< যিরমিয়ের বই 32 >

1 যিহূদার রাজা সিদিকিয়ের দশম বছরে, নবূখদনিৎসরের রাজত্বের আঠারো বছরে সদাপ্রভুর এই বাক্য যিরমিয়ের কাছে এল।
यहूदिया के राजा सीदकियाहू के राज्य-काल के दसवें वर्ष में, जो नबूकदनेज्ज़र के राज्य-काल का अठारहवां वर्ष था, याहवेह का संदेश येरेमियाह को भेजा गया.
2 সেই দিনের বাবিলের রাজার সৈন্যদল যিরূশালেম অবরোধ করছিল এবং যিরমিয় ভাববাদী যিহূদার রাজবাড়ীর পাহারাদারদের উঠানে বন্দী ছিলেন।
इस समय बाबेल के राजा की सेना येरूशलेम को घेरे हुए थी तथा भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को यहूदिया के राजा के महलों के पहरे के आंगन में बंदी बनाकर रखा गया था.
3 যিহূদার রাজা সিদিকিয় তাঁকে বন্দী করেছেন এবং বলেছেন, “কেন তুমি ভাববাণী করে বল, সদাপ্রভু বলেন, ‘আমি এই শহরকে বাবিলের রাজার হাতে সমর্পণ করব এবং সে এটা দখল করবে।
क्योंकि यहूदिया के राजा सीदकियाहू ने येरेमियाह को यह कहते हुए बंदी बना रखा था, “तुम यह कहते हुए भविष्यवाणी क्यों करते हो? ‘यह याहवेह का संदेश है, यह देखना, मैं इस नगर को बाबेल के राजा के हाथों में सौंपने पर हूं, और वह इसे प्राप्‍त कर लेगा.
4 যিহূদার রাজা সিদিকিয় কলদীয় রাজার হাত থেকে রেহাই পাবে না, কারণ সে বাবিল রাজার হাতে সমর্পিত হবে। বাবিলের রাজার মুখোমুখি হয়ে সে কথা বলবে এবং নিজের চোখে তাকে দেখবে।
तथा यहूदिया का राजा सीदकियाहू के अधिकार से विमुक्त नहीं हो सकेगा, बल्कि वह निश्चयतः बाबेल के राजा के हाथों में सौंप दिया जाएगा. तब वह आमने-सामने उससे वार्तालाप करेगा तथा वे एक दूसरे को अपने-अपने नेत्रों से देख सकेंगे.
5 কারণ সিদিকিয় বাবিলে যাবে এবং যতক্ষণ না আমি তার সাথে কিছু করি, ততক্ষণ পর্যন্ত সে সেখানেই থাকবে।’ প্রস্তুত এটা সদাপ্রভুর ঘোষণা। কারণ তোমরা কলদীয়দের সঙ্গে যুদ্ধ করলেও সফল হবে না।”
बाबेल का राजा सीदकियाहू को अपने साथ बाबेल ले जाएगा और वह वहां उस समय तक रखा जाएगा, जब तक मैं उससे भेंट करने वहां न पहुंचूं, यह याहवेह की वाणी है. यदि तुम कसदियों पर आक्रमण भी करो, तुम्हें सफलता प्राप्‍त न होगी.’”
6 যিরমিয় বললেন, “সদাপ্রভু এই বাক্য আমার কাছে এসেছিল এবং বলল,
येरेमियाह ने यह सूचना दी, “मुझे याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ:
7 ‘দেখ, আমার কাকা শল্লুমের ছেলে হনমেল তোমার কাছে আসবে এবং বলবে অনাথোতে আমার যে জমিটি আছে, তা তুমি নিজের জন্য কেনো, কারণ সেটি কিনে মুক্ত করা অধিকার তোমার আছে’।
यह देखना, तुम्हारे चाचा शल्लूम का पुत्र हनामेल तुमसे भेंट करने आ रहा है. वह तुमसे कहेगा, ‘अनाथोथ का मेरा खेत तुम मोल ले लो, क्योंकि विधान के अंतर्गत यह तुम्हारा ही अधिकार है.’
