< ԾՆՆԴՈՑ 24 >

1 Աբրահամը ծերացել էր, տարիքն առել: Եւ Տէրն օրհնեց Աբրահամին ըստ ամենայնի:
अब्राहम अब वृद्ध हो गया था और उसकी आयु बहुत थी और यहोवा ने सब बातों में उसको आशीष दी थी।
2 Աբրահամն ասաց իր տան աւագագոյն ծառային՝ իր ամբողջ ունեցուածքի կառավարչին. «Ձեռքդ դի՛ր իմ ազդրի տակ եւ
अब्राहम ने अपने उस दास से, जो उसके घर में पुरनिया और उसकी सारी सम्पत्ति पर अधिकारी था, कहा, “अपना हाथ मेरी जाँघ के नीचे रख;
3 քեզ երդուեցնեմ Տիրոջ՝ երկնքի Աստծու եւ երկրի Աստծու անունով, որ իմ որդի Իսահակի համար կին չես առնի քանանացիների դուստրերից (որոնց մէջ եմ բնակւում ես),
और मुझसे आकाश और पृथ्वी के परमेश्वर यहोवा की इस विषय में शपथ खा, कि तू मेरे पुत्र के लिये कनानियों की लड़कियों में से, जिनके बीच मैं रहता हूँ, किसी को न लाएगा।
4 այլ կը գնաս այն երկիրը, որտեղ ծնուել եմ, իմ տունը, եւ այնտեղից իմ որդի Իսահակի համար կին կ՚առնես»:
परन्तु तू मेरे देश में मेरे ही कुटुम्बियों के पास जाकर मेरे पुत्र इसहाक के लिये एक पत्नी ले आएगा।”
5 Ծառան նրան պատասխանեց. «Գուցէ կինը չցանկանայ ինձ հետ գալ այս երկիրը: Այդ դէպքում ես տանե՞մ քո որդուն այն երկիրը, որտեղ ծնուել ես դու»:
दास ने उससे कहा, “कदाचित् वह स्त्री इस देश में मेरे साथ आना न चाहे; तो क्या मुझे तेरे पुत्र को उस देश में जहाँ से तू आया है ले जाना पड़ेगा?”
6 Աբրահամն ասաց. «Զգո՛յշ եղիր, իմ որդուն այնտեղ չվերադարձնես:
अब्राहम ने उससे कहा, “चौकस रह, मेरे पुत्र को वहाँ कभी न ले जाना।”
7 Երկնքի Տէր Աստուածը եւ երկրի Տէր Աստուածը, որն ինձ հանեց իմ հօր տնից ու այն երկրից, ուր ծնուել եմ, որը խօսեց ինձ հետ, երդուեց ինձ ու ասաց, թէ՝ «Քո սերունդներին եմ տալու այդ երկիրը», նա իր հրեշտակին կ՚ուղարկի քո առաջ, եւ այնտեղից կին կ՚առնես իմ որդի Իսահակի համար:
स्वर्ग का परमेश्वर यहोवा, जिसने मुझे मेरे पिता के घर से और मेरी जन्म-भूमि से ले आकर मुझसे शपथ खाकर कहा कि “मैं यह देश तेरे वंश को दूँगा; वही अपना दूत तेरे आगे-आगे भेजेगा, कि तू मेरे पुत्र के लिये वहाँ से एक स्त्री ले आए।
8 Իսկ եթէ կինը չուզենայ քեզ հետ գալ այս երկիրը, քո տուած երդումից անպարտ համարուես, միայն թէ իմ որդուն այնտեղ չվերադարձնես»:
और यदि वह स्त्री तेरे साथ आना न चाहे तब तो तू मेरी इस शपथ से छूट जाएगा; पर मेरे पुत्र को वहाँ न ले जाना।”
9 Աբրահամի ծառան ձեռքը դրեց իր տիրոջ ազդրի տակ եւ երդուեց նրան այդ բանի համար:
तब उस दास ने अपने स्वामी अब्राहम की जाँघ के नीचे अपना हाथ रखकर उससे इस विषय की शपथ खाई।
10 Ծառան առաւ իր տիրոջ ուղտերից տասը ուղտ եւ գնաց՝ իր հետ ունենալով իր տիրոջ բոլոր բարիքներից: Նա ելաւ գնաց Միջագետք, Նաքորի քաղաքը:
