< প্রথম রাজাবলি 1 >

1 দায়ূদ রাজা বৃদ্ধ ও তাঁর অনেক বয়স হয়েছিল। লোকেরা তাঁর শরীরে অনেক কাপড় দিয়ে ঢেকে দিলেও তা আর গরম হত না।
दाऊद राजा बूढ़ा और उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी; और यद्यपि उसको कपड़े ओढ़ाए जाते थे, तो भी वह गर्म न होता था।
2 সেইজন্য তাঁর কর্মচারীরা তাঁকে বলল, “আমাদের প্রভু মহারাজের জন্য আমরা একজন যুবতী কুমারী মেয়ের খোঁজ করি। সে রাজার কাছে থেকে তাঁর সেবা যত্ন করুক। আমাদের প্রভু মহারাজের শরীর যাতে গরম হয়, সেইজন্য সে তাঁর বুকের ওপরে শুয়ে থাকুক।”
उसके कर्मचारियों ने उससे कहा, “हमारे प्रभु राजा के लिये कोई जवान कुँवारी ढूँढ़ी जाए, जो राजा के सम्मुख रहकर उसकी सेवा किया करे और तेरे पास लेटा करे, कि हमारे प्रभु राजा को गर्मी पहुँचे।”
3 তাতে তারা গোটা ইস্রায়েল দেশে একটা সুন্দরী মেয়ের খোঁজ করতে লাগল। পরে তারা শূনেমীয়া অবীশগকে পেল এবং তাকে রাজার কাছে নিয়ে গেল।
तब उन्होंने समस्त इस्राएली देश में सुन्दर कुँवारी ढूँढ़ते-ढूँढ़ते अबीशग नामक एक शूनेमिन कन्या को पाया, और राजा के पास ले आए।
4 সেই মেয়েটি খুব সুন্দরী ছিল। সে রাজার কাছে থেকে তাঁর সেবা যত্ন করতে লাগল, কিন্তু রাজা তার সঙ্গে শারীরিক সম্পর্কে মিলিত হলেন না।
वह कन्या बहुत ही सुन्दर थी; और वह राजा की दासी होकर उसकी सेवा करती रही; परन्तु राजा का उससे सहवास न हुआ।
5 দায়ূদের স্ত্রী হগীতের ছেলে আদোনিয় গর্ব করে বলতে লাগল, “আমিই রাজা হব।” এই বলে সে কতগুলো রথ ও ঘোড়সওয়ার ও তার আগে আগে যাবার জন্য পঞ্চাশজন লোকও নিযুক্ত করল।
तब हग्गीत का पुत्र अदोनिय्याह सिर ऊँचा करके कहने लगा, “मैं राजा बनूँगा।” सो उसने रथ और सवार और अपने आगे-आगे दौड़ने को पचास अंगरक्षकों को रख लिए।
6 তার বাবা কোনো কাজে তাকে কখনও বাধা দেন নি, বলেন নি, “কেন তুমি এই কাজ করেছ?” আদোনিয় দেখতে সুন্দর ছিল; তার জন্ম হয়েছিল অবশালোমের পরে।
उसके पिता ने तो जन्म से लेकर उसे कभी यह कहकर उदास न किया था, “तूने ऐसा क्यों किया।” वह बहुत रूपवान था, और अबशालोम के बाद उसका जन्म हुआ था।
7 সরূয়ার ছেলে যোয়াব ও যাজক অবিয়াথরের সঙ্গে আদোনিয় পরামর্শ করল, আর তারাও তার পক্ষ হয়ে তাকে সাহায্য করল।
उसने सरूयाह के पुत्र योआब से और एब्यातार याजक से बातचीत की, और उन्होंने उसके पीछे होकर उसकी सहायता की।
8 কিন্তু যাজক সাদোক যিহোয়াদার ছেলে বনায়, ভাববাদী নাথন, শিমিয়ি, রেয়ি এবং দায়ূদের বীর যোদ্ধারা আদোনিয়ের পক্ষে যোগ দিল না।
