< প্রথম রাজাবলি 7 >

1 শলোমন নিজের রাজবাড়ীটা তৈরী করতে তেরো বছর নিয়েছিলেন এবং তিনি তার বাড়ি তৈরী করা শেষ করলেন।
इसी समय शलोमोन अपना महल भी बनवा रहे थे, जिसको बनने में तेरह साल लग गए.
2 তিনি লেবাননের বনের রাজবাড়িটি তৈরী করেছিলেন। এই ঘরটা একশো হাত লম্বা, পঞ্চাশ হাত চওড়া ও ত্রিশ হাত উঁচু ছিল। এরস কাঠের চার সারি থামের উপর এরস কাঠের ছেঁটে নেওয়া কড়িকাঠগুলি বসানো ছিল।
उन्होंने लबानोन वन महल जो बनवाया, यह पैंतालीस मीटर लंबा, साढ़े बाईस मीटर चौड़ा और साढ़े तेरह मीटर ऊंचा था. इसमें देवदार के मीनारों की चार पंक्तियां थी, जिन पर देवदार ही की कड़ियां रखी थी.
3 থামের উপর বসানো কড়িকাঠগুলির উপরে এরস কাঠ দিয়ে ছাদ দেওয়া হল; এক এক সারিতে পনেরোটা করে পঁয়তাল্লিশটা কড়িকাঠ ছিল।
कमरों की छत देवदार पटरियों से ढकी थी, जो पैंतालीस मीनारों पर थी; हर एक पंक्ति में पन्द्रह
4 ঘরের চারপাশের দেয়ালে মুখোমুখি তিন সারি জানলা দেওয়া হল।
खिड़कियों की चौखटें तीन पंक्तियों में थी, और खिड़कियां आमने-सामने तीन पंक्तियों में थी.
5 সমস্ত দরজা ও থামগুলো ছিল চার কোণা কড়িকাঠের; জানলাগুলো তিন সারিতে মুখোমুখি করে তৈরী করা হয়েছিল।
खिड़कियों और दरवाजों के चौखट चौकोर थे और खिड़कियां तीन पंक्तियों में आमने-सामने थी.
6 সেখানে একটি স্তম্ভশ্রেণী ছিল যেটি লম্বায় পঞ্চাশ হাত আর চওড়ায় ত্রিশ হাত। তার সামনে ছিল একটা ছাদ দেওয়া বারান্দা, আর সেই ছাদ কতগুলো থামের উপর বসানো ছিল।
शलोमोन ने साढ़े बाईस मीटर लंबे और साढ़े तेरह मीटर चौड़े एक कमरे का निर्माण किया. इस कमरे के सामने मीनारों पर रखा छज्जा बनाया गया—एक बरामदा.
7 সিংহাসনের বড় ঘরে তিনি বিচার করবেন, বিচার করবার জন্য এই ঘরটা তৈরী করা হল। ঘরের দেয়াল নীচ থেকে উপর পর্যন্ত তিনি এরস কাঠ দিয়ে ঢেকে দিলেন।
फिर उन्होंने सिंहासन का कमरा भी बनाया, जहां से वह न्याय करने पर थे. इसे न्याय कक्ष भी कहा गया, इसे भी ज़मीन से छतों तक देवदार की पटरियों से ढक दिया.
8 যে ঘরে তিনি বাস করবেন সেটা বিচারের ঘরের পিছনে একই রকম তৈরী করলেন। ফরৌণের যে মেয়েকে তিনি বিয়ে করেছিলেন তাঁর জন্য সেই রকম করেই আর একটা ঘর তৈরী করলেন।
उनका अपना घर, जहां से वह न्याय करने पर थे, इस कमरे के पीछे बनाया गया. यह भी इसी प्रकार की कलाकृति के अनुसार बनाया गया. शलोमोन ने फ़रोह की पुत्री, अपनी विवाहित पत्नी के लिए भी इसी महल के समान महल बनवाया.
9 রাজবাড়ীর বড় উঠান এবং সমস্ত দালানগুলোর ভিত্তি থেকে ওপর পর্যন্ত সবই ঠিক মাপে কাটা দামী পাথর দিয়ে তৈরী করা হয়েছিল। সেই পাথরগুলো করাত দিয়ে সমান করে কেটে নেওয়া হয়েছিল।
ये सभी कीमती पत्थरों से बनाए गए थे, जिन्हें सावधानीपूर्वक माप के अनुसार किया गया था; अंदरूनी हिस्सा, बाहरी हिस्सा, नींव से लेकर छत तक, बड़े आंगन तक.
