय खावे व काय प्यावे याविषयी काळजीत असू नका आणि या गोष्टींविषयी चिंता करू नका.
30 ৩০ কারণ জগতের অইহূদিরা এসব জিনিস পাওয়ার জন্য ব্যস্ত হয়, কিন্তু তোমাদের পিতা ঈশ্বর জানেন যে, এই সমস্ত জিনিস তোমাদের প্রয়োজন আছে।
३०कारण परराष्ट्री हे मिळविण्याची खटपट करतात पण या गोष्टींची तुम्हास गरज आहे, हे तुमच्या स्वर्गीय पित्याला माहीत आहे.
31 ৩১ তোমরা বরং তার রাজ্যর বিষয়ে চিন্তিত হও, তাহলে এই সব তোমাদের দেওয়া হবে।
३१त्याऐवजी प्रथम त्याचे राज्य मिळविण्यासाठी झटा म्हणजे या गोष्टीही तुम्हास दिल्या जातील.
32 ৩২ হে ছোট্ট মেষপাল, ভয় করো না, কারণ তোমাদের সেই রাজ্য দিতে তোমাদের পিতা ঈশ্বর পরিকল্পনা করেছেন।
३२हे लहान कळपा भिऊ नको, कारण तुम्हास त्याचे राज्य द्यावे यामध्ये स्वर्गीय पित्याला संतोष वाटतो.
33 ৩৩ তোমাদের যা আছে, বিক্রি করে দান কর। নিজেদের জন্য এমন থলি তৈরি কর, যা কখনো পুরনো হবে না, স্বর্গে এমন ধন সঞ্চয় কর যা কখনো শেষ হবে না, যেখানে চোর আসে না,
३३तुमची मालमत्ता विका आणि गरिबांमध्ये वाटा. जुन्या न होणाऱ्या व न झिजणाऱ्या अशा थैल्या स्वतःसाठी स्वर्गात बनवा. तेथे चोरही जाऊ शकणार नाही व कसरही त्याचा नाश करणार नाही.
34 ৩৪ এবং পোকা নষ্ট করে না, কারণ যেখানে তোমার ধন, সেখানে তোমার মনও থাকবে।
३४कारण जेथे तुमचे धन आहे तेथे तुमचे मनही लागेल.
35 ৩৫ তোমাদের কোমর বেঁধে রাখ ও প্রদীপ জ্বেলে রাখ।
३५तुमच्या कंबरा बांधलेल्या आणि दिवे लागलेले असू द्या.
36 ৩৬ তোমরা এমন লোকের মতো হও, যারা তাদের প্রভুর অপেক্ষায় থাকে যে, তিনি বিয়ের ভোজ থেকে কখন ফিরে আসবেন, যেন তিনি এসে দরজায় আঘাত করলে তারা তখনই তাঁর জন্য দরজা খুলে দিতে পারে।
३६लग्नाच्या मेजवानीवरुन परतणाऱ्या मालकाची वाट पाहणाऱ्या लोकांसारखे व्हा जेणेकरून, तो परत येतो व दरवाजा ठोकावतो तेव्हा त्याच्यासाठी त्यांनी ताबडतोब दरवाजा उघडावा.
37 ৩৭ যাদেরকে প্রভু এসে জেগে থাকতে দেখবেন, সেই দাসেরা ধন্য। আমি তোমাদেরকে সত্য বলছি, তিনি কোমর বেঁধে তাদেরকে খেতে বসাবেন এবং কাছে এসে তাদের সেবা করবেন।
३७मालक परत आल्यावर जे नोकर त्यास जागे व तयारीत असलेले आढळतील ते धन्य. मी तुम्हास खरे सांगतो, तो स्वतः त्यांची सेवा करण्यासाठी कंबर कसेल, त्यांना मेजावर बसायला सांगून त्यांची सेवा करील.
38 ৩৮ যদি মাঝ রাতে কিংবা যদি শেষ রাতে এসে প্রভু তেমনই দেখেন, তবে দাসেরা ধন্য!
३८तो मध्यरात्री किंवा त्यानंतर येवो, जर ते नोकर त्यास तयारीत आढळतील तर ते धन्य.
39 ৩৯ কিন্তু এটা জেনে রাখো চোর কোন মুহূর্তে আসবে, তা যদি বাড়ির মালিক জানত, তবে সে জেগে থাকত, নিজের বাড়িতে সিঁধ কাটতে দিত না।
३९परंतु याविषयी खात्री बाळगा; चोर केव्हा येणार हे जर घराच्या मालकाला माहीत असते तर त्याने आपले घर त्यास फोडू दिले नसते.
