< المَزامِير 76 >
اللهُ مَعْرُوفٌ فِي يَهُوذَا وَاسْمُهُ مُعَظَّمٌ فِي إِسْرَائِيلَ. | ١ 1 |
१प्रधान बजानेवाले के लिये: तारवाले बाजों के साथ, आसाप का भजन, गीत परमेश्वर यहूदा में जाना गया है, उसका नाम इस्राएल में महान हुआ है।
خَيْمَتُهُ فِي أُورُشَلِيمَ وَمَسْكَنُهُ فِي جَبَلِ صِهْيَوْنَ. | ٢ 2 |
२और उसका मण्डप शालेम में, और उसका धाम सिय्योन में है।
هُنَاكَ حَطَّمَ السِّهَامَ الْبَارِقَةَ، وَالتُّرْسَ وَالسَّيْفَ وَكُلَّ أَسْلِحَةِ الْحَرْبِ. | ٣ 3 |
३वहाँ उसने तीरों को, ढाल, तलवार को और युद्ध के अन्य हथियारों को तोड़ डाला। (सेला)
أَنْتَ أَمْجَدُ وَأَعْظَمُ جَلاَلاً مِنَ الْجِبَالِ الْخَالِدَةِ | ٤ 4 |
४हे परमेश्वर, तू तो ज्योतिर्मय है: तू अहेर से भरे हुए पहाड़ों से अधिक उत्तम और महान है।
سَلَبْتَ أَبْطَالَهُمْ، فَنَامُوا نَوْمَ الْمَوْتِ، وَلَمْ تَنْفَعْهُمْ قُدْرَاتُهُمْ. | ٥ 5 |
५दृढ़ मनवाले लुट गए, और भारी नींद में पड़े हैं; और शूरवीरों में से किसी का हाथ न चला।
مِنْ زَجْرِكَ يَاإِلَهَ يَعْقُوبَ تُصْرَعُ الْفُرْسَانُ وَالْخُيُولُ. | ٦ 6 |
६हे याकूब के परमेश्वर, तेरी घुड़की से, रथों समेत घोड़े भारी नींद में पड़े हैं।
إِنَّمَا أَنْتَ مَهُوبٌ، فَمَنْ يَقِفُ أَمَامَكَ فِي غَضَبِكَ؟ | ٧ 7 |
७केवल तू ही भययोग्य है; और जब तू क्रोध करने लगे, तब तेरे सामने कौन खड़ा रह सकेगा?
مِنَ السَّمَاءِ أَصْدَرْتَ حُكْماً فَلَمَّا سَمِعَتْهُ الأَرْضُ فَزِعَتْ وَصَمَتَتْ. | ٨ 8 |
८तूने स्वर्ग से निर्णय सुनाया है; पृथ्वी उस समय सुनकर डर गई, और चुप रही,
كَانَ ذَلِكَ عِنْدَمَا قُمْتَ لِلْقَضَاءِ لِتُخَلِّصَ وُدَعَاءَ الأَرْضِ كُلَّهُمْ. | ٩ 9 |
९जब परमेश्वर न्याय करने को, और पृथ्वी के सब नम्र लोगों का उद्धार करने को उठा। (सेला)
حَقّاً يَحْمَدُكَ غَضَبُ الإِنْسَانِ، وَمَا تَبَقَّى مِنَ الْغَضَبِ تَتَمَنْطَقُ أَنْتَ بِهِ. | ١٠ 10 |
१०निश्चय मनुष्य की जलजलाहट तेरी स्तुति का कारण हो जाएगी, और जो जलजलाहट रह जाए, उसको तू रोकेगा।
انْذِرُوا وَأَوْفُوا لِلرَّبِّ إِلَهِكُمْ. يَاجَمِيعَ مَنْ حَوْلَهُ قَدِّمُوا هَدِيَّةً لِلْمَهُوبِ، | ١١ 11 |
११अपने परमेश्वर यहोवा की मन्नत मानो, और पूरी भी करो; वह जो भय के योग्य है, उसके आस-पास के सब उसके लिये भेंट ले आएँ।
فَهُوَ يَسْتَأْصِلُ أَرْوَاحَ رُؤَسَاءِ الأَرْضِ، وَيُرْهِبُ مُلُوكَهَا الْعُظَمَاءَ. | ١٢ 12 |
१२वह तो प्रधानों का अभिमान मिटा देगा; वह पृथ्वी के राजाओं को भययोग्य जान पड़ता है।