< দ্বিতীয় রাজাবলি 23 >

1 পরে রাজা লোক পাঠিয়ে যিহূদা ও যিরূশালেমের সমস্ত প্রাচীন নেতাদের ডেকে তাঁর কাছে জড়ো করলেন।
इसके बाद राजा ने यहूदिया और येरूशलेम के पुरनियों को बुलाकर उन्हें इकट्ठा किया.
2 তখন রাজা যিহূদা ও যিরূশালেমের লোকদের, যাজকদের, ভাববাদীদের এবং ছোট ও মহান সমস্ত লোকদের তাঁর সঙ্গে নিয়ে সদাপ্রভুর গৃহে গেলেন। তখন তিনি সদাপ্রভুর গৃহে ব্যবস্থার যে বইটি পাওয়া গিয়েছিল তার সমস্ত কথা তিনি তাদের শুনিয়ে পড়লেন।
राजा याहवेह के भवन को गया. उसके साथ यहूदिया और येरूशलेम के निवासी, इनके पुरोहित, भविष्यद्वक्ता और साधारण और विशेष लोग भी गए थे. राजा ने वाचा की पुस्तक का सारा पाठ पढ़ा; वही पुस्तक, जो याहवेह के भवन में पाई गई थी, और वे सब सुन रहे थे.
3 রাজা মঞ্চের উপর দাঁড়িয়ে সদাপ্রভুর পথে চলবার জন্য এবং সমস্ত মন প্রাণ দিয়ে তাঁর সব আদেশ, নিয়ম ও নির্দেশ মেনে চলবার জন্য, অর্থাৎ এই বইয়ের মধ্যে লেখা ব্যবস্থার সমস্ত কথা পালন করবার জন্য সদাপ্রভুর সামনে প্রতিজ্ঞা করলেন এবং সমস্ত লোকেরাও রাজার সঙ্গে একই প্রতিজ্ঞায় সম্মতি দিল।
राजा खंभे के पास खड़ा हुआ और याहवेह के सामने यह वाचा बांधी कि वह याहवेह का अनुसरण करेगा, इस वाचा के एक-एक वचन का पालन करने के लिए वह उनकी आज्ञाएं, चेतावनियां और नियमों का पालन संपूर्ण हृदय और संपूर्ण प्राणों से करेगा, जैसा इस पुस्तक में लिखा हुआ है. वहां उपस्थित सारी भीड़ इस वाचा में शामिल हो गई.
4 রাজা তখন বাল দেবতা ও আশেরা এবং আকাশের সমস্ত তারাগুলোর পূজার জন্য তৈরী সব জিনিসপত্র সদাপ্রভুর ঘর থেকে বের করে ফেলবার জন্য মহাযাজক হিল্কিয়কে, দ্বিতীয় শ্রেণীর যাজককে এবং দারোয়ানদের আদেশ দিলেন। তিনি সেগুলো যিরূশালেমের বাইরে কিদ্রোণ উপত্যকার মাঠে পুড়িয়ে দিলেন এবং ছাইগুলো বৈথেলে নিয়ে গেলেন।
राजा ने महापुरोहित हिलकियाह, नीचे के वर्ग के पुरोहितों और द्वारपालों को आदेश दिया, कि याहवेह के मंदिर में से वे सभी बर्तन बाहर लाए जाएं, जो बाल, अशेरा और आकाशमंडल के नक्षत्रों के लिए बनाए गए थे. राजा ने इन बर्तनों को येरूशलेम के बाहर किद्रोन घाटी के मैदानों में जला दिया और उनकी राख बेथेल ले गया.