परन्तु सादोक याजक यहोयादा का पुत्र बनायाह, नातान नबी, शिमी, रेई, और दाऊद के शूरवीरों ने अदोनिय्याह का साथ न दिया।
9 ঐন্‌ রোগেলের পাশে সোহেলৎ পাথরের কাছে আদোনিয় কতগুলো ভেড়া, ষাঁড় এবং মোটাসোটা বাছুর বলিদান করে তার সব ভাইদের, রাজার ছেলেদের ও যিহূদার সমস্ত রাজকর্মচারীদের নিমন্ত্রণ করল।
अदोनिय्याह ने जोहेलेत नामक पत्थर के पास जो एनरोगेल के निकट है, भेड़-बैल और तैयार किए हुए पशुबलि किए, और अपने सब भाइयों, राजकुमारों और राजा के सब यहूदी कर्मचारियों को बुला लिया।
10 ১০ কিন্তু সে ভাববাদী নাথন, বনায়, দায়ূদের বীর যোদ্ধাদের আর তার ভাই শলোমনকে নিমন্ত্রণ করল না।
१०परन्तु नातान नबी, और बनायाह और शूरवीरों को और अपने भाई सुलैमान को उसने न बुलाया।
11 ১১ তখন নাথন শলোমনের মা বৎশেবাকে বলল, “আমাদের মনিব দায়ূদের অজান্তে হগীতের ছেলে আদোনিয় যে রাজা হয়েছে তা কি আপনি শোনেন নি?
११तब नातान ने सुलैमान की माता बतशेबा से कहा, “क्या तूने सुना है कि हग्गीत का पुत्र अदोनिय्याह राजा बन बैठा है और हमारा प्रभु दाऊद इसे नहीं जानता?
12 ১২ আপনি কেমন করে আপনার নিজের ও আপনার ছেলে শলোমনের প্রাণ রক্ষা করতে পারবেন, আমি এখন আপনাকে সেই পরামর্শ দিচ্ছি।
१२इसलिए अब आ, मैं तुझे ऐसी सम्मति देता हूँ, जिससे तू अपना और अपने पुत्र सुलैमान का प्राण बचाए।
13 ১৩ আপনি এখনই রাজা দায়ূদের কাছে গিয়ে বলুন, ‘আমার প্রভু মহারাজ, আপনার দাসীর কাছে কি আপনি এই বলে প্রতিজ্ঞা করেন নি যে, আপনার পরে নিশ্চয়ই আপনার ছেলে শলোমনই রাজা হবে এবং সেই আপনার সিংহাসনে বসবে? তাহলে কেন আদোনিয় রাজা হয়েছে?’
१३तू दाऊद राजा के पास जाकर, उससे यह पूछ, ‘हे मेरे प्रभु! हे राजा! क्या तूने शपथ खाकर अपनी दासी से नहीं कहा, कि तेरा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा, और वह मेरी राजगद्दी पर विराजेगा? फिर अदोनिय्याह क्यों राजा बन बैठा है?’
14 ১৪ আপনি যখন রাজার সঙ্গে কথা বলতে থাকবেন তখন আমিও সেখানে গিয়ে আপনার কথায় সায় দেব।”
१४और जब तू वहाँ राजा से ऐसी बातें करती रहेगी, तब मैं तेरे पीछे आकर, तेरी बातों की पुष्टि करूँगा।”
15 ১৫ পরে বৎশেবা রাজার ঘরে গেলেন। সেই দিন রাজা খুব বুড়ো হয়ে গিয়েছিলেন এবং শূনেমীয়া অবীশগ তাঁর দেখাশোনা করছিল।
१५तब बतशेबा राजा के पास कोठरी में गई; राजा तो बहुत बूढ़ा था, और उसकी सेवा टहल शूनेमिन अबीशग करती थी।
16 ১৬ বৎশেবা রাজার সামনে উপুড় হয়ে প্রণাম করলেন। রাজা জিজ্ঞাসা করলেন, “তুমি কি চাও?”