10 ১০ দালানগুলোর ভিত্তি গাঁথা হয়েছিল বড় বড় দামী পাথর দিয়ে। সেগুলোর কোনো কোনোটা ছিল দশ হাত আবার কোনো কোনোটা আট হাত।
नींव के लिए इस्तेमाल किए गए पत्थर बहुत बड़े-बड़े थे जिनकी लंबाई साढ़े चार मीटर और चौड़ाई साढ़े तीन मीटर थी. ये सभी पत्थर कीमती श्रेणी के थे.
11 ১১ ভিত্তির পাথরগুলোর উপর ছিল ঠিক মাপে কাটা দামী পাথর ও এরস কাঠ।
इनके ऊपर कीमती पत्थर और देवदार के खंभे भी थे.
12 ১২ বারান্দা সুদ্ধ সদাপ্রভুর ঘরের ভিতরের উঠানের মতই রাজবাড়ীর বড় উঠানের চারপাশের দেয়াল সুন্দর করে কাটা তিন সারি পাথর ও এরস গাছের এক সারি মোটা কাঠ দিয়ে তৈরী করা হয়েছিল।
बड़े आंगन में चारों ओर काटी गई चट्टानों की तीन पंक्तियां थी. उसके बाद देवदार की छतों की एक पंक्ति; ठीक ऐसी ही संरचना याहवेह के भवन के भीतरी आंगन और भवन की बीच वाली ड्योढ़ी की थी.
13 ১৩ রাজা শলোমন সোরে লোক পাঠিয়ে হীরমকে আনালেন।
राजा शलोमोन ने दूत भेजकर सोर देश से हूराम को बुलवा लिया.
14 ১৪ তিনি নপ্তালি গোষ্ঠীর বিধবার পুত্র এবং তাঁর বাবা ছিলেন সোরের লোক। হীরম ব্রোঞ্জের কারিগর ছিলেন। হীরম ব্রোঞ্জের সমস্ত রকম কাজ জানতেন এবং সেই কাজে তিনি খুব পাকা ছিলেন। তিনি রাজা শলোমনের কাছে আসলেন এবং তাঁকে যে সব কাজ দেওয়া হল তা করলেন।
हूराम विधवा का पुत्र था, जो नफताली की वंशज थी. हूराम का पिता सोर देश का ही वासी था वह कांसे की धातु का शिल्पी था. उसमें ऐसी बुद्धि और कौशल था कि वह कांसे से किसी भी प्रकार का काम कर सकता था. उसने आकर राजा शलोमोन का सारा काम भार अपने हाथ में ले लिया.
15 ১৫ হীরম ব্রোঞ্জের দুটি থাম তৈরী করলেন। তার প্রত্যেকটি লম্বায় ছিল আঠারো হাত আর পরিধিতে বারো হাত।
उसने कांसे के दो खंभे गढ़े. एक खंभे की ऊंचाई आठ मीटर की थी और इसका घेरा साढ़े पांच मीटर. दूसरा खंभा भी इसी के समान था.
16 ১৬ সেই দুটি থামের উপরে দেবার জন্য তিনি ব্রোঞ্জ ছাঁচে ফেলে দুটি মাথা তৈরী করলেন। মাথা দুটির প্রত্যেকটি পাঁচ হাত করে উঁচু ছিল।
उसने ढाले गए कांसे के दो सिर बनाए कि इन्हें खंभों के ऊपर बैठाया जा सके. हर एक सिर की ऊंचाई सवा दो मीटर थी.
17 ১৭ স্তম্ভের উপরে অবস্থিত সে মাথার জন্য জালি কাজের জাল ও শিকলের কাজের পাকান দড়ি ছিল; এক মাথার জন্য সাতটা, অন্য মাথার জন্যও সাতটা।
इसके बाद हूराम ने दोनों ही खंभों के सिरों के लिए कड़ियों में बुनी हुई सात-सात चौकोर जालीदार झालरें बनवाई.
18 ১৮ তাই হীরম পাকানো সাতটা শিকল আর দুই সারি ব্রোঞ্জের ডালিম ফল তৈরী করলেন।
इसी प्रकार उसने अनार गढ़े और खंभों के सिरों को ढकने के लिए दो पंक्तियों में अनार लटका दिए.
