< ٢ كورنثوس 5 >

لِأَنَّنَا نَعْلَمُ أَنَّهُ إِنْ نُقِضَ بَيْتُ خَيْمَتِنَا ٱلْأَرْضِيُّ، فَلَنَا فِي ٱلسَّمَاوَاتِ بِنَاءٌ مِنَ ٱللهِ، بَيْتٌ غَيْرُ مَصْنُوعٍ بِيَدٍ، أَبَدِيٌّ. (aiōnios g166) ١ 1
हमें यह मालूम है कि जब हमारे सांसारिक तंबू—हमारी देह—को, जिसमें हम रहते हैं, गिरा दिया जाएगा तो हमारे लिए परमेश्वर की ओर से एक ऐसा घर तय किया गया है, जो मनुष्य के हाथ का बनाया हुआ नहीं परंतु स्वर्गीय और अनंत काल का है. (aiōnios g166)
فَإِنَّنَا فِي هَذِهِ أَيْضًا نَئِنُّ مُشْتَاقِينَ إِلَى أَنْ نَلْبَسَ فَوْقَهَا مَسْكَنَنَا ٱلَّذِي مِنَ ٱلسَّمَاءِ. ٢ 2
यह एक सच्चाई है कि हम कराहते हुए वर्तमान घर में उस स्वर्गीय घर को धारण करने की लालसा करते रहते हैं
وَإِنْ كُنَّا لَابِسِينَ لَا نُوجَدُ عُرَاةً. ٣ 3
क्योंकि उसे धारण करने के बाद हम नंगे न रह जाएंगे.
فَإِنَّنَا نَحْنُ ٱلَّذِينَ فِي ٱلْخَيْمَةِ نَئِنُّ مُثْقَلِينَ، إِذْ لَسْنَا نُرِيدُ أَنْ نَخْلَعَهَا بَلْ أَنْ نَلْبَسَ فَوْقَهَا، لِكَيْ يُبْتَلَعَ ٱلْمَائِتُ مِنَ ٱلْحَيَاةِ. ٤ 4
सच यह है कि इस घर में रहते हुए हम बोझ में दबे हुए कराहते रहते हैं क्योंकि हम चाहते हैं कि हम नंगे न रहें परंतु वस्त्र धारण करें कि जो कुछ शारीरिक है, वह जीवन का निवाला बन जाए.
وَلَكِنَّ ٱلَّذِي صَنَعَنَا لِهَذَا عَيْنِهِ هُوَ ٱللهُ، ٱلَّذِي أَعْطَانَا أَيْضًا عَرْبُونَ ٱلرُّوحِ. ٥ 5
जिन्होंने हमें इस उद्देश्य के लिए तैयार किया है, वह परमेश्वर हैं, जिन्होंने अपना आत्मा हमें बयाने के रूप में दे दिया.
فَإِذًا نَحْنُ وَاثِقُونَ كُلَّ حِينٍ وَعَالِمُونَ أَنَّنَا وَنَحْنُ مُسْتَوْطِنُونَ فِي ٱلْجَسَدِ، فَنَحْنُ مُتَغَرِّبُونَ عَنِ ٱلرَّبِّ. ٦ 6
यही अहसास हमें हमेशा प्रोत्साहित करता रहता है कि जब तक हम अपनी शारीरिक देह के इस घर में हैं, हम प्रभु—अपने घर—से दूर हैं
لِأَنَّنَا بِٱلْإِيمَانِ نَسْلُكُ لَا بِٱلْعِيَانِ. ٧ 7
क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, विश्वास से जीवित हैं.
فَنَثِقُ وَنُسَرُّ بِٱلْأَوْلَى أَنْ نَتَغَرَّبَ عَنِ ٱلْجَسَدِ وَنَسْتَوْطِنَ عِنْدَ ٱلرَّبِّ. ٨ 8
हम पूरी तरह आश्वस्त हैं तथा हमारी इच्छा है कि हम शरीर से अलग हो प्रभु के साथ खुशी में निवास करें.
