< ܠܘܩܘܣ 5 >

ܗܘܐ ܕܝܢ ܟܕ ܟܢܫ ܥܠܘܗܝ ܟܢܫܐ ܠܡܫܡܥ ܡܠܬܐ ܕܐܠܗܐ ܘܗܘ ܩܐܡ ܗܘܐ ܥܠ ܝܕ ܝܡܬܐ ܕܓܢܤܪ 1
जब भीड़ उस पर गिरी पड़ती थी, और परमेश्वर का वचन सुनती थी, और वह गन्नेसरत की झील के किनारे पर खड़ा था, तो ऐसा हुआ।
ܚܙܐ ܤܦܝܢܐ ܬܪܬܝܢ ܕܩܝܡܢ ܥܠ ܓܢܒ ܝܡܬܐ ܘܨܝܕܐ ܕܤܠܩܘ ܡܢܗܝܢ ܘܡܫܝܓܝܢ ܡܨܝܕܬܗܘܢ 2
कि उसने झील के किनारे दो नावें लगी हुई देखीं, और मछुए उन पर से उतरकर जाल धो रहे थे।
ܘܚܕܐ ܡܢܗܝܢ ܕܫܡܥܘܢ ܗܘܬ ܟܐܦܐ ܘܤܠܩ ܝܫܘܥ ܝܬܒ ܒܗ ܘܐܡܪ ܕܢܕܒܪܘܢܗ ܩܠܝܠ ܡܢ ܝܒܫܐ ܠܡܝܐ ܘܝܬܒ ܗܘܐ ܘܡܠܦ ܡܢ ܤܦܝܢܬܐ ܠܟܢܫܐ 3
उन नावों में से एक पर, जो शमौन की थी, चढ़कर, उसने उससे विनती की, कि किनारे से थोड़ा हटा ले चले, तब वह बैठकर लोगों को नाव पर से उपदेश देने लगा।
ܘܟܕ ܫܬܩ ܡܢ ܡܡܠܠܗ ܐܡܪ ܠܫܡܥܘܢ ܕܒܪܘ ܠܥܘܡܩܐ ܘܐܪܡܘ ܡܨܝܕܬܟܘܢ ܠܨܝܕܐ 4
जब वह बातें कर चुका, तो शमौन से कहा, “गहरे में ले चल, और मछलियाँ पकड़ने के लिये अपने जाल डालो।”
ܥܢܐ ܫܡܥܘܢ ܘܐܡܪ ܠܗ ܪܒܝ ܠܠܝܐ ܟܠܗ ܠܐܝܢ ܘܡܕܡ ܠܐ ܐܚܕܢ ܥܠ ܡܠܬܟ ܕܝܢ ܪܡܐ ܐܢܐ ܡܨܝܕܬܐ 5
शमौन ने उसको उत्तर दिया, “हे स्वामी, हमने सारी रात मेहनत की और कुछ न पकड़ा; तो भी तेरे कहने से जाल डालूँगा।”
ܘܟܕ ܗܕܐ ܥܒܕܘ ܚܒܫܘ ܢܘܢܐ ܤܓܝܐܐ ܕܛܒ ܘܡܨܛܪܝܐ ܗܘܬ ܡܨܝܕܬܗܘܢ 6
जब उन्होंने ऐसा किया, तो बहुत मछलियाँ घेर लाए, और उनके जाल फटने लगे।
ܘܪܡܙܘ ܠܚܒܪܝܗܘܢ ܕܒܤܦܝܢܬܐ ܐܚܪܬܐ ܕܢܐܬܘܢ ܢܥܕܪܘܢ ܐܢܘܢ ܘܟܕ ܐܬܘ ܡܠܘ ܐܢܝܢ ܤܦܝܢܐ ܬܪܬܝܗܝܢ ܐܝܟ ܕܩܪܝܒܢ ܗܘܝ ܠܡܛܒܥ 7
इस पर उन्होंने अपने साथियों को जो दूसरी नाव पर थे, संकेत किया, कि आकर हमारी सहायता करो: और उन्होंने आकर, दोनों नाव यहाँ तक भर लीं कि वे डूबने लगीं।
ܟܕ ܚܙܐ ܕܝܢ ܫܡܥܘܢ ܟܐܦܐ ܢܦܠ ܩܕܡ ܪܓܠܘܗܝ ܕܝܫܘܥ ܘܐܡܪ ܠܗ ܒܥܐ ܐܢܐ ܡܢܟ ܡܪܝ ܦܪܘܩ ܠܟ ܡܢܝ ܕܓܒܪܐ ܐܢܐ ܚܛܝܐ 8
यह देखकर शमौन पतरस यीशु के पाँवों पर गिरा, और कहा, “हे प्रभु, मेरे पास से जा, क्योंकि मैं पापी मनुष्य हूँ!”