8 তখন সদাপ্রভুর কথামতই আমার কাকার ছেলে হনমেল পাহারাদারদের উঠানে আমার কাছে এসে বলল, ‘বিন্যামীন প্রদেশে অনাথোতে আমার যে জমি আছে সেটা তুমি কেনো। কারণ সেখানে বাস করার অধিকার ও সেটি মুক্ত করার অধিকার তোমার আছে। তাই তুমিই সেটি নিজের জন্য কেনো’। তখন আমি জানলাম এটি সদাপ্রভুরই বাক্য।
“तब मेरे चाचा का पुत्र हनामेल, याहवेह के संदेश के अनुरूप, पहरे के आंगन में मुझसे भेंट करने आया और मुझसे कहा, ‘बिन्यामिन प्रदेश के अनाथोथ में मेरा जो खेत है, उसे तुम मोल ले लो. क्योंकि उसके स्वामित्व को तथा उसके निष्क्रय का अधिकार तुम्हारा ही है, तुम्हीं इसे मोल ले लो.’ “तब मुझे यह निश्चय हो गया कि यह याहवेह ही का संदेश था;
9 তাই আমার কাকার ছেলে হনমেলের কাছ থেকে আমি অনাথোতের সেই জমিটি কিনলাম এবং সতেরো শেকল রূপা তাকে ওজন করে দিলাম।
मैंने अपने चाचा के पुत्र हनामेल से अनाथोथ का खेत मोल ले लिया, इसके लिए मैंने दो सौ ग्राम चांदी उसके लिए तौल दी.
10 ১০ আমি গুটানো কাগজে লিখলাম, সীলমোহর করলাম ও সাক্ষী রাখলাম। তখন দাঁড়িপাল্লায় ওজন করে রূপা দিলাম।
मैंने बंधक-पत्र पर हस्ताक्षर किए तथा उस पर मोहर लगा दी, तब मैंने गवाहों को आमंत्रित किया और तुलामान पर चांदी तौल दी.
11 ১১ আমি দুটি গুটানো কাগজ নিলাম নিয়ম ও শর্ত লেখা সীলমোহর করা একটি ও সীলমোহর না করা আর একটি।
तब मैंने क्रय-बन्धक पत्र लिए—दोनों ही वह, जिस पर मोहर लगी हुई थी, जिसमें नियम तथा शर्तें निहित थी तथा वह, जो खुली हुई प्रति थी—
12 ১২ আমি আমার কাকার ছেলে হনমেলের সামনে, যে সাক্ষীরা সীলমোহর করা কাগজে লিখেছিল, তাদের ও পাহারাদারদের উঠানে বসা সমস্ত ইহুদীদের সামনে সেই গুটানো কাগজটি মহসেয়ের নাতি, নেরিয়ের ছেলে বারূককে দিলাম।
मैंने क्रय-बन्धक पत्र अपने चाचा के पुत्र हनामेल ही के समक्ष तथा उन साक्ष्यों के समक्ष, जिन्होंने बंधक-पत्र पर हस्ताक्षर किए थे तथा पहरे के आंगन में उस समय बैठे हुए यहूदियों के समक्ष, माहसेइयाह के पौत्र, नेरियाह के पुत्र बारूख को सौंप दिया.
13 ১৩ তাদের সামনেই আমি বারূককে আদেশ দিলাম। আমি বললাম,
“तब मैंने बारूख को उन्हीं की उपस्थिति में सूचित किया:
14 ১৪ ‘বাহিনীগণের সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর এই কথা বলেন তুমি সীলমোহর করা ও সীলমোহর না করা জমি কেনার গুটানো কাগজ দুটি একটি মাটির পাত্রে রাখ, যাতে তা অনেক দিন ঠিক থাকে’।
‘इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह का आदेश है: इन बंधक पत्रों को मोहर लगे क्रय-बन्धक पत्र को तथा इस खुले बंधक-पत्र को लेकर एक मिट्टी के बर्तन में संजो दो, कि ये दीर्घ काल तक सुरक्षित बने रहें.
15 ১৫ কারণ বাহিনীগণের সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর এই কথা বলেন, ‘এই দেশে বাড়ি, জমি ও আঙ্গুর ক্ষেত আবার কেনাবেচা চলবে’।
क्योंकि इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह की वाणी यह है: आवास, खेत तथा द्राक्षाउद्यान इस देश में पुनः मोल लिए जाएंगे.’
