< لُوقا 1 >

لَمَّا كَانَ كَثِيرُونَ قَدْ أَقْدَمُوا عَلَى تَدْوِينِ قِصَّةٍ فِي الأَحْدَاثِ الَّتِي تَمَّتْ بَيْنَنَا، ١ 1
बहुतों ने उन बातों का जो हमारे बीच में बीती हैं, इतिहास लिखने में हाथ लगाया है।
كَمَا سَلَّمَهَا إِلَيْنَا أُولئِكَ الَّذِينَ كَانُوا مِنَ الْبَدَايَةِ شُهُودَ عَيَانٍ، ثُمَّ صَارُوا خُدَّاماً لِلْكَلِمَةِ، ٢ 2
जैसा कि उन्होंने जो पहले ही से इन बातों के देखनेवाले और वचन के सेवक थे हम तक पहुँचाया।
رَأَيْتُ أَنَا أَيْضاً، بَعْدَمَا تَفَحَّصْتُ كُلَّ شَيْءٍ مِنْ أَوَّلِ الأَمْرِ تَفَحُّصاً دَقِيقاً، أَنْ أَكْتُبَهَا إِلَيْكَ مُرَتَّبَةً يَا صَاحِبَ السُّمُوِّ ثَاوُفِيلُسَ ٣ 3
इसलिए हे श्रीमान थियुफिलुस मुझे भी यह उचित मालूम हुआ कि उन सब बातों का सम्पूर्ण हाल आरम्भ से ठीक-ठीक जाँच करके उन्हें तेरे लिये क्रमानुसार लिखूँ,
لِتَتَأَكَّدَ لَكَ صِحَّةُ الْكَلامِ الَّذِي تَلَقَّيْتَهُ. ٤ 4
कि तू यह जान ले, कि वे बातें जिनकी तूने शिक्षा पाई है, कैसी अटल हैं।
كَانَ فِي زَمَنِ هِيرُودُسَ مَلِكِ الْيَهُودِيَّةِ كَاهِنٌ اسْمُهُ زَكَرِيَّا، مِنْ فِرْقَةِ أَبِيَّا، وَزَوْجَتُهُ مِنْ نَسْلِ هَارُونَ، وَاسْمُهَا أَلِيصَابَاتُ. ٥ 5
यहूदिया के राजा हेरोदेस के समय अबिय्याह के दल में जकर्याह नाम का एक याजक था, और उसकी पत्नी हारून के वंश की थी, जिसका नाम एलीशिबा था।
وَكَانَ كِلاهُمَا بَارَّيْنِ أَمَامَ اللهِ، يَسْلُكَانِ وَفْقاً لِوَصَايَا الرَّبِّ وَأَحْكَامِهِ كُلِّهَا بِغَيْرِ لَوْمٍ. ٦ 6
और वे दोनों परमेश्वर के सामने धर्मी थे, और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलनेवाले थे।
وَلكِنْ لَمْ يَكُنْ لَهُمَا وَلَدٌ، إِذْ كَانَتْ أَلِيصَابَاتُ عَاقِراً وَكِلاهُمَا قَدْ تَقَدَّمَا فِي السِّنِّ كَثِيراً. ٧ 7
उनके कोई सन्तान न थी, क्योंकि एलीशिबा बाँझ थी, और वे दोनों बूढ़े थे।
وَبَيْنَمَا كَانَ زَكَرِيَّا يُؤَدِّي خِدْمَتَهُ الْكَهَنُوتِيَّةَ أَمَامَ اللهِ فِي دَوْرِ فِرْقَتِهِ، ٨ 8
जब वह अपने दल की पारी पर परमेश्वर के सामने याजक का काम करता था।
وَقَعَتْ عَلَيْهِ الْقُرْعَةُ الَّتِي أُلْقِيَتْ حَسَبَ عَادَةِ الْكَهَنُوتِ لِيَدْخُلَ هَيْكَلَ الرَّبِّ وَيُحْرِقَ الْبَخُورَ. ٩ 9
तो याजकों की रीति के अनुसार उसके नाम पर चिट्ठी निकली, कि प्रभु के मन्दिर में जाकर धूप जलाए।
وَكَانَ جُمْهُورُ الشَّعْبِ جَمِيعاً يُصَلُّونَ خَارِجاً فِي وَقْتِ إِحْرَاقِ الْبَخُورِ. ١٠ 10
१०और धूप जलाने के समय लोगों की सारी मण्डली बाहर प्रार्थना कर रही थी।
فَظَهَرَ لَهُ مَلاكٌ مِنْ عِنْدِ الرَّبِّ وَاقِفاً عَنْ يَمِينِ مَذْبَحِ الْبَخُورِ. ١١ 11
११कि प्रभु का एक स्वर्गदूत धूप की वेदी की दाहिनी ओर खड़ा हुआ उसको दिखाई दिया।
فَاضْطَرَبَ زَكَرِيَّا لَمَّا رَآهُ وَاسْتَوْلَى عَلَيْهِ الْخَوْفُ. ١٢ 12
१२और जकर्याह देखकर घबराया और उस पर बड़ा भय छा गया।