ܬܡܗܐ ܓܝܪ ܐܚܕܗ ܗܘܐ ܘܠܟܠܗܘܢ ܕܥܡܗ ܥܠ ܨܝܕܐ ܗܘ ܕܢܘܢܐ ܕܨܕܘ 9
क्योंकि इतनी मछलियों के पकड़े जाने से उसे और उसके साथियों को बहुत अचम्भा हुआ;
ܗܟܘܬ ܕܝܢ ܐܦ ܠܝܥܩܘܒ ܘܠܝܘܚܢܢ ܒܢܝ ܙܒܕܝ ܕܐܝܬܝܗܘܢ ܗܘܘ ܫܘܬܦܐ ܕܫܡܥܘܢ ܐܡܪ ܕܝܢ ܝܫܘܥ ܠܫܡܥܘܢ ܠܐ ܬܕܚܠ ܡܢ ܗܫܐ ܒܢܝ ܐܢܫܐ ܬܗܘܐ ܨܐܕ ܠܚܝܐ 10
१०और वैसे ही जब्दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना को भी, जो शमौन के सहभागी थे, अचम्भा हुआ तब यीशु ने शमौन से कहा, “मत डर, अब से तू मनुष्यों को जीविता पकड़ा करेगा।”
ܘܩܪܒܘ ܐܢܝܢ ܤܦܝܢܐ ܠܐܪܥܐ ܘܫܒܩܘ ܟܠ ܡܕܡ ܘܐܬܘ ܒܬܪܗ 11
११और वे नावों को किनारे पर ले आए और सब कुछ छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
ܘܟܕ ܗܘܐ ܝܫܘܥ ܒܚܕܐ ܡܢ ܡܕܝܢܬܐ ܐܬܐ ܓܒܪܐ ܕܡܠܐ ܟܠܗ ܓܪܒܐ ܚܙܐ ܠܝܫܘܥ ܘܢܦܠ ܥܠ ܐܦܘܗܝ ܘܒܥܐ ܗܘܐ ܡܢܗ ܘܐܡܪ ܠܗ ܡܪܝ ܐܢ ܨܒܐ ܐܢܬ ܡܫܟܚ ܐܢܬ ܠܡܕܟܝܘܬܝ 12
१२जब वह किसी नगर में था, तो वहाँ कोढ़ से भरा हुआ एक मनुष्य आया, और वह यीशु को देखकर मुँह के बल गिरा, और विनती की, “हे प्रभु यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है।”
ܘܦܫܛ ܐܝܕܗ ܝܫܘܥ ܩܪܒ ܠܗ ܘܐܡܪ ܠܗ ܨܒܐ ܐܢܐ ܐܬܕܟܐ ܘܒܪ ܫܥܬܗ ܐܙܠ ܡܢܗ ܓܪܒܗ ܘܐܬܕܟܝ 13
१३उसने हाथ बढ़ाकर उसे छुआ और कहा, “मैं चाहता हूँ, तू शुद्ध हो जा।” और उसका कोढ़ तुरन्त जाता रहा।
ܘܦܩܕܗ ܕܠܐܢܫ ܠܐ ܬܐܡܪ ܐܠܐ ܙܠ ܚܘܐ ܢܦܫܟ ܠܟܗܢܐ ܘܩܪܒ ܚܠܦ ܬܕܟܝܬܟ ܐܝܟܢܐ ܕܦܩܕ ܡܘܫܐ ܠܤܗܕܘܬܗܘܢ 14
१४तब उसने उसे चिताया, “किसी से न कह, परन्तु जा के अपने आपको याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा कि उन पर गवाही हो।”
ܘܢܦܩ ܥܠܘܗܝ ܛܒܐ ܝܬܝܪܐܝܬ ܘܡܬܟܢܫ ܗܘܐ ܥܡܐ ܤܓܝܐܐ ܠܡܫܡܥ ܡܢܗ ܘܠܡܬܐܤܝܘ ܡܢ ܟܘܪܗܢܝܗܘܢ 15
१५परन्तु उसकी चर्चा और भी फैलती गई, और बड़ी भीड़ उसकी सुनने के लिये और अपनी बीमारियों से चंगे होने के लिये इकट्ठी हुई।
