< প্রথম রাজাবলি 7 >

1 শলোমন নিজের রাজবাড়ীটা তৈরী করতে তেরো বছর নিয়েছিলেন এবং তিনি তার বাড়ি তৈরী করা শেষ করলেন।
शलमोनाला स्वत: साठी महाल बांधण्यास तेरा वर्षे लागली.
2 তিনি লেবাননের বনের রাজবাড়িটি তৈরী করেছিলেন। এই ঘরটা একশো হাত লম্বা, পঞ্চাশ হাত চওড়া ও ত্রিশ হাত উঁচু ছিল। এরস কাঠের চার সারি থামের উপর এরস কাঠের ছেঁটে নেওয়া কড়িকাঠগুলি বসানো ছিল।
त्याने लबानोनगृह वनातील घरही बांधले. त्याची लांबी शंभर हात, रूंदी पन्नास हात व उंची तीस हात होती. ती ईमारत गंधसरुच्या स्तंभाच्या चार रांगावर असून प्रत्येक स्तंभावर गंधसरूच्या तुळ्या ठेवल्या होत्या.
3 থামের উপর বসানো কড়িকাঠগুলির উপরে এরস কাঠ দিয়ে ছাদ দেওয়া হল; এক এক সারিতে পনেরোটা করে পঁয়তাল্লিশটা কড়িকাঠ ছিল।
त्यावर छत म्हणून गंधसरुच्या लाकडाची पाटण होती. प्रत्येक ओळीत पंधरा खांब अशा पंचेचाळीस खांबांवर तुळ्या होत्या.
4 ঘরের চারপাশের দেয়ালে মুখোমুখি তিন সারি জানলা দেওয়া হল।
तिन्ही मजल्यावर तुळ्या असून भिंतींवर समोरासमोर येतील अशा खिडक्यांच्या तीन ओळी होत्या.
5 সমস্ত দরজা ও থামগুলো ছিল চার কোণা কড়িকাঠের; জানলাগুলো তিন সারিতে মুখোমুখি করে তৈরী করা হয়েছিল।
दोन्ही टोकांना तीन तीन दरवाजे होते. दाराची कवाडे आणि चौकटी काटकोन चौकोनात होत्या.
6 সেখানে একটি স্তম্ভশ্রেণী ছিল যেটি লম্বায় পঞ্চাশ হাত আর চওড়ায় ত্রিশ হাত। তার সামনে ছিল একটা ছাদ দেওয়া বারান্দা, আর সেই ছাদ কতগুলো থামের উপর বসানো ছিল।
शलमोनाने एक द्वारमंडपही उभारला होता. हा राजासनाचा मंडप पन्नास हात लांब आणि तीस हात रुंद होता. दर्शनी बाजूला आधार देणाऱ्या स्तंभाची रांग होती.
7 সিংহাসনের বড় ঘরে তিনি বিচার করবেন, বিচার করবার জন্য এই ঘরটা তৈরী করা হল। ঘরের দেয়াল নীচ থেকে উপর পর্যন্ত তিনি এরস কাঠ দিয়ে ঢেকে দিলেন।
मग सिंहासनावर बसून न्यायनिवाडा करण्यासाठी त्याने एक दालन बांधून घेतले. त्यास त्याने “न्यायासनाचा मंडप” असे नाव दिले होते. हे दालनही जमिनीपासून छतापर्यंत गंधसरुच्या लाकडाने आच्छादलेले होते.
8 যে ঘরে তিনি বাস করবেন সেটা বিচারের ঘরের পিছনে একই রকম তৈরী করলেন। ফরৌণের যে মেয়েকে তিনি বিয়ে করেছিলেন তাঁর জন্য সেই রকম করেই আর একটা ঘর তৈরী করলেন।
याच्याच आतल्या बाजूला त्याचे घर होते. त्याची बांधणी न्यायासनाच्या मंडपासारखीच होती. मिसरच्या फारो राजाची कन्या म्हणजे शलमोनची पत्नी हिच्यासाठीही त्याने असाच महाल बांधून घेतला.
