< 2 أخبار 24 >

كَانَ يُوآشُ فِي السَّابِعَةِ مِنْ عُمْرِهِ حِينَ تَوَلَّى الْمُلْكَ، وَدَامَ حُكْمُهُ أَرْبَعِينَ سَنَةً فِي أُورُشَلِيمَ، وَاسْمُ أُمِّهِ ظَبْيَةُ مِنْ بِئْرِ سَبْعٍ. ١ 1
यूआस सात साल का था जब वह हुकूमत करने लगा, और उसने चालीस साल येरूशलेम में हुकूमत की। उसकी माँ का नाम ज़िबियाह था, जो बैरसबा' की थी।
وَصَنَعَ يُوآشُ مَا هُوَ صَالِحٌ فِي عَيْنَيِ الرَّبِّ كُلَّ أَيَّامِ يَهُويَادَاعَ الْكَاهِنِ. ٢ 2
और यूआस यहूयदा' काहिन के जीते जी वही, जो ख़ुदावन्द की नज़र में ठीक है, करता रहा।
وَاتَّخَذَ يَهُويَادَاعُ لِيُوآشَ امْرَأَتَيْنِ أَنْجَبَتَا لَهُ بَنِينَ وَبَنَاتٍ. ٣ 3
यहूयदा' ने उसे दो बीवियाँ ब्याह दीं, और उससे बेटे और बेटियाँ पैदा हुई।
وَإِذْ كَانَ فِي عَزْمِ يُوآشَ أَنْ يُرَمِّمَ بَيْتَ الرَّبِّ، ٤ 4
इसके बाद यूँ हुआ कि यूआस ने ख़ुदावन्द के घर की मरम्मत का 'इरादा किया।
جَمَعَ الْكَهَنَةَ وَاللاَّوِيِّينَ وَقَالَ لَهُمْ: «انْطَلِقُوا إِلَى مُدُنِ يَهُوذَا وَاجْمَعُوا الْمُخَصَّصَاتِ السَّنَوِيَّةَ مِنْ جَمِيعِ إِسْرَائِيلَ، فِضَّةً مِنْ أَجْلِ تَرْمِيمِ بَيْتِ إِلَهِكُمْ، وَبَادِرُوا بِتَنْفِيذِ ذَلِكَ الآنَ». غَيْرَ أَنَّ اللاَّوِيِّينَ تَقَاعَسُوا عَنْ إِنْجَازِ الأَمْرِ. ٥ 5
इसलिए उसने काहिनों और लावियों को इकट्ठा किया और उनसे कहा कि यहूदाह के शहरों में जा जा कर, सारे इस्राईल से साल — ब — साल अपने ख़ुदा के घर की मरम्मत के लिए रुपये जमा' किया करो, और इस काम में तुम जल्दी करना। तो भी लावियों ने कुछ जल्दी न की।
فَاسْتَدْعَى الْمَلِكُ يَهُويَادَاعَ رَئِيسَ الْكَهَنَةِ وَسَأَلَهُ: «لِمَاذَا لَمْ تَطْلُبْ مِنَ اللاَّوِيِّينَ أَنْ يَجْمَعُوا مِنْ بَنِي يَهُوذَا وَأُورُشَلِيمَ الضَّرِيبَةَ الَّتِي فَرَضَهَا مُوسَى عَبْدُ الرَّبِّ وَجَمَاعَةُ إِسْرَائِيلَ لِصِيَانَةِ خَيْمَةِ الشَّهَادَةِ؟». ٦ 6
तब बादशाह ने यहूयदा सरदार को बुलाकर उससे कहा कि तू ने लावियों से क्यूँ तकाज़ा नहीं किया कि वह शहादत के ख़ेमे के लिए, यहूदाह और येरूशलेम से ख़ुदावन्द के बन्दे और इस्राईल की जमा'अत के ख़ादिम मूसा का महसूल लाया करें?
