< اَلْمَزَامِيرُ 48 >
تَسْبِيحَةٌ. مَزْمُورٌ لِبَنِي قُورَحَ عَظِيمٌ هُوَ ٱلرَّبُّ وَحَمِيدٌ جِدًّا فِي مَدِينَةِ إِلَهِنَا، جَبَلِ قُدْسِهِ. | ١ 1 |
हमारे ख़ुदा के शहर में, अपने पाक पहाड़ पर ख़ुदावन्द बुज़ु़र्ग़ और बेहद सिताइश के लायक़ है!
جَمِيلُ ٱلِٱرْتِفَاعِ، فَرَحُ كُلِّ ٱلْأَرْضِ، جَبَلُ صِهْيَوْنَ. فَرَحُ أَقَاصِي ٱلشِّمَالِ، مَدِينَةُ ٱلْمَلِكِ ٱلْعَظِيمِ. | ٢ 2 |
उत्तर की जानिब कोह — ए — सिय्यून, जो बड़े बादशाह का शहर है, वह बुलन्दी में खु़शनुमा और तमाम ज़मीन का फ़ख़्र है।
ٱللهُ فِي قُصُورِهَا يُعْرَفُ مَلْجَأً. | ٣ 3 |
उसके महलों में ख़ुदा पनाह माना जाता है।
لِأَنَّهُ هُوَذَا ٱلْمُلُوكُ ٱجْتَمَعُوا. مَضَوْا جَمِيعًا. | ٤ 4 |
क्यूँकि देखो, बादशाह इकट्ठे हुए, वह मिलकर गुज़रे।
لَمَّا رَأَوْا بُهِتُوا، ٱرْتَاعُوا، فَرُّوا. | ٥ 5 |
वह देखकर दंग हो गए, वह घबराकर भागे।
أَخَذَتْهُمُ ٱلرِّعْدَةُ هُنَاكَ، وَٱلْمَخَاضُ كَوَالِدَةٍ. | ٦ 6 |
वहाँ कपकपी ने उनको आ दबाया, और ऐसे दर्द ने जैसा पैदाइश का दर्द।
بِرِيحٍ شَرْقِيَّةٍ تَكْسِرُ سُفُنَ تَرْشِيشَ. | ٧ 7 |
तू पूरबी हवा से तरसीस के जहाज़ों को तोड़ डालता है।
كَمَا سَمِعْنَا هَكَذَا رَأَيْنَا فِي مَدِينَةِ رَبِّ ٱلْجُنُودِ، فِي مَدِينَةِ إِلَهِنَا. ٱللهُ يُثَبِّتُهَا إِلَى ٱلْأَبَدِ. سِلَاهْ. | ٨ 8 |
लश्करों के ख़ुदावन्द के शहर में, या'नी अपने ख़ुदा के शहर में, जैसा हम ने सुना था वैसा ही हम ने देखा: ख़ुदा उसे हमेशा बरक़रार रखेगा।
ذَكَرْنَا يَا ٱللهُ رَحْمَتَكَ فِي وَسَطِ هَيْكَلِكَ. | ٩ 9 |
ऐ ख़ुदा, तेरी हैकल के अन्दर हम ने तेरी शफ़क़त पर ग़ौर किया है
نَظِيرُ ٱسْمِكَ يَا ٱللهُ تَسْبِيحُكَ إِلَى أَقَاصِي ٱلْأَرْضِ. يَمِينُكَ مَلآنَةٌ بِرًّا. | ١٠ 10 |
ऐ ख़ुदा, जैसा तेरा नाम है वैसी ही तेरी सिताइश ज़मीन की इन्तिहा तक है। तेरा दहना हाथ सदाक़त से मा'मूर है।
يَفْرَحُ جَبَلُ صِهْيَوْنَ، تَبْتَهِجُ بَنَاتُ يَهُوذَا مِنْ أَجْلِ أَحْكَامِكَ. | ١١ 11 |
तेरे अहकाम की वजह से: कोह — ए — सिय्यून शादमान हो यहूदाह की बेटियाँ ख़ुशी मनाए,
طُوفُوا بِصِهْيَوْنَ، وَدُورُوا حَوْلَهَا. عُدُّوا أَبْرَاجَهَا. | ١٢ 12 |
सिय्यून के गिर्द फिरो और उसका तवाफ़ करो उसके बुर्जों को गिनों,
ضَعُوا قُلُوبَكُمْ عَلَى مَتَارِسِهَا. تَأَمَّلُوا قُصُورَهَا لِكَيْ تُحَدِّثُوا بِهَا جِيلًا آخَرَ. | ١٣ 13 |
उसकी शहर पनाह को खू़ब देख लो, उसके महलों पर ग़ौर करो; ताकि तुम आने वाली नसल को उसकी ख़बर दे सको।
لِأَنَّ ٱللهَ هَذَا هُوَ إِلَهُنَا إِلَى ٱلدَّهْرِ وَٱلْأَبَدِ. هُوَ يَهْدِينَا حَتَّى إِلَى ٱلْمَوْتِ. | ١٤ 14 |
क्यूँकि यही ख़ुदा हमेशा से हमेशा तक हमारा ख़ुदा है; यही मौत तक हमारा रहनुमा रहेगा।