< যিরমিয়ের বই 23 >

1 সদাপ্রভু বলেন, “ধিক সেই পালকদের! যারা আমার পশু চড়ানোর মাঠের ভেড়াগুলিকে ধ্বংস করে ও ছড়িয়ে দেয়।”
“धिक्कार है उन चरवाहों पर जो मेरी चराई की भेड़ों को तितर-बितर कर रहे तथा उन्हें नष्ट कर रहे हैं!” यह याहवेह की वाणी है.
2 সেইজন্য সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর, যে পালকেরা তাঁর লোকদের চরায় সেই পালকদের উদ্দেশ্যে এই কথা বলেন, “তোমরা আমার পালের ভেড়াগুলিকে ছিন্নভিন্ন করেছ এবং তাদের তাড়িয়ে দিয়েছ, তাদের কোন যত্ন কর নি। জানো! তোমাদের মন্দ কাজের জন্য আমি তার মূল্য ফিরিয়ে দেব,” এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
इसलिये उन चरवाहों के विषय में, जो याहवेह की भेड़ों के रखवाले हैं, याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: “तुमने मेरी भेड़ों को तितर-बितर कर दिया है, उन्हें खदेड़ दिया है तथा उनकी देखभाल नहीं की है, इसलिये यह समझ लो कि मैं तुम्हारे अधर्म का प्रतिफल देने ही पर हूं.” यह याहवेह की वाणी है.
3 “আমি যে সব দেশে আমার পালগুলিকে তাড়িয়ে দিয়েছিলাম, সেখান থেকে আমি নিজেই তাদের জড়ো করব এবং আমি তাদের পশু চরাবার মাঠে ফিরিয়ে আনব, সেখানে তারা ফলবান হবে ও বেড়ে উঠবে।
“तत्पश्चात स्वयं मैं अपनी भेड़-बकरियों के बचे हुए लोगों को उन सारे देशों से एकत्र करूंगा, जहां मैंने उन्हें खदेड़ दिया था, मैं उन्हें उन्हीं के चराइयों में लौटा ले आऊंगा जहां वे सम्पन्‍न होते और संख्या में बढ़ते जाएंगे.
4 তখন আমি তাদের উপর এমন পালকদের নিযুক্ত করব, যারা তাদের পালন করবে; তারা কেউ ভয় পাবে না বা আতঙ্কিত হবে না। তাদের মধ্যে কেউ হারিয়ে যাবে না,” এটি সদাপ্রভু ঘোষণা করেন।
मैं उनके लिए चरवाहे भी तैयार करूंगा वे उनकी देखभाल करेंगे, तब उनके समक्ष किसी भी प्रकार का भय न रहेगा, उनमें से कोई भी न तो व्याकुल होगा और न ही कोई उनमें से खो जाएगा,” यह याहवेह की वाणी है.
5 “দেখ! সেই দিন আসছে,” এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা, “যখন আমি দায়ূদের জন্য একটি ন্যায়বান শাখাকে তুলব। তিনি রাজা হয়ে রাজত্ব করবেন; তিনি সাফল্যের সঙ্গে এই দেশে ন্যায়বিচার ও ধার্ম্মিকতা করবেন।
“यह देख लेना कि ऐसे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब मैं दावीद के लिए एक धार्मिकतापूर्ण शाखा उत्पन्‍न करूंगा, वह राजा सदृश राज्य-काल करेगा तथा उसके निर्णय विद्वत्तापूर्ण होंगे उस देश में न्याय एवं धार्मिकतापूर्ण होगा.
6 তাঁর দিনের যিহূদা উদ্ধার পাবে এবং ইস্রায়েল নিরাপদে বাস করবে। তাঁকে এই নাম ডাকা হবে ‘সদাপ্রভু আমাদের ধার্ম্মিকতা।’
तब उन दिनों में यहूदिया संरक्षित रखा जाएगा तथा इस्राएल सुरक्षा में निवास करेगा. उन दिनों उसकी पहचान होगी: ‘याहवेह हमारी धार्मिकता.’