لِذَلِكَ نَحْتَرِصُ أَيْضًا -مُسْتَوْطِنِينَ كُنَّا أَوْ مُتَغَرِّبِينَ- أَنْ نَكُونَ مَرْضِيِّينَ عِنْدَهُ. ٩ 9
हमारी बड़ी इच्छा भी यही है कि चाहे हम घर में हों या उससे दूर, हम प्रभु को भाते रहें
لِأَنَّهُ لَابُدَّ أَنَّنَا جَمِيعًا نُظْهَرُ أَمَامَ كُرْسِيِّ ٱلْمَسِيحِ، لِيَنَالَ كُلُّ وَاحِدٍ مَا كَانَ بِٱلْجَسَدِ بِحَسَبِ مَا صَنَعَ، خَيْرًا كَانَ أَمْ شَرًّا. ١٠ 10
क्योंकि यह अवश्य है कि हम सब मसीह के न्यायासन के सामने उपस्थित हों कि हर एक को शारीरिक देह में किए गए उचित या अनुचित के अनुसार फल प्राप्‍त हो.
فَإِذْ نَحْنُ عَالِمُونَ مَخَافَةَ ٱلرَّبِّ نُقْنِعُ ٱلنَّاسَ. وَأَمَّا ٱللهُ فَقَدْ صِرْنَا ظَاهِرِينَ لَهُ، وَأَرْجُو أَنَّنَا قَدْ صِرْنَا ظَاهِرِينَ فِي ضَمَائِرِكُمْ أَيْضًا. ١١ 11
हमें यह अहसास है कि प्रभु का भय क्या है, इसलिये हम सभी को समझाने का प्रयत्न करते हैं. परमेश्वर के सामने यह स्पष्ट है कि हम क्या हैं और मैं आशा करता हूं कि तुम्हारे विवेक ने भी इसे पहचान लिया है.
لِأَنَّنَا لَسْنَا نَمْدَحُ أَنْفُسَنَا أَيْضًا لَدَيْكُمْ، بَلْ نُعْطِيكُمْ فُرْصَةً لِلِٱفْتِخَارِ مِنْ جِهَتِنَا، لِيَكُونَ لَكُمْ جَوَابٌ عَلَى ٱلَّذِينَ يَفْتَخِرُونَ بِٱلْوَجْهِ لَا بِٱلْقَلْبِ. ١٢ 12
यह तुम्हारे सामने अपनी आत्मप्रशंसा नहीं परंतु यह तुम्हारे लिए एक ऐसा सुअवसर है कि तुम हम पर गर्व करो कि तुम उन्हें इसका उत्तर दे सको, जो अपने मन की बजाय बाहरी रूप का गर्व करते हैं.
لِأَنَّنَا إِنْ صِرْنَا مُخْتَلِّينَ فَلِلهِ، أَوْ كُنَّا عَاقِلِينَ فَلَكُمْ. ١٣ 13
यदि हम बेसुध प्रतीत होते हैं, तो यह परमेश्वर के लिए है और यदि कोमल, तो तुम्हारे लिए.
لِأَنَّ مَحَبَّةَ ٱلْمَسِيحِ تَحْصُرُنَا. إِذْ نَحْنُ نَحْسِبُ هَذَا: أَنَّهُ إِنْ كَانَ وَاحِدٌ قَدْ مَاتَ لِأَجْلِ ٱلْجَمِيعِ، فَٱلْجَمِيعُ إِذًا مَاتُوا. ١٤ 14
अपने लिए मसीह के प्रेम का यह अहसास हमें परिपूर्ण कर देता है कि सबके लिए एक की मृत्यु हुई इसलिये सभी की मृत्यु हो गई;
وَهُوَ مَاتَ لِأَجْلِ ٱلْجَمِيعِ كَيْ يَعِيشَ ٱلْأَحْيَاءُ فِيمَا بَعْدُ لَا لِأَنْفُسِهِمْ، بَلْ لِلَّذِي مَاتَ لِأَجْلِهِمْ وَقَامَ. ١٥ 15
और वह, जिनकी मृत्यु सभी के लिए हुई कि वे, जो जीवित हैं, मात्र अपने लिए नहीं परंतु उनके लिए जिए, जिन्होंने प्राणों का त्याग कर दिया तथा मरे हुओं में से सभी के लिए जीवित किए गए.
