< يوحنَّا 21 >
بَعْدَ هَذَا أَظْهَرَ أَيْضًا يَسُوعُ نَفْسَهُ لِلتَّلَامِيذِ عَلَى بَحْرِ طَبَرِيَّةَ. ظَهَرَ هَكَذَا: | ١ 1 |
इस के बाद ईसा एक बार फिर अपने शागिर्दों पर ज़ाहिर हुआ जब वह तिबरियास यानी गलील की झील पर थे। यह यूँ हुआ।
كَانَ سِمْعَانُ بُطْرُسُ، وَتُومَا ٱلَّذِي يُقَالُ لَهُ ٱلتَّوْأَمُ، وَنَثَنَائِيلُ ٱلَّذِي مِنْ قَانَا ٱلْجَلِيلِ، وَٱبْنَا زَبْدِي، وَٱثْنَانِ آخَرَانِ مِنْ تَلَامِيذِهِ مَعَ بَعْضِهِمْ. | ٢ 2 |
कुछ शागिर्द शमौन पतरस के साथ जमा थे, तोमा जो जुड़वाँ कहलाता था, नतन — एल जो गलील के क़ाना से था, ज़ब्दी के दो बेटे और मज़ीद दो शागिर्द।
قَالَ لَهُمْ سِمْعَانُ بُطْرُسُ: «أَنَا أَذْهَبُ لِأَتَصَيَّدَ». قَالُوا لَهُ: «نَذْهَبُ نَحْنُ أَيْضًا مَعَكَ». فَخَرَجُوا وَدَخَلُوا ٱلسَّفِينَةَ لِلْوَقْتِ. وَفِي تِلْكَ ٱللَّيْلَةِ لَمْ يُمْسِكُوا شَيْئًا. | ٣ 3 |
शमौन पतरस ने कहा, “मैं मछली पकड़ने जा रहा हूँ।” दूसरों ने कहा, “हम भी साथ जाएँगे।” चुनाँचे वह निकल कर कश्ती पर सवार हुए। लेकिन उस पूरी रात एक भी मछली हाथ न आई।
وَلَمَّا كَانَ ٱلصُّبْحُ، وَقَفَ يَسُوعُ عَلَى ٱلشَّاطِئِ. وَلَكِنَّ ٱلتَّلَامِيذَ لَمْ يَكُونُوا يَعْلَمُونَ أَنَّهُ يَسُوعُ. | ٤ 4 |
सुबह — सवेरे ईसा झील के किनारे पर आ खड़ा हुआ। लेकिन शागिर्दों को मालूम नहीं था कि वह ईसा ही है।
فَقَالَ لَهُمْ يَسُوعُ: «يَا غِلْمَانُ أَلَعَلَّ عِنْدَكُمْ إِدَامًا؟». أَجَابُوهُ: «لَا!». | ٥ 5 |
उस ने उन से पूछा, “बच्चो, क्या तुम्हें खाने के लिए कुछ मिल गया?”