१०तब वह दास अपने स्वामी के ऊँटों में से दस ऊँट छाँटकर उसके सब उत्तम-उत्तम पदार्थों में से कुछ कुछ लेकर चला; और अरम्नहरैम में नाहोर के नगर के पास पहुँचा।
11 Երեկոյեան ուղտերին նստեցրեց քաղաքից դուրս, ջրհորի մօտ այն պահին, երբ ջրուորը դուրս է գալիս ջրի:
११और उसने ऊँटों को नगर के बाहर एक कुएँ के पास बैठाया। वह संध्या का समय था, जिस समय स्त्रियाँ जल भरने के लिये निकलती हैं।
12 Նա ասաց. «Իմ տէր Աբրահամի Տէր Աստուած, այսօր ինձ յաջողութիւն պարգեւի՛ր եւ ողորմի՛ր իմ տէր Աբրահամին:
१२वह कहने लगा, “हे मेरे स्वामी अब्राहम के परमेश्वर यहोवा, आज मेरे कार्य को सिद्ध कर, और मेरे स्वामी अब्राहम पर करुणा कर।
13 Ահա ես ջրի աղբիւրի մօտ եմ, եւ այս քաղաքի բնակիչների դուստրերը գալիս են ջուր հանելու:
१३देख, मैं जल के इस सोते के पास खड़ा हूँ; और नगरवासियों की बेटियाँ जल भरने के लिये निकली आती हैं
14 Թող լինի մի կոյս, որին ասեմ՝ «Թեքի՛ր սափորդ, որ խմեմ», իսկ նա ինձ պատասխանի՝ «Խմի՛ր, քո ուղտերին էլ ջուր կը տամ, մինչեւ որ յագենան խմելուց»: Թող նրան էլ նախատեսած լինես քո ծառայ Իսահակի համար, եւ դրանով էլ իմանամ, որ բարեհաճ ես եղել իմ տէր Աբրահամի նկատմամբ»:
१४इसलिए ऐसा होने दे कि जिस कन्या से मैं कहूँ, ‘अपना घड़ा मेरी ओर झुका, कि मैं पीऊँ,’ और वह कहे, ‘ले, पी ले, बाद में मैं तेरे ऊँटों को भी पिलाऊँगी,’ यह वही हो जिसे तूने अपने दास इसहाक के लिये ठहराया हो; इसी रीति मैं जान लूँगा कि तूने मेरे स्वामी पर करुणा की है।”
15 Նա մտքում դեռ չէր վերջացրել իր խօսքը, երբ եկաւ Ռեբեկան, որը Աբրահամի եղբայր Նաքորի Մեղքա կնոջ որդի Բաթուէլի դուստրն էր: Նա ուսին սափոր ունէր:
१५और ऐसा हुआ कि जब वह कह ही रहा था कि रिबका, जो अब्राहम के भाई नाहोर के जन्माये मिल्का के पुत्र, बतूएल की बेटी थी, वह कंधे पर घड़ा लिये हुए आई।
16 Կոյսը դէմքով շատ գեղեցիկ էր, մի աղջիկ, որին դեռ տղամարդ չէր մօտեցել: Նա իջաւ աղբիւրի մօտ, լցրեց իր սափորն ու ելաւ:
१६वह अति सुन्दर, और कुमारी थी, और किसी पुरुष का मुँह न देखा था। वह कुएँ में सोते के पास उतर गई, और अपना घड़ा भरकर फिर ऊपर आई।
17 Ծառան ընդառաջ գնաց նրան ու ասաց. «Այդ սափորից ինձ մի քիչ ջո՛ւր տուր խմելու»:
१७तब वह दास उससे भेंट करने को दौड़ा, और कहा, “अपने घड़े में से थोड़ा पानी मुझे पिला दे।”
18 Նա պատասխանեց. «Խմի՛ր, տէ՛ր»: Նա իր սափորը փութով իջեցրեց իր թեւերի վրայ,
१८उसने कहा, “हे मेरे प्रभु, ले, पी ले,” और उसने फुर्ती से घड़ा उतारकर हाथ में लिये-लिये उसको पानी पिला दिया।
19 ջուր տուեց նրան, մինչեւ որ դադարեց խմելուց: Ապա աւելացրեց. «Քո ուղտերի համար էլ ջուր կը հանեմ, այնքան, որ բոլորն էլ յագենան»:
