< لاويّين 1 >

وَاسْتَدْعَى الرَّبُّ مُوسَى، وَخَاطَبَهُ مِنْ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ قَائِلاً: ١ 1
और ख़ुदावन्द ने ख़ेमा — ए — इजितमा'अ में से मूसा को बुलाकर उससे कहा,
«أَوْصِ بَنِي إِسْرَائِيلَ: إِذَا قَدَّمَ أَحَدُكُمْ ذَبِيحَةً مِنَ الْبَهَائِمِ لِلرَّبِّ، فَلْيَكُنْ ذَلِكَ الْقُرْبَانُ مِنَ الْبَقَرِ وَالْغَنَمِ. ٢ 2
बनी — इस्राईल से कह, कि जब तुम में से कोई ख़ुदावन्द के लिए चढ़ावा चढ़ाए, तो तुम चौपायों या'नी गाय — बैल और भेड़ — बकरी का हदिया देना।
إِنْ كَانَتْ تَقْدِمَتُهُ مُحْرَقَةً مِنَ الْبَقَرِ، فَلْيُقَرِّبْ ثَوْراً سَلِيماً، يُحْضِرُهُ عِنْدَ مَدْخَلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ، وَيُقَدِّمُهُ أَمَامَ الرَّبِّ طَلَباً لِرِضَاهُ عَنْهُ. ٣ 3
अगर उसका चढ़ावा गाय — बैल की सोख़्तनी क़ुर्बानी हो, तो वह बे'ऐब नर को लाकर उसे ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर चढ़ाए ताकि वह ख़ुद ख़ुदावन्द के सामने मक़बूल ठहरे।
فَيَضَعُ يَدَهُ عَلَى رَأْسِ الْمُحْرَقَةِ، فَيَرْضَى الرَّبُّ بِمَوْتِ الثَّوْرِ بَدِيلاً عَنْ صَاحِبِهِ، لِلتَّكْفِيرِ عَنْ خَطَايَاهُ. ٤ 4
और वह सोख़्तनी क़ुर्बानी के जानवर के सिर पर अपना हाथ रख्खे, तब वह उसकी तरफ़ से मक़बूल होगा ताकि उसके लिए कफ़्फ़ारा हो।
ثُمَّ يَذْبَحُ الْمُقَرِّبُ الْعِجْلَ أَمَامَ الرَّبِّ. وَيُقَدِّمُ بَنُو هَرُونَ، الْكَهَنَةُ، الدَّمَ وَيَرُشُّونَهُ عَلَى جَوَانِبِ الْمَذْبَحِ الْقَائِمِ عِنْدَ مَدْخَلِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ. ٥ 5
और वह उस बछड़े को ख़ुदावन्द के सामने ज़बह करे, और हारून के बेटे जो काहिन हैं ख़ून को लाकर उसे उस मज़बह पर चारों तरफ़ छिड़कें जो ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर है।
وَعَلَى الْمُقَرِّبِ أَيْضاً أَنْ يَسْلُخَ الْمُحْرَقَةَ وَيُقَطِّعَهَا إِلَى أَجْزَاءٍ. ٦ 6
तब वह उस सोख़्तनी क़ुर्बानी के जानवर की खाल खींचे और उसके 'उज़्व — 'उज़्व को काट कर जुदा — जुदा करे।
وَيُوْقِدُ أَبْنَاءُ هَرُونَ نَاراً عَلَى الْمَذْبَحِ وَيُرَتِّبُونَ عَلَيْهَا حَطَباً ٧ 7
फिर हारून काहिन के बेटे मज़बह पर आग रख्खें, और आग पर लकड़ियाँ तरतीब से चुन दें।
ثُمَّ يُرَتِّبُونَ فَوْقَ حَطَبِ نَارِ الْمَذْبَحِ أَجْزَاءَ الثَّوْرِ وَرَأْسَهُ وَشَحْمَهُ. ٨ 8
और हारून के बेटे जो काहिन हैं, उसके 'आज़ा को और सिर और चर्बी को उन लकड़ियों पर जो मज़बह की आग पर होंगी तरतीब से रख दें।
أَمَّا أَعْضَاؤُهُ الدَّاخِلِيَّةُ وَأَكَارِعُهُ فَيَغْسِلُهَا الْمُقَرِّبُ بِمَاءٍ، ثُمَّ يُحْرِقُهَا الْكَاهِنُ جَمِيعاً عَلَى الْمَذْبَحِ، فَتَكُونُ مُحْرَقَةً، وَقُودَ رِضًى تَسُرُّ الرَّبَّ. ٩ 9
लेकिन वह उसकी अंतड़ियों और पायों को पानी से धो ले, तब काहिन सबको मज़बह पर जलाए कि वह सोख़्तनी क़ुर्बानी या'नी ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी हों।