فَقَالَ لَهُمْ: «أَلْقُوا ٱلشَّبَكَةَ إِلَى جَانِبِ ٱلسَّفِينَةِ ٱلْأَيْمَنِ فَتَجِدُوا». فَأَلْقَوْا، وَلَمْ يَعُودُوا يَقْدِرُونَ أَنْ يَجْذِبُوهَا مِنْ كَثْرَةِ ٱلسَّمَكِ. | ٦ 6 |
उस ने कहा, “अपना जाल नाव के दाएँ हाथ डालो, फिर तुम को कुछ मिलेगा।” उन्हों ने ऐसा किया तो मछलियों की इतनी बड़ी तहदाद थी कि वह जाल नाव तक न ला सके।
فَقَالَ ذَلِكَ ٱلتِّلْمِيذُ ٱلَّذِي كَانَ يَسُوعُ يُحِبُّهُ لِبُطْرُسَ: «هُوَ ٱلرَّبُّ!». فَلَمَّا سَمِعَ سِمْعَانُ بُطْرُسُ أَنَّهُ ٱلرَّبُّ، ٱتَّزَرَ بِثَوْبِهِ، لِأَنَّهُ كَانَ عُرْيَانًا، وَأَلْقَى نَفْسَهُ فِي ٱلْبَحْرِ. | ٧ 7 |
इस पर ईसा के प्यारे शागिर्द ने पतरस से कहा, “यह तो ख़ुदावन्द है।” यह सुनते ही कि ख़ुदावन्द है शमौन पतरस अपनी चादर ओढ़ कर पानी में कूद पड़ा (उस ने चादर को काम करने के लिए उतार लिया था)।
وَأَمَّا ٱلتَّلَامِيذُ ٱلْآخَرُونَ فَجَاءُوا بِٱلسَّفِينَةِ، لِأَنَّهُمْ لَمْ يَكُونُوا بَعِيدِينَ عَنِ ٱلْأَرْضِ إِلَّا نَحْوَ مِئَتَيْ ذِرَاعٍ، وَهُمْ يَجُرُّونَ شَبَكَةَ ٱلسَّمَكِ. | ٨ 8 |
दूसरे शागिर्द नाव पर सवार उस के पीछे आए। वह किनारे से ज़्यादा दूर नहीं थे, तक़रीबन सौ मीटर के फ़ासिले पर थे। इस लिए वह मछलियों से भरे जाल को पानी खींच खींच कर ख़ुश्की तक लाए।
فَلَمَّا خَرَجُوا إِلَى ٱلْأَرْضِ نَظَرُوا جَمْرًا مَوْضُوعًا وَسَمَكًا مَوْضُوعًا عَلَيْهِ وَخُبْزًا. | ٩ 9 |
जब वह नाव से उतरे तो देखा कि लकड़ी के कोयलों की आग पर मछलियाँ भुनी जा रही हैं और साथ रोटी भी है।
قَالَ لَهُمْ يَسُوعُ: «قَدِّمُوا مِنَ ٱلسَّمَكِ ٱلَّذِي أَمْسَكْتُمُ ٱلْآنَ». | ١٠ 10 |
ईसा ने उन से कहा, “उन मछलियों में से कुछ ले आओ जो तुम ने अभी पकड़ी हैं।”
فَصَعِدَ سِمْعَانُ بُطْرُسُ وَجَذَبَ ٱلشَّبَكَةَ إِلَى ٱلْأَرْضِ، مُمْتَلِئَةً سَمَكًا كَبِيرًا، مِئَةً وَثَلَاثًا وَخَمْسِينَ. وَمَعْ هَذِهِ ٱلْكَثْرَةِ لَمْ تَتَخَرَّقِ ٱلشَّبَكَةُ. | ١١ 11 |
शमौन पतरस नाव पर गया और जाल को ख़ुश्की पर घसीट लाया। यह जाल 153 बड़ी मछलियों से भरा हुआ था, तो भी वह न फटा।
قَالَ لَهُمْ يَسُوعُ: «هَلُمُّوا تَغَدَّوْا!». وَلَمْ يَجْسُرْ أَحَدٌ مِنَ ٱلتَّلَامِيذِ أَنْ يَسْأَلَهُ: مَنْ أَنْتَ؟ إِذْ كَانُوا يَعْلَمُونَ أَنَّهُ ٱلرَّبُّ. | ١٢ 12 |
ईसा ने उन से कहा, “आओ, खा लो।” किसी भी शागिर्द ने सवाल करने की जुरअत न की कि “आप कौन हैं?” क्यूँकि वह तो जानते थे कि यह ख़ुदावन्द ही है।
ثُمَّ جَاءَ يَسُوعُ وَأَخَذَ ٱلْخُبْزَ وَأَعْطَاهُمْ وَكَذَلِكَ ٱلسَّمَكَ. | ١٣ 13 |
फिर ईसा आया और रोटी ले कर उन्हें दी और इसी तरह मछली भी उन्हें खिलाई।
هَذِهِ مَرَّةٌ ثَالِثَةٌ ظَهَرَ يَسُوعُ لِتَلَامِيذِهِ بَعْدَمَا قَامَ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ. | ١٤ 14 |
ईसा के जी उठने के बाद यह तीसरी बार था कि वह अपने शागिर्दों पर ज़ाहिर हुआ।