१६बतशेबा ने झुककर राजा को दण्डवत् किया, और राजा ने पूछा, “तू क्या चाहती है?”
17 ১৭ বৎশেবা তাঁকে বললেন, “হে আমার প্রভু, আপনি নিজেই আপনার ঈশ্বর সদাপ্রভুর নামে শপথ করে আপনার এই দাসীকে বলেছিলেন যে, আমার পরে তোমার ছেলে শলোমন রাজত্ব করবে, সেই আমার সিংহাসনে বসবে।
१७उसने उत्तर दिया, “हे मेरे प्रभु, तूने तो अपने परमेश्वर यहोवा की शपथ खाकर अपनी दासी से कहा था, ‘तेरा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा और वह मेरी गद्दी पर विराजेगा।’
18 ১৮ এখন, দেখুন, আদোনিয় রাজা হয়েছে আর আপনি, আমার প্রভু মহারাজ, এই বিষয়ে কিছুই জানেন না।
१८अब देख अदोनिय्याह राजा बन बैठा है, और अब तक मेरा प्रभु राजा इसे नहीं जानता।
19 ১৯ সে অনেক গরু, মোটাসোটা বাছুর ও ভেড়া উৎসর্গ করেছে এবং রাজার সব ছেলেদের, যাজক অবিয়াথরকে ও সেনাপতি যোয়াবকে নিমন্ত্রণ করেছে, কিন্তু আপনার দাস শলোমনকে সে নিমন্ত্রণ করে নি।
१९उसने बहुत से बैल तैयार किए, पशु और भेड़ें बलि की, और सब राजकुमारों को और एब्यातार याजक और योआब सेनापति को बुलाया है, परन्तु तेरे दास सुलैमान को नहीं बुलाया।
20 ২০ হে আমার প্রভু মহারাজ, সমস্ত ইস্রায়েলের চোখ আপনার উপর রয়েছে। তারা আপনার কাছ থেকে জানতে চায় আপনার পরে কে আমার প্রভু মহারাজের সিংহাসনে বসবে।
२०और हे मेरे प्रभु! हे राजा! सब इस्राएली तुझे ताक रहे हैं कि तू उनसे कहे, कि हमारे प्रभु राजा की गद्दी पर उसके बाद कौन बैठेगा।
21 ২১ তা না হলে যখনই আমার মালিক মহারাজ তাঁর পূর্বপুরুষদের ন্যায় চলে যাবেন তখনই আমাকে ও আমার ছেলে শলোমনকে দোষী বলে ধরা হবে।”
२१नहीं तो जब हमारा प्रभु राजा, अपने पुरखाओं के संग सोएगा, तब मैं और मेरा पुत्र सुलैमान दोनों अपराधी गिने जाएँगे।”
22 ২২ রাজার সঙ্গে বৎশেবার কথা শেষ হতে না হতেই ভাববাদী নাথন সেখানে উপস্থিত হলেন।
२२जब बतशेबा राजा से बातें कर ही रही थी, कि नातान नबी भी आ गया।
23 ২৩ তখন কেউ একজন রাজাকে বলল, “ভাববাদী নাথন এখানে এসেছেন।” তখন সে রাজার সামনে গিয়ে মাটিতে উপুড় হয়ে তাঁকে প্রণাম জানালেন।
२३और राजा से कहा गया, “नातान नबी हाजिर है;” तब वह राजा के सम्मुख आया, और मुँह के बल गिरकर राजा को दण्डवत् की।
24 ২৪ তারপর নাথান রাজাকে বললেন, “হে আমার প্রভু মহারাজ, আপনি কি ঘোষণা করেছেন যে, আপনার পরে আদোনিয় রাজা হবে, আর সেই আপনার সিংহাসনে বসবে?
