< مَرْقُس 1 >

بَدْءُ إِنْجِيلِ يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ ٱبْنِ ٱللهِ، ١ 1
ईसा मसीह इब्न — ए ख़ुदा की ख़ुशख़बरी की शुरुआत।
كَمَا هُوَ مَكْتُوبٌ فِي ٱلْأَنْبِيَاءِ: «هَا أَنَا أُرْسِلُ أَمَامَ وَجْهِكَ مَلَاكِي، ٱلَّذِي يُهَيِّئُ طَرِيقَكَ قُدَّامَكَ. ٢ 2
जैसा यसायाह नबी की किताब में लिखा है: “देखो, मैं अपना पैग़म्बर पहले भेजता हूँ, जो तुम्हारे लिए रास्ता तैयार करेगा।
صَوْتُ صَارِخٍ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ: أَعِدُّوا طَرِيقَ ٱلرَّبِّ، ٱصْنَعُوا سُبُلَهُ مُسْتَقِيمَةً». ٣ 3
वीराने में पूकारने वाले की आवाज़ आती है कि ख़ुदावन्द के लिए राह तैयार करो, और उसके रास्ते सीधे बनाओ।”
كَانَ يُوحَنَّا يُعَمِّدُ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ وَيَكْرِزُ بِمَعْمُودِيَّةِ ٱلتَّوْبَةِ لِمَغْفِرَةِ ٱلْخَطَايَا. ٤ 4
यूहन्ना आया और वीरानों में बपतिस्मा देता और गुनाहों की मुआफ़ी। के लिए तौबा के बपतिस्मे का ऐलान करता था
وَخَرَجَ إِلَيْهِ جَمِيعُ كُورَةِ ٱلْيَهُودِيَّةِ وَأَهْلُ أُورُشَلِيمَ وَٱعْتَمَدُوا جَمِيعُهُمْ مِنْهُ فِي نَهْرِ ٱلْأُرْدُنِّ، مُعْتَرِفِينَ بِخَطَايَاهُمْ. ٥ 5
और यहूदिया के मुल्क के सब लोग, और येरूशलेम के सब रहनेवाले निकल कर उस के पास गए, और उन्होंने अपने गुनाहों को क़ुबूल करके दरिया — ए — यर्दन में उससे बपतिस्मा लिया।
وَكَانَ يُوحَنَّا يَلْبَسُ وَبَرَ ٱلْإِبِلِ، وَمِنْطَقَةً مِنْ جِلْدٍ عَلَى حَقْوَيْهِ، وَيَأْكُلُ جَرَادًا وَعَسَلًا بَرِّيًّا. ٦ 6
ये यूहन्ना ऊँटों के बालों से बनी पोशाक पहनता और चमड़े का पटटा अपनी कमर से बाँधे रहता था। और वो टिड्डियाँ और जंगली शहद खाता था।
وَكَانَ يَكْرِزُ قَائِلًا: «يَأْتِي بَعْدِي مَنْ هُوَ أَقْوَى مِنِّي، ٱلَّذِي لَسْتُ أَهْلًا أَنْ أَنْحَنِيَ وَأَحُلَّ سُيُورَ حِذَائِهِ. ٧ 7
और ये ऐलान करता था, “कि मेरे बाद वो शख़्स आनेवाला है जो मुझ से ताक़तवर है मैं इस लायक़ नहीं कि झुक कर उसकी जूतियों का फ़ीता खोलूँ।
أَنَا عَمَّدْتُكُمْ بِٱلْمَاءِ، وَأَمَّا هُوَ فَسَيُعَمِّدُكُمْ بِٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ». ٨ 8
