< اَلْعَدَد 15 >

وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: ١ 1
याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
«كَلِّمْ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَقُلْ لَهُمْ: مَتَى جِئْتُمْ إِلَى أَرْضِ مَسْكَنِكُمُ ٱلَّتِي أَنَا أُعْطِيكُمْ، ٢ 2
“इस्राएल के घराने को यह आज्ञा दो: ‘जब तुम उस देश में प्रवेश करोगे, जहां तुम्हें बस जाना है, जो मैं तुम्हें देने जा रहा हूं,
وَعَمِلْتُمْ وَقُودًا لِلرَّبِّ، مُحْرَقَةً أَوْ ذَبِيحَةً، وَفَاءً لِنَذْرٍ أَوْ نَافِلَةً أَوْ فِي أَعْيَادِكُمْ، لِعَمَلِ رَائِحَةِ سَرُورٍ لِلرَّبِّ مِنَ ٱلْبَقَرِ أَوْ مِنَ ٱلْغَنَمِ، ٣ 3
तब तुम वहां याहवेह के लिए अपनी भेड़-बकरियां और गाय-बैलों में से आग के द्वारा बलि चढ़ाना; होमबलि अथवा विशेष मन्नत पूरी करने के लिए या स्वेच्छा बलि या निर्धारित अवसरों से संबंधित बलि, कि यह याहवेह के सामने सुगंध हो जाए.
يُقَرِّبُ ٱلَّذِي قَرَّبَ قُرْبَانَهُ لِلرَّبِّ تَقْدِمَةً مِنْ دَقِيقٍ، عُشْرًا مَلْتُوتًا بِرُبْعِ ٱلْهِينِ مِنَ ٱلزَّيْتِ، ٤ 4
वह, जो याहवेह को भेंट बलि अर्पण करेगा, वह डेढ़ किलो मैदे को एक लीटर तेल में मिलाएगा.
وَخَمْرًا لِلسَّكِيبِ رُبْعَ ٱلْهِينِ. تَعْمَلُ عَلَى ٱلْمُحْرَقَةِ أَوِ ٱلذَّبِيحَةِ لِلْخَرُوفِ ٱلْوَاحِدِ. ٥ 5
हर एक मेमने की बलि अथवा होमबलि के साथ तुम पेय बलि के लिए एक लीटर दाखमधु भेंट करोगे.
لَكِنْ لِلْكَبْشِ تَعْمَلُ تَقْدِمَةً مِنْ دَقِيقٍ عُشْرَيْنِ مَلْتُوتَيْنِ بِثُلْثِ ٱلْهِينِ مِنَ ٱلزَّيْتِ، ٦ 6
“‘अथवा मेढ़े की बलि चढ़ाने के लिए तुम तीन किलो मैदा, 1.30 लीटर तेल में मिलाओगे.
وَخَمْرًا لِلسَّكِيبِ ثُلْثَ ٱلْهِينِ تُقَرِّبُ لِرَائِحَةِ سَرُورٍ لِلرَّبِّ. ٧ 7
पेय बलि के रूप में तुम याहवेह को सुखद-सुगंध के लिए एक लीटर दाखमधु चढ़ाओगे.
وَإِذَا عَمِلْتَ ٱبْنَ بَقَرٍ مُحْرَقَةً أَوْ ذَبِيحَةً وَفَاءً لِنَذْرٍ أَوْ ذَبِيحَةَ سَلَامَةٍ لِلرَّبِّ، ٨ 8
“‘जब तुम याहवेह को विशेष मन्नत पूरी करने के रूप में या मेल बलि स्वरूप होमबलि या बलि के लिए बछड़े को तैयार करो,
تُقَرِّبُ عَلَى ٱبْنِ ٱلْبَقَرِ تَقْدِمَةً مِنْ دَقِيقٍ ثَلَاثَةَ أَعْشَارٍ مَلْتُوتَةً بِنِصْفِ ٱلْهِينِ مِنَ ٱلزَّيْتِ، ٩ 9
तब तुम उस बछड़े के साथ पांच किलो मैदे के साथ 1.9 लीटर तेल का मिश्रण चढ़ाओगे.