19 ১৯ থামের উপরকার মাথা দুটির উপরের চার হাত ছিল লিলি ফুলের আকারের।
ड्योढ़ी के खंभों के सिरों पर सोसन के फूल उकेरे गए थे. इनकी ऊंचाई लगभग दो मीटर थी.
20 ২০ মাথার নীচের অংশটা গোলাকার ছিল। সেই গোলাকার অংশের চারপাশে শিকলগুলো লাগানো ছিল। প্রত্যেকটি মাথার চারপাশে শিকলের সঙ্গে সারি সারি করে দুশো ডালিম ফল লাগানো ছিল।
दोनों खंभों पर सिर बैठाए गए थे दोनों खंभों की गोलाकार रचना के ऊपर जालीदार रचना के पास खंभों के सिरों के चारों ओर दो पंक्तियों में दो सौ अनार उकेरे गए थे.
21 ২১ হীরম সেই দুইটি ব্রোঞ্জের থাম উপাসনা ঘরের বারান্দায় স্থাপন করলেন। ডান দিকে যেটা রাখলেন তার নাম দেওয়া হল যাখীন যার মানে “যিনি স্থাপন করেন” এবং বাম দিকে যেটা রাখলেন তার নাম দেওয়া হল বোয়স যার মানে “তাঁর মধ্যেই শক্তি”।
उन्होंने मंदिर के बरामदा में खंभे बनाए, एक दक्षिण दिशा में, दूसरा उत्तर दिशा में. दक्षिण खंभे को उन्होंने याकिन नाम दिया और उत्तरी खंभे को बोअज़.
22 ২২ লিলি ফুলের আকারের ব্রোঞ্জের মাথা দুটি সেই থাম দুটির উপরে বসানো ছিল। এই ভাবে সেই থাম তৈরীর কাজ শেষ করা হল।
खंभों के ऊपरी छोर पर सोसन के फूल उकेरे गए थे. यह सब होने पर खंभों से संबंधित सारा काम पूरा हो गया.
23 ২৩ তারপর হীরম ব্রোঞ্জের ছাঁচে ঢেলে জল রাখবার জন্য একটা গোল বিরাট পাত্র তৈরী করলেন। পাত্রটার এক দিক থেকে সোজাসুজি অন্য দিকের মাপ ছিল দশ হাত, গভীরতা পাঁচ হাত এবং বেড়ের চারপাশের মাপ ত্রিশ হাত।
शलोमोन ने ढली हुई धातु का एक पानी का हौद बनवाया, जो गोल था और उसका व्यास साढ़े चार मीटर और उसकी ऊंचाई थी सवा दो मीटर इसका कुल घेर था साढ़े तेरह मीटर.
24 ২৪ পাত্রটার মুখের বাইরের কিনারার নীচে প্রতি হাত জায়গায় দশটা করে দুই সারি পিতলের হাতল লাগানো ছিল। বিরাটাকায় পাত্রটি তৈরী করার দিন ই এগুলি লাগানো হয়।
इस कुंड की किनारी के नीचे सज्जापूर्ण तुम्बियों की दो पंक्तियां ढाली गई थी; प्रति मीटर बीस तुम्बियों.
25 ২৫ পাত্রটা বারোটা ব্রোঞ্জের গরুর পিঠের উপর বসানো ছিল। সেগুলোর তিনটা উত্তরমুখী, তিনটা পশ্চিমমুখী, তিনটা দক্ষিণমুখী ও তিনটা পূর্বমূখী ছিল এবং তাদের পিছনগুলো ছিল ভিতরের দিকে।
यह हौद बारह बछड़ों पर रखा, गया था; तीन उत्तर दिशा की ओर मुख किए हुए थे, तीन पश्चिम दिशा की ओर, तीन दक्षिण दिशा की ओर, और तीन पूर्व दिशा की ओर थे. यह हौद इन्हीं पर रखा गया था, और इन सभी के पिछले पैर अंदर की ओर थे.
26 ২৬ পাত্রটা ছিল চার আঙ্গুল পুরু। তার মুখটা একটা বাটির মুখের মত ছিল এবং লিলি ফুলের পাপড়ির মত ছিল। তাতে 2,000 বালতি জল ধরত।
इस कुंड की धातु की मोटाई लगभग आठ सेंटीमीटर थी. इसकी किनारी को वैसा ही आकार दिया गया था जैसा किसी कटोरे को सोसन के फूल के समान आकार दिया गया हो. इस कुंड में लगभग नब्बे हज़ार लीटर जल समाता था.