16 ১৬ জমি কেনার গুটানো কাগজটি নেরিয়ের ছেলে বারূককে দেবার পর আমি সদাপ্রভুর কাছে এই প্রার্থনা করলাম,
“जब मैं नेरियाह के पुत्र बारूख को क्रय-बन्धक पत्र सौंप चुका, तब मैंने याहवेह से यह बिनती की:
17 ১৭ ধিক, প্রভু সদাপ্রভু! তুমি একাই তোমার মহাশক্তি ও ক্ষমতাপূর্ণ হাত দিয়ে আকাশমণ্ডল ও পৃথিবী তৈরী করেছ। তোমার পক্ষে কিছু করাই অসম্ভব না।
“प्रभु याहवेह, आपने, मैं जानता हूं आपने अपने विलक्षण सामर्थ्य तथा विस्तीर्ण भुजा के द्वारा आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की है. असंभव तो आपके समक्ष कुछ भी नहीं है.
18 ১৮ তুমি হাজার পুরুষ পর্যন্ত তোমার চুক্তিতে বিশ্বস্ত থাক এবং বাবার পাপের শাস্তি তুমি তাদের পরের সন্তানদের কোলে দিয়ে থাক। তুমি মহান ও শক্তিশালী ঈশ্বর; বাহিনীগণের সদাপ্রভু তোমার নাম।
सहस्रों पर आप निर्जर प्रेम अभिव्यक्त करते हैं, किंतु इसके विपरीत आप माता-पिता अथवा पूर्वजों की पापिष्ठता का प्रतिफल उनकी संतान की गोद में डाल देते हैं, आपका नाम सेनाओं के याहवेह है,
19 ১৯ তোমার জ্ঞান মহান ও তোমার কাজগুলি শক্তিপূর্ণ। কারণ মানুষের সমস্ত পথে তোমার চোখ খোলা থাকে; তুমি প্রত্যেকজনকে তার আচরণ ও কাজের প্রতিফল দিয়ে থাক।
महान हैं आपके संकल्प और पराक्रमी आपके कर्म! आपकी दृष्टि मानव की हर एक गतिविधि पर लगी रहती है; आप हर एक को उसके आचरण एवं उसके कार्यों के परिणाम के अनुरूप प्रतिफल देते हैं.
20 ২০ তুমি মিশর দেশে অনেক চিহ্ন ও আশ্চর্য্য কাজ করেছিলে। আজও পর্যন্ত ইস্রায়েল ও সমস্ত মানবজাতির মধ্যে সেই সব করে চলেছ, তাতে তোমার নাম বিখ্যাত হয়েছে এখনও হচ্ছে।
आपने मिस्र देश में चिन्हों एवं विलक्षण कृत्यों का प्रदर्शन किया तथा आप इस्राएल में तथा सारे मानव जाति दोनों ही के मध्य आज भी कर रहे हैं, तथा आपने अपनी प्रतिष्ठा स्थापित कर ली है, जो आज भी स्थापित है.
21 ২১ কারণ তুমি চিহ্ন ও আশ্চর্য্য কাজ দিয়ে এবং শক্তিশালী ও ক্ষমতাপূর্ণ হাত বাড়িয়ে, আতঙ্কের সঙ্গে তোমার প্রজা ইস্রায়েলকে মিশর থেকে বের করে এনেছিলে।
आपने अपनी प्रजा इस्राएल का मिस्र देश से चिन्हों एवं विलक्षण कार्यों तथा सशक्त बाहुबल, विस्तीर्ण भुजा के सिवा घोर आतंक के साथ निकास किया.
22 ২২ তুমি তাদের সেই দেশ দিয়েছিলে, যা তুমি তাদের পূর্বপুরুষদের কাছে শপথ করেছিলে দুধ ও মধু প্রবাহিত একটি দেশ।
तब आपने उन्हें यह देश दे दिया, जिसे देने की शपथ आपने उनके पूर्वजों से की थी, वह देश जिसमें दुग्ध एवं मधु का बहाव है.
23 ২৩ এবং তারা প্রবেশ করেছিল ও তা অধিকার করেছিল, কিন্তু তারা তোমার কথা মান্য করে নি বা তোমার ব্যবস্থার বাধ্য হয়নি। তুমি যা করতে তাদের আদেশ দিয়েছিলে তার কিছুই তারা করে নি। তাই এই সমস্ত বিপদ তুমি তাদের উপর এনেছ।
उन्होंने आकर इस पर अधिकार तो कर लिया, किंतु उन्होंने न तो आपके आदेशों का पालन ही किया और न ही आपके व्यवस्था-विधान का अनुकरण; आपके द्वारा उन्हें जो सारे आदेश दिए गए थे, उन्होंने उनमें से किसी का भी अनुकरण नहीं किया है. यही कारण है, कि आपने उन पर यह विपत्ति आने दी है.