وَخَمْرًا تُقَرِّبُ لِلسَّكِيبِ نِصْفَ ٱلْهِينِ وَقُودَ رَائِحَةِ سَرُورٍ لِلرَّبِّ. ١٠ 10
इसके अलावा तुम डेढ़ लीटर दाखमधु याहवेह के लिए सुखद-सुगंध चढ़ाओगे.
هَكَذَا يُعْمَلُ لِلثَّوْرِ ٱلْوَاحِدِ أَوْ لِلْكَبْشِ ٱلْوَاحِدِ أَوْ لِلشَّاةِ مِنَ ٱلضَّأْنِ أَوْ مِنَ ٱلْمَعْزِ. ١١ 11
हर एक बछड़े, हर एक मेढ़े, हर एक मेमने अथवा हर एक बकरे के लिए यही विधि ठहराई गई है.
كَٱلْعَدَدِ ٱلَّذِي تَعْمَلُونَ هَكَذَا تَعْمَلُونَ لِكُلِّ وَاحِدٍ حَسَبَ عَدَدِهِنَّ. ١٢ 12
हर एक पशु की संख्या के अनुसार हर एक के लिए यही किया जाना ज़रूरी है.
كُلُّ وَطَنِيٍّ يَعْمَلُ هَذِهِ هَكَذَا، لِتَقْرِيبِ وَقُودِ رَائِحَةِ سَرُورٍ لِلرَّبِّ. ١٣ 13
“‘हर एक, जो देश का निवासी है, इस विधि के अनुसार यह किया करेगा, कि आग के द्वारा भेंट यह याहवेह के लिए सुखद-सुगंध हो जाए.
وَإِذَا نَزَلَ عِنْدَكُمْ غَرِيبٌ، أَوْ كَانَ أَحَدٌ فِي وَسَطِكُمْ فِي أَجْيَالِكُمْ وَعَمِلَ وَقُودَ رَائِحَةِ سُرُورٍ لِلرَّبِّ، فَكَمَا تَفْعَلُونَ كَذَلِكَ يَفْعَلُ. ١٤ 14
यदि तुम्हारे बीच कोई परदेशी है, चाहे थोड़े समय से या स्थायी रूप से, पीढ़ी-पीढ़ी से, और वह अग्निबलि भेंट करना चाहता है, कि यह याहवेह के लिए सुखद-सुगंध हो जाए, वह भी ठीक यही करेगा.
أَيَّتُهَا ٱلْجَمَاعَةُ، لَكُمْ وَلِلْغَرِيبِ ٱلنَّازِلِ عِنْدَكُمْ فَرِيضَةٌ وَاحِدَةٌ دَهْرِيَّةٌ فِي أَجْيَالِكُمْ. مَثَلُكُمْ يَكُونُ مَثَلَ ٱلْغَرِيبِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. ١٥ 15
पूरी सभा के लिए, चाहे तुम हो अथवा कोई परदेशी, एक ही विधि लागू होगी. यही तुम्हारी सारी पीढ़ियों के लिए स्थायी विधि होगी. याहवेह के सामने तुम सब परदेशी के समान हो.
شَرِيعَةٌ وَاحِدَةٌ وَحُكْمٌ وَاحِدٌ يَكُونُ لَكُمْ وَلِلْغَرِيبِ ٱلنَّازِلِ عِنْدَكُمْ». ١٦ 16
तुम्हारे लिए तथा उस परदेशी के लिए एक ही नियम तथा एक ही विधि होनी ज़रूरी है.’”
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: ١٧ 17
फिर याहवेह ने मोशेह को यह आज्ञा दी,
«كَلِّمْ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَقُلْ لَهُمْ: مَتَى دَخَلْتُمُ ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي أَنَا آتٍ بِكُمْ إِلَيْهَا، ١٨ 18
“इस्राएल के घराने को संबोधित कर उन्हें आदेश दो, ‘जब तुम उस देश में प्रवेश करो, जहां मैं तुम्हें ले जा रहा हूं,
فَعِنْدَمَا تَأْكُلُونَ مِنْ خُبْزِ ٱلْأَرْضِ تَرْفَعُونَ رَفِيعَةً لِلرَّبِّ. ١٩ 19
और जब तुम उस देश की उपज को खाने लगो, उसका एक अंश तुम याहवेह को भेंट करोगे.