5 তিনি যিহূদার শহরগুলোর এবং যিরূশালেমের চারপাশের উঁচু স্থানগুলোতে ধূপ জ্বালাবার জন্য যিহূদার রাজারা যে সব প্রতিমাপূজাকারী যাজকদের নিযুক্ত করেছিলেন, অর্থাৎ যারা বাল দেবতা, চাঁদ, সূর্য্য, গ্রহদের এবং আকাশের সমস্ত বাহিনীদের উদ্দেশ্যে ধূপ জ্বালাত তাদের তিনি দূর করে দিলেন।
उसने मूर्ति पूजने वाले उन पुरोहितों को निकाल दिया, जिन्हें यहूदिया और येरूशलेम के पास के पूजा स्थलों पर सूर्य, चंद्र, आकाशमंडल के नक्षत्रों और आकाश की शक्तियों के लिए धूप जलाने के लिए यहूदिया के राजाओं द्वारा चुना गया था.
6 তিনি সদাপ্রভুর ঘর থেকে আশেরার মূর্তির খুঁটিটা বার করে নিয়ে এসে যিরূশালেমের বাইরে কিদ্রোণ উপত্যকাতে সেটা নিয়ে গিয়ে পুড়িয়ে দিলেন। তারপর সেটা গুঁড়া করলেন এবং তার ধূলো সাধারণ লোকদের কবরের উপরে ছড়িয়ে দিলেন।
राजा ने याहवेह के भवन से अशेरा को बाहर निकलवा दिया और येरूशलेम के बाहर किद्रोन नाले में ले जाकर जला दिया, और उसे पीसकर चूर-चूर कर दिया और इस चूरे को लोगों पर फेंक दिया.
7 পুরুষ বেশ্যাদের যে কামরাগুলো সদাপ্রভুর গৃহে ছিল যেখানে স্ত্রীলোকেরা আশেরার জন্য কাপড় বুনত তিনি সেগুলো ভেঙে পরিষ্কার করে দিলেন।
राजा ने पुरुष वेश्याओं के घर भी ढाह दिए, जो याहवेह के भवन के आंगन में बनाए गए थे, जहां स्त्रियां अशेराह देवी के लिए दीवार सजाने के वस्त्र बुना करती थी.
8 যোশিয় যিহূদার শহর ও গ্রামগুলো থেকে সমস্ত যাজকদের বাইরে আনালেন এবং গেবা থেকে বের-শেবা পর্যন্ত যে সব পূজার উঁচু স্থানগুলোতে সেই যাজকেরা ধূপ জ্বালাত সেগুলো অশূচি করে দিলেন। তিনি শাসনকর্ত্তা যিহোশূয়ের ফটকে ঢোকার পথে যে সব পূজার উঁচু স্থান ছিল সেগুলো ভেঙে ফেললেন। এই ফটকদ্বার শহরের প্রধান ফটকে প্রবেশকারীর বাঁদিকে ছিল।
राजा ने यहूदिया के सारी नगरों से पुरोहितों को इकट्ठा कर गेबा से बेअरशेबा तक पूजा स्थलों को, जहां पुरोहित धूप जलाया करते थे, दूषित कर दिया, फिर द्वारों पर प्रतिष्ठित पूजा स्थलों को अर्थात् जो हाकिम यहोशू के फाटक के पास थे और फाटकों के बायीं ओर ढाली गई मूर्तियों को नाश कर दिया.
9 সেই উঁচুস্থানগুলোর যাজকদের যিরূশালেমে সদাপ্রভুর যজ্ঞবেদীতে বলিদান করতে অনুমতি ছিল না, কিন্তু তারা অন্যান্য যাজক ভাইদের সঙ্গে খামি ছাড়া রুটি খেতে পারত।
फिर भी पूजा स्थलों के पुरोहित येरूशलेम में याहवेह की वेदी के पास नहीं आए. हां, वे अपने भाइयों के साथ खमीर रहित रोटी के भोजन में ज़रूर शामिल होते रहे.
