< বিচারকর্ত্তৃগণের বিবরণ 20 >

1 পরে ইস্রায়েলীয়রা সবাই বাইরে এল, দান (অঞ্চল) থেকে বের-শেবা পর্যন্ত ও গিলিয়দ দেশ সমেত সমস্ত মণ্ডলী এক মানুষের মতো মিস্‌পাতে সদাপ্রভুর কাছে সমবেত হল।
फलस्वरूप दान से बेअरशेबा तक सारे इस्राएली, जिनमें गिलआदवासी भी शामिल थे, बाहर निकल आए. उन्होंने एकजुट होकर मिज़पाह में याहवेह के सामने सभा रखी.
2 ঈশ্বরের প্রজাদের সেই সমাজে ইস্রায়েলের সমস্ত বংশের সমস্ত জনসমাজের অধ্যক্ষ ও চারলাখ খড়গধারী পদাতিক উপস্থিত হল।
लोगों के सभी प्रमुखों और यहां तक के सभी गोत्रों के प्रमुखों ने, जो तलवार चलाने में निपुण चार लाख पैदल सैनिक थे, परमेश्वर के लोगों की इस सभा में एक प्रण लिया.
3 আর ইস্রায়েলীয়রা মিস্‌পাতে উঠে গিয়েছে, এই কথা বিন্যামীনরা শুনতে পেল। পরে ইস্রায়েলীয়রা বলল, “বল দেখি, এই খারাপ কাজ কিভাবে হল?”
यहां बिन्यामिन वंशजों ने यह सुन लिया था कि इस्राएल वंशज मिज़पाह में इकट्ठा हुए हैं. इस्राएलियों ने उस लेवी से पूछा, “हमें बताओ, यह कुकर्म हुआ कैसे?”
4 সেই লেবীয়, মৃত স্ত্রীর পুরুষ উত্তর করে বলল্‌, “আমি ও আমার উপপত্নী রাত কাটানোর জন্য বিন্যামীনের অধিকারভুক্ত গিবিয়াতে প্রবেশ করেছিলাম।”
जिस स्त्री की हत्या कर दी गई थी, उसका पति, जो लेवी था, कहने लगा, “यात्रा करते हुए में अपनी उप-पत्नी के साथ गिबियाह पहुंचा, जो बिन्यामिन प्रदेश में है, जहां हमें रात बितानी ज़रूरी हो गई थी.
5 আর গিবিয়ার গৃহস্থেরা আমার বিরুদ্ধে উঠে রাত্রিবেলায় আমার জন্য গৃহের চারদিক্‌ ঘিরে রাখল। তারা আমাকে হত্যা করার পরিকল্পনা করেছিল, আর আমার উপপত্নীকে ধর্ষণ করায় সে মারা গেল।
मगर गिबियाह के पुरुष मेरे विरुद्ध चढ़ आए और उन्होंने रात में मेरे कारण उस घर को घेर लिया. वे तो मेरी हत्या करना चाह रहे थे, किंतु उन्होंने मेरी उप-पत्नी के साथ बलात्कार किया, फलस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई.
6 পরে আমি নিজ উপপত্নীকে নিয়ে খণ্ড খণ্ড করে ইস্রায়েলের অধিকারস্থ প্রদেশের সব জায়গায় পাঠালাম, কারণ তারা ইস্রায়েলের মধ্যে খারাপ কাজ করেছে।
मैंने अपनी उप-पत्नी के शव को लिया, उसके टुकड़े किए और उसके इन टुकड़ों को इस्राएल के सभी प्रदेशों में भेज दिया, क्योंकि उन्होंने इस्राएल में यह कामुक, शर्मनाक काम किया है.
7 দেখ, তোমরা সবাই ইস্রায়েল সন্তান; অতএব এ বিষয়ে নিজের নিজের মতামত বলে মন্ত্রণা স্থির কর।
इस्राएल के सभी वंशजों, इस विषय में अपनी राय और सलाह दीजिए.”