أَوَّلَ عَجِينِكُمْ تَرْفَعُونَ قُرْصًا رَفِيعَةً، كَرَفِيعَةِ ٱلْبَيْدَرِ هَكَذَا تَرْفَعُونَهُ. ٢٠ 20
यह खलिहान का अर्पित किया हुआ अंश होगा. यह तुम याहवेह को चढ़ाओगे.
مِنْ أَوَّلِ عَجِينِكُمْ تُعْطُونَ لِلرَّبِّ رَفِيعَةً فِي أَجْيَالِكُمْ. ٢١ 21
अपने पहले गूंधे हुए आटे के अंश को तुम अपनी सारी पीढ़ियों में याहवेह को भेंट करते रहोगे.
«وَإِذَا سَهَوْتُمْ وَلَمْ تَعْمَلُوا جَمِيعَ هَذِهِ ٱلْوَصَايَا ٱلَّتِي كَلَّمَ بِهَا ٱلرَّبُّ مُوسَى، ٢٢ 22
“‘किंतु भूल से तुम इन आदेशों के पालन में असफल हो जाते हो, जो याहवेह ने मोशेह को बताए हैं,
جَمِيعَ مَا أَمَرَكُمْ بِهِ ٱلرَّبُّ عَنْ يَدِ مُوسَى، مِنَ ٱلْيَوْمِ ٱلَّذِي أَمَرَ فِيهِ ٱلرَّبُّ فَصَاعِدًا فِي أَجْيَالِكُمْ، ٢٣ 23
अर्थात् वह सभी, जो याहवेह ने तुम्हें मोशेह के द्वारा आज्ञा देकर पालन करने का आदेश दिया है, उस दिन से ले, जब ये आदेश दिए गए थे, तुम्हारी सारी पीढ़ियों तक,
فَإِنْ عُمِلَ خُفْيَةً عَنْ أَعْيُنِ ٱلْجَمَاعَةِ سَهْوًا، يَعْمَلُ كُلُّ ٱلْجَمَاعَةِ ثَوْرًا وَاحِدًا ٱبْنَ بَقَرٍ مُحْرَقَةً لِرَائِحَةِ سَرُورٍ لِلرَّبِّ، مَعَ تَقْدِمَتِهِ وَسَكِيبِهِ كَٱلْعَادَةِ، وَتَيْسًا وَاحِدًا مِنَ ٱلْمَعْزِ ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ. ٢٤ 24
यदि यह भूल से किया गया हो तथा जिसके विषय में सारी इस्राएली सभा को कोई जानकारी नहीं हो पाई है, तब सारी सभा गाय-बैलों से होमबलि के लिए एक बछड़ा भेंट करेगी, इसकी अन्‍नबलि तथा पेय बलि के साथ यह याहवेह के लिए नियम के अनुसार एक सुखद-सुगंध हो जाएगा.
فَيُكَفِّرُ ٱلْكَاهِنُ عَنْ كُلِّ جَمَاعَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، فَيُصْفَحُ عَنْهُمْ لِأَنَّهُ كَانَ سَهْوًا. فَإِذَا أَتَوْا بِقُرْبَانِهِمْ وَقُودًا لِلرَّبِّ، وَبِذَبِيحَةِ خَطِيَّتِهِمْ أَمَامَ ٱلرَّبِّ لِأَجْلِ سَهْوِهِمْ، ٢٥ 25
फिर पुरोहित सारे इस्राएल के घराने की ओर से प्रायश्चित बलि भेंट करेगा और इससे उन्हें क्षमा दी जाएगी; क्योंकि यह अनजाने में की गई भूल थी; इसलिये उन्होंने यह भेंट चढ़ाई है. आग के द्वारा याहवेह को अर्पित बलि तथा अपनी भूल के लिए भेंट पापबलि.
