< المَزامِير 50 >

الرَّبُّ الإِلَهُ الْقَدِيرُ تَكَلَّمَ، وَدَعَا الأَرْضَ لِلْمُحَاكَمَةِ مِنْ مَشْرِقِ الشَّمْسِ إِلَى مَغْرِبِهَا. ١ 1
रब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने कलाम किया, और पूरब से पश्चिम तक दुनिया को बुलाया।
مِنْ صِهْيَوْنَ الْكَامِلَةِ الْجَمَالِ أَشْرَقَ مَجْدُ اللهِ. ٢ 2
सिय्यून से जो हुस्न का कमाल है, ख़ुदा जलवागर हुआ है।
يَأْتِي إِلَهُنَا وَلاَ يَصْمُتُ، تُحِيطُ بِهِ النَّارُ الآكِلَةُ وَالْعَوَاصِفُ الثَّائِرَةُ. ٣ 3
हमारा ख़ुदा आएगा और ख़ामोश नहीं रहेगा; आग उसके आगे आगे भसम करती जाएगी,
يُنَادِي السَّمَاوَاتِ مِنَ الْعُلَى، وَالأَرْضَ أَيْضاً مِنْ تَحْتُ لِكَيْ يَدِينَ شَعْبَهُ، قَائِلاً: ٤ 4
अपनी उम्मत की 'अदालत करने के लिए वह आसमान — ओ — ज़मीन को तलब करेगा,
«اجْمَعُوا إِلَيَّ أَتْقِيَائِي الَّذِينَ قَطَعُوا مَعِي عَهْداً عَلَى ذَبِيحَةٍ». ٥ 5
कि मेरे पाक लोगों को मेरे सामने जमा' करो, जिन्होंने कु़र्बानी के ज़रिये' से मेरे साथ 'अहद बाँधा है।
فَتُذِيعُ السَّمَاوَاتُ عَدْلَهُ لأَنَّ اللهَ هُوَ الدَّيَّانُ. ٦ 6
और आसमान उसकी सदाक़त बयान करेंगे, क्यूँकि ख़ुदा आप ही इन्साफ़ करने वाला है।
اسْمَعْ يَاشَعْبِي فَأَتَكَلَّمَ. يَاإِسْرَائِيلُ إِنِّي أَشْهَدُ عَلَيْكَ: «أَنَا اللهُ إِلَهُكَ. ٧ 7
“ऐ मेरी उम्मत, सुन, मैं कलाम करूँगा, और ऐ इस्राईल, मैं तुझ पर गवाही दूँगा। ख़ुदा, तेरा ख़ुदा मैं ही हूँ।
لَسْتُ أُوَبِّخُكَ عَلَى ذَبَائِحِكَ فَإِنَّ مُحْرَقَاتِكَ هِيَ دَائِماً قُدَّامِي. ٨ 8
मैं तुझे तेरी कु़र्बानियों की वजह से मलामत नहीं करूँगा, और तेरी सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ बराबर मेरे सामने रहती हैं;
فَمَا كُنْتُ لِآخُذَ مِنْ بَيْتِكَ ثَوْراً وَلاَ مِنْ حَظَائِرِكَ تَيْساً. ٩ 9
न मैं तेरे घर से बैल लूँगा न तेरे बाड़े से बकरे।
لأَنَّ جَمِيعَ حَيَوَانَاتِ الْغَابَةِ مِلْكِي، وَكَذَلِكَ الْبَهَائِمَ الْمُنْتَشِرَةَ عَلَى أُلُوفِ الْجِبَالِ. ١٠ 10
क्यूँकि जंगल का एक एक जानवर, और हज़ारों पहाड़ों के चौपाये मेरे ही हैं।
أَنَا عَالِمٌ بِجَمِيعِ طُيُورِ الْجِبَالِ، وَكُلُّ مَخْلُوقَاتِ الْبَرَارِي هِيَ لِي. ١١ 11
मैं पहाड़ों के सब परिन्दों को जानता हूँ, और मैदान के दरिन्दे मेरे ही हैं।
إِنْ جُعْتُ لاَ أَلْتَمِسُ مِنْكَ حَاجَتِي لأَنَّ لِيَ الْمَسْكُونَةَ وَكُلَّ مَا فِيهَا. ١٢ 12
“अगर मैं भूका होता तो तुझ से न कहता, क्यूँकि दुनिया और उसकी मा'मूरी मेरी ही है।
هَلْ آكُلُ لَحْمَ الثِّيرَانِ، أَوْ أَشْرَبُ دَمَ التُّيُوسِ؟ ١٣ 13
क्या मैं साँडों का गोश्त खाऊँगा, या बकरों का खू़न पियूँगा?
