< হোশেয় ভাববাদীর বই 11 >

1 যখন ইস্রায়েল যুবক ছিল আমি তাকে ভালোবাসতাম এবং আমি আমার ছেলেকে মিশর থেকে ডেকে আনলাম।
जब इस्राईल अभी बच्चा ही था, मैने उससे मुहब्बत रख्खी, और अपने बेटे को मिस्र से बुलाया।
2 তাদের যত আমি ডাকছিলাম, ততই তারা দূরে যাচ্ছিল। তারা বাল দেবের কাছে বলি উত্সর্গ করছিল এবং প্রতিমার কাছে ধূপ জ্বালাচ্ছিল।
उन्होंने जिस क़द्र उनको बुलाया, उसी क़द्र वह दूर होते गए; उन्होंने बा'लीम के लिए कु़र्बानियाँ पेश कीं और तराशी हुई मूरतों के लिए ख़ुशबू जलाया।
3 তবুও এটা আমি যে ইফ্রয়িমকে হাঁটতে শিখিয়েছিলাম। এটা আমি যে তাদের হাত ধরে তুলেছিলাম, কিন্তু তারা জানে না যে আমি তাদের জন্য চিন্তা করি।
मैंने बनी इफ़्राईम को चलना सिखाया; मैंने उनको गोद में उठाया, लेकिन उन्होंने न जाना कि मैं ही ने उनको सेहत बख़्शी।
4 আমি তাদের মনুষত্বের দড়ি ও ভালবাসার বন্ধন দিয়েই পরিচালনা করতাম। আমি ছিলাম তাদের জন্য সেইজন যে তাদের কাঁধের যোঁয়াল হালকা করতাম এবং আমি নিজেকে তাদের কাছে নত করলাম এবং তাদের খাওয়াতাম।
मैंने उनको इंसानी रिश्तों और मुहब्बत की डोरियों से खींचा; मैं उनके हक़ में उनकी गर्दन पर से जूआ उतारने वालों की तरह हुआ, और मैंने उनके आगे खाना रख्खा।
5 তারা কি মিশর দেশে ফিরে যাবে না? অশূর কি তাদের ওপর রাজত্ব করবে না কারণ তারা আমার কাছে ফিরে আসতে অস্বীকার করছে?
वह फिर मुल्क — ए — मिस्र में न जाएँगे, बल्कि असूर उनका बादशाह होगा; क्यूँकि वह वापस आने से इन्कार करते हैं।
6 তাদের শহরগুলির ওপরে তরোয়াল পড়বে এবং তাদের দরজার খিল ধ্বংস করে দেবে; এটা তাদের ধ্বংস করবে তাদের নিজেদের পরিকল্পনার জন্য।
तलवार उनके शहरों पर आ पड़ेगी, और उनके अड़बंगों को खा जाएगी और ये उन ही की मश्वरत का नतीजा होगा।
7 আমার প্রজারা দৃঢ় প্রতিজ্ঞ আমার থেকে দূরে যাওয়ার জন্য। যদিও তারা তাদেরকে ডাকে আমার কাছে, আমি, যিনি উপরে আছি, কিন্তু কেউ তাকে উপরে তুলবে না।
क्यूँकि मेरे लोग मुझ से नाफ़रमानी पर आमादा हैं, बावुजूद ये कि उन्होंने उनको बुलाया कि हक़ ता'ला की तरफ़ रुजू' लाए; लेकिन किसी ने न चाहा कि उसकी इबादत करें।
8 ইফ্রয়িম, আমি কীভাবে তোমাকে ছেড়ে দেব? ইস্রায়েল, আমি কীভাবে তোমাকে অন্যদের কাছে সমর্পণ করব? আমি কীভাবে তোমায় অদমার মত করব? কীভাবে আমি তোমায় সবোয়িমের মত করব? আমার হৃদয় আমার মধ্যে পরিবর্তন হয়েছে; আমার সমস্ত করুণা আন্দোলিত হচ্ছে।
ऐ इफ़्राईम, मैं तुझ से क्यूँकर दस्तबरदार हो जाऊँ? ऐ इस्राईल, मैं तुझे क्यूँकर तर्क करूं? मैं क्यूँकर तुझे अदमा की तरह बनाऊ? और ज़िबू'ईम तरह बनाऊँ मेरा दिल मुझ में पेच खाता है; मेरी शफ़क़त मौजज़न है।
9 আমি আমার প্রচণ্ড রাগ প্রকাশ করব না; আমি আর ক্রোধে আসব না তোমার কাছে। কারণ আমি ঈশ্বর মানুষ নই; আমি সেই পবিত্র ঈশ্বর তোমাদের মধ্যে এবং আমি ভীষণ ক্রোধ নিয়ে আসব না।
मैं अपने क़हर की शिद्दत के मुताबिक़ 'अमल नहीं करूँगा, मैं हरगिज़ इफ़्राईम को हलाक न करूँगा; क्यूँकि मैं इंसान नहीं, ख़ुदा हूँ। तेरे बीच सुकूनत करने वाला कु़द्दूस, और मैं क़हर के साथ नहीं आऊँगा।
10 ১০ তারা আমার পিছনে হাঁটবে, সদাপ্রভু। আমি সিংহের মত গর্জ্জন করব। আমি প্রকৃতই গর্জ্জন করব এবং লোকেরা পশ্চিম দিক থেকে কাঁপতে কাঁপতে আসবে।
वह ख़ुदावन्द की पैरवी करेंगे, जो शेर — ए — बबर की तरह गरजेगा, क्यूँकि वह गरजेगा, और उसके फ़र्ज़न्द मग़रिब की तरफ़ से काँपते हुए आएँगे।
11 ১১ তারা কাঁপতে কাঁপতে পাখির মত মিশর দেশ থেকে আসবে, ঘুঘু পাখির মত অশূর দেশ থেকে আসবে। আমি তাদের ঘরে তাদের থাকতে দেব। এটি সদাপ্রভুর ঘোষণা।
वह मिस्र से परिन्दे की तरह, और असूर के मुल्क से कबूतर की तरह काँपते हुए आएँगे; और मैं उनको उनके घरों में बसाऊँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
12 ১২ ইফ্রয়িম মিথ্যায় এবং ইস্রায়েলের কুল প্রতারণায় আমায় ঘিরেছে। কিন্তু যিহূদা এখনও আমার সঙ্গে চলল, ঈশ্বরের সঙ্গে এবং সে আমার কাছে বিশ্বস্ত, সেই পবিত্র ঈশ্বরের কাছে।
इफ़्राईम ने दरोगगोई से और इस्राईल के घराने ने मक्कारी से मुझ को घेरा है, लेकिन यहूदाह अब तक ख़ुदा के साथ हाँ उस क़ुद्दूस वफ़ादार के साथ हुक्मरान हैं।

< হোশেয় ভাববাদীর বই 11 >