يُصْفَحُ عَنْ كُلِّ جَمَاعَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَٱلْغَرِيبِ ٱلنَّازِلِ بَيْنَهُمْ، لِأَنَّهُ حَدَثَ لِجَمِيعِ ٱلشَّعْبِ بِسَهْوٍ. ٢٦ 26
इस प्रकार इस्राएल के घराने की सारी सभा को क्षमा दे दी जाएगी-इसमें वह परदेशी भी शामिल होगा, जो उनके बीच रह रहा होगा, क्योंकि सभी इस्राएलियों में यह अनजाने में हुआ कार्य था.
«وَإِنْ أَخْطَأَتْ نَفْسٌ وَاحِدَةٌ سَهْوًا، تُقَرِّبْ عَنْزًا حَوْلِيَّةً ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ، ٢٧ 27
“‘इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति भूल से पाप कर बैठता है, वह एक वर्षीय बकरी पापबलि के लिए भेंट करे.
فَيُكَفِّرُ ٱلْكَاهِنُ عَنِ ٱلنَّفْسِ ٱلَّتِي سَهَتْ عِنْدَمَا أَخْطَأَتْ بِسَهْوٍ أَمَامَ ٱلرَّبِّ لِلتَّكْفِيرِ عَنْهَا، فَيُصْفَحُ عَنْهَا. ٢٨ 28
पुरोहित याहवेह के सामने जाकर उस व्यक्ति के लिए प्रायश्चित करे, जो भूल से पाप कर बैठता है, जो रास्ते से भटक जाता है, पुरोहित ऐसे व्यक्ति के लिए प्रायश्चित करे, कि उस व्यक्ति को क्षमा प्राप्‍त हो जाए.
لِلْوَطَنِيِّ فِي بَنِي إِسْرَائِيلَ وَلِلْغَرِيبِ ٱلنَّازِلِ بَيْنَهُمْ تَكُونُ شَرِيعَةٌ وَاحِدَةٌ لِلْعَامِلِ بِسَهْوٍ. ٢٩ 29
कोई भी व्यक्ति, जो भूल से कोई भी पाप कर बैठता है, उस पर एक ही नियम लागू किया जाए; वह, जो स्वदेशी है, और वह जो तुम्हारे बीच रह रहा विदेशी है.
وَأَمَّا ٱلنَّفْسُ ٱلَّتِي تَعْمَلُ بِيَدٍ رَفِيعَةٍ مِنَ ٱلْوَطَنِيِّينَ أَوْ مِنَ ٱلْغُرَبَاءِ فَهِيَ تَزْدَرِي بِٱلرَّبِّ. فَتُقْطَعُ تِلْكَ ٱلنَّفْسُ مِنْ بَيْنِ شَعْبِهَا، ٣٠ 30
“‘किंतु वह व्यक्ति, जो ढिठाई करता है, चाहे वह स्वदेशी हो या तुम्हारे बीच रह रहा विदेशी, वह यह करते हुए याहवेह की निंदा कर रहा होता है, ऐसा व्यक्ति अपने लोगों के बीच से नाश कर दिया जाए.
لِأَنَّهَا ٱحْتَقَرَتْ كَلَامَ ٱلرَّبِّ وَنَقَضَتْ وَصِيَّتَهُ. قَطْعًا تُقْطَعُ تِلْكَ ٱلنَّفْسُ. ذَنْبُهَا عَلَيْهَا». ٣١ 31
उसने याहवेह के आदेश को तुच्छ समझा और उनके आदेश को टाला है. उसे पूरी तरह नाश कर दिया जाए; इसके लिए वह स्वयं ही दोषी होगा.’”
وَلَمَّا كَانَ بَنُو إِسْرَائِيلَ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ وَجَدُوا رَجُلًا يَحْتَطِبُ حَطَبًا فِي يَوْمِ ٱلسَّبْتِ. ٣٢ 32
जब इस्राएली निर्जन प्रदेश में रहते थे, एक ऐसे व्यक्ति से उनकी भेंट हुई, जो शब्बाथ के दिन ईंधन-लकड़ी इकट्ठी कर रहा था.