8 তখন সকল লোক এক মানুষের মতো উঠে বলল, “আমরা কেউ নিজের তাঁবুতে যাব না, কেউ নিজের বাড়িতে ফিরে যাব না;
सारी प्रजा एकजुट हो गई. उन्होंने निश्चय किया, “हममें से कोई भी न तो अपने तंबू को और न ही अपने घर को लौटेगा.
9 কিন্তু এখন গিবিয়ার প্রতি এই কাজ করব, আমরা গুলিবাঁটের মাধ্যমে তার বিরুদ্ধে যাব।
गिबियाह के संबंध में हमारा निर्णय है कि पासा फेंकने के द्वारा हम मालूम करेंगे कि गिबियाह पर आक्रमण के लिए कौन जाएगा.
10 ১০ আর আমরা লোকদের জন্য খাদ্য দ্রব্য আনতে ইস্রায়েল-বংশসমূহের মধ্যে একশো লোকের প্রতি দশ, হাজারের প্রতি একশো ও দশ হাজারের প্রতি এক হাজার লোক গ্রহণ করব, যেন আমরা বিন্যামীনের গিবিয়াতে গিয়ে ইস্রায়েলের মধ্যে কৃত সমস্ত খারাপ কাজ অনুসারে প্রতিফল দিতে পারি।”
हम इस्राएल के हर एक गोत्र से सौ में से दस व्यक्ति अपने साथ ले लेंगे, अर्थात् एक हज़ार में से एक सौ, अर्थात् दस हज़ार में से एक हज़ार, कि वे सेना के खाने-पीने की व्यवस्था करें. जब वे सेना बिन्यामिन प्रदेश के गेबा में पहुंचे, वे उन्हें इस्राएल देश में किए गए सभी शर्मनाक कामों के लिए दंड दें.”
11 ১১ এই ভাবে ইস্রায়েলের সমস্ত লোক এক মানুষের মতো একযোগ হয়ে ঐ নগরের প্রতিকূলে জড়ো হল।
इस प्रकार इस्राएल के सारे योद्धाओं ने एकजुट होकर इस नगर को घेर लिया.
12 ১২ পরে ইস্রায়েলের সমস্ত বংশগুলি বিন্যামীন বংশের সমস্ত জায়গায় লোক পাঠিয়ে বলল, “তোমাদের মধ্যে এ কি খারাপ কাজ হয়েছে?”
तब इस्राएल के गोत्रों ने सारे बिन्यामिन गोत्र के लिए अपने प्रतिनिधियों द्वारा यह संदेश भेजा, “तुम्हारे बीच यह कैसा दुष्टता भरा काम किया गया है?
13 ১৩ তোমরা এখন ঐ লোকদেরকে, গিবিয়া-নিবাসী পাষণ্ডদেরকে, সমর্পণ কর, আমরা তাদেরকে হত্যা করে ইস্রায়েল থেকে দুষ্টাচার বন্ধ করব। কিন্তু বিন্যামীন নিজের ভাইদের অর্থাৎ ইস্রায়েলীয়দের কথা শুনতে রাজি হল না।
गिबियाह में रह रहे उन निकम्मे व्यक्तियों को हमें सौंप दो, कि हम उन्हें मृत्यु दंड दें, और इस्राएल में हुई इस दुष्टता को मिटा डाले.” मगर बिन्यामिन वंशजों ने अपने इस्राएली भाइयों की एक न सुनी.
14 ১৪ বরং ইস্রায়েলীয়দের সঙ্গে যুদ্ধ করার জন্য বিন্যামীনরা নানা নগর থেকে গিবিয়াতে গিয়ে জড়ো হল।
बिन्यामिन वंशज अपने-अपने नगरों से आकर गिबियाह में इकट्‍ठे हुए कि वे इस्राएल वंशजों से युद्ध करें.