10 ১০ অন্য কেউ যাতে মোলক দেবতার উদ্দেশ্যে নিজের ছেলে বা মেয়েকে আগুনে পুড়িয়ে হোমবলি উৎসর্গ করতে না পারে সেইজন্য যোশিয় বেন্‌হিন্নোম উপত্যকার তোফৎ নামে জায়গাটা অশূচি করলেন।
उसने तोफेथ को अशुद्ध कर दिया, जो बेन-हिन्‍नोम घाटी में था, ताकि इसके बाद कोई भी मोलेख को बलि चढ़ाने के लिए यहां अपने पुत्र या पुत्री को बलि न करे.
11 ১১ যিহূদার রাজারা যে সব রথ ও ঘোড়াগুলো সূর্য্যের উদ্দেশ্যে দিয়েছিলেন যোশিয় সেই ঘোড়াগুলো দূর করে দিয়ে রথগুলো পুড়িয়ে দিলেন। সদাপ্রভুর গৃহে ঢোকবার পথের পাশে, উঠানের মধ্যে, নথন-মেলক নামে একজন রাজকর্মচারীর কামরার কাছে ঘোড়াগুলো রাখা হত।
उसने याहवेह के भवन के द्वार के निकट से, अधिकारी नाथान-मेलेख के कमरे के पास से उन घोड़ों की मूर्तियों को, जिन्हें यहूदिया के राजाओं से सूरज को समर्पित किया हुआ था, आंगन के बाहर कर दिया. फिर उसने सूर्य रथों को आग में भस्म कर दिया.
12 ১২ রাজা আহসের উপরের কামরার ছাদের উপরে যিহূদার রাজারা যে সব যজ্ঞবেদী তৈরী করেছিলেন এবং সদাপ্রভুর গৃহের দুটি উঠানে মনঃশি যে সব যজ্ঞবেদী তৈরী করেছিলেন যোশিয় সেগুলো ভেঙে টুকরো টুকরো করে কিদ্রোণ উপত্যকায় ফেলে দিলেন।
यहूदिया के राजाओं द्वारा आहाज़ के ऊपरी कमरे की छत पर बनी वेदियों को और याहवेह के भवन के दोनों आंगनों में मनश्शेह द्वारा बनाई गई वेदियों को उसने ध्वस्त कर चूर-चूर कर दिया, और उनके चूरे को किद्रोन नाले में फेंक दिया.
13 ১৩ যিরূশালেমের পূর্ব দিকে ধ্বংসের পাহাড়ের দক্ষিণে যে সব উঁচু স্থান ছিল সেগুলো তিনি অশূচি করলেন। ইস্রায়েলের রাজা শলোমন সীদোনীয়দের জঘন্য দেবী অষ্টোরতের জন্য, মোয়াবের জঘন্য দেবতা কমোশের জন্য এবং অম্মোনের লোকদের জঘন্য দেবতা মিল্কমের জন্য এই সব উঁচু স্থান তৈরী করেছিলেন। সে সকলই তিনি অশূচি করলেন।
राजा ने उन पूजा स्थलों को, जो येरूशलेम के सामने विनाश के पर्वत के दाईं ओर थे, दूषित कर दिया, जिन्हें इस्राएल के राजा शलोमोन ने सीदोनिवासियों की घृणित देवी अश्तोरेथ के लिए, मोआब के घृणित देवता खेमोश और अम्मोनवासियों के घृणित देवता मिलकाम के लिए बनवाया था.
14 ১৪ যোশিয় রাজা পবিত্র পাথরগুলো ভেঙে ফেললেন এবং আশেরার মূর্তিগুলিও কেটে ফেললেন আর সেই জায়গাগুলো মানুষের হাড়ে পূরণ করে দিলেন।
राजा ने मीनारों को टुकड़े-टुकड़े कर डाला, अशेरा की मूर्तियों को काट डाला, और उन खाली स्थानों को मानव हड्डियों से भर दिया.