وَكَانَ أَبْنَاءُ عَثَلْيَا الْخَبِيثَةِ قَدْ هَدَمُوا بَيْتَ اللهِ وَاسْتَخْدَمُوا مُقَدَّسَاتِ الْهَيْكَلِ لِعِبَادَةِ الْبَعْلِيمِ. ٧ 7
क्यूँकि उस शरीर 'औरत 'अतलियाह के बेटों ने ख़ुदा के घर में छेद कर दिए थे, और ख़ुदावन्द के घर की सब पाक की हुई चीजें भी उन्होंने बा'लीम को दे दी थीं।
وَأَمَرَ الْمَلِكُ فَصَنَعُوا صُنْدُوقاً وَضَعُوهُ عِنْدَ الْمَدْخَلِ الْخَارِجِيِّ لِهَيْكَلِ الرَّبِّ، ٨ 8
तब बादशाह ने हुक्म दिया, और उन्होंने एक सन्दूक़ बना कर उसे ख़ुदावन्द के घर के दरवाज़े के बाहर रखा;
وَأَذَاعُوا فِي كُلِّ أَرْجَاءِ يَهُوذَا وَأُورُشَلِيمَ دَاعِينَ الشَّعْبَ أَنْ يُقَدِّمُوا لِلرَّبِّ الضَّرِيبَةَ الَّتِي فَرَضَهَا مُوسَى عَبْدُ الرَّبِّ عَلَى إِسْرَائِيلَ فِي الصَّحْرَاءِ. ٩ 9
और यहूदाह और येरूशलेम में 'ऐलान किया कि लोग वह महसूल जिसे बन्दा — ए — ख़ुदा मूसा ने वीरान में इस्राईल पर लगाया था, ख़ुदावन्द के लिए लाएँ।
فَفَرِحَ كُلُّ الرُّؤَسَاءِ وَسَائِرُ الشَّعْبِ، وَتَبَرَّعُوا بِالْمَالِ حَتَّى امْتَلأَ الصُّنْدُوقُ. ١٠ 10
और सब सरदार और सब लोग ख़ुश हुए, और लाकर उस सन्दूक़ में डालते रहे जब तक पूरा न कर दिया।
وَكُلَّمَا كَثُرَتِ الْفِضَّةُ فِي الصُّنْدُوقِ يَجِيءُ اللاَّوِيُّونَ وَيَحْمِلُونَهُ إِلَى مَقَرِّ وِكَالَةِ مُوَظَّفِي الْمَلِكِ، فَيَأْتِي كَاتِبُ الْمَلِكِ وَوَكِيلُ رَئِيسِ الْكَهَنَةِ، وَيُفْرِغَانِ الصُّنْدُوقَ، ثُمَّ يَحْمِلاَنِهِ وَيَرُدَّانِهِ إِلَى مَوْضِعِهِ. هَكَذَا كَانُوا يَفْعَلُونَ كُلَّ يَوْمٍ حَتَّى جَمَعُوا فِضَّةً وَفِيرَةً، ١١ 11
जब सन्दूक़ लावियों के हाथ से बादशाह के मुख़्तारों के पास पहुँचा, और उन्होंने देखा कि उसमें बहुत नक़दी है, तो बादशाह के मुन्शी और सरदार काहिन के नाइब ने आकर सन्दूक़ को ख़ाली किया और उसे लेकर फिर उसकी जगह पहुँचा दिया; और हर दिन ऐसा ही कर के उन्होंने बहुत सी नकदी जमा' कर ली
دَفَعَهَا الْمَلِكُ وَيَهُويَادَاعُ لِلْمُشْرِفِينَ عَلَى أَعْمَالِ خِدْمَةِ بَيْتِ الرَّبِّ، فَكَانَ هَؤُلاَءِ يَسْتَأْجِرُونَ نَحَّاتِينَ وَنَجَّارِينَ وَحَدَّادِينَ لِصِيَانَةِ هَيْكَلِ الرَّبِّ وَتَرْمِيمِهِ. ١٢ 12