9 রাজবাড়ীর বড় উঠান এবং সমস্ত দালানগুলোর ভিত্তি থেকে ওপর পর্যন্ত সবই ঠিক মাপে কাটা দামী পাথর দিয়ে তৈরী করা হয়েছিল। সেই পাথরগুলো করাত দিয়ে সমান করে কেটে নেওয়া হয়েছিল।
या सर्व इमारतींच्या बांधकामात किंमती दगडी चिरे वापरले होते. पुढून मागून घासून ते करवतीने योग्य मापाने कातले होते. पायापासून वळचणीपर्यंत त्यांचाच वापर केला होता. अंगणाभोवतालच्या भिंतीही याच बहुमूल्य दगडांनी बांधल्या होत्या.
10 ১০ দালানগুলোর ভিত্তি গাঁথা হয়েছিল বড় বড় দামী পাথর দিয়ে। সেগুলোর কোনো কোনোটা ছিল দশ হাত আবার কোনো কোনোটা আট হাত।
१०पायासाठी वापरलेले चिरेही असेच प्रशस्त व भारी होते. काहींची लांबी आठ व इतरांची दहा हात होती.
11 ১১ ভিত্তির পাথরগুলোর উপর ছিল ঠিক মাপে কাটা দামী পাথর ও এরস কাঠ।
११त्यांच्यावर आणखी चांगल्या प्रतीचे चिरे आणि गंधसरुचे वासे होते.
12 ১২ বারান্দা সুদ্ধ সদাপ্রভুর ঘরের ভিতরের উঠানের মতই রাজবাড়ীর বড় উঠানের চারপাশের দেয়াল সুন্দর করে কাটা তিন সারি পাথর ও এরস গাছের এক সারি মোটা কাঠ দিয়ে তৈরী করা হয়েছিল।
१२महाल, मंदिर आणि द्वारमंडप यांच्या सभोवती भिंत होती. तिला दगडांच्या तीन चिऱ्या आणि गंधसरुच्या लाकडाची एक ओळ परमेश्वराच्या मंदिराचे आतले अंगण व त्या मंदिराची देवडी यांच्याप्रमाणे ही रचना होती.
13 ১৩ রাজা শলোমন সোরে লোক পাঠিয়ে হীরমকে আনালেন।
१३राजा शलमोनाने सोराहून (तायरहून) हिराम नावाच्या मनुष्यास निरोप पाठवून यरूशलेम येथे बोलावून घेतले.
14 ১৪ তিনি নপ্তালি গোষ্ঠীর বিধবার পুত্র এবং তাঁর বাবা ছিলেন সোরের লোক। হীরম ব্রোঞ্জের কারিগর ছিলেন। হীরম ব্রোঞ্জের সমস্ত রকম কাজ জানতেন এবং সেই কাজে তিনি খুব পাকা ছিলেন। তিনি রাজা শলোমনের কাছে আসলেন এবং তাঁকে যে সব কাজ দেওয়া হল তা করলেন।
१४हिरामची आई नफताली वंशातील होती. त्याचे वडिल सोराचे (तायरचे) होते. ते चांगले तांबट कारागीर होते. हिराम हा एक ज्ञानाने, बुद्धीने, आणि कसबी तांबट होता. म्हणून शलमोन राजाने त्यालाच बोलावून घेतले. त्यानेही हे आमंत्रण स्विकारले. राजाने हिरामला सर्व पितळी कारागिरीवरील प्रमुख म्हणून नेमले. हिरामने पितळेपासून बनवलेल्या सर्व वस्तू घडविल्या.
