< إِشَعْيَاءَ 47 >
«اِنْزِلِي وَٱجْلِسِي عَلَى ٱلتُّرَابِ أَيَّتُهَا ٱلْعَذْرَاءُ ٱبْنَةُ بَابِلَ. ٱجْلِسِي عَلَى ٱلْأَرْضِ بِلَا كُرْسِيٍّ يَا ٱبْنَةَ ٱلْكَلْدَانِيِّينَ، لِأَنَّكِ لَا تَعُودِينَ تُدْعَيْنَ نَاعِمَةً وَمُتَرَفِّهَةً. | ١ 1 |
याहवेह कहते हैं, “बाबेल की कुंवारी बेटी, आओ, धूल में बैठ जाओ; कसदियों की बेटी सिंहासन पर नहीं, अब धूल में बैठो. क्योंकि अब तुम्हें कोई कोमल तथा सुकुमारी नहीं कहेगा.
خُذِي ٱلرَّحَى وَٱطْحَنِي دَقِيقًا. ٱكْشِفِي نِقَابَكِ. شَمِّرِي ٱلذَّيْلَ. ٱكْشِفِي ٱلسَّاقَ. ٱعْبُرِي ٱلْأَنْهَارَ. | ٢ 2 |
चक्की लेकर आटा पीसो; अपना घूंघट हटा दो. बाह्य वस्त्र उतार दो, कि नंगे पैर नदियां पार कर सको.
تَنْكَشِفُ عَوْرَتُكِ وَتُرَى مَعَارِيكِ. آخُذُ نَقْمَةً وَلَا أُصَالِحُ أَحَدًا». | ٣ 3 |
तुम्हारी नग्नता सामने आ जायेगी तुम्हारी लज्जा बाहर दिखेगी. मैं तुमसे बदला लूंगा; और एक भी व्यक्ति छूट न सकेगा.”
فَادِينَا رَبُّ ٱلْجُنُودِ ٱسْمُهُ. قُدُّوسُ إِسْرَائِيلَ. | ٤ 4 |
हमें छुटकारा देनेवाले का नाम है सर्वशक्तिमान याहवेह इस्राएल के पवित्र परमेश्वर है.
«ٱجْلِسِي صَامِتَةً وَٱدْخُلِي فِي ٱلظَّلَامِ يَا ٱبْنَةَ ٱلْكَلْدَانِيِّينَ، لِأَنَّكِ لَا تَعُودِينَ تُدْعَيْنَ سَيِّدَةَ ٱلْمَمَالِكِ. | ٥ 5 |
“हे कसदियों की पुत्री, अंधकार में जाकर शांत बैठ जाओ; क्योंकि अब तुम महलों की रानी नहीं कहलाओगी.
«غَضِبْتُ عَلَى شَعْبِي. دَنَّسْتُ مِيرَاثِي وَدَفَعْتُهُمْ إِلَى يَدِكِ. لَمْ تَصْنَعِي لَهُمْ رَحْمَةً. عَلَى ٱلشَّيْخِ ثَقَّلْتِ نِيرَكِ جِدًّا. | ٦ 6 |
मैं अपनी प्रजा से अप्रसन्न था, मैंने अपने निज भाग को अपवित्र किया; और तुम्हें सौंप दिया, तुमने उन पर दया नहीं की. बूढ़ों पर भारी बोझ रख दिया.
وَقُلْتِ: إِلَى ٱلْأَبَدِ أَكُونُ سَيِّدَةً! حَتَّى لَمْ تَضَعِي هَذِهِ فِي قَلْبِكِ. لَمْ تَذْكُرِي آخِرَتَهَا. | ٧ 7 |
फिर भी तुम ज़िद करती रही कि, ‘रानी तो सदैव मैं ही बनी रहूंगी!’ न तो तुमने इन बातों का ध्यान रखा और न ही इसके बारे में सोचा.
فَٱلْآنَ ٱسْمَعِي هَذَا أَيَّتُهَا ٱلْمُتَنَعِّمَةُ ٱلْجَالِسَةُ بِٱلطُّمَأْنِينَةِ، ٱلْقَائِلَةُ فِي قَلْبِهَا: أَنَا وَلَيْسَ غَيْرِي. لَا أَقْعُدُ أَرْمَلَةً وَلَا أَعْرِفُ ٱلثَّكَلَ. | ٨ 8 |
“इसलिये, अब सुन, तुम जो इस समय सुरक्षित रह रही हो, जो मन ही मन सोच रही हो कि, ‘मेरे सिवाय ऐसा कोई भी नहीं है. मैं विधवा के समान न बैठूंगी न मेरे बच्चे मिटेंगे.’