فَبَعْدَ مَا تَغَدَّوْا قَالَ يَسُوعُ لِسِمْعَانَ بُطْرُسَ: «يَا سِمْعَانُ بْنَ يُونَا، أَتُحِبُّنِي أَكْثَرَ مِنْ هَؤُلَاءِ؟». قَالَ لَهُ: «نَعَمْ يَارَبُّ، أَنْتَ تَعْلَمُ أَنِّي أُحِبُّكَ». قَالَ لَهُ: «ٱرْعَ خِرَافِي». | ١٥ 15 |
खाने के बाद ईसा शमौन पतरस से मुख़ातिब हुआ, “यूहन्ना के बेटे शमौन, क्या तू इन की निस्बत मुझ से ज़्यादा मुहब्बत करता है?” उस ने जवाब दिया, “जी ख़ुदावन्द, आप तो जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ।” ईसा बोला, “फिर मेरे भेड़ों को चरा।”
قَالَ لَهُ أَيْضًا ثَانِيَةً: «يَا سِمْعَانُ بْنَ يُونَا، أَتُحِبُّنِي؟». قَالَ لَهُ: «نَعَمْ يَارَبُّ، أَنْتَ تَعْلَمُ أَنِّي أُحِبُّكَ». قَالَ لَهُ: «ٱرْعَ غَنَمِي». | ١٦ 16 |
तब ईसा ने एक और मर्तबा पूछा, “शमौन यूहन्ना के बेटे, क्या तू मुझ से मुहब्बत करता है?” उस ने जवाब दिया, “जी ख़ुदावन्द, आप तो जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ।” ईसा बोला, “फिर मेरी भेड़ों को चरा।”
قَالَ لَهُ ثَالِثَةً: «يَا سِمْعَانُ بْنَ يُونَا، أَتُحِبُّنِي؟». فَحَزِنَ بُطْرُسُ لِأَنَّهُ قَالَ لَهُ ثَالِثَةً: أَتُحِبُّنِي؟ فَقَالَ لَهُ: «يَارَبُّ، أَنْتَ تَعْلَمُ كُلَّ شَيْءٍ. أَنْتَ تَعْرِفُ أَنِّي أُحِبُّكَ». قَالَ لَهُ يَسُوعُ: «ٱرْعَ غَنَمِي. | ١٧ 17 |
तीसरी दफ़ा ईसा ने उस से पूछा, “शमौन यूहन्ना के बेटे, क्या तू मुझे प्यार करता है?” तीसरी दफ़ा यह सवाल सुनने से पतरस को बड़ा दुख हुआ। उस ने कहा, “ख़ुदावन्द, आप को सब कुछ मालूम है। आप तो जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ।” ईसा ने उस से कहा, “मेरी भेड़ों को चरा।
اَلْحَقَّ ٱلْحَقَّ أَقُولُ لَكَ: لَمَّا كُنْتَ أَكْثَرَ حَدَاثَةً كُنْتَ تُمَنْطِقُ ذَاتَكَ وَتَمْشِي حَيْثُ تَشَاءُ. وَلَكِنْ مَتَى شِخْتَ فَإِنَّكَ تَمُدُّ يَدَيْكَ وَآخَرُ يُمَنْطِقُكَ، وَيَحْمِلُكَ حَيْثُ لَا تَشَاءُ». | ١٨ 18 |
मैं तुझे सच बताता हूँ कि जब तू जवान था तो तू ख़ुद अपनी कमर बाँध कर जहाँ जी चाहता घूमता फिरता था। लेकिन जब तू बूढ़ा होगा तो तू अपने हाथों को आगे बढ़ाएगा और कोई और तेरी कमर बाँध कर तुझे ले जाएगा जहाँ तेरा दिल नहीं करेगा।”
قَالَ هَذَا مُشِيرًا إِلَى أَيَّةِ مِيتَةٍ كَانَ مُزْمِعًا أَنْ يُمَجِّدَ ٱللهَ بِهَا. وَلَمَّا قَالَ هَذَا قَالَ لَهُ: «ٱتْبَعْنِي». | ١٩ 19 |
(ईसा की यह बात इस तरफ़ इशारा था कि पतरस किस क़िस्म की मौत से ख़ुदा को जलाल देगा)। फिर उस ने उसे बताया, “मेरे पीछे चल।”
فَٱلْتَفَتَ بُطْرُسُ وَنَظَرَ ٱلتِّلْمِيذَ ٱلَّذِي كَانَ يَسُوعُ يُحِبُّهُ يَتْبَعُهُ، وَهُوَ أَيْضًا ٱلَّذِي ٱتَّكَأَ عَلَى صَدْرِهِ وَقْتَ ٱلْعَشَاءِ، وَقَالَ: «يَا سَيِّدُ، مَنْ هُوَ ٱلَّذِي يُسَلِّمُكَ؟». | ٢٠ 20 |
पतरस ने मुड़ कर देखा कि जो शागिर्द ईसा को प्यारा था वह उन के पीछे चल रहा है। यह वही शागिर्द था जिस ने शाम के खाने के दौरान ईसा की तरफ़ सर झुका कर पूछा था, “ख़ुदावन्द, कौन आप को दुश्मन के हवाले करेगा?”
