< حِزْقِيَال 44 >

ثُمَّ أَرْجَعَنِي إِلَى طَرِيقِ بَابِ ٱلْمَقْدِسِ ٱلْخَارِجِيِّ ٱلْمُتَّجِهِ لِلْمَشْرِقِ، وَهُوَ مُغْلَقٌ. ١ 1
तब वह व्यक्ति मुझे पवित्र स्थान के बाहरी द्वार पर वापस ले आया, जिसका मुंह पूर्व की ओर था, और वह बंद था.
فَقَالَ لِيَ ٱلرَّبُّ: «هَذَا ٱلْبَابُ يَكُونُ مُغْلَقًا، لَا يُفْتَحُ وَلَا يَدْخُلُ مِنْهُ إِنْسَانٌ، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَ إِسْرَائِيلَ دَخَلَ مِنْهُ فَيَكُونُ مُغْلَقًا. ٢ 2
याहवेह ने मुझसे कहा, “यह द्वार बंद रहे. यह खोला न जाय; कोई भी इसमें से प्रवेश न करे. यह बंद रहे क्योंकि याहवेह इस्राएल के परमेश्वर इस द्वार से प्रवेश किए हैं.
اَلرَّئِيسُ ٱلرَّئِيسُ هُوَ يَجْلِسُ فِيهِ لِيَأْكُلَ خُبْزًا أَمَامَ ٱلرَّبِّ. مِنْ طَرِيقِ رِوَاقِ ٱلْبَابِ يَدْخُلُ، وَمِنْ طَرِيقِهِ يَخْرُجُ». ٣ 3
स्वयं राजकुमार ही द्वार के भीतर याहवेह के सामने भोजन करने के लिए बैठे. वह द्वार के मंडप के रास्ते भीतर आये और उसी रास्ते से बाहर जाये.”
ثُمَّ أَتَى بِي فِي طَرِيقِ بَابِ ٱلشِّمَالِ إِلَى قُدَّامِ ٱلْبَيْتِ، فَنَظَرْتُ وَإِذَا بِمَجْدِ ٱلرَّبِّ قَدْ مَلَأَ بَيْتَ ٱلرَّبِّ، فَخَرَرْتُ عَلَى وَجْهِي. ٤ 4
तब वह व्यक्ति मुझे मंदिर के सामने उत्तरी द्वार के रास्ते पर ले आया. तब मैंने याहवेह के मंदिर को याहवेह के महिमा से भरते देखा, और मैं मुंह के बल गिरा.
فَقَالَ لِي ٱلرَّبُّ: «يَا ٱبْنَ آدَمَ، ٱجْعَلْ قَلْبَكَ وَٱنْظُرْ بِعَيْنَيْكَ وَٱسْمَعْ بِأُذُنَيْكَ كُلَّ مَا أَقُولُهُ لَكَ عَنْ كُلِّ فَرَائِضِ بَيْتِ ٱلرَّبِّ وَعَنْ كُلِّ سُنَنِهِ، وَٱجْعَلْ قَلْبَكَ عَلَى مَدْخَلِ ٱلْبَيْتِ مَعَ كُلِّ مَخَارِجِ ٱلْمَقْدِسِ. ٥ 5
याहवेह ने मुझसे कहा, “हे मनुष्य के पुत्र, ध्यान से देखो, पास जाकर सुनो और याहवेह के मंदिर के बारे में, जो विधि और नियम मैं तुम्हें बताता हूं, उन सब बातों पर ध्यान दो. मंदिर के प्रवेश और पवित्र स्थान के सब निकास द्वारों पर ध्यान दो.
وَقُلْ لِلْمُتَمَرِّدِينَ، لِبَيْتِ إِسْرَائِيلَ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: يَكْفِيكُمْ كُلُّ رَجَاسَاتِكُمْ يَا بَيْتَ إِسْرَائِيلَ، ٦ 6
इस्राएल के विद्रोही लोगों से कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे इस्राएल के लोगों! बहुत हो गये तुम्हारे घृणित काम.
