< مَتَّى 9 >
ثُمَّ رَكِبَ يَسُوعُ الْقَارِبَ، وَعَبَرَ الْبُحَيْرَةَ رَاجِعاً إِلَى بَلْدَتِهِ (كَفْرَنَاحُومَ)، | ١ 1 |
अळतेण ईसु ढुंड्या मे बह ज्यो अने दर्या नी ह़ेली धेड़े तीना ह़ेर मे आयो।
فَجَاءَهُ بَعْضُهُمْ يَحْمِلُونَ مَشْلُولاً مَطْرُوحاً عَلَى فِرَاشٍ. فَلَمَّا رَأَى يَسُوعُ إِيمَانَهُمْ، قَالَ لِلْمَشْلُولِ: «اِطْمَئِنَّ يَابُنَيَّ! قَدْ غُفِرَتْ لَكَ خَطَايَاكَ» | ٢ 2 |
तीहयी वखत थोड़ाक माणहु, लखवा मे पड़ला एक माणेह ने खाटला मे ह़ुवाड़ीन ईसुन्तां लाया। तीमनो भरहो देखीन ईसु तीहया लखवा मे पड़ला ने हुकम आपीन केदो, सोरा, हीमम्त राख! तारा पाप नी लेदे तने माफी जड़ जी।
فَقَالَ بَعْضُ الْكَتَبَةِ فِي أَنْفُسِهِمْ: «إِنَّهُ يُجَدِّفُ!» | ٣ 3 |
थोड़ाक युहदी-धरम ह़ीकाड़न्या मन मे वीच्यार्या, हीय्यो ते भगवान नो वाक काडे।
وَأَدْرَكَ يَسُوعُ مَا يُفَكِّرُونَ فِيهِ، فَسَأَلَهُمْ: «لِمَاذَا تُفَكِّرُونَ بِالشَّرِّ فِي قُلُوبِكُمْ؟ | ٤ 4 |
तीमना मन ना वीच्यार जाणीन ईसु तीमने केदो, तमु तमारा मन मे एवा बुरा वीच्यार काहा कर र्या?
أَيُّهُمَا الأَسْهَلُ: أَنْ يُقَالَ: قَدْ غُفِرَتْ لَكَ خَطَايَاكَ، أَمْ أَنْ يُقَالَ: قُمْ وَامْشِ؟ | ٥ 5 |
जादा वारु ह़ु से? “तारा पाप नी लेदे तने माफी जड़ जी केवा वारु से के, ‘उठीन तारु खाटलु उचलीन चाल केवा वारु से?’”
وَلَكِنِّي (قُلْتُ ذَلِكَ) لِكَيْ تَعْلَمُوا أَنَّ لابْنِ الإِنْسَانِ عَلَى الأَرْضِ سُلْطَةَ غُفْرَانِ الْخَطَايَا». عِنْدَئِذٍ قَالَ لِلْمَشْلُولِ: «قُمِ احْمِلْ فِرَاشَكَ، وَاذْهَبْ إِلَى بَيْتِكَ!» | ٦ 6 |
पण मे आहयु आसम करीन की र्यो के तमु आहयु जाण लेवो के मनख्या ना सोरा ने धरती पोर पाप नी लेदे माणहु ने माफी आपवा नो बी हक से। अळतेण ईसु लखवा मे पड़ला माणेह ने केदो, “उठ अने तारु खाटलु उचलीन तारा घोर जत रे।”
فَقَامَ، وَذَهَبَ إِلَى بَيْتِهِ. | ٧ 7 |
अने तीहयो उठीन तीना घोर जत र्यो।
فَلَمَّا رَأَتِ الْجُمُوعُ ذَلِكَ، اسْتَوْلَى عَلَيْهِمِ الْخَوْفُ، وَمَجَّدُوا اللهَ الَّذِي أَعْطَى النَّاسَ مِثْلَ هَذِهِ السُّلْطَةِ. | ٨ 8 |