7 অতএব দেখ, সেই দিন আসছে,” এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা, “যখন তারা আর বলবে না, ‘জীবন্ত সদাপ্রভুর দিব্যি, যিনি ইস্রায়েলকে মিশর দেশ থেকে বের করে এনেছিলেন।’
इसलिये यह देखना, ऐसे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब वे ऐसा कहना छोड़ देंगे, ‘जीवित याहवेह की शपथ, जिन्होंने इस्राएल वंशजों का मिस्र देश से निकास किया,’
8 পরিবর্তে তারা বলবে, ‘জীবন্ত সদাপ্রভুর দিব্যি, যিনি ইস্রায়েলের বংশকে উত্তর দেশে ও সেই সব দেশ, যেখানে তারা ছড়িয়ে পড়েছিল, সেখান থেকে নিয়ে এসেছেন। তাই তারা নিজেদের দেশে বাস করবে’।”
बल्कि वे यह कहने लगेंगे, ‘जीवित याहवेह की शपथ, जो इस्राएल के परिवार के वंशजों को उस देश से जो उत्तर में है तथा उन सभी देशों में से जहां मैंने उन्हें खदेड़ दिया था, निकास कर लौटा ले आया हूं.’ तब वे अपनी मातृभूमि पर निवास करने लगेंगे.”
9 ভাববাদীদের জন্য আমার মধ্যে আমার অন্তর ভেঙে গিয়েছে এবং আমার সমস্ত হাড় কাঁপছে। আমি মাতালের মত হয়েছি, তার মত যার আঙ্গুর রস বেশি খাওয়া হয়ে গিয়েছে, এর কারণ হল সদাপ্রভু ও তাঁর পবিত্র বাক্য।
भविष्यवक्ताओं के विषय में मैं यह कहूंगा: भीतर ही भीतर मेरा हृदय टूट चुका है; मेरी सारी अस्थियां थरथरा रही हैं. मेरी स्थिति मतवाले व्यक्ति के सदृश हो चुकी है, उस व्यक्ति के सदृश जो दाखमधु से अचंभित हो चुका है, इस स्थिति का कारण हैं याहवेह और उनके पवित्र वचन.
10 ১০ এই দেশ ব্যভিচারীতে ভরে গেছে। তার জন্য এই দেশ বিলাপ করে। মরুপ্রান্তের তৃণক্ষেত শুকিয়ে গেছে। এই ভাববাদীরা মন্দ পথে চলছে; তাদের ক্ষমতা সঠিক ভাবে ব্যবহার করছে না।
देश व्यभिचारियों से परिपूर्ण हो चुका है; शाप के कारण देश विलाप में डूबा हुआ है, निर्जन प्रदेश के चराई शुष्क हो चुके हैं. उनकी जीवनशैली संकटमय है तथा उनका बल का उपयोग अन्याय के कामों में होता है.
11 ১১ “ভাববাদী ও যাজকেরা উভয়েই অশুচি হয়েছে; আমার গৃহে আমি তাদের দুষ্টতা দেখেছি।” এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
“क्योंकि दोनों ही श्रद्धाहीन हैं, भविष्यद्वक्ता एवं पुरोहित; मेरे ही भवन में मैंने उनका अधर्म देखा है,” यह याहवेह की वाणी है.
12 ১২ সেইজন্য তাদের পথ অন্ধকারের মধ্যে পিচ্ছিল হবে। তাদের তাড়িয়ে দেওয়া হবে; সেখানে তারা পতিত হবে। কারণ আমি তাদের বিরুদ্ধে শাস্তির বছরে বিপদ পাঠাবো। এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
“इसलिये उनका मार्ग उनके लिए अंधकार में फिसलन सदृश हो जाएगा; वे अंधकार में धकेल दिए जाएंगे जहां उनका गिर जाना निश्चित है. क्योंकि मैं उन पर विपत्ति ले आऊंगा, जो उनके दंड का वर्ष होगा,” यह याहवेह की वाणी है.
13 ১৩ “শমরিয়ার ভাববাদীদের মধ্যে আমি জঘন্য ব্যাপার দেখেছি, তারা বাল দেবতার ভাববাণী করে এবং আমার প্রজা ইস্রায়েলীয়দের সঠিক পথ থেকে দূরে সরায়।
“मुझे शमरिया के भविष्यवक्ताओं में एक घृणास्पद संस्कार दिखाई दिया है: उन्होंने बाल से उत्प्रेरित हो भविष्यवाणी की है तथा मेरी प्रजा इस्राएल को रास्ते से भटका दिया है.