१९जब वह उसको पिला चुकी, तब कहा, “मैं तेरे ऊँटों के लिये भी तब तक पानी भर-भर लाऊँगी, जब तक वे पी न चुकें।”
20 Նա սափորի ջուրն իսկոյն թափեց գուռի մէջ եւ նորից գնաց ջրհորը՝ ջուր հանելու: Նա նրա բոլոր ուղտերի համար ջուր հանեց:
२०तब वह फुर्ती से अपने घड़े का जल हौद में उण्डेलकर फिर कुएँ पर भरने को दौड़ गई; और उसके सब ऊँटों के लिये पानी भर दिया।
21 Մարդն ուշադիր հետեւում էր նրան ու լուռ մտածում, թէ Տէրը կը յաջողեցնի՞ իր գործը, թէ՞ ոչ:
२१और वह पुरुष उसकी ओर चुपचाप अचम्भे के साथ ताकता हुआ यह सोचता था कि यहोवा ने मेरी यात्रा को सफल किया है कि नहीं।
22 Երբ բոլոր ուղտերը յագեցան, մարդը նրան տուեց ոսկէ գինդեր՝ իւրաքանչիւրը մէկ դահեկանի քաշով, եւ տասը դահեկանի քաշով երկու ապարանջան դրեց նրա ձեռքերին:
२२जब ऊँट पी चुके, तब उस पुरुष ने आधा तोला सोने का एक नत्थ निकालकर उसको दिया, और दस तोले सोने के कंगन उसके हाथों में पहना दिए;
23 Նա հարցրեց նրան ու ասաց. «Ու՞մ դուստրն ես դու, յայտնի՛ր ինձ, քո տանը մեզ համար իջեւանելու տեղ կա՞յ»:
२३और पूछा, “तू किसकी बेटी है? यह मुझ को बता। क्या तेरे पिता के घर में हमारे टिकने के लिये स्थान है?”
24 Սա պատասխանեց նրան. «Ես Մեղքայի եւ Նաքորի որդի Բաթուէլի դուստրն եմ»:
२४उसने उत्तर दिया, “मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्र बतूएल की बेटी हूँ।”
25 Ապա աւելացրեց. «Յարդ ու խոտ շատ ունենք, նաեւ իջեւանելու տեղ»:
२५फिर उसने उससे कहा, “हमारे यहाँ पुआल और चारा बहुत है, और टिकने के लिये स्थान भी है।”
26 Մարդն ուրախացաւ, երկրպագեց Աստծուն եւ ասաց.
२६तब उस पुरुष ने सिर झुकाकर यहोवा को दण्डवत् करके कहा,
27 «Օրհնեալ է իմ տէր Աբրահամի Տէր Աստուածը, որ իմ տիրոջը չզրկեց իր արդարութիւնից ու ճշմարտութիւնից: Տէրն ինձ յաջողութիւն պարգեւեց իմ տիրոջ եղբօր տանը»:
२७“धन्य है मेरे स्वामी अब्राहम का परमेश्वर यहोवा, जिसने अपनी करुणा और सच्चाई को मेरे स्वामी पर से हटा नहीं लिया: यहोवा ने मुझ को ठीक मार्ग पर चलाकर मेरे स्वामी के भाई-बन्धुओं के घर पर पहुँचा दिया है।”
28 Գնաց աղջիկն ու կատարուածի մասին պատմեց իր մօր տանը:
२८तब उस कन्या ने दौड़कर अपनी माता को इस घटना का सारा हाल बता दिया।
29 Ռեբեկան ունէր Լաբան անունով մի եղբայր: Լաբանը գնաց դուրս՝ դէպի աղբիւրը, այդ մարդու մօտ:
२९तब लाबान जो रिबका का भाई था, बाहर कुएँ के निकट उस पुरुष के पास दौड़ा गया।
30 Երբ նա տեսաւ գինդերն ու իր քրոջ ձեռքերի ապարանջանները, եւ իր քոյր Ռեբեկայից լսած լինելով, թէ՝ «Այսպէս խօսեց ինձ հետ այդ մարդը»,
३०और ऐसा हुआ कि जब उसने वह नत्थ और अपनी बहन रिबका के हाथों में वे कंगन भी देखे, और उसकी यह बात भी सुनी कि उस पुरुष ने मुझसे ऐसी बातें कहीं; तब वह उस पुरुष के पास गया; और क्या देखा, कि वह सोते के निकट ऊँटों के पास खड़ा है।