ܗܘ ܕܝܢ ܡܫܢܐ ܗܘܐ ܠܕܒܪܐ ܘܡܨܠܐ 16
१६परन्तु वह निर्जन स्थानों में अलग जाकर प्रार्थना किया करता था।
ܘܗܘܐ ܒܚܕ ܡܢ ܝܘܡܬܐ ܟܕ ܡܠܦ ܗܘܐ ܝܫܘܥ ܝܬܒܝܢ ܗܘܘ ܦܪܝܫܐ ܘܡܠܦܝ ܢܡܘܤܐ ܕܐܬܘ ܗܘܘ ܡܢ ܟܠ ܩܘܪܝܐ ܕܓܠܝܠܐ ܘܕܝܗܘܕ ܘܕܐܘܪܫܠܡ ܘܚܝܠܐ ܕܡܪܝܐ ܐܝܬܘܗܝ ܗܘܐ ܠܡܐܤܝܘܬܗܘܢ 17
१७और एक दिन ऐसा हुआ कि वह उपदेश दे रहा था, और फरीसी और व्यवस्थापक वहाँ बैठे हुए थे, जो गलील और यहूदिया के हर एक गाँव से, और यरूशलेम से आए थे; और चंगा करने के लिये प्रभु की सामर्थ्य उसके साथ थी।
ܘܐܢܫܐ ܐܝܬܝܘ ܒܥܪܤܐ ܓܒܪܐ ܚܕ ܡܫܪܝܐ ܘܒܥܝܢ ܗܘܘ ܕܢܥܠܘܢ ܢܤܝܡܘܢܝܗܝ ܩܕܡܘܗܝ 18
१८और देखो कई लोग एक मनुष्य को जो लकवे का रोगी था, खाट पर लाए, और वे उसे भीतर ले जाने और यीशु के सामने रखने का उपाय ढूँढ़ रहे थे।
ܘܟܕ ܠܐ ܐܫܟܚܘ ܕܐܝܟܢܐ ܢܥܠܘܢܝܗܝ ܡܛܠ ܤܘܓܐܐ ܕܥܡܐ ܤܠܩܘ ܠܗܘܢ ܠܐܓܪܐ ܘܫܒܘܗܝ ܥܡ ܥܪܤܗ ܡܢ ܬܛܠܝܠܐ ܠܡܨܥܬܐ ܩܕܡܘܗܝ ܕܝܫܘܥ 19
१९और जब भीड़ के कारण उसे भीतर न ले जा सके तो उन्होंने छत पर चढ़कर और खपरैल हटाकर, उसे खाट समेत बीच में यीशु के सामने उतार दिया।
ܟܕ ܚܙܐ ܕܝܢ ܝܫܘܥ ܗܝܡܢܘܬܗܘܢ ܐܡܪ ܠܗܘ ܡܫܪܝܐ ܓܒܪܐ ܫܒܝܩܝܢ ܠܟ ܚܛܗܝܟ 20
२०उसने उनका विश्वास देखकर उससे कहा, “हे मनुष्य, तेरे पाप क्षमा हुए।”
ܘܫܪܝܘ ܤܦܪܐ ܘܦܪܝܫܐ ܡܬܚܫܒܝܢ ܘܐܡܪܝܢ ܡܢܘ ܗܢܐ ܕܡܡܠܠ ܓܘܕܦܐ ܡܢܘ ܡܫܟܚ ܠܡܫܒܩ ܚܛܗܐ ܐܠܐ ܐܢ ܐܠܗܐ ܒܠܚܘܕ 21
२१तब शास्त्री और फरीसी विवाद करने लगे, “यह कौन है, जो परमेश्वर की निन्दा करता है? परमेश्वर को छोड़ कौन पापों की क्षमा कर सकता है?”
ܝܫܘܥ ܕܝܢ ܝܕܥ ܡܚܫܒܬܗܘܢ ܘܥܢܐ ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܡܢܐ ܡܬܚܫܒܝܢ ܐܢܬܘܢ ܒܠܒܟܘܢ 22
२२यीशु ने उनके मन की बातें जानकर, उनसे कहा, “तुम अपने मनों में क्या विवाद कर रहे हो?