आहयु देखीन माणहु बीह ज्या, अने तीहया भगवान ना गुण गावीन बड़ाय करवा बाज ज्या, जे माणेह ने ईसम हक आप्यो।
وَفِيمَا كَانَ يَسُوعُ مَارّاً بِالْقُرْبِ مِنْ مَكْتَبِ جِبَايَةِ الضَّرَائِبِ، رَأَى جَابِياً اسْمُهُ مَتَّى جَالِساً هُنَاكَ. فَقَالَ لَهُ: «اتْبَعْنِي!» فَقَامَ وَتَبِعَهُ. | ٩ 9 |
ईसु तां गेथो अगो ज्यो, अने तीहयो मत्ती नाम ना एक माणेह ने फाळो लेवा ना नाका पोर बह रेलो देख्यो, अने तीने केदो, मारी ह़ाते चाल। अने तीहयो उठीन तीनी ह़ाते चाल पड़्यो।
وَبَيْنَمَا كَانَ يَسُوعُ مُتَّكِئاً فِي بَيْتِ مَتَّى، حَضَرَ كَثِيرُونَ مِنَ جُبَاةِ الْضَرَائِبِ وَالْخَاطِئِينَ، وَاتَّكَأُوا مَعَ يَسُوعَ وَتَلاَمِيذِهِ. | ١٠ 10 |
एक दाड़ो ईसु आह़फा ना चेला ह़ाते मत्ती ना घोर मे खाणु, खावा बह्यो अने घणा ढेरका फाळो लेण्या अने बीजा पापी आवीन तीनी ह़ाते खाणु खावा बाज र्या हता।
وَعِنْدَمَا رَأَى الْفَرِّيسِيُّونَ ذَلِكَ، قَالُوا لِتَلاَمِيذِهِ: «لِمَاذَا يَأْكُلُ مُعَلِّمُكُمْ مَعَ جُبَاةِ الْضَرَائِبِ وَالْخَاطِئِينَ؟» | ١١ 11 |
अने आहयु देखीन फरीसी पंथवाळा ईसु ना चेला ने केदा, तमारो मास्तर फाळो लेण्या अने बीजा पापी भेळतो खाणु काहा खाय?
وَإِذْ سَمِعَ يَسُوعُ كَلاَمَهُمْ، قَالَ: «لا يَحْتَاجُ الأَصِحَّاءُ إِلَى الطَّبِيبِ، بَلِ الْمَرْضَى! | ١٢ 12 |
ईसु आहयु ह़मळीन तीमने केदो, “आरगला ने दाक्तर नी जोवे, पण मांदला ने दाक्तर जोवे।”
اِذْهَبُوا وَتَعَلَّمُوا مَعْنَى الْقَوْلِ: إِنِّي أَطْلُبُ رَحْمَةً لاَ ذَبِيحَةً. فَإِنِّي مَا جِئْتُ لأَدْعُوَ صَالِحِينَ بَلْ خَاطِئِينَ!» | ١٣ 13 |
एतरे जाय्न चोखली सास्तर मे लीखली आहयी वात ने ह़ीक लेवो के मने बादा नी जोवती, पण गीण जोय री ईनु मतलब ह़ु से, काहाके मे धरमी माणहु ने नी, पण पापी माणहु ने बोलाव्वा आवलो से।
ثُمَّ تَقَدَّمَ تَلاَمِيذُ يُوحَنَّا إِلَى يَسُوعَ يَسْأَلُونَهُ: «لِمَاذَا نَصُومُ نَحْنُ وَالْفَرِّيسِيُّونَ، وَلاَ يَصُومُ تَلامِيذُكَ؟» | ١٤ 14 |
अळतेण बपतीस्मा आपण्या युहन्ना ना चेला ईसुन्तां आया, अने आहयु केदा, आमु अने फरीसी पंथवाळा उपाह़ कर्या। पण तारा चेला उपाह़ काहा नी करता?