फिर बादशाह और यहूयदा' ने उसे उनको दे दिया जो ख़ुदावन्द के घर की इबादत के काम पर मुक़र्रर थे, और उन्होंने पत्थर तराशों और बढ़इयों को ख़ुदावन्द के घर को बहाल करने के लिए और लोहारों और ठठेरों को भी ख़ुदावन्द के घर की मरम्मत के लिए मज़दूरी पर रखा।
وَجَدَّ الْمُشْرِفُونَ فِي عَمَلِهِمْ فَأَفْلَحُوا، وَأَعَادُوا تَرْمِيمَ بَيْتِ الرَّبِّ بِمُوْجِبِ رَسْمِهِ الأَصْلِيِّ، وَثَبَّتُوهُ. ١٣ 13
इसलिए कारीगर लग गए और काम उनके हाथ से पूरा होता गया, और उन्होंने ख़ुदा के घर को उसकी पहली हालत पर करके उसे मज़बूत कर दिया।
وَلَمَّا تَمَّ إِنْجَازُ الْعَمَلِ حَمَلُوا مَا تَبَقَّى مِنْ فِضَّةٍ إِلَى الْمَلِكِ وَيَهُويَادَاعَ، فَصَاغُوا آنِيَةً لِلْهَيْكَلِ وَلِتَقْرِيبِ الْمُحْرَقَاتِ، وَصُحُوناً وَآنِيَةَ ذَهَبٍ وَفِضَّةٍ. وَوَاظَبُوا عَلَى إِصْعَادِ الْمُحْرَقَاتِ فِي بَيْتِ الرَّبِّ بِصُورَةٍ دَائِمَةٍ كُلَّ أَيَّامِ يَهُويَادَاعَ. ١٤ 14
और जब उसे पूरा कर चुके तो बाक़ी रुपया बादशाह और यहूयदा' के पास ले आए, जिससे ख़ुदावन्द के घर के लिए बर्तन या'नी ख़िदमत के और क़ुर्बानी पेश करने के बर्तन और चमचे और सोने और चाँदी के बर्तन बने। और वह यहूयदा' के जीते जी ख़ुदावन्द के घर में हमेशा सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ अदा करते रहे।
وَشَاخَ يَهُويَادَاعُ وَطَعَنَ فِي السِّنِّ، ثُمَّ مَاتَ بَعْدَ أَنْ بَلَغَ مِنَ الْعُمْرِ مِئَةً وَثَلاَثِينَ سَنَةً، ١٥ 15
लेकिन यहूयदा' ने बुड्ढा और उम्र दराज़ होकर वफ़ात पाई; और जब वह मरा तो एक सौ तीस साल का था।
فَدَفَنُوهُ فِي مَدِينَةِ دَاوُدَ فِي مَقَابِرِ الْمُلُوكِ، اعْتِرَافاً بِفَضْلِهِ عَلَى إِسْرَائِيلَ وَمَا بَذَلَهُ مِنْ خَيْرٍ فِي خِدْمَةِ اللهِ وَهَيْكَلِهِ. ١٦ 16
और उन्होंने उसे दाऊद के शहर में बादशाहों के साथ दफ़न किया, क्यूँकि उसने इस्राईल में, और ख़ुदा और उसके घर की ख़ातिर नेकी की थी।
وَبَعْدَ وَفَاةِ يَهُويَاداعَ جَاءَ قَادَةُ يَهُوذَا وَأَظْهَرُوا وَلاَءَهُمْ لِلْمَلِكِ وَأَمَالُوا قَلْبَهُ، ١٧ 17
यहूयदा' के मरने के बाद यहूदाह के सरदार आकर बादशाह के सामने कोर्निश बजा लाए; तब बादशाह ने उनकी सुनी,
