< مَرْقُس 16 >
وَبَعْدَمَا مَضَى ٱلسَّبْتُ، ٱشْتَرَتْ مَرْيَمُ ٱلْمَجْدَلِيَّةُ وَمَرْيَمُ أُمُّ يَعْقُوبَ وَسَالُومَةُ، حَنُوطًا لِيَأْتِينَ وَيَدْهُنَّهُ. | ١ 1 |
जब सबत का दिन गुज़र गया तो मरियम मग़दलिनी और या'क़ूब की माँ मरियम और सलोमी ने ख़ुशबूदार चीज़ें मोल लीं ताकि आकर उस पर मलें।
وَبَاكِرًا جِدًّا فِي أَوَّلِ ٱلْأُسْبُوعِ أَتَيْنَ إِلَى ٱلْقَبْرِ إِذْ طَلَعَتِ ٱلشَّمْسُ. | ٢ 2 |
वो हफ़्ते के पहले दिन बहुत सवेरे जब सूरज निकला ही था क़ब्र पर आईं।
وَكُنَّ يَقُلْنَ فِيمَا بَيْنَهُنَّ: «مَنْ يُدَحْرِجُ لَنَا ٱلْحَجَرَ عَنْ بَابِ ٱلْقَبْرِ؟». | ٣ 3 |
और आपस में कहती थी “हमारे लिए पत्थर को क़ब्र के मुँह पर से कौन लुढ़काएगा?”
فَتَطَلَّعْنَ وَرَأَيْنَ أَنَّ ٱلْحَجَرَ قَدْ دُحْرِجَ! لِأَنَّهُ كَانَ عَظِيمًا جِدًّا. | ٤ 4 |
जब उन्हों ने निगाह की तो देखा कि पत्थर लुढ़का हुआ है क्यूँकि वो बहुत ही बड़ा था।
وَلَمَّا دَخَلْنَ ٱلْقَبْرَ رَأَيْنَ شَابًّا جَالِسًا عَنِ ٱلْيَمِينِ لَابِسًا حُلَّةً بَيْضَاءَ، فَٱنْدَهَشْنَ. | ٥ 5 |
क़ब्र के अन्दर जाकर उन्हों ने एक जवान को सफ़ेद जामा पहने हुए दहनी तरफ़ बैठे देखा और निहायत हैरान हुईं।
فَقَالَ لَهُنَّ: «لَا تَنْدَهِشْنَ! أَنْتُنَّ تَطْلُبْنَ يَسُوعَ ٱلنَّاصِرِيَّ ٱلْمَصْلُوبَ. قَدْ قَامَ! لَيْسَ هُوَ هَهُنَا. هُوَذَا ٱلْمَوْضِعُ ٱلَّذِي وَضَعُوهُ فِيهِ. | ٦ 6 |
उसने उनसे कहा ऐसी हैरान न हो तुम ईसा नासरी को “जो मस्लूब हुआ था तलाश रही हो; जी उठा है वो यहाँ नहीं है देखो ये वो जगह है जहाँ उन्होंने उसे रख्खा था।
لَكِنِ ٱذْهَبْنَ وَقُلْنَ لِتَلَامِيذِهِ وَلِبُطْرُسَ: إِنَّهُ يَسْبِقُكُمْ إِلَى ٱلْجَلِيلِ. هُنَاكَ تَرَوْنَهُ كَمَا قَالَ لَكُمْ». | ٧ 7 |
लेकिन तुम जाकर उसके शागिर्दों और पतरस से कहो कि वो तुम से पहले गलील को जाएगा तुम वहीं उसको देखोगे जैसा उसने तुम से कहा।”
فَخَرَجْنَ سَرِيعًا وَهَرَبْنَ مِنَ ٱلْقَبْرِ، لِأَنَّ ٱلرِّعْدَةَ وَٱلْحَيْرَةَ أَخَذَتَاهُنَّ. وَلَمْ يَقُلْنَ لِأَحَدٍ شَيْئًا لِأَنَّهُنَّ كُنَّ خَائِفَاتٍ. | ٨ 8 |
और वो निकल कर क़ब्र से भागीं क्यूँकि कपकपी और हैबत उन पर ग़ालिब आ गई थी और उन्होंने किसी से कुछ न कहा क्यूँकि वो डरती थीं।
(note: The most reliable and earliest manuscripts do not include Mark 16:9-20.) وَبَعْدَمَا قَامَ بَاكِرًا فِي أَوَّلِ ٱلْأُسْبُوعِ ظَهَرَ أَوَّلًا لِمَرْيَمَ ٱلْمَجْدَلِيَّةِ، ٱلَّتِي كَانَ قَدْ أَخْرَجَ مِنْهَا سَبْعَةَ شَيَاطِينَ. | ٩ 9 |
(note: The most reliable and earliest manuscripts do not include Mark 16:9-20.) हफ़्ते के पहले दिन जब वो सवेरे जी उठा तो पहले मरियम मग़दलिनी को जिस में से उसने सात बदरूहें निकाली थीं दिखाई दिया।
