< إِشَعْيَاءَ 22 >

وَحْيٌ مِنْ جِهَةِ وَادِي ٱلرُّؤْيَا: فَمَا لَكِ أَنَّكِ صَعِدْتِ جَمِيعًا عَلَى ٱلسُّطُوحِ، ١ 1
दर्शन की घाटी के विरुद्ध भविष्यवाणी: क्या हो गया है तुम्हें, तुम सबके सब छतों पर क्यों चढ़ गए हो,
يَا مَلآنَةُ مِنَ ٱلْجَلَبَةِ، ٱلْمَدِينَةُ ٱلْعَجَّاجَةُ، ٱلْقَرْيَةُ ٱلْمُفْتَخِرَةُ؟ قَتْلَاكِ لَيْسَ هُمْ قَتْلَى ٱلسَّيْفِ وَلَا مَوْتَى ٱلْحَرْبِ. ٢ 2
हे अधर्मी नगर, तुम जो खुशी मनाते थे, तुम्हारे लोग जो मारे गए हैं. वे न तो तलवार से मारे गए, और न ही उनकी मृत्यु युद्ध में हुई.
جَمِيعُ رُؤَسَائِكِ هَرَبُوا مَعًا. أُسِرُوا بِٱلْقِسِيِّ. كُلُّ ٱلْمَوْجُودِينَ بِكِ أُسِرُوا مَعًا. مِنْ بَعِيدٍ فَرُّوا. ٣ 3
बल्कि वे सब भाग गए; और धनुष के बिना ही बंदी बना लिए गए. और भागे हुओं में जिनको पकड़ा गया, उन्हें बंदी बना लिया गया.
لِذَلِكَ قُلْتُ: «ٱقْتَصِرُوا عَنِّي، فَأَبْكِي بِمَرَارَةٍ. لَا تُلِحُّوا بِتَعْزِيَتِي عَنْ خَرَابِ بِنْتِ شَعْبِي». ٤ 4
इसलिये मैं कहता हूं, “अपनी दृष्टि मुझसे हटा लो; मुझे फूट-फूटकर रोने दो. मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के विषय में मुझे तसल्ली देने का प्रयास न करो.”
إِنَّ لِلسَّيِّدِ رَبِّ ٱلْجُنُودِ فِي وَادِي ٱلرُّؤْيَا يَوْمَ شَغبٍ وَدَوْسٍ وَٱرْتِبَاكٍ. نَقْبُ سُورٍ وَصُرَاخٌ إِلَى ٱلْجَبَلِ. ٥ 5
क्योंकि सर्वशक्तिमान याहवेह का दर्शन की घाटी में कोलाहल, रौंदा जाना, बेचैनी, प्राचीनों को गिरा देने और पर्वतों की दोहाई देने का एक दिन निश्चित है.
فَعِيلَامُ قَدْ حَمَلَتِ ٱلْجَعْبَةَ بِمَرْكَبَاتِ رِجَالٍ فُرْسَانٍ، وَقِيرُ قَدْ كَشَفَتِ ٱلْمِجَنَّ. ٦ 6
एलाम ने घोड़ों पर सवार, तथा रथों के साथ अपना तरकश साथ रख लिया है; और कीर ने ढाल खोल ली है.
فَتَكُونُ أَفْضَلُ أَوْدِيَتِكِ مَلآنَةً مَرْكَبَاتٍ، وَٱلْفُرْسَانُ تَصْطَفُّ ٱصْطِفَافًا نَحْوَ ٱلْبَابِ. ٧ 7
तुम्हारी उत्तम घाटियां रथों से भरी थी, और घोड़े पर सवार द्वार पर खड़े हैं.
وَيَكْشِفُ سِتْرَ يَهُوذَا، فَتَنْظُرُ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ إِلَى أَسْلِحَةِ بَيْتِ ٱلْوَعْرِ. ٨ 8
प्रभु ने यहूदाह की सुरक्षा को हटा दिया, उस समय तुम वन के भवन के शस्त्रों पर निर्भर थे.
وَرَأَيْتُمْ شُقُوقَ مَدِينَةِ دَاوُدَ أَنَّهَا صَارَتْ كَثِيرَةً، وَجَمَعْتُمْ مِيَاهَ ٱلْبِرْكَةِ ٱلسُّفْلَى. ٩ 9
तुमने देखा कि दावीद के नगर में दरारें बहुत थी; तुमने निचले हिस्से से ही पानी जमा किया.
