< গালাতীয় 3 >

1 হে নির্বোধ গালাতীয়েরা, কে তোমাদেরকে মুগ্ধ করল? তোমাদেরই চোখের সামনে যীশু খ্রীষ্ট ক্রুশারোপিত বলে বর্ণিত হয়নি?
ऐ नादान ग़लतियो, किसने तुम पर जादू कर दिया? तुम्हारी तो गोया आँखों के सामने ईसा मसीह सलीब पर दिखाया गया।
2 আমি শুধু এই কথা তোমাদের কাছে জানতে চাই, তোমরা কি ব্যবস্থার কাজের জন্য পবিত্র আত্মাকে পেয়েছ? না বিশ্বাসের সুসমাচার শ্রবণের জন্য?
मैं तुम से सिर्फ़ ये गुज़ारिश करना चाहता हूँ: कि तुम ने शरी'अत के आ'माल से पाक रूह को पाया या ईमान की ख़ुशख़बरी के पैग़ाम से?
3 তোমরা কি এতই নির্বোধ? পবিত্র আত্মাতে শুরু করে এখন কি মাংসে শেষ করবে?
क्या तुम ऐसे नादान हो कि पाक रूह के तौर पर शुरू करके अब जिस्म के तौर पर काम पूरा करना चाहते हो?
4 তোমরা এত দুঃখ কি বৃথাই ভোগ করেছ, যদি প্রকৃত পক্ষে বৃথা হয়ে থাকে?
क्या तुमने इतनी तकलीफ़ें बे फ़ाइदा उठाईं? मगर शायद बे फ़ाइदा नहीं।
5 অতএব, যিনি তোমাকে পবিত্র আত্মা জুগিয়ে দেন ও তোমাদের মধ্যে আশ্চর্য্য কাজ সম্পন্ন করেন, তিনি কি ব্যবস্থার কাজের জন্য তা করেন? না বিশ্বাসের সুসমাচার শ্রবণের জন্য?
पर जो तुम्हें पाक रूह बख़्शता और तुम में मोजिज़े ज़ाहिर करता है, क्या वो शरी'अत के आ'माल से ऐसा करता है या ईमान के ख़ुशख़बरी के पैग़ाम से?
6 যেমন অব্রাহাম, “ঈশ্বরে বিশ্বাস করলেন, আর সেটাই তাঁর পক্ষে ধার্ম্মিকতা বলে গণ্য হল।”
चुनाँचे “अब्रहाम ख़ुदा पर ईमान लाया और ये उसके लिए रास्तबाज़ी गिना गया।”
7 অতএব জেনো, যারা বিশ্বাস করে, তারাই অব্রাহামের সন্তান।
पस जान लो कि जो ईमानवाले हैं, वही अब्रहाम के फ़रज़न्द हैं।
8 আর বিশ্বাসের জন্য ঈশ্বর অইহূদিদেরকে ধার্মিক বলে চিহ্নিত করেন, শাস্ত্র এটা আগে দেখে অব্রাহামের কাছে আগেই সুসমাচার প্রচার করেছিল, যথা, “তোমার থেকে সমস্ত জাতি আশীর্বাদ পাবে।”
और किताब — ए — मुक़द्दस ने पहले से ये जान कर कि ख़ुदा ग़ैर क़ौमों को ईमान से रास्तबाज़ ठहराएगा, पहले से ही अब्रहाम को ये ख़ुशख़बरी सुना दी, “तेरे ज़रिए सब क़ौमें बर्क़त पाएँगी।”
9 অতএব যারা বিশ্বাস করে, তারা বিশ্বাসী অব্রাহামের সাথে আশীর্বাদ পায়।
इस पर जो ईमान वाले है, वो ईमानदार अब्रहाम के साथ बर्क़त पाते है।
10 ১০ বাস্তবিক যারা নিয়মের ক্রিয়া অনুযায়ী চলে, তারা সবাই অভিশাপের অধীন, কারণ লেখা আছে, “যে কেউ নিয়মগ্রন্থে লেখা সব কথা পালন করবার জন্য তাতে স্থির না থাকে, সে শাপগ্রস্ত।”
क्यूँकि जितने शरी'अत के आ'माल पर तकिया करते है, वो सब ला'नत के मातहत हैं; चुनाँचे लिखा है, “जो कोई उन सब बातों को जो किताब में से लिखी है; क़ाईम न रहे वो ला'नती है।”
11 ১১ কিন্তু মশির নিয়ম পালনের মাধ্যমে কেউই ঈশ্বরের সামনে ধার্মিক বলে চিহ্নিত হয় না, এটা সুস্পষ্ট, পবিত্র শাস্ত্রে লেখা আছে “কারণ ধার্মিক ব্যক্তি বিশ্বাসের জন্য বেঁচে থাকবে।”
