< যিরমিয়ের বই 12 >

1 তুমি ধার্মিক, হে সদাপ্রভু, আমি যখনই তোমার কাছে বিবাদ নিয়ে যাই। আমি অবশ্যই আমার অভিযোগের কারণ তোমাকে বলব, “দুষ্টদের পথ কেন সফল হয়? সমস্ত অবিশ্বস্ত লোকেরাই সফল হয়।
याहवेह, जब भी मैं आपके समक्ष अपना मुकदमा प्रस्तुत करता हूं, आप सदैव ही युक्त प्रमाणित होते हैं. निःसंदेह मैं आपके ही साथ न्याय संबंधी विषयों पर विचार-विमर्श करूंगा: क्यों बुराइयों का जीवन समृद्ध होता गया है? क्यों वे सब जो विश्वासघात के व्यापार में लिप्‍त हैं निश्चिंत जीवन जी रहे हैं?
2 তুমিই তাদের রোপণ করেছ এবং তারা শিকড় বসিয়েছে। তারা বেড়ে উঠে ফল দেয়। তুমি শুধু তাদের মুখের কাছেই থাক, কিন্তু তাদের হৃদয় থেকে অনেক দূরে।”
आपने उन्हें रोपित किया है, अब तो उन्होंने जड़ भी पकड़ ली है; वे विकास कर रहे हैं और अब तो वे फल भी उत्पन्‍न कर रहे हैं. उनके होंठों पर तो आपका नाम बना रहता है किंतु अपने मन से उन्होंने आपको दूर ही दूर रखा है.
3 হে সদাপ্রভু, তুমি নিজে আমাকে জান। তুমি আমাকে দেখেছ এবং আমার অন্তর পরীক্ষা করেছ। ভেড়ার মত হত্যা করার জন্য তাদের টেনে নিয়ে যাও। হত্যার দিনের জন্য তাদের আলাদা করে রাখ।
किंतु याहवेह, आप मुझे जानते हैं; मैं आपकी दृष्टि में बना रहता हूं; आप मेरे हृदय की परीक्षा करते रहते हैं. उन्हें इस प्रकार खींचकर अलग कर लीजिए, जिस प्रकार वध के लिए भेड़ें अलग की जाती हैं! उन्हें नरसंहार के दिन के लिए तैयार कर लीजिए!
4 আর কত দিন দেশ শোক করবে এবং দেশবাসীর দুষ্টতার জন্য মাঠের ঘাস শুকনো হয়ে থাকবে? পশু ও পাখীরা সব ধ্বংস হয়ে গেছে। সেই লোকেরা বলে, “আমাদের সাথে কি হবে ঈশ্বর তা জানেন না।”
हमारा देश और कितने दिन विलाप करता रहेगा तथा कब तक मैदान में घास मुरझाती रहेगी? क्योंकि देशवासियों की बुराई के कारण, पशु-पक्षी सहसा वहां से हटा दिए गए हैं. क्योंकि, वे मनुष्य अपने मन में विचार कर रहे हैं, “परमेश्वर को हमारे द्वारा किए गए कार्यों का परिणाम दिखाई न देगा.”
5 যিরমিয়, যদি তুমি, পদাতিক সৈন্যদের সঙ্গে দৌড়াও এবং তারা তোমাকে ক্লান্ত করে ফেলে, তবে তুমি ঘোড়াদের সঙ্গে দৌড়ে কি করে শেষ করবে? যদি তুমি উন্মুক্ত ও সুরক্ষিত দেশে পতিত হও, তাহলে যর্দ্দনের ঘন ঝোপঝাড়ে তুমি কি করবে?
“यदि तुम धावकों के साथ दौड़ रहे थे और तुम इससे थक चुके हो, तो तुम घोड़ों से स्पर्धा कैसे कर सकोगे? यदि तुम अनुकूल क्षेत्र में ही लड़खड़ा गए तो, यरदन क्षेत्र के बंजर भूमि में तुम्हारा क्या होगा?
6 কারণ তোমার ভাইয়েরা ও তোমার বাবার বংশ তোমার সাথে বিশ্বাসঘাতকতা করেছে এবং চিত্কার করে তোমার নিন্দা করে। এমনকি যদি তারা তোমার বিষয় ভাল কথা বলে, তাদের উপর বিশ্বাস করো না।
क्योंकि यहां तक कि तुम्हारे भाई-बंधुओं तथा तुम्हारे पिता के ही परिवार ने— तुम्हारे साथ विश्वासघात किया है; वे चिल्ला-चिल्लाकर तुम्हारा विरोध कर रहे हैं. यदि वे तुमसे तुम्हारे विषय में अनुकूल शब्द भी कहें, फिर भी उनका विश्वास न करना.
7 “আমি আমার বাড়ি ত্যাগ করেছি; আমার সম্পত্তি ত্যাগ করেছি। আমি আমার প্রিয় লোকেদের তার শত্রুদের হাতে তুলে দিয়েছি।
“मैंने अपने परिवार का परित्याग कर दिया है, मैंने अपनी इस निज भाग को भी छोड़ दिया है; मैंने अपनी प्राणप्रिया को उसके शत्रुओं के हाथों में सौंप दिया है.
8 আমার সম্পত্তি আমার কাছে জঙ্গলের সিংহের মত হয়েছে। সে আমার বিরুদ্ধে গর্জন করে, তাই আমি তাকে ঘৃণা করি।
मेरे लिए तो अब मेरा यह निज भाग वन के सिंह सदृश हो गया है. उसने मुझ पर गर्जना की है; इसलिये अब मुझे उससे घृणा हो गई है.