وَعَدَدْتُمْ بُيُوتَ أُورُشَلِيمَ وَهَدَمْتُمُ ٱلْبُيُوتَ لِتَحْصِينِ ٱلسُّورِ. ١٠ 10
तुमने येरूशलेम के भवनों की गिनती की और नगर को दृढ़ करने के लिए तुमने कई घरों को गिरा दिया.
وَصَنَعْتُمْ خَنْدَقًا بَيْنَ ٱلسُّورَيْنِ لِمِيَاهِ ٱلْبِرْكَةِ ٱلْعَتِيقَةِ. لَكِنْ لَمْ تَنْظُرُوا إِلَى صَانِعِهِ، وَلَمْ تَرَوْا مُصَوِّرَهُ مِنْ قَدِيمٍ. ١١ 11
पुराने तालाब के पानी के लिए दो दीवारों के बीच तुमने एक जलाशय बनाया, किंतु जिसने यह काम पूरा किया, और जिसने इसकी योजना प्राचीन काल में बनाई थी उसे भुला दिया.
وَدَعَا ٱلسَّيِّدُ رَبُّ ٱلْجُنُودِ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ إِلَى ٱلْبُكَاءِ وَٱلنَّوْحِ وَٱلْقَرَعَةِ وَٱلتَّنَطُّقِ بِٱلْمِسْحِ، ١٢ 12
उस दिन याहवेह ने तुम्हें रोने, सिर मुंडवाने, टाट ओढ़ने के लिए कहा.
فَهُوَذَا بَهْجَةٌ وَفَرَحٌ، ذَبْحُ بَقَرٍ وَنَحْرُ غَنَمٍ، أَكْلُ لَحْمٍ وَشُرْبُ خَمْرٍ! «لِنَأْكُلْ وَنَشْرَبْ، لِأَنَّنَا غَدًا نَمُوتُ». ١٣ 13
यह सब होने पर भी वहां आनंद मनाया जा रहा है, पशुओं का वध और भेड़ों का संहार, मांस और दाखमधु पीकर कहा जा रहा है कि! “आओ हम खाएं-पिएं, क्योंकि कल तो हमारी मृत्यु होनी ही है!”
فَأَعْلَنَ فِي أُذُنَيَّ رَبُّ ٱلْجُنُودِ: «لَا يُغْفَرَنَّ لَكُمْ هَذَا ٱلْإِثْمُ حَتَّى تَمُوتُوا، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ رَبُّ ٱلْجُنُودِ». ١٤ 14
किंतु सर्वशक्तिमान याहवेह ने मुझसे कहा: “यह अपराध तब तक क्षमा नहीं किया जाएगा जब तक तुम्हारी मृत्यु न हो जाए,” प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा!
هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ رَبُّ ٱلْجُنُودِ: «ٱذْهَبِ ٱدْخُلْ إِلَى هَذَا جَلِيسِ ٱلْمَلِكِ، إِلَى شِبْنَا ٱلَّذِي عَلَى ٱلْبَيْتِ: ١٥ 15
फिर प्रभु सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा: “शेबना के उस भंडारी के पास जाओ, जो उस राजपरिवार का चौकीदार है.
مَا لَكَ هَهُنَا؟ وَمَنْ لَكَ هَهُنَا حَتَّى نَقَرْتَ لِنَفْسِكَ هَهُنَا قَبْرًا أَيُّهَا ٱلنَّاقِرُ فِي ٱلْعُلُوِّ قَبْرَهُ، ٱلنَّاحِتُ لِنَفْسِهِ فِي ٱلصَّخْرِ مَسْكَنًا؟ ١٦ 16
तुम्हारा यहां क्या काम है और कौन है तुम्हारा यहां, जो तुमने अपने लिए एक कब्र बना ली है, और अपने लिए चट्टान में एक घर बना लिया है?
هُوَذَا ٱلرَّبُّ يَطْرَحُكَ طَرْحًا يَا رَجُلُ، وَيُغَطِّيكَ تَغْطِيَةً. ١٧ 17
“हे पराक्रमी मनुष्य, सुनो, याहवेह तुम्हें पकड़कर दूर फेंक देंगे.