15 ১৫ হীরম ব্রোঞ্জের দুটি থাম তৈরী করলেন। তার প্রত্যেকটি লম্বায় ছিল আঠারো হাত আর পরিধিতে বারো হাত।
१५हिरामने दोन पितळी स्तंभ घडवले. ते स्तंभ अठरा हात उंचीचे होते. त्या प्रत्येकाला वेढावयास बारा हात दोरी लागे.
16 ১৬ সেই দুটি থামের উপরে দেবার জন্য তিনি ব্রোঞ্জ ছাঁচে ফেলে দুটি মাথা তৈরী করলেন। মাথা দুটির প্রত্যেকটি পাঁচ হাত করে উঁচু ছিল।
१६शिवाय त्याने त्या खांबाच्या शेंड्यावर बसवण्यासाठी पितळेच दोन ओतीव कळस केले. त्या एकाएका कळसाची उंची पाच पाच हात होती.
17 ১৭ স্তম্ভের উপরে অবস্থিত সে মাথার জন্য জালি কাজের জাল ও শিকলের কাজের পাকান দড়ি ছিল; এক মাথার জন্য সাতটা, অন্য মাথার জন্যও সাতটা।
१७या खांबाच्या घुमटांना आच्छादण्यासाठी दोन जाळीदार, साखळीची आच्छादने केली. एकाला सात व दुसऱ्याला सात.
18 ১৮ তাই হীরম পাকানো সাতটা শিকল আর দুই সারি ব্রোঞ্জের ডালিম ফল তৈরী করলেন।
१८याप्रकारे त्याने खांब तयार करून त्यांच्या शेडंयावर प्रत्येक कळसास झाकण्यासाठी जाळ्यांच्या एका रांगेवर डाळिंबाच्या दोन रांगा केल्या.
19 ১৯ থামের উপরকার মাথা দুটির উপরের চার হাত ছিল লিলি ফুলের আকারের।
१९जे कळस देवडीच्या खांबांच्या शेंड्यांवर होते त्यांच्या चार हात जागेत कमळांचे काम केले होते.
20 ২০ মাথার নীচের অংশটা গোলাকার ছিল। সেই গোলাকার অংশের চারপাশে শিকলগুলো লাগানো ছিল। প্রত্যেকটি মাথার চারপাশে শিকলের সঙ্গে সারি সারি করে দুশো ডালিম ফল লাগানো ছিল।
२०हे घुमट स्तंभावर बसविलेले होते. परडीच्या आकाराच्या जाळीवर ते बसवले होते. या सगळ्या कळसांच्या भोवती रांगेने दोनशे डाळिंबे लावली होती.
21 ২১ হীরম সেই দুইটি ব্রোঞ্জের থাম উপাসনা ঘরের বারান্দায় স্থাপন করলেন। ডান দিকে যেটা রাখলেন তার নাম দেওয়া হল যাখীন যার মানে “যিনি স্থাপন করেন” এবং বাম দিকে যেটা রাখলেন তার নাম দেওয়া হল বোয়স যার মানে “তাঁর মধ্যেই শক্তি”।
२१हे दोन पितळी स्तंभ हिरामने द्वारमंडपाशी लावले. दक्षिणेकडील खांबाला याखीन (तो स्थापील) आणि उत्तरे कडील खांबाला बवाज (त्याच्या ठायी सामर्थ्य) असे नाव ठेवले.
22 ২২ লিলি ফুলের আকারের ব্রোঞ্জের মাথা দুটি সেই থাম দুটির উপরে বসানো ছিল। এই ভাবে সেই থাম তৈরীর কাজ শেষ করা হল।
२२कमळाच्या आकाराचे कळस या खांबांवर चढवले आणि या दोन स्तंभाचे काम संपले.
23 ২৩ তারপর হীরম ব্রোঞ্জের ছাঁচে ঢেলে জল রাখবার জন্য একটা গোল বিরাট পাত্র তৈরী করলেন। পাত্রটার এক দিক থেকে সোজাসুজি অন্য দিকের মাপ ছিল দশ হাত, গভীরতা পাঁচ হাত এবং বেড়ের চারপাশের মাপ ত্রিশ হাত।
२३मग त्याने एक गंगाळसागर ओतविला होता, त्याचा काठाकडला व्यास दहा हात होता; त्याचा आकार गोल असून त्याची उंची पाच हात होती व त्यास वेढायला तीस हात दोरी लागत असे.