31 մօտեցաւ մարդուն, որ դեռ կանգնած էր իր ուղտերի կողքին, աղբիւրի մօտ, եւ ասաց նրան. «Արի տուն մտի՛ր, Տիրոջով օրհնեալ, ինչո՞ւ ես մնացել դրսում: Ես քեզ համար տուն եւ քո ուղտերի համար տեղ եմ պատրաստել»:
३१उसने कहा, “हे यहोवा की ओर से धन्य पुरुष भीतर आ तू क्यों बाहर खड़ा है? मैंने घर को, और ऊँटों के लिये भी स्थान तैयार किया है।”
32 Մարդը մտաւ տուն, իսկ Լաբանը ուղտերի վրայից հանեց թամբերը: Ուղտերին յարդ ու խոտ տուեցին եւ ջուր՝ նրա ու նրա հետ եկածների ոտքերը լուալու համար:
३२इस पर वह पुरुष घर में गया; और लाबान ने ऊँटों की काठियाँ खोलकर पुआल और चारा दिया; और उसके और उसके साथियों के पाँव धोने को जल दिया।
33 Նրանց առաջ հաց դրեցին, որ ուտեն: Ծառան ասաց. «Չեմ ուտի, մինչեւ չասեմ ասելիքս»: Նրանք ասացին. «Խօսի՛ր»:
३३तब अब्राहम के दास के आगे जलपान के लिये कुछ रखा गया; पर उसने कहा “मैं जब तक अपना प्रयोजन न कह दूँ, तब तक कुछ न खाऊँगा।” लाबान ने कहा, “कह दे।”
34 Նա ասաց. «Ես Աբրահամի ծառան եմ:
३४तब उसने कहा, “मैं तो अब्राहम का दास हूँ।
35 Տէրը մեծապէս օրհնեց իմ տիրոջը, եւ նա մեծ մարդ դարձաւ: Աստուած նրան արջառ ու ոչխար, արծաթ ու ոսկի, ծառաներ ու աղախիններ, ուղտեր ու էշեր տուեց:
३५यहोवा ने मेरे स्वामी को बड़ी आशीष दी है; इसलिए वह महान पुरुष हो गया है; और उसने उसको भेड़-बकरी, गाय-बैल, सोना-रूपा, दास-दासियाँ, ऊँट और गदहे दिए हैं।
36 Սառան՝ իմ տիրոջ կինը, ծերունական հասակում գտնուող իմ տիրոջը պարգեւեց մի որդի, որին իմ տէրը յանձնեց այն ամէնը, ինչ ունէր:
३६और मेरे स्वामी की पत्नी सारा के बुढ़ापे में उससे एक पुत्र उत्पन्न हुआ है; और उस पुत्र को अब्राहम ने अपना सब कुछ दे दिया है।
37 Իմ տէրն ինձ երդուեցնելով ասաց. «Իմ որդի Իսահակի համար քանանացիների աղջիկներից կին չառնես, այն քանանացիների, որոնց երկրում ես պանդխտեցի,
३७मेरे स्वामी ने मुझे यह शपथ खिलाई है, कि ‘मैं उसके पुत्र के लिये कनानियों की लड़कियों में से जिनके देश में वह रहता है, कोई स्त्री न ले आऊँगा।
38 այլ կը գնաս իմ հօր տունը, իմ տոհմի մէջ եւ այնտեղից կին կը բերես իմ որդու համար»:
३८मैं उसके पिता के घर, और कुल के लोगों के पास जाकर उसके पुत्र के लिये एक स्त्री ले आऊँगा।’
39 Ես իմ տիրոջն ասացի. «Գուցէ կինն ինձ հետ չգայ»:
३९तब मैंने अपने स्वामी से कहा, ‘कदाचित् वह स्त्री मेरे पीछे न आए।’
40 Նա ասաց ինձ. «Իմ Տէր Աստուածը, որի հանդէպ վարուեցի այնպէս, ինչպէս հաճոյ էր նրան, քեզ հետ կ՚ուղարկի իր հրեշտակին, կը յաջողեցնի քո գործը, եւ դու իմ որդու համար կին կ՚առնես իմ ազգից ու իմ հօր տնից:
४०तब उसने मुझसे कहा, ‘यहोवा, जिसके सामने मैं चलता आया हूँ, वह तेरे संग अपने दूत को भेजकर तेरी यात्रा को सफल करेगा; और तू मेरे कुल, और मेरे पिता के घराने में से मेरे पुत्र के लिये एक स्त्री ले आ सकेगा।
41 Ա՛յն ժամանակ դու ազատուած կը լինես իմ նզովքից: Իսկ եթէ գնաս իմ տոհմի մէջ, եւ կին չտան, ինձ տուած երդումից ազատ կը լինես»:
४१तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास पहुँचेगा; और यदि वे तुझे कोई स्त्री न दें, तो तू मेरी शपथ से छूटेगा।’
42 Երբ այսօր աղբիւրի մօտ եկայ, ասացի. «Իմ տէր Աբրահամի Տէր Աստուած, եթէ յաջողեցնելու ես իմ գործը, որի համար ես այժմ եկել եմ,
४२इसलिए मैं आज उस कुएँ के निकट आकर कहने लगा, ‘हे मेरे स्वामी अब्राहम के परमेश्वर यहोवा, यदि तू मेरी इस यात्रा को सफल करता हो;
43 ահա հասել եմ ջրի աղբիւրի մօտ, եւ քաղաքի մարդկանց դուստրերը գալիս են ջուր հանելու: Եւ այն կոյսը, որին ասեմ, թէ՝ ՚ Քո սափորից մի քիչ ջուր տո՛ւր խմելու»,
४३तो देख मैं जल के इस कुएँ के निकट खड़ा हूँ; और ऐसा हो, कि जो कुमारी जल भरने के लिये आए, और मैं उससे कहूँ, “अपने घड़े में से मुझे थोड़ा पानी पिला,”
44 եւ նա ասի ինձ, թէ՝ ՚ Խմի՛ր, քո ուղտերի համար էլ ջուր կը հանեմ», նա էլ կը լինի այն կինը, որին նախատեսել է Տէրը իր ծառայ Իսահակի համար, որովհետեւ դրանից էլ կ՚իմանամ, որ բարեհաճ ես եղել իմ տէր Աբրահամի նկատմամբ»:
४४और वह मुझसे कहे, “पी ले, और मैं तेरे ऊँटों के पीने के लिये भी पानी भर दूँगी,” वह वही स्त्री हो जिसको तूने मेरे स्वामी के पुत्र के लिये ठहराया है।’
45 Դեռ իմ մտքում չէի վերջացրել իմ խօսքը, երբ իսկոյն երեւաց Ռեբեկան: Նա իր ուսին սափոր ունէր: Նա իջաւ աղբիւրը եւ ջուր հանեց: Ես ասացի նրան. «Ինձ ջուր տո՛ւր խմելու»:
४५मैं मन ही मन यह कह ही रहा था, कि देख रिबका कंधे पर घड़ा लिये हुए निकल आई; फिर वह सोते के पास उतरकर भरने लगी। मैंने उससे कहा, ‘मुझे पानी पिला दे।’
46 Նա իր ուսից փութով իջեցրեց սափորն ու ասաց. «Դու խմի՛ր, յետոյ քո ուղտերին էլ ջուր կը տամ»: Ես խմեցի, եւ նա իմ ուղտերին էլ ջուր տուեց:
४६और उसने जल्दी से अपने घड़े को कंधे पर से उतार के कहा, ‘ले, पी ले, पीछे मैं तेरे ऊँटों को भी पिलाऊँगी,’ इस प्रकार मैंने पी लिया, और उसने ऊँटों को भी पिला दिया।
47 Ես նրան հարցրի ու ասացի. «Դու ո՞ւմ դուստրն ես, ասա՛ ինձ»: Նա պատասխանեց. «Ես Մեղքայի եւ Նաքորի որդի Բաթուէլի դուստրն եմ»: Ես գինդեր դրեցի նրա ականջներին, ապարանջաններ՝ նրա ձեռքերին եւ ուրախացայ,
४७तब मैंने उससे पूछा, ‘तू किसकी बेटी है?’ और उसने कहा, ‘मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्र बतूएल की बेटी हूँ,’ तब मैंने उसकी नाक में वह नत्थ, और उसके हाथों में वे कंगन पहना दिए।