२४तब नातान कहने लगा, “हे मेरे प्रभु, हे राजा! क्या तूने कहा है, ‘अदोनिय्याह मेरे बाद राजा होगा और वह मेरी गद्दी पर विराजेगा?’
25 ২৫ সে তো আজ গিয়ে অনেক ষাঁড়, মোটাসোটা বাছুর এবং ভেড়া বলিদান করে রাজার সব ছেলেদের, সেনাপতিদের এবং পুরোহিত অবিয়াথরকে নিমন্ত্রণ করেছে। এখন তারা তার সঙ্গে খাওয়া দাওয়া করছে আর বলছে, ‘রাজা আদোনিয় চিরজীবী হোন।’
२५देख उसने आज नीचे जाकर बहुत से बैल, तैयार किए हुए पशु और भेड़ें बलि की हैं, और सब राजकुमारों और सेनापतियों को और एब्यातार याजक को भी बुला लिया है; और वे उसके सम्मुख खाते पीते हुए कह रहे हैं, ‘अदोनिय्याह राजा जीवित रहे।’
26 ২৬ আপনার দাস আমাকে, যাজক সাদোককে, যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে এবং আপনার দাস শলোমনকে সে নিমন্ত্রণ করে নি।
२६परन्तु मुझ तेरे दास को, और सादोक याजक और यहोयादा के पुत्र बनायाह, और तेरे दास सुलैमान को उसने नहीं बुलाया।
27 ২৭ আমার প্রভু মহারাজের পরে কে সিংহাসনে বসবে তা কি আমার প্রভু মহারাজ তাঁর দাসদের না জানিয়েই ঠিক করেছেন?” শলোমন রাজা হলেন
२७क्या यह मेरे प्रभु राजा की ओर से हुआ? तूने तो अपने दास को यह नहीं जताया है, कि प्रभु राजा की गद्दी पर कौन उसके बाद विराजेगा।”
28 ২৮ তখন রাজা দায়ূদ বললেন, “বৎশেবাকে আমার কাছে ডাক।” তাতে বৎশেবা রাজার সামনে গিয়ে দাঁড়ালেন।
२८दाऊद राजा ने कहा, “बतशेबा को मेरे पास बुला लाओ।” तब वह राजा के पास आकर उसके सामने खड़ी हुई।
29 ২৯ রাজা তখন শপথ করে বললেন, “যিনি আমাকে সমস্ত বিপদ থেকে উদ্ধার করেছেন, সেই জীবন্ত সদাপ্রভুর দিব্যি যে,
२९राजा ने शपथ खाकर कहा, “यहोवा जो मेरा प्राण सब जोखिमों से बचाता आया है,
30 ৩০ ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর নামে যে শপথ আমি তোমার কাছে করেছিলাম আজ আমি নিশ্চয়ই তা পালন করব। তোমার ছেলে শলোমন আমার পরে রাজা হবে আর সেই আমার জায়গায় সিংহাসনে বসবে।”
३०उसके जीवन की शपथ, जैसा मैंने तुझ से इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की शपथ खाकर कहा था, ‘तेरा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा, और वह मेरे बदले मेरी गद्दी पर विराजेगा,’ वैसा ही मैं निश्चय आज के दिन करूँगा।”
31 ৩১ তখন বৎশেবা মাটিতে উপুড় হয়ে প্রণাম করে রাজাকে বললেন, “আমার প্রভু মহারাজ দায়ূদ চিরজীবী হোন।”
३१तब बतशेबा ने भूमि पर मुँह के बल गिर राजा को दण्डवत् करके कहा, “मेरा प्रभु राजा दाऊद सदा तक जीवित रहे!”