فَقَالَ لَهُمْ يَسُوعُ: «هَلْ يَقْدِرُ أَهْلُ الْعُرْسِ أَنْ يَحْزَنُوا مَادَامَ الْعَرِيسُ بَيْنَهُمْ؟ وَلَكِنْ، سَتَأْتِي أَيَّامٌ يَكُونُ فِيهَا الْعَرِيسُ قَدْ رُفِعَ مِنْ بَيْنِهِمْ، فَعِنْدَئِذٍ يَصُومُونَ! | ١٥ 15 |
ईसु तीमने केदो, जत्यार तक लाडो ह़ाते से, तत्यार तक वरात्या दुखी हयहे ह़ु? बाखीन तीहया दाड़ा बी आवह़े जत्यार लाडो तीमनीन्तां गेथो सेटो हय जाय, ता तीहया उपाह़ करहे।
لاَ أَحَدَ يَرْقَعُ ثَوْباً عَتِيقاً بِقُمَاشٍ جَدِيدٍ، لأَنَّ الرُّقْعَةَ الْجَدِيدَةَ تَنْكَمِشُ، فَتَأْكُلُ مِنَ الثَّوْبِ الْعَتِيقِ، وَيَصِيرُ الْخَرْقُ أَسْوَأَ! | ١٦ 16 |
नवलु थीगळु जुन्ला लुगड़ा पोर कोय नी लगाड़े; काहाके लुगड़ु धोवहे, ता तीहयो नवलु थीगळु उहटी जहे, अने जुन्ला लुगड़ा ने हापकीन जादा फाड़ देहे।
وَلاَ يَضَعُ النَّاسُ الْخَمْرَ الْجَدِيدَةَ فِي قِرَبٍ عَتِيقَةٍ؛ وَإِلاَّ، فَإِنَّ الْقِرَبَ تَنْفَجِرُ، فَتُرَاقُ الْخَمْرُ وَتَتْلَفُ الْقِرَبُ. وَلَكِنَّهُمْ يَضَعُونَ الْخَمْرَ الْجَدِيدَةَ فِي قِرَبٍ جَدِيدَةٍ، فَتُحْفَظُ الْخَمْرُ وَالْقِرَبُ مَعاً!» | ١٧ 17 |
अने नवला अंगुर नो रोह, जुन्ला चामड़ा ना कवड़्या मे कोय नी भरे, नीता अंगुर नो रोह चामड़ा ना कवड़्या ने फाड़ देहे। अने आसम करीन अंगुर नो रोह वय जहे अने चामड़ा नो कवड़्यो बी बगड़ी जहे। करीन नवला अंगुर नो रोह नवला चामड़ा ना कवड़्या मे भरे। अने तीहया बेम बचला रेहे।
وَبَيْنَمَا كَانَ يَقُولُ هَذَا، إِذَا رَئِيسٌ لِلْمَجْمَعِ قَدْ تَقَدَّمَ وَسَجَدَ لَهُ قَائِلاً: | ١٨ 18 |
ईसु तीमने आहयी वात केवात बाज रेलो हतो, के मुख्यो माणेह आयो अने तीहयो ढुंगो वळीन ईसु सी वीन्ती कर्यो, मारी सोरी हमणे मर जेली से। पण आवीन तीनी पोर हात मेक, अने तीहयी जीवती हय जहे।
«ابْنَتِي الْآنَ مَاتَتْ. وَلَكِنْ تَعَالَ وَالْمُسْهَا بِيَدِكَ فَتَحْيَا» فَقَامَ يَسُوعُ وَتَبِعَهُ وَمَعَهُ تَلاَمِيذُهُ. | ١٩ 19 |
ईसु उठीन आह़फा ना चेला भेळतो तीनी पसळ चाल पड़्यो।
وَإِذَا امْرَأَةٌ مُصَابَةٌ بِنَزِيفٍ دَمَوِيٍّ مُنْذُ اثْنَتَيْ عَشَرَةَ سَنَةً، قَدْ تَقَدَّمَتْ إِلَيْهِ مِنْ خَلْفٍ، وَلَمَسَتْ طَرَفَ رِدَائِهِ، | ٢٠ 20 |