15 ১৫ সেই দিন নানা নগর থেকে আসা বিন্যামীনদের ছাব্বিশ হাজার খড়গধারী লোক গণনা করা হল; এরা গিবিয়া-নিবাসীদের থেকে আলাদা; তারাও সাতশো মনোনীত লোক গণনা করা হল।
उस दिन विभिन्‍न नगरों से बिन्यामिन के तलवार चलाने में निपुण जो योद्धा इकट्‍ठे हुए, उनकी गिनती छब्बीस हज़ार थी. इनके अलावा गिबियाह नगर के ही सात सौ योद्धा इनमें शामिल हो गए.
16 ১৬ আবার এই সকল লোকের মধ্যে সাতশো মনোনীত লোক বাঁ-হাতি ছিল; তাদের প্রত্যেক জন চুল লক্ষ্য করে ফিঙ্গার পাথর মারতে পারত, লক্ষ্যচ্যুত হত না।
इनमें सात सौ शूर योद्धा ऐसे थे, जो अपने बाएं हाथ के इस्तेमाल के प्रवीण थे. इनमें से हर व्यक्ति एक बाल तक पर भी अचूक निशाना साध सकता था.
17 ১৭ বিন্যামীন ভিন্ন ইস্রায়েলের খড়গধারী চারলাখ লোক গণনা করা হল; এরা সবাই যোদ্ধা ছিল।
दूसरी ओर बिन्यामिन वंशजों के अलावा इस्राएली सेना में चार लाख कुशल शूर योद्धा थे.
18 ১৮ ইস্রায়েলীয়রা উঠে বৈথেলে গিয়ে ঈশ্বরের কাছে জিজ্ঞাসা করল; তারা বলল, “বিন্যামীনদের সঙ্গে যুদ্ধ করতে আমাদের মধ্যে প্রথমে কে যাবে?” সদাপ্রভু বললেন, “প্রথমে যিহূদা যাবে।”
सारी इस्राएली सेना बेथेल गई कि परमेश्वर की इच्छा जान सके. उन्होंने परमेश्वर से पूछा, “बिन्यामिन वंशजों से युद्ध करने सबसे पहले हमारी ओर से कौन जाएगा?” याहवेह ने उत्तर दिया, “सबसे पहले यहूदाह का जाना सही होगा.”
19 ১৯ পরে ইস্রায়েলীয়রা সকালে উঠে গিবিয়ার সামনে শিবির তৈরী করল।
इसलिये इस्राएल वंशजों ने बड़े तड़के जाकर गिबियाह के विरुद्ध पड़ाव डाला.
20 ২০ পরে ইস্রায়েলীয়রা বিন্যামীনের সঙ্গে যুদ্ধ করতে বেরিয়ে গেল; তাদের সঙ্গে যুদ্ধ করতে ইস্রায়েলীয়রা গিবিয়ার বিরুদ্ধে সৈন্য স্থাপন করল।
इस्राएल वंशज बिन्यामिन के विरुद्ध युद्ध के लिए निकले. उन्होंने गिबियाह के विरुद्ध युद्ध के लिए मोर्चा बांध दिया.
21 ২১ তখন বিন্যামীনরা গিবিয়া থেকে বের হয়ে ঐ দিনের ইস্রায়েলের মধ্যে বাইশ হাজার লোককে সংহার করে ভূতলশায়ী করল।
बिन्यामिन के सैनिक गिबियाह नगर से बाहर आए और इस्राएल के बाईस हज़ार योद्धाओं को मार गिराया.
22 ২২ পরে ইস্রায়েলীয়রা নিজেদেরকে আশ্বাস দিয়ে, প্রথম দিনের যে জায়গায় সৈন্য স্থাপন করেছিল, আবার সেই জায়গায় সৈন্য স্থাপন করল।
किंतु इस्राएल के सैनिकों ने अपना मनोबल बनाए रखते हुए दूसरे दिन भी उसी स्थान पर मोर्चा लिया, जहां पहले दिन लिया था.
