< বংশাবলির দ্বিতীয় খণ্ড 35 >

1 পরে যোশিয় যিরূশালেমে সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে নিস্তারপর্ব্ব পালন করলেন। এবং প্রথম মাসের চৌদ্দ দিনের র দিন লোকেরা নিস্তারপর্ব্বের মেষ বলি দিল।
तब योशियाह ने येरूशलेम में याहवेह के लिए फ़सह उत्सव मनाया. पहले महीने के चौदहवें दिन उन्होंने फ़सह पशुओं का वध किया.
2 তিনি যাজকদের তাঁদের কাজে নিযুক্ত করলেন এবং সদাপ্রভুর ঘরের সেবা কাজে তাঁদের উৎসাহ করলেন।
उसने पुरोहितों को उनके पदों पर ठहराया और उन्हें याहवेह के भवन संबंधी सेवा के लिए प्रोत्साहित भी किया.
3 যে লেবীয়েরা, যাঁরা সমস্ত ইস্রায়েলীয়দের শিক্ষা দিতেন এবং সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে যাঁদের আলাদা করা হয়েছিল তাঁদের তিনি বললেন, “ইস্রায়েলের রাজা দায়ূদের ছেলে শলোমন যে ঘর তৈরী করিয়েছিলেন সেখানে আপনারা পবিত্র সিন্দুকটি রাখুন। এটা আর আপনাদের কাঁধে করে বহন করতে হবে না। এখন আপনারা আপনাদের ঈশ্বর সদাপ্রভুর ও তাঁর লোক ইস্রায়েলীয়দের সেবা করুন।
सारे इस्राएल में शिक्षा देने के लिए ठहराए गए लेवियों को, जो याहवेह के लिए अलग किए हुए थे, राजा ने आदेश दिया: “उस पवित्र संदूक को इस्राएल के राजा दावीद के पुत्र शलोमोन द्वारा बनवाए याहवेह के घर में प्रतिष्ठित कर दो. अब यह तुम्हारे कांधों के लिए बोझ नहीं रहेगा. अब आप लोग याहवेह अपने परमेश्वर और उनकी प्रजा इस्राएल की सेवा की ओर ध्यान लगाइए.
4 ইস্রায়েলের রাজা দায়ূদ ও তাঁর ছেলে শলোমনের লেখা নির্দেশ মত, আপনাদের নিজের নিজের বংশ অনুসারে নির্দিষ্ট দলে সেবা কাজের জন্য আপনারা নিজেদের প্রস্তুত করুন।
स्वयं को अपने-अपने विभागों में कुलों के अनुसार इस्राएल के राजा दावीद और उनके पुत्र शलोमोन के लिखित निर्देशों के अनुसार इकट्ठा कर लीजिए.
5 তোমাদের ভাইদের অর্থাৎ প্রজাদের পিতৃপুরুষদের প্রত্যেকটি ভাগের জন্য কয়েকজন লেবীয়কে তাঁদের বংশ অনুসারে সেই ভাগের লোকদের সঙ্গে নিয়ে পবিত্র ঘরের উঠানে গিয়ে দাঁড়ান।
“इसके अलावा पवित्र स्थान जनसाधारण के कुलों के भागों के अनुसार खड़े हो जाइए, लेवी भी कुलों के भागों के अनुसार खड़े हो जाइए.
6 আপনারা নিস্তারপর্ব্বের মেষগুলো বলি দেবেন বলে নিজেদের শুচি করুন এবং মোশির মধ্য দিয়ে দেওয়া সদাপ্রভুর আদেশ অনুসারে নিজেদের ভাইয়েরা যাতে নিস্তারপর্ব্ব পালন করতে পারে তার ব্যবস্থা করুন।”
अब फ़सह के लिए ठहराए गए पशु वध किए जाएं. स्वयं को शुद्ध कीजिए और अपने भाई-बंधुओं को मोशेह द्वारा सौंपे गए याहवेह के आदेश को पूरा करने के लिए तैयार कीजिए.”
7 তারপর যোশিয় সেখানে উপস্থিত সমস্ত লোকদের জন্য নিস্তারপর্ব্বের উৎসর্গের উদ্দেশ্যে ত্রিশ হাজার ছাগল ও মেষ বাচ্চা এবং তিন হাজার ষাঁড় দিলেন। এবং এগুলো সবই রাজার নিজের সম্পত্তি থেকে দেওয়া হল।
खुद योशियाह ने लोगों के लिए, जितने वहां उपस्थित थे, मेमनों का समूह और बकरी के बच्‍चे दान में दिए कि वे फ़सह के लिए इस्तेमाल हो. इनकी कुल संख्या हो गई थी तीस हज़ार और तीन हज़ार बछड़े. ये सभी राजा की संपत्ति में से दिए गए थे.