अने देखो, एक बयर ने बारे साल नो पोगराळो दुख हतो, अने तीहयी पसळ गेथी आवीन ईसु ना लुगड़ा ना छेड़ा ने सीम लेदी।
لأَنَّهَا قَالَتْ فِي نَفْسِهَا: «يَكْفِي أَنْ أَلْمُسَ وَلَوْ ثِيَابَهُ لأُشْفَى!» | ٢١ 21 |
काहाके तीहयी आह़फी ना मन मे केती हती, “कदीम मे ईसु ना लुगड़ा ने बी सीम लेही ता मे आरगी हय जही।”
فَالْتَفَتَ يَسُوعُ وَرَآهَا، فَقَالَ: «اطْمَئِنِّي يَاابْنَةُ. إِيمَانُكِ قَدْ شَفَاكِ!» فَشُفِيَتِ الْمَرْأَةُ مِنْ تِلْكَ السَّاعَةِ. | ٢٢ 22 |
ईसु पासो फीरीन तीने देख्यो अने केदो, “बेटी हीम्मत राख; तारो भरहो तने वारु करलो से।” अळतेण तीहयी बयर तत्यारुत वारु हय जी।
وَلَمَّا دَخَلَ يَسُوعُ بَيْتَ رَئِيسِ الْمَجْمَعِ، وَرَأَى النَّادِبِينَ بِالْمِزْمَارِ وَالْجَمْعَ فِي اضْطِرَابٍ، | ٢٣ 23 |
जत्यार ईसु तीहया मुख्या ना घोर मे पुग्यो अने फेपार्या वगाड़वा वाळा अने रड़वा बाज रेला देख्यो ता केदो।
قَالَ: «انْصَرِفُوا! فَالصَّبِيَّةُ لَمْ تَمُتْ، وَلكِنَّهَا نَائِمَةٌ!» فَضَحِكُوا مِنْهُ. | ٢٤ 24 |
ईसु तीमने केदो, “सेटा हय जावो, सोरी मरी नी, पण ह़ुव्वा बाज री।” आसम केदो एतरोत अने तीहया ईसु नी हाही उडाड़वा बाज ज्या।
فَلَمَّا أُخْرِجَ الْجَمْعُ، دَخَلَ وَأَمْسَكَ بِيَدِ الصَّبِيَّةِ، فَنَهَضَتْ. | ٢٥ 25 |
पण जत्यार माणहु नी गड़दी ने बारी नीकाळ देदा। ता ईसु घोर मे जाय्न सोरी नो हात धर्यो, अने तीहयी उठीन बह जी।
وَذَاعَ خَبَرُ ذَلِكَ فِي تِلْكَ الْبِلاَدِ كُلِّهَا. | ٢٦ 26 |
अने आहयी वात नी खबर तीहया आखा देस मे फेल जी।
وَفِيمَا كَانَ يَسُوعُ رَاحِلاً مِنْ هُنَاكَ، تَبِعَهُ أَعْمَيَانِ يَصْرُخَانِ قَائِلَيْنِ: «ارْحَمْنَا يَاابْنَ دَاوُدَ!» | ٢٧ 27 |
जत्यार ईसु तां गेथो अगो ज्यो, ता बे आंदळा ईसु पसळ आसम आड़ता जाय्न चाल पड़्या, “ए दावुद नी अवल्यात, अमारी पोर दया कर।”
وَعِنْدَ دُخُولِهِ الْبَيْتَ تَقَدَّمَا إِلَيْهِ. فَسَأَلَهُمَا يَسُوعُ: «أَتُؤْمِنَانِ بِأَنِّي أَقْدِرُ أَنْ أَفْعَلَ هَذَا؟» أَجَابَا: «نَعَمْ يَاسَيِّدُ!» | ٢٨ 28 |
जत्यार तीहयो घोर मे पुग्यो, ता तीहया आंदळा ईसु ह़ाते आया, अने ईसु तीमने केदो, “के तमारो भरहो से के मे तमने वारु कर सकत्लो से?” तीहयो ईसु ने केदो, “होव, मालीक!”
