< عِبرانِيّين 8 >

وَأَمَّا رَأْسُ ٱلْكَلَامِ فَهُوَ: أَنَّ لَنَا رَئِيسَ كَهَنَةٍ مِثْلَ هَذَا،قَدْ جَلَسَ فِي يَمِينِ عَرْشِ ٱلْعَظَمَةِ فِي ٱلسَّمَاوَاتِ، ١ 1
जो कुछ कह्य रह्यो हंय ओकी मुख्य बाते या हय: निश्चय हमरो जवर असो महायाजक हय, जो स्वर्ग म महान परमेश्वर को सिंहासन को दायो तरफ विराजमान हय,
خَادِمًا لِلْأَقْدَاسِ وَٱلْمَسْكَنِ ٱلْحَقِيقِيِّ ٱلَّذِي نَصَبَهُ ٱلرَّبُّ لَا إِنْسَانٌ. ٢ 2
अऊर पवित्र जागा मतलब सच्चो तम्बू म परमेश्वर न स्थापित करयो होतो नहीं की आदमी न, ऊ जागा ऊ महायाजक को नाते सेवा करय हय।
لِأَنَّ كُلَّ رَئِيسِ كَهَنَةٍ يُقَامُ لِكَيْ يُقَدِّمَ قَرَابِينَ وَذَبَائِحَ. فَمِنْ ثَمَّ يَلْزَمُ أَنْ يَكُونَ لِهَذَا أَيْضًا شَيْءٌ يُقَدِّمُهُ. ٣ 3
कहालीकि हर एक महायाजक दान अऊर बलिदान परमेश्वर ख चढ़ावन लायी ठहरायो जावय हय, यो वजह जरूरी हय कि यो याजक को जवर भी कुछ चढ़ावन लायी होना।
فَإِنَّهُ لَوْ كَانَ عَلَى ٱلْأَرْضِ لَمَا كَانَ كَاهِنًا، إِذْ يُوجَدُ ٱلْكَهَنَةُ ٱلَّذِينَ يُقَدِّمُونَ قَرَابِينَ حَسَبَ ٱلنَّامُوسِ، ٤ 4
यदि ऊ धरती पर होतो त कभी याजक नहीं होतो, कहालीकि उत पहिले सीच असो याजक हय जो यहूदी व्यवस्था को अनुसार दान चढ़ावन वालो हंय।
ٱلَّذِينَ يَخْدِمُونَ شِبْهَ ٱلسَّمَاوِيَّاتِ وَظِلَّهَا، كَمَا أُوحِيَ إِلَى مُوسَى وَهُوَ مُزْمِعٌ أَنْ يَصْنَعَ ٱلْمَسْكَنَ. لِأَنَّهُ قَالَ: «ٱنْظُرْ أَنْ تَصْنَعَ كُلَّ شَيْءٍ حَسَبَ ٱلْمِثَالِ ٱلَّذِي أُظْهِرَ لَكَ فِي ٱلْجَبَلِ». ٥ 5
जो याजकपन को काम करय हय ऊ स्वर्ग म जो हय ओकी एक छाया अऊर प्रतिकृती आय। योच तरह हय जब मूसा पवित्र तम्बू ख बनावन वालो होतो तब परमेश्वर न ओको सी कह्यो होतो। “ध्यान रहे कि तय हर चिज ठीक उच प्रतिरूप को अनुसार बनाये जो तोख पहाड़ी पर दिखायो गयो होतो।”
وَلَكِنَّهُ ٱلْآنَ قَدْ حَصَلَ عَلَى خِدْمَةٍ أَفْضَلَ بِمِقْدَارِ مَا هُوَ وَسِيطٌ أَيْضًا لِعَهْدٍ أَعْظَمَ، قَدْ تَثَبَّتَ عَلَى مَوَاعِيدَ أَفْضَلَ. ٦ 6
पर अब जो याजकपन की सेवा यीशु ख प्राप्त भयी हय, ऊ उन्को सेवा काम सी श्रेष्ठ हय। कहालीकि ऊ जो वाचा को मध्यस्थ हय ऊ पूरानो वाचा सी अच्छो हय कहालीकि या अच्छी चिजों को प्रतिज्ञावों पर आधारित हय।
فَإِنَّهُ لَوْ كَانَ ذَلِكَ ٱلْأَوَّلُ بِلَا عَيْبٍ لَمَا طُلِبَ مَوْضِعٌ لِثَانٍ. ٧ 7
कहालीकि यदि वा पहिली वाचा म गलती नहीं होती, त दूसरी वाचा को लायी कोयी जरूरत नहीं होती।