24 ২৪ দেখ, শহরটি দখল করার জন্য স্তূপ তৈরী করা হয়েছে। তরোয়াল, দূর্ভিক্ষ এবং মহামারীর মধ্যে দিয়ে শহরটি কলদীয়দের হাতে সমর্পিত হবে, যারা এর বিরুদ্ধে যুদ্ধ করছে। তুমি যা বলেছ, তা ঘটেছে, দেখ, তুমি তা সবই দেখছ।
“यह भी देखिए कि नगर अभिग्रहण के लक्ष्य से निर्मित घेराबंदी की ढलान नगर तक पहुंच चुकी है. तलवार, अकाल तथा महामारी के कारण नगर कसदियों के अधिकार में जा चुका है, जिन्होंने इस पर आक्रमण किया है. वस्तुतः इसलिये कि यह आप ही की पूर्वोक्ति है जो कृतार्थ हो रही है, और अब आप ही देख रहे हैं, कि ऐसा ही हो रहा है.
25 ২৫ তখন তুমি নিজে আমাকে বললে, ‘তুমি রূপা দিয়ে জমি কেনো ও সাক্ষী রাখ, কিন্তু এই শহরটি কলদীয়দের হাতে সমর্পিত হল’।”
प्रभु याहवेह, आपने ही मुझे आदेश दिया था, अपने लिए मूल्य चुका कर खेत क्रय कर लो तथा गवाहों को बुला लो, जबकि नगर कसदियों को सौंपा जा चुका है.”
26 ২৬ সদাপ্রভুর এই বাক্য যিরমিয়ের কাছে এল এবং বলল,
इस पर येरेमियाह को याहवेह का यह संदेश प्राप्‍त हुआ:
27 ২৭ “দেখ! আমি সদাপ্রভু, সমস্ত মানবজাতির ঈশ্বর। কোন কিছু করা কি আমার পক্ষে খুব কঠিন?”
“यह स्मरण रखो, मैं याहवेह हूं, सभी मनुष्यों का परमेश्वर. क्या कोई भी ऐसा विषय है, जो मेरे लिए दुस्साध्य है?
28 ২৮ তাই সদাপ্রভু এই কথা বলেন, “দেখ, আমি এই শহরটি কলদীয় ও বাবিলের রাজা নবূখদনিৎসরের হাতে সমর্পণ করব। সে এটি দখল করবে।
इसलिये याहवेह की वाणी यह है: सुनो, मैं यह नगर कसदियों को सौंपने पर हूं तथा बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के हाथ में, जो इसे प्राप्‍त कर लेगा.
29 ২৯ যে কলদীয়েরা এই শহরের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করছে তারা শহরে আসবে ও আগুন লাগাবে; যে সব বাড়ি ছাদে লোকেরা বাল দেবতার উদ্দেশ্যে ধূপ জ্বালিয়ে এবং অন্যান্য দেবতার উদ্দেশ্যে পেয় নৈবেদ্য ঢেলে আমাকে অসন্তুষ্ট করে, সেই সব কিছুর সঙ্গে শহরটি পুড়িয়ে দেবে।
इस नगर पर आक्रमण करनेवाले कसदी, नगर में प्रवेश कर नगर में आग लगाकर इसे भस्म कर देंगे; इसमें वे भवन भी सम्मिलित होंगे, जहां छतों पर लोगों ने बाल के लिए धूप जलाया, परकीय देवताओं के लिए पेय बलिदान उंडेला और मेरे कोप को उकसाया.
30 ৩০ কারণ ইস্রায়েল ও যিহূদার লোকেরা ছোটবেলা থেকে আমার চোখে সামনে মন্দ কাজ করেছে; বাস্তবিক ইস্রায়েলের লোকেরা তাদের হাতের কাজের মাধ্যমে আমাকে অসন্তুষ্টই করেছে।” এটা সদাপ্রভুর ঘোষণা।
“इस्राएल तथा यहूदाह गोत्रज अपनी बाल्यावस्था ही से वही करते आए हैं, जो मेरी दृष्टि में ठीक नहीं है; इस्राएल वंशज अपनी हस्तकृतियों के द्वारा मेरे कोप को उकसाते आए हैं, यह याहवेह की वाणी है.
31 ৩১ “কারণ যখন থেকে এই শহরটি গড়ে উঠেছে, এটি আমার রোষ ও ক্রোধের কারণ হয়ে উঠেছে। এটা তখন থেকে আজ পর্যন্ত রয়েছে। এটা আমি আমার চোখের সামনে থেকে সরিয়ে ফেলার যোগ্য হয়ে উঠেছে।
यह सत्य है कि जिस दिन से इस नगर की स्थापना हुई है, उसी दिन से आज तक यह नगर मेरे क्रोध एवं कोप को उकसाता रहा है, इसलिये यह आवश्यक है कि यह मेरी दृष्टि से दूर कर दिया जाए.