40 ৪০ তোমরাও প্রস্তুত থাক, কারণ যে দিন তোমরা মনে করবে তিনি আসবেন না, সেই দিনই মনুষ্যপুত্র আসবেন।
४०तुम्हीही तयार असा कारण तुम्हास वाटत नाही अश्या क्षणी? मनुष्याचा पुत्र येईल.”
41 ৪১ তখন পিতর বললেন, “প্রভু, আপনি কি আমাদের, না সবাইকে এই গল্প বলছেন?”
४१मग पेत्र म्हणाला, “प्रभू, तुम्ही हा दाखला आम्हासच सांगत आहात की सर्वांना?”
42 ৪২ প্রভু বললেন, “সেই বিশ্বস্ত ও বুদ্ধিমান গৃহকর্তা কে, যাকে তার প্রভু তাঁর অন্য দাসদের উপরে নিযুক্ত করবেন, যেন সে তাদের উপযুক্ত দিনের খাবারের নিরূপিত অংশ দেয়?”
४२तेव्हा प्रभू म्हणाला, “प्रभू त्याच्या इतर नोकरांना त्यांचे धान्य योग्यवेळी देण्यासाठी ज्याची नेमणूक करील असा व विश्वासू कारभारी कोण आहे?
43 ৪৩ ধন্য সেই দাস, যাকে তার প্রভু এসে তেমন করতে দেখবেন।
४३त्याचा मालक येईल त्यावेळी असे करतांना जो नोकर त्यास आढळेल तो धन्य.
44 ৪৪ আমি তোমাদের সত্যি বলছি, তিনি তাকে তাঁর সব কিছুর উপরে নিযুক্ত করবেন।
४४मी तुम्हास खरे सांगतो, मालक त्यास त्याच्या सर्व मालमत्तेवर अधिकारी म्हणून नेमील.
45 ৪৫ কিন্তু সেই দাস যদি মনে মনে বলে, আমার প্রভুর আসতে দেরি হবে এবং সে দাস দাসীদেরকে মারধর করে, ভোজন ও পান করতে এবং মাতাল হতে আরম্ভ করে,
४५पण जर तो नोकर मनात म्हणतो, ‘माझा मालक येण्यास फार उशीर करत आहे,’ आणि मग तो त्याच्या स्त्री व पुरूष नोकरांना मारहाण करायला व खाण्यापिण्यास सुरुवात करतो व झिंगतो,
46 ৪৬ তবে যে দিন সে অপেক্ষা করবে না এবং যে মুহূর্তের আশা সে করবে না, সেই দিন ও সেই মুহূর্তে সেই দাসের প্রভু আসবেন, আর তাকে দুই খন্ড করে ভণ্ডদের মধ্যে তার স্থান ঠিক করবেন।
४६तर तो नोकर वाट पाहत नाही त्यादिवशी आणि त्यास माहीत नाही तेव्हा त्याचा मालक येईल व त्यास कापून त्याचे तुकडे करील आणि अविश्वासू लोकांबरोबर त्याचा वाटा ठेवील.
47 ৪৭ আর সেই দাস, যে তার প্রভুর ইচ্ছা জেনেও তৈরি হয়নি, ও তাঁর ইচ্ছা মতো কাজ করে নি, সে অনেক শাস্তি পাবে।
४७आपल्या मालकाची इच्छा माहीत असूनही जो नोकर तयार राहत नाही किंवा जो आपल्या मालकाच्या इच्छेप्रमाणे करीत नाही, त्या नोकराला खूप मार मिळेल.
48 ৪৮ কিন্তু যে না জেনে শাস্তির কাজ করেছে, সে অল্প শাস্তি পাবে। আর যে কোন ব্যক্তিকে বেশি দেওয়া হয়েছে, তার কাছে বেশি দাবী করা হবে এবং লোকে যার কাছে বেশি রেখেছে, তার কাছে বেশি চাইবে।
४८परंतु ज्याला माहीती नव्हते म्हणून त्याने मालकाला न आवडणारे असे कृत्य जर नोकराने केले असेल तर त्यास कमी मार बसेल. ज्या कोणाला पुष्कळ दिले आहे त्याच्याकडून पुष्कळाची अपेक्षा केली जाईल. ज्यांच्याजवळ जास्त ठेवले आहे त्यांच्याकडून जास्त मागितले जाईल.”
49 ৪৯ আমি পৃথিবীতে আগুন নিক্ষেপ করতে এসেছি, আর এখন যদি তা প্রজ্বলিত হয়ে থাকে, তবে আর কি চাই?
४९“मी पृथ्वीवर आग लावण्यास आलो आणि जर ती अगोदरच पेटलेली असेल तर मग मला आणखी काय पाहीजे?