8 তাঁর কর্মচারীরাও নিজের ইচ্ছায় লোকদের, যাজকদের ও লেবীয়দের দান করলেন। হিল্কিয়, সখরিয় ও যিহীয়েল নামে ঈশ্বরের ঘরের নেতারা নিস্তারপর্ব্বের উৎসর্গের জন্য দুই হাজার ছয়শো ছাগল ও ভেড়া এবং তিনশো ষাঁড় যাজকদের দিলেন।
राजा के अधिकारियों ने भी लोगों, पुरोहितों और लेवियों के लिए अपनी इच्छा से दान दिया. परमेश्वर के भवन के अधिकारी हिलकियाह, ज़करयाह और यहीएल ने पुरोहितों को फ़सह का बलिदान के लिए भेड़ों और बकरियों के दो हजार छ: सौ और तीन सौ बछड़े दान में दिए.
9 কনানিয় এবং তার ভাইয়ের শময়িয় ও নথনেল, হশবিয়, যীয়ীয়েল ও যোষাবদ লেবীয়দের এই নেতারা নিস্তারপর্ব্বের উৎসর্গের জন্য পাঁচ হাজার ছাগল ও মেষ এবং পাঁচশো ষাঁড় লেবীয়দের দিলেন।
इनके अलावा लेवियों के अधिकारी केनानियाह, नेथानेल, उसके भाई, हशाबियाह, येइएल और योज़ाबाद ने फ़सह बलि के लिए लेवियों को पांच हज़ार मेमने और पांच सौ बछड़े दान में दिए.
10 ১০ এই ভাবে সেবা কাজের আয়োজন করা হল এবং রাজার আদেশ মত যাজকেরা নিজের নিজের জায়গায় আর লেবীয়েরা তাদের বিভিন্ন দল অনুযায়ী দাঁড়ালেন।
तब राजा के आदेश के अनुसार फ़सह की तैयारी पूरी हो गई. पुरोहित अपने निर्धारित स्थान पर खड़े थे और लेवी अपने विभागों के अनुसार.
11 ১১ লেবীয়েরা নিস্তারপর্ব্বের ছাগল ও মেষ বলি করল এবং যাজকেরা তাদের হাত থেকে রক্ত নিয়ে তা ছিটিয়ে দিলেন, আর লেবীয়েরা পশুগুলোর চামড়া ছাড়াল।
उन्होंने फ़सह के लिए ठहराए गए पशुओं का वध करना शुरू किया. पुरोहित उनके द्वारा इकट्ठा हुआ लहू लेकर छिड़काव कर रहे थे और लेवी पशु-शवों की खाल उतार रहे थे.
12 ১২ মোশির বইয়ে লেখা আদেশ অনুযায়ী সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে উৎসর্গ করবার জন্য তারা প্রত্যেক বংশের বিভিন্ন ভাগের লোকদের দেবার জন্য পোড়ানো উৎসর্গের জিনিস সরিয়ে রাখল। ষাঁড়ের বেলায়ও তারা তাই করল।
तब उन्होंने होमबलियों को अलग रख दिया, कि इन्हें लोगों में कुलों के अनुसार बांट दिया जाए, कि वे इसे याहवेह को पेश कर सकें, जैसा मोशेह की पुस्तक में लिखा है.
13 ১৩ নিয়ম অনুসারে তারা নিস্তারপর্ব্বের মেষগুলি আগুনে ঝল্‌সে নিল এবং বলির মাংস ডেকচি, কড়াই ও হাঁড়িতে সিদ্ধ করল আর তাড়াতাড়ি করে লোকদের খেতে দিল।
तब उन्होंने फ़सह पशुओं को आग पर नियम के अनुसार भुना और पवित्र भेंटों को विभिन्‍न बर्तनों में उबाल लिया और जल्दी ही सभी लोगों को परोस दिया.
14 ১৪ তারপর তারা নিজেদের ও যাজকদের জন্য আয়োজন করল, কারণ যাজকেরা, অর্থাৎ হারোণের বংশধরেরা উৎসর্গের জিনিস ও চর্বির অংশ পোড়ানোর জন্য রাত পর্যন্ত ব্যস্ত ছিল। সেইজন্য লেবীয়েরা নিজেদের ও হারোণ-বংশের যাজকদের জন্য ব্যবস্থা করল।
इसके बाद उन्होंने अपने लिए और पुरोहितों के लिए भी तैयारी की, क्योंकि अहरोन के वंशज पुरोहित रात होने तक होमबलि और चर्बी चढ़ा रहे थे. इसलिये लेवियों को खुद अपने लिए और पुरोहितों के लिए जो अहरोन के वंशज थे, तैयारी करनी पड़ी.