فَقَالَ لَهُ الْمَلاكُ: «لا تَخَفْ يَا زَكَرِيَّا، لأَنَّ طِلْبَتَكَ قَدْ سُمِعَتْ، وَزَوْجَتُكَ أَلِيصَابَاتُ سَتَلِدُ لَكَ ابْناً، وَأَنْتَ تُسَمِّيهِ يُوحَنَّا، ١٣ 13
१३परन्तु स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे जकर्याह, भयभीत न हो क्योंकि तेरी प्रार्थना सुन ली गई है और तेरी पत्नी एलीशिबा से तेरे लिये एक पुत्र उत्पन्न होगा, और तू उसका नाम यूहन्ना रखना।
وَيَكُونُ لَكَ فَرَحٌ وَابْتِهَاجٌ وَكَثِيرُونَ سَيَفْرَحُونَ بِوِلادَتِهِ. ١٤ 14
१४और तुझे आनन्द और हर्ष होगा और बहुत लोग उसके जन्म के कारण आनन्दित होंगे।
وَسَوْفَ يَكُونُ عَظِيماً أَمَامَ الرَّبِّ، وَلا يَشْرَبُ خَمْراً وَلا مُسْكِراً، وَيَمْتَلِئُ بِالرُّوحِ الْقُدُسِ وَهُوَ بَعْدُ فِي بَطْنِ أُمِّهِ، ١٥ 15
१५क्योंकि वह प्रभु के सामने महान होगा; और दाखरस और मदिरा कभी न पीएगा; और अपनी माता के गर्भ ही से पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाएगा।
وَيَرُدُّ كَثِيرِينَ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ إِلَى الرَّبِّ إِلهِهِمْ، ١٦ 16
१६और इस्राएलियों में से बहुतों को उनके प्रभु परमेश्वर की ओर फेरेगा।
فَيَتَقَدَّمُ أَمَامَهُ وَلَهُ رُوحُ إِيلِيَّا وَقُدْرَتُهُ، لِيَرُدَّ قُلُوبَ الآبَاءِ إِلَى الأَوْلادِ، وَالْعُصَاةَ إِلَى حِكْمَةِ الأَبْرَارِ، لِيُهَيِّئَ لِلرَّبِّ شَعْباً مُعَدّاً!» ١٧ 17
१७वह एलिय्याह की आत्मा और सामर्थ्य में होकर उसके आगे-आगे चलेगा, कि पिताओं का मन बाल-बच्चों की ओर फेर दे; और आज्ञा न माननेवालों को धर्मियों की समझ पर लाए; और प्रभु के लिये एक योग्य प्रजा तैयार करे।”
فَسَأَلَ زَكَرِيَّا الْمَلاكَ: «بِمَ يَتَأَكَّدُ لِي هَذَا، فَأَنَا شَيْخٌ كَبِيرٌ وَزَوْجَتِي مُتَقَدِّمَةٌ فِي السِّنِّ؟» ١٨ 18
१८जकर्याह ने स्वर्गदूत से पूछा, “यह मैं कैसे जानूँ? क्योंकि मैं तो बूढ़ा हूँ; और मेरी पत्नी भी बूढ़ी हो गई है।”
فَأَجَابَهُ الْمَلاكُ: «أَنَا جِبْرَائِيلُ، الْوَاقِفُ أَمَامَ اللهِ، وَقَدْ أُرْسِلْتُ لأُكَلِّمَكَ وَأُبَشِّرَكَ بِهَذَا. ١٩ 19
१९स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “मैं गब्रिएल हूँ, जो परमेश्वर के सामने खड़ा रहता हूँ; और मैं तुझ से बातें करने और तुझे यह सुसमाचार सुनाने को भेजा गया हूँ।
وَهَا أَنْتَ سَتَبْقَى صَامِتاً لَا تَسْتَطِيعُ الْكَلامَ، إِلَى الْيَوْمِ الَّذِي يَحْدُثُ فِيهِ هَذَا، لأَنَّكَ لَمْ تُصَدِّقْ كَلامِي، وَهُوَ سَيَتِمُّ فِي حِينِهِ». ٢٠ 20
२०और देख, जिस दिन तक ये बातें पूरी न हो लें, उस दिन तक तू मौन रहेगा, और बोल न सकेगा, इसलिए कि तूने मेरी बातों की जो अपने समय पर पूरी होंगी, विश्वास न किया।”
وَكَانَ الشَّعْبُ مُنْتَظِرِينَ زَكَرِيَّا، وَهُمْ مُتَعَجِّبُونَ مِنْ تَأَخُّرِهِ دَاخِلَ الْهَيْكَلِ. ٢١ 21
२१लोग जकर्याह की प्रतीक्षा करते रहे और अचम्भा करने लगे कि उसे मन्दिर में ऐसी देर क्यों लगी?