بِإِدْخَالِكُمْ أَبْنَاءَ ٱلْغَرِيبِ ٱلْغُلْفَ ٱلْقُلُوبِ ٱلْغُلْفَ ٱللَّحْمِ لِيَكُونُوا فِي مَقْدِسِي، فَيُنَجِّسُوا بَيْتِي بِتَقْرِيبِكُمْ خُبْزِي ٱلشَّحْمَ وَٱلدَّمَ. فَنَقَضُوا عَهْدِي فَوْقَ كُلِّ رَجَاسَاتِكُمْ. ٧ 7
दूसरे सब घृणित कार्यों के अलावा, जब तुम भोजन, चर्बी और खून चढ़ाये, तब तुम मेरे पवित्र स्थान में मन और शरीर से खतना-रहित विदेशियों को ले आये और इस प्रकार तुमने मेरे मंदिर को अपवित्र किया और मेरी वाचा को तोड़ा.
وَلَمْ تَحْرُسُوا حِرَاسَةَ أَقْدَاسِي، بَلْ أَقَمْتُمْ حُرَّاسًا يَحْرُسُونَ عَنْكُمْ فِي مَقْدِسِي. ٨ 8
मेरे पवित्र चीज़ों के बारे में स्वयं अपना काम करने के बदले, तुमने दूसरों को मेरे पवित्र स्थान की ज़िम्मेदारी दे दी.
«هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: ٱبْنُ ٱلْغَرِيبِ أَغْلَفُ ٱلْقَلْبِ وَأَغْلَفُ ٱللَّحْمِ لَا يَدْخُلُ مَقْدِسِي، مِنْ كُلِّ ٱبْنٍ غَرِيبٍ ٱلَّذِي مِنْ وَسْطِ بَنِي إِسْرَائِيلَ. ٩ 9
परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मन और शरीर से खतना-रहित कोई भी विदेशी मेरे पवित्र स्थान पर प्रवेश करने न पाए, इस्राएलियों के बीच रहनेवाले विदेशी भी नहीं.
بَلِ ٱللَّاوِيُّونَ ٱلَّذِينَ ٱبْتَعَدُوا عَنِّي حِينَ ضَلَّ إِسْرَائِيلُ، فَضَلُّوا عَنِّي وَرَاءَ أَصْنَامِهِمْ، يَحْمِلُونَ إِثْمَهُمْ. ١٠ 10
“‘वे लेवी, जो मुझसे उस समय दूर हो गए, जब इस्राएल के लोग पथभ्रष्ट हो गये थे और जो मुझसे भटक कर अपने मूर्तियों के पीछे चल रहे थे, अवश्य है कि वे अपने पापों का फल भोगें.
وَيَكُونُونَ خُدَّامًا فِي مَقْدِسِي، حُرَّاسَ أَبْوَابِ ٱلْبَيْتِ وَخُدَّامَ ٱلْبَيْتِ. هُمْ يَذْبَحُونَ ٱلْمُحْرَقَةَ وَٱلذَّبِيحَةَ لِلشَّعْبِ، وَهُمْ يَقِفُونَ أَمَامَهُمْ لِيَخْدِمُوهُمْ. ١١ 11
वे मेरे पवित्र स्थान में सेवा कर सकते हैं; वे मंदिर के द्वारों की ज़िम्मेदारी लें और इसमें सेवा करें; वे लोगों के लिए होमबलिदान और चढ़ावा के पशुओं का वध करें, और लोगों के सामने खड़े होकर उनकी सेवा करें.