إِذًا نَحْنُ مِنَ ٱلْآنَ لَا نَعْرِفُ أَحَدًا حَسَبَ ٱلْجَسَدِ. وَإِنْ كُنَّا قَدْ عَرَفْنَا ٱلْمَسِيحَ حَسَبَ ٱلْجَسَدِ، لَكِنِ ٱلْآنَ لَا نَعْرِفُهُ بَعْدُ. ١٦ 16
इसलिये हमने मनुष्य की दृष्टि से किसी को भी समझना छोड़ दिया है. हां, एक समय था, जब हमने मसीह का अनुमान मनुष्य की दृष्टि से लगाया था—अब नहीं. अब हम उन्हें जान गए हैं.
إِذًا إِنْ كَانَ أَحَدٌ فِي ٱلْمَسِيحِ فَهُوَ خَلِيقَةٌ جَدِيدَةٌ: ٱلْأَشْيَاءُ ٱلْعَتِيقَةُ قَدْ مَضَتْ، هُوَذَا ٱلْكُلُّ قَدْ صَارَ جَدِيدًا. ١٧ 17
यदि कोई मसीह में है, तो वह नई सृष्टि है. पुराना बीत गया. देख लो: सब बातें नई हो गई हैं!
وَلَكِنَّ ٱلْكُلَّ مِنَ ٱللهِ، ٱلَّذِي صَالَحَنَا لِنَفْسِهِ بِيَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، وَأَعْطَانَا خِدْمَةَ ٱلْمُصَالَحَةِ، ١٨ 18
यह सब परमेश्वर की ओर से है, जिन्होंने मसीह के द्वारा स्वयं से हमारा मेल-मिलाप किया और हमें मेल-मिलाप की सेवकाई सौंपी है.
أَيْ إِنَّ ٱللهَ كَانَ فِي ٱلْمَسِيحِ مُصَالِحًا ٱلْعَالَمَ لِنَفْسِهِ، غَيْرَ حَاسِبٍ لَهُمْ خَطَايَاهُمْ، وَوَاضِعًا فِينَا كَلِمَةَ ٱلْمُصَالَحَةِ. ١٩ 19
दूसरे शब्दों में, परमेश्वर ने संसार के खुद से मेल-मिलाप की स्थापना की प्रक्रिया में मसीह में मनुष्य के अपराधों का हिसाब न रखा. अब उन्होंने हमें मेल-मिलाप की सेवकाई सौंप दी है.
إِذًا نَسْعَى كَسُفَرَاءَ عَنِ ٱلْمَسِيحِ، كَأَنَّ ٱللهَ يَعِظُ بِنَا. نَطْلُبُ عَنِ ٱلْمَسِيحِ: تَصَالَحُوا مَعَ ٱللهِ. ٢٠ 20
इसलिये हम मसीह के राजदूत हैं. परमेश्वर हमारे द्वारा तुमसे विनती कर रहे हैं. मसीह की ओर से तुमसे हमारी विनती है: परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लो.
لِأَنَّهُ جَعَلَ ٱلَّذِي لَمْ يَعْرِفْ خَطِيَّةً، خَطِيَّةً لِأَجْلِنَا، لِنَصِيرَ نَحْنُ بِرَّ ٱللهِ فِيهِ. ٢١ 21
वह, जो निष्पाप थे, उन्हें परमेश्वर ने हमारे लिए पाप बना दिया कि हम उनमें परमेश्वर की धार्मिकता बन जाएं.

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