23 ২৩ আর ইস্রায়েলীয়রা উঠে গিয়ে সন্ধ্যা পর্যন্ত সদাপ্রভুর সামনে কাঁদতে লাগল এবং সদাপ্রভুর কাছে জিজ্ঞাসা করল, “আমরা নিজের ভাই বিন্যামীনদের সঙ্গে যুদ্ধ করতে কি আবার যাব?” সদাপ্রভু বললেন, “তার বিরুদ্ধে যাও।”
इस्राएल वंशज जाकर शाम तक याहवेह के सामने रोते रहे. उन्होंने याहवेह से पूछा, “क्या हम अपने बंधु बिन्यामिन वंशजों पर दोबारा हमला करें?” याहवेह ने उन्हें उत्तर दिया, “जाकर उन पर हमला करो.”
24 ২৪ পরে ইস্রায়েলীয়রা দ্বিতীয় দিনের বিন্যামীনদের প্রতিকুলে উপস্থিত হল।
दूसरे दिन इस्राएल वंशजों ने बिन्यामिन वंशजों पर हमला कर दिया.
25 ২৫ আর বিন্যামীন সেই দ্বিতীয় দিনের তাদের বিরুদ্ধে গিবিয়া থেকে বের হয়ে আবার ইস্রায়েলীয়দের মধ্যে আঠার হাজার লোককে সংহার করে ভূতলশায়ী করল, এরা সবাই খড়গধারী ছিল।
गिबियाह नगर से बिन्यामिन वंशजों ने बाहर जाकर इस्राएली सेना के अठारह हज़ार सैनिकों को मार गिराया. ये सभी तलवार चलाने में कुशल थे.
26 ২৬ পরে সমস্ত ইস্রায়েলীয়রা, সমস্ত লোক, গিয়ে বৈথেলে উপস্থিত হল এবং সেই জায়গায় সদাপ্রভুর সামনে কাঁদল ও বসে থাকল এবং সেই দিন সন্ধ্যা পর্যন্ত উপবাস করে সদাপ্রভুর সামনে হোম ও মঙ্গলের জন্য বলি উৎসর্গ করল।
इसलिये इस्राएल वंशज और सभी प्रजा के लोग बेथेल गए और वहां जाकर रोते रहे. वे सारे दिन शाम तक याहवेह के सामने भूखे रहे. वहां उन्होंने याहवेह को होमबलि और मेल बलि भेंट की.
27 ২৭ সেই দিনের ঈশ্বরের নিয়ম সিন্দুক ঐ জায়গায় ছিল,
इस्राएल वंशजों ने याहवेह से प्रश्न किया. (उन दिनों परमेश्वर के वाचा का संदूक बेथेल में ही था.)
28 ২৮ এবং হারোণের নাতি ইলীয়াসরের পুত্র পীনহস তার সামনে দণ্ডায়মান ছিলেন; অতএব ইস্রায়েলীয়রা সদাপ্রভুকে এই কথা জিজ্ঞাসা করল, “আমরা নিজের ভাই বিন্যামীনদের সঙ্গে যুদ্ধ করতে এখনও কি আবার যাব? না থামব?” সদাপ্রভু বললেন, “যাও, কারণ কাল আমি তোমাদের হাতে তাদেরকে সমর্পণ করব।”
अहरोन का पोता, एलिएज़र का पुत्र फिनिहास संदूक के सामने सेवा के लिए चुना गया था. इस्राएल वंशजों ने याहवेह से पूछा, “क्या हम अब भी अपने बंधु बिन्यामिन पर हमला करने जाएं या यह विचार त्याग दें?” याहवेह ने उत्तर दिया, “जाओ, कल मैं उन्हें तुम्हारे हाथों में सौंप दूंगा.”