मैंने तो तुम को पानी से बपतिस्मा दिया मगर वो तुम को रूह — उल — क़ुद्दूस से बपतिस्मा देगा।”
وَفِي تِلْكَ ٱلْأَيَّامِ جَاءَ يَسُوعُ مِنْ نَاصِرَةِ ٱلْجَلِيلِ وَٱعْتَمَدَ مِنْ يُوحَنَّا فِي ٱلْأُرْدُنِّ. ٩ 9
उन दिनों में ऐसा हुआ कि ईसा ने गलील के नासरत नाम कि जगह से आकर यरदन नदी में यहून्ना से बपतिस्मा लिया।
وَلِلْوَقْتِ وَهُوَ صَاعِدٌ مِنَ ٱلْمَاءِ رَأَى ٱلسَّمَاوَاتِ قَدِ ٱنْشَقَّتْ، وَٱلرُّوحَ مِثْلَ حَمَامَةٍ نَازِلًا عَلَيْهِ. ١٠ 10
और जब वो पानी से निकल कर ऊपर आया तो फ़ौरन उसने आसमान को खुलते और रूह को कबूतर की तरह अपने ऊपर आते देखा।
وَكَانَ صَوْتٌ مِنَ ٱلسَّمَاوَاتِ: «أَنْتَ ٱبْنِي ٱلْحَبِيبُ ٱلَّذِي بِهِ سُرِرْتُ». ١١ 11
और आसमान से ये आवाज़ आई, “तू मेरा प्यारा बेटा है, तुझ से मैं ख़ुश हूँ।”
وَلِلْوَقْتِ أَخْرَجَهُ ٱلرُّوحُ إِلَى ٱلْبَرِّيَّةِ، ١٢ 12
और उसके बाद रूह ने उसे वीराने में भेज दिया।
وَكَانَ هُنَاكَ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ أَرْبَعِينَ يَوْمًا يُجَرَّبُ مِنَ ٱلشَّيْطَانِ. وَكَانَ مَعَ ٱلْوُحُوشِ. وَصَارَتِ ٱلْمَلَائِكَةُ تَخْدِمُهُ. ١٣ 13
और वो उस सूनसान जगह में चालीस दिन तक शैतान के ज़रिए आज़माया गया, और वह जंगली जानवरों के साथ रहा किया और फ़रिश्ते उसकी ख़िदमत करते रहे।
وَبَعْدَمَا أُسْلِمَ يُوحَنَّا جَاءَ يَسُوعُ إِلَى ٱلْجَلِيلِ يَكْرِزُ بِبِشَارَةِ مَلَكُوتِ ٱللهِ ١٤ 14
फिर यूहन्ना के पकड़वाए जाने के बाद ईसा गलील में आया और ख़ुदा की ख़ुशख़बरी का ऐलान करने लगा।
وَيَقُولُ: «قَدْ كَمَلَ ٱلزَّمَانُ وَٱقْتَرَبَ مَلَكُوتُ ٱللهِ، فَتُوبُوا وَآمِنُوا بِٱلْإِنْجِيلِ». ١٥ 15
और उसने कहा कि “वक़्त पूरा हो गया है और ख़ुदा की बादशाही नज़दीक आ गई है, तौबा करो और ख़ुशख़बरी पर ईमान लाओ।”
وَفِيمَا هُوَ يَمْشِي عِنْدَ بَحْرِ ٱلْجَلِيلِ أَبْصَرَ سِمْعَانَ وَأَنْدَرَاوُسَ أَخَاهُ يُلْقِيَانِ شَبَكَةً فِي ٱلْبَحْرِ، فَإِنَّهُمَا كَانَا صَيَّادَيْنِ. ١٦ 16
गलील की झील के किनारे — किनारे जाते हुए, शमौन और शमौन के भाई अन्द्रियास को झील में जाल डालते हुए देखा; क्यूँकि वो मछली पकड़ने वाले थे।
فَقَالَ لَهُمَا يَسُوعُ: «هَلُمَّ وَرَائِي فَأَجْعَلُكُمَا تَصِيرَانِ صَيَّادَيِ ٱلنَّاسِ». ١٧ 17