14 ১৪ যিরূশালেমের ভাববাদীদের মধ্যে ভয়ঙ্কর জিনিস দেখেছি, তারা ব্যভিচার করে এবং মিথ্যার পথে হাঁটে। তারা অন্যায়কারীদের হাত শক্ত করে! কেউ তার দুষ্টতা থেকে ফেরে না। তারা সবাই আমার কাছে সদোমের মত, যিরূশালেমের অধিবাসীরা ঘমোরার মত।”
इसके सिवाय येरूशलेम के भविष्यवक्ताओं में भी मैंने एक भयानक बात देखी है: मेरे प्रति उनके संबंध में वैसा ही विश्वासघात हुआ है जैसा दाम्पत्य में व्यभिचार से होता है. वे बुराइयों के हाथों को सशक्त करने में लगे हुए हैं, परिणामस्वरूप कोई भी बुराई का परित्याग नहीं कर रहा. मेरी दृष्टि में वे सभी सोदोमवासियों सदृश हो चुके हैं; वहां के निवासी अमोराह सदृश हो गए हैं.”
15 ১৫ সেইজন্য বাহিনীগণের সদাপ্রভু ভাববাদীদের সম্বন্ধে এই কথা বলেন, “দেখ, আমি তাদের তেতো খাবার খাওয়াব ও বিষাক্ত জল পান করাব, কারণ যিরূশালেমের ভাববাদীদের কাছ থেকে অশুচিতা সমস্ত দেশে ছড়িয়ে গেছে।”
इसलिये भविष्यवक्ताओं के संबंध में याहवेह की वाणी है: “यह देख लेना कि मैं उन्हें नागदौन खिलाऊंगा तथा उन्हें पेय स्वरूप विष से भरा जल पिलाऊंगा, क्योंकि येरूशलेम के भविष्यवक्ताओं से ही श्रद्धाहीनता संपूर्ण देश में व्याप्‍त हो गई है.”
16 ১৬ বাহিনীগণের সদাপ্রভু এই কথা বলেন, “যে ভাববাদীরা তোমাদের কাছে ভাববাণী করে তোমরা তাদের কথা শোন না। তারা তোমাদের প্রতারিত করে! তারা সদাপ্রভুর মুখ থেকে না, নিজেদের মন থেকে দর্শনের কথা বলে।
यह सेनाओं के याहवेह का आदेश है: “मत सुनो भविष्यवक्ताओं के वचन जो तुम्हारे लिए भविष्यवाणी कर रहे हैं; वे तुम्हें व्यर्थ की ओर ले जा रहे है. वे अपनी ही कल्पना के दर्शन का उल्लेख करते हैं, न कि याहवेह के मुख से उद्‍भूत संदेश को.
17 ১৭ তারা সর্বদা তাদের কাছে এই কথা বলে, যারা আমাকে অসম্মান করে, ‘সদাপ্রভু ঘোষণা করেন, তোমাদের শান্তি হবে।’ যারা নিজেদের হৃদয়ের একগুঁয়েমিতে চলে, তারা বলে, ‘তোমাদের উপর বিপদ আসবে না।’
जिन्हें मुझसे घृणा है वे यह आश्वासन देते रहते हैं, ‘याहवेह ने यह कहा है: तुम्हारे मध्य शांति व्याप्‍त रहेगी.’ तब तुम सभी के विषय में जो अपने हृदय के हठ में आचरण करते हो, मुझे यह कहना है: वे कहते तो हैं, ‘तुम पर विपत्ति के आने की कोई संभावना ही नहीं हैं.’
18 ১৮ তাদের মধ্যে কে সদাপ্রভুর সভায় দাঁড়িয়েছে? কে দেখে ও তাঁর বাক্য শোনে? কে তাঁর বাক্যে মনোযোগ দেয় ও শোনে?
कौन याहवेह की संसद में उपस्थित हुआ है, कि याहवेह को देखे तथा उनका स्वर सुने?
19 ১৯ দেখ, সদাপ্রভুর থেকে ঝড় আসছে! তাঁর ক্রোধ ছুটে যাচ্ছে এবং প্রচণ্ড ঘূর্ণি ঝড় বার হচ্ছে। দুষ্টদের মাথার উপরে এটা ঘুরছে।
ध्यान दो, कि याहवेह का प्रकोप आंधी सदृश प्रभावी हो चुका है, हां, बवंडर सदृश यह दुष्टों के सिरों पर भंवर सदृश उतर पड़ेगा.