15 ১৫ দায়ূদ, আসফ, হেমন এদের ও রাজার দর্শক যিদূথূনের নির্দেশ অনুসারে আসফের বংশের গায়ক ও বাদকেরা নিজের নিজের জায়গায় ছিলেন। প্রত্যেকটি প্রবেশ দরজায় রক্ষী ছিল। তাদের কাজ ছেড়ে আসবার দরকার হয়নি, কারণ তাদের লেবীয় ভাইয়েরা তাদের জন্য আয়োজন করেছিল।
दावीद, आसफ, हेमान और राजा के दर्शी यदूथून द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार, आसफ के वंशज गायक भी अपने-अपने ठहराए गए स्थानों पर खड़े हुए थे. द्वारपालों को द्वार छोड़कर जाना ज़रूरी नहीं था, क्योंकि आवश्यक तैयारी उनके भाई-बन्धु लेवियों ने उनके लिए पहले ही कर ली थी.
16 ১৬ এই ভাবে রাজা যোশিয়ের আদেশ মত নিস্তারপর্ব্ব পালনের জন্য এবং সদাপ্রভুর বেদির উপরে হোমের অনুষ্ঠান করবার জন্য সেই দিন সদাপ্রভুর সমস্ত সেবা কাজের আয়োজন করা হল।
तब उस दिन राजा योशियाह के आदेश के अनुसार याहवेह की आराधना के लिए, फ़सह उत्सव मनाने और याहवेह की वेदी पर होमबलि चढ़ाने के लिए सभी कुछ तैयार पाया गया.
17 ১৭ যে সব ইস্রায়েলীয় উপস্থিত ছিল তারা সেই দিন নিস্তারপর্ব্ব এবং সাত দিন ধরে খামির বিহীন রুটির পর্ব পালন করল।
इस प्रकार इस अवसर पर वहां उपस्थित इस्राएल वंशजों ने फ़सह उत्सव और खमीर रहित रोटी का उत्सव मनाया.
18 ১৮ ভাববাদী শমূয়েলের পর থেকে আর কখনও ইস্রায়েলে এই ভাবে নিস্তারপর্ব্ব পালন করা হয়নি। যাজক, লেবীয় এবং যিরূশালেমের লোকদের সঙ্গে উপস্থিত যিহূদা ও ইস্রায়েলের সমস্ত লোকদের নিয়ে যোশিয় যেভাবে নিস্তারপর্ব্ব পালন করেছিলেন ইস্রায়েলের রাজাদের মধ্যে আর কেউ তেমন ভাবে পালন করেননি।
भविष्यद्वक्ता शमुएल के समय से अब तक इस्राएल में फ़सह उत्सव का ऐसा समारोह नहीं मनाया गया था और न ही इस्राएल के किसी भी राजा ने पुरोहितों, लेवियों, सारे यहूदिया, उपस्थित इस्राएल और येरूशलेम वासियों के साथ इस तरह का समारोह कभी नहीं मनाया था, जैसे योशियाह ने मनाया था.
19 ১৯ যোশিয়ের রাজত্বের আঠারো বছরের দিন এই নিস্তারপর্ব্ব পালন করা হয়েছিল।
यह फ़सह का उत्सव योशियाह के शासनकाल के अठारहवें साल में मनाया गया था.
20 ২০ যোশিয় মন্দিরের সব কাজ শেষ করবার পরে মিশরের রাজা নখো ফরাত (ইউফ্রেটিস) নদীর কাছে কর্কমীশে যুদ্ধ করতে গেলেন। তখন তাঁর সঙ্গে যুদ্ধ করার জন্য যোশিয় বের হয়ে গেলেন।
फिर, यह सब होने के बाद, जब योशियाह मंदिर में सब कुछ तैयार कर चुका, युद्ध की इच्छा से मिस्र का राजा नेको फरात नदी के तट पर कर्कमीश नामक स्थान तक आ गया. योशियाह भी उसका सामना करने वहां पहुंचा.