وَلكِنَّهُ لَمَّا خَرَجَ لَمْ يَقْدِرْ أَنْ يُكَلِّمَهُمْ، فَأَدْرَكُوا أَنَّهُ رَأَى رُؤْيَا دَاخِلَ الْهَيْكَلِ. فَأَخَذَ يُشِيرُ لَهُمْ وَظَلَّ أَخْرَسَ. ٢٢ 22
२२जब वह बाहर आया, तो उनसे बोल न सका अतः वे जान गए, कि उसने मन्दिर में कोई दर्शन पाया है; और वह उनसे संकेत करता रहा, और गूँगा रह गया।
وَلَمَّا أَتَمَّ أَيَّامَ خِدْمَتِهِ، رَجَعَ إِلَى بَيْتِهِ. ٢٣ 23
२३जब उसकी सेवा के दिन पूरे हुए, तो वह अपने घर चला गया।
وَبَعْدَ تِلْكَ الأَيَّامِ، حَبِلَتْ أَلِيصَابَاتُ زَوْجَتُهُ، فَكَتَمَتْ أَمْرَهَا خَمْسَةَ أَشْهُرٍ، قَائِلَةً: ٢٤ 24
२४इन दिनों के बाद उसकी पत्नी एलीशिबा गर्भवती हुई; और पाँच महीने तक अपने आपको यह कह के छिपाए रखा।
«هَكَذَا فَعَلَ الرَّبُّ بِي، فِي الأَيَّامِ الَّتِي فِيهَا نَظَرَ إِلَيَّ لِيَنْزِعَ عَنِّي الْعَارَ مِنْ بَيْنِ النَّاسِ!» ٢٥ 25
२५“मनुष्यों में मेरा अपमान दूर करने के लिये प्रभु ने इन दिनों में कृपादृष्टि करके मेरे लिये ऐसा किया है।”
وَفِي شَهْرِهَا السَّادِسِ، أُرْسِلَ الْمَلاكُ جِبْرَائِيلُ مِنْ قِبَلِ اللهِ إِلَى مَدِينَةٍ بِالْجَلِيلِ اسْمُهَا النَّاصِرَةُ، ٢٦ 26
२६छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से गब्रिएल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में,
إِلَى عَذْرَاءَ مَخْطُوبَةٍ لِرَجُلٍ اسْمُهُ يُوسُفُ، مِنْ بَيْتِ دَاوُدَ، وَاسْمُ الْعَذْرَاءِ مَرْيَمُ. ٢٧ 27
२७एक कुँवारी के पास भेजा गया। जिसकी मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरुष से हुई थी: उस कुँवारी का नाम मरियम था।
فَدَخَلَ الْمَلاكُ وَقَالَ لَهَا: «سَلامٌ، أَيَّتُهَا الْمُنْعَمُ عَلَيْهَا! الرَّبُّ مَعَكِ: مُبَارَكَةٌ أَنْتِ بَيْنَ النِّسَاءِ». ٢٨ 28
२८और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा, “आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर परमेश्वर का अनुग्रह हुआ है! प्रभु तेरे साथ है!”
فَاضْطَرَبَتْ لِكَلامِ الْمَلاكِ، وَسَاءَلَتْ نَفْسَهَا: «مَا عَسَى أَنْ تَكُونَ هذِهِ التَّحِيَّةُ!» ٢٩ 29
२९वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी कि यह किस प्रकार का अभिवादन है?