لِأَنَّهُمْ خَدَمُوهُمْ أَمَامَ أَصْنَامِهِمْ وَكَانُوا مَعْثَرَةَ إِثْمٍ لِبَيْتِ إِسْرَائِيلَ. لِذَلِكَ رَفَعْتُ يَدِي عَلَيْهِمْ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ، فَيَحْمِلُونَ إِثْمَهُمْ. ١٢ 12
पर क्योंकि उन्होंने अपने मूर्तियों के सामने उनकी सेवा की और इस्राएल के लोगों को पाप में गिराया, इसलिये मैंने हाथ उठाकर शपथ खाई है कि वे अपने पापों का फल अवश्य भोगें, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
وَلَا يَتَقَرَّبُونَ إِلَيَّ لِيَكْهَنُوا لِي، وَلَا لِلِٱقْتِرَابِ إِلَى شَيْءٍ مِنْ أَقْدَاسِي إِلَى قُدْسِ ٱلْأَقْدَاسِ، بَلْ يَحْمِلُونَ خِزْيَهُمْ وَرَجَاسَاتِهِمِ ٱلَّتِي فَعَلُوهَا. ١٣ 13
वे पुरोहित के रूप में मेरी सेवा करने मेरे पास न आएं या मेरे किसी पवित्र चीज़ के पास न आएं या परम पवित्र बलिदानों के पास न आएं; वे अवश्य ही अपने घृणित कामों के लिये लज्जित हों.
وَأَجْعَلُهُمْ حَارِسِي حِرَاسَةَ ٱلْبَيْتِ لِكُلِّ خِدْمَةٍ لِكُلِّ مَا يُعْمَلُ فِيهِ. ١٤ 14
और मैं उन्हें मंदिर के सुरक्षा के लिये ठहराऊंगा, ताकि मंदिर का सब काम किया जा सके.
«أَمَّا ٱلْكَهَنَةُ ٱللَّاوِيُّونَ أَبْنَاءُ صَادُوقَ ٱلَّذِينَ حَرَسُوا حِرَاسَةَ مَقْدِسِي حِينَ ضَلَّ عَنِّي بَنُو إِسْرَائِيلَ، فَهُمْ يَتَقَدَّمُونَ إِلَيَّ لِيَخْدِمُونِي، وَيَقِفُونَ أَمَامِي لِيُقَرِّبُوا لِي ٱلشَّحْمَ وَٱلدَّمَ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. ١٥ 15
“‘परंतु लेवीय पुरोहित, जो सादोक के वंशज हैं और जो इस्राएलियों के मुझसे दूर हो जाने के समय मेरे पवित्र स्थान की सुरक्षा किए थे, वे मेरी सेवा करने के लिये मेरे पास आएं; वे चर्बी और खून का बलिदान चढ़ाने के लिये मेरे सामने आएं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
هُمْ يَدْخُلُونَ مَقْدِسِي وَيَتَقَدَّمُونَ إِلَى مَائِدَتِي لِيَخْدِمُونِي وَيَحْرُسُوا حِرَاسَتِي. ١٦ 16
सिर्फ वे ही मेरे पवित्र स्थान में प्रवेश करें; सिर्फ वे ही मेरे सामने सेवा करने के लिये मेरी मेज़ के पास आएं और पहरेदार के रूप में मेरी सेवा करें.
وَيَكُونُ عِنْدَ دُخُولِهِمْ أَبْوَابَ ٱلدَّارِ ٱلدَّاخِلِيَّةِ، أَنَّهُمْ يَلْبَسُونَ ثِيَابًا مِنْ كَتَّانٍ، وَلَا يَأْتِي عَلَيْهِمْ صُوفٌ عِنْدَ خِدْمَتِهِمْ فِي أَبْوَابِ ٱلدَّارِ ٱلدَّاخِلِيَّةِ وَمِنْ دَاخِلٍ. ١٧ 17
“‘जब वे भीतरी आंगन के द्वार से प्रवेश करें, तब वे सन के कपड़े पहने; यह ज़रूरी है कि वे किसी भी प्रकार का ऊनी कपड़ा न पहने, जब वे भीतरी आंगन के द्वार पर सेवा कर रहे हों या मंदिर के भीतर सेवा कर रहे हों.
وَلْتَكُنْ عَصَائِبُ مِنْ كَتَّانٍ عَلَى رُؤُوسِهِمْ، وَلْتَكُنْ سَرَاوِيلُ مِنْ كَتَّانٍ عَلَى أَحْقَائِهِمْ. لَا يَتَنَطَّقُونَ بِمَا يُعَرِّقُ. ١٨ 18
वे अपने सिर पर सन के कपड़े की पगड़ी पहने और उनके कमर पर सन के कपड़े की चड्डी हों. वे ऐसी कोई भी चीज़ न पहने, जिससे उन्हें पसीना आए.