15 ১৫ নবাটের ছেলে যারবিয়াম যিনি ইস্রায়েলকে দিয়ে পাপ করিয়েছিলেন তিনি বৈথেলে যে যজ্ঞবেদী ও উঁচু স্থান তৈরী করেছিলেন সেটি যোশিয় ভেঙে দিয়েছিলেন। যোশিয় সেই উঁচু স্থানটা আগুনে পুড়িয়ে দিলেন ও পিষে গুড়ো করলেন।
इसके अलावा उस वेदी को, जो बेथेल में बनाई गई थी और वह पूजा-स्थल, जिसको नेबाथ के पुत्र यरोबोअम ने बनवाया था, जिसने इस्राएल को पाप करने के लिए उकसाया था, इसी वेदी और पूजा-स्थल को उसने ढाह दिया, उन्हें पीसकर चूरा बना दिया और अशेरा को भस्म कर डाला.
16 ১৬ তারপর তিনি চারপাশে তাকিয়ে দেখলেন এবং পাহাড়ের কাছে কিছু কবর দেখতে পেলেন। তিনি তাঁর লোক পাঠিয়ে সেই কবর থেকে হাড় আনিয়ে সেগুলো যজ্ঞবেদীর উপর পোড়ালেন এবং সেটি অশূচি করলেন। সদাপ্রভুর সেই কথা অনুযায়ী সবই হয়েছিল যা ঈশ্বরের লোক সব ঘটনার কথা আগে ঘোষণা করেছিলেন।
यह करते हुए जैसे ही योशियाह मुड़ा, उसकी दृष्टि पहाड़ में खोदी गई कब्रों की गुफाओं पर गई. उसने सेवक भेज उनमें से अस्थियां निकलवा लीं, उन्हें वेदी पर जलाकर वेदी को दूषित किया, ठीक जैसा परमेश्वर के जन ने याहवेह के संदेश के अनुसार घोषणा की थी.
17 ১৭ তখন তিনি বললেন, “আমি ওটা কোন স্তম্ভ দেখতে পাচ্ছি?” শহরের লোকেরা তাঁকে বলল, “ঈশ্বরের যে লোক যিহূদা থেকে এসে বৈথেলের যজ্ঞবেদীর বিরুদ্ধে আপনার এই সমস্ত কাজের কথা প্রচার করেছিলেন, এটি তাঁরই কবর।”
तब राजा ने पूछा, “वह किसका स्मारक है, जो मैं इस समय देख रहा हूं?” लोगों ने राजा को बताया, “यह परमेश्वर के उन्हीं जनों की कब्र की गुफा है, जो यहूदिया से आए थे और आपने जो कुछ आज देवता बाल की वेदी के साथ किया है, उन्होंने उसकी भविष्यवाणी कर दी थी.”
18 ১৮ তখন যোশিয় বললেন, “ওটা থাকুক; কেউ যেন তাঁর হাড়গুলো না সরিয়ে দেয়।” সুতরাং লোকেরা তাঁর হাড়গোড় এবং যে ভাববাদী শমরিয়া থেকে এসেছিলেন তাঁর হাড়গোড় তেমনই থাকতে দিল।
राजा ने आदेश दिया, “उसे ऐसा ही रहने दिया जाए. कोई भी उसकी अस्थियों को न हटाए.” तब उन्होंने उनकी अस्थियों को नहीं छुआ और उन्हें शमरिया के भविष्यद्वक्ता की अस्थियों के साथ ही रहने दिया.
19 ১৯ শমরিয়ার শহর ইস্রায়েলের রাজারা উঁচু স্থানে যে সব মন্দির তৈরী করে সদাপ্রভুকে অসন্তুষ্ট করেছিলেন, যোশিয় সেগুলো দূর করে দিলেন এবং সেগুলির অবস্থা বৈথেলে যেমন করেছিলেন ঠিক সেই রকম করলেন।
योशियाह ने शमरिया राज्य के नगरों में पूजा स्थलों के भवनों को गिरा दिया, जो इस्राएल के राजाओं द्वारा बनाए गए थे, जिनके कारण याहवेह का क्रोध भड़क उठा था. राजा ने उनके साथ वही किया, जो उसने बेथेल की वेदियों के साथ किया था.