فَقَالَ لَهَا الْمَلاكُ: «لا تَخَافِي يَا مَرْيَمُ، فَإِنَّكِ قَدْ نِلْتِ نِعْمَةً عِنْدَ اللهِ! ٣٠ 30
३०स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है।
وَها أَنْتِ سَتَحْبَلِينَ وَتَلِدِينَ ابْناً، وَتُسَمِّينَهُ يَسُوعَ. ٣١ 31
३१और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना।
إِنَّهُ يَكُونُ عَظِيماً، وَابْنَ الْعَلِيِّ يُدْعَى، وَيَمْنَحُهُ الرَّبُ الإِلهُ عَرْشَ دَاوُدَ أَبِيهِ، ٣٢ 32
३२वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा।
فَيَمْلِكُ عَلَى بَيْتِ يَعْقُوبَ إِلَى الأَبَدِ، وَلَنْ يَكُونَ لِمُلْكِهِ نِهَايَةٌ». (aiōn g165) ٣٣ 33
३३और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।” (aiōn g165)
فَقَالَتْ مَرْيَمُ لِلْمَلاكِ: «كَيْفَ يَحْدُثُ هَذَا، وَأَنَا لَسْتُ أَعْرِفُ رَجُلاً؟» ٣٤ 34
३४मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह कैसे होगा? मैं तो पुरुष को जानती ही नहीं।”
فَأَجَابَهَا الْمَلاكُ: «الرُّوحُ الْقُدُسُ يَحِلُّ عَلَيْكِ، وَقُدْرَةُ الْعَلِيِّ تُظَلِّلُكِ. لِذلِكَ أَيْضاً فَالْقُدُّوسُ الْمَوْلُودُ مِنْكِ يُدْعَى ابْنَ اللهِ. ٣٥ 35
३५स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ्य तुझ पर छाया करेगी; इसलिए वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।
وَهَا هِيَ نَسِيبَتُكِ أَلِيصَابَاتُ أَيْضاً قَدْ حَبِلَتْ بِابْنٍ فِي سِنِّهَا الْمُتَقَدِّمَةِ. وَهَذَا هُوَ الشَّهْرُ السَّادِسُ لِتِلْكَ الَّتِي كَانَتْ تُدْعَى عَاقِراً. ٣٦ 36
३६और देख, और तेरी कुटुम्बिनी एलीशिबा के भी बुढ़ापे में पुत्र होनेवाला है, यह उसका, जो बाँझ कहलाती थी छठवाँ महीना है।
فَلَيْسَ لَدَى اللهِ وَعْدٌ يَسْتَحِيلُ عَلَيْهِ إِتْمَامُهُ». ٣٧ 37
३७परमेश्वर के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है।”
فَقَالَتْ مَرْيَمُ: «هَا أَنَا أَمَةُ الرَّبِّ. لِيَكُنْ لِي كَمَا تَقُولُ!» ثُمَّ انْصَرَفَ الْمَلاكُ مِنْ عِنْدِهَا. ٣٨ 38
३८मरियम ने कहा, “देख, मैं प्रभु की दासी हूँ, तेरे वचन के अनुसार मेरे साथ ऐसा हो।” तब स्वर्गदूत उसके पास से चला गया।
وَفِي تِلْكَ الأَيَّامِ، قَامَتْ مَرْيَمُ وَذَهَبَتْ مُسْرِعَةً إِلَى الْجِبَالِ، قَاصِدَةً إِلَى مَدِينَةٍ مِنْ مُدُنِ يَهُوذَا. ٣٩ 39
३९उन दिनों में मरियम उठकर शीघ्र ही पहाड़ी देश में यहूदा के एक नगर को गई।
فَدَخَلَتْ بَيْتَ زَكَرِيَّا وَسَلَّمَتْ عَلَى أَلِيصَابَاتَ. ٤٠ 40
४०और जकर्याह के घर में जाकर एलीशिबा को नमस्कार किया।
وَلَمَّا سَمِعَتْ أَلِيصَابَاتُ سَلامَ مَرْيَمَ، قَفَزَ الْجَنِينُ دَاخِلَ بَطْنِهَا. وَامْتَلأَتْ أَلِيصَابَاتُ مِنَ الرُّوحِ الْقُدُسِ، ٤١ 41
४१जैसे ही एलीशिबा ने मरियम का नमस्कार सुना, वैसे ही बच्चा उसके पेट में उछला, और एलीशिबा पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गई।
وَهَتَفَتْ بِصَوْتٍ عَالٍ قَائِلَةٍ: «مُبَارَكَةٌ أَنْتِ بَيْنَ النِّسَاءِ! وَمُبَارَكَةٌ ثَمَرَةُ بَطْنِكِ! ٤٢ 42
४२और उसने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “तू स्त्रियों में धन्य है, और तेरे पेट का फल धन्य है!