50 ৫০ কিন্তু আমাকে এক বাপ্তিষ্মের বাপ্তিষ্ম নিতে হবে, আর তা যতক্ষণ সিদ্ধ না হয়, ততক্ষণ আমি কতই না হয়রান হচ্ছি।
५०मला बाप्तिस्मा घ्यावयाचा आहे आणि तो होईपर्यंत मी किती अस्वस्थ आहे!
51 ৫১ তোমরা কি মনে করছ, আমি পৃথিবীতে শান্তি দিতে এসেছি? তোমাদেরকে বলছি, তা নয়, বরং বিভেদ।
५१मी पृथ्वीवर शांतता प्रस्थापित करण्यास आलो आहे, असे तुम्हास वाटते का? नाही, मी तुम्हास सांगतो, मी तुमच्यात फूट पाडण्यासाठी आलो आहे.
52 ৫২ কারণ এখন থেকে এক বাড়িতে পাঁচ জন আলাদা হবে, তিনজন দুইজনের বিরুদ্ধে ও দুই জন তিন জনের বিরুদ্ধে,
५२मी असे म्हणतो कारण आतापासून घरातील पाच जणात एकमेकांविरुद्ध फूट पडेल. तिघे दोघांविरुद्ध व दोघे तिघांविरुद्ध अशी फूट पडेल.
53 ৫৩ বাবা ছেলের বিরুদ্ধে এবং ছেলে বাবার বিরুদ্ধে, মায়ের সাথে মেয়ের এবং মেয়ের সাথে মায়ের, শাশুড়ীর সাথে বৌমার এবং বৌয়ের সাথে শাশুড়ির বিচ্ছেদ সৃষ্টি করতে এসেছি।
५३त्यांच्यात पित्याविरुद्ध मुलगा व मुलाविरुद्ध पिता अशी फूट पडेल, आईविरुद्ध मुलगी व मुलीविरुद्ध आई अशी फूट पडेल, सासूविरुद्ध सून व सुनेविरुद्ध सासू अशी त्यांच्यात फूट पडेल.
54 ৫৪ আর তিনি লোকদের বললেন, তোমরা যখন পশ্চিমদিকে মেঘ উঠতে দেখ, তখন বল যে বৃষ্টি আসছে, আর তেমনই ঘটে।
५४तो लोकसमुदायाला म्हणाला, जेव्हा पश्चिमेकडून ढग येताना पाहता तेव्हा तुम्ही लगेच म्हणता की, पाऊस पडेल आणि तसेच घडते.
55 ৫৫ আর যখন দক্ষিণ বাতাস বইতে দেখ, তখন বল আজ খুব গরম পড়বে এবং তাই ঘটে।
५५जेव्हा दक्षिणेकडचा वारा वाहतो, तेव्हा तुम्ही म्हणता उकाडा होईल आणि तसेच घडते.
56 ৫৬ ভণ্ডরা, তোমরা পৃথিবীর ও আকাশের ভাব দেখে বিচার করতে পার, কিন্তু এই বর্তমান দিনের অবস্থা বুঝতে পার না, এ কেমন?
५६अहो ढोंग्यांनो! तुम्हास पृथ्वीवरील व आकाशातील चिन्हांची लक्षणे पारखता येतात, पण सध्याच्या काळाचा अर्थ तुम्हास का काढता येत नाही काय?
57 ৫৭ আর সত্য কি, তা নিজেরাই কেন বিচার কর না?
५७आणि तुम्ही तुमच्यासाठी काय योग्य आहे ते तुम्ही स्वतःचे स्वतःच का ठरवीत नाही?
58 ৫৮ যখন বিপক্ষের সঙ্গে বিচারকের কাছে যাও, রাস্তায় তার সঙ্গে মিটমাট করে নাও, না হলে যদি সে তোমাকে বিচারকের কাছে টেনে নিয়ে যায়, আর বিচারক তোমাকে সৈন্যদের হাতে সমর্পণ করবে এবং সৈন্য তোমাকে জেলখানায় নিয়ে যাবে।
५८तुम्ही तुमच्या वाद्याबरोबर न्यायालयात जात असता वाटेतच त्यांच्याशी समेट करा नाही तर तो तुम्हास न्यायाधीशासमोर नेईल आणि न्यायाधीश तुम्हास दंडाधिकाऱ्याच्या स्वाधीन करील आणि अधिकारी तुम्हास तुरुंगात टाकील.
59 ৫৯ আমি তোমাকে বলছি, “যে পর্যন্ত না তুমি শেষ পয়সাটা শোধ করবে, সেই পর্যন্ত তুমি কোন মতেই সেখান থেকে বের হয়ে আসতে পারবে না।”
५९मी तुम्हास सांगतो, अगदी शेवटली दमडी न दमडी फेडीपर्यंत तुम्ही तेथून सुटणारच नाही.”

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