20 ২০ তিনি সেই সব যজ্ঞবেদীর উপরে সেখানকার যাজকদের বলিদান করলেন এবং সেগুলির উপর মানুষের হাড় পোড়ালেন। তারপরে তিনি যিরূশালেমে ফিরে গেলেন।
उसने पूजा स्थलों के सारे पुरोहितों को उन्हीं की वेदियों पर मारकर उन पर मनुष्यों की अस्थियां जला दीं. फिर वह येरूशलेम लौट गया.
21 ২১ তখন রাজা সব লোকদের আদেশ দিয়ে বললেন, “ব্যবস্থার বইয়ে যেমন লেখা আছে তেমনি করে আপনাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে নিস্তারপর্ব্ব পালন করুন।”
राजा ने सभी लोगों को आदेश दिया, “जैसा वाचा की पुस्तक में लिखा है, याहवेह, अपने परमेश्वर के लिए फ़सह उत्सव मनाया जाए.”
22 ২২ ইস্রায়েলীয়দের শাসনকালে বিচারকদের আমলে কিম্বা ইস্রায়েল ও যিহূদার রাজাদের আমলে এই ধরনের নিস্তারপর্ব্ব কখনো পালন করা হয়নি।
इस्राएल पर न्यायियों के शासनकाल से या इस्राएल के राजाओं के शासनकाल से या यहूदिया के राजाओं के शासनकाल से अब तक फ़सह उत्सव मनाया ही नहीं गया था.
23 ২৩ যদিও যোশিয় রাজার রাজত্বকালে আঠারো বছরের দিনের যিরূশালেমে সদাপ্রভুর জন্য এই নিস্তারপর্ব্ব পালন করা হয়েছিল।
मगर राजा योशियाह के शासनकाल के अठारहवें साल में येरूशलेम में याहवेह के लिए यह फ़सह उत्सव मनाया गया.
24 ২৪ এছাড়া যারা মৃতদের সঙ্গে এবং যারা মন্দ আত্মার সঙ্গে কথা বলতেন যোশিয় তাদের তাড়িয়ে দিলেন। তিনি পারিবারিক দেবতার মূর্ত্তি, প্রতিমা এবং যিহূদা ও যিরূশালেমে যে সব ঘৃণার জিনিসপত্র দেখতে পেলেন সেগুলোও সব দূর করে দিলেন। হিল্কিয় যাজক সদাপ্রভুর গৃহে যে ব্যবস্থার কথা লেখা বই খুঁজে পেয়েছিলেন তার সব বাক্য যেন সঠিকভাবে মান্য করা হয় সেইজন্য যোশিয় এই সব কাজ করেছিলেন।
इसके अलावा, प्रेत-साधकों, टोन्हों, गृह-देवताओं, मूर्तियों और सारे यहूदिया राज्य और येरूशलेम की हर एक घृणित वस्तु को हटा दिया गया, कि राजा उस पुस्तक में लिखी विधियों की पुष्टि कर सके, जो पुस्तक पुरोहित हिलकियाह को याहवेह के भवन में मिली थी.
25 ২৫ যোশিয় রাজার আগে আর কোনো রাজাই তাঁর মত ছিলেন না যিনি তাঁর মত সমস্ত মন, প্রাণ ও শক্তি দিয়ে মোশির সমস্ত ব্যবস্থা অনুযায়ী সদাপ্রভুর পথে চলতেন। না কোনো রাজা যোশিয় রাজার মত পরে উঠেছিলেন।
इसके पहले ऐसा कोई भी राजा न हुआ, जो मोशेह की व्यवस्था के अनुसार अपने पूरे हृदय, पूरे प्राण और पूरी सामर्थ्य से याहवेह की ओर फिरा हो; वैसे ही उसके बाद भी उसके बराबर और कोई राजा न हुआ.