20 ২০ যতক্ষণ না এটা সম্পূর্ণ হয় এবং তাঁর অন্তরের উদ্দেশ্য সফল না হয় সদাপ্রভুর রোষ ফিরে যাবে না। শেষ দিনের, তোমরা তা বুঝতে পারবে।
याहवेह के कोप का बुझना उस समय तक नहीं होता जब तक वह अपने हृदय की बातें कार्यान्वयन की निष्पत्ति नहीं कर लेते. भावी अंतिम दिनों में तुम यह स्पष्ट समझ लोगे.
21 ২১ এই ভাববাদীদের আমি পাঠাই নি। তারা নিজেরাই প্রকাশিত হয়েছে। আমি তাদের কোন কথা ঘোষণা করিনি, কিন্তু তবুও তারা ভাববাণী করেছে।
जब मैंने इन भविष्यवक्ताओं को भेजा ही नहीं था, वे दौड़ पड़े थे; उनसे तो मैंने बात ही नहीं की थी, किंतु वे भविष्यवाणी करने लगे.
22 ২২ কারণ যদি তারা আমার সভায় দাঁড়াত, তাহলে আমার প্রজাদের কাছে তারা আমার বাক্যই শোনাত; তারা তাদের মন্দ পথ ও মন্দ কাজ থেকে ফেরাত।
यदि वे मेरी संसद में उपस्थित हुए होते, तो वे निश्चयतः मेरी प्रजा के समक्ष मेरा संदेश भेजा करते, वे मेरी प्रजा को कुमार्ग से लौटा ले आते और वे अपने दुराचरण का परित्याग कर देते.
23 ২৩ আমি কি শুধু কাছের ঈশ্বর, দূরের ঈশ্বর কি নই? এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
“क्या मैं परमेश्वर तब होता हूं, जब मैं तुम्हारे निकट हूं?” यह याहवेह की वाणी है, “क्या मैं तब परमेश्वर नहीं हूं, जब मैं तुमसे दूर होता हूं?
24 ২৪ কেউ কি এমন গোপন জায়গায় লুকাতে পারে যেখানে আমি তাকে দেখতে পাব না?” এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা। “আমি কি স্বর্গ ও পৃথিবীর সব জায়গায় থাকি না?” এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
क्या कोई व्यक्ति स्वयं को किसी छिपने के स्थान पर ऐसे छिपा सकता है, कि मैं उसे देख न सकूं?” यह याहवेह का प्रश्न है. “क्या आकाश और पृथ्वी मुझसे पूर्ण नहीं हैं?” यह याहवेह का प्रश्न है.
25 ২৫ “যে ভাববাদীরা আমার নাম নিয়ে মিথ্যা ভাববাণী করছে আমি তা শুনেছি। তারা বলেছে, ‘আমি একটি স্বপ্ন দেখেছি! আমি একটি স্বপ্ন দেখেছি’।
“मैंने वह सुन लिया है जो झूठे भविष्यवक्ताओं ने मेरा नाम लेकर इस प्रकार भविष्यवाणी करते हैं: ‘मुझे एक स्वप्न आया था! सुना तुमने, मुझे एक स्वप्न आया था!’
26 ২৬ এটা আর কত দিন চলবে, ভাববাদীরা নিজের অন্তরের মিথ্যা দিয়ে ভাববাণী বলবে?
और कब तक? क्या उन भविष्यवक्ताओं के हृदय में जो झूठी भविष्यवाणी करते रहते हैं, कुछ सार्थक है, हां, वे भविष्यद्वक्ता जो अपने ही हृदय के भ्रम की भविष्यवाणी करते रहते हैं.
27 ২৭ তারা পরিকল্পনা করছে, যেমন তাদের পূর্বপুরুষেরা বাল দেবতার জন্য আমার নাম ভুলে গিয়েছিল, তেমন তারা তাদের প্রতিবেশীদের কাছে স্বপ্নের কথা বলে আমার প্রজাদের আমার নাম ভুলিয়ে দেবে।
जिनका एकमात्र लक्ष्य होता है उनके उन स्वप्नों के द्वारा, जिनका उल्लेख वे परस्पर करते रहते हैं, मेरी प्रजा मेरा नाम ही भूलना पसंद कर दे, ठीक जिस प्रकार बाल के कारण उनके पूर्वजों ने मेरा नाम भूलना पसंद कर रखा था.