فَهَجَرُوا هَيْكَلَ الرَّبِّ إِلَهِ آبَائِهِمْ، وَعَبَدُوا تَمَاثِيلَ عَشْتَارُوثَ وَالأَصْنَامَ، فَانْصَبَّ غَضَبُ اللهِ عَلَى يَهُوذَا وَأُورُشَلِيمَ مِنْ جَرَّاءِ إِثْمِهِمْ هَذَا. ١٨ 18
और वह ख़ुदावन्द अपने बाप — दादा के ख़ुदा के घर को छोड़ कर यसीरतों और बुतों की इबादत करने लगे। और उनकी इस ख़ता की वजह से यहूदाह और येरूशलेम पर ग़ज़ब नाज़िल हुआ।
وَأَرْسَلَ اللهُ أَنْبِيَاءَ يُنْذِرُونَهُمْ وَيَدْعُونَهُمْ لِلتَّوْبَةِ، وَلَكِنَّهُمْ لَمْ يَرْتَدِعُوا ١٩ 19
तो भी ख़ुदावन्द ने नबियों को उनके पास भेजा ताकि उनको उसकी तरफ़ फेर लाएँ, और वह उनको इल्ज़ाम देते रहे, पर उन्होंने कान न लगाया।
فَحَلَّ رُوحُ اللهِ عَلَى زَكَرِيَّا بْنِ يَهُويَادَاعَ الْكَاهِنِ، فَوَقَفَ أَمَامَ الشَّعْبِ وَقَالَ لَهُمْ: «هَذَا مَا يَقُولُهُ اللهُ: لِمَاذَا تَتَعَدَّوْنَ أَوَامِرَ الرَّبِّ فَلاَ تُفْلِحُوا؟ لَقَدْ نَبَذْتُمُ الرَّبَّ فَنَبَذَكُمُ الرَّبُّ». ٢٠ 20
तब ख़ुदा की रूह यहूयदा' काहिन के बेटे ज़करियाह पर नाज़िल हुई, इसलिए वह लोगों से बुलन्द जगह पर खड़ा होकर कहने लगा, ख़ुदा ऐसा फ़रमाता है कि “तुम क्यूँ ख़ुदावन्द के हुक्मों से बाहर जाते हो कि ऐसे ख़ुशहाल नहीं रह सकते? चूँकि तुम ने ख़ुदावन्द को छोड़ा है, उसने भी तुम को छोड़ दिया।”
فَكَادُوا لَهُ حَتَّى أَمَرَ الْمَلِكُ بِرَجْمِهِ بِالْحِجَارَةِ فِي سَاحَةِ الْهَيْكَلِ. ٢١ 21
तब उन्होंने उसके ख़िलाफ़ साज़िश की, और बादशाह के हुक्म से ख़ुदावन्द के घर के सहन में उसे पत्थराव कर दिया।
وَلَمْ يَذْكُرِ الْمَلِكُ الْفَضْلَ الَّذِي أَسْدَاهُ إِلَيْهِ يَهُويَادَاعُ، بَلْ قَتَلَ ابْنَهُ، وَفِيمَا هُوَ يَلْفِظُ أَنْفَاسَهُ قَالَ: «لِيَنْظُرِ الرَّبُّ وَيُجْرِ قَضَاءَهُ». ٢٢ 22
ऐसे यूआस बादशाह ने उसके बाप यहूयदा' के एहसान को जो उसने उस पर किया था, याद न रखा बल्कि उसके बेटे को क़त्ल किया। और मरते वक़्त उसने कहा, “ख़ुदावन्द इसको देखे, और इन्तक़ाम ले।”
وَفِي خِتَامِ السَّنَةِ الْعِبْرِيَّةِ هَاجَمَ جَيْشُ الأَرَامِيِّينَ يُوآشَ، وَأَغَارُوا عَلَى يَهُوذَا وَأُورُشَلِيمَ، وَأَفْنَوْا قَادَةَ الشَّعْبِ، وَأَرْسَلُوا مَا اسْتَوْلَوْا عَلَيْهِ مِنْ غَنَائِمَ إِلَى مَلِكِ دِمَشْقَ. ٢٣ 23
