< ٢ تسالونيكي 3 >
أَخِيرًا أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ صَلُّوا لِأَجْلِنَا، لِكَيْ تَجْرِيَ كَلِمَةُ ٱلرَّبِّ وَتَتَمَجَّدَ، كَمَا عِنْدَكُمْ أَيْضًا، | ١ 1 |
आखरी म हे भाऊवों-बहिनों, हमरो लायी प्रार्थना करो कि प्रभु को सन्देश असो जल्दी फैलेंन अऊर लोग ओख आदर को संग स्वीकार करे, जो तुम म भयो,
وَلِكَيْ نُنْقَذَ مِنَ ٱلنَّاسِ ٱلْأَرْدِيَاءِ ٱلْأَشْرَارِ. لِأَنَّ ٱلْإِيمَانَ لَيْسَ لِلْجَمِيعِ. | ٢ 2 |
अऊर हम टेढ़ो अऊर बुरो आदमियों सी बच्यो रहो कहालीकि हर एक न सन्देश पर विश्वास नहीं करयो।
أَمِينٌ هُوَ ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي سَيُثَبِّتُكُمْ وَيَحْفَظُكُمْ مِنَ ٱلشِّرِّيرِ. | ٣ 3 |
पर प्रभु विश्वास लायक हय; ऊ तुम्ख मजबुतायी सी स्थिर करेंन अऊर ऊ दुष्ट सी बचायो रखेंन।
وَنَثِقُ بِٱلرَّبِّ مِنْ جِهَتِكُمْ أَنَّكُمْ تَفْعَلُونَ مَا نُوصِيكُمْ بِهِ وَسَتَفْعَلُونَ أَيْضًا. | ٤ 4 |
हम्ख प्रभु म तुम्हरो पर भरोसा हय कि जो जो आज्ञा हम तुम्ख देजे हंय, उन्ख तुम मानय हय, अऊर मानतो भी रहो।
وَٱلرَّبُّ يَهْدِي قُلُوبَكُمْ إِلَى مَحَبَّةِ ٱللهِ، وَإِلَى صَبْرِ ٱلْمَسِيحِ. | ٥ 5 |
परमेश्वर को प्रेम अऊर मसीह की हिम्मत को संग प्रभु तुम्हरो मन की अगुवायी करे।
ثُمَّ نُوصِيكُمْ أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ، بِٱسْمِ رَبِّنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، أَنْ تَتَجَنَّبُوا كُلَّ أَخٍ يَسْلُكُ بِلَا تَرْتِيبٍ، وَلَيْسَ حَسَبَ ٱلتَّعْلِيمِ ٱلَّذِي أَخَذَهُ مِنَّا. | ٦ 6 |
हे भाऊवों-बहिनों, हम तुम्ख अपनो प्रभु यीशु मसीह को नाम सी आज्ञा देजे हंय कि तुम हर एक असो विश्वासी भाऊवों सी अलग रहो जो अनुचित चाल चलय अऊर जो शिक्षा ओन हम सी पायी ओको अनुसार नहीं करय।
إِذْ أَنْتُمْ تَعْرِفُونَ كَيْفَ يَجِبُ أَنْ يُتَمَثَّلَ بِنَا، لِأَنَّنَا لَمْ نَسْلُكْ بِلَا تَرْتِيبٍ بَيْنَكُمْ، | ٧ 7 |
कहालीकि तुम खुद जानय हय कि कोयी रीति सी हमरो जसी चाल चलनो चाहिये, कहालीकि जब हम तुम्हरो संग म होतो त आलसी नहीं होतो,
وَلَا أَكَلْنَا خُبْزًا مَجَّانًا مِنْ أَحَدٍ، بَلْ كُنَّا نَشْتَغِلُ بِتَعَبٍ وَكَدٍّ لَيْلًا وَنَهَارًا، لِكَيْ لَا نُثَقِّلَ عَلَى أَحَدٍ مِنْكُمْ. | ٨ 8 |
अऊर कोयी की रोटी फुकट म नहीं खायी; पर मेहनत सी रात दिन काम अऊर धन्दा करत होतो कि तुम म सी कोयी पर बोझ नहीं होय।