فَقَدَّمَهُ ٱلَّذِينَ وَجَدُوهُ يَحْتَطِبُ حَطَبًا إِلَى مُوسَى وَهَارُونَ وَكُلِّ ٱلْجَمَاعَةِ. ٣٣ 33
जिन्होंने उसे यह करते देखा, वे उसे मोशेह, अहरोन तथा सारी सभा के सामने ले आए.
فَوَضَعُوهُ فِي ٱلْمَحْرَسِ لِأَنَّهُ لَمْ يُعْلَنْ مَاذَا يُفْعَلُ بِهِ. ٣٤ 34
जब तक उसके विषय में कोई निर्णय नहीं लिया गया, तब तक उसे बंदी बनाकर रखा गया.
فَقَالَ ٱلرَّبُّ لِمُوسَى: «قَتْلًا يُقْتَلُ ٱلرَّجُلُ. يَرْجُمُهُ بِحِجَارَةٍ كُلُّ ٱلْجَمَاعَةِ خَارِجَ ٱلْمَحَلَّةِ». ٣٥ 35
याहवेह ने मोशेह को यह आज्ञा दी: “अवश्य है कि उस व्यक्ति को निश्चित ही मृत्यु दंड दिया जाए. छावनी के बाहर ले जाकर सारी सभा उस पर पत्थराव करे.”
فَأَخْرَجَهُ كُلُّ ٱلْجَمَاعَةِ إِلَى خَارِجِ ٱلْمَحَلَّةِ وَرَجَمُوهُ بِحِجَارَةٍ، فَمَاتَ كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. ٣٦ 36
तब सारी सभा ने उसे छावनी से दूर ले जाकर पत्थराव कर दिया, जैसा याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी थी.
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: ٣٧ 37
याहवेह ने मोशेह को यह आज्ञा भी दी,
«كَلِّمْ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَقُلْ لَهُمْ: أَنْ يَصْنَعُوا لَهُمْ أَهْدَابًا فِي أَذْيَالِ ثِيَابِهِمْ فِي أَجْيَالِهِمْ، وَيَجْعَلُوا عَلَى هُدْبِ ٱلذَّيْلِ عِصَابَةً مِنْ أَسْمَانْجُونِيٍّ. ٣٨ 38
“सारे इस्राएल को आज्ञा दो कि वे अपने-अपने वस्त्रों के किनारों पर पीढ़ी से पीढ़ी फुंदने लगाया करें तथा फुन्दनों के कोनों पर नीली डोरी हो.
فَتَكُونُ لَكُمْ هُدْبًا، فَتَرَوْنَهَا وَتَذْكُرُونَ كُلَّ وَصَايَا ٱلرَّبِّ وَتَعْمَلُونَهَا، وَلَا تَطُوفُونَ وَرَاءَ قُلُوبِكُمْ وَأَعْيُنِكُمُ ٱلَّتِي أَنْتُمْ فَاسِقُونَ وَرَاءَهَا، ٣٩ 39
यह फुंदना तुम्हारे लिए याहवेह की आज्ञा का चिन्ह होगा, कि तुम अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार चलने न लगो, जैसा करके तुमने परमेश्वर के साथ दाम्पत्य विश्वासघात के समान काम किया था.
لِكَيْ تَذْكُرُوا وَتَعْمَلُوا كُلَّ وَصَايَايَ، وَتَكُونُوا مُقَدَّسِينَ لِإِلَهِكُمْ. ٤٠ 40
तुम्हें मेरी सारी आज्ञाओं का पालन करना याद रहे, और तुम अपने परमेश्वर के सामने पवित्र बने रहो.
أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمُ ٱلَّذِي أَخْرَجَكُمْ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ لِيَكُونَ لَكُمْ إِلَهًا. أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ». ٤١ 41
मैं तुम्हारा वही परमेश्वर, याहवेह हूं, मैंने तुम्हें मिस्र देश से इसलिये निकाला है, कि मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूं. मैं ही तुम्हारा वह याहवेह परमेश्वर हूं!”

< اَلْعَدَد 15 >