29 ২৯ পরে ইস্রায়েল গিবিয়ার চারদিকে ঘাঁটি বসাল।
फिर इस्राएल ने गिबियाह नगर के आस-पास सैनिकों को घात लगाने के लिए बैठा दिया.
30 ৩০ পরে তৃতীয় দিনের ইস্রায়েলীয়রা বিন্যামীনদের বিরুদ্ধে উঠে গিয়ে অন্যান্য দিনের র মতো গিবিয়ার কাছে সৈন্য রচনা করল।
तीसरे दिन इस्राएल वंशजों ने बिन्यामिन वंशजों पर हमला करने के लिए गिबियाह के विरुद्ध मोर्चा बांधा, जैसा उन्होंने इसके पहले भी किये थे.
31 ৩১ তখন বিন্যামীনরা ঐ লোকদের বিরুদ্ধে বের হল এবং নগর থেকে দূরে আকর্ষিত হয়ে প্রথম বারের মতো লোকদেরকে আঘাত ও হত্যা করতে লাগল, বিশেষত বৈথেলে যাবার ও ক্ষেত্রস্থ গিবিয়াতে যাবার দুই রাজপথে তারা ইস্রায়েলের মধ্যে অনুমান ত্রিশ জনকে হত্যা করল।
जब बिन्यामिन वंशज उनकी सेना पर हमला करने बाहर आए, पीछे हटती इस्राएली सेना उन्हें नगर से दूर ले जाने लगी. बिन्यामिन वंशज इस्राएली सैनिकों पर पहले जैसे ही वार करने लगे. प्रमुख मार्गों पर, जो बेथेल तथा गिबियाह को जाते थे, तथा खेतों में लगभग तीस इस्राएली सैनिक मार डालें गए.
32 ৩২ তাতে বিন্যামীনরা বলল, “ওরা আমাদের সামনে আগের মতো পরাজিত হচ্ছে।” কিন্তু ইস্রায়েলীয়রা বলেছিল, “এস, আমরা পালিয়ে ওদেরকে নগর থেকে রাজপথে আকর্ষণ করি।”
बिन्यामिन वंशजों का विचार था, “पहले जैसे ही वे हमारे सामने मार गिराए जा रहे हैं.” मगर इस्राएली सैनिकों ने कहा, “आओ, हम भागना शुरू करें कि उन्हें नगर से दूर मुख्य मार्गों पर ले आएं.”
33 ৩৩ অতএব ইস্রায়েলের সমস্ত লোক নিজের নিজের জায়গা থেকে উঠে গিয়ে বাল্‌-তামরে সৈন্য স্থাপন করল; ইতিমধ্যে ইস্রায়েলের লুক্কায়িত লোকেরা নিজেদের জায়গা থেকে অর্থাৎ মারে-গেবা থেকে বের হল।
तब सभी इस्राएली सैनिक अपने-अपने स्थानों से निकलकर बाल-तामार नामक स्थान पर युद्ध में शामिल हो गए. वे भी, जो घात लगाए बैठे थे, बाहर निकल आए, वे भी जो मआरोह-गीबा में थे.
34 ৩৪ পরে সমস্ত ইস্রায়েল থেকে দশ হাজার মনোনীত লোক গিবিয়ার সামনে আসল, তাতে ঘোরতর সংগ্রাম হল; কিন্তু ওরা জানত না যে, অমঙ্গল ওদের কাছাকাছি।
जब सारे इस्राएल से चुने गए दस हज़ार सैनिकों ने गिबियाह पर हमला किया, युद्ध बहुत ही प्रचंड हो गया; मगर बिन्यामिन वंशजों को यह तनिक भी अहसास न था कि महाविनाश उनके पास आ चुका था.