فَمِنْ أَيْنَ لِي هَذَا: أَنْ تَأْتِيَ إِلَيَّ أُمُّ رَبِّي؟ ٤٣ 43
४३और यह अनुग्रह मुझे कहाँ से हुआ, कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई?
فَإِنَّهُ مَا إِنْ وَقَعَ صَوْتُ سَلامِكِ فِي أُذُنَيَّ حَتَّى قَفَزَ الْجَنِينُ ابْتِهَاجاً فِي بَطْنِي: ٤٤ 44
४४और देख जैसे ही तेरे नमस्कार का शब्द मेरे कानों में पड़ा वैसे ही बच्चा मेरे पेट में आनन्द से उछल पड़ा।
فَطُوبَى لِلَّتِي آمَنَتْ أَنَّهُ سَيَتِمُّ مَا قِيلَ لَهَا مِنْ قِبَلِ الرَّبِّ!» ٤٥ 45
४५और धन्य है, वह जिसने विश्वास किया कि जो बातें प्रभु की ओर से उससे कही गई, वे पूरी होंगी।”
فَقَالَتْ مَرْيَمُ: «تُعَظِّمُ نَفْسِي الرَّبَّ، ٤٦ 46
४६तब मरियम ने कहा, “मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है।
وَتَبْتَهِجُ رُوحِي بِاللهِ مُخَلِّصِي. ٤٧ 47
४७और मेरी आत्मा मेरे उद्धार करनेवाले परमेश्वर से आनन्दित हुई।
فَإِنَّهُ نَظَرَ إِلَى تَوَاضُعِ أَمَتِهِ، وَهَا إِنَّ جَمِيعَ الأَجْيَالِ مِنَ الآنَ فَصَاعِداً سَوْفَ تُطَوِّبُنِي. ٤٨ 48
४८क्योंकि उसने अपनी दासी की दीनता पर दृष्टि की है; इसलिए देखो, अब से सब युग-युग के लोग मुझे धन्य कहेंगे।
فَإِنَّ الْقَدِيرَ قَدْ فَعَلَ بِي أُمُوراً عَظِيمَةً، قُدُّوسٌ اسْمُهُ، ٤٩ 49
४९क्योंकि उस शक्तिमान ने मेरे लिये बड़े- बड़े काम किए हैं, और उसका नाम पवित्र है।
وَرَحْمَتُهُ لِلَّذِينَ يَتَّقُونَهُ جِيلاً بَعْدَ جِيلٍ. ٥٠ 50
५०और उसकी दया उन पर, जो उससे डरते हैं, पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।
عَمِلَ بِذِرَاعِهِ قُوَّةً؛ شَتَّتَ الْمُتَكَبِّرِينَ فِي نِيَّاتِ قُلُوبِهِمْ. ٥١ 51
५१उसने अपना भुजबल दिखाया, और जो अपने मन में घमण्ड करते थे, उन्हें तितर-बितर किया।
أَنْزَلَ الْمُقْتَدِريِنَ عَنْ عُرُوشِهِمْ، وَرَفَعَ الْمُتَوَاضِعِينَ. ٥٢ 52
५२उसने शासकों को सिंहासनों से गिरा दिया; और दीनों को ऊँचा किया।
أَشْبَعَ الْجِيَاعَ خَيْرَاتٍ، وَصَرَفَ الأَغْنِيَاءَ فَارِغِينَ. ٥٣ 53
५३उसने भूखों को अच्छी वस्तुओं से तृप्त किया, और धनवानों को खाली हाथ निकाल दिया।
أَعَانَ إِسْرَائِيلَ فَتَاهُ، مُتَذَكِّراً الرَّحْمَةَ، ٥٤ 54
५४उसने अपने सेवक इस्राएल को सम्भाल लिया कि अपनी उस दया को स्मरण करे,
كَمَا تَكَلَّمَ إِلَى آبَائِنَا، لإِبْرَاهِيمَ وَنَسْلِهِ إِلَى الأَبَدِ». (aiōn g165) ٥٥ 55
५५जो अब्राहम और उसके वंश पर सदा रहेगी, जैसा उसने हमारे पूर्वजों से कहा था।” (aiōn g165)
وَأَقَامَتْ مَرْيَمُ عِنْدَ أَلِيصَابَاتَ نَحْوَ ثَلاثَةِ أَشْهُرٍ، ثُمَّ رَجَعَتْ إِلَى بَيْتِهَا. ٥٦ 56
५६मरियम लगभग तीन महीने उसके साथ रहकर अपने घर लौट गई।