27 ২৭ হীরম ব্রোঞ্জের দশটা বেদির মত জিনিস তৈরী করলেন। সেগুলোর প্রত্যেকটি চার হাত লম্বা, চার হাত চওড়া ও তিন হাত উঁচু ছিল।
हूराम ने कांसे के दस ठेले बनाए. हर एक ठेले की लंबाई एक मीटर अस्सी सेंटीमीटर, चौड़ाई एक मीटर अस्सी सेंटीमीटर और ऊंचाई एक मीटर पैंतीस सेंटीमीटर थी.
28 ২৮ বেদির চারপাশের ব্রোঞ্জের পাত কাঠামোর মধ্যে বসানো ছিল।
इन ठेलों की बनावट इस प्रकार की थी: इनमें ऐसे हिल्ले थे, जो चौखटों में लगाए थे.
29 ২৯ সেই পাতগুলোর উপরে সিংহ, গরু ও করূবের মূর্ত্তি ছিল এবং উপরের কাঠামোর সঙ্গে লাগানো একটা গামলা বসাবার আসন ছিল, সিংহ ও গরুর নীচে ফুলের মত নক্‌শা করা ছিল।
चौखटों में लगाए गए इन हिल्लों पर सिंह, बैल और करूबों की आकृतियां उभरी हुई थी. इन आकृतियां के ऊपर और नीचे तिरछी झालरें लटकी हुई थी.
30 ৩০ প্রত্যেকটি বেদিতে ব্রোঞ্জের চক্র সুদ্ধ ব্রোঞ্জের চারটা চাকা ছিল। গামলা বসাবার জন্য চার কোণায় ব্রোঞ্জের চারটা অবলম্বন ছিল। সেগুলোতেও ফুলের মত নকশা করা ছিল।
हर एक ठेले के कांसे के चार-चार पहिये और कांसे की धुरियां थी. चारों कोनों पर चिलमची रखने का स्थान था. ये आधार ढाल कर बनाए गए थे. इनके किनारों पर दोनों ओर झालरें लटक रही थी.
31 ৩১ গামলা বসাবার আসনের মধ্যে একটা গোলাকার ফাঁকা জায়গা ছিল। সেই ফাঁকা জায়গাটার এক দিক থেকে সোজাসুজি অন্য দিকের মাপ হল দেড় হাত। সেই ফাঁকা জায়গার চারদিকে খোদাই করা কারুকাজ ছিল। গামলাটা সেই ফাঁকা জায়গার মধ্যে বসানো হলে পর আসন থেকে গামলাটার উচ্চতা হল এক হাত। বাক্সের পাতগুলো গোল ছিল না, চৌকো ছিল।
ठेलों के भीतर गोलाकार गड्ढा था, जो लगभग आधा मीटर गहरा था. इसे एक आधार पर रखा गया था, जो लगभग सत्तर सेंटीमीटर था, जिस पर चित्रकारी की गई थी. ठेले के हिल्ले गोल नहीं, चौकोर थे.
32 ৩২ পাতগুলোর নীচে চারটা চাকা ছিল আর চাকার অক্ষদন্ডগুলো বাক্সের সঙ্গে লাগানো ছিল। প্রত্যেকটি চাকা দেড় হাত উঁচু ছিল।
चारों पहिये हिल्लों के नीचे थे, और पहियों की धुरियां ठेलों की मूल संरचना का ही अंग थी. पहियों की ऊंचाई लगभग सत्तर सेंटीमीटर थी.
33 ৩৩ চাকাগুলো রথের চাকার মত ছিল; অক্ষদন্ড, চাকার বেড়, শিক ও মধ্যের নাভি সবই ছাঁচে ঢালাই করা ধাতু ছিল।
इन पहियों को ठीक रथ के पहियों समान गढ़ा गया था; उनकी धुरियां, नेमियां, आरियां और नाभियां सभी ढाले हुए थे.
34 ৩৪ প্রত্যেকটি বাক্সের চার কোণায় চারটা অবলম্বন লাগানো ছিল।
हर एक ठेले के चारों कोनों पर एक-एक टेक था और यह टेक ठेले ही का अंग था.