32 ৩২ রাজা দায়ূদ বললেন, “যাজক সাদোক, ভাববাদী নাথন এবং যিহোয়াদার ছেলে বনায়কে আমার কাছে ডেকে আন।” তাঁরা রাজার কাছে আসলেন।
३२तब दाऊद राजा ने कहा, “मेरे पास सादोक याजक, नातान नबी, यहोयादा के पुत्र बनायाह को बुला लाओ।” अतः वे राजा के सामने आए।
33 ৩৩ রাজা তাঁদের বললেন, “আপনারা আমার দাসদেরকে সঙ্গে নিন এবং আমার ছেলে শলোমনকে আমার নিজের খচ্চরে বসিয়ে তাকে নিয়ে গীহোন উপত্যকায় নেমে যান।
३३राजा ने उनसे कहा, “अपने प्रभु के कर्मचारियों को साथ लेकर मेरे पुत्र सुलैमान को मेरे निज खच्चर पर चढ़ाओ; और गीहोन को ले जाओ;
34 ৩৪ যাজক সাদোক ও ভাববাদী নাথন সেখানে তাকে ইস্রায়েলের রাজা হিসাবে অভিষেক করুন। তারপর আপনারা তূরী বাজিয়ে চিৎকার করে বলুন, ‘রাজা শলোমন চিরজীবী হোন।’
३४और वहाँ सादोक याजक और नातान नबी इस्राएल का राजा होने को उसका अभिषेक करें; तब तुम सब नरसिंगा फूँककर कहना, ‘राजा सुलैमान जीवित रहे।’
35 ৩৫ এর পর আপনারা তার পিছনে পিছনে ফিরে আসবেন। সে এসে আমার সিংহাসনে বসবে এবং আমার জায়গায় রাজত্ব করবে। আমি তাকে ইস্রায়েল ও যিহূদার শাসনকর্ত্তা নিযুক্ত করলাম।”
३५और तुम उसके पीछे-पीछे इधर आना, और वह आकर मेरे सिंहासन पर विराजे, क्योंकि मेरे बदले में वही राजा होगा; और उसी को मैंने इस्राएल और यहूदा का प्रधान होने को ठहराया है।”
36 ৩৬ তখন যিহোয়াদার ছেলে বনায় রাজাকে বললেন, “আমেন। আমাদের প্রভু মহারাজের ঈশ্বর সদাপ্রভু তাই করুন।
३६तब यहोयादा के पुत्र बनायाह ने कहा, “आमीन! मेरे प्रभु राजा का परमेश्वर यहोवा भी ऐसा ही कहे।
37 ৩৭ সদাপ্রভু যেমন আমার প্রভু মহারাজের সঙ্গে থেকেছেন তেমনি শলোমনের সঙ্গেও থাকুন এবং আমার প্রভু রাজা দায়ূদের রাজ্যের চেয়েও তাঁর রাজ্য আরও বড় করুন!”