24 ২৪ পাত্রটার মুখের বাইরের কিনারার নীচে প্রতি হাত জায়গায় দশটা করে দুই সারি পিতলের হাতল লাগানো ছিল। বিরাটাকায় পাত্রটি তৈরী করার দিন ই এগুলি লাগানো হয়।
२४या हौदाच्या कडेल्या बाहेरच्या बाजूला एक पट्टी बसवली होती. तिच्याखाली पितळी रानकाकड्यांच्या दोन रांगा होत्या. या काकड्या हौदाचाच एक भाग म्हणून एकसंधपणे करून घेतल्या होत्या.
25 ২৫ পাত্রটা বারোটা ব্রোঞ্জের গরুর পিঠের উপর বসানো ছিল। সেগুলোর তিনটা উত্তরমুখী, তিনটা পশ্চিমমুখী, তিনটা দক্ষিণমুখী ও তিনটা পূর্বমূখী ছিল এবং তাদের পিছনগুলো ছিল ভিতরের দিকে।
२५बारा पितळी बैलांच्या पाठीवर हा हौद विसावलेला होता. बैलांची तोंडे बाहेरच्या बाजूला होती. तिघांची तोंडे उत्तरेला, तिघांची दक्षिणेला, तिघांची पूर्वेला आणि तिघांची पश्चिमेला होती.
26 ২৬ পাত্রটা ছিল চার আঙ্গুল পুরু। তার মুখটা একটা বাটির মুখের মত ছিল এবং লিলি ফুলের পাপড়ির মত ছিল। তাতে 2,000 বালতি জল ধরত।
२६हौदाची जाडी वितभर होती; आणि वरची कड कटोऱ्याच्या कडेसारखी अथवा कमळफुलासारखी उमललेली होती. यामध्ये दोन हजार बथ पाणी मावत असे.
27 ২৭ হীরম ব্রোঞ্জের দশটা বেদির মত জিনিস তৈরী করলেন। সেগুলোর প্রত্যেকটি চার হাত লম্বা, চার হাত চওড়া ও তিন হাত উঁচু ছিল।
२७मग हिरामने दहा पितळी चौरंग बनवले. प्रत्येक चौरंग चार हात लांब, चार हात रुंद आणि तीन हात उंच होते.
28 ২৮ বেদির চারপাশের ব্রোঞ্জের পাত কাঠামোর মধ্যে বসানো ছিল।
२८चौरंग याप्रकारे बनविण्यात आले होते; त्यास पत्रे लावलेले होते आणि या पत्र्यास सभोवार कंगोरे होते.
29 ২৯ সেই পাতগুলোর উপরে সিংহ, গরু ও করূবের মূর্ত্তি ছিল এবং উপরের কাঠামোর সঙ্গে লাগানো একটা গামলা বসাবার আসন ছিল, সিংহ ও গরুর নীচে ফুলের মত নক্‌শা করা ছিল।
२९पितळी पत्रे आणि चौकट यांच्यावर सिंह, बैल व करुब देवदूत यांचे कोरीव काम होते. सिंह आणि बैल यांच्याखाली फुलांची वेलबुट्टी बसवलेली होती.
30 ৩০ প্রত্যেকটি বেদিতে ব্রোঞ্জের চক্র সুদ্ধ ব্রোঞ্জের চারটা চাকা ছিল। গামলা বসাবার জন্য চার কোণায় ব্রোঞ্জের চারটা অবলম্বন ছিল। সেগুলোতেও ফুলের মত নকশা করা ছিল।
३०प्रत्येक चौरंगाला पितळी धुऱ्यांवर पितळेची चारचार चाके लावलेली होती आणि चारही कोपऱ्यातून प्रशस्त घंगाळासाठी पितळी आधार दिलेले होते. त्यावरही फुलांचे सुबक काम केलेले होते.