فَلَمَّا رَأَى بُطْرُسُ هَذَا، قَالَ لِيَسُوعَ: «يَارَبُّ، وَهَذَا مَا لَهُ؟» | ٢١ 21 |
अब उसे देख कर पतरस ने ईसा से सवाल किया, “ख़ुदावन्द, इस के साथ क्या होगा?”
قَالَ لَهُ يَسُوعُ: «إِنْ كُنْتُ أَشَاءُ أَنَّهُ يَبْقَى حَتَّى أَجِيءَ، فَمَاذَا لَكَ؟ ٱتْبَعْنِي أَنْتَ!». | ٢٢ 22 |
ईसा ने जवाब दिया, “अगर मैं चाहूँ कि यह मेरे वापस आने तक ज़िन्दा रहे तो तुझे क्या? बस तू मेरे पीछे चलता रह।”
فَذَاعَ هَذَا ٱلْقَوْلُ بَيْنَ ٱلْإِخْوَةِ: إِنَّ ذَلِكَ ٱلتِّلْمِيذَ لَا يَمُوتُ. وَلَكِنْ لَمْ يَقُلْ لَهُ يَسُوعُ إِنَّهُ لَا يَمُوتُ، بَلْ: «إِنْ كُنْتُ أَشَاءُ أَنَّهُ يَبْقَى حَتَّى أَجِيءَ، فَمَاذَا لَكَ؟». | ٢٣ 23 |
नतीजे में भाइयों में यह ख़याल फैल गया कि यह शागिर्द नहीं मरेगा। लेकिन ईसा ने यह बात नहीं की थी। उस ने सिर्फ़ यह कहा था, “अगर मैं चाहूँ कि यह मेरे वापस आने तक ज़िन्दा रहे तो तुझे क्या?”
هَذَا هُوَ ٱلتِّلْمِيذُ ٱلَّذِي يَشْهَدُ بِهَذَا وَكَتَبَ هَذَا. وَنَعْلَمُ أَنَّ شَهَادَتَهُ حَقٌّ. | ٢٤ 24 |
यह वह शागिर्द है जिस ने इन बातों की गवाही दे कर इन्हें क़लमबन्द कर दिया है। और हम जानते हैं कि उस की गवाही सच्ची है।
وَأَشْيَاءُ أُخَرُ كَثِيرَةٌ صَنَعَهَا يَسُوعُ، إِنْ كُتِبَتْ وَاحِدَةً وَاحِدَةً، فَلَسْتُ أَظُنُّ أَنَّ ٱلْعَالَمَ نَفْسَهُ يَسَعُ ٱلْكُتُبَ ٱلْمَكْتُوبَةَ. آمِينَ. | ٢٥ 25 |
ईसा ने इस के अलावा भी बहुत कुछ किया। अगर उस का हर काम क़लमबन्द किया जाता तो मेरे ख़याल में पूरी दुनियाँ में यह किताबें रखने की गुन्जाइश न होती।