32 ৩২ কারণ ইস্রায়েল ও যিহূদার লোকেরা তাদের মন্দ কাজ দিয়ে আমাকে অসন্তুষ্ট করেছে, তারা, তাদের রাজারা, নেতারা, যাজকরা, ভাববাদীরা এবং যিহূদার প্রত্যেকে ও যিরূশালেমের বাসিন্দারা।
मेरे कोप को भड़काने के लिए इस्राएल एवं यहूदाह गोत्रजों ने जो दुष्टता की है; उन्होंने, उनके राजाओं ने, उनके नायकों ने, उनके पुरोहितों ने, उनके भविष्यवक्ताओं ने तथा येरूशलेम एवं यहूदिया के निवासियों ने भी.
33 ৩৩ তারা আমার দিকে পিছন ফিরিয়েছে, মুখ নয়; যদিও আমি তাদের শিক্ষা দিতে আগ্রহী হয়েছি। আমি তাদের শিক্ষা দিতে চেষ্টা করেছি, কিন্তু তারা কেউ আদেশ গ্রহণ করার জন্য শোনেনি।
मेरी ओर उन्मुख होने की अपेक्षा वे मुझसे विमुख हो गए हैं, यद्यपि मैं उन्हें शिक्षा देता रहा बार-बार शिक्षा देता रहा, किंतु उन्होंने न तो मेरी सुनी और न मेरी शिक्षा का स्वीकार ही किया.
34 ৩৪ যে গৃহ আমার নাম পরিচিত, সেটি তারা তাদের জঘন্য জিনিসগুলি স্থাপন করে অশুচি করেছে।
इतना ही नहीं उन्होंने मेरे नाम में प्रतिष्ठित भवन को अशुद्ध करने के लक्ष्य से अपनी घृणास्पद वस्तुओं को उसमें स्थापित कर दिया है.
35 ৩৫ তারা মোলক দেবতার উদ্দেশ্যে তাদের ছেলে মেয়েদের উৎসর্গ করবার জন্য বিন্-হিন্নোম উপত্যকায় বাল দেবতার উদ্দেশ্যে উঁচু স্থান তৈরী করেছে, যা আমি কখনও তাদের আদেশ দিইনি; তা আমার অন্তরে আসেনি যে তারা এই রকম জঘন্য কাজ করে যিহূদাকে পাপ করাবে।
उन्होंने बेन-हिन्‍नोम की घाटी में बाल के लिए पूजा स्थलों का निर्माण किया कि वे मोलेख के लिए अपने पुत्र-पुत्रियों को अग्निबलि प्रथा में समर्पित करें, मैंने उन्हें इसके लिए कोई आदेश न दिया था; हालांकि इसका तो विचार ही मेरे मस्तिष्क में नहीं आया, कि वे यह घृणित कार्य करें तथा यहूदिया को यह पाप करने के लिए प्रेरित करें.
36 ৩৬ তাই এখন, তোমরা যে শহরের বিষয়ে বল, ‘এটি তরোয়াল, দূর্ভিক্ষ ও মহামারীর মধ্যে দিয়ে বাবিলের রাজাকে সমর্পিত হল’ সেই শহরের বিষয়ে আমি, সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর বলি,
“इसलिये अब इस नगर के विषय में, जिसके संबंध में तुम्हीं यह कह रहे हो, ‘तलवार, अकाल तथा महामारी के कारण यह नगर बाबेल के राजा के हाथ में दे दिया गया है’; याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की यह वाणी है,
37 ৩৭ দেখ, আমি নিশ্চয়ই তাদের জড়ো করব, যে সব দেশে আমি নিজের ক্রোধ, অসন্তোষ এবং প্রচণ্ড রোষে তাদের ছিন্নভিন্ন করেছি। আমি এই জায়গায় তাদের ফিরিয়ে আনব এবং তাদের নিরাপদে বাস করতে দেব।
तुम देखना, कि मैं उन्हें उन सभी देशों से एकत्र करूंगा, जिनमें मैंने उन्हें अपने कोप के कारण दूर कर दिया था. अपने क्रोध में, अपने कोप में तथा अपने उग्र आक्रोश में, मैं उन्हें इस देश में लौटा ले आऊंगा कि वे यहां पूर्ण सुरक्षा में निवास करने लगें.