31 ৩১ গামলা বসাবার আসনের মধ্যে একটা গোলাকার ফাঁকা জায়গা ছিল। সেই ফাঁকা জায়গাটার এক দিক থেকে সোজাসুজি অন্য দিকের মাপ হল দেড় হাত। সেই ফাঁকা জায়গার চারদিকে খোদাই করা কারুকাজ ছিল। গামলাটা সেই ফাঁকা জায়গার মধ্যে বসানো হলে পর আসন থেকে গামলাটার উচ্চতা হল এক হাত। বাক্সের পাতগুলো গোল ছিল না, চৌকো ছিল।
३१कळसाच्या आतल्या बाजूपासून वरपर्यंत त्याचे तोंड एक हात उंच होते हे तोंड बैठकीसारखे असून त्याचा व्यास दीड हात होता, त्यावर काही कोरीव काम होते, त्याच्या पट्टया गोल नसून चौकोनी होत्या.
32 ৩২ পাতগুলোর নীচে চারটা চাকা ছিল আর চাকার অক্ষদন্ডগুলো বাক্সের সঙ্গে লাগানো ছিল। প্রত্যেকটি চাকা দেড় হাত উঁচু ছিল।
३२चारही चाके पट्यांच्या खाली होती व प्रत्येक चाकाच्या धुऱ्या तळाशी जोडल्या होत्या, त्या प्रत्येक चाकाची उंची दीड हात होती.
33 ৩৩ চাকাগুলো রথের চাকার মত ছিল; অক্ষদন্ড, চাকার বেড়, শিক ও মধ্যের নাভি সবই ছাঁচে ঢালাই করা ধাতু ছিল।
३३रथाच्या चाकांसारखी ही चाके होती. आणि त्याच्या धुऱ्या धावा, आरे आणि तुंबे असे सर्वकाही ओतीव पितळेचे होते.
34 ৩৪ প্রত্যেকটি বাক্সের চার কোণায় চারটা অবলম্বন লাগানো ছিল।
३४प्रत्येक चौरंगाच्या चारही कोपऱ्यांना आधार दिलेले होते. तेही एकसंध होते.
35 ৩৫ বেদির উপরে পিতল দিয়ে তৈরী আধ হাত উঁচু একটা গোলাকার জিনিস ছিল। এই গোলাকার জিনিসটা বেদির সঙ্গেই তৈরী করা হয়েছিল।
३५प्रत्येक चौरंगावर अर्धा हात उंच गोलाकार झाकण होते, व त्या झाकणाचे टेकावे व त्याच्या पट्टया ही चौरंगाशी अंखड होत्या.
36 ৩৬ সেই গোলাকার জিনিসের বাইরের দিকে ভাগে ভাগে করূব, সিংহ ও খেজুর গাছ খোদাই করা হয়েছিল। প্রতিটি ভাগের ফাঁকে অবলম্বন ছিল, আর সেই অবলম্বনের উপরে তৈরী করা ছিল ফুলের মত নক্‌শা।
३६चौरंगाची बाहेरची बाजू आणि चौकट यांच्यावर करुब देवदूत, सिंह, खजूरीची झाडे यांचे कोरीव काम पितळेचे केलेले होते. ही नक्षी अगदी भरगच्च असून त्यामध्ये कुठेही मोकळी जागा नव्हती. शिवाय भोवताली फुलांची नक्षी होती.
37 ৩৭ এইভাবেই তিনি দশটা বেদি তৈরী করলেন। সেগুলো একই ছাঁচে ঢালা হয়েছিল এবং আয়তন ও আকারে একই রকম ছিল।
३७हिरामने अशाप्रकारे अगदी एकसारखे एक असे दहा पितळी चौरंग घडवले. हे सर्व ओतीव काम होते त्यामुळे ते तंतोतंत एकसारखे होते.