और ईसा ने उन से कहा, “मेरे पीछे चले आओ, तो मैं तुम को आदमी पकड़ने वाला बनाऊँगा।”
فَلِلْوَقْتِ تَرَكَا شِبَاكَهُمَا وَتَبِعَاهُ. ١٨ 18
वो फ़ौरन जाल छोड़ कर उस के पीछे हो लिए।
ثُمَّ ٱجْتَازَ مِنْ هُنَاكَ قَلِيلًا فَرَأَى يَعْقُوبَ بْنَ زَبْدِي وَيُوحَنَّا أَخَاهُ، وَهُمَا فِي ٱلسَّفِينَةِ يُصْلِحَانِ ٱلشِّبَاكَ. ١٩ 19
और थोड़ी दूर जाकर कर उसने ज़ब्दी के बेटे याक़ूब और उसके भाई यूहन्ना को नाव पर जालों की मरम्मत करते देखा।
فَدَعَاهُمَا لِلْوَقْتِ. فَتَرَكَا أَبَاهُمَا زَبْدِي فِي ٱلسَّفِينَةِ مَعَ ٱلْأَجْرَى وَذَهَبَا وَرَاءَهُ. ٢٠ 20
उसने फ़ौरन उनको अपने पास बुलाया, और वो अपने बाप ज़ब्दी को नाव पर मज़दूरों के साथ छोड़ कर उसके पीछे हो लिए।
ثُمَّ دَخَلُوا كَفْرَنَاحُومَ، وَلِلْوَقْتِ دَخَلَ ٱلْمَجْمَعَ فِي ٱلسَّبْتِ وَصَارَ يُعَلِّمُ. ٢١ 21
फिर वो कफ़रनहूम में दाख़िल हुए, और वो फ़ौरन सबत के दिन इबादतख़ाने में जाकर ता'लीम देने लगा।
فَبُهِتُوا مِنْ تَعْلِيمِهِ لِأَنَّهُ كَانَ يُعَلِّمُهُمْ كَمَنْ لَهُ سُلْطَانٌ وَلَيْسَ كَٱلْكَتَبَةِ. ٢٢ 22
और लोग उसकी ता'लीम से हैरान हुए, क्यूँकि वो उनको आलिमों की तरह नहीं बल्कि इख़्तियार के साथ ता'लीम देता था।
وَكَانَ فِي مَجْمَعِهِمْ رَجُلٌ بِهِ رُوحٌ نَجِسٌ، فَصَرَخَ ٢٣ 23
और फ़ौरन उनके इबादतख़ाने में एक आदमी ऐसा मिला जिस के अंदर बदरूह थी वो यूँ कह कर पुकार उठा।
قَائِلًا: «آهِ! مَا لَنَا وَلَكَ يَا يَسُوعُ ٱلنَّاصِرِيُّ؟ أَتَيْتَ لِتُهْلِكَنَا! أَنَا أَعْرِفُكَ مَنْ أَنْتَ: قُدُّوسُ ٱللهِ!». ٢٤ 24
“ऐ ईसा नासरी हमें तुझ से क्या काम? क्या तू हमें तबाह करने आया है में तुझको जानता हूँ कि तू कौन है? ख़ुदा का क़ुद्दूस है।”
فَٱنْتَهَرَهُ يَسُوعُ قَائِلًا: «ٱخْرَسْ! وَٱخْرُجْ مِنْهُ!». ٢٥ 25
ईसा ने उसे झिड़क कर कहा, “चुप रह, और इस में से निकल जा!।”
فَصَرَعَهُ ٱلرُّوحُ ٱلنَّجِسُ وَصَاحَ بِصَوْتٍ عَظِيمٍ وَخَرَجَ مِنْهُ. ٢٦ 26
तब वो बदरूह उसे मरोड़ कर बड़ी आवाज़ से चिल्ला कर उस में से निकल गई।
فَتَحَيَّرُوا كُلُّهُمْ، حَتَّى سَأَلَ بَعْضُهُمْ بَعْضًا قَائِلِينَ: «مَا هَذَا؟ مَا هُوَ هَذَا ٱلتَّعْلِيمُ ٱلْجَدِيدُ؟ لِأَنَّهُ بِسُلْطَانٍ يَأْمُرُ حَتَّى ٱلْأَرْوَاحَ ٱلنَّجِسَةَ فَتُطِيعُهُ!». ٢٧ 27