26 ২৬ তবুও, যিহূদার বিরুদ্ধে যে ভয়ঙ্কর ক্রোধে সদাপ্রভু প্রজ্বলিতি হয়ে উঠেছিলেন তা থেকে তিনি ফিরলেন না, যেমন মনঃশির অসন্তোষ জনক কাজের ফলে সদাপ্রভু অসন্তুষ্ট হয়েছিলেন।
इतना सब होने पर भी याहवेह का वह भयंकर क्रोध, जो यहूदिया के विरुद्ध भड़का था, शांत न हुआ, क्योंकि मनश्शेह ने अपनी सारी हरकतों के द्वारा उनका क्रोध भड़का दिया था.
27 ২৭ সেইজন্য সদাপ্রভু বললেন, “আমি আমার চোখের সামনে থেকে যেমন করে আমি ইস্রায়েলকে দূর করেছি তেমনি করে যিহূদাকেও দূর করব, আর যে শহরকে আমি বেছে নিয়েছিলাম সেই যিরূশালেমকে এবং যার সম্বন্ধে আমি বলেছিলাম, ‘আমার নাম সেখানে থাকবে’ সেই ঘরকেও আমি অগ্রাহ্য করব।”
याहवेह ने कहा, “मैं यहूदिया को भी अपनी दृष्टि से दूर कर दूंगा, जैसे मैंने इस्राएल को दूर किया है. मैं इस नगर, येरूशलेम को भी छोड़ दूंगा, जिसे मैंने खुद चुना और उस मंदिर को भी, जिसके विषय में मैंने यह घोषणा की थी: ‘इस स्थान पर मेरी महिमा रहेगी.’”
28 ২৮ যোশিয়ের অন্যান্য সমস্ত অবশিষ্ট কাজের কথা যা কিছু তিনি করেছিলেন যিহূদার রাজাদের ইতিহাস বইটিতে কি লেখা নেই?
योशियाह द्वारा किए गए अन्य कामों और उसकी उपलब्धियों का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
29 ২৯ তাঁর রাজত্বের দিনের মিশরের রাজা ফরৌণ নখো অশূর রাজার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করার জন্য ইউফ্রেটিস নদীর দিকে গেলেন। তখন যোশিয় রাজা নখোর সঙ্গে যুদ্ধ করবার জন্য বের হলেন এবং ফরৌণ নখো যুদ্ধ করে তাঁকে মগিদ্দোতে মেরে ফেললেন।
उसके शासनकाल में मिस्र का राजा फ़रोह नेको, अश्शूर के राजा से भेंटकरने फरात नदी की ओर बढ़ा. राजा योशियाह उससे भेंटकरने के उद्देश्य से वहां गया. उसे मगिद्दो में देखते ही फ़रोह नेको ने उसकी हत्या कर दी.
30 ৩০ যোশিয়ের দাসেরা তাঁর মৃত দেহ রথে করে মগিদ্দো থেকে যিরূশালেমে নিয়ে আসলো এবং তাঁর নিজের কবরে তাঁকে কবর দিল। পরে দেশের লোকেরা যোশিয়ের ছেলে যিহোয়াহসকে অভিষেক করে তাঁর বাবার জায়গায় তাঁকে রাজা করল।
उसके सेवक उसकी मृत देह को रथ में मगिद्दो से येरूशलेम लाए, और उसे उसी की कब्र की गुफा में रख दिया. प्रजा ने योशियाह के पुत्र यहोआहाज़ का राजाभिषेक कर उसके पिता के स्थान पर उसे राजा बनाया.
31 ৩১ যিহোয়াহস তেইশ বছর বয়সে ছিলেন যখন তিনি রাজত্ব শুরু করেছিলেন এবং তিনি তিন মাস যিরূশালেমে রাজত্ব করেছিলেন। তাঁর মায়ের নাম ছিল হমূটল; তিনি লিব্‌নার বাসিন্দা যিরমিয়ের মেয়ে ছিলেন।
शासन शुरू करते हुए यहोआहाज़ की उम्र तेईस साल थी. येरूशलेम में उसने तीन महीने शासन किया. उसकी माता का नाम हामुतल था. वह लिबनाहवासी येरेमियाह की पुत्री थी.
