< اَلْمَزَامِيرُ 14 >

لِإِمَامِ ٱلْمُغَنِّينَ. لِدَاوُدَ قَالَ ٱلْجَاهِلُ فِي قَلْبِهِ: «لَيْسَ إِلَهٌ». فَسَدُوا وَرَجِسُوا بِأَفْعَالِهِمْ. لَيْسَ مَنْ يَعْمَلُ صَلَاحًا. ١ 1
संगीत निर्देशक के लिये. दावीद की रचना मूर्ख मन ही मन में कहते हैं, “परमेश्वर है ही नहीं.” वे सभी भ्रष्‍ट हैं और उनके काम घिनौने हैं; ऐसा कोई भी नहीं, जो भलाई करता हो.
اَلرَّبُّ مِنَ ٱلسَّمَاءِ أَشْرَفَ عَلَى بَنِي ٱلْبَشَرِ، لِيَنْظُرَ: هَلْ مِنْ فَاهِمٍ طَالِبِ ٱللهِ؟ ٢ 2
स्वर्ग से याहवेह मनुष्यों पर दृष्टि डालते हैं इस आशा में कि कोई तो होगा, जो बुद्धिमान है, जो परमेश्वर की खोज करता हो.
ٱلْكُلُّ قَدْ زَاغُوا مَعًا، فَسَدُوا. لَيْسَ مَنْ يَعْمَلُ صَلَاحًا، لَيْسَ وَلَا وَاحِدٌ. ٣ 3
सभी मनुष्य भटक गए हैं, सभी नैतिक रूप से भ्रष्‍ट हो चुके हैं; कोई भी सत्कर्म परोपकार नहीं करता, हां, एक भी नहीं.
أَلَمْ يَعْلَمْ كُلُّ فَاعِلِي ٱلْإِثْمِ، ٱلَّذِينَ يَأْكُلُونَ شَعْبِي كَمَا يَأْكُلُونَ ٱلْخُبْزَ، وَٱلرَّبَّ لَمْ يَدْعُوا. ٤ 4
मेरी प्रजा के ये भक्षक, ये दुष्ट पुरुष, क्या ऐसे निर्बुद्धि हैं? जो उसे ऐसे खा जाते हैं, जैसे रोटी को; क्या उन्हें याहवेह की उपासना का कोई ध्यान नहीं?
هُنَاكَ خَافُوا خَوْفًا، لِأَنَّ ٱللهَ فِي ٱلْجِيلِ ٱلْبَارِّ. ٥ 5
वहां वे अत्यंत घबरा गये हैं, क्योंकि परमेश्वर धर्मी पीढ़ी के पक्ष में होते हैं.
رَأْيَ ٱلْمِسْكِينِ نَاقَضْتُمْ، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ مَلْجَأُهُ. ٦ 6
तुम दुःखित को लज्जित करने की युक्ति कर रहे हो, किंतु उनका आश्रय याहवेह हैं.
لَيْتَ مِنْ صِهْيَوْنَ خَلَاصَ إِسْرَائِيلَ. عِنْدَ رَدِّ ٱلرَّبِّ سَبْيَ شَعْبِهِ، يَهْتِفُ يَعْقُوبُ، وَيَفْرَحُ إِسْرَائِيلُ. ٧ 7
कैसा उत्तम होता यदि इस्राएल का उद्धार ज़ियोन से प्रगट होता! याकोब के लिए वह हर्षोल्लास का अवसर होगा, जब याहवेह अपनी प्रजा को दासत्व से लौटा लाएंगे, तब इस्राएल आनंदित हो जाएगा!

< اَلْمَزَامِيرُ 14 >