और सब लोग हैरान हुए और आपस में ये कह कर बहस करने लगे “ये कौन है। ये तो नई ता'लीम है? वो बदरूहों को भी इख़्तियार के साथ हुक्म देता है, और वो उसका हुक्म मानती हैं।”
فَخَرَجَ خَبَرُهُ لِلْوَقْتِ فِي كُلِّ ٱلْكُورَةِ ٱلْمُحِيطَةِ بِٱلْجَلِيلِ. ٢٨ 28
और फ़ौरन उसकी शोहरत गलील के आस पास में हर जगह फैल गई।
وَلَمَّا خَرَجُوا مِنَ ٱلْمَجْمَعِ جَاءُوا لِلْوَقْتِ إِلَى بَيْتِ سِمْعَانَ وَأَنْدَرَاوُسَ مَعَ يَعْقُوبَ وَيُوحَنَّا، ٢٩ 29
और वो फ़ौरन इबादतख़ाने से निकल कर शमौन और अन्द्रियास के घर आए।
وَكَانَتْ حَمَاةُ سِمْعَانَ مُضْطَجِعَةً مَحْمُومَةً، فَلِلْوَقْتِ أَخْبَرُوهُ عَنْهَا. ٣٠ 30
शमौन की सास बुख़ार में पड़ी थी, और उन्होंने फ़ौरन उसकी ख़बर उसे दी।
فَتَقَدَّمَ وَأَقَامَهَا مَاسِكًا بِيَدِهَا، فَتَرَكَتْهَا ٱلْحُمَّى حَالًا وَصَارَتْ تَخْدِمُهُمْ. ٣١ 31
उसने पास जाकर और उसका हाथ पकड़ कर उसे उठाया, और बुख़ार उस पर से उतर गया, और वो उठकर उसकी ख़िदमत करने लगी।
وَلَمَّا صَارَ ٱلْمَسَاءُ، إِذْ غَرَبَتِ ٱلشَّمْسُ، قَدَّمُوا إِلَيْهِ جَمِيعَ ٱلسُّقَمَاءِ وَٱلْمَجَانِينَ. ٣٢ 32
शाम को सूरज डूबने के बाद लोग बहुत से बीमारों को उसके पास लाए।
وَكَانَتِ ٱلْمَدِينَةُ كُلُّهَا مُجْتَمِعَةً عَلَى ٱلْبَابِ. ٣٣ 33
और सारे शहर के लोग दरवाज़े पर जमा हो गए।
فَشَفَى كَثِيرِينَ كَانُوا مَرْضَى بِأَمْرَاضٍ مُخْتَلِفَةٍ، وَأَخْرَجَ شَيَاطِينَ كَثِيرَةً، وَلَمْ يَدَعِ ٱلشَّيَاطِينَ يَتَكَلَّمُونَ لِأَنَّهُمْ عَرَفُوهُ. ٣٤ 34
और उसने बहुतों को जो तरह — तरह की बीमारियों में गिरफ़्तार थे, अच्छा किया और बहुत सी बदरूहों को निकाला और बदरूहों को बोलने न दिया, क्यूँकि वो उसे पहचानती थीं।
وَفِي ٱلصُّبْحِ بَاكِرًا جِدًّا قَامَ وَخَرَجَ وَمَضَى إِلَى مَوْضِعٍ خَلَاءٍ، وَكَانَ يُصَلِّي هُنَاكَ، ٣٥ 35
और सुबह होने से बहुत पहले वो उठा, और एक वीरान जगह में गया, और वहाँ दुआ की।
فَتَبِعَهُ سِمْعَانُ وَٱلَّذِينَ مَعَهُ. ٣٦ 36
और शमौन और उसके साथी उसके पीछे गए।
وَلَمَّا وَجَدُوهُ قَالُوا لَهُ: «إِنَّ ٱلْجَمِيعَ يَطْلُبُونَكَ». ٣٧ 37
और जब वो मिला तो उन्होंने उससे कहा, “सब लोग तुझे ढूँड रहे हैं!”