३७जिस रीति यहोवा मेरे प्रभु राजा के संग रहा, उसी रीति वह सुलैमान के भी संग रहे, और उसका राज्य मेरे प्रभु दाऊद राजा के राज्य से भी अधिक बढ़ाए।”
38 ৩৮ তখন যাজক সাদোক, ভাববাদী নাথন, যিহোয়াদার ছেলে বনায়, করেথীয় ও পলেথীয়েরা গিয়ে শলোমনকে রাজা দায়ূদের খচ্চরে বসিয়ে গীহোনে নিয়ে গেলেন।
३८तब सादोक याजक और नातान नबी और यहोयादा का पुत्र बनायाह और करेतियों और पलेतियों को संग लिए हुए नीचे गए, और सुलैमान को राजा दाऊद के खच्चर पर चढ़ाकर गीहोन को ले चले।
39 ৩৯ যাজক সাদোক পবিত্র তাঁবু থেকে তেলের শিঙ্গাটা নিয়ে এসে শলোমনকে অভিষেক করলেন। তারপর তাঁরা তূরী বাজালেন এবং সমস্ত লোকেরা চিৎকার করে বলল, “রাজা শলোমন চিরজীবী হোন।”
३९तब सादोक याजक ने यहोवा के तम्बू में से तेल भरा हुआ सींग निकाला, और सुलैमान का राज्याभिषेक किया। और वे नरसिंगे फूँकने लगे; और सब लोग बोल उठे, “राजा सुलैमान जीवित रहे।”
40 ৪০ তারপর সমস্ত লোক বাঁশী বাজাতে বাজাতে এবং খুব আনন্দ করতে করতে শলোমনের পিছনে পিছনে ফিরে আসল। তারা এমনভাবে আনন্দ করল যে, তার শব্দে পৃথিবী কেঁপে উঠল।
४०तब सब लोग उसके पीछे-पीछे बाँसुरी बजाते और इतना बड़ा आनन्द करते हुए ऊपर गए, कि उनकी ध्वनि से पृथ्वी डोल उठी।
41 ৪১ সেই দিন আদোনিয় ও সমস্ত নিমন্ত্রিত লোকেরা খাওয়ার শেষের দিকে সেই শব্দ শুনল। তূরীর আওয়াজ শুনে যোয়াব জিজ্ঞাসা করল, “শহরে এই সব গোলমাল হচ্ছে কেন?”
४१जब अदोनिय्याह और उसके सब अतिथि खा चुके थे, तब यह ध्वनि उनको सुनाई पड़ी। योआब ने नरसिंगे का शब्द सुनकर पूछा, “नगर में हलचल और चिल्लाहट का शब्द क्यों हो रहा है?”
42 ৪২ তাঁর কথা শেষ হতে না হতেই যাজক অবিয়াথরের ছেলে যোনাথন সেখানে উপস্থিত হল। আদোনিয় তাকে বলল, “আসুন, আসুন। আপনি তো ভাল লোক, নিশ্চয়ই ভাল সংবাদ এনেছেন।”
४२वह यह कहता ही था, कि एब्यातार याजक का पुत्र योनातान आया और अदोनिय्याह ने उससे कहा, “भीतर आ; तू तो भला मनुष्य है, और भला समाचार भी लाया होगा।”
43 ৪৩ যোনাথন উত্তর দিল এবং আদোনিয়কে বলল, “আমাদের প্রভু মহারাজ দায়ূদ শলোমনকে রাজা করেছেন।
४३योनातान ने अदोनिय्याह से कहा, “सचमुच हमारे प्रभु राजा दाऊद ने सुलैमान को राजा बना दिया।
44 ৪৪ রাজা তাঁর সঙ্গে যাজক সাদোক, ভাববাদী নাথন, যিহোয়াদার ছেলে বনায়, করেথীয় ও পলেথীয়দের পাঠিয়েছেন। তাঁরা তাঁকে রাজার খচ্চরের উপর বসিয়েছেন,
४४और राजा ने सादोक याजक, नातान नबी और यहोयादा के पुत्र बनायाह और करेतियों और पलेतियों को उसके संग भेज दिया, और उन्होंने उसको राजा के खच्चर पर चढ़ाया है।
45 ৪৫ আর যাজক সাদোক ও ভাববাদী নাথন গীহোনে তাঁকে রাজপদে অভিষেক করেছেন। সেখান থেকে লোকেরা আনন্দ করতে করতে ফিরে গিয়েছে আর শহরে সেই গোলমালই হচ্ছে। সেই আওয়াজই আপনারা শুনতে পাচ্ছেন।