और ये बात साफ़ है कि शरी'अत के वसीले से कोई इंसान ख़ुदा के नज़दीक रास्तबाज़ नहीं ठहरता, क्यूँकि कलाम में लिखा है, रास्तबाज़ ईमान से जीता रहेगा।
12 ১২ কিন্তু নিয়ম বিশ্বাসমূলক না, বরং “যে কেউ এই সকল পালন করে, সে তাতে বেঁচে থাকবে।”
और शरी'अत को ईमान से कुछ वास्ता नहीं, बल्कि लिखा है, “जिसने इन पर 'अमल किया, वो इनकी वजह से जीता रहेगा।”
13 ১৩ খ্রীষ্টই মূল্য দিয়ে আমাদেরকে নিয়মের অভিশাপ থেকে মুক্ত করেছেন, কারণ তিনি আমাদের জন্যে শাপস্বরূপ হলেন; যেমন পবিত্র শাস্ত্রে লেখা আছে, “যাকে ক্রুশে টাঙ্গান যায়, সে শাপগ্রস্ত।”
मसीह जो हमारे लिए ला'नती बना, उसने हमे मोल लेकर शरी'अत की ला'नत से छुड़ाया, क्यूँकि कलाम में लिखा है, “जो कोई लकड़ी पर लटकाया गया वो ला'नती है।”
14 ১৪ যেন অব্রাহামের পাওয়া আশীর্বাদ খ্রীষ্ট যীশুতে অইহূদিদের প্রতি আসে, আমরা যেন বিশ্বাসের মাধ্যমে প্রতিজ্ঞার আত্মাকে পাই।
ताकि मसीह ईसा में अब्रहाम की बर्क़त ग़ैर क़ौमों तक भी पहूँचे, और हम ईमान के वसीले से उस रूह को हासिल करें जिसका वा'दा हुआ है।
15 ১৫ হে ভাইয়েরা, আমি মানুষের মত বলছি। মানুষের নিয়মপত্র হলেও তা যখন প্রতিষ্ঠিত হয়, তখন কেউ তা বিফল করে না, কিংবা তাতে নতুন কথা যোগ করে না।
ऐ भाइयों! मैं इंसान ियत के तौर पर कहता हूँ कि अगर आदमी ही का 'अहद हो, जब उसकी तस्दीक़ हो गई हो तो कोई उसको बातिल नहीं करता और ना उस पर कुछ बढ़ाता है।
16 ১৬ ভাল, অব্রাহামের প্রতি ও তাঁর বংশের প্রতি প্রতিজ্ঞা সকল বলা হয়েছিল। তিনি বহুবচনে আর বংশ সবের প্রতি না বলে, একবচনে বলেন, “আর তোমার বংশের প্রতি,” সেই বংশ খ্রীষ্ট।
पस अब्रहाम और उसकी नस्ल से वा'दे किए गए। वो ये नहीं कहता, नस्लों से, जैसा बहुतों के वास्ते कहा जाता है: बल्कि जैसा एक के वास्ते, तेरी नस्ल को और वो मसीह है।
17 ১৭ এখন আমি এই বলি, যে চুক্তি ঈশ্বরের থেকে আগেই প্রতিষ্ঠিত হয়েছিল, চারশো ত্রিশ বছর পরে আসা নিয়ম সেই প্রতিজ্ঞাকে উঠিয়ে দিতে পারে না, যা প্রতিজ্ঞাকে বিফল করবে।
मेरा ये मतलब है: जिस 'अहद की ख़ुदा ने पहले से तस्दीक़ की थी, उसको शरी'अत चार सौ तीस बरस के बाद आकर बातिल नहीं कर सकती कि वो वा'दा लअहासिल हो।
18 ১৮ কারণ উত্তরাধিকার যদি নিয়মমূলক হয়, তবে আর প্রতিজ্ঞামূলক হতে পারে না; কিন্তু অব্রাহামকে ঈশ্বর প্রতিজ্ঞার মাধ্যমেই অনুগ্রহ করেছেন।
क्यूँकि अगर मीरास शरी'अत की वजह से मिली है तो वा'दे की वजह से ना हुई, मगर अब्रहाम को ख़ुदा ने वा'दे ही की राह से बख़्शी।
19 ১৯ তবে নিয়ম কি? অপরাধের কারণ তা যোগ করা হয়েছিল, যে পর্যন্ত না সেই বংশ আসে, যাঁর কাছে প্রতিজ্ঞা করা হয়েছিল এবং সেই আদেশ দূতদের মাধ্যমে একজন মধ্যস্থের হাতে বিধিবদ্ধ হল।
