< যাত্রাপুস্তক 25 >

1 পরে সদাপ্রভু মোশিকে বললেন,
और ख़ुदावन्द ने मूसा को फ़रमाया,
2 তুমি ইস্রায়েলদেরকে আমার জন্য উপহার সংগ্রহ করতে বল; হৃদয়ের ইচ্ছা থেকে যে নিবেদন করে, তার থেকে তোমরা আমার জন্য সেই উপহার গ্রহণ কোরো।
'बनी — इस्राईल से यह कहना कि मेरे लिए नज़्र लाएँ, और तुम उन्हीं से मेरी नज़्र लेना जो अपने दिल की ख़ुशी से दें।
3 এই সব উপহার তাদের থেকে গ্রহণ করবে; সোনা, রূপা, ব্রোঞ্জ; নীল,
और जिन चीज़ों की नज़्र तुम को उनसे लेनी हैं वह यह हैं: सोना और चाँदी और पीतल,
4 বেগুনে ও লাল এবং সাদা মসীনা সূত্র ও ছাগলের লোম
और आसमानी और अर्ग़वानी और सुर्ख़ रंग का कपड़ा और बारीक कतान और बकरी की पश्म,
5 ও রক্তের রঙের ভেড়ার চামড়া, শুশুকের চামড়া ও শিটীম কাঠ;
और मेंढों की सुर्ख़ रंगी हुई खालें और तुख़स की खालें और कीकर की लकड़ी,
6 দীপের জন্য তেল এবং অভিষেকের জন্য তেলের ও সুগন্ধ ধূপের জন্য গন্ধদ্রব্য;
और चराग़ के लिए तेल और मसह करने के तेल के लिए और ख़ुशबूदार ख़ुशबू के लिए मसाल्हे,
7 এবং এফোদের ও বুকপাটার জন্য গোমেদ মণি এবং প্রভৃতি মূল্যবান পাথর লাগানো হবে।
और संग-ए-सुलेमानी और अफ़ोद और सीनाबन्द में जड़ने के नगीने।
8 আর তারা আমার জন্য এক ধর্ম্মধাম তৈরী করুক, তাতে আমি তাদের মধ্যে বাস করব।
और वह मेरे लिए एक मक़दिस बनाएँ ताकि मैं उनके बीच सुकूनत करूँ।
9 আবাসের ও তার সব জিনিসের যে আদর্শ আমি তোমাকে দেখাই, সেই অনুসারে তোমরা সবই করবে।
और घर और उसके सारे सामान का जो नमूना मैं तुझे दिखाऊँ ठीक उसी के मुताबिक़ तुम उसे बनाना।
10 ১০ তারা শিটীম কাঠের এক সিন্দুক তৈরী করবে; তা আড়াই হাত দৈর্ঘ্য, দেড় হাত প্রস্থ ও দেড় হাত উঁচু হবে।
'और वह कीकर की लकड़ी का एक सन्दूक़ बनाये जिस की लम्बाई ढाई हाथ और चौड़ाई डेढ़ हाथ और ऊँचाई डेढ़ हाथ हो।
11 ১১ পরে তুমি খাঁটি সোনা দিয়ে তা মুড়ে দেবে; তার ভিতর ও বাইরে সোনা দিয়ে মুড়বে এবং তার উপরে চারদিকে সোনার পাত দিয়ে কিনারা গড়ে দেবে।
और तू उसके अन्दर और बाहर ख़ालिस सोना मंढ़ना और उसके ऊपर चारों तरफ़ एक ज़रीन ताज बनाना।
12 ১২ আর তার জন্য সোনার চারটি কড়া ছাঁচে ঢেলে তার চার পায়াতে লাগাবে; তার এক পাশে দুটি কড়া ও অন্য পাশে দুই কড়া থাকবে।
और उसके लिए सोने के चार कड़े ढालकर उसके चारों पायों में लगाना, दो कड़े एक तरफ़ हों और दो ही दूसरी तरफ़।
13 ১৩ আর তুমি শিটীম কাঠের দুটি বহন দণ্ড করে সোনা দিয়ে মুড়বে।
और कीकर की लकड़ी की चोबें बना कर उन पर सोना मंढ़ना।
14 ১৪ আর সিন্দুক বয়ে নিয়ে যাবার জন্য ঐ বহন দণ্ড সিন্দুকের দুই পাশে কড়াতে লাগবে।
और इन चोबों को सन्दूक़ के पास के कड़ों में डालना कि उनके सहारे सन्दूक उठ जाए।
15 ১৫ সেই বহন দণ্ড সিন্দুকের কড়াতে থাকবে, তা থেকে বের করা হবে না।
चोबें सन्दूक के कड़ों के अन्दर लगी रहें और उससे अलग न की जाएँ।
16 ১৬ আর আমি তোমাকে যে সাক্ষ্যপত্র দেব, তা ঐ সিন্দুকে রাখবে।
और तू उस शहादत नामे को जो मैं तुझे दूँगा उसी सन्दूक में रखना।
17 ১৭ পরে তুমি খাঁটি সোনা দিয়ে আড়াই হাত দৈর্ঘ্য ও দেড় হাত প্রস্থ পাপাবরণ তৈরী করবে।