32 ৩২ যিহোয়াহস তাঁর পূর্বপুরুষরা যেমন করেছিলেন, তেমনই তিনি সদাপ্রভুর চোখে যা মন্দ তাই করতেন।
यहोआहाज़ ने अपने पूर्वजों के समान वही सब किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत था.
33 ৩৩ ফরৌণ নখো তাঁকে হমাৎ দেশের রিব্‌লাতে আটক করে রাখলেন যেন তিনি যিরূশালেমে রাজত্ব করতে না পারেন। তখন নখো একশো তালন্ত রূপো (প্রায় চার টন রূপো) ও এক তালন্ত সোনা (ঊনচল্লিশ কেজি সোনা) যিহূদা দেশের উপর জরিমানা করলেন।
फ़रोह नेको ने उसे बंदी बनाकर हामाथ देश के रिबलाह नगर में रखा, कि वह येरूशलेम में शासन न कर सके. उसने राष्ट्र पर तीन टन, पांच क्विंटल चांदी और पैंतीस किलो सोने का जुर्माना लगा दिया.
34 ৩৪ পরে ফরৌণ নখো যোশিয়ের অন্য ছেলে ইলীয়াকীমকে তাঁর বাবা যোশিয়ের জায়গায় রাজা করলেন এবং ইলীয়াকীমের নাম বদল করে যিহোয়াকীম রাখলেন। কিন্তু ফরৌণ নখো যিহোয়াহসকে মিশরে নিয়ে গেলেন এবং সেখানে যিহোয়াহস মারা গেলেন।
फ़रोह नेको ने योशियाह के पुत्र एलियाकिम को उसके पिता योशियाह के स्थान पर शासक बना दिया, और उसका नाम बदलकर यहोइयाकिम रख दिया, मगर वह यहोआहाज़ को अपने साथ मिस्र ले गया, वहीं यहोआहाज़ की मृत्यु हो गई.
35 ৩৫ যিহোয়াকীম ফরৌণকে সেই সোনা ও রূপা দিলেন। ফরৌণের আদেশ অনুসারে তা দেওয়ার জন্য তিনি দেশের লোকদের উপর কর চাপালেন। দেশের প্রত্যেকে মানুষের উপর কর ধার্য্য করে সেই সোনা ও রূপা তিনি ফরৌণ নখোকে দেবার জন্য দেশের লোকদের কাছ থেকে আদায় করলেন।
यहोइयाकिम ने फ़रोह नेको को सोना और चांदी उपहार में तो दिए, मगर इसके लिए उसने देश पर कर लगा दिया, कि फ़रोह के आदेश के अनुसार उसे वह धनराशि चुकाए. इसलिये वह अपने ही आंकलन के आधार पर प्रजा से ज़बरदस्ती सोना और चांदी लेने लगा.
36 ৩৬ যিহোয়াকীমের বয়স পঁচিশ বছর ছিল যখন তিনি রাজত্ব করতে শুরু করলেন। তিনি এগারো বছর যিরূশালেমে রাজত্ব করেছিলেন। তাঁর মায়ের নাম ছিল সবীদা; তিনি ছিলেন রূমায় বাসিন্দা পদায়ের মেয়ে।
यहोइयाकिम ने जिस समय शासन शुरू किया, उसकी उम्र पच्चीस साल थी. येरूशलेम में उसने ग्यारह साल शासन किया. उसकी माता का नाम ज़ेबिदा था. वह रूमाहवासी पेदाइयाह की पुत्री थी.
37 ৩৭ যিহোয়াকীম তাঁর পূর্বপুরুষের যেমন করেছিলেন তেমনই সদাপ্রভুর চোখে যা কিছু মন্দ তাই করতেন।
यहोइयाकिम ने अपने पूर्वजों के समान वही किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत था.

< দ্বিতীয় রাজাবলি 23 >