पस शरी'अत क्या रही? वो नाफ़रमानी की वजह से बाद में दी गई कि उस नस्ल के आने तक रहे, जिससे वा'दा किया गया था; और वो फ़रिश्तों के वसीले से एक दरमियानी की मा'रिफ़त मुक़र्रर की गई।
20 ২০ এখন এক মধ্যস্থকারী শুধু এক জনের মধ্যস্থ হয় না, কিন্তু ঈশ্বর এক।
अब दर्मियानी एक का नहीं होता, मगर ख़ुदा एक ही है।
21 ২১ তবে নিয়ম কি ঈশ্বরের প্রতিজ্ঞা কলাপের বিরুদ্ধে? একেবারেই না! ফলে যদি এমন নিয়ম দেওয়া হত, যা জীবন দান করতে পারে, তবে ধার্ম্মিকতা অবশ্য নিয়মমূলক হত।
पस क्या शरी'अत ख़ुदा के वा'दों के ख़िलाफ़ है? हरगिज़ नहीं! क्यूँकि अगर कोई एसी शरी'अत दी जाती जो ज़िन्दगी बख़्श सकती तो, अलबत्ता रास्तबाज़ी शरी'अत की वजह से होती।
22 ২২ কিন্তু পরিবর্তে, শাস্ত্রে সবই পাপের অধীনে আটক করেছে, যেন নতুন নিয়ম ফল, যীশু খ্রীষ্টে বিশ্বাসের জন্য, বিশ্বাসীদেরকে রক্ষা করা যায়।
मगर किताब — ए — मुक़द्दस ने सबको गुनाह के मातहत कर दिया, ताकि वो वा'दा जो ईसा मसीह पर ईमान लाने पर मौक़ूफ़ है, ईमानदारों के हक़ में पूरा किया जाए।
23 ২৩ কিন্তু খ্রীষ্টে বিশ্বাস আসবার আগে আমরা নিয়মের অধীনে বন্দী ছিলাম, যতক্ষণ না পর্যন্ত বিশ্বাস প্রকাশিত হয়।
ईमान के आने से पहले शरी'अत की मातहती में हमारी निगहबानी होती थी, और उस ईमान के आने तक जो ज़ाहिर होनेवाला था, हम उसी के पाबन्द रहे।
24 ২৪ সুতরাং তখন নিয়ম খ্রীষ্টের কাছে আনবার জন্য আমাদের পরিচালক হয়ে উঠল, যেন আমরা বিশ্বাসের জন্য ধার্মিক বলে চিহ্নিত হই।
पस शरी'अत मसीह तक पहूँचाने को हमारा उस्ताद बनी, ताकि हम ईमान की वजह से रास्तबाज़ ठहरें।
25 ২৫ কিন্তু যে অবধি বিশ্বাস আসল, সেই অবধি আমরা আর পরিচালকের অধীন নই।
मगर जब ईमान आ चुका, तो हम उस्ताद के मातहत ना रहे।
26 ২৬ কারণ তোমরা সবাই খ্রীষ্ট যীশুতে বিশ্বাসের মাধ্যমে ঈশ্বরের পুত্র হয়েছ;
क्यूँकि तुम उस ईमान के वसीले से जो मसीह ईसा में है, ख़ुदा के फ़र्ज़न्द हो।
27 ২৭ কারণ তোমরা যত লোক খ্রীষ্টের উদ্দেশ্যে বাপ্তিষ্ম নিয়েছ, সবাই খ্রীষ্টকে পরিধান করেছ।
और तुम सब, जितनों ने मसीह मैं शामिल होने का बपतिस्मा लिया मसीह को पहन लिया
28 ২৮ ইহূদি কি গ্রীক আর হতে পারে না, দাস কি স্বাধীন আর হতে পারে না, পুরুষ কি মহিলা আর হতে পারে না, কারণ খ্রীষ্ট যীশুতে তোমরা সবাই এক।
न कोई यहूदी रहा, न कोई यूनानी, न कोई ग़ुलाम, ना आज़ाद, न कोई मर्द, न औरत, क्यूँकि तुम सब मसीह 'ईसा में एक ही हो।
29 ২৯ আর তোমরা যদি খ্রীষ্টের হও, তবে সুতরাং অব্রাহামের বংশ, প্রতিজ্ঞানুসারে উত্তরাধিকারী।
और अगर तुम मसीह के हो तो अब्रहाम की नस्ल और वा'दे के मुताबिक़ वारिस हो।

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