وَأَمَّا أَلِيصَابَاتُ فَتَمَّ زَمَانُهَا لِتَلِدَ فَوَلَدَتِ ابْناً. ٥٧ 57
५७तब एलीशिबा के जनने का समय पूरा हुआ, और वह पुत्र जनी।
وَسَمِعَ جِيرَانُهَا وَأَقَارِبُهَا أَنَّ الرَّبَّ أَفَاضَ رَحْمَتَهُ عَلَيْهَا، فَفَرِحُوا مَعَهَا. ٥٨ 58
५८उसके पड़ोसियों और कुटुम्बियों ने यह सुनकर, कि प्रभु ने उस पर बड़ी दया की है, उसके साथ आनन्दित हुए।
وَفِي الْيَوْمِ الثَّامِنِ حَضَرُوا لِيَخْتِنُوا الصَّبِيَّ، وَكَادُوا يُسَمُّونَهُ زَكَرِيَّا عَلَى اسْمِ أَبِيهِ. ٥٩ 59
५९और ऐसा हुआ कि आठवें दिन वे बालक का खतना करने आए और उसका नाम उसके पिता के नाम पर जकर्याह रखने लगे।
وَلَكِنَّ أُمَّهُ قَالَتْ: «لا، بَلْ يُسَمَّى يُوحَنَّا!» ٦٠ 60
६०और उसकी माता ने उत्तर दिया, “नहीं; वरन् उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।”
فَقَالُوا لَهَا: «لَيْسَ فِي عَشِيرَتِكِ أَحَدٌ تَسَمَّى بِهَذَا الاسْمِ». ٦١ 61
६१और उन्होंने उससे कहा, “तेरे कुटुम्ब में किसी का यह नाम नहीं।”
وَأَشَارُوا لأَبِيهِ، مَاذَا يُرِيدُ أَنْ يُسَمَّى. ٦٢ 62
६२तब उन्होंने उसके पिता से संकेत करके पूछा कि तू उसका नाम क्या रखना चाहता है?
فَطَلَبَ لَوْحاً وَكَتَبَ فِيهِ: «اسْمُهُ يُوحَنَّا». فَتَعَجَّبُوا جَمِيعاً. ٦٣ 63
६३और उसने लिखने की पट्टी मँगवाकर लिख दिया, “उसका नाम यूहन्ना है,” और सभी ने अचम्भा किया।
وَانْفَتَحَ فَمُ زَكَرِيَّا فِي الْحَالِ وَانْطَلَقَ لِسَانُهُ، فَتَكَلَّمَ مُبَارِكاً اللهَ. ٦٤ 64
६४तब उसका मुँह और जीभ तुरन्त खुल गई; और वह बोलने और परमेश्वर की स्तुति करने लगा।
فَاسْتَوْلَى الْخَوْفُ عَلَى جَمِيعِ السَّاكِنِينَ فِي جُوَارِهِمْ، وَصَارَتْ هذِهِ الأُمُورُ مَوْضُوعَ الْحَدِيثِ فِي جِبَالِ الْيَهُودِيَّةِ كُلِّهَا. ٦٥ 65
६५और उसके आस-पास के सब रहनेवालों पर भय छा गया; और उन सब बातों की चर्चा यहूदिया के सारे पहाड़ी देश में फैल गई।
وَكَانَ جَمِيعُ السَّامِعِينَ يَضَعُونَهَا فِي قُلُوبِهِمْ، قَائِلِينَ: «تُرَى، مَاذَا سَيَصِيرُ هَذَا الطِّفْلُ؟» فَقَدْ كَانَتْ يَدُ الرَّبِّ مَعَهُ. ٦٦ 66
६६और सब सुननेवालों ने अपने-अपने मन में विचार करके कहा, “यह बालक कैसा होगा?” क्योंकि प्रभु का हाथ उसके साथ था।
وَامْتَلأَ زَكَرِيَّا أَبُوهُ مِنَ الرُّوحِ الْقُدُسِ، فَتَنَبَّأَ قَائِلاً: ٦٧ 67
६७और उसका पिता जकर्याह पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गया, और भविष्यद्वाणी करने लगा।
«تَبَارَكَ الرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ، لأَنَّهُ تَفَقَّدَ شَعْبَهُ وَعَمِلَ لَهُ فِدَاءً، ٦٨ 68
६८“प्रभु इस्राएल का परमेश्वर धन्य हो, कि उसने अपने लोगों पर दृष्टि की और उनका छुटकारा किया है,