قَدِّمْ لِلهِ ذَبَائِحَ الْحَمْدِ وَأَوْفِ الْعَلِيَّ عُهُودَكَ. ١٤ 14
ख़ुदा के लिए शुक्रगुज़ारी की कु़र्बानी पेश करें, और हक़ता'ला के लिए अपनी मन्नतें पूरी कर;
ادْعُنِي فِي يَوْمِ ضِيقِكَ أُنْقِذْكَ فَتُمَجِّدَنِي». ١٥ 15
और मुसीबत के दिन मुझ से फ़रियाद कर मैं तुझे छुड़ाऊँगा और तू मेरी तम्जीद करेगा।”
وَقَالَ اللهُ لِلشِّرِّيرِ: «بِأَيِّ حَقٍّ تُحَدِّثُ بِأَحْكَامِي، وَلِمَاذَا تَتَكَلَّمُ عَنْ عَهْدِي، ١٦ 16
लेकिन ख़ुदा शरीर से कहता है, तुझे मेरे क़ानून बयान करने से क्या वास्ता? और तू मेरे 'अहद को अपनी ज़बान पर क्यूँ लाता है?
وَأَنْتَ تَمْقُتُ التَّأْدِيبَ وَلاَ تَكْتَرِثُ لِكَلاَمِي؟ ١٧ 17
जबकि तुझे तर्बियत से 'अदावत है, और मेरी बातों को पीठ पीछे फेंक देता है।
تَرَى سَارِقاً فَتُوَافِقُهُ، وَمَعَ الزُّنَاةِ نَصِيبُكَ. ١٨ 18
तू चोर को देखकर उससे मिल गया, और ज़ानियों का शरीक रहा है।
أَطْلَقْتَ فَمَكَ بِالشَّرِّ وَلِسَانُكَ يَخْتَرِعُ غِشّاً. ١٩ 19
“तेरे मुँह से बदी निकलती है, और तेरी ज़बान फ़रेब गढ़ती है।
تَجْلِسُ تُشَهِّرُ بِأَخِيكَ، وَعَلَى ابْنِ أُمِّكَ تَفْتَرِي. ٢٠ 20
तू बैठा बैठा अपने भाई की ग़ीबत करता है; और अपनी ही माँ के बेटे पर तोहमत लगाता है।
هَذِهِ كُلَّهَا فَعَلْتَ وَأَنَا سَكَتُّ، فَظَنَنْتَ أَنِّي مِثْلُكَ. غَيْرَ أَنِّي أُوَبِّخُكَ وَأَصُفُّ إِثْمَكَ أَمَامَ عَيْنَيْكَ. ٢١ 21
तूने यह काम किए और मैं ख़ामोश रहा; तूने गुमान किया, कि मैं बिल्कुल तुझ ही सा हूँ। लेकिन मैं तुझे मलामत करके इनको तेरी आँखों के सामने तरतीब दूँगा।
وَالآنَ تَنَبَّهُوا أَيُّهَا النَّاسُونَ اللهَ، لِئَلاَّ أُمَزِّقَكُمْ وَلَيْسَ مَنْ يُنْقِذُكُمْ. ٢٢ 22
“अब ऐ ख़ुदा को भूलने वालो, इसे सोच लो, ऐसा न हो कि मैं तुम को फाड़ डालूँ, और कोई छुड़ाने वाला न हो।
أَمَّا مَنْ يُقَدِّمُ لِي ذَبِيحَةَ حَمْدٍ فَهُوَ يُمَجِّدُنِي، وَمَنْ يُقَوِّمُ طَرِيقَهُ أُرِيهِ خَلاَصَ اللهِ». ٢٣ 23
जो शुक्रगुज़ारी की क़ुर्बानी पेश करता है वह मेरी तम्जीद करता है; और जो अपना चालचलन दुरुस्त रखता है, उसको मैं ख़ुदा की नजात दिखाऊँगा।”

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