38 ৩৮ তখন তারা আমার প্রজা হবে ও আমি তাদের ঈশ্বর হব।
वे मेरी प्रजा होंगे तथा मैं उनका परमेश्वर.
39 ৩৯ আমি তাদের একটি অন্তর ও একটি পথ দেব, যা দিয়ে তারা প্রতিদিন আমার সম্মান করবে; এটি তাদের ও তাদের পরের সন্তানদের জন্য মঙ্গল জনক হবে।
मैं उन्हें एकनिष्ठ हृदय तथा एकमात्र अभीष्ट प्रदान करूंगा, कि उनमें मेरे प्रति सदा-सर्वदा को उन्हीं के तथा उनके बाद उनकी संतान के कल्याण के निमित्त चिरस्थायी श्रद्धा व्याप्‍त हो जाए.
40 ৪০ আমি তাদের জন্য এই চিরস্থায়ী ব্যবস্থা স্থাপন করব যে, আমি তাদের দিক থেকে কখনও মুখ ফেরাব না। আমি তাদের মঙ্গল করব এবং তারা যেন আমাকে ত্যাগ না করে, তাই তাদের অন্তরে সম্মান স্থাপন করব।
मैं उनसे चिरकालीन वाचा स्थापित करूंगा; कि मैं उनसे विमुख न होऊं, कि उनका हित हो, और मैं उनके हृदय में अपने प्रति ऐसा श्रद्धा संस्थापित कर दूंगा, कि वे मुझसे विमुख कभी न हों.
41 ৪১ আমি আনন্দের সঙ্গে তাদের মঙ্গল করব। আমি সম্পূর্ণ অন্তর ও ইচ্ছা দিয়ে বিশ্বস্ততার সঙ্গে তাদের এই দেশে রোপণ করব।”
अपने संपूर्ण हृदय से तथा अपने संपूर्ण प्राण से उनका हित करना तथा उन्हें इस देश में बसा देना मेरे अतीव हर्ष का विषय होगा.
42 ৪২ কারণ সদাপ্রভু এই কথা বলেন, “আমি এই লোকদের উপর যেমন এই সমস্ত মহা বিপদ এনেছি, তেমনি তাদের কাছে যে সমস্ত মঙ্গল করার প্রতিজ্ঞা করেছি, তাদের জন্য সে সমস্ত করব।
“क्योंकि याहवेह की वाणी यह है: ठीक जिस प्रकार मैंने उन पर ये घोर विपत्तियां डाली हैं, ठीक उसी प्रकार मैं उन पर वह सारी समृद्धि ले आऊंगा, जिसकी मैं प्रतिज्ञा कर रहा हूं.
43 ৪৩ তার এই যে দেশের বিষয়ে তোমরা বলছ, ‘এটি একটি পতিত জমি, যেখানে মানুষ বা পশু কিছুই নেই; কারণ এটি কলদীয়দের হাতে সমর্পিত হয়েছে’।
इस देश में, अब खेत मोल लिए जाएंगे, जिसके विषय में तुम कहते रहते हो, ‘उजाड़ हो चुका है यह देश, इसमें अब न तो मनुष्य शेष रह गए हैं, न पशु; सब कुछ कसदियों के अधिकार में जा चुका है.’
44 ৪৪ সেই দেশে আবার জমি কেনাবেচা হবে। বিন্যামীন প্রদেশে, যিরূশালেমের চারপাশের এলাকায়, যিহূদার ও পার্বত্য অঞ্চলের সমস্ত শহরে, নেগেভের সমস্ত শহরে লোকেরা রূপা দিয়ে জমি কিনবে, সীলমোহর গুটানো কাগজে লিখবে এবং সাক্ষী রাখবে; কারণ আমি তাদের অবস্থা ফেরাব।” এটা সদাপ্রভুর ঘোষণা।
लोग चांदी देकर खेत क्रय कर लेंगे, वे बंधक-पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे तथा उसे आमंत्रित साक्ष्यों को सारे मोहरबन्द कर देंगे. यह सब बिन्यामिन प्रदेश में होगा, येरूशलेम के उपनगरों में होगा यहूदिया के नगरों में होगा, घाटी के नगरों में होगा तथा नेगेव के नगरों में होगा; क्योंकि मैं समृद्धि लौटा दूंगा, यह याहवेह की वाणी है.”

< যিরমিয়ের বই 32 >