فَذَهَبَتْ هَذِهِ وَأَخْبَرَتِ ٱلَّذِينَ كَانُوا مَعَهُ وَهُمْ يَنُوحُونَ وَيَبْكُونَ. | ١٠ 10 |
उसने जाकर उसके शागिर्दो को जो मातम करते और रोते थे ख़बर दी।
فَلَمَّا سَمِعَ أُولَئِكَ أَنَّهُ حَيٌّ، وَقَدْ نَظَرَتْهُ، لَمْ يُصَدِّقُوا. | ١١ 11 |
उन्होंने ये सुनकर कि वो जी उठा है और उसने उसे देखा है यक़ीन न किया।
وَبَعْدَ ذَلِكَ ظَهَرَ بِهَيْئَةٍ أُخْرَى لِٱثْنَيْنِ مِنْهُمْ، وَهُمَا يَمْشِيَانِ مُنْطَلِقَيْنِ إِلَى ٱلْبَرِّيَّةِ. | ١٢ 12 |
इसके बाद वो दूसरी सूरत में उन में से दो को जब वो देहात की तरफ़ जा रहे थे दिखाई दिया।
وَذَهَبَ هَذَانِ وَأَخْبَرَا ٱلْبَاقِينَ، فَلَمْ يُصَدِّقُوا وَلَا هَذَيْنِ. | ١٣ 13 |
उन्होंने भी जाकर बाक़ी लोगों को ख़बर दी; मगर उन्होंने उन का भी यक़ीन न किया।
أَخِيرًا ظَهَرَ لِلْأَحَدَ عَشَرَ وَهُمْ مُتَّكِئُونَ، وَوَبَّخَ عَدَمَ إِيمَانِهِمْ وَقَسَاوَةَ قُلُوبِهِمْ، لِأَنَّهُمْ لَمْ يُصَدِّقُوا ٱلَّذِينَ نَظَرُوهُ قَدْ قَامَ. | ١٤ 14 |
फिर वो उन गयारह शागिर्दों को भी जब खाना खाने बैठे थे दिखाई दिया और उसने उनकी बे'ऐ'तिक़ादी और सख़्त दिली पर उनको मलामत की क्यूँकि जिन्हों ने उसके जी उठने के बाद उसे देखा था उन्होंने उसका यक़ीन न किया था।
وَقَالَ لَهُمُ: «ٱذْهَبُوا إِلَى ٱلْعَالَمِ أَجْمَعَ وَٱكْرِزُوا بِٱلْإِنْجِيلِ لِلْخَلِيقَةِ كُلِّهَا. | ١٥ 15 |
और उसने उनसे कहा, “तुम सारी दुनियाँ में जाकर सारी मख़लूक़ के सामने इन्जील की मनादी करो।
مَنْ آمَنَ وَٱعْتَمَدَ خَلَصَ، وَمَنْ لَمْ يُؤْمِنْ يُدَنْ. | ١٦ 16 |
जो ईमान लाए और बपतिस्मा ले वो नजात पाएगा और जो ईमान न लाए वो मुजरिम ठहराया जाएगा।
وَهَذِهِ ٱلْآيَاتُ تَتْبَعُ ٱلْمُؤْمِنِينَ: يُخْرِجُونَ ٱلشَّيَاطِينَ بِٱسْمِي، وَيَتَكَلَّمُونَ بِأَلْسِنَةٍ جَدِيدَةٍ. | ١٧ 17 |
और ईमान लाने वालों के दर्मियान ये मोजिज़े होंगे वो मेरे नाम से बदरूहों को निकालेंगे; नई नई ज़बाने बोलेंगे।
يَحْمِلُونَ حَيَّاتٍ، وَإِنْ شَرِبُوا شَيْئًا مُمِيتًا لَا يَضُرُّهُمْ، وَيَضَعُونَ أَيْدِيَهُمْ عَلَى ٱلْمَرْضَى فَيَبْرَأُونَ». | ١٨ 18 |
साँपों को उठा लेंगे और अगर कोई हलाक करने वाली चीज़ पीएँगे तो उन्हें कुछ तकलीफ़ न पहुँचेगी वो बीमारों पर हाथ रखेंगे तो अच्छे हो जाएँगे।”
ثُمَّ إِنَّ ٱلرَّبَّ بَعْدَمَا كَلَّمَهُمُ ٱرْتَفَعَ إِلَى ٱلسَّمَاءِ، وَجَلَسَ عَنْ يَمِينِ ٱللهِ. | ١٩ 19 |
ग़रज़ ख़ुदावन्द उनसे कलाम करने के बाद आसमान पर उठाया गया और ख़ुदा की दहनी तरफ़ बैठ गया।
وَأَمَّا هُمْ فَخَرَجُوا وَكَرَزُوا فِي كُلِّ مَكَانٍ، وَٱلرَّبُّ يَعْمَلُ مَعَهُمْ وَيُثَبِّتُ ٱلْكَلَامَ بِٱلْآيَاتِ ٱلتَّابِعَةِ. آمِينَ. | ٢٠ 20 |
फिर उन्होंने निकल कर हर जगह मनादी की और ख़ुदावन्द उनके साथ काम करता रहा और कलाम को उन मोजिज़ों के वसीले से जो साथ साथ होते थे साबित करता रहा; आमीन।