38 ৩৮ তিনি প্রত্যেকটি বেদির জন্য একটা করে ব্রোঞ্জের দশটা গামলা তৈরী করলেন। প্রত্যেকটি গামলার বেড় ছিল চার হাত এবং তাতে চল্লিশ বাৎ আনুমাণিক আটশো আশি বালতি জল ধরত। ঐ দশটি বেদির মধ্যে এক একটি বেদির ওপরে এক একটি গামলা থাকত।
३८हिरामने अशीच दहा गंगाळे केली. ती या दहा चौरंगासाठी प्रत्येकी एक याप्रमाणे होती. प्रत्येक गंगाळाचा व्यास चार हात होतो. त्यामध्ये चाळीस बथ पाणी मावू शकत असे.
39 ৩৯ তিনি উপাসনা ঘরের দক্ষিণ দিকে পাঁচটা এবং উত্তর দিকে পাঁচটা বাক্স রাখলেন; আর দক্ষিণ পূর্ব কোণায় রাখলেন সেই বিরাট পাত্রটা।
३९त्याने पाच बैठकी मंदिराच्या उत्तरेला आणि दक्षिणेला पाच व गंगाळसागर मंदिराच्या उजवीकडे पूर्व दिशेला ठेवल्या.
40 ৪০ এছাড়া তিনি অন্যান্য পাত্র, বড় হাতা ও বাটি তৈরী করলেন। এই ভাবে রাজা শলোমনের জন্য হীরম সদাপ্রভুর ঘরের যে যে কাজ আরম্ভ করেছিলেন তা শেষ করলেন। সেগুলো হল:
४०याखेरीज हिरामने वाडगी, पावडी, लहान गंगाळे बनवली. शलमोन राजाने सांगितले ते सर्व हिरामने केले. परमेश्वराच्या मंदिरासाठी हिरामने ज्या वस्तू घडवल्या
41 ৪১ দুটো থাম, থামের উপরকার গোলাকার দুটো বাটির মতো জিনিস ছিল, সেই বাটির উপরটা সাজাবার জন্য দুই সারি কারুকাজ করা জালির ঢাকনা ছিল;
४१त्यांची यादी पुढीलप्रमाणे: दोन स्तंभ स्तंभाच्या कळसांवर बसवायच्या दोन घुमट्या त्यांच्या भोवतीच्या दोन जाळ्या
42 ৪২ সেই জালিকার্য্যের জন্য চারশো ডালিম থামের উপরকার বাটির গোলাকার অংশটা সাজাবার জন্য প্রত্যেক সারি জালিকার্য্যের জন্য দুই সারি ডালিম;
४२या दोन जाळ्यांसाठी चारशे नक्षीदार डाळिंबे तयार केली खांबाच्या शेंडयावरील प्याल्याच्या आकाराचे कळसाचे भाग झाकावयाच्या जाळ्यासाठी या डाळींबाच्या दोन-दोन रांगा होत्या.
43 ৪৩ দশটা বেদি ও বেদির ওপরে দশটা গামলা;
४३दहा चौंरग व त्यांच्यावरील दहा गंगाळे,
44 ৪৪ বিরাট পাত্র ও তার নীচের বারোটা গরু তৈরী করছিলেন;
४४एक गंगाळसागर व त्याच्याखालचे बारा बैल;
45 ৪৫ পাত্র, বড় হাতা ও বাটি। হীরম যে সব জিনিস রাজা শলোমনের নির্দেশে সদাপ্রভুর ঘরের জন্য তৈরী করেছিলেন সেগুলো ছিল চক্‌চকে পিতলের।
४५याखेरीज हंडे, पातेली, पावडी अशी परमेश्वराच्या मंदिरासाठी वेगवेगळी पात्रे शलमोन राजाच्या इच्छेखातर हिरामने बनवले. ते सर्व लखलखीत पितळेच होते.