35 ৩৫ তখন সদাপ্রভু ইস্রায়েলের সামনে বিন্যামীনকে আঘাত করলেন, আর সে দিন ইস্রায়েলীয়রা বিন্যামীনের পঁচিশ হাজার একশো লোককে সংহার করল, এরা সবাই খড়গধারী ছিল।
याहवेह ने इस्राएल के सामने बिन्यामिन को मार गिराया. उस दिन इस्राएल ने पच्चीस हज़ार एक सौ बिन्यामिनी सैनिकों को मार गिराया. ये सभी तलवार चलाने में निपुण थे.
36 ৩৬ এই ভাবে বিন্যামীনরা দেখল যে, তারা আহত হয়েছে; কারণ ইস্রায়েলের লোকেরা বিন্যামীনের কাছ থেকে পালিয়ে গিয়েছিল, যেহেতু তারা যাদেরকে গিবিয়ার বিরুদ্ধে স্থাপন করেছিল, সেই লুকিয়ে থাকা লোকদের উপরে নির্ভর করছিল।
बिन्यामिन वंशजों को अपनी पराजय स्वीकार करनी पड़ी. जब इस्राएली सैनिक बिन्यामिन वंशजों से पीछे हट गये, क्योंकि वे पूरी तरह उन सैनिकों पर निर्भर थे, जो गिबियाह के विरुद्ध घात लगाए बैठे हुए थे,
37 ৩৭ ইতিমধ্যে ঐ লুকিয়ে থাকা লোকেদের উপর সত্বর গিবিয়া আক্রমণ করল, আর প্রবেশ করে খড়গধারে সব নগরকে আঘাত করল।
तब घात लगाए सैनिक बड़ी ही तेजी से गिबियाह नगर पर टूट पड़े. वे सारे नगर में फैल गए और पूरे नगर को तलवार से मार डाला.
38 ৩৮ ইস্রায়েল-লোকদের ও লুক্কায়িত লোকদের মধ্যে এই চিহ্ন স্থির করা হয়েছিল, লুক্কায়িতেরা নগর থেকে ধোঁয়ার মেঘ উঠাবে।
इस्राएली सैनिकों और घात लगाए सैनिकों के बीच पहले से तय किया गया संकेत यह था कि वे नगर में आग लगाकर धुएं का बहुत बड़ा बादल उठाएंगे,
39 ৩৯ অতএব ইস্রায়েল-লোকেরা সংগ্রাম করতে করতে মুখ ফেরাল। তখন বিন্যামীন তাদের অনুমান ত্রিশ জনকে আঘাত ও হত্যা করেছিল, কারণ তারা বলেছিল, প্রথম যুদ্ধের মতো এবারেও ওরা আমাদের সামনে আহত হল।
तब यह देखते ही इस्राएली सेना का प्रमुख दल को युद्ध-भूमि में लौट आना है. बिन्यामिन सैनिकों ने लगभग तीस इस्राएली सैनिकों को मार गिराया था. उनका विचार था, “निश्चित ही पहले के युद्ध के समान ये लोग हमसे हार चुके हैं.”
40 ৪০ কিন্তু যখন নগর থেকে স্তম্ভাকারে ধূমময় মেঘ উঠতে লাগল, তখন বিন্যামীন পিছনে চেয়ে দেখল, আর দেখ, সব নগর ধূমময় হয়ে আকাশে উড়ে যাচ্ছে।
मगर जैसे ही नगर के ऊपर धुएं का खंभा उठने लगा, बिन्यामिन वंशजों ने मुड़कर देखा कि पूरा नगर धुएं में आकाश की ओर उठ रहा है.
41 ৪১ আর ইস্রায়েলীয়রাও মুখ ফেরাল; তাতে অমঙ্গল আমাদের ওপরে এসে পড়ল দেখে বিন্যামীনের লোকেরা ভয় পেল।
इस्राएली सैनिक पलट कर वार करने लगे और बिन्यामिन वंशज भयभीत हो गए, क्योंकि उन्हें साफ़ दिख रहा था कि उन पर महाविनाश आ पड़ा है.
