< اَلْمَزَامِيرُ 138 >

لِدَاوُدَ أَحْمَدُكَ مِنْ كُلِّ قَلْبِي. قُدَّامَ ٱلْآلِهَةِ أُرَنِّمُ لَكَ. ١ 1
दावीद की रचना. याहवेह, मैं हृदय की गहराई से आपका स्तवन करूंगा; मैं “देवताओं” के सामने आपका स्तवन करूंगा.
أَسْجُدُ فِي هَيْكَلِ قُدْسِكَ، وَأَحْمَدُ ٱسْمَكَ عَلَى رَحْمَتِكَ وَحَقِّكَ، لِأَنَّكَ قَدْ عَظَّمْتَ كَلِمَتَكَ عَلَى كُلِّ ٱسْمِكَ. ٢ 2
आपके पवित्र मंदिर की ओर मुख कर मैं नतमस्तक हूं, आपके करुणा-प्रेम के लिए; आपकी सच्चाई के लिए मैं आपके नाम का आभार मानता हूं; आपने अपने वचन को अपनी महिमा के भी ऊपर ऊंचा किया है.
فِي يَوْمَ دَعَوْتُكَ أَجَبْتَنِي. شَجَّعْتَنِي قُوَّةً فِي نَفْسِي. ٣ 3
जिस समय मैंने आपको पुकारा, आपने प्रत्युत्तर दिया; आपने मेरे प्राणों में बल के संचार से धैर्य दिया.
يَحْمَدُكَ يَارَبُّ كُلُّ مُلُوكِ ٱلْأَرْضِ، إِذَا سَمِعُوا كَلِمَاتِ فَمِكَ. ٤ 4
पृथ्वी के समस्त राजा, याहवेह, आपके कृतज्ञ होंगे, क्योंकि उन्होंने आपके मुख से निकले वचन सुने हैं,
وَيُرَنِّمُونَ فِي طُرُقِ ٱلرَّبِّ، لِأَنَّ مَجْدَ ٱلرَّبِّ عَظِيمٌ. ٥ 5
वे याहवेह की नीतियों का गुणगान करेंगे, क्योंकि याहवेह का तेज बड़ा है.
لِأَنَّ ٱلرَّبَّ عَالٍ وَيَرَى ٱلْمُتَوَاضِعَ، أَمَّا ٱلْمُتَكَبِّرُ فَيَعْرِفُهُ مِنْ بَعِيدٍ. ٦ 6
यद्यपि याहवेह स्वयं महान हैं, वह नगण्यों का ध्यान रखते हैं; किंतु अहंकारी को वह दूर से ही पहचान लेते हैं.
إِنْ سَلَكْتُ فِي وَسَطِ ٱلضِّيْقِ تُحْيِنِي. عَلَى غَضَبِ أَعْدَائِي تَمُدُّ يَدَكَ، وَتُخَلِّصُنِي يَمِينُكَ. ٧ 7
यद्यपि इस समय मेरा विषम समय चल रहा है, आप मेरे जीवन के रक्षक हैं. आप ही अपना हाथ बढ़ाकर मेरे शत्रुओं के प्रकोप से मेरी रक्षा करते हैं; आपका दायां हाथ मेरा उद्धार करता है.
ٱلرَّبُّ يُحَامِي عَنِّي. يَارَبُّ، رَحْمَتُكَ إِلَى ٱلْأَبَدِ. عَنْ أَعْمَالِ يَدَيْكَ لَا تَتَخَلَّ. ٨ 8
याहवेह मेरे लिए निर्धारित उद्देश्य को पूरा करेंगे; याहवेह, सर्वदा है आपका करुणा-प्रेम. अपनी ही हस्तकृति का परित्याग न कीजिए.

< اَلْمَزَامِيرُ 138 >