فَقَالَ لَهُمْ: «لِنَذْهَبْ إِلَى ٱلْقُرَى ٱلْمُجَاوِرَةِ لِأَكْرِزَ هُنَاكَ أَيْضًا، لِأَنِّي لِهَذَا خَرَجْتُ». ٣٨ 38
उसने उनसे कहा “आओ हम और कहीं आस पास के शहरों में चलें ताकि में वहाँ भी ऐलान करूँ, क्यूँकि में इसी लिए निकला हूँ।”
فَكَانَ يَكْرِزُ فِي مَجَامِعِهِمْ فِي كُلِّ ٱلْجَلِيلِ وَيُخْرِجُ ٱلشَّيَاطِينَ. ٣٩ 39
और वो पूरे गलील में उनके इबादतख़ाने में जा जाकर ऐलान करता और बदरूहों को निकालता रहा।
فَأَتَى إِلَيْهِ أَبْرَصُ يَطْلُبُ إِلَيْهِ جَاثِيًا وَقَائِلًا لَهُ: «إِنْ أَرَدْتَ تَقْدِرْ أَنْ تُطَهِّرَنِي». ٤٠ 40
और एक कौढ़ी ने उस के पास आकर उसकी मिन्नत की और उसके सामने घुटने टेक कर उस से कहा “अगर तू चाहे तो मुझे पाक साफ़ कर सकता है।”
فَتَحَنَّنَ يَسُوعُ وَمَدَّ يَدَهُ وَلَمَسَهُ وَقَالَ لَهُ: «أُرِيدُ، فَٱطْهُرْ!». ٤١ 41
उसने उसपर तरस खाकर हाथ बढ़ाया और उसे छूकर उस से कहा। “मैं चाहता हूँ, तू पाक साफ़ हो जा।”
فَلِلْوَقْتِ وَهُوَ يَتَكَلَّمُ ذَهَبَ عَنْهُ ٱلْبَرَصُ وَطَهَرَ. ٤٢ 42
और फ़ौरन उसका कौढ़ जाता रहा और वो पाक साफ़ हो गया।
فَٱنْتَهَرَهُ وَأَرْسَلَهُ لِلْوَقْتِ، ٤٣ 43
और उसने उसे हिदायत कर के फ़ौरन रुख़्सत किया।
وَقَالَ لَهُ: «ٱنْظُرْ، لَا تَقُلْ لِأَحَدٍ شَيْئًا، بَلِ ٱذْهَبْ أَرِ نَفْسَكَ لِلْكَاهِنِ وَقَدِّمْ عَنْ تَطْهِيرِكَ مَا أَمَرَ بِهِ مُوسَى، شَهَادَةً لَهُمْ». ٤٤ 44
और उससे कहा “ख़बरदार! किसी से कुछ न कहना जाकर अपने आप को इमामों को दिखा, और अपने पाक साफ़ हो जाने के बारे में उन चीज़ों को जो मूसा ने मुक़र्रर की हैं नज़्र गुज़ार ताकि उनके लिए गवाही हो।”
وَأَمَّا هُوَ فَخَرَجَ وَٱبْتَدَأَ يُنَادِي كَثِيرًا وَيُذِيعُ ٱلْخَبَرَ، حَتَّى لَمْ يَعُدْ يَقْدِرُ أَنْ يَدْخُلَ مَدِينَةً ظَاهِرًا، بَلْ كَانَ خَارِجًا فِي مَوَاضِعَ خَالِيَةٍ، وَكَانُوا يَأْتُونَ إِلَيْهِ مِنْ كُلِّ نَاحِيَةٍ. ٤٥ 45
लेकिन वो बाहर जाकर बहुत चर्चा करने लगा, और इस बात को इस क़दर मशहूर किया कि ईसा शहर में फिर खुलेआम दाख़िल न हो सका; बल्कि बाहर वीरान मुक़ामों में रहा, और लोग चारों तरफ़ से उसके पास आते थे।

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