وَعِنْدَ خُرُوجِهِمْ إِلَى ٱلدَّارِ ٱلْخَارِجِيَّةِ، إِلَى ٱلشَّعْبِ، إِلَى ٱلدَّارِ ٱلْخَارِجِيَّةِ، يَخْلَعُونَ ثِيَابَهُمُ ٱلَّتِي خَدَمُوا بِهَا، وَيَضَعُونَهَا فِي مَخَادِعِ ٱلْقُدْسِ، ثُمَّ يَلْبَسُونَ ثِيَابًا أُخْرَى وَلَا يُقَدِّسُونَ ٱلشَّعْبَ بِثِيَابِهِمْ. ١٩ 19
जब वे बाहरी आंगन में जाएं, जहां लोग हैं, तब वे उन कपड़ों को उतार दें, जिन्हें पहनकर वे सेवा कर रहे थे और वे उन कपड़ों को पवित्र कमरों में छोड़ दें, और दूसरा कपड़ा पहन लें, ताकि उनके कपड़ों के छूने के द्वारा लोग पवित्र न ठहरें.
وَلَا يَحْلِقُونَ رُؤُوسَهُمْ، وَلَا يُرَبُّونَ خُصَلًا، بَلْ يَجُزُّونَ شَعْرَ رُؤُوسِهِمْ جَزًّا. ٢٠ 20
“‘वे अपने सिर के बालों का मुंडन न करें और न ही उनके बाल लंबे हों, परंतु वे अपने सिर के बाल कटवाए.
وَلَا يَشْرَبُ كَاهِنٌ خَمْرًا عِنْدَ دُخُولِهِ إِلَى ٱلدَّارِ ٱلدَّاخِلِيَّةِ. ٢١ 21
कोई भी पुरोहित दाखमधु न पिए, जब वह भीतरी आंगन में जाए.
وَلَا يَأْخُذُونَ أَرْمَلَةً وَلَا مُطَلَّقَةً زَوْجَةً، بَلْ يَتَّخِذُونَ عَذَارَى مِنْ نَسْلِ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ، أَوْ أَرْمَلَةً ٱلَّتِي كَانَتْ أَرْمَلَةَ كَاهِنٍ. ٢٢ 22
वे किसी विधवा या तलाकशुदा स्त्री से विवाह न करें; वे सिर्फ इस्राएल वंश की कुंवारी कन्या या पुरोहित की विधवा से विवाह करें.
وَيُرُونَ شَعْبِي ٱلتَّمْيِيزَ بَيْنَ ٱلْمُقَدَّسِ وَٱلْمُحَلَّلِ، وَيُعَلِّمُونَهُمُ ٱلتَّمْيِيزَ بَيْنَ ٱلنَّجِسِ وَٱلطَّاهِرِ. ٢٣ 23
वे मेरे लोगों को सिखाएं कि पवित्र और सामान्य में क्या भिन्‍नता है और उन्हें दिखाएं कि अशुद्ध और शुद्ध के बीच कैसे भेद किया जाए.
وَفِي ٱلْخِصَامِ هُمْ يَقِفُونَ لِلْحُكْمِ، وَيَحْكُمُونَ حَسَبَ أَحْكَامِي، وَيَحْفَظُونَ شَرَائِعِي وَفَرَائِضِي فِي كُلِّ مَوَاسِمِي، وَيُقَدِّسُونَ سُبُوتِي. ٢٤ 24
“‘किसी झगड़े में, पुरोहित न्यायाधीश का काम करें और झगड़े का निर्णय मेरे अध्यादेशों के अनुसार करें. मेरे ठहराये गए सब त्योहारों पर, वे मेरे कानून और नियमों का पालन करें, और वे मेरे विश्राम दिनों को पवित्र माने.