وَإِنْ كَانَتْ مُحْرَقَتُهُ مِنَ الْمَاشِيَةِ: الضَّأْنِ أَوِ الْمَعَزِ، فَلْتَكُنْ ذَكَراً سَلِيماً. ١٠ 10
और अगर उसका चढ़ावा रेवड़ में से भेड़ या बकरी की सोख़्तनी क़ुर्बानी हो, तो वह बे — 'ऐब नर को लाए।
وَعَلَى الْمُقَرِّبِ أَنْ يَذْبَحَهُ فِي حَضْرَةِ الرَّبِّ، عِنْدَ الْجَانِبِ الشَّمَالِيِّ لِلْمَذْبَحِ، ثُمَّ يَقُومُ أَبْنَاءُ هَرُونَ الْكَهَنَةُ بِرَشِّ دَمِهِ عَلَى جَوَانِبِ الْمَذْبَحِ. ١١ 11
और वह उसे मज़बह की उत्तरी सिम्त में ख़ुदावन्द के आगे ज़बह करे, और हारून के बेटे जो काहिन हैं उसके ख़ून को मज़बह पर चारों तरफ़ छिड़कें।
وَيُقَطِّعُهُ الْمُقَرِّبُ إِلَى أَجْزَاءٍ مَعَ رَأْسِهِ وَشَحْمِهِ، فَيُرَتِّبُهَا الْكَاهِنُ فَوْقَ حَطَبِ نَارِ الْمَذْبَحِ، ١٢ 12
फिर वह उसके 'उज़्व — 'उज़्व को और सिर और चर्बी को काट कर जुदा — जुदा करे, और काहिन उनकी तरतीब से उन लकड़ियों पर जो मज़बह की आग पर होंगी चुन दे;
وَأَمَّا الأَعْضَاءُ الدَّاخِلِيَّةُ وَالأَكَارِعُ فَيَغْسِلُهَا بِمَاءٍ، ثُمَّ يُحْرِقُهَا الْكَاهِنُ جَمِيعَهَا فَتَكُونُ مُحْرَقَةً وَوَقُودَ رِضًى تَسُرُّ الرَّبَّ. ١٣ 13
लेकिन वह अंतड़ियों और पायों को पानी से धो ले। तब काहिन सबको लेकर मज़बह पर जला दे, वह सोख़्तनी क़ुर्बानी या'नी ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ूशबू की आतिशी क़ुर्बानी है।
وَإِنْ كَانَتْ تَقْدِمَتُهُ لِلرَّبِّ مُحْرَقَةً مِنَ الطَّيْرِ، فَلْتَكُنْ مِنَ الْيَمَامِ أَوْ مِنْ أَفْرَاخِ الْحَمَامِ. ١٤ 14
“और अगर उसका चढ़ावा ख़ुदावन्द के लिए परिन्दों की सोख़्तनी क़ुर्बानी हो, तो वह कुमरियों या कबूतर के बच्चों का चढ़ावा चढ़ाए।
فَيُقَدِّمُ الْكَاهِنُ الْقُرْبَانَ إِلَى الْمَذْبَحِ وَيَحُزُّ رَأْسَهُ وَيُصَفِّي دَمَهُ عَلَى حَائِطِ الْمَذْبَحِ بَعْدَ إِيْقَادِ النَّارِ عَلَى الْمَذْبَحِ، ١٥ 15
और काहिन उसको मज़बह पर लाकर उसका सिर मरोड़ डाले, और उसे मज़बह पर जला दे; और उसका ख़ून मज़बह के पहलू पर गिर जाने दे।
وَيَنْزِعُ حَوْصَلَتَهُ بِكُلِّ مَا بِهَا وَيَطْرَحُهُمَا إِلَى جَانِبِ الْمَذْبَحِ الشَّرْقِيِّ، حَيْثُ يُجْمَعُ الرَّمَادُ. ١٦ 16
और उसके पोटे को आलाइश के साथ ले जाकर मज़बह की पूरबी सिम्त में राख की जगह में डाल दे।
وَيَشُقُّ الْكَاهِنُ الطَّائِرَ مِنْ بَيْنِ جَنَاحَيْهِ، مِنْ غَيْرِ أَنْ يَفْصِلَهُ إِلَى قِطْعَتَيْنِ، وَيُحْرِقُهُ عَلَى الْمَذْبَحِ فَوْقَ حَطَبِ النَّارِ، فَيَكُونُ مُحْرَقَةً وَوَقُودَ رِضًى تَسُرُّ الرَّبَّ. ١٧ 17
और वह उसके दोनों बाज़ुओं को पकड़ कर उसे चीरे पर अलग — अलग न करे। तब काहिन उसे मज़बह पर उन लकड़ियों के ऊपर रख कर जो आग पर होंगी जला दे, वह सोख़्तनी क़ुर्बानी या'नी ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी है।

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