ܐܝܕܐ ܦܫܝܩܐ ܠܡܐܡܪ ܕܫܒܝܩܝܢ ܠܟ ܚܛܗܝܟ ܐܘ ܠܡܐܡܪ ܩܘܡ ܗܠܟ 23
२३सहज क्या है? क्या यह कहना, कि ‘तेरे पाप क्षमा हुए,’ या यह कहना कि ‘उठ और चल फिर?’
ܕܬܕܥܘܢ ܕܝܢ ܕܫܠܝܛ ܗܘ ܒܪܗ ܕܐܢܫܐ ܒܐܪܥܐ ܕܢܫܒܘܩ ܚܛܗܐ ܐܡܪ ܠܡܫܪܝܐ ܠܟ ܐܡܪ ܐܢܐ ܩܘܡ ܫܩܘܠ ܥܪܤܟ ܘܙܠ ܠܒܝܬܟ 24
२४परन्तु इसलिए कि तुम जानो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का भी अधिकार है।” उसने उस लकवे के रोगी से कहा, “मैं तुझ से कहता हूँ, उठ और अपनी खाट उठाकर अपने घर चला जा।”
ܘܡܚܕܐ ܩܡ ܠܥܢܝܗܘܢ ܘܫܩܠ ܥܪܤܗ ܘܐܙܠ ܠܒܝܬܗ ܟܕ ܡܫܒܚ ܠܐܠܗܐ 25
२५वह तुरन्त उनके सामने उठा, और जिस पर वह पड़ा था उसे उठाकर, परमेश्वर की बड़ाई करता हुआ अपने घर चला गया।
ܘܬܡܗܐ ܐܚܕ ܠܟܠܢܫ ܘܡܫܒܚܝܢ ܗܘܘ ܠܐܠܗܐ ܘܐܬܡܠܝܘ ܕܚܠܬܐ ܘܐܡܪܝܢ ܕܚܙܝܢ ܝܘܡܢܐ ܬܕܡܪܬܐ 26
२६तब सब चकित हुए और परमेश्वर की बड़ाई करने लगे, और बहुत डरकर कहने लगे, “आज हमने अनोखी बातें देखी हैं।”
ܒܬܪ ܗܠܝܢ ܢܦܩ ܝܫܘܥ ܘܚܙܐ ܡܟܤܐ ܕܫܡܗ ܠܘܝ ܕܝܬܒ ܒܝܬ ܡܟܤܐ ܘܐܡܪ ܠܗ ܬܐ ܒܬܪܝ 27
२७और इसके बाद वह बाहर गया, और लेवी नाम एक चुंगी लेनेवाले को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।”
ܘܫܒܩ ܟܠ ܡܕܡ ܘܩܡ ܐܙܠ ܒܬܪܗ 28
२८तब वह सब कुछ छोड़कर उठा, और उसके पीछे हो लिया।
ܘܥܒܕ ܠܗ ܠܘܝ ܒܒܝܬܗ ܩܘܒܠܐ ܪܒܐ ܘܐܝܬ ܗܘܐ ܟܢܫܐ ܤܓܝܐܐ ܕܡܟܤܐ ܘܕܐܚܪܢܐ ܕܤܡܝܟܝܢ ܗܘܘ ܥܡܗܘܢ 29
२९और लेवी ने अपने घर में उसके लिये एक बड़ा भोज दिया; और चुंगी लेनेवालों की और अन्य लोगों की जो उसके साथ भोजन करने बैठे थे एक बड़ी भीड़ थी।
ܘܪܛܢܝܢ ܗܘܘ ܤܦܪܐ ܘܦܪܝܫܐ ܘܐܡܪܝܢ ܠܬܠܡܝܕܘܗܝ ܠܡܢܐ ܥܡ ܡܟܤܐ ܘܚܛܝܐ ܐܟܠܝܢ ܐܢܬܘܢ ܘܫܬܝܢ 30
३०और फरीसी और उनके शास्त्री उसके चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, “तुम चुंगी लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?”