उसी साल के आख़िर में ऐसा हुआ कि अरामियों की फ़ौज ने उस पर चढ़ाई की, और यहूदाह और येरूशलेम में आकर लोगों में से क़ौम के सब सरदारों को हलाक किया और उनका सारा माल लूटकर दमिश्क़ के बादशाह के पास भेज दिया।
وَمَعَ أَنَّ جَيْشَ الأَرَامِيِّينَ لَمْ يَكُنْ سِوَى شِرْذِمَةٍ قَلِيلَةٍ، فَإِنَّ الرَّبَّ نَصَرَهُمْ عَلَى جَيْشٍ كَبِيرٍ، لأَنَّ بَنِي يَهُوذَا قَدْ تَخَلَّوْا عَنِ الرَّبِّ إِلَهِ آبَائِهِمْ، فَأَنْزَلُوا قَضَاءَ الرَّبِّ بِيُوآشَ. ٢٤ 24
अगरचे अरामियों के लश्कर से आदमियों का छोटा ही जत्था आया, तोभी ख़ुदावन्द ने एक बहुत बड़ा लश्कर उनके हाथ में कर दिया, इसलिए कि उन्होंने ख़ुदावन्द अपने बाप — दादा के ख़ुदा को छोड़ दिया था। इसलिए उन्होंने यूआस को उसके किए का बदला दिया।
وَعِنْدَمَا انْسَحَبَ جَيْشُ الأَرَامِيِّينَ كَانَ يُوآشُ يُعَانِي مِمَّا تَكَبَّدَهُ مِنْ جِرَاحٍ فِي الْقِتَالِ، فَتَآمَرَ عَلَيْهِ ضَابِطَانِ مِنْ رِجَالِهِ ثَأْراً لِدِمَاءِ ابْنِ يَهُويَادَاعَ الْكَاهِنِ، وَقَتَلاَهُ عَلَى سَرِيرِهِ، فَدَفَنُوهُ فِي مَدِينَةِ دَاوُدَ، وَلَكِنْ لَيْسَ فِي مَقَابِرِ الْمُلُوكِ. ٢٥ 25
और जब वह उसके पास से लौट गए उन्होंने उसे बड़ी बीमारियों में मुब्तला छोड़ा, तो उसी के मुलाज़िमों ने यहूयदा' काहिन के बेटों के ख़ून की वजह से उसके ख़िलाफ़ साज़िश की और उसे उसके बिस्तर पर क़त्ल किया, और वह मर गया; और उन्होंने उसे दाऊद के शहर में तो दफ़न किया, लेकिन उसे बादशाहों की कब्रों में दफ़न न किया।
أَمَّا الْمُتَآمِرَانِ عَلَيْهِ فَهُمَا زَابَادُ ابْنُ شِمْعَةَ الْعَمُّونِيَّةِ، وَيَهُوزَابَادُ ابْنُ شِمْرِيتَ الْمُوآبِيَّةِ. ٢٦ 26
उसके ख़िलाफ़ साज़िश करने वाले यह हैं: 'अम्मूनिया समा'अत का बेटा ज़बद, और मो'आबिया सिमरियत का बेटा यहूज़बद।
وَقَدْ وَرَدَتْ فِي كِتَابِ تَارِيخِ الْمُلُوكِ سِيَرُ أَبْنَائِهِ، وَمَا جَاءَ مِنْ نُبُوءَاتٍ ضِدَّهُ، وَبَيَانٌ بِتَرْمِيمِهِ لِلْهَيْكَلِ. وَخَلَفَهُ ابْنُهُ أَمَصْيَا عَلَى الْمُلْكِ. ٢٧ 27
अब रहे उसके बेटे और वह बड़े बोझ जो उस पर रखे गए, और ख़ुदा के घर का दोबारा बनाना; इसलिए देखो, यह सब कुछ बादशाहों की किताब की तफ़सीर में लिखा है। और उसका बेटा अमसियाह उसकी जगह बादशाह हुआ।

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