21 ২১ কিন্তু নখো রাজদূত পাঠিয়ে তাঁকে বললেন, “হে যিহূদার রাজা, আপনার সঙ্গে আমার কি করে হবে? আজ আমি যে আপনার সঙ্গে যুদ্ধ করতে আসছি তা নয়, কিন্তু আক্রমণ করছি সেই লোকদের যাদের সঙ্গে আমার যুদ্ধ বেধেছে। ঈশ্বর আমাকে তাড়াতাড়ি করতে আদেশ করেছেন, সুতরাং ঈশ্বর যিনি আমার সঙ্গে আছেন আপনি তাঁকে বাধা দেবেন না, নাহলে তিনি আপনাকে ধ্বংস করবেন।”
मगर नेको ने उसके लिए इस संदेश के साथ दूत भेजे, “यहूदिया के राजा, आपसे मेरी कोई शत्रुता नहीं है. इस समय मैं आपसे युद्ध करने यहां नहीं आया हूं, बल्कि मैं उस परिवार के विरुद्ध आया हूं, जिससे मेरा विवाद है और परमेश्वर ने ही मुझे पूर्ति का आदेश दिया है. अपने ही हित में आप परमेश्वर के इस काम से अलग रहिए, कहीं ऐसा न हो कि वह आपको नाश करे, क्योंकि परमेश्वर यहां मेरी ओर हैं.”
22 ২২ যদিও যোশিয় ফিরে যেতে অস্বীকার করলেন, বরং তাঁর সঙ্গে যুদ্ধ করবার জন্য ভিন্ন পোশাকে নিজেকে সাজালেন। ঈশ্বরের আদেশ মত নখো তাঁকে যা বললেন তাতে তিনি না শুনে মগিদ্দোর সমভূমিতে তাঁর বিরুদ্ধে যুদ্ধ করতে গেলেন।
फिर भी योशियाह ने उसकी एक न सुनी. बल्कि उससे युद्ध करने के उद्देश्य से उसने भेष बदल लिया कि वह उससे युद्ध कर सके. वह नेको के द्वारा दिए परमेश्वर के संदेश को ठुकरा कर उससे युद्ध करने के उद्देश्य से मगिद्दो के मैदान में आ गया.
23 ২৩ তখন ধনুকধারীরা রাজা যোশিয়কে তীর মারলে তিনি তাঁর দাসদের বললেন, “আমাকে নিয়ে যাও, আমি অনেক আঘাত পেয়েছি।”
राजा योशियाह मिस्री धनुर्धारियों के बाणों का निशाना हो गया. राजा ने अपने सेवक को आदेश दिया, “मुझे यहां से ले चलो; मुझे गहरी चोट लगी है.”
24 ২৪ আর তাঁর দাসেরা তাঁর রথ থেকে তাঁকে তুলে নিয়ে তাঁর অন্য রথটিতে রেখে তাঁকে যিরূশালেমে নিয়ে আসল, যেখানে তিনি মারা গেলেন। তাঁর পূর্বপুরুষদের কবরে তাঁকে কবর দেওয়া হল, আর যিহূদা ও যিরূশালেমের সব লোক তাঁর জন্য দুঃখী হলো।
तब उसके सेवकों ने उसे उस रथ से निकालकर उसके ही एक दूसरे रथ में बैठा दिया और उसे येरूशलेम ले गये, जहां उसकी मृत्यु हो गई. उसे उसके पूर्वजों की कब्र में रखा गया. योशियाह के लिए सारे यहूदिया और येरूशलेम ने विलाप किया.
25 ২৫ যোশিয়ের জন্য যিরমিয় বিলাপের গান রচনা করলেন এবং আজও সমস্ত গায়ক গায়িকারা যোশিয়ের বিষয়ে বিলাপ গান করে। ইস্রায়েলে এটা একটা চল্‌তি নিয়ম হয়ে গেল এবং দেখো, বিলাপ গানের বইয়ে তা লেখা হল।
योशियाह के शोक में येरेमियाह ने एक विलापगीत प्रस्तुत किया. आज भी पुरुष और स्त्री गायक अपने शोक गीत में योशियाह का उल्लेख करते हैं. इस्राएल में इसे गाने की रीति हो गई है. इसे विलापगीत की पुस्तक में शामिल किया गया है.
26 ২৬ যোশিয়ের অন্যান্য সমস্ত কাজের কথা এবং সদাপ্রভুর আইন-কানুন অনুসারে তাঁর
योशियाह के बाकी कामों का वर्णन और याहवेह की व्यवस्था के प्रति उसके पहले के समर्पण द्वारा किए गए सुधारों का वर्णन,
27 ২৭ ঈশ্বরভক্তির সব কাজের কথা প্রথম থেকে শেষ পর্যন্ত আজও “ইস্রায়েল ও যিহূদার রাজাদের ইতিহাস” নামে বইটিতে লেখা আছে।
शुरू से अंत तक उसके सभी कामों का वर्णन इस्राएल और यहूदिया के राजा नामक पुस्तक में किया गया है.

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