28 ২৮ যে ভাববাদী স্বপ্ন দেখেছে, সে তার স্বপ্নের বিবরণ দিক। কিন্তু যাকে আমি কিছু বলেছি, সে বিশ্বস্তভাবে আমার বাক্য বলুক। দানাশস্যের কাছে খড় কি?” এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
जिस भविष्यद्वक्ता ने स्वप्न देखा है वह अपने स्वप्न का उल्लेख करता रहे, किंतु जिस किसी को मेरा संदेश सौंपा गया है वह पूर्ण निष्ठा से मेरा संदेश प्रगट करे. भला भूसी तथा अन्‍न में कोई साम्य होता है?” यह याहवेह की वाणी है.
29 ২৯ “আমার বাক্য কি আগুনের মত নয়? এবং হাতুড়ী দিয়ে শিলা টুকরো করার মত কি নয়?” এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
“क्या मेरा संदेश अग्नि-सदृश नहीं?” यह याहवेह का प्रश्न है, “और क्या एक हथौड़े सदृश नहीं जो चट्टान को चूर्ण कर देता है?
30 ৩০ তাই দেখ, আমি সেই ভাববাদীদের বিরুদ্ধে, যে কেউ অন্যদের কাছ থেকে বাক্য চুরি করে এবং বলে সেটা আমার কাছ থেকে এসেছে, এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
“इसलिये यह समझ लो, मैं उन भविष्यवक्ताओं से रुष्ट हूं,” यह याहवेह की वाणी है, “जो एक दूसरे से मेरा संदेश छीनते रहते हैं.
31 ৩১ দেখ, আমি সেই ভাববাদীদের বিরুদ্ধে, যারা ভাববাণী ঘোষণা করতে নিজেদের জিভ ব্যবহার করে, এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
यह समझ लो, मैं उन भविष्यवक्ताओं से रुष्ट हूं,” यह याहवेह की वाणी है, “जो अपनी जीभ का प्रयोग कर यह वाणी कहते हैं, ‘यह प्रभु की वाणी है.’
32 ৩২ দেখ, আমি সেই ভাববাদীদের বিরুদ্ধে যারা মিথ্যা স্বপ্ন দেখে “এবং তারপরে তাদের প্রচার করে ও আমার প্রজাদের তাদের মিথ্যা ও অহঙ্কার দিয়ে বিপথে চালায়, এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা। আমি তাদের বিরুদ্ধে, কারণ আমি তাদের পাঠাই নি, বা আদেশও দিইনি। নিশ্চিত যে, তারা এই লোকদের কোনো সাহায্য করতে পারবে না।” এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
यह समझ लो, मैं उन सभी से रुष्ट हूं जिन्होंने झूठे स्वप्नों को भविष्यवाणी का स्वरूप दे दिया है,” यह याहवेह की वाणी है. “तथा इन स्वप्नों को मेरी प्रजा के समक्ष प्रस्तुत करके अपने लापरवाह झूठों तथा दुस्साहसमय गर्वोक्ति द्वारा उन्हें भरमाते है. मैंने न तो उन्हें कोई आदेश दिया है और न ही उन्हें भेजा है. मेरी प्रजा को इनसे थोड़ा भी लाभ नहीं हुआ है,” यह याहवेह की वाणी है.
33 ৩৩ “যখন এই লোকেরা বা একজন ভাববাদী বা একজন যাজক তোমাকে জিজ্ঞাসা করবে, ‘সদাপ্রভুর ঘোষণা কি?’ তখন তুমি অবশ্যই তাদের বলবে, ‘কি ঘোষণা? কারণ আমি তোমাদের ত্যাগ করেছি।’ এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
“अब यदि ऐसी स्थिति आए, जब जनसाधारण अथवा भविष्यद्वक्ता अथवा पुरोहित तुमसे यह प्रश्न करें, ‘क्या है याहवेह का प्रकाशन?’ तब तुम्हें उन्हें उत्तर देना होगा, ‘कौन सा प्रकाशन?’ याहवेह की वाणी है, मैं तुम्हारा परित्याग कर दूंगा.