४५और सादोक याजक, और नातान नबी ने गीहोन में उसका राज्याभिषेक किया है; और वे वहाँ से ऐसा आनन्द करते हुए ऊपर गए हैं कि नगर में हलचल मच गई, और जो शब्द तुम को सुनाई पड़ रहा है वही है।
46 ৪৬ এছাড়া শলোমন রাজ সিংহাসনেও বসেছেন,
४६सुलैमान राजगद्दी पर विराज भी रहा है।
47 ৪৭ আর রাজার কর্মচারীরা আমাদের মনিব রাজা দায়ূদকে তাদের শুভেচ্ছা জানিয়ে বলেছে, ‘আপনার ঈশ্বর আপনার নামের চেয়েও শলোমনের নাম মহান করুন এবং আপনার রাজ্যের চেয়েও তাঁর রাজ্য আরও বড় করুন।’ তখন রাজা বিছানার ওপরেই নত হলেন।
४७फिर राजा के कर्मचारी हमारे प्रभु दाऊद राजा को यह कहकर धन्य कहने आए, ‘तेरा परमेश्वर, सुलैमान का नाम, तेरे नाम से भी महान करे, और उसका राज्य तेरे राज्य से भी अधिक बढ़ाए;’ और राजा ने अपने पलंग पर दण्डवत् की।
48 ৪৮ রাজা আরো বললেন, ‘ইস্রায়েলের ঈশ্বর সদাপ্রভুর গৌরব হোক। আমার সিংহাসনের অধিকারীকে আজ তিনি আমাকে দেখতে দিলেন।’”
४८फिर राजा ने यह भी कहा, ‘इस्राएल का परमेश्वर यहोवा धन्य है, जिसने आज मेरे देखते एक को मेरी गद्दी पर विराजमान किया है।’”
49 ৪৯ এই কথা শুনে আদোনিয়ের নিমন্ত্রিত সব লোকেরা খুব ভয় পেল এবং উঠে যে যার পথে চলে গেল।
४९तब जितने अतिथि अदोनिय्याह के संग थे वे सब थरथरा उठे, और उठकर अपना-अपना मार्ग लिया।
50 ৫০ আদোনিয় শলোমনের ভয়ে উঠে গিয়ে বেদির শিং ধরে থাকল।
५०और अदोनिय्याह सुलैमान से डरकर उठा, और जाकर वेदी के सींगों को पकड़ लिया।
51 ৫১ তখন শলোমনকে কেউ একজন বলল যে, আদোনিয় তাঁর ভয়ে বেদির শিং আঁকড়ে ধরেছে। সে বলেছে, “রাজা শলোমন আজ আমার কাছে শপথ করুন যে, তিনি তাঁর দাসকে মেরে ফেলবেন না।”
५१तब सुलैमान को यह समाचार मिला, “अदोनिय्याह सुलैमान राजा से ऐसा डर गया है कि उसने वेदी के सींगों को यह कहकर पकड़ लिया है, ‘आज राजा सुलैमान शपथ खाए कि अपने दास को तलवार से न मार डालेगा।’”
52 ৫২ উত্তরে শলোমন বললেন, “সে যদি নিজেকে ভাল লোক হিসাবে দেখাতে পারে তবে তার মাথার একটা চুলও মাটিতে পড়বে না; কিন্তু যদি তার মধ্যে মন্দ কিছু পাওয়া যায় তবে সে মরবে।”
५२सुलैमान ने कहा, “यदि वह भलमनसी दिखाए तो उसका एक बाल भी भूमि पर गिरने न पाएगा, परन्तु यदि उसमें दुष्टता पाई जाए, तो वह मारा जाएगा।”
53 ৫৩ এই বলে রাজা শলোমন লোক পাঠিয়ে দিলেন আর তারা গিয়ে আদোনিয়কে বেদী থেকে নিয়ে আসল। আদোনিয় এসে রাজা শলোমনের সামনে মাটিতে উপুড় হয়ে প্রণাম করলো। শলোমন বললেন, “তোমার ঘরে চলে যাও।”
५३तब राजा सुलैमान ने लोगों को भेज दिया जो उसको वेदी के पास से उतार ले आए तब उसने आकर राजा सुलैमान को दण्डवत् की और सुलैमान ने उससे कहा, “अपने घर चला जा।”

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