9 আমার সম্পত্তি হায়নার মত, যাকে অন্যান্য শিকারী পাখীরা ঘিরে ধরে। যাও, সমস্ত বুনো পশুদের জড়ো কর এবং তাদের খাওয়ার জন্য নিয়ে এস।
क्या मेरे लिए यह निज भाग चित्तिवाले शिकारी पक्षी सदृश है? क्या वह चारों ओर से शिकारी पक्षी से घिर चुकी है? जाओ, मैदान के सारे पशुओं को एकत्र करो; कि वे आकर इन्हें निगल कर जाएं.
10 ১০ অনেক পালক আমার আঙ্গুর ক্ষেত নষ্ট করেছে। আমার ভূমির অংশ তারা পায়ের নিচে মাড়িয়েছে; আমার সুন্দর ভূমিকে তারা জনশূন্য মরুভূমি করে ফেলেছে।
अनेक हैं वे चरवाहे जिन्होंने मेरा द्राक्षाउद्यान नष्ट कर दिया है, उन्होंने मेरे अंश को रौंद डाला है; जिन्होंने मेरे मनोहर खेत को निर्जन एवं उजाड़ कर छोड़ा है.
11 ১১ তারা তাকে নির্জন করেছে। আমি তার জন্য শোক করি; সে জনশূন্য। সম্পূর্ণ দেশটা নির্জন হয়ে গেছে, কারণ কেউ তার দিকে মনোযোগ দেয় না।
इसे उजाड़ बना दिया गया है, अपनी उजाड़ स्थिति में देश मेरे समक्ष विलाप कर रहा है; सारा देश ही ध्वस्त किया जा चुका है; क्योंकि किसी को इसकी हितचिंता ही नहीं है.
12 ১২ মরুপ্রান্তে সমস্ত ফাঁকা জায়গার বিরুদ্ধে ধ্বংসকারীরা এসেছে, কারণ সদাপ্রভুর তরোয়াল দেশের এক সীমানা থেকে অন্য সীমানা পর্যন্ত গ্রাস করছে; সেখানে কোন প্রাণী নিরাপদে নেই।
निर्जन प्रदेश में वनस्पतिहीन पहाड़ियों पर विनाशक सेना आ पहुंची है, क्योंकि देश के एक ओर से दूसरी ओर तक याहवेह की घातक तलवार तैयार हो चुकी है; इस तलवार से सुरक्षित कोई भी नहीं है.
13 ১৩ তারা গম বুনেছে, কিন্তু কাঁটাঝোপ কেটেছে। তারা কাজ করে ক্লান্ত, কিন্তু কিছুই লাভ হয়নি। সদাপ্রভুর রাগের জন্য তোমরা তাদের লাভে লজ্জিত হও।”
उन्होंने रोपण तो किया गेहूं को किंतु उपज काटी कांटों की; उन्होंने परिश्रम तो किया किंतु लाभ कुछ भी अर्जित न हुआ. उपयुक्त है कि ऐसी उपज के लिए तुम लज्जित होओ क्योंकि इसके पीछे याहवेह का प्रचंड कोप क्रियाशील है.”
14 ১৪ সদাপ্রভু আমার দুষ্ট প্রতিবেশীদের বিরুদ্ধে এই কথা বলেন, “আমি আমার প্রজা ইস্রায়েলকে যার উত্তরাধিকারী করেছি; সেই অধিকারে তারা আঘাত করে, দেখ, আমি তাদের দেশ থেকে তাদের উচ্ছেদ করব এবং তাদের মধ্যে থেকে যিহূদার লোকদের শাস্তি দেব।
अपने बुरे पड़ोसियों के विषय में जिन्होंने मेरी प्रजा इस्राएल के इस निज भाग पर आक्रमण किया है, याहवेह का यह कहना है: “यह देख लेना, मैं उन्हें उनके देश में से अलग करने पर हूं और उनके मध्य से मैं यहूदाह के वंश को अलग कर दूंगा.
15 ১৫ আর সেই জাতিদের উপড়ে ফেলবার পর, এটা ঘটবে যে আমি তাদের উপর করুণা করব এবং তাদের প্রত্যেককে তার নিজের অধিকারে ও নিজের দেশে ফিরিয়ে আনব।
और तब जब मैं उन्हें अलग कर दूंगा, मैं उन पर पुनः अपनी करुणा प्रदर्शित करूंगा; तब मैं उनमें से हर एक को उसके इस निज भाग में लौटा ले आऊंगा; हर एक को उसके देश में लौटा लाऊंगा.
16 ১৬ আর যদি সেই সমস্ত জাতির যত্ন করে আমার প্রজাদের পথে চলতে শেখে এবং যেমনভাবে আমার প্রজাদের বাল দেবতার নামে শপথ করতে শিখিয়েছিল, তেমনি যদি ‘জীবন্ত সদাপ্রভুর দিব্যি’ বলে আমার নামে শপথ করে, তবে তারা আমার প্রজাদের মধ্যে একত্রিত হবে।
तब यदि वे मेरी प्रजा की नीतियां सीख लेंगे और बाल के जीवन की शपथ कहने के स्थान पर कहेंगे, ‘जीवित याहवेह की शपथ,’ तब वे मेरी प्रजा के मध्य ही समृद्ध होते चले जाएंगे.
17 ১৭ কিন্তু যদি কেউ কথা না শোনে, তবে তাকে আমি সম্পূর্ণভাবে উপড়ে ফেলব। উপড়ে ফেলে ধ্বংস করব। এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।”
किंतु यदि वे मेरे आदेश की अवहेलना करेंगे, तब मैं उस राष्ट्र को अलग कर दूंगा; अलग कर उसे नष्ट कर दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.

< যিরমিয়ের বই 12 >