لِأَنَّهُ يَقُولُ لَهُمْ لَائِمًا: «هُوَذَا أَيَّامٌ تَأْتِي، يَقُولُ ٱلرَّبُّ، حِينَ أُكَمِّلُ مَعَ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ وَمَعَ بَيْتِ يَهُوذَا عَهْدًا جَدِيدًا. ٨ 8
पर परमेश्वर ख उन लोगों म दोष मिल्यो अऊर ऊ कह्य हय, “प्रभु कह्य हय, देखो, ऊ दिन आवय हंय कि मय इस्राएल को घराना को संग, अऊर यहूदा को घराना को संग नयी वाचा बान्धू।
لَا كَٱلْعَهْدِ ٱلَّذِي عَمِلْتُهُ مَعَ آبَائِهِمْ يَوْمَ أَمْسَكْتُ بِيَدِهِمْ لِأُخْرِجَهُمْ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ، لِأَنَّهُمْ لَمْ يَثْبُتُوا فِي عَهْدِي، وَأَنَا أَهْمَلْتُهُمْ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ. ٩ 9
यो ऊ वाचा को जसो नहीं होयेंन, जो मय न उन्को बापदादों को संग ऊ समय बान्धी होती, जब मय ओको हाथ पकड़ क उन्ख मिस्र देश सी निकाल लायो; कहालीकि हि मोरी वाचा सी विश्वास लायक नहीं रह्यो जसो मय न उन्को संग बान्धी होती, येकोलायी मय न उन पर ध्यान नहीं लगायो।
لِأَنَّ هَذَا هُوَ ٱلْعَهْدُ ٱلَّذِي أَعْهَدُهُ مَعَ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ بَعْدَ تِلْكَ ٱلْأَيَّامِ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ: أَجْعَلُ نَوَامِيسِي فِي أَذْهَانِهِمْ، وَأَكْتُبُهَا عَلَى قُلُوبِهِمْ، وَأَنَا أَكُونُ لَهُمْ إِلَهًا، وَهُمْ يَكُونُونَ لِي شَعْبًا. ١٠ 10
फिर प्रभु कह्य हय, कि जो वाचा मय उन दिनो को बाद इस्राएल को घराना को संग बान्धू, ऊ यो आय कि मय अपनी व्यवस्था ख उन्को मनों म डालू, अऊर मय उन्को दिलो पर लिखूं, अऊर मय उन्को परमेश्वर ठहरू अऊर हि मोरो लोग ठहरेंन।
وَلَا يُعَلِّمُونَ كُلُّ وَاحِدٍ قَرِيبَهُ، وَكُلُّ وَاحِدٍ أَخَاهُ قَائِلًا: ٱعْرِفِ ٱلرَّبَّ، لِأَنَّ ٱلْجَمِيعَ سَيَعْرِفُونَنِي مِنْ صَغِيرِهِمْ إِلَى كَبِيرِهِمْ. ١١ 11
अऊर हर एक अपनो संगियों ख अऊर अपनो पड़ोसी ख यो शिक्षा मत देजो, कि तय प्रभु ख पहिचान, कहालीकि छोटो सी बड़ो तक सब मोख जान लेयेंन।
لِأَنِّي أَكُونُ صَفُوحًا عَنْ آثَامِهِمْ، وَلَا أَذْكُرُ خَطَايَاهُمْ وَتَعَدِّيَاتِهِمْ فِي مَا بَعْدُ». ١٢ 12
मय उन्को पापों ख माफ करू अऊर कभी उन्को पाप याद नहीं रखू।”
فَإِذْ قَالَ: «جَدِيدًا»، عَتَّقَ ٱلْأَوَّلَ. وَأَمَّا مَا عَتَقَ وَشَاخَ فَهُوَ قَرِيبٌ مِنْ ٱلِٱضْمِحْلَالِ. ١٣ 13
या वाचा ख नयी वाचा कह्य क ओन पहिली वाचा ख पुरानी कर दियो अऊर जो पुरानी अऊर जीर्न होय जावय हय वा फिर जल्दीच मिट जावय हय।

< عِبرانِيّين 8 >