< যিরমিয়ের বই 30 >

1 সদাপ্রভুর কাছ থেকে এই বাক্য যিরমিয়ের কাছে এল ও বলল,
वह संदेश जो याहवेह द्वारा येरेमियाह के लिए प्रगट किया गया:
2 “সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর এই কথা বলেছেন, ‘আমি তোমাকে যে সমস্ত কথা বলেছি, তা তুমি নিজের জন্য একটি গোটানো বইয়ে লেখ।
“याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का आदेश यह है: ‘एक पुस्तक में तुमसे की गई मेरी संपूर्ण बात को लिख लो.
3 কারণ দেখ, সেই দিন আসছে’ এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা, ‘যখন আমি আমার প্রজা, ইস্রায়েল ও যিহূদাকে পুনরুদ্ধার করব। আমি, সদাপ্রভু, এই কথা বলেছি। কারণ আমি সেই দেশে তাদের ফিরিয়ে আনব, যেটি আমি তাদের পূর্বপুরুষদের দিয়েছিলাম এবং যা তাদের দখলে থাকবে’।
क्योंकि यह देख लेना, ऐसे दिन आ रहे हैं,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘जब मैं अपने लोग इस्राएल तथा यहूदिया की समृद्धि लौटा दूंगा,’ याहवेह की यह वाणी है, ‘मैं उन्हें उस देश में लौटा ले आऊंगा, जो मैंने उनके पूर्वजों को प्रदान किया था और वे उस पर अधिकार कर लेंगे.’”
4 ইস্রায়েল ও যিহূদা সম্বন্ধে সদাপ্রভু এই কথা বলেছেন,
इस्राएल एवं यहूदिया से संबंधित याहवेह का वचन यह है:
5 ‘কারণ সদাপ্রভু এই কথা বলেন, আমরা ভীষণ ভয়ের কাঁপা আওয়াজ শুনেছি, শান্তির আওয়াজ নয়।
“याहवेह का संदेश यह है: “‘मैंने एक भय की पुकार सुनी है— आतंक की ध्वनि, शांति है ही नहीं.
6 জিজ্ঞাসা করে দেখ, যদি কোনো পুরুষ সন্তান প্রসব করতে পারে। কেন আমি প্রত্যেকটি যুবককে তার কোমরে হাত রাখতে দেখি? যেমন একজন স্ত্রীলোক সন্তান প্রসব করে, কেন তাদের মুখ ফ্যাকাসে হয়ে গেছে?
ज्ञात करो, विचार करो: क्या पुरुष के लिए प्रसव संभव है? तब कारण क्या है कि हर एक पुरुष अपने कमर पर हाथ रखे हुए है, प्रसूता के सदृश और उनका मुखमंडल विवर्ण क्यों हो गया है?
7 হায়! সেই দিন টি কত মহৎ হবে, সেই রকম আর কোন দিন নেই। তখন যাকোবের দুশ্চিন্তার দিন হবে, কিন্তু তা থেকে সে উদ্ধার পাবে’।
हाय! क्योंकि भयंकर होगा वह दिन! ऐसा कभी देखा ही नहीं गया. यह याकोब की वेदना का समय होगा, किंतु याकोब इसमें से पार निकल जाएगा.
8 বাহিনীগণের সদাপ্রভু এই কথা বলেন, ‘সেদিন আমি তোমার ঘাড় থেকে জোয়াল ভেঙে ফেলব এবং তোমার শেকল ছিঁড়ে ফেলব; তাই বিদেশীরা আর তোমায় দাস করে রাখবে না।
“‘उस दिन ऐसा होगा,’ यह सेनाओं के याहवेह की वाणी है, ‘मैं उसकी गर्दन पर पड़ा हुआ जूआ तोड़ डालूंगा तथा उनके बंधन तोड़ डालूंगा; तब इसके बाद अपरिचित आकर उन्हें दास नहीं बनाएंगे.
9 কিন্তু তারা তাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর আরাধনা করবে ও তাদের রাজা দায়ূদের সেবা করবে, যাকে আমি তাদের রাজা করব।
तब वे याहवेह अपने परमेश्वर तथा दावीद अपने राजा के अधीन रहेंगे, जिसका मैं उनके लिए उद्भव करूंगा.