لَيْسَ أَنْ لَا سُلْطَانَ لَنَا، بَلْ لِكَيْ نُعْطِيَكُمْ أَنْفُسَنَا قُدْوَةً حَتَّى تَتَمَثَّلُوا بِنَا. | ٩ 9 |
यो नहीं कि हम्ख अधिकार नहाय, पर येकोलायी कि अपनो आप ख तुम्हरो लायी आदर्श ठहराये कि तुम हमरो जसी चाल चलो।
فَإِنَّنَا أَيْضًا حِينَ كُنَّا عِنْدَكُمْ، أَوْصَيْنَاكُمْ بِهَذَا: «أَنَّهُ إِنْ كَانَ أَحَدٌ لَا يُرِيدُ أَنْ يَشْتَغِلَ فَلَا يَأْكُلْ أَيْضًا». | ١٠ 10 |
कहालीकि जब हम तुम्हरो संग होतो, तब भी या आज्ञा तुम्ख देत होतो कि “यदि कोयी काम करनो नहीं चाहवय त खानो भी नहीं पाये।”
لِأَنَّنَا نَسْمَعُ أَنَّ قَوْمًا يَسْلُكُونَ بَيْنَكُمْ بِلَا تَرْتِيبٍ، لَا يَشْتَغِلُونَ شَيْئًا بَلْ هُمْ فُضُولِيُّونَ. | ١١ 11 |
हम सुनजे हय कि कुछ लोग तुम्हरो बीच म आलसी हय, अऊर कुछ काम नहीं करय पर दूसरों को काम म बाधा डालय हंय।
فَمِثْلُ هَؤُلَاءِ نُوصِيهِمْ وَنَعِظُهُمْ بِرَبِّنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ أَنْ يَشْتَغِلُوا بِهُدُوءٍ، وَيَأْكُلُوا خُبْزَ أَنْفُسِهِمْ. | ١٢ 12 |
असो ख हम प्रभु यीशु मसीह म आज्ञा देजे अऊर बिनती करजे हंय कि चुपचाप काम कर क् अपनीच रोटी खायो करो।
أَمَّا أَنْتُمْ أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ فَلَا تَفْشَلُوا فِي عَمَلِ ٱلْخَيْرِ. | ١٣ 13 |
तुम, हे भाऊवों-बहिनों, भलायी करनो म हिम्मत मत छोड़ो।
وَإِنْ كَانَ أَحَدٌ لَا يُطِيعُ كَلَامَنَا بِٱلرِّسَالَةِ، فَسِمُوا هَذَا وَلَا تُخَالِطُوهُ لِكَيْ يَخْجَلَ، | ١٤ 14 |
यदि कोयी हमरी या चिट्ठी की बात ख नहीं मानय त ओख पर नजर रखो, अऊर ओकी संगति मत करो, जेकोसी ऊ शरम आय।
وَلَكِنْ لَا تَحْسِبُوهُ كَعَدُوٍّ، بَلْ أَنْذِرُوهُ كَأَخٍ. | ١٥ 15 |
तब भी ओख दुश्मन मत समझो, पर विश्वासी जान क चितावो।
وَرَبُّ ٱلسَّلَامِ نَفْسُهُ يُعْطِيكُمُ ٱلسَّلَامَ دَائِمًا مِنْ كُلِّ وَجْهٍ. ٱلرَّبُّ مَعَ جَمِيعِكُمْ. | ١٦ 16 |
अब प्रभु जो शान्ति को स्रोता हय खुदच तुम्ख हमेशा अऊर हर समय अऊर हर तरह सी शान्ति दे। प्रभु तुम सब को संग रहे।
اَلسَّلَامُ بِيَدِي أَنَا بُولُسَ، ٱلَّذِي هُوَ عَلَامَةٌ فِي كُلِّ رِسَالَةٍ. هَكَذَا أَنَا أَكْتُبُ. | ١٧ 17 |
मय, पौलुस, अपनो हाथ सी नमस्कार लिखू हय, यो तरह हर एक चिट्ठी ख लिखू हय अऊर सही करू हय।
نِعْمَةُ رَبِّنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ مَعَ جَمِيعِكُمْ. آمِينَ. | ١٨ 18 |
हमरो प्रभु यीशु मसीह को अनुग्रह तुम सब पर होतो रहेंन।