48 երկրպագեցի Տիրոջը, օրհնեցի իմ տէր Աբրահամի Տէր Աստծուն, որ յաջողութիւն պարգեւեց իմ ազնիւ գործին՝ իմ տիրոջ եղբօր աղջկան կին առնելու նրա որդու համար:
४८फिर मैंने सिर झुकाकर यहोवा को दण्डवत् किया, और अपने स्वामी अब्राहम के परमेश्वर यहोवा को धन्य कहा, क्योंकि उसने मुझे ठीक मार्ग से पहुँचाया कि मैं अपने स्वामी के पुत्र के लिये उसके कुटुम्बी की पुत्री को ले जाऊँ।
49 Արդ, եթէ իմ տիրոջ նկատմամբ շնորհ եւ արդար գործ էք անելու, ասացէ՛ք ինձ:
४९इसलिए अब, यदि तुम मेरे स्वामी के साथ कृपा और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हो, तो मुझसे कहो; और यदि नहीं चाहते हो; तो भी मुझसे कह दो; ताकि मैं दाहिनी ओर, या बाईं ओर फिर जाऊँ।”
50 Իսկ եթէ ոչ, ցո՛յց տուէք ինձ, ա՞ջ գնամ, թէ՞ ձախ»: Պատասխան տուեցին Լաբանն ու Բաթուէլը եւ ասացին. «Տէրն է այսպէս կարգադրել, մենք չենք կարող դրական կամ բացասական պատասխան տալ:
५०तब लाबान और बतूएल ने उत्तर दिया, “यह बात यहोवा की ओर से हुई है; इसलिए हम लोग तुझ से न तो भला कह सकते हैं न बुरा।
51 Ահա Ռեբեկան առաջդ կանգնած է, ա՛ռ եւ գնա՛: Նա թող լինի քո տիրոջ որդու կինը, ինչպէս կարգադրել է Տէրը»:
५१देख, रिबका तेरे सामने है, उसको ले जा, और वह यहोवा के वचन के अनुसार, तेरे स्वामी के पुत्र की पत्नी हो जाए।”
52 Երբ Աբրահամի ծառան լսեց նրանց խօսքերը, երկրպագեց Տիրոջը:
५२उनकी यह बात सुनकर, अब्राहम के दास ने भूमि पर गिरकर यहोवा को दण्डवत् किया।
53 Ծառան հանեց ոսկէ ու արծաթէ զարդեր եւ զգեստներ, տուեց Ռեբեկային: Նա նուէրներ տուեց նաեւ նրա եղբայրներին ու մօրը:
५३फिर उस दास ने सोने और रूपे के गहने, और वस्त्र निकालकर रिबका को दिए; और उसके भाई और माता को भी उसने अनमोल-अनमोल वस्तुएँ दीं।
54 Կերան ու խմեցին նա եւ այն մարդիկ, որոնք նրա հետ էին, եւ ապա քնեցին: Առաւօտեան վեր կենալով՝ նա ասաց. «Ճանապարհեցէ՛ք ինձ, որ գնամ տիրոջս մօտ»:
५४तब उसने अपने संगी जनों समेत भोजन किया, और रात वहीं बिताई। उसने तड़के उठकर कहा, “मुझ को अपने स्वामी के पास जाने के लिये विदा करो।”
55 Ռեբեկայի եղբայրներն ու մայրը ասացին. «Թող աղջիկը մեզ մօտ մնայ մի տասը օր, յետոյ թող գնայ»:
५५रिबका के भाई और माता ने कहा, “कन्या को हमारे पास कुछ दिन, अर्थात् कम से कम दस दिन रहने दे; फिर उसके पश्चात् वह चली जाएगी।”
56 Ծառան ասաց նրանց. «Ինձ մի՛ պահէք, որովհետեւ Տէրը յաջողութիւն է պարգեւել իմ գործին: Թողէ՛ք որ գնամ տիրոջս մօտ»:
५६उसने उनसे कहा, “यहोवा ने जो मेरी यात्रा को सफल किया है; इसलिए तुम मुझे मत रोको अब मुझे विदा कर दो, कि मैं अपने स्वामी के पास जाऊँ।”