46 ৪৬ যর্দ্দনের সমভূমিতে সুক্কোৎ ও সর্ত্তনের মাঝামাঝি এক জায়গায় রাজা এই সব জিনিস মাটির ছাঁচে ফেলে তৈরী করিয়েছিলেন।
४६सुक्कोथ आणि सारतान यांच्यामध्ये यार्देन नदीच्या तीरावर असलेल्या मैदानावर शलमोन राजाने हे काम करायला सांगितले. पितळ वितळवून मातीच्या साच्यात हे ओतकाम करण्यात आले.
47 ৪৭ জিনিসগুলোর সংখ্যা এত বেশী ছিল যে, শলোমন সেগুলো ওজন করেননি কারণ তার ওজন বেশি ভারী ছিল; সেইজন্য পিতলের পরিমাণ জানা যায় নি।
४७या सगळ्यासाठी किती पितळ लागले ते शलमोन राजाने बघितले नाही. वजन करायचे म्हटले तरी ते खूपच होते. त्यामुळे या सर्व वस्तूंचे नक्की वजन कधीच माहीत झाले नाही.
48 ৪৮ সদাপ্রভুর ঘরের যে সব জিনিসপত্র শলোমন তৈরী করিয়েছিলেন সেগুলো হল: সোনার বেদী, দর্শন রুটি রাখবার টেবিল;
४८शलमोनाने परमेश्वराच्या मंदिरासाठी सोन्याच्याही कितीतरी वस्तू करवून घेतल्या. त्या अशा: सोन्याचे मेज (देवाची सोन्याची वेदी समर्पित भाकर ठेवण्यासाठी)
49 ৪৯ খাঁটি সোনার বাতিদান সেগুলো ছিল মহাপবিত্র স্থানের সামনে, ডানে পাঁচটা ও বাঁয়ে পাঁচটা; সোনার ফুল, বাতি এবং চিম্‌টা;
४९शुद्ध सोन्याच्या समया. (या परमपवित्र गाभाऱ्यासमोर उजवीडावीकडे पाच पाच लावलेल्या होत्या) सोन्याची फुले, दिवे आणि चिमटे ही सोन्याची करवली होती.
50 ৫০ খাঁটি সোনার পেয়ালা, সলতে পরিষ্কার করবার চিমটা, বাটি, চামচ ও আগুন রাখবার পাত্র; ভিতরের কামরার, অর্থাৎ মহাপবিত্র স্থানের দরজার জন্য এবং উপাসনা ঘরের প্রধান কামরার দরজার জন্য সোনার কবজা।
५०पेले, कातरी, कटोरे, चमचे व धूपदाने ही शुद्ध सोन्याची करवली होती; तसेच मंदिराचा आतील भाग म्हणजे परमपवित्रस्थान यांचे दरवाजे व पवित्रस्थानाच्या दाराच्या बिजागऱ्या सोन्याच्या बनवल्या होत्या.
51 ৫১ এই ভাবে রাজা শলোমন সদাপ্রভুর ঘরের সমস্ত কাজ শেষ করলেন। তারপর তিনি তাঁর বাবা দায়ূদ যে সব জিনিস সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে আলাদা করে রেখেছিলেন সেগুলো নিয়ে আসলেন। সেগুলো ছিল সোনা, রূপা এবং বিভিন্ন পাত্র। সেগুলো তিনি সদাপ্রভুর ঘরের ধনভান্ডারে রেখে দিলেন।
५१परमेश्वराच्या मंदिराचे हे काम शलमोन राजाने स्वत: च्या हाती घेतले ते संपवले. मग आपले वडिल दावीद यांनी समर्पिलेले सोने, चांदी व पात्रे ही शलमोनाने आत आणून परमेश्वराच्या मंदिराच्या भांडारात ठेवली.

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