وَلَا يَدْنُوا مِنْ إِنْسَانٍ مَيِّتٍ فَيَتَنَجَّسُوا. أَمَّا لِأَبٍ أَوْ أُمٍّ أَوِ ٱبْنٍ أَوِ ٱبْنَةٍ أَوْ أَخٍ أَوْ أُخْتٍ لَمْ تَكُنْ لِرَجُلٍ يَتَنَجَّسُونَ. ٢٥ 25
“‘कोई पुरोहित किसी व्यक्ति की लाश के पास जाकर अपने आपको अशुद्ध न करे; फिर भी, यदि मृत व्यक्ति उसकी माता या पिता, बेटा या बेटी, भाई या अविवाहित बहन हो, तब वह अपने आपको अशुद्ध कर सकता है.
وَبَعْدَ تَطْهِيرِهِ يَحْسِبُونَ لَهُ سَبْعَةَ أَيَّامٍ. ٢٦ 26
जब वह शुद्ध हो जाए, तब वह सात दिन तक इंतजार करे.
وَفِي يَوْمِ دُخُولِهِ إِلَى ٱلْقُدْسِ إِلَى ٱلدَّارِ ٱلدَّاخِلِيَّةِ لِيَخْدِمَ فِي ٱلْقُدْسِ، يُقَرِّبُ ذَبِيحَتَهُ عَنِ ٱلْخَطِيَّةِ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. ٢٧ 27
जिस दिन वह पवित्र स्थान के भीतरी आंगन में पवित्र स्थान में सेवा के लिये जाए, तब वह अपने लिये एक पाप बलिदान चढ़ाए, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
وَيَكُونُ لَهُمْ مِيرَاثًا. أَنَا مِيرَاثُهُمْ. وَلَا تُعْطُونَهُمْ مِلْكًا فِي إِسْرَائِيلَ. أَنَا مِلْكُهُمْ. ٢٨ 28
“‘पुरोहितों का सिर्फ एक उत्तराधिकार है, और वह मैं हूं. तुम उन्हें इस्राएल में कोई भी चीज़ उनके अधिकार में नहीं दोगे, उनकी संपत्ति मैं हूं.
يَأْكُلُونَ ٱلتَّقْدِمَةَ وَذَبِيحَةَ ٱلْخَطِيَّةِ وَذَبِيحَةَ ٱلْإِثْمِ، وَكُلُّ مُحَرَّمٍ فِي إِسْرَائِيلَ يَكُونُ لَهُمْ. ٢٩ 29
वे अन्‍नबलि, पाप बलिदान और दोष बलिदान को खाएंगे, और इस्राएल में हर वह चीज़, जो याहवेह को चढ़ाई जाती है, उनके लिये होगी.
وَأَوَائِلُ كُلِّ ٱلْبَاكُورَاتِ جَمِيعِهَا، وَكُلُّ رَفِيعَةٍ مِنْ كُلِّ رَفَائِعِكُمْ تَكُونُ لِلْكَهَنَةِ. وَتُعْطُونَ ٱلْكَاهِنَ أَوَائِلَ عَجِينِكُمْ لِتَحِلَّ ٱلْبَرَكَةُ عَلَى بَيْتِكَ. ٣٠ 30
पहली उपज की सबसे अच्छी चीज़ें और तुम्हारी सब विशेष भेटें पुरोहितों की होंगी. अपने गूंधे आटे से बना भोजन का पहला भाग उन्हें देना, ताकि तुम्हारे घर-परिवार पर आशीष हो.
لَا يَأْكُلُ ٱلْكَاهِنُ مِنْ مَيِّتَةٍ وَلَا مِنْ فَرِيسَةٍ، طَيْرًا كَانَتْ أَوْ بَهِيمَةً. ٣١ 31
पुरोहित ऐसे किसी पक्षी या पशु का मांस न खाएं, जो मरा पाया गया हो और न ही वे किसी ऐसे पशु या पक्षी का मांस खाएं, जो किसी जंगली जानवर के द्वारा फाड़ डाला गया हो.

< حِزْقِيَال 44 >