فَيَأْتِي عَلَيْكِ هَذَانِ ٱلِٱثْنَانِ بَغْتَةً فِي يَوْمٍ وَاحِدٍ: ٱلثَّكَلُ وَٱلتَّرَمُّلُ. بِٱلتَّمَامِ قَدْ أَتَيَا عَلَيْكِ مَعَ كَثْرَةِ سُحُورِكِ، مَعَ وُفُورِ رُقَاكِ جِدًّا. | ٩ 9 |
किंतु ये दोनों दुःख अचानक एक ही दिन में तुम पर आ पड़ेंगे: बालकों की मृत्यु तथा विधवा हो जाना. तुम्हारे अनेक टोन्हों के होने पर भी तथा जादू की शक्ति होते हुए भी यह होगा.
وَأَنْتِ ٱطْمَأْنَنْتِ فِي شَرِّكِ. قُلْتِ: لَيْسَ مَنْ يَرَانِي. حِكْمَتُكِ وَمَعْرِفَتُكِ هُمَا أَفْتَنَاكِ، فَقُلْتِ فِي قَلْبِكِ: أَنَا وَلَيْسَ غَيْرِي. | ١٠ 10 |
अपनी गलती में सुरक्षा का अनुभव करते हुए तुमने यही सोचा कि, ‘कोई मुझे नहीं देख सकता.’ तुम्हारे ही ज्ञान तथा तुम्हारी बुद्धि ने तुम्हें भटका दिया है क्योंकि तुमने मन ही मन सोचा था, ‘मैं जो हूं, मेरे सिवाय ऐसा कोई भी नहीं है.’
فَيَأْتِي عَلَيْكِ شَرٌّ لَا تَعْرِفِينَ فَجْرَهُ، وَتَقَعُ عَلَيْكِ مُصِيبَةٌ لَا تَقْدِرِينَ أَنْ تَصُدِّيهَا، وَتَأْتِي عَلَيْكِ بَغْتَةً تَهْلُكَةٌ لَا تَعْرِفِينَ بِهَا. | ١١ 11 |
किंतु कष्ट तो तुम पर आएगा ही, अपने जादू-टोने से इसे दूर कर पाना मुश्किल होगा. तुम पर तो घोर विपत्ति टूट ही पड़ेगी जिसका सामना करना तुम्हारे लिए संभव न होगा; यह ऐसी घोर विपत्ति होगी, जिसके विषय में तुम्हें मालूम न होगा यह तुम पर अचानक आ पड़ेगी.
«قِفِي فِي رُقَاكِ وَفِي كَثْرَةِ سُحُورِكِ ٱلَّتِي فِيهَا تَعِبْتِ مُنْذُ صِبَاكِ، رُبَّمَا يُمْكِنُكِ أَنْ تَنْفَعِي، رُبَّمَا تُرْعِبِينَ. | ١٢ 12 |
“अपने जादू-टोन्हों, जिसका तुमने बचपन से अभ्यास किया है, कदाचित उससे तुमको फायदा होगा या शायद उनके बल से स्थिर रह सकोगी!
قَدْ ضَعُفْتِ مِنْ كَثْرَةِ مَشُورَاتِكِ. لِيَقِفْ قَاسِمُو ٱلسَّمَاءِ ٱلرَّاصِدُونَ ٱلنُّجُومَ، ٱلْمُعَرِّفُونَ عِنْدَ رُؤُوسِ ٱلشُّهُورِ، وَيُخَلِّصُوكِ مِمَّا يَأْتِي عَلَيْكِ. | ١٣ 13 |
तू तो कोशिश करते-करते थक गई है, अब ज्योतिषी, जो तारों और नये चांद को देखकर होनहार बताते हैं, वे तुम्हें उससे बचाएं जो तुम पर घटने वाली है.
هَا إِنَّهُمْ قَدْ صَارُوا كَٱلْقَشِّ. أَحْرَقَتْهُمُ ٱلنَّارُ. لَا يُنَجُّونَ أَنْفُسَهُمْ مِنْ يَدِ ٱللَّهِيبِ. لَيْسَ هُوَ جَمْرًا لِلِٱسْتِدْفَاءِ وَلَا نَارًا لِلْجُلُوسِ تُجَاهَهَا. | ١٤ 14 |
देख वे भूसे के समान आग में जल जायेंगे, वे अपने आपको आग से न बचा पायेंगे. यह तापने के लिए अंगार नहीं, और न ही सेंकने के लिए आग!
هَكَذَا صَارَ لَكِ ٱلَّذِينَ تَعِبْتِ فِيهِمْ. تُجَّارُكِ مُنْذُ صِبَاكِ قَدْ شَرَدُوا كُلُّ وَاحِدٍ عَلَى وَجْهِهِ، وَلَيْسَ مَنْ يُخَلِّصُكِ. | ١٥ 15 |
जिनके साथ तुम मेहनत करती रही हो— बचपन से ही जिनसे तुम्हारा लेनदेन होता रहा है. उनमें से हर एक अपने ही रास्ते पर भटक रहा है; तुम्हारी रक्षा के लिए कोई भी नहीं बचा.