34 ৩৪ আর কোন ভাববাদী, যাজক এবং লোকেরা বলে, ‘এটাই সদাপ্রভুর ঘোষণা,’ তবে আমি সেই লোক ও তার পরিবারকে শাস্তি দেব।
तब उस भविष्यद्वक्ता अथवा पुरोहित अथवा उन लोगों के विषय में जो यह कहते हैं, ‘याहवेह का सारगर्भित प्रकाशन,’ उस पर मेरी ओर से दंड प्रभावी हो जाएगा उस पर तथा उसके परिवार पर.
35 ৩৫ তোমরা, প্রত্যেকে তার প্রতিবেশীকে এবং প্রত্যেকে তার ভাইকে অবশ্যই এই কথা বল, ‘সদাপ্রভু কি উত্তর দিয়েছেন?’ এবং ‘সদাপ্রভু কি বলেছেন?’
तुममें से हर एक अपने-अपने पड़ोसी एवं अपने बंधु से यह पूछेगा: ‘क्या था याहवेह का प्रत्युत्तर?’ अथवा, ‘क्या प्रकट किया है याहवेह ने?’ या
36 ৩৬ কিন্তু তোমরা সদাপ্রভুর ঘোষণা সম্মন্ধে আর কথা বোলো না, কারণ প্রত্যেক লোকের ঘোষণা তাদের নিজেদের বাক্যে পরিণত হয়েছে এবং তোমরা জীবন্ত ঈশ্বর, বাহিনীগণের সদাপ্রভুর বাক্য বিকৃত করেছ, বাহিনীগণের সদাপ্রভু, আমাদের ঈশ্বর।
‘क्योंकि याहवेह का प्रकाशन तुम्हें स्मरण न रह जाएगा,’ क्योंकि हर एक व्यक्ति के अपने ही वचन प्रकाशन हो जाएंगे. तुमने जीवन्त परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह हमारे परमेश्वर के संदेश को तोड़ मरोड़ दिया है.
37 ৩৭ তোমরা ভাববাদীদের এই কথা অবশ্যই বল, ‘সদাপ্রভু তোমাকে কি উত্তর দিয়েছেন? সদাপ্রভু কি বলেছেন?’
उस भविष्यद्वक्ता से तुम यह प्रश्न करोगे: ‘क्या उत्तर दिया है याहवेह ने तुम्हें?’ तथा ‘याहवेह ने क्या कहा है?’
38 ৩৮ যদি তুমি সদাপ্রভুর কাছ থেকে ঘোষণা প্রকাশ করতে চাও, সদাপ্রভু এই কথা বলেন, ‘সদাপ্রভুর ঘোষণা, তোমার এই কথা বলার কারণে, যখন আমি তোমাকে একটি আদেশ পাঠাই এবং বলি, এটি বোল না যে, এটি সদাপ্রভুর কাছ থেকে একটি ঘোষণা,’
क्योंकि यदि तुम कहोगे, ‘याहवेह का वह प्रकाशन,’ निश्चयतः यह याहवेह की बात है: इसलिये कि तुमने इस प्रकार कहा है, ‘याहवेह का वह प्रकाशन,’ मैंने भी तुम्हें यह संदेश भेजा है तुम यह नहीं कहोगे, ‘यह याहवेह का वह प्रकाशन है.’
39 ৩৯ তাহলে দেখ, আমি তোমাকে তুলব এবং সেই শহরের সঙ্গে, যেটি আমি তোমাদের ও তোমাদের পূর্বপুরুষদের দিয়েছিলাম, আমার কাছ থেকে দূর করে দেব।
इसलिये ध्यान से सुनो, मैं निश्चयतः तुम्हें भूलना पसंद करके तुम्हें अपनी उपस्थिति से दूर कर दूंगा, इस नगर को भी जो मैंने तुम्हें एवं तुम्हारे पूर्वजों को प्रदान किया था.
40 ৪০ তখন আমি তোমাদের উপরে চিরস্থায়ী লজ্জা ও অপমান দেব, যা কখনও কেউ ভুলবে না।”
मैं तुम्हारे साथ ऐसी चिरस्थायी लज्जा, ऐसी चिरस्थायी निंदा सम्बद्ध कर दूंगा जो अविस्मरणीय हो जाएगी.”

< যিরমিয়ের বই 23 >