“और तू कफ़्फ़ारे का सरपोश ख़ालिस सोने का बनाना जिसकी लम्बाई ढाई हाथ और चौड़ाई डेढ़ हाथ हो।
18 ১৮ আর তুমি সোনার দুটি করূব তৈরী করবে; পাপাবরণের দুটি মুড়াতে পিটান কাজ দিয়ে তাদের তৈরী করবে।
और सोने के दो करूबी सरपोश के दोनों सिरों पर गढ़ कर बनाना।
19 ১৯ এক মুড়াতে একটি করূব ও অন্য মুড়াতে অন্য করূব, পাপাবরণের দুটি মুড়াতে তার সঙ্গে অখণ্ড দুই করূব করবে।
एक करूबी को एक सिरे पर और दूसरे करूबी को दूसरे सिरे पर लगाना, और तुम सरपोश को और दोनों सिरों के करूबियों को एक ही टुकड़े से बनाना।
20 ২০ আর সেই দুটি করূব উর্ধে পাখনা বিস্তার করে ঐ পাখনা দিয়ে পাপাবরণকে আচ্ছাদন করবে এবং তাদের মুখ একে অপরের দিকে থাকবে, করূবদের দৃষ্টি পাপাবরণের দিকে থাকবে।
और वह करूबी इस तरह ऊपर को अपने पर फैलाए हुए हों कि सरपोश को अपने परों से ढाँक लें और उनके मुँह आमने — सामने सरपोश की तरफ़ हों।
21 ২১ তুমি অবশ্যই এই পাপাবরণ সেই সিন্দুকের উপরে রাখবে এবং আমি যে সাক্ষ্যপত্র তোমাকে দেব তা তুমি অবশ্যই ঐ সিন্দুকের মধ্যে রাখবে।
और तू उस सरपोश को उस सन्दूक के ऊपर लगाना और वह 'अहदनामा जो मैं तुझे दूँगा उसे उस सन्दूक के अन्दर रखना।
22 ২২ আর আমি সেই জায়গায় তোমার সঙ্গে দেখা করব এবং পাপাবরণের উপরের অংশ থেকে, সাক্ষ্য সিন্দুকের উপরে স্থিত দুই করূবের মধ্য থেকে তোমার সঙ্গে কথা বলে ইস্রায়েল সন্তানদের প্রতি আমার সব আজ্ঞা তোমাকে জানাব।
वहाँ मैं तुझ से मिला करूँगा और उस सरपोश के ऊपर से और करूबियों के बीच में से जो 'अहदनामे के सन्दूक़ के ऊपर होंगे, उन सब अहकाम के बारे में जो मैं बनी — इस्राईल के लिए तुझे दूँगा तुझ से बातचीत किया करूँगा।
23 ২৩ আর তুমি শিটীম কাঠের এক মেজ তৈরী করবে; তা দুই হাত লম্বা, এক হাত প্রস্থ ও দেড় হাত উঁচু হবে।
“और तू दो हाथ लम्बी और एक हाथ चौड़ी और डेढ़ हाथ ऊँची कीकर की लकड़ी की एक मेज़ भी बनाना।
24 ২৪ আর খাঁটি সোনায় তা মুড়ে দেবে এবং তার চারদিকে সোনার পাত দিয়ে তৈরী করে দেবে।
और उसको ख़ालिस सोने से मंढ़ना और उसके चारों तरफ़ एक ज़रीन ताज बनाना।
25 ২৫ আর তার চারদিকে চার আঙ্গুল পরিমাণে একটি কাঠের কাঠামো করবে এবং পাশের কাঠামোর চারদিকে সোনার পাত দিয়ে তৈরী করে দেবে।
और उसके चौगिर्द चार उंगल चौड़ी एक कंगनी लगाना और उस कंगनी के चारों तरफ़ एक ज़रीन ताज बनाना।
26 ২৬ আর সোনার চারটি কড়া করে চারটি পায়ার চার কোণে রাখবে।
और सोने के चार कड़े उसके लिए बना कर उन कड़ों को उन चारों कोनों में लगाना जो चारों पायों के सामने होंगे।
27 ২৭ টেবিল বয়ে নিয়ে যাবার জন্য বহন দণ্ডের ঘর হবার জন্য ঐ কড়া পাশের কাঠামোর কাছে থাকবে।
वह कड़े कंगनी के पास ही हों, ताकि चोबों के लिए जिनके सहारे मेज़ उठाई जाए घरों का काम दें।
28 ২৮ আর ঐ টেবিল বহন করার জন্য শিটীম কাঠের দুটি বহন দণ্ড করে তা সোনা দিয়ে মুড়ে দেবে।
और कीकर की लकड़ी की चोबें बना कर उनको सोने से मंढ़ना ताकि मेज़ उन्हीं से उठाई जाए।
29 ২৯ আর টেবিলের থালা, চামচ, কলসী ও ঢালার জন্য বাটি তৈরী করবে; এই সব খাঁটি সোনা দিয়ে তৈরী করবে।