42 ৪২ অতএব তারা ইস্রায়েল-লোকদের সামনে মাঠের পথের দিকে ফিরল এবং নগর কিন্তু সেই জায়গাতেও যুদ্ধ তাদের অনুবর্ত্তী হল এবং নগর সব থেকে আসা লোকেরা সেখানে তাদেরকে সংহার করল।
अब वे इस्राएली सेना को पीठ दिखाकर निर्जन प्रदेश की ओर भागने लगे; किंतु वे विनाश से बच न सके. उन्होंने, जो नगरों से निकल आए थे, उन्हें अपने बीच में मारना शुरू कर दिया.
43 ৪৩ তারা চারদিকে বিন্যামীনকে ঘিরে তাড়াতে লাগল এবং সূর্য্যোদয়ের দিকে গিবিয়ার সামনের দিক পর্যন্ত তাদের বিশ্রামের জায়গায় তাদেরকে দলিত করতে লাগল।
उनका पीछा करते हुए उन्होंने बिन्यामिन वंशजों को घेर लिया, बिना रुके गिबियाह के पास पूर्व में, खदेड़ कर उन्हें रौंद डाला.
44 ৪৪ তাতে বিন্যামীনের আঠার হাজার লোক হত হল, তারা সকলেই যোদ্ধা ছিল।
इस युद्ध में बिन्यामिन के अट्ठारह हज़ार सैनिक गिरे. ये सभी वीर योद्धा थे.
45 ৪৫ পরে অবশিষ্টেরা প্রান্তরের দিকে ফিরে রিম্মোণ পর্বতে পালিয়ে যেতে লাগল, আর ওরা রাজপথে তাদের অন্য পাঁচ হাজার লোককে হত্যা করল; পরে বেগে তাদের পিছন পিছন তাড়া করে গিদোম পর্যন্ত গিয়ে তাদের দুই হাজার লোককে আঘাত করল।
बाकी पीठ दिखाकर निर्जन प्रदेश में रिम्मोन की चट्टान की ओर भागे, मगर इनमें से पांच हज़ार मुख्य मार्गों पर पकड़ लिए गए, और उन्हें गीदोम नामक स्थान पर पकड़कर उनमें से दो हज़ार का वध कर दिया गया.
46 ৪৬ অতএব সেই দিন বিন্যামীনের মধ্যে খড়গধারী পঁচিশ হাজার লোক হত হল; তারা সবাই বলবান লোক ছিল।
इसलिये उस दिन वध किए सैनिकों की सारी गिनती पच्चीस हज़ार हो गई. से सभी कुशल हज़ार सैनिक थे-तलवार चलाने में निपुण.
47 ৪৭ কিন্তু ছয়শো লোক প্রান্তরের দিকে ফিরে রিম্মোণ পর্বতে পালিয়ে গিয়ে সেই রিম্মোণ পর্বতে চার মাস বাস করল।
मगर छः सौ सैनिक मुड़कर निर्जन प्रदेश में रिम्मोन की चट्टान की दिशा में भागे. वे रिम्मोन की चट्टान के निकट चार महीने तक रहते रहे.
48 ৪৮ পরে ইস্রায়েলীয়রা বিন্যামীদের প্রতিকূলে ফিরে নগরস্থ মানুষ ও পশু প্রভৃতি যা যা পাওয়া গেল, সে সবকে খড়গ দিয়ে আঘাত করল; তারা যত নগর পেল, সে সব আগুনে পুড়িয়ে দিল।
तब इस्राएली सेना बिन्यामिन वंशजों के नगरों की ओर बढ़ें और सभी को तलवार से वध कर दिया. सारे नगर नाश कर दिए गए, उन्होंने जो भी मिला, नगरवासी और पशुओं सभी का वध कर दिया. उन्हें जितने नगर मिलते गए, वे उनमें आग लगाते चले गए.

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