< উপদেশক 8 >

1 জ্ঞানী মানুষের মত কে? এ হল সেই ব্যক্তি যে জানে জীবনের অর্থ কি। জ্ঞান একজন মানুষের মুখ উজ্জ্বল করে এবং তার মুখের কঠিনভাব পরিবর্তন করে।
कौन बुद्धिमान के समान है? किसे इस बात का मतलब मालूम है? बुद्धि से बुद्धिमान का चेहरा चमक जाता है.
2 আমি তোমায় পরামর্শ দিই তুমি রাজার আদেশ পালন কর কারণ ঈশ্বর শপথ করেছেন তাকে রক্ষা করার।
दार्शनिक कहता है, परमेश्वर के सामने ली गई शपथ के कारण राजा की आज्ञा का पालन करो.
3 তার সামনে থেকে তাড়াতাড়ি চলে যেও না এবং কোন মন্দ বিষয়ের সঙ্গে যুক্ত থেক না, কারণ রাজা যা ইচ্ছা করেন তিনি তাই করেন।
उनके सामने से जाने में जल्दबाजी न करना और बुरी बातों पर हठ न करना, क्योंकि राजा वही करेंगे जो उनकी नज़रों में सही होगा.
4 রাজার কথায় নিয়ম, তাই তাকে কে বলবে, “তুমি কি করছ?”
राजा की बातों में तो अधिकार होता है, उन्हें कौन कहेगा, “आप क्या कर रहे हैं?”
5 যে কেউ রাজার আদেশ পালন করবে সে ক্ষতি এড়াতে পারবে। একজন জ্ঞানী মানুষের হৃদয় সঠিক বিচার ও দিন চিনতে পারে।
जो व्यक्ति आज्ञा का पालन करता है, बुरा उसका भी न होगा, क्योंकि बुद्धिमान हृदय को सही समय और सही तरीका मालूम होता है.
6 কারণ প্রত্যেকটি বিষয়ের জন্য একটা সঠিক প্রতিক্রিয়া এবং একটি প্রতিক্রিয়ার দিন আছে, কারণ মানুষের সমস্যা অনেক বড়।
क्योंकि हर एक खुशी के लिए सही समय और तरीका होता है, फिर भी एक व्यक्ति पर भारी संकट आ ही जाता है.
7 কেউ জানে না ভবিষ্যতে কি আসছে। কে তাকে বলবে কি আসছে?
अगर किसी व्यक्ति को यह ही मालूम नहीं है कि क्या होगा, तो कौन उसे बता सकता है कि क्या होगा?
8 কারোর শক্তি নেই আমাদের প্রাণবায়ুর ওপর যে তাকে থামাবে এবং তার মৃত্যুর দিনের ওপর কারোর শক্তি নেই। যুদ্ধের দিন কেউ সৈন্যদল থেকে ছুটি পায় না এবং দুষ্টতা দুষ্টকে উদ্ধার করতে পারবে না যারা তার দাস।
वायु को रोकने का अधिकार किसके पास है? और मृत्यु के दिन पर अधिकार कौन रखता है? युद्ध के समय छुट्टी नहीं होती, और जो बुराई करते हैं वे इसके प्रभाव से कैसे बचेंगे.
9 আমি এ সমস্ত অনুভব করেছি; আমি আমার হৃদয়কে সব রকমের কাজে ব্যবহার করেছি যা সূর্য্যের নিচে করা হয়েছে। একটা দিন আসে যখন একজন মানুষের ক্ষমতা থাকে অন্য মানুষের ক্ষতি করার।
यह सब देख मैंने अपने हृदय को सूरज के नीचे किए जा रहे हर एक काम पर लगाया जब एक मनुष्य दूसरे मनुष्य की बुराई के लिए उसके अधिकार का इस्तेमाल करता है.
10 ১০ তাই আমি দুষ্টদের প্রকাশে কবর হতে দেখেছি। তাদের পবিত্র জায়গা থেকে নিয়ে গিয়ে সেখানে কবর দেওয়া হয় এবং শহরের লোকের দ্বারা তারা প্রশংসিত হয় যেখানে তারা মন্দ কাজ করেছিল। তারা অসাড়।
सो मैंने दुष्टों को गाड़े जाते देखा. वे पवित्र स्थान में आते जाते थे. किंतु जहां वे ऐसा करते थे जल्द ही उस नगर ने उन्हें भुला दिया. यह भी बेकार ही है.