35 ৩৫ বেদির উপরে পিতল দিয়ে তৈরী আধ হাত উঁচু একটা গোলাকার জিনিস ছিল। এই গোলাকার জিনিসটা বেদির সঙ্গেই তৈরী করা হয়েছিল।
ठेले के ऊपरी ओर पर लगभग तेईस सेंटीमीटर चौड़ी गोल पट्टी लगी हुई थी. ठेले की ऊपरी टेके और हिल्ले धातु के एक ही टुकड़े से गढ़ गए थे; वे ठेले से जोड़े नहीं गए थे.
36 ৩৬ সেই গোলাকার জিনিসের বাইরের দিকে ভাগে ভাগে করূব, সিংহ ও খেজুর গাছ খোদাই করা হয়েছিল। প্রতিটি ভাগের ফাঁকে অবলম্বন ছিল, আর সেই অবলম্বনের উপরে তৈরী করা ছিল ফুলের মত নক্‌শা।
हूराम ने हिल्लों पर उनकी किनारियों और रिक्त स्थानों पर करूब, सिंह और खजूर वृक्ष उकेर दिए थे. इन सभी के आस-पास झालरें उकेरी गई थी.
37 ৩৭ এইভাবেই তিনি দশটা বেদি তৈরী করলেন। সেগুলো একই ছাঁচে ঢালা হয়েছিল এবং আয়তন ও আকারে একই রকম ছিল।
हूराम ने दस ठेले इस प्रकार बनाए. वे सभी एक ही सांचे, एक ही आकार में ढाले गए थे.
38 ৩৮ তিনি প্রত্যেকটি বেদির জন্য একটা করে ব্রোঞ্জের দশটা গামলা তৈরী করলেন। প্রত্যেকটি গামলার বেড় ছিল চার হাত এবং তাতে চল্লিশ বাৎ আনুমাণিক আটশো আশি বালতি জল ধরত। ঐ দশটি বেদির মধ্যে এক একটি বেদির ওপরে এক একটি গামলা থাকত।
हूराम ने कांस्य की दस चिलमचियां भी बनाईं; हर एक में एक हज़ार आठ सौ लीटर जल समाता था. हर एक चिलमची लगभग दो मीटर गहरी थी. हर एक ठेले के लिए एक-एक चिलमची ठहराई गई थी.
39 ৩৯ তিনি উপাসনা ঘরের দক্ষিণ দিকে পাঁচটা এবং উত্তর দিকে পাঁচটা বাক্স রাখলেন; আর দক্ষিণ পূর্ব কোণায় রাখলেন সেই বিরাট পাত্রটা।
इसके बाद उन्होंने पांच ठेले भवन के दक्षिण की ओर और पांच उत्तरी ओर में लगा दिए. उन्होंने कुंड को भवन की दाहिनी ओर स्थापित कर दिया.
40 ৪০ এছাড়া তিনি অন্যান্য পাত্র, বড় হাতা ও বাটি তৈরী করলেন। এই ভাবে রাজা শলোমনের জন্য হীরম সদাপ্রভুর ঘরের যে যে কাজ আরম্ভ করেছিলেন তা শেষ করলেন। সেগুলো হল:
यह सब करके हूराम ने चिमचियां, बेलचे और कटोरियां भी बनाईं. हूराम ने राजा शलोमोन के लिए याहवेह के भवन से संबंधित सारा काम खत्म कर दिया.
41 ৪১ দুটো থাম, থামের উপরকার গোলাকার দুটো বাটির মতো জিনিস ছিল, সেই বাটির উপরটা সাজাবার জন্য দুই সারি কারুকাজ করা জালির ঢাকনা ছিল;
दो मीनार, इन मीनारों के ऊपर लगाए गए दो गोलाकार कंगनियां; खंभे के सिरों के गोलाकार भागों के ऊपर लटकाई गई जाली;
42 ৪২ সেই জালিকার্য্যের জন্য চারশো ডালিম থামের উপরকার বাটির গোলাকার অংশটা সাজাবার জন্য প্রত্যেক সারি জালিকার্য্যের জন্য দুই সারি ডালিম;
दोनों मीनारों के सिरों पर लगाए गए चार सौ अनार; हर एक के लिए दो सौ, दो सौ अनार जो खंभों के सिरों पर लगाए गए थे;
43 ৪৩ দশটা বেদি ও বেদির ওপরে দশটা গামলা;
दस ठेले; जिन पर टेकों पर रखी गई दस चिलमचियां,
44 ৪৪ বিরাট পাত্র ও তার নীচের বারোটা গরু তৈরী করছিলেন;
और वह एक हौद और उसके नीचे स्थापित किए गए वे बारह बछड़े और
45 ৪৫ পাত্র, বড় হাতা ও বাটি। হীরম যে সব জিনিস রাজা শলোমনের নির্দেশে সদাপ্রভুর ঘরের জন্য তৈরী করেছিলেন সেগুলো ছিল চক্‌চকে পিতলের।
चिलमचियां, बेलचे और कटोरियां. याहवेह के भवन में राजा शलोमोन के लिए हूराम ने जितने भी बर्तन बनाए थे, वे सभी रगड़कर चमकाए गए कांसे के थे.