57 Ռեբեկայի եղբայրներն ասացին. «Կանչենք աղջկան եւ նրան հարցնենք»:
५७उन्होंने कहा, “हम कन्या को बुलाकर पूछते हैं, और देखेंगे, कि वह क्या कहती है।”
58 Նրանք կանչեցին Ռեբեկային ու հարցրին. «Կը գնա՞ս այս մարդու հետ»: Նա պատասխանեց. «Կը գնամ»:
५८और उन्होंने रिबका को बुलाकर उससे पूछा, “क्या तू इस मनुष्य के संग जाएगी?” उसने कहा, “हाँ मैं जाऊँगी।”
59 Նրանք ճանապարհեցին իրենց քոյր Ռեբեկային իր ունեցուածքով, ինչպէս նաեւ Աբրահամի ծառային ու նրանց, ովքեր նրա հետ էին:
५९तब उन्होंने अपनी बहन रिबका, और उसकी दाई और अब्राहम के दास, और उसके साथी सभी को विदा किया।
60 Նրանք օրհնելով Ռեբեկային՝ ասացին նրան. «Քո՛յր մեր, հազար ու բիւր դառնաս: Քո յետնորդները թող տիրանան քո թշնամիների քաղաքներին»:
६०और उन्होंने रिबका को आशीर्वाद देकर कहा, “हे हमारी बहन, तू हजारों लाखों की आदिमाता हो, और तेरा वंश अपने बैरियों के नगरों का अधिकारी हो।”
61 Ռեբեկան ու իր նաժիշտները վեր կացան, նստեցին ուղտերի վրայ եւ այդ մարդու հետ ճանապարհ ընկան: Ծառան Ռեբեկային առնելով գնաց:
६१तब रिबका अपनी सहेलियों समेत चली; और ऊँट पर चढ़कर उस पुरुष के पीछे हो ली। इस प्रकार वह दास रिबका को साथ लेकर चल दिया।
62 Իսահակը եկել էր անապատ՝ Տեսիլքի ջրհորի մօտ, որովհետեւ բնակւում էր երկրի հարաւային կողմում:
६२इसहाक जो दक्षिण देश में रहता था, लहैरोई नामक कुएँ से होकर चला आता था।
63 Իսահակը երեկոյեան ելաւ դաշտ՝ զբօսնելու: Նա իր աչքերը բարձրացնելով՝ տեսաւ, որ գալիս են տասը ուղտեր:
६३साँझ के समय वह मैदान में ध्यान करने के लिये निकला था; और उसने आँखें उठाकर क्या देखा, कि ऊँट चले आ रहे हैं।
64 Աչքերը վեր բարձրացրեց նաեւ Ռեբեկան եւ տեսաւ Իսահակին: Նա անմիջապէս իջաւ ուղտից
६४रिबका ने भी आँखें उठाकर इसहाक को देखा, और देखते ही ऊँट पर से उतर पड़ी।
65 եւ հարցրեց ծառային. «Ո՞վ է այն մարդը, որ դաշտում մեզ ընդառաջ է գալիս»: Ծառան պատասխանեց. «Նա իմ տէրն է»: Ռեբեկան առաւ քողն ու գցեց իր վրայ:
६५तब उसने दास से पूछा, “जो पुरुष मैदान पर हम से मिलने को चला आता है, वह कौन है?” दास ने कहा, “वह तो मेरा स्वामी है।” तब रिबका ने घूँघट लेकर अपने मुँह को ढाँप लिया।
66 Ծառան Իսահակին պատմեց այն ամէնը, ինչ արել էր ինքը:
६६दास ने इसहाक से अपने साथ हुई घटना का वर्णन किया।
67 Իսահակը մտաւ իր մօր՝ Սառայի տունը, առաւ Ռեբեկային, եւ սա դարձաւ նրա կինը: Իսահակը սիրեց նրան եւ մխիթարուեց իր մօր՝ Սառայի սգից:
६७तब इसहाक रिबका को अपनी माता सारा के तम्बू में ले आया, और उसको ब्याह कर उससे प्रेम किया। इस प्रकार इसहाक को माता की मृत्यु के पश्चात् शान्ति प्राप्त हुई।

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