10 ১০ তাই তুমি, আমার দাস যাকোব, ভয় কোরো না’ এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা, ‘ইস্রায়েল, আতঙ্কিত হোয়ো না। কারণ দেখ, আমি অনেক দূর থেকে তোমাকে ও বন্দীদশায় থাকা দেশ থেকে তোমার বংশধরদের ফিরিয়ে আনবো। যাকোব ফিরে আসবে ও শান্তিতে থাকবে; সে নিরাপদে থাকবে এবং সেখানে কোনো ভয় থাকবে না।
“‘याकोब, मेरे सेवक, भयभीत न होओ; और इस्राएल, हताश न हो जाओ,’ यह याहवेह का आदेश है. ‘क्योंकि तुम यह देखोगे कि तुम चाहे कितनी भी दूर क्यों न रहो, मैं तुम्हारे वंशजों का उद्धार उनके बंधुआई के देश में से करूंगा. तब याकोब लौट आएगा, वह सुरक्षित रहेगा तथा सुख-शांति की स्थिति में निवास करेगा, कोई भी उसे भयभीत न करेगा.
11 ১১ কারণ আমি তোমার সঙ্গে আছি’ এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা, ‘তোমায় উদ্ধার করার জন্য। তখন যেখানে আমি তোমাকে ছড়িয়ে দিয়েছিলাম, সেই সমস্ত জাতিকে আমি সম্পূর্ণভাবে ধ্বংস করব। কিন্তু তোমাকে আমি সম্পূর্ণভাবে ধ্বংস করব না, যদিও আমি যথাযথ ভাবে তোমাকে শিক্ষা দেব, শাস্তি না দিয়ে তোমাকে ছাড়ব না’।
क्योंकि मैं तुम्हारे साथ रहूंगा, कि तुम्हें विमुक्त कर दूं,’ यह याहवेह की वाणी है. ‘मैं उन सभी जनताओं का सर्वनाश कर दूंगा, जहां मैंने तुम्हें बिखरा दिया था, किंतु मैं तुम्हें पूर्णतः नष्ट नहीं करूंगा. मैं तुम्हारी न्यायोचित प्रताड़ना अवश्य करूंगा; किसी भी स्थिति में मैं तुम्हें अदण्डित न छोडूंगा.’
12 ১২ কারণ সদাপ্রভু বলেন, ‘তোমার ক্ষত দুরারোগ্য, তোমার আঘাত দুষিত।
“क्योंकि याहवेह का स्पष्टीकरण यह है: “‘असाध्य है तुम्हारा घाव, तथा गंभीर है तुम्हें लगी हुई चोट.
13 ১৩ তোমার পক্ষে সমর্থন করার কেউ নেই; তোমার আঘাত সুস্থ করার কোনো ওষুধ নেই।
तुम्हारा समर्थन करनेवाला कोई भी नहीं है, न तो तुम्हारे घाव भरेंगे, और न ही तुम्हें स्वास्थ्य पुनः प्राप्‍त होगा.
14 ১৪ তোমার সব প্রেমিকেরা তোমাকে ভুলে গেছে। তারা তোমার খোঁজ করে না। কারণ তোমার প্রচুর অপরাধ ও অসংখ্য পাপের জন্য আমি তোমাকে শত্রুর আঘাতের মত আঘাত করেছি এবং নিষ্ঠুরের মত শাস্তি দিয়েছি।
जिन्हें तुमसे प्रेम था, उन्होंने तुम्हें भूलना पसंद कर दिया है; उन्हें तुम्हारी कोई चिंता नहीं. मैंने तुम्हें वह घाव दिया है, जो एक शत्रु ही दे सकता है, एक ऐसा दंड, जो निर्मम शत्रु दिया करता है, क्योंकि घोर है तुम्हारा अपराध तथा असंख्य हैं तुम्हारे पाप.
15 ১৫ কেন তোমার ক্ষতের সাহায্যের জন্য ডাক? তোমার যন্ত্রণা দুরারোগ্য। তোমার অপরাধ ও অসংখ্য পাপের জন্যই আমি তোমার প্রতি এই সব করেছি।
अपने घावों पर विलाप क्यों कर रहे हो, तुम्हारी पीड़ा असाध्य है? इसलिये कि तुम्हारी पापिष्ठता जघन्य है तथा असंख्य हैं तुम्हारे पाप. मैंने ही तुम्हारे साथ ऐसा व्यवहार किया है.
16 ১৬ তাই যারা তোমাকে গিলে ফেলে, তাদেরও গিলে ফেলা হবে এবং তোমার সমস্ত বিপক্ষের লোকেরা বন্দীদশায় যাবে। কারণ যারা তোমাকে লুট করেছে তারাও লুটিত হবে এবং যারা তোমার জিনিস হরণ করে, আমি তাদের জিনিস হরণ করব।
“‘इसलिये वे सभी, जो तुम्हें निगल रहे हैं, स्वयं निगल लिए जाएंगे; तुम्हारे सब शत्रु बंधुआई में चले जाएंगे. वे, जो तुम्हें लूट रहे हैं, स्वयं लूट लिए जाएंगे. वे, जो तुम्हें शिकार बना रहे हैं, मैं उन्हें शिकार होने के लिए सौंप दूंगा.