ܘܥܢܐ ܝܫܘܥ ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܠܐ ܡܬܒܥܐ ܐܤܝܐ ܠܚܠܝܡܐ ܐܠܐ ܠܐܝܠܝܢ ܕܒܝܫ ܒܝܫ ܥܒܝܕܝܢ 31
३१यीशु ने उनको उत्तर दिया, “वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है।
ܠܐ ܐܬܝܬ ܕܐܩܪܐ ܠܙܕܝܩܐ ܐܠܐ ܠܚܛܝܐ ܠܬܝܒܘܬܐ 32
३२मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ।”
ܗܢܘܢ ܕܝܢ ܐܡܪܝܢ ܠܗ ܠܡܢܐ ܬܠܡܝܕܘܗܝ ܕܝܘܚܢܢ ܨܝܡܝܢ ܐܡܝܢܐܝܬ ܘܡܨܠܝܢ ܐܦ ܕܦܪܝܫܐ ܕܝܠܟ ܕܝܢ ܐܟܠܝܢ ܘܫܬܝܢ 33
३३और उन्होंने उससे कहा, “यूहन्ना के चेले तो बराबर उपवास रखते और प्रार्थना किया करते हैं, और वैसे ही फरीसियों के भी, परन्तु तेरे चेले तो खाते-पीते हैं।”
ܗܘ ܕܝܢ ܐܡܪ ܠܗܘܢ ܠܐ ܡܫܟܚܝܢ ܐܢܬܘܢ ܠܒܢܘܗܝ ܕܓܢܘܢܐ ܟܡܐ ܕܚܬܢܐ ܥܡܗܘܢ ܕܬܥܒܕܘܢ ܕܢܨܘܡܘܢ 34
३४यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम बारातियों से जब तक दूल्हा उनके साथ रहे, उपवास करवा सकते हो?
ܢܐܬܘܢ ܕܝܢ ܝܘܡܬܐ ܟܕ ܢܬܬܪܝܡ ܚܬܢܐ ܡܢܗܘܢ ܗܝܕܝܢ ܢܨܘܡܘܢ ܒܗܢܘܢ ܝܘܡܬܐ 35
३५परन्तु वे दिन आएँगे, जिनमें दूल्हा उनसे अलग किया जाएगा, तब वे उन दिनों में उपवास करेंगे।”
ܘܐܡܪ ܠܗܘܢ ܡܬܠܐ ܕܠܐ ܐܢܫ ܩܐܕ ܐܘܪܩܥܬܐ ܡܢ ܡܐܢܐ ܚܕܬܐ ܘܪܡܐ ܥܠ ܡܐܢܐ ܒܠܝܐ ܕܠܐ ܠܚܕܬܐ ܩܐܕ ܘܠܒܠܝܐ ܠܐ ܫܠܡܐ ܐܘܪܩܥܬܐ ܕܡܢ ܚܕܬܐ 36
३६उसने एक और दृष्टान्त भी उनसे कहा: “कोई मनुष्य नये वस्त्र में से फाड़कर पुराने वस्त्र में पैबन्द नहीं लगाता, नहीं तो नया फट जाएगा और वह पैबन्द पुराने में मेल भी नहीं खाएगा।
ܘܠܐ ܐܢܫ ܪܡܐ ܚܡܪܐ ܚܕܬܐ ܒܙܩܐ ܒܠܝܬܐ ܘܐܢ ܕܝܢ ܠܐ ܡܒܙܥ ܚܡܪܐ ܚܕܬܐ ܠܙܩܐ ܘܗܘ ܚܡܪܐ ܡܬܐܫܕ ܘܙܩܐ ܐܒܕܢ 37
३७और कोई नया दाखरस पुरानी मशकों में नहीं भरता, नहीं तो नया दाखरस मशकों को फाड़कर बह जाएगा, और मशकें भी नाश हो जाएँगी।
ܐܠܐ ܚܡܪܐ ܚܕܬܐ ܒܙܩܐ ܚܕܬܬܐ ܪܡܝܢ ܘܬܪܝܗܘܢ ܡܬܢܛܪܝܢ 38
३८परन्तु नया दाखरस नई मशकों में भरना चाहिये।
ܘܠܐ ܐܢܫ ܫܬܐ ܚܡܪܐ ܥܬܝܩܐ ܘܡܚܕܐ ܒܥܐ ܚܕܬܐ ܐܡܪ ܓܝܪ ܥܬܝܩܐ ܒܤܝܡ 39
३९कोई मनुष्य पुराना दाखरस पीकर नया नहीं चाहता क्योंकि वह कहता है, कि पुराना ही अच्छा है।”

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