يَلُفُّكَ لَفَّ لَفِيفَةٍ كَٱلْكُرَةِ إِلَى أَرْضٍ وَاسِعَةِ ٱلطَّرَفَيْنِ. هُنَاكَ تَمُوتُ، وَهُنَاكَ تَكُونُ مَرْكَبَاتُ مَجْدِكَ، يَا خِزْيَ بَيْتِ سَيِّدِكَ. ١٨ 18
तुम्हें गेंद के समान लुढ़का देंगे तुम जो अपने स्वामी के लिए लज्जा का कारण हो. वहां तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी और तुम्हारे भव्य रथ वहीं रह जायेंगे.
وَأَطْرُدُكَ مِنْ مَنْصِبِكَ، وَمِنْ مَقَامِكَ يَحُطُّكَ. ١٩ 19
मैं तुम्हें तुम्हारे ऊंचे पद से हटा दूंगा और.
«وَيَكُونُ فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ أَنِّي أَدْعُو عَبْدِي أَلِيَاقِيمَ بْنَ حِلْقِيَّا ٢٠ 20
“हिलकियाह के पुत्र एलियाकिम को तुम्हारा पद दूंगा.
وَأُلْبِسُهُ ثَوْبَكَ، وَأَشُدُّهُ بِمِنْطَقَتِكَ، وَأَجْعَلُ سُلْطَانَكَ فِي يَدِهِ، فَيَكُونُ أَبًا لِسُكَّانِ أُورُشَلِيمَ وَلِبَيْتِ يَهُوذَا. ٢١ 21
मैं तुम्हारा वस्त्र उसे पहनाऊंगा और तुम्हारे वस्त्र का कटिबंध उस पर बांध दूंगा, मैं तुम्हारा अधिकार उसे दे दूंगा. वह यहूदाह और येरूशलेम के निवासियों का पिता होगा.
وَأَجْعَلُ مِفْتَاحَ بَيْتِ دَاوُدَ عَلَى كَتِفِهِ، فَيَفْتَحُ وَلَيْسَ مَنْ يُغْلِقُ، وَيُغْلِقُ وَلَيْسَ مَنْ يَفْتَحُ. ٢٢ 22
मैं दावीद वंश का पूरा अधिकार उसे दूंगा. उसके पास उसके पद की कुंजी होगी; वह जो पायेगा उसे कोई बंद नहीं करेगा, और वह जो बंद कर देगा उसे कोई न खोलेगा.
وَأُثَبِّتُهُ وَتَدًا فِي مَوْضِعٍ أَمِينٍ، وَيَكُونُ كُرْسِيَّ مَجْدٍ لِبَيْتِ أَبِيهِ. ٢٣ 23
मैं उसे सुरक्षित स्थान में स्थिर कर दूंगा; और वह अपने पिता के वंश के लिए एक वैभव का सिंहासन होगा.
وَيُعَلِّقُونَ عَلَيْهِ كُلَّ مَجْدِ بَيْتِ أَبِيهِ، ٱلْفُرُوعَ وَٱلْقُضْبَانَ، كُلَّ آنِيَةٍ صَغِيرَةٍ مِنْ آنِيَةِ ٱلطُّسُوسِ إِلَى آنِيَةِ ٱلْقَنَّانِيِّ جَمِيعًا. ٢٤ 24
उस पर उसके पिता के वंश का वैभव, संतान, छोटे पात्र, कटोरे तथा सुराहियों को लटका देंगे.
فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ، يَقُولُ رَبُّ ٱلْجُنُودِ، يَزُولُ ٱلْوَتَدُ ٱلْمُثْبَتُ فِي مَوْضِعٍ أَمِينٍ وَيُقْطَعُ وَيَسْقُطُ. وَيُبَادُ ٱلثِّقْلُ ٱلَّذِي عَلَيْهِ، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ قَدْ تَكَلَّمَ». ٢٥ 25
“सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा, जो खूंटी सुरक्षित स्थान में स्थिर की गई थी वह उखड़ जाएगी; यहां तक की वह टूटकर बिखर जाएगी, और इस पर लटका बोझ हटा दिया जाएगा,” याहवेह की वाणी है!

< إِشَعْيَاءَ 22 >