17 ১৭ কারণ আমি তোমার সুস্থতা ফিরিয়ে আনবো; আমি তোমার ক্ষত সুস্থ করব’। এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা, ‘আমি এটা করব কারণ তারা তোমায় বলেছে, সমাজচ্যুত, সিয়োনের খোঁজ কেউ করে না’।
क्योंकि मैं तुम्हारा स्वास्थ्य पुनःस्थापित करूंगा, तथा तुम्हारे घावों को भर दूंगा,’ यह याहवेह की वाणी है, ‘क्योंकि उन्होंने तुम्हें गृहवंचित घोषित कर दिया है, उन्होंने कहा है, यह ज़ियोन है; उन्हें तुम्हारी कोई चिंता नहीं.’
18 ১৮ সদাপ্রভু এই কথা বলেন, ‘দেখ, আমি যাকোবের তাঁবুর ভাগ্য ফিরিয়ে আনব এবং তাদের বাড়িকে দয়া করব। তখন ধ্বংসস্তূপের উপরে একটি শহর গড়ে তোলা হবে এবং একটি দুর্গ আবার তার আগের জায়গায় দাঁড়িয়ে থাকবে।
“यह याहवेह की वाणी है: “‘तुम देखना मैं याकोब के शिविर की समृद्धि को लौटाकर दूंगा, मैं ध्वस्त आवासों के प्रति अनुकम्पा प्रदर्शित करूंगा; उसके खंडहरों पर ही नगर का पुनर्निर्माण होगा, तथा महल अपने यथास्थान पर प्रतिष्ठित किया जाएगा.
19 ১৯ তখন সেখান থেকে প্রশংসা গান ও উল্লাসের শব্দ বের হবে, কারণ আমি তাদের বৃদ্ধি করব ও হ্রাস পাবে না। আমি তাদের সম্মানিত করব, তাই তারা নত হবে না।
उनसे धन्यवाद तथा हर्षोल्लास का स्वर आता रहेगा. मैं उनकी संख्या में वृद्धि करूंगा, उनकी संख्या कम न होगी; मैं उन्हें सम्मान्य बना दूंगा, वे नगण्य न रहेंगे.
20 ২০ তাদের ছেলেমেয়েরা আগের মতই হবে এবং আমার সামনেই তাদের মণ্ডলী স্থাপিত হবে যখন আমি তাদের সবাইকে শাস্তি দেব, এখন যারা তাদের যন্ত্রণা দেয়।
उनकी संतान भी पूर्ववत समृद्ध हो जाएगी, मेरे समक्ष सारा राष्ट्र प्रतिष्ठित हो जाएगा; तथा मैं उन्हें दंड दूंगा, जिन्होंने उन पर अत्याचार किया था.
21 ২১ তাদের নেতা তাদেরই মধ্যে থেকেই একজন হবে; সে তাদের মধ্য থেকেই উঠবে। যখন আমি তাদের কাছে ডাকব এবং যখন তারা আমার কাছে আসবে। যদি আমি তা না করি, কে সাহস করে আমার কাছে আসতে পারে?’ এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
उन्हीं का अपना स्वजन उनका उच्चाधिकारी हो जाएगा; उन्हीं के मध्य से उनके उच्चाधिकारी का उद्भव होगा. मेरे आमंत्रण पर वह मेरे निकट आएगा अन्यथा कैसे मेरे निकट आकर अपने प्राण को जोखिम में डालेगा?’ यह याहवेह की वाणी है.
22 ২২ ‘তখন তোমরা আমার প্রজা হবে এবং আমি তোমাদের ঈশ্বর হব’।
‘तब तुम मेरी प्रजा हो जाओगे, तथा मैं तुम्हारा परमेश्वर.’”
23 ২৩ দেখ, সদাপ্রভুর ঝড়, ক্রোধ বের হবে। এটা একটি অবিরত ঝড়। এটা দুষ্টদের মাথার উপরে ঘুরবে।
देख लो, याहवेह के बवंडर को, उनका कोप क्रोध हो चुका है, यह बवंडर सब कुछ उड़ा ले जाएगा ये बुराइयां सिर पर टूट पड़ेंगी.
24 ২৪ সদাপ্রভু যে পর্যন্ত না তাঁর অন্তরের উদ্দেশ্য পূরণ না হয়, ততক্ষণ তাঁর রোষ ফিরবে না। শেষ দিনের, তোমরা এটা বুঝতে পারবে।”
याहवेह का प्रचंड कोप तब तक अलग न होगा, जब तक वह अपने हृदय की बातों को पूर्ण नहीं कर लेते, जब तक वह इसका निष्पादन नहीं कर लेते. अंतिम दिनों में तुम्हारे समक्ष यह सब स्पष्ट हो जाएगा.

< যিরমিয়ের বই 30 >