और तू उसके तबाक़ और चमचे और आफ़ताबे और उंडेलने के बड़े — बड़े कटोरे सब ख़ालिस सोने के बनाना।
30 ৩০ আর তুমি সেই টেবিলের উপরে আমার সামনে নিয়মিতভাবে দর্শন রুটি রাখবে।
और तू उस मेज़ पर नज़्र की रोटियाँ हमेशा मेरे सामने रखना।
31 ৩১ আর তুমি খাঁটি সোনার একটি বাতিস্তম্ভ তৈরী করবে; পেটান কাজের সেই বাতিস্তম্ভ তৈরী করা হবে; তার গুড়ি, শাখা, গোলাধার, কলকা ও ফুল তার সঙ্গে অখণ্ড হবে।
“और तू ख़ालिस सोने का एक शमा'दान बनाना। वह शमा'दान और उसका पाया और डन्डी सब घड़ कर बनाए जाएँ और उसकी प्यालियाँ और लट्टू और उसके फूल सब एक ही टुकड़े के बने हों।
32 ৩২ বাতিস্তম্ভের এক পাশ থেকে তিনটি শাখা ও বাতিস্তম্ভের অন্য পাশ থেকে তিনটি শাখা, এই ছয়টি শাখা তার পাশ থেকে নির্গত হবে।
और उसके दोनों पहलुओं से छ: शाँख़े बाहर को निकलती हों, तीन शाखें शमा'दान के एक पहलू से निकलें और तीन दूसरे पहलू से।
33 ৩৩ একটি শাখায় বাদামফুলের মতো তিনটি গোলাধার, এক কলকা ও একটি ফুল থাকবে এবং অন্য শাখায় বাদামফুলের মতো তিন গোলাধার, এক কলকা ও একটি ফুল থাকবে; বাতিস্তম্ভ থেকে নির্গত ছয়টি শাখায় এইরকম হবে।
एक शाख़ में बादाम के फूल की सूरत की तीन प्यालियाँ, एक लट्टू और एक फूल हो; और दूसरी शाख़ में भी बादाम के फूल की सूरत की तीन प्यालियाँ, एक लट्टू और एक फूल हो; इसी तरह शमा'दान की छहों शाख़ों में यह सब लगा हुआ हो।
34 ৩৪ বাতিস্তম্ভে বাদামফুলের মতো চার গোলাধার, ও তাদের কলকা ও ফুল থাকবে।
और खु़द शमादान में बादाम के फूल की सूरत की चार प्यालियाँ अपने — अपने लट्टू और फूल समेत हों।
35 ৩৫ আর বাতিস্তম্ভের যে ছয়টি শাখা নির্গত হবে, তাদের একটি শাখা দুটির নীচে তার সঙ্গে অখণ্ড এক কলকা ও অপর শাখা দুটির নীচে তার সঙ্গে অখণ্ড এক কলকা থাকবে।
और दो शाख़ों के नीचे एक लट्टू, सब एक ही टुकड़े के हों और फिर दो शाख़ों के नीचे एक लट्टू, सब एक ही टुकड़े के हों और फिर दो शाखों के नीचे एक लट्टू, सब एक ही टुकड़े के हों शमा'दान की छहों बाहर को निकली हुई शाखें ऐसी ही हों।
36 ৩৬ কলকা ও শাখা সবই তার সঙ্গে অখণ্ড হবে; সবই পেটানো খাঁটি সোনার একই জিনিস হবে।
या'नी लट्टू और शाख़ें और शमा 'दान सब एक ही टुकड़े के बने हों, यह सबका सब ख़ालिस सोने के एक ही टुकड़े से गढ़ कर बनाया जाए।
37 ৩৭ আর তুমি বাতিস্তম্ভ এবং সাতটি প্রদীপ তৈরী করবে এবং লোকেরা সেই সব প্রদীপ জ্বালালে তার সামনে আলো হবে।
और तू उसके लिए सात चराग़ बनाना, यही चराग़ जलाए जाएँ ताकि शमा'दान के सामने रौशनी हो।
38 ৩৮ আর তার চিমটি ও ট্রে গুলি খাঁটি সোনা দিয়ে তৈরী করতে হবে।
और उसके गुलगीर और गुलदान ख़ालिस सोने के हों।
39 ৩৯ এই বাতিস্তম্ভ এবং ঐ সব জিনিসপত্র এক তালন্ত (35 কিলোগ্রাম) পরিমাণে খাঁটি সোনা দিয়ে তৈরী করা হবে।
शमा'दान और यह सब बर्तन एक किन्तार ख़ालिस सोने के बने हुए हों।
40 ৪০ দেখো, পর্বতে তোমাকে এই সবের যেরকম আদর্শ দেখান হয়েছিল, সেই রকম সবই কোরো।
और देख, तू इनको ठीक इनके नमूने के मुताबिक़ जो तुझे पहाड़ पर दिखाया गया है बनाना।

< যাত্রাপুস্তক 25 >