46 ৪৬ যর্দ্দনের সমভূমিতে সুক্কোৎ ও সর্ত্তনের মাঝামাঝি এক জায়গায় রাজা এই সব জিনিস মাটির ছাঁচে ফেলে তৈরী করিয়েছিলেন।
राजा ने इनकी ढलाई यरदन घाटी में, जो सुक्कोथ और ज़ारेथान में है, मिट्टी के सांचों में ढाल कर की थी.
47 ৪৭ জিনিসগুলোর সংখ্যা এত বেশী ছিল যে, শলোমন সেগুলো ওজন করেননি কারণ তার ওজন বেশি ভারী ছিল; সেইজন্য পিতলের পরিমাণ জানা যায় নি।
शलोमोन ने इन्हें तोलना सही न समझा क्योंकि ये सब संख्या में बहुत ही ज्यादा थे; कांसे को मापना संभव न था.
48 ৪৮ সদাপ্রভুর ঘরের যে সব জিনিসপত্র শলোমন তৈরী করিয়েছিলেন সেগুলো হল: সোনার বেদী, দর্শন রুটি রাখবার টেবিল;
इस प्रकार शलोमोन ने याहवेह के भवन में इस्तेमाल के लिए ठहराए गए सभी बर्तनों का निर्माण पूरा किया: सोने की वेदी, भेंट की रोटी के लिए ठहराई गई सोने की मेज़,
49 ৪৯ খাঁটি সোনার বাতিদান সেগুলো ছিল মহাপবিত্র স্থানের সামনে, ডানে পাঁচটা ও বাঁয়ে পাঁচটা; সোনার ফুল, বাতি এবং চিম্‌টা;
अंदरूनी कमरे के सामने शुद्ध कुन्दन के दीवट; पांच दक्षिण दिशा में और पांच उत्तर दिशा में, सोने के फूल, दीपक और चिमटे, बर्तन;
50 ৫০ খাঁটি সোনার পেয়ালা, সলতে পরিষ্কার করবার চিমটা, বাটি, চামচ ও আগুন রাখবার পাত্র; ভিতরের কামরার, অর্থাৎ মহাপবিত্র স্থানের দরজার জন্য এবং উপাসনা ঘরের প্রধান কামরার দরজার জন্য সোনার কবজা।
कुन्दन के ठहराए गए बर्तन; अंदरूनी कमरा परम पवित्र स्थान के दरवाजों के लिए सोने के ही कब्जे और बीचवाले भवन के दरवाजों के लिए सोने के कब्जे.
51 ৫১ এই ভাবে রাজা শলোমন সদাপ্রভুর ঘরের সমস্ত কাজ শেষ করলেন। তারপর তিনি তাঁর বাবা দায়ূদ যে সব জিনিস সদাপ্রভুর উদ্দেশ্যে আলাদা করে রেখেছিলেন সেগুলো নিয়ে আসলেন। সেগুলো ছিল সোনা, রূপা এবং বিভিন্ন পাত্র। সেগুলো তিনি সদাপ্রভুর ঘরের ধনভান্ডারে রেখে দিলেন।
इस प्रकार याहवेह के भवन का सारा काम, जो राजा शलोमोन ने शुरू किया था, पूरा हुआ. तब शलोमोन अपने पिता दावीद द्वारा भेंट की हुई वस्तुएं मंदिर में ले आए. उन्होंने चांदी, सोना और सारे बर्तन परमेश्वर के भवन के खजाने में इकट्ठा कर दिए.

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