فَلَمَسَ أَعْيُنَهُمَا قَائِلاً: «لِيَكُنْ لَكُمَا بِحَسَبِ إِيمَانِكُمَا!» | ٢٩ 29 |
तत्यार ईसु तीमना डोळा सीमीन केदो, “तमारा भरहा नी लारे तमारी वाटु हय जाय।”
فَانْفَتَحَتْ أَعْيُنُهُمَا. وَأَنْذَرَهُمَا يَسُوعُ بِشِدَّةٍ قَائِلاً: اِنْتَبِهَا! لاَ تُخْبِرَا أَحَداً!» | ٣٠ 30 |
अने तीमना डोळा उगड़ी ज्या अने ईसु तीमने चेतावीन केदो, “चेतीन रेवो। कोय आहयी वात ने नी जाणे।”
وَلَكِنَّهُمَا انْطَلَقَا وَأَذَاعَا صِيتَهُ فِي تِلْكَ الْبِلاَدِ كُلِّهَا. | ٣١ 31 |
पण तीहयो नीकळीन आखा देस मे तीहयी वात फेलाड़ देदो।
وَمَا إِنْ خَرَجَا، حَتَّى جَاءَهُ بَعْضُهُمْ بِأَخْرَسَ يَسْكُنُهُ شَيْطَانٌ. | ٣٢ 32 |
जत्यार तीहयो बारो जवा बाज र्यो हतो, ता देखो, माणहु एक गुंगा ने भुत लागलो हतो, ईसुन्तां लाया;
فَلَمَّا طُرِدَ الشَّيْطَانُ، تَكَلَّمَ الأَخْرَسُ. فَتَعَجَّبَتِ الْجُمُوعُ، وَقَالُوا: «لَمْ نُشَاهِدْ مِثْلَ هَذَا قَطُّ فِي إِسْرَائِيلَ». | ٣٣ 33 |
अने जत्यार भुत ने नीकाळ देदलो, ता गुंगो बोलवा बाज ज्यो। अने माणहु नी गड़दी वहराय्न केवा बाज जी, “ईस्रायल देस मे एवु कदी नी देख्या।”
أَمَّا الْفَرِّيسِيُّونَ فَقَالُوا: «إِنَّهُ يَطْرُدُ الشَّيَاطِينِ بِرَئِيسِ الشَّيَاطِينِ!». | ٣٤ 34 |
पण फरीसी पंथवाळा केदा, “आहयो ते भुत ना डायला नी लारे भुत ने नीकाळत्लो से।”
وَأَخَذَ يَسُوعُ يَتَنَقَّلُ فِي الْمُدُنِ وَالْقُرَى كُلِّهَا، يُعَلِّمُ فِي مَجَامِعِ الْيَهُودِ وَيُنَادِي بِبِشَارَةِ الْمَلَكُوتِ، وَيَشْفِي كُلَّ مَرَضٍ وَعِلَّةً. | ٣٥ 35 |
ईसु आखा ह़ेर मे अने गाम मे फीरतो र्यो अने युहद्या ना भक्ती ना घोरु मे माणहु ने ह़ीकाड़तो र्यो, अने भगवान ना राज नी खुस-खबर नो परच्यार करतो र्यो, अने आखी भातीन मंदवाड़ ने अने लुलखाय ने सेटी करतो र्यो।
وَعِنْدَمَا رَأَى الْجُمُوعَ، أَخَذَتْهُ الشَّفَقَةُ عَلَيْهِمْ، إِذْ كَانُوا مُعَذَّبِينَ وَمُشَرَّدِينَ كَغَنَمٍ لاَ رَاعِيَ لَهَا. | ٣٦ 36 |
जत्यार ईसु गड़दी ने देख्यो ता ईसु तीमनी पोर दया कर्यो, काहाके तीहया तीना गाडरान तेवा हता, तीमनो कोय गुवाळ्यो नी हतो, घबरायला हता अने भटकी जेला हता।
عِنْدَئِذٍ قَالَ لِتَلاَمِيذِهِ: «الْحَصَادُ كَثِيرٌ، وَالْعُمَّالُ قَلِيلُونَ. | ٣٧ 37 |
तत्यार ईसु आह़फा चेला ने केदो, “मेर ते घणी से, पण मेर वाडवा वाळा दाड़क्या थोड़ाक से।
فَاطْلُبُوا مِنْ رَبِّ الْحَصَادِ أَنْ يُرْسِلَ عُمَّالاً إِلَى حَصَادِهِ!» | ٣٨ 38 |
एतरे मेर ना मालीक सी वीन्ती करो के तीहयो आह़फा नी मेर वाडवा करीन दाड़क्या मोकल देय।”