11 ১১ যখন একটি বাক্য মন্দ অপরাধের বিরুদ্ধে যায় তা তাড়াতাড়ি কার্যকারী হয় না, এটা মানুষের হৃদয়কে প্রলুব্ধ করে মন্দ কাজ করতে।
बुरे काम के दंड की आज्ञा जल्दबाजी में नहीं दी जाती, इसलिये मनुष्य का हृदय बुराई करने में हमेशा लगा रहता है,
12 ১২ এমনকি যদিও এক পাপী একশবার মন্দ কাজ করে এবং তবুও অনেক দিন বাঁচে, তাও আমি জানি যে এটা তাদের জন্য ভাল হবে যারা ঈশ্বরকে সম্মান দেয়, যারা সম্মান দেয় তাঁর উপস্থিতির তাদের সঙ্গে।
चाहे पापी हज़ार बार बुरा करें और अपने जीवन को बढ़ाते रहें, मगर मुझे मालूम है कि जिनमें परमेश्वर के लिए श्रद्धा और भय की भावना है उनका भला ही होगा, क्योंकि उनमें परमेश्वर के प्रति श्रद्धा और भय की भावना हैं.
13 ১৩ কিন্তু এটা পাপীদের জন্য ভাল হবে না; তার জীবন দীর্ঘায়ু হবে না। তার আয়ু দ্রুতগামী ছায়ার মত কারণ সে ঈশ্বরকে সম্মান করে না।
मगर दुष्ट के साथ अच्छा न होगा और न ही वह परछाई के समान अपने सारे जीवन को बड़ा कर सकेगा, क्योंकि उसमें परमेश्वर के लिए श्रद्धा और भय की भावना नहीं है.
14 ১৪ আরেকটা অসারতা একটা কিছু যা পৃথিবীতে করা হয়েছে। কিছু ঘটছে ধার্ম্মিকদের সঙ্গে যেমন তা পাপীদের সঙ্গে ঘটে এবং কিছু ঘটছে পাপীদের সঙ্গে যেমন ধার্ম্মিকদের সঙ্গে ঘটে। আমি বলি যে এটাও অসারতা।
पृथ्वी पर एक और बात बेकार होती है: धर्मियों के साथ दुष्टों द्वारा किए गए कामों के अनुसार घटता है और दुष्टों के साथ धर्मियों द्वारा किए गए कामों के अनुसार. मैंने कहा कि यह भी बेकार ही है.
15 ১৫ তাই আমি পরামর্শ দিই খুশি থাকতে, কারণ খাওয়া, পান করা এবং খুশিতে থাকা ছাড়া সূর্য্যের নিচে মানুষের জন্য কিছু ভাল নেই। এটা হল খুশি যা তার সঙ্গে সারা জীবন তার পরিশ্রমে থাকবে যা ঈশ্বর তাকে সূর্য্যের নিচে দিয়েছেন।
सो मैं आनंद की तारीफ़ करता हूं, सूरज के नीचे मनुष्य के लिए इससे अच्छा कुछ नहीं है कि वह खाए-पिए और खुश रहे क्योंकि सूरज के नीचे परमेश्वर द्वारा दिए गए उसके जीवन भर में उसकी मेहनत के साथ यह हमेशा रहेगा.
16 ১৬ যখন আমি আমার হৃদয় ব্যবহার করি জ্ঞান জানার জন্য এবং পৃথিবীতে যা কাজ হয়েছে বুঝতে চেষ্টা করি, প্রায়ই চোখের ঘুম ছাড়াই রাতে ও দিনের কাজ হয়েছে,
जब मैंने अपने हृदय को बुद्धि के और पृथ्वी पर के कामों के बारे में मालूम करने के लिए लगाया (हालांकि एक व्यक्ति को दिन और रात नहीं सोना चाहिए).
17 ১৭ তারপর আমি ঈশ্বরের সমস্ত কাজকে বিবেচনা করি এবং সূর্য্যের নিচে যে কাজ হয়েছে মানুষ তা বুঝতে পারে না। কোন ব্যপার নয় মানুষ কত পরিশ্রম করে এর উত্তর খোঁজার জন্য, সে তা খুঁজে পাবে না। এমনকি যদিও একটি জ্ঞানী লোক বিশ্বাস করে যে সে জানে, কিন্তু সে সত্যি জানে না।
और मैंने परमेश्वर के हर एक काम को देखा, तब मुझे मालूम हुआ कि सूरज के नीचे किया जा रहा हर एक काम मनुष्य नहीं समझ सकता. जबकि मनुष्य बहुत मेहनत करे फिर भी उसे यह मालूम न होगा और चाहे बुद्धिमान का यह कहना हो कि, मुझे मालूम है, फिर भी वह इसे मालूम नहीं कर सकता.

< উপদেশক 8 >