وَأَقَامَ لَنَا قَرْنَ خَلاصٍ فِي بَيْتِ دَاوُدَ فَتَاهُ، ٦٩ 69
६९और अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये एक उद्धार का सींग निकाला,
كَمَا تَكَلَّمَ بِلِسَانِ أَنْبِيَائِهِ الْقِدِّيسِينَ الَّذِينَ جَاءُوا مُنْذُ الْقَدِيمِ: (aiōn g165) ٧٠ 70
७०जैसे उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था, (aiōn g165)
خَلاصٍ مِنْ أَعْدَائِنَا وَمِنْ أَيْدِي جَمِيعِ مُبْغِضِينَا، ٧١ 71
७१अर्थात् हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है;
لِيُتِمَّ الرَّحْمَةَ نَحْوَ آبَائِنَا وَيَتَذَكَّرَ عَهْدَهُ الْمُقَدَّسَ ٧٢ 72
७२कि हमारे पूर्वजों पर दया करके अपनी पवित्र वाचा का स्मरण करे,
ذلِكَ الْقَسَمَ الَّذِي أَقْسَمَ لإِبْرَاهِيمَ أَبِينَا: بِأَنْ يَمْنَحَنَا، ٧٣ 73
७३और वह शपथ जो उसने हमारे पिता अब्राहम से खाई थी,
بَعْدَ تَخْلِيصِنَا مِنْ أَيْدِي أَعْدَائِنَا، أَنْ نَعْبُدَهُ بِلا خَوْفٍ، ٧٤ 74
७४कि वह हमें यह देगा, कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छूटकर,
بِقَدَاسَةٍ وَتَقْوَى أَمَامَهُ، طَوَالَ حَيَاتِنَا. ٧٥ 75
७५उसके सामने पवित्रता और धार्मिकता से जीवन भर निडर रहकर उसकी सेवा करते रहें।
وَأَنْتَ، أَيُّهَا الطِّفْلُ، سَوْفَ تُدْعَى نَبِيَّ الْعَلِيِّ، لأَنَّكَ سَتَتَقَدَّمُ أَمَامَ الرَّبِّ لِتُعِدَّ طُرُقَهُ، ٧٦ 76
७६और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु के मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे-आगे चलेगा,
لِتُعْطِيَ شَعْبَهُ الْمَعْرِفَةَ بِأَنَّ الْخَلاصَ هُوَ بِمَغْفِرَةِ خَطَايَاهُمْ ٧٧ 77
७७कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उनके पापों की क्षमा से प्राप्त होता है।
بِفَضْلِ مَشَاعِرِ الرَّحْمَةِ لَدَى إِلهَنَا، تِلْكَ الَّتِي تَفَقَّدَنَا بِها الْفَجْرُ الْمُشْرَقُ مِنَ الْعَلاءِ، ٧٨ 78
७८यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करुणा से होगा; जिसके कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा।
لِيُضِيءَ عَلَى الْقَابِعِينَ فِي الظَّلامِ وَظِلِّ الْمَوْتِ، وَيَهْدِيَ خُطَانَا فِي طَرِيقِ السَّلامِ». ٧٩ 79
७९कि अंधकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे, और हमारे पाँवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।”
وَكَانَ الطِّفْلُ يَنْمُو وَيَتَقَوَّى بِالرُّوحِ؛ وَأَقَامَ فِي الْبَرَارِي إِلَى يَوْمِ ظُهُورِهِ لإِسْرَائِيلَ. ٨٠ 80
८०और वह बालक यूहन्ना, बढ़ता और आत्मा में बलवन्त होता गया और इस